Friday, June 22, 2018

कर्नाटक में हिन्दुओं को फंसाकर आतंकवादी ठहराने की साजिश कर रही कांग्रेस

22 June 2018

🚩कर्नाटक में सत्ता वापसी के बाद हिंदुओं को एक बार फिर आतंकवादी घोषित करने के पीछे कांग्रेसी साजिश सामने आ रही है। दो दिन पहले ही जहां दिग्विजय सिंह ने ‘संघी आतंकवाद’ कहकर नया नाम देने कि कोशिश की वहीं कर्नाटक में गौरी लंकेश हत्याकांड में हिंदुओं को फंसाने कि साजिश शुरू हो गई है !

🚩कर्नाटक में हिंदू जनजागृति और श्रीराम सेना को फंसाने की साजिश
Congress trying to defame Hindus by hanging in Karnataka

🚩कर्नाटक में दोबारा सत्ता में आते ही कांग्रेस ने हिंदू जनजागृति समिति और श्रीराम सेना को निशाना बनाना शुरू कर दिया। पुलिस ने परशुराम वाघमोरे नाम के एक व्यक्ती को गिरफ्तार कर उससे हत्या का गुनाह जबरदस्ती कबूल भी करवा लिया। कर्नाटक चुनाव से ठीक पहले हिंदू संगठनों को घेरने का काम शुरू कर दिया गया। अब पता चला है कि इस केस में जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है उन्हें टॉर्चर करके गुनाह कबूल करवाया जा रहा है !

🚩एसआईटी जांच की प्रक्रिया में अब भी  कई पेंच उलझे हैं कई सवाल

🚩गृह विभाग भी कांग्रेस के पास है इसलिए यह साफ है कि कर्नाटक के पुलिस तंत्र पर अब भी कांग्रेस का कब्जा है ! अब खबरें आ रही हैं कि आरोपियों कि गिरफ्तारी में न्यायिक प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। इसकी शिकायत मिलने पर कर्नाटक उच्च न्यायालय ने इस शिकायत पर मजिस्ट्रेट से रिपोर्ट मांगी है। गौरतलब है कि पुलिस की थेयरी में कई गडबडियां साफ दिखाई दे रही हैं ! दावा किया जा रहा है कि वाघमोरे ने कहा है कि ‘मैंने हिंदू धर्म को बचाने के लिए गौरी लंकेश की हत्या की’। इसके लिए उसे 13 हजार रुपये दिए गए। यह अपने आप में बताता है कि एसआईटी कि कहानी में क्या गड़बड़ है ! दरअसल जांच में आरोपियों के पास कोई पैसा भेजे जाने या खर्च होने की कोई पुष्टि नहीं हुई है इसलिए 13 हजार रुपये कि मामूली रकम बताई गई है। पुलिस ने अब तक कुल 4 लोगों को पकड़ा है किंतु हत्या में उपयोग हथियार से लेकर घटनाक्रम पर कुछ भी जानकारी देने में नाकाम रही है !

🚩तथाकथित सेक्यूलर मीडिया फैला रही है फर्जी खबरें...

🚩कर्नाटक पुलिस की एसआईटी के हाथ अब तक कोई सबूत नहीं लगा है लिहाजा मीडिया में फर्जी खबरें छपवाकर हिंदू संगठनों के खिलाफ माहौल बनाना शुरू कर दिया गया ! जो संकेत मिल रहे हैं उनके अनुसार कांग्रेस पार्टी कि इस साजिश में सेक्युलर मीडिया खुलकर साथ दे रहा है !

🚩इसी के तहत हर उस व्यक्ति को निशाना बनाया जा रहा है जो पुलिस कि थेयरी पर सवाल उठाने कि कोशिश कर रहा है ! कुछ स्थानीय लोगों ने आरोपियों कि कानूनी मदद के लिए पैसे जुटाना शुरू किया तो उसके खिलाफ दिल्ली के अखबारों में लंबे-लंबे लेख लिखे गए !

🚩इसी तरह श्रीराम सेना के प्रमोद मुतालिक के बयान को खूब तूल दिया गया ताकि इसी बहाने भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम उछाला जा सके !

🚩तथाकथित सेक्यूलरों को हिंदुओं में ही दिखता है ‘आतंकवाद’, इस मौलाना में क्यों नहीं ?

🚩दो दिन पहले ही सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें एक मौलाना सरेआम गाय काटने कि बात कह रहा है। मना करने पर उसकी भी कुर्बानी देने की धमकी दे रहा है किंतु इस तथाकथित सेक्यूलर मीडिया ने मौलाना तनवीर हाशमी के बयान को कोई महत्त्व नहीं दिया ! महत्वपूर्ण यह भी है कि इसी मंच पर कांग्रेस पार्टी के मंत्री शिवानंद पाटिल बैठे हुए थे किंतु तथाकथित सेक्यूलरवादियों को यह नहीं दिखा ! इसकी खबरों को दबा दिया गया।

🚩सीबीआई जांच कि सिफारिश क्यों नहीं कर रही कांग्रेस कि सरकार ?

🚩गौरी लंकेश की हत्या 5 सितंबर 2017 को गोली मारकर कर दी गई थी। शुरुआत में यह बात सामने आई थी कि हत्या में नक्सलियों का हाथ है ! आरोप है कि तब चुनाव को देखते हुए कांग्रेस सरकार ने जांच को धीमा करवा दिया था और अब जब वो एक बार फिर से सत्ता में है उसने अपना असली खेल शुरू कर दिया है ! पहले भी इस मामले कि जांच सीबीआई से करवाने कि मांग की जाती रही है किंतु कांग्रेस ने इस मांग को जैसे अनसुना कर दिया है। जाहिर है हिंदू आतंकवाद को लेकर कांग्रेस के पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए इस बार भी उसकी नीयत ठीक नहीं लग रही है !

🚩पुलिस ने नक्सलवादियों कि आपसी दुश्मनी को ठहराया था जिम्मेदार

🚩हत्या के बाद शुरुआती जांच में ही यह निकलकर आ गया था कि गौरी लंकेश कि अपनों से भी दुश्मनी थी। वामपंथियों और नक्सलियों से गौरी लंकेश के तनाव की खबरें भी आम थीं। दरअसल 2014 में कांग्रेस सरकार ने उन्हें नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने के लिए बनाई गई कमेटी का सदस्य बना दिया था। स्पष्ट है कि वह सत्ता के करीब थीं लेकिन यह भी साफ है कि वो अपनों के ही निशाने पर भी थीं !

🚩मौत से कुछ दिन पहले के ये दो ट्वीट इस बात का इशारा भी करते हैं कि गौरी और उनके वामपंथी (शायद नक्सली) साथियों में कोई विवाद चल रहा था। गौरी लंकेश ने पहले ट्वीट में लिखा, ‘मुझे ऐसा क्यों लगता है कि हममें से कुछ लोग अपने आपसे ही लड़ाई लड रहे हैं ? हम अपने सबसे बड़े दुश्मन को जानते हैं। क्या हम सब इस पर ध्यान लगा सकते हैं ?’

🚩एक अन्य ट्वीट में लंकेश ने लिखा, ‘हम लोग कुछ फर्जी पोस्ट शेयर करने कि गलती करते हैं। आइए, एक-दूसरे को चेताएं और एक-दूसरे को एक्सपोज करने कि कोशिश न करें !’

🚩बहरहाल गौरी लंकेश से नक्सलियों के संबंध थे ये तो जगजाहिर है किंतु मनमुटाव कि खबरें सामने आने के बाद कर्नाटक के गृहमंत्री ने भी इस ओर इशारा किया था कि वे इसकी जांच करवाएंगे !

🚩सिद्धारमैया सरकार में गहरी पैठ रखती थीं गौरी लंकेश...

🚩गौरी लंकेश कि हत्या के बाद जिस तरीके से कर्नाटक के कांग्रेसी मुख्यमंत्री सिद्धारमैया उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंच गए उससे लोगों के मन में सवाल उठने शुरु हो गए थे। दरअसल कहा जा रहा है कि गौरी लंकेश मुख्यमंत्री सिद्धारमैया सरकार से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले पर ही जांच कर रही थी। एबीपी न्यूज के संवाददाता विकास भदौरिया ने तब ट्वीट किया था कि वह कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार से जुड़ी एक खबर पर काम कर रही थीं। उनके अलावा भी कई स्थानीय और दूसरे पत्रकारों ने इस एंगल कि आेर लोगों का ध्यान दिलाया था !

🚩कविता लंकेश ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से नहीं की बात !

🚩इस हत्या का दूसरा पहलू यह है कि सिद्धारमैया ने यह स्वीकार किया है कि गौरी लंकेश उनसे मिलती रही हैं किंतु उन्होंने किसी तरह के डर की बात कभी नहीं की थी। मुख्यमंत्री के अनुसार गौरी लंकेश चार सितंबर को उनसे मिलनेवाली थीं किंतु वह मिलने नहीं पहुंचीं। अगले दिन पांच सितंबर को उनकी हत्या हो जाती है और मुख्यमंत्री तत्काल प्रतिक्रिया देते हैं और हत्यारों को पकड़ने की बात करते हुए एसआइटी का गठन भी कर देते हैं !

🚩इन सब के बीच ये खबरें भी आम थी कि हत्या के बाद जब मुख्यमंत्री ने गौरी लंकेश की बहन कविता लंकेश से फोन पर बात करनी चाही तो उन्होंने बात करने से इंकार कर दिया। गौरतलब है कि कविता लंकेश और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बीच हत्या से कुछ दिनों पहले तक बेहद अच्छे संबंध हुआ करते थे। इतना ही नहीं जिस फिल्म में सिद्धारमैया एक्टिंग कर रहे हैं उसकी प्रोड्यूसर भी कविता लंकेश ही हैं ! फिर आखिर क्या हुआ है जो कविता लंकेश ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से बात नहीं की ?

🚩डी के शिवकुमार का ‘कच्चा चिट्ठा’ खोलनेवाली थीं गौरी लंकेश ?

🚩गौरी लंकेश का कांग्रेसी नेताओं से कनेक्शन किसी से छिपा नहीं है लेकिन कांग्रेस के ही गद्दार नेता डी के शिवकुमार से उनकी तनातनी की खबरें भी सामने आई थीं ! दरअसल डी के शिवकुमार वही हैं जिन्होंने 2017 में गुजरात में राज्यसभा चुनाव के दौरान प्रदेश के विधायकों को अपने आलीशान रिसार्ट में पनाह देकर अहमद पटेल की राज्यसभा में जीत पक्की करने की कांग्रेसी रणनीति पर अमल किया था। शिवकुमार 68 शहरों में अकूत संपत्ति के मालिक हैं ! आयकर विभाग आज भी उनकी काली कमाई को खंगालने में लगा है। ऐसी खबरें हैं कि गौरी लंकेश भी डी के शिवकुमार का ‘कच्चा-चिट्ठा’ खोलने के काम में लगी थीं !

🚩नीचे वह जवाब देखा जा सकता है जिसमें गौरी लंकेश ने खुद ही बताया था कि उनकी पत्रिका कांग्रेस विधायक डीके शिवकुमार के खिलाफ एक खबर पर काम कर रही है !

🚩साफ है कि सिद्धारमैया सरकार गौरी लंकेश की हत्या के पीछे हिंदू संगठनों का हाथ ठहराकर इसे सांप्रदायिक एंगल देने के साथ ही कांग्रेसी कनेक्शन को भी छिपाना चाह रही है ! ऐसे में इस हत्याकांड की जांच सीबीआई को सौंप दी जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। क्या सिद्धारमैया सरकार ऐसा करेगी ?
स्त्रोत : परफॉर्म इंडिया

🚩हिंदुनिष्ठ और हिन्दू-साधु संतों कि छवि खराब करके अंतराष्ट्रीय तक हिंदुओं को नीचा दिखाने की साजिश चल रही है उससे हिन्दू सावधान रहें ।

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Thursday, June 21, 2018

हिन्दू संतों को बदनाम करना "सी आई ए" का बड़ा षडयंत्र : दारा सेना

🚩श्री दारा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुकेश जैन की अध्यक्षता में हुई हिन्दू सगठनों की बैठक में दिल्ली पुलिस और क्राइम ब्रांच पर आरोप लगाया कि वो हिन्दू संतो पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली युवतियों का दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 164 ए के तहत मेंडिकल परीक्षण नहीं करा रही है और बिना किसी साक्ष्य के ही हिन्दू सन्तों को बदनाम करने की सी आई ए (सेंट्रल इंटलीजेंस एजंसी) और उसकी आतंकवादी ईसाई मिश्निरियों की साजिश के तहत काम कर रही है।
🚩बैठक में दारा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुकेश जैन ने बताया कि बलात्कार के मामले में भी भारतीय दण्ड संहिता की धारा 375 में साफ लिखा है कि बलात्कार वो ही माना जायेगा जिसमें शारिरिक संबध के साथ-साथ जबरदस्ती भी की गयी हो। और इस जबरदस्ती के साक्ष्य उपबल्ध कराने के लिये 164 के तहत कथित पीड़िता का बयान ही पर्याप्त नहीं है बल्कि 164 ए के तहत कथित पीड़िता का मेडिकल परीक्षण भी होना जरूरी है। दाती महाराज की आड़ में हिन्दू धर्म को बदनाम करने में लगी दिल्ली पुलिस इन सब साक्ष्यों को बिना जुटाये ही हिन्दू धर्म को बदनाम करने में जुटी हैं।
Describing Hindu saints a big conspiracy of "CIA": Dara army

🚩श्री जैन ने आरोप लगाया हिन्दू धर्म को बदनाम करने में दिल्ली पुलिस सर्वोच्च न्यायालय के किसी मुकदमें में दिये गये उस फैसले को ढाल बना रही है जिसमें पीड़िता के बयान को ही न्यायालय ने सही माना है। श्री जैन ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय खुद कह चुका है कि उसका फैसला केवल और केवल उसी मुकदमें तक सीमित है जिस मुकदमें में वह दिया गया है क्योंकि कानून संसद बनाती है वो भी महामहिम राष्ट्रपति जी की लिखित स्वीकृति के बाद। श्री जैन ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का फैसला कोई कानून नहीं है क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय को भी कानून बनाने के लिये संविधान के अनुच्छेद 145 के तहत महामहिम राष्ट्रपति जी की स्वीकृति जरूरी है।
🚩हिन्दू संगठनों ने सरकार और गृह मंत्रालय को आगाह किया कि एक बड़ी खूंखार नक्सली मिश्निरी ईसाई आतंकवादी साजिश के तहत एक-एक कर उन हिन्दू सन्तों को निशाना बनाया जा रहा जो अनाथालय चला रहे है ताकि हिन्दू अनाथालयों को बर्बाद करके लावारिस और घर से भागे लड़के और लड़कियों को केवल और केवल ईसाई  मिश्नरियों के अनाथालय में डालकर उन बच्चों के हाथों में हथियार पकड़ा कर पुलिस के जवानों और सैनिकों को मारने के लिये बड़ी फौज खड़ी की जा सके । स्वाति मालीवाल जैसी खूंखार नक्सली मिशनरी ईसाई आतंकवादी और "सी आई ए" की ऐजेन्ट का हिन्दू सन्तों को बदनाम करने और उन्हे साजिशन फसाना इसकी पुष्टी करता है।
🚩हिन्दू संगठनों ने सरकार से इस नक्सली मिशनरी ईसाई आतंकवादी साजिश की जांच करने और बलात्कार के मामले में सम्बन्धित कानून के तहत पीड़िता के आरोपों की पुष्टी करके ही मुकदमा दर्ज करने की मांग की।
🚩गौरतलब है कि अभी हाल ही में दिल्ली के दाती महाराज पर रेप का आरोप लगा है इसलिए आरोप लगाने वाली युवती का 164 ए के तहत मेडिकल परीक्षण कर बलात्कार की पुष्टी की जाये इसलिए हिन्दू संगठन दारा सेना ने दिल्ली में बैठक कर प्रेस विज्ञप्ति जारी किया है ।
🚩आपको बता दे कि साधु-संतों पर सदियो से आरोप लगते रहे है क्योंकि जब जब अच्छे कार्य करने कोई भी जाता है तो उसके पीछे आसुरी शक्तियां पड़ती है और हमारे साधु-संत तो हमेशा अच्छे कार्य करते है तो दुष्टप्रकृति के लोगो को सहन नही हो पाता है और उन्हें बदनाम करने के लिए अनेक षड्यंत्र रचते है बुद्ध भगवान, स्वामी विवेकानंद, कबीरजी, मीरा बाई, ज्ञानेश्वर महाराज आदि आदि पर अनेक आरोप लगे लेकिन आज भी उनकी पूजा करोड़ो लोग करते है ।
🚩वर्तमान में भी जयेन्द्र सरस्वती, साध्वी प्रज्ञा, स्वामी नित्यानंद जी,  स्वामी असीमानन्द जी,
संत आसाराम बापू, श्री नारायण साई, कृपालु महाराज, स्वामी केशवानन्द जी आदि पर अनेक आरोप लगे है और लग रहे है ।
🚩द्वारका गुजरात के स्वामी केशवानन्द जी पर बलात्कार का केस लगाया और निचली अदालत ने 12 साल की सजा सुना दी बाद में उच्चन्यायालय ने 7 साल बाद निर्दोष बरी किया, ऐसे ही जयेन्द्र सरस्वती जी को निचली अदालत ने दोषी ठहराया और उच्च न्यायालय ने 9 साल बाद निर्दोष बरी किया ।
वर्तमान में संत आसाराम बापू को भी निर्दोष होने के सबूत को मान्य नही रखकर निचली अदालत ने उम्रकैद सुना दी अब वे भी उच्चन्यायालय से निर्दोष बरी होंगे ।
🚩बात यहाँ पर ये है कि राष्ट्र और धर्म विरोधियों को हिन्दू संत रास नही आ रहे है क्योंकि वे धर्मान्तरण नही होने देते है, घरवापसी करवा देते है, अपने धर्म के प्रति कट्टर बनाते है, व्यशन छुड़वा देते है, सिनेमा आदि देखने को मना करते है जिससे ईसाई मिशनरियों का धर्मान्तरण का और विदेशी कम्पनियों को अरबो-खरबो का नुकसान होता है इसलिए वे लोग मीडिया को भारी फंड देते है इसलिए मीडिया उनको खूब बदनाम करती है जिससे  हिन्दुओ को अपने धर्मगुरुओं के प्रति आस्था कम हो जाये और हिन्दू अपने धर्म से घृणा करने लगे और विदेशी कल्चर को अच्छा मानने लगे फिर उन विधर्मियों का धर्मान्तरण और विदेशी प्रोडक्ट बेचना आसान हो जाये ।
🚩अतः हिन्दू सावधान रहें राष्ट्र और धर्म के विरोधियों को पहचाने और उसका विरोध करें ।
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Wednesday, June 20, 2018

राजा दाहिर सेन ने आखिरी सांस तक घुसने नही दिया था मुगलों को, जानिए इतिहास

🚩आज बलिदान दिवस है एक ऐसे हिन्दू राजा कि जिनके बारे में इतिहासकार लिखते ही नहीं, वो चीजों को बड़ी ही मक्कारी से छिपाते है दाहिर सेन जो कि सिंधुपति थे सिन्धु राज्य के राजा थे, जिनका जन्म 663 ईसवी में हुआ था और 712 ईसवी में आज ही के दिन 20 जून को भूमि कि रक्षा करते हुए उन्होंने बलिदान दे दिया था ।
🚩आज के बलोचिस्तान ईरान कराची और पुरे सिन्धु इलाके के राजा थे दाहिर सेन, मोहम्मद के मरने के बाद सुन्नियों और शियाओं में संघर्ष शुरू हो गया कि मोहम्मद के बाद मुसलमानों का नेता कौन होगा ।
King Dahir Sen did not allow him to enter the last breath

🚩मोहम्मद के परिवार वालो को सुन्नियों ने निशाना बनाना शुरू कर दिया, अली इत्यादि कि हत्या कि गयी और मोहम्मद के कई और परिजन थे उनकी भी हत्या की गयी। मोहम्मद के कई परिजनों को सिंधुपति दाहिर सेन ने बचाया और अपने सिन्धु देश में शरण दी ।
🚩भारत मे दाहिर सेन का शायद नाम भी नही जानते होंगे कई लोग सामान्य लोग तो दूर खुद इतिहास के छात्र और कई शिक्षक भी  क्योंकि पुस्तको में नाम आता तो खतरे में आ जाती तथाकथित धर्मनिरपेक्षता क्योंकि बोलना पड़ता सच और सच मे ये भी था कि मुहम्मद बिन कासिम नाम के एक आक्रांता का भी जिक्र करना होगा जिसने अपने जीवन को लूट हत्या और बलात्कार में बिता दिया …
🚩भारत को लूटने और इस पर कब्जा करने के लिए पश्चिम के रेगिस्तानों से आने वाले मजहबी हमलावरों का वार सबसे पहले सिन्ध कि वीरभूमि को ही झेलना पड़ता था। इसी सिन्ध के राजा थे दाहरसेन जिन्होंने युद्धभूमि में लड़ते हुए प्राणाहुति दी। उनके बाद उनकी पत्नी, बहन और दोनों पुत्रियों ने भी अपना बलिदान देकर भारत में एक नयी परम्परा का सूत्रपात किया ।
🚩सिन्ध के महाराजा चच के असमय देहांत के बाद उनके 12 वर्षीय पुत्र दाहरसेन गद्दी पर बैठे। राज्य की देखभाल उनके चाचा चन्द्रसेन करते थे पर छह वर्ष बाद चन्द्रसेन का भी देहांत हो गया। अतः राज्य कि जिम्मेदारी 18 वर्षीय दाहरसेन पर आ गयी। उन्होंने देवल को राजधानी बनाकर अपने शौर्य से राज्य कि सीमाओं का कन्नौज, कंधार, कश्मीर और कच्छ तक विस्तार किया।
🚩राजा दाहरसेन एक प्रजावत्सल राजा थे। गौरक्षक के रूप में उनकी ख्याति दूर-दूर तक फैली थी। यह देखकर ईरान के शासक हज्जाम ने 712 ई. में अपने सेनापति मोहम्मद बिन कासिम को एक विशाल सेना देकर सिन्ध पर हमला करने के लिए भेजा। कासिम ने देवल के किले पर कई आक्रमण किये पर राजा दाहरसेन और हिन्दू वीरों ने हर बार उसे पीछे धकेल दिया।
🚩सीधी लड़ाई में बार-बार हारने पर कासिम ने धोखा किया। 20 जून 712 ई. को उसने सैकड़ों सैनिकों को हिन्दू महिलाओं जैसा वेश पहना दिया। लड़ाई छिड़ने पर वे महिला वेशधारी सैनिक रोते हुए राजा दाहरसेन के सामने आकर मुस्लिम सैनिकों से उन्हें बचाने की प्रार्थना करने लगे। राजा ने उन्हें अपनी सैनिक टोली के बीच सुरक्षित स्थान पर भेज दिया और शेष महिलाओं कि रक्षा के लिए तेजी से उस ओर बढ़ गये जहां से रोने के स्वर आ रहे थे।
🚩इस दौड़भाग में वे अकेले पड़ गये। उनके हाथी पर अग्निबाण चलाये गये जिससे विचलित होकर वह खाई में गिर गया। यह देखकर शत्रुओं ने राजा को चारों ओर से घेर लिया। राजा ने बहुत देर तक संघर्ष किया पर अंततः शत्रु सैनिकों के भालों से उनका शरीर क्षत-विक्षत होकर मातृभूमि की गोद में सदा के लिये सो गया। इधर महिला वेश में छिपे मुस्लिम सैनिकों ने भी असली रूप में आकर हिन्दू सेना पर बीच से हमला कर दिया। इस प्रकार हिन्दू वीर दोनों ओर से घिर गये और मोहम्मद बिन कासिम का पलड़ा भारी हो गया।
🚩राजा दाहरसेन के बलिदान के बाद उनकी पत्नी लाड़ी और बहन पद्मा ने भी युद्ध में वीरगति पाई। कासिम ने राजा का कटा सिर, छत्र और उनकी दोनों पुत्रियों (सूर्या और परमाल) को बगदाद के खलीफा के पास उपहारस्वरूप भेज दिया। जब खलीफा ने उन वीरांगनाओं का आलिंगन करना चाहा तो उन्होंने रोते हुए कहा कि कासिम ने उन्हें अपवित्र कर आपके पास भेजा है।
🚩इससे खलीफा भड़क गया। उसने तुरन्त दूत भेजकर कासिम को सूखी खाल में सिलकर हाजिर करने का आदेश दिया। जब कासिम कि लाश बगदाद पहुंची तो खलीफा ने उसे गुस्से से लात मारी। दोनों बहनें महल की छत पर खड़ी थीं। जोर से हंसते हुए उन्होंने कहा कि हमने अपने देश के अपमान का बदला ले लिया है। यह कहकर उन्होंने एक दूसरे के सीने में विष से बुझी कटार घोंप दी और नीचे खाई में कूद पड़ीं। खलीफा अपना सिर पीटता रह गया।
🚩बाद में इन दोनों बहनों कि लाशों को घोड़े में बाँध कर पूरे बगदास में घसीटा गया आज धर्म कि रक्षा के लिए पूरे परिवार को न्योछावर कर देने वाले उस महान धर्मरक्षक हिन्दू राजा दाहिरसेन को  उनके बलिदान दिवस पर बारम्बार नमन...
स्त्रोत : दैनिक भारत
🚩स्कूल, कॉलेज के पाठ्यक्रम के इतिहास में केवल लुटेरे, क्रूर, बलात्कारी मुगलों व अंग्रेजो के इतिहास ही पढ़ाया जाता है सच्चा इतिहास कभी नही पढ़ाया जाता है इसलिए हमें हमारे वीर बहादुर देशभक्तो के बारे में नही जान पाते हैं अभी सरकार को इसपर ध्यान देना चाहिए और सही इतिहास पढ़ाना चाहिए।
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