Sunday, July 8, 2018

सनातन संस्कृति की दिव्य व्यवस्था देखकर आप भी रह जाएंगे हैरान

7 july 2018 

🚩सनातन (हिन्दू) संस्कृति में भगवान व ऋषि-मुनियों ऐसी दिव्य व्यवस्था की है कि उसका पालन करके हर मनुष्य महेश्वर तक कि यात्रा कर सकता है, हर मनुष्य स्वस्थ्य, सुखी और सम्मानित जीवन जी सकता है ।

🚩मनुष्य मात्र का दुर्भाग्य ये रहा कि हर युग मे आसुरी शक्तियां भी उतपन्न हुई और वे हमेशा सनातन (हिन्दू ) संस्कृति को तोड़ने के काम किया जैसे कि सतयुग में बलि नाम का दैत्यराज ने तीनों लोकों में हाहाकार मचा दिया था और खुद को ही भगवान मान लिया फिर भगवान ने वामन का अवतार लेकर उनका उद्धार किया, त्रेता युग मे राक्षस रावण उत्पन्न हुआ जिसका भगवान श्री राम ने परलोक भेज दिया, द्वापर युग मे कंस आया जिसका नाश भगवान श्री कृष्ण ने किया और आज कलयुग में तो मिशनरियां, विदेशी कंपनियां, आतंकवादी, बॉलीवुड, मीडिया आदि दुष्ट प्रकृति के लोगो द्वारा सनातन (हिन्दू ) संस्कृति का नाश करने में लगे है ।
Seeing the divine arrangement of eternal culture, you will also be surprised

🚩इतने सारी दुष्ट शक्तियां लगी है फिर भी सनातन संस्कृति को मिटा नही सके यही विशेषता है उन महान संस्कृति के बारे में आप भी जानिए...


🚩दो पक्ष - कृष्ण पक्ष एवं शुक्ल पक्ष ! 

🚩तीन ऋण - देव ऋण, पित्र ऋण एवं ऋषि त्रण ! 

🚩चार युग - सतयुग, त्रेता युग, द्वापरयुग एवं कलयुग ! 

🚩चार धाम - द्वारिका, बद्रीनाथ, जगन्नाथ पूरी एवं रामेश्वरम धाम ! 

🚩चारपीठ - शारदा पीठ ( द्वारिका ),ज्योतिष पीठ ( जोशीमठ बद्रिधाम),गोवर्धन पीठ ( जगन्नाथपुरी ) एवं श्रन्गेरिपीठ ! 

🚩चार वेद- ऋग्वेद, अथर्वेद, यजुर्वेद एवं सामवेद ! 

🚩चार आश्रम - ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, बानप्रस्थ एवं संन्यास ! 

🚩चार अंतःकरण - मन, बुद्धि, चित्त एवं अहंकार ! 

पञ्चगव्य - गाय का घी, दूध, दही,गोमूत्र एवं गोबर ! 

🚩पञ्च देव - गणेश, विष्णु, शिव, देवी और सूर्य ! 

🚩पंच तत्त्व - प्रथ्वी, जल, अग्नि, वायु एवं आकाश ! 

 🚩छह दर्शन- वैशेषिक, न्याय, सांख्य, योग,पूर्व मिसांसा एवं दक्षिण मिसांसा ! 

🚩सप्त ऋषि - विश्वामित्र, जमदाग्नि,भरद्वाज, गौतम, अत्री, वशिष्ठ और कश्यप ! 

🚩सप्त पूरी - अयोध्या पूरी, मथुरा पूरी,माया पूरी ( हरिद्वार ), काशी, कांची (शिन कांची - विष्णु कांची), अवंतिका और द्वारिका पूरी ! 

🚩सात वार - रविवार, सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार।

 🚩आठ योग - यम, नियम, आसन,प्राणायाम, त्याहार, धारणा, ध्यान एवं समाधी ! 

🚩आठ लक्ष्मी - आग्घ, विद्या, सौभाग्य,अमृत, काम, सत्य, भोग एवं योग लक्ष्मी ! 

🚩नव दुर्गा - शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी,चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायिनी,कालरात्रि, महागौरी एवं सिद्धिदात्री 

🚩दस दिशाएं - पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण,इशान, नेत्रत्य, वायव्य आग्नेय, आकाश एवं पाताल ! 

🚩मुख्या ग्यारह अवतार - मत्स्य, कच्छप,बराह, नरसिंह, बामन, परशुराम, श्रीराम,कृष्ण, बलराम, बुद्ध एवं कल्कि 

🚩ग्यारह करण - बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज, विष्टि, शकुनि, चतुष्पाद, नाग और किस्तुघ्न।

🚩बारह मास - चेत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, अषाड़,श्रावन, भाद्रपद, अश्विन, कार्तिक,मार्गशीर्ष, पौष, माघ, फागुन ! 

🚩बारह राशी - मेष, ब्रषभ, मिथुन, कर्क,सिंह, तुला , कन्या, वृश्चिक, धनु, मकर, कुम्भ मीन। 

🚩बारह ज्योतिर्लिंग - सोमनाथ,मल्लिकर्जुना, महाकाल, ओमकालेश्वर,बैजनाथ, रामेश्वरम, विश्वनाथ,त्रियम्वाकेश्वर, केदारनाथ, घुष्नेश्वर,भीमाशंकर एवं नागेश्वर ! 

🚩पंद्रह तिथियाँ - प्रतिपदा, द्वतीय, तृतीय,चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी,नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी,चतुर्दशी, पूर्णिमा , अमावस्या! 

🚩स्मृतियां - मनु, विष्णु, अत्री, हारीत,याज्ञवल्क्य, उशना, अंगीरा, यम,आपस्तम्ब, सर्वत, कात्यायन, ब्रहस्पति,पराशर, व्यास, शांख्य, लिखित, दक्ष,शातातप, वशिष्ठ ! 

🚩अठारह पुराण - विष्णु, पद्य, ब्रह्म, शिव, भागवत, नारद, मार्कंडेय, अग्नि, ब्रह्मवैवर्त, लिंग, वाराह, स्कंद, वामन, कूर्म, मत्स्य, गरुड, ब्रह्मांड और भविष्य।

🚩इक्कीस उपपुराण - गणेश पुराण, नरसिंह पुराण, कल्कि पुराण, एकाम्र पुराण, कपिल पुराण, दत्त पुराण, श्रीविष्णुधर्मौत्तर पुराण, मुद्गगल पुराण, सनत्कुमार पुराण, शिवधर्म पुराण, आचार्य पुराण, मानव पुराण, उश्ना पुराण, वरुण पुराण, कालिका पुराण, महेश्वर पुराण, साम्ब पुराण, सौर पुराण, पराशर पुराण, मरीच पुराण, भार्गव पुराण |

🚩सत्ताइस नक्षत्र - चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़, उत्तराषाढ़, सतभिषा, श्रवण, धनिष्ठा, पूर्वभाद्र, उत्तरभाद्र, अश्विन, रेवती, भरणी, कृतिका, रोहणी, मृगशिरा, उत्तरा, पुनवर्सु, पुष्य, मघा, अश्लेशा, पूर्वफाल्गुन, उत्तरफाल्गुन, हस्त।

🚩सत्ताइस योग - विष्कुम्भ, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, शोभन, अतिगण्ड, सुकर्मा, धृति, शूल, गण्ड, वृद्धि, ध्रुव, व्याघात, हर्षण, वज्र, सिद्धि, व्यातीपात, वरीयान, परिघ, शिव, सिद्ध, साध्य, शुभ, शुक्ल, ब्रह्म, इन्द्र और वैधृति।

🚩108 उपनिषद् - (१) ऋग्वेदीय -- १० उपनिषद्, (२) शुक्ल यजुर्वेदीय -- १९ उपनिषद्, (३) कृष्ण यजुर्वेदीय -- ३२ उपनिषद्, (४) सामवेदीय -- १६ उपनिषद्, (५) अथर्ववेदीय -- ३१ उपनिषद्

🚩13 उपनिषद् विशेष मान्य तथा प्राचीन माने जाते हैं।
(१) ईश, (२) ऐतरेय (३) कठ (४) केन (५) छांदोग्य (६) प्रश्न (७) तैत्तिरीय (८) बृहदारण्यक (९) मांडूक्य और (१०) मुंडक।


🚩वर्तमान में जो सनातन संस्कृति पर हो रहे कुठाराघात को रोकने के लिए जो भी #हिन्दू कार्यकर्ता या हिन्दू साधु-संत इन अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाते हैं उनको जेल भेज दिया जाता है या हत्या करवा दी जाती है ।

🚩एक तरफ ईसाई मिशनरियाँ और दूसरी ओर मुस्लिम देश मीडिया, बॉलीवुड, विदेशी कम्पनियों द्वारा दिन-रात #हिंदुस्तान और पूरी दुनिया से हिन्दुओं को मिटाने में लगे हैं ।

🚩अभी भी समय है अपनी महान संस्कृति की महानता पहचाने एवं हिन्दू #एक होकर हो रहे प्रहार को रोके तभी हिन्दू बच पायेंगे ।अगर हिन्दू होगा तभी सनातन संस्कृति भी बचेगी ।

🚩अगर #सनातन #संस्कृति  नही बचेगी तो दुनिया में इंसानियत ही नही बचेगी क्योंकि #हिन्दू संस्कृति ही ऐसी है जिसने "वसुधैव कुटुम्बकम्" का वाक्य चरितार्थ करके दिखाया है ।

🚩प्राणिमात्र में ईश्वरत्व के दर्शन कर, सर्वोत्वकृष्ट ज्ञान प्राप्त कर जीव में से #शिवत्व को प्रगट करने की क्षमता अगर किसी संस्कृति में है तो वो है सनातन हिन्दू #संस्कृति।

🚩हिंदुओं की बहुलता वाले देश #हिंदुस्तान में अगर आज हिन्दू #पीड़ित है तो सिर्फ और सिर्फ हिंदुओं की निष्क्रियता और अपनी महान संस्कृति की ओर विमुखता के #कारण !!

🚩ये सब देखकर भी #हिन्दू कब तक चुपचाप बैठा रहेगा..???

🚩जागरूक होने का अभी भी समय है । याद रखे "अगर अभी नही तो फिर कभी नही"

🚩Official Azaad Bharat Links:👇🏻


🔺Youtube : https://goo.gl/XU8FPk


🔺 Twitter : https://goo.gl/kfprSt

🔺 Instagram : https://goo.gl/JyyHmf

🔺Google+ : https://goo.gl/Nqo5IX

🔺 Word Press : https://goo.gl/ayGpTG

🔺Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ

Saturday, July 7, 2018

कैंसर मिटाने का कोई भी दवाई नही है केवल गौमूत्र से मिट सकता है : वैज्ञानिक

🚩देशी गाय का गौमूत्र आैर गौमूत्र से बने अर्क का प्रयोग सदियों से जीर्ण व्याधियों को ठीक करने में किया जा रहा है। खतरनाक व भयंकर असाध्य रोग कैंसर के उपचार के लिए दुनिया भर में शोध चल रहे हैं लेकिन अभी तक कोई सफलता नही मिली है पर अब सदियों से इस्तेमाल हो रहे गौमूत्र ने एक नई राह दिखाई है ।

🚩गौमूत्र को आयुर्वेद में त्रिदोष (वात-पित-कफ) शामक माना गया है। इन सभी को खत्म करने की शक्ति गौमूत्र में है। गौमूत्र को प्राचीन ग्रंथ आैर आयुर्वेद के जानकार कैंसर ( जिसे पुराने आयुर्वेद के ग्रंथो में अबुर्द के नाम से जाना जाता था ) के उपचार में कारगर मानते थे। अब धीरे धीरे #आयुर्वेद का यह मत #वैज्ञानिक कसौटी पर भी खरा उतरता नजर आ रहा है ।
🚩गुजरात जूनागढ़ कृषि यूनिवर्सिटी के बायोटेक्नोलॉजी विभाग द्वारा अलग-अलग शोध किए जाते हैं। बायोटेक्नोलॉजी विभाग के सह संशोधक वैज्ञानिक डॉ. रूकमसिंह तोमर, डॉ. श्रद्धाबेन भट्‌ट, डॉ. कविताबेन जोशी ने गोमूत्र पर महत्वपूर्ण शोध किया है। शोध में गोमूत्र के अर्क में चार प्रकार के कैंसर के कोश को नष्ट करने की क्षमता पाई गई है।
🚩वैज्ञानिकों ने विभिन्न प्रजाति की गायों के मूत्र का नमूना लेकर उस पर प्रयोग किए। शोध में यह पाया गया कि गोमूत्र के रोजाना सेवन करने से 3000 से 3500 कैंसर के कोश नष्ट होते हैं। वर्तमान में कीमोथेरेपी, रेडियोथेरापी खर्चीले और दुष्प्रभावी हैं। गोमूत्र के अर्क के सेवन का असर कैंसर से प्रभावित हिस्से पर ही होता है । 24 घंटे में कितने कोश नष्ट हो सकते हैं यह मरीज की रोग प्रतिकारक क्षमता पर भी कम हो सकती है। गोमूत्र के अर्क का सेवन कई लोग नही कर पाते इसे ध्यान में रखते हुए जल्द ही गोमूत्र का पाउडर और गोली बनाने पर विचार किया जा रहा है।
🚩इस शोध के बदले कृषि यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. एआर पाठक, डॉ. वीपी चोवटिया, डॉ. पीवी पटेल, डॉ. बीए गोलकिया ने वैज्ञानिकों को अभिनंदन दिया है ।http://dhunt.in/4lhEq?s=a&ss=wsp
🚩गौमूत्र का रासायनिक विश्लेषण करने पर वैज्ञानिकों ने पाया, कि इसमें 24 ऐसे तत्व हैं जो शरीर के विभिन्न रोगों को ठीक करने की क्षमता रखते हैं। आयुर्वेद के अनुसार गौमूत्र का नियमित सेवन करने से कई बीमारियों को खत्म किया जा सकता है। जो लोग नियमित रूप से थोड़े से गौमूत्र का भी सेवन करते हैं, उनकी रोगप्रतिरोधी क्षमता बढ़ जाती है। शरीर स्वस्थ और ऊर्जावान बना रहता है।
🚩गौ मूत्र कड़क, कसैला, तीक्ष्ण और ऊष्ण होने के साथ-साथ विष नाशक, जीवाणु नाशक, त्रिदोष नाशक, मेधा शक्ति वर्द्धक और शीघ्र पचने वाला होता है। इसमें नाइट्रोजन, ताम्र, फास्फेट, यूरिया, यूरिक एसिड, पोटाशियम, सल्फेट, फास्फेट, क्लोराइड और सोडियम की विभिन्न मात्राएं पायी जाती हैं। यह शरीर में ताम्र की कमी को पूरा करने में भी सहायक है।
*गौ मूत्र की महत्ता*
*🚩1.* कैंसर रोधक #टेक्सोल पेव #टीटेक्सेल को #अमेरिका से पेटेन्ट भी कराया है जोकि #कैंसर रोधक है।
*🚩2.* रोम में #गौमूत्र की महत्ता इतनी अधिक बढ़ रही थी कि वहां गौमूत्र पर कर भी लगाने का वर्णन है।
*🚩3.* यूरोप के देशों में 18वीं शताब्दी में #गौमूत्र से पीलिया, गठिया, साइटिका, अस्थमा, धात , इन्फ्लूएजा आदि रोगों के निदान का विस्तृत वर्णन है।
*🚩4.* चीन में हर्बल औषधियों में गौमूत्र के सहपान का वर्णन है।
*🚩5.* #अमेरिका के #डाॅक्टर #क्राफोड है मिल्टन के अनुसार गौमूत्र के प्रयोग से ह्रदय के रोग दूर होता है। कुछ दिन गौमूत्र सेवन से #रक्तचाप ठीक होता है, #भूख बढ़ती है तथा किडनी सम्बन्धी रोगों में लाभ होता है।
*🚩6.* गौमूत्र रक्त में बहने वाले #कीटाणुओं का नाश करता है ।
*🚩8.* गौमूत्र घावों की विशाक्तता को दूर करता है तथा #स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है गौमूत्र 100 से अधिक रोगों के पूर्ण निदान में प्रभावी है।
*🚩9.* गौमूत्र अर्क के #कैंसर रोधी गुण पर पेटेन्ट संख्या यू0एस0-6410056 प्राप्त हुआ है।
*🚩10.* गौमूत्र रक्त व विष की विकृति को हटाता है, बडी आंत में गति को शक्ति देता है, शरीर में वात पित व कफ #दोष को स्थिर रखने में सहयोग करता है।
*🚩11.* यह अनिच्छित व #अनावश्यक वसा को निर्मित होने से रोकता है, लाल रक्त कोशिकाओं एवं #होमेयोग्लोबिन के उत्पादन में सन्तुलन रखता है।
*🚩12.* यह जीवाणुनाशी व #मूत्रवर्धक होने से विष (टोक्सिन) को नष्ट करता है, मूत्र मार्ग से पथरी को हटाने में सहायक है, #रक्तशुद्धि करता है।
*🚩13.* यह तेजाब विहीन, वंशानुगत गठिया रोग से मुक्त करता है। आलस्य व मांसपोशियों की कमजोरी को हटाता है, कीटाणुनाशक, कीटाणु की #वृद्धि को रोकता है। (गेन्गरीन) मांस सड़ाव से रक्षा करता है।
*🚩14.* यह #रक्तशुद्धिकर्ता अस्थि में शक्ति प्रदाता (कीटाणुनाशक) रक्त में #तेजाबी अव्यवों को कम करता है ।
*🚩15.* यह जीवन में शक्ति व उत्साह वृधन में #सक्रियता लाता है व मानसिक रूग्णता व प्यास से बचाता हैं अस्थि में पुनः शक्ति प्रदान कर जीवन में उमंग वृद्धि करते हुए पुनरोत्पादक शक्ति प्रदान करता है।
*🚩16.* यह रोग प्रतिरोधात्मक #शक्ति #वर्द्धक, हृदय को शक्ति व संतोष प्रदान करता है।
🚩गौमूत्र कि कितनी भी महत्ता लिखे वे कम पड़ेगी इसलिए आप समझ सकते है कि हर रोग मिटाने के लिए गोमूत्र का सेवन काफी है।
🚩गौमूत्र देशी गाय का ही सेवन करना सही रहता है। गाय का गर्भवती या रोग ग्रस्त नहीं होना चाहिए। एक वर्ष से बड़ी बछिया का गौ मूत्र बहुत लाभकारी होता है।
🚩20 मिली गौमूत्र छानकर प्रातः खाली पेट पीना चाहिए ।
🚩भारतवासियों आप भी गौ उत्पादक की महत्ता समझकर उपयोग करके #स्वस्थ्य रहे और #गौ हत्या रोकने तथा देश को #समृद्ध बनाये रखने में सहभागी होइए ।
🚩आज से हम सभी संकल्प ले क़ि गाय माता को कत्लखाने जाने से बचाकर #गाय माता की रक्षा करेंगे ।
🚩Official Azaad Bharat Links:👇🏻
🔺Youtube : https://goo.gl/XU8FPk
🔺 Twitter : https://goo.gl/kfprSt
🔺 Instagram : https://goo.gl/JyyHmf
🔺Google+ : https://goo.gl/Nqo5IX
🔺 Word Press : https://goo.gl/ayGpTG
🔺Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ