Monday, October 15, 2018

कई बार बलात्कार करने वाले पादरी को मिली जमानत, जनता ने किया विरोध

15 October 2018

🚩 जालंधर के ईसाई पादरी बिशप फ्रैंको मलक्कल ने केरल की नन के साथ 2014 से 2016 के बीच कई बार बलात्कार किया ऐसा आरोप लगाया गया ।

🚩नन ने मलक्कल पर आरोप लगाया था कि मई 2014 में कुरविलांगड़ के एक गेस्ट हाउस में उनसे बलात्कार किया गया और बाद में कई मौकों पर उनका यौन शोषण किया । नन ने कहा कि चर्च के अधिकारियों ने जब पादरी के खिलाफ उनकी शिकायत पर कोई कदम नहीं उठाया तो उन्होंने पुलिस का रुख किया । 
Many times the rape victim was given bail, the public protested

🚩मुलक्कल को तीन दिन की पूछताछ के बाद 21 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था और पाला न्यायिक दंडाधिकारी अदालत की न्यायाधीश एम. लक्ष्मी ने उन्हें 24 सितंबर को दो सप्ताह की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था ।

*🚩केरल हाई कोर्ट ने नन के साथ बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार ईसाई पादरी बिशप को सोमवार को जमानत दे दी है ।*

🚩जमानत देने पर जनता व हस्तियों ने विरोध जताया कि एक ईसाई पादरी जो धर्मान्तरण करवाता है उसको जमानत तुरंत मिल जाती है और जो धर्मान्तरण को रोक रहे हैं ऐसे हिन्दू संत आसाराम बापू को 5 साल से अभी तक जमानत नहीं मिली ।

🚩आइये जानते है किसने क्या कहा इसपर-

🚩1. प्रशान्त पटेल उमराव लिखते है कि रेपिस्ट बिशप फ्रैंको के समर्थन में पूरा समुदाय व चर्च खड़ा था और उसे जमानत मिल गयी परंतु चर्च के धर्मांतरण के विरुद्ध लड़ने वाले आसाराम बापू के फर्जी केस में फंसने पर उन्हें गाली देने वाले स्वधर्मी ही हैं । फिर भी आप पूँछते हैं कि लेफ्ट का इकोसिस्टम कैसे भारत में राज कर रहा है ?

🚩2. सुप्रीम कोर्ट के वकील इशकरण भंडारी लिखते हैं कि The difference between how the Bishop Franco of Kerela was supported by his community & active efforts by them.

Versus 

How Asaram Bapu was attacked by Own without reading case or knowing facts, based on Media spin.

Shows why the “Liberal” Ecosystem rules in India.

🚩3. राजेश ने लिखा है कि गजब है भाई.. इतने संगीन आरोप होने के बाद भी इन्हें बेल मिल गया.. वहीं आशाराम बापू अब भी जेल में हैं... अंग्रेज चले गये पर अपने कानून छोड़ गये...

जाने किसे सजा दे दे, जाने किसे रफा दे दे... 

🚩4. Oxmiya jiyori लिखती हैं कि
Kerala High Court grants conditional bail to Bishop Franco Mulakkal who is the accused in Kerala nun rape case -

I am not a fan of Ashram Bapu.....but #JustAsking in similar allegation why he is still in Jail??


🚩इस तरह से हजारों लोग ट्वीट करके बोल रहे थे कि ईसाई पादरी को जमानत मिल सकती है तो हिन्दू संत को क्यों नहीं ?

कानून एक समान बोलने वाले अब कहाँ गए,  जालन्धर के ईसाई पादरी बिशप ने केरल की नन के साथ कई बार बलात्कार किया ऐसा आरोप लगाया गया,  फिर भी तुरंत जमानत मिल गई, लेकिन 82 वर्षीय हिन्दू संत आसाराम बापू को अभी तक जमानत नहीं मिल पाई ।

🚩कहीं आसराम बापू इतने कार्य किये इसलिए तो जेल में नहीं  रखा गया?

🚩1). ईसाई मिशनरियों को खुली 
चुनौती दिया, लाखों धर्मांतरित ईसाईयों को 
पुनः हिंदू बनाया व करोड़ों हिन्दुओं को अपने धर्म के प्रति जागरूक किया व आदिवासी इलाकों में जाकर जीवनोपयोगी सामग्री दी, जिससे धर्मान्तरण करने वालों का धंधा चौपट हो गया ।

🚩2) . कत्लखाने में जाती हज़ारों
गौ-माताओं को बचाकर, उनके लिए विशाल गौशालाओं का निर्माण करवाया ।

🚩3). शिकागो विश्व धर्मपरिषद में 
स्वामी विवेकानंदजी के 100 साल बाद 
जाकर हिन्दू संस्कृति का परचम लहराया ।

🚩4). विदेशी कंपनियों द्वारा देश को 
बचाकर आयुर्वेद/होम्योपैथिक के प्रचार-प्रसार द्वारा एलोपैथिक दवाईयों के कुप्रभाव से असंख्य लोगों का स्वास्थ्य और पैसा बचाने वाले हैं संत आशारामजी बापू ।

🚩5). लाखों करोड़ों विद्यार्थियों को सारस्वतय मंत्र की दीक्षा देकर, तेजस्वी बनाया ।

🚩6). पाकिस्तान, चाईना, अमेरिका 
और बहुत सारे देशों में जाकर 
सनातन हिंदू धर्म का ध्वज 
फहराया ।

🚩7). 100 से ज्यादा देशों में आश्रमों 
को स्थापित कर हिंदुत्व का 
विस्तार किया ।

🚩8). वेलेंटाइन डे का विरोध करके 
"मातृ-पितृ पूजन दिवस" 
का प्रारम्भ करवाया ।

🚩9). क्रिसमस डे के दिन क्रिसमस ट्री 
के बजाय, तुलसी पूजन दिवस 
मनाने शुरू करवाया ।

🚩10). लाखों-करोड़ों लोगों को अधर्म से 
धर्म की ओर मोड़ दिया ।

🚩11). बिकाऊ मीडिया को प्रचार-प्रसार के लिए रुपयों के पैकेज ना देकर, गरीबों में भंडारा व जीवनोपयोगी वस्तुएं दीं ।

🚩12). गरीब इलाकों में 
चलचिकित्सालय चलवाकर 
निःशुल्क दवाईयाँ उपलब्ध 
करवाई ।

🚩13). नशा मुक्ति अभियान के द्वारा लाखों लोगों को व्यसन-मुक्त करया ।

🚩14). गिरते युवावर्ग को "दिव्य प्रेरणा प्रकाश" जैसी पुस्तकों द्वारा ब्रह्मचर्य की महिमा बताकर करोड़ों युवाओं को संयमी जीवन की ओर अग्रसर किया ।

🚩15). वैदिक शिक्षा पर आधारित 
अनेकों गुरुकुल खुलवाए ।

🚩16). पिछले 50 वर्षों से लगातार आदिवासियों के बीच मुफ्त भंडारा 
मकान, कपड़े, अनाज व दक्षिणा बाँटा ।

🚩17). मुश्किल हालातों में कांची कामकोठी पीठ के "शंकराचार्य श्री #जयेंद्र सरस्वतीजी" 
बाबा रामदेव, मोरारी बापूजी, साध्वी प्रज्ञा
एवं अन्य संतों का साथ दिया ।


इन महान कार्यो करने के कारण तो उनको अंदर नहीं रखा गया है ? क्योंकि राष्ट्र विरोधी शक्तियां नहीं चाहती होगी कि वे बाहर आये, अगर वे बाहर आएंगे तो उनकी दुकानें बंद होने लगेगी ।

🚩हिंदुस्तानियों को सावधान होना पड़ेगा ऐसे महापुरुषों पर हो रहे अन्याय को रोकना होगा नहीं तो एक के बाद एक निर्दोष हिंदुनिष्ठ को जेल भिजवाया जाएगा ।

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Sunday, October 14, 2018

जानिए नवरात्रि में गरबा खेलने का इतिहास एवं सावधानी कैसे रखें

14 October 2018

🚩नवरात्रि में विभिन्न प्रांतों में किए जानेवाले धार्मिक कार्यक्रमों का एक महत्त्वपूर्ण विधि है, गरबा । नवरात्रों में गुजरात में मातृशक्ति के प्रतीक अनेक छिद्रों वाले मिट्टी के कलश में रखे दीपक का पूजन करते हैं । यह `दीपगर्भ’ स्त्री की सृजनशक्ति का प्रतीक है । इस मान्यता से नौ दिन `दीपगर्भ’ पूजा जाता  है । `दीपगर्भ’ से `दीप’ शब्द का लोप होकर गर्भ-गरभो-गरबो अथवा गरबा शब्द प्रचलित हुआ ।

🚩‘गरबा खेलने’ का क्या अर्थ है ?

‘गरबा खेलने’ को ही हिंदु धर्म में तालियों के लयबद्ध स्वर में देवी का भक्तिरस पूर्ण गुणगानात्मक भजन कहते हैं । गरबा खेलना, अर्थात तालियों की नादात्मक सगुण उपासना से श्री दुर्गादेवी को ध्यान से जाग्रत कर, उन्हें ब्रह्मांड के लिए कार्य करने हेतु मारक  रूप धारण करने का आवाहन करना ।

🚩नवरात्रि में अनुचित कृत्यों को रोकें
Know how to keep the history and caution
of playing Garba in Navaratri

पूर्वकाल में ‘गरबा’ नृत्य के समय देवी, कृष्णलीला एवं संत रचित गीत ही गाए जाते थे । वर्तमान काल में भगवान के इस सामूहिक नृत्य की उपसना में विकृतियां आ गई हैं । ‘रिमिक्स’, पश्चिमी संगीत अथवा चलचित्रों के गीतों की ताल पर अश्लील हावभाव में मनोरंजन के लिए गरबे के स्थान पर ‘डिस्को-डांडिया’ खेला जाता है । गरबे को निमित्त बनाकर व्याभिचार आदि भी किया जाता है । पूजास्थल पर तंबाकू सेवन, मद्यपान, ध्वनि प्रदूषण आदि अनुचित कृत्य भी किए जाते हैं । मूलत: एक धार्मिक उत्सव के रूप में मनाए जाने वाले इस कार्यक्रम को व्यावसायिक रूप प्राप्त हुआ है । ये धर्म एवं संस्कृति की हानि करना है । इसे रोकने हेतु उचित कृत्य करना अर्थात कालानुसार आवश्यक धर्मपालन करना ही है ।

🚩क्या अनुचित रूप से गरबा खेलने से मां की कृपा होगी?

अनुचित रूप से गरबा खेलते समय बढ़े रज-तम के कारण उस स्थान पर कष्टदायक तरंगें अधिक मात्रा में आकृष्ट होती हैं । अनिष्ट शक्तियां काली शक्ति प्रक्षेपित करती हैं । इस काली शक्ति का वहां उपस्थित व्यक्तियों पर न्यूनाधिक मात्रा में परिणाम होता है । परिणामस्वरूप व्यक्ति बहिर्मुख और विषयों के आधीन होता है ।

🚩देवी की उपासनास्वरूप परंपरागत गरबा:-

जब हम उत्कट भाव से देवताका आदर-सम्मान करेंगे, तभी उनकी कृपा प्राप्त कर पाएंगे । गरबा नृत्य में होने वाले अनाचारों जैसे कृत्यों से नहीं, भावपूर्ण पूजन से भक्त पर देवीमां की पूर्ण कृपा होती है । इसलिए गरबा खेलने को हिंदु धर्म में देवी की उपासना मानते हैं । इसमें देवी का भक्तिरसपूर्ण गुणगान करते हैं ।

इस समय देवीके समक्ष पारंपरिक भावपूर्ण नृत्यके साथ तालियों एवं छोटे-छोटे डंडोंसे लयबद्ध ध्वनि भी करते हैं । मूल पारंपरिक गरबा नृत्यमें तीन तालियां बजाई जाती हैं । पहली ताली नीचे झुककर, दूसरी ताली खडे होकर और तीसरी ताली हाथ ऊपर उठाकर बजाई जाती है ।

🚩इस समय देवी के समक्ष पारंपरिक भावपूर्ण नृत्य किया जाता हैं । नृत्य में प्रत्येक स्तर पर तीन तालियां बजायी जाती हैं एवं छोटे छोटे डंडो से लयबद्ध ध्वनि भी करते हैं । गरबा खेलते समय गोल घेरा बनाते हैं । साथ ही देवीके गीत अथवा भजन गाते हैं ।

इस प्रकार तालियां बजाकर भजन एवं नृत्य करना एक प्रकार से सगुण उपासना ही है । इस उपासना पद्धति में तालियों के नादसे श्री दुर्गादेवी को जागृत करते हैं । और ब्रह्मांड में कार्य करने के लिए मारक रूप धारण करने के लिए आवाहन करते हैं ।

🚩सर्वमंगलमांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके ।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तुते ।।

नवरात्रि महिषासुर मर्दिनी मां श्री दुर्गादेवी का त्यौहार है । देवी ने महिषासुर नामक असुर के साथ नौ दिन अर्थात प्रतिपदा से नवमीतक युद्ध कर, नवमी की रात्रि उसका वध किया । उस समय से देवी को ‘महिषासुरमर्दिनी’ के नाम से जाना जाता है । जग में जब-जब तामसी, आसुरी एवं क्रूर लोग प्रबल होकर, सात्त्विक, उदारात्मक एवं धर्मनिष्ठ सज्जनोंको छलते हैं, तब देवी धर्मसंस्थापना हेतु पुनः-पुनः अवतार धारण करती हैं । उनके निमित्त यह नवरात्रि का व्रत है ।
संदर्भ – सनातन का ग्रंथ, ‘देवीपूजनसे संबंधित कृत्यों का शास्त्र‘ एवं अन्य ग्रंथ

🚩ऐसे पवित्र त्यौहार में व्यभिचार करना, मद्यपान करना, लड़का-लकड़ियों के प्रति बुरी नजर रखना, अश्लील कपड़े पहनना ये सब अनुचित है, इससे मां प्रसन्न नहीं होतीं इससे तो और नाराज होती हैं इसलिए नवरात्रि में पवित्रता बनाए रखें ।

नवरात्रि में लव जिहाद के किस्से भी बढ़ जाते हैं हिन्दू युवतियों को ध्यान रखना चाहिए कि कहीं कोई जिहादी हिन्दू बनकर आपको प्रेम जाल में फंसा तो नहीं रहा है न? नहीं तो आपको लव जिहाद में फंसाकर आपकी और आपके परिवार की जिंदगी बर्बाद कर देगा । 

🚩देवी मां का अनादर रोकना:-

आजकल चित्र, नाटक, विज्ञापन इत्यादि द्वारा देवी-देवताओं का अनादर किया जा रहा है । इससे धर्महानि होती है ।

🚩देवी के संदर्भ में अवमानना का उदाहरण:-

हिन्दूद्वेषी चित्रकार म.फि. हुसेन ने हिन्दुओं के देवताके नग्न चित्र बनाकर उनकी सार्वजनिक बिक्रीके लिए रखा; व्याख्यान,  पुस्तक आदि के माध्यम से देवताओं की आलोचना की जाती है; व्यापारी वर्ग अपने उत्पादों के विज्ञापनों में देवताओं का मॉडेल के रूप में प्रयोग करते हैं; देवताओं की वेशभूषा पहनकर भीख मांगी जाती है ।

ग्रीस अर्थात यूनानकी ‘सदर्न कम्फर्ट विस्की’ नामक कंपनी ने एक विज्ञापनमें श्रीदुर्गादेवीके आठों हाथोंबमें विस्की की बोतल दर्शायी । हिंदू जनजागृति समितिबने भारत में ग्रीस के राजदूत को निषेध पत्र भेजा । इस विरोध के कारण यह चित्र कंपनी द्वारा हटाया गया ।

🚩‘बायर’ नामक कंपनी के ‘सॅन्क्य् श्यूर् सॅन्क्य्’ नामक मच्छर भगाने की औषधिके विज्ञापन में पहले चित्र में कालीमां के दस हाथों में शस्त्र दिखाया । दूसरे चित्र में देवी के दो हाथ ही शस्त्ररहित दिखाए गए हैं, क्योंकि उनके पास बायर कंपनी की मच्छर मारनेवाली दवाई है, इस अपमानकी जानकारी मिलते ही हिंदू जनजागृति समिति ने कंपनी को निषेध पत्र भेजकर रोष व्यक्त किया । निषेध की ओर तत्काल ध्यान देकर कंपनी ने क्षमायाचना की । कंपनी ने समितिको भेजे अपने पत्र में कहा, हमारे कारण आपको हुई असुविधा एवं कष्ट के लिए हम आपकी क्षमा मांगते है । हम हिंदू धर्म का आदर करते है । आपका विश्वसनीय – मार्क क्लाफेन ।

🚩सभी को नवरात्रि में पवित्रता बनाए रखनी चाहिए और कोई देवी माँ का अपमान करता है तो उसको करारा जवाब देना चाहिए ।

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Saturday, October 13, 2018

श्रीलंका में हिंदुओं का ईसाई मिशनरियां जोर शोर से करवा रही है धर्मान्तरण

13 October 2018

🚩दुनिया में हिन्दू कही भी रहता हो उनको मिटाने की कोशिशें की जा रही हैं, कभी लालच देकर तो कभी भय दिखाकर धर्मान्तरण करवाया जा रहा है जिससे दुनिया के नक्शे से हिन्दू जाति को पूर्णतः मिटा दिया जाए ।
Christian missionaries of Hindus are making loud noise in Sri Lanka

🚩श्री. मरवनपुलावु सच्चिदानंदन श्रीलंका के हिन्दुत्वनिष्ठ, साथ ही हिन्दू समाज एवं मंदिरों की रक्षा करनेवाला संगठन ‘शिवसेनाई’ के संस्थापक हैं एवं उन्होंने साधना के आध्यात्मिक स्तर को प्राप्त किया है। श्रीलंका में ईसाई मिशनरियों द्वारा हिन्दुआें के हो रहे धर्मांतरण के विरोध में श्री. सच्चिदानंदन द्वारा किया गया संघर्ष उन्हीं की शब्दों में यहां प्रस्तुत कर रहे हैं . . .

🚩1. विरोध करनेवाले हिन्दुआें पर ईसाई मिशनरियोंद्वारा धर्मांतर का दबाव :-

17 सितंबर 2018 को मैं श्रीलंका के एक दुर्गम क्षेत्र में स्थित कात्तैय्यादम्पण चेत्तीरामामाकन् गांव में कुछ हिन्दुत्वनिष्ठ कार्यकर्ताओं के साथ गया था । वहां के एक गिरे हुए मंदिर में वहां के हिन्दू श्रद्धालु भगवान शिवजी का नामजप कर रहे थे । जप समाप्त होने पर वे हमारे पास एकत्रित बैठ कर अपनी व्यथाएं बताने लगें ।

🚩एक वयस्क महिला ने बताया कि उस गांव में ईसाई मिशनरी हिन्दुआें का बलपूर्वक धर्मांतरण कर रहे हैं । गांव के 50 हिन्दू परिवारों में से 15 परिवारों ने ईसाई धर्म का स्वीकार किया है । उन्हें अन्न, कपड़े और घर का लालच दिखाकर उनका धर्मांतरण किया गया; परंतु शेष 36 हिन्दू परिवारों ने ईसाई धर्म में प्रवेश करना अस्वीकार किया, जिसकी वजह से उन पर दबाव डालने के प्रयास चल रहे हैं । उस गांव में ईसाईयों द्वारा एक चर्च भी बनाया गया है । दूसरी ओर वहां के हिन्दुआें के पास इस एकमात्र गिरे हुए मंदिर का पुननिर्माण करने के लिए भी पैसे नहीं हैं । यहां के हिन्दू चाहे दयनीय जीवन जी रहे हैं; परंतु अभी भी उनमें स्वाभिमान जागृत है । इस गांव के हिन्दू पुजारियों को दक्षिणा न मिलने से वे इस मंदिर में नहीं आते ।

🚩2. सरकारी विद्यालयों में ईसाई धर्म की शिक्षा; परंतु हिन्दुआें के धर्माचरण पर प्रतिबंध :-

इस गांव में हिन्दू धर्म की जानकारी देनेवाला कोई ग्रंथ उपलब्ध नहीं हैं । यहां के बच्चे निकट के सरकारी विद्यालय में जाते हैं, जहां ईसाई पंथ की प्रबलता है। वहां लड़कों के विभूति लगाने एवं लड़कियों के कंगन पहनने पर प्रतिबंध है । लड़कों के हाथों में बांधे गए लाल धागे तोड़ दिए जाते हैं । कुछ अभिभावकों ने इसके विरोध में शिक्षाधिकारी के पास फरियाद की जिसके बाद विद्यालय की प्रधानाध्यापिका ने इनके बच्चों को दंडित करना आरंभ कर दिया । सरकारी विद्यालयों में ईसाई पंथ की शिक्षा दी जाती है; परंतु हिन्दू धर्म की शिक्षा कहीं भी नहीं दी जाती ।

🚩3. गांव में हिन्दुआें को धर्म की जानकारी देकर उनके उद्बोधन हेतु किए गए प्रयास :-

मैने वहीं से जर्मनी में रहनेवाले मेरे परिचय के एक व्यक्ति को भ्रमणभाष कर श्रीलंका के कात्तैय्यादम्पण चेत्तीरामामाकन् गांव में हिन्दू धर्म की जानकारी देनेवाली पुस्तकें भेजने का अनुरोध किया और उसने उसे स्वीकार किया । यह सुनते ही वहां उपस्थित हिन्दुआें के मुखकमल आनंदित हो गए । मैने उन्हें एक लघुउद्योग आरंभ कर उससे होनेवाली आय से मंदिर के नवनिर्माण करने की सूचना की, जिसे सभी ने स्वीकार किया, साथ ही मैने उन्हें उनके मन में व्याप्त भय को निकाल देने का भी आवाहन किया और उन्हें ईश्‍वर उनके साथ हैं, इस बात से उन्हें आश्‍वस्त किया । उसके पश्‍चात मैं कार्यकर्ताआें के साथ एक हिन्दू के घर गया । वहां की एक युवती ने धर्मांतरण किया था । हमने उसे समझा कर उसको पुनः हिन्दू धर्म में लिया और घर पर लगाने के लिए एक नंदीध्वज दिया ।

🚩4. श्रीलंका में हिन्दुआें की जनसंख्या में कमी, तो ईसाईयों की जनसंख्या में वृद्धि :-

श्रीलंका में विगत 12 वर्षों में ईसाईयों की जनसंख्या 44 प्रतिशत से बढ़ी, तो हिन्दुआें की जनसंख्या 16 प्रतिशत से न्यून हुई । लगभग 400 वर्ष पूर्व पोर्तुगीजों ने श्रीलंका में मन्नार में कदम रखा और हिन्दुआें का धर्मांतरण प्रारंभ हुआ । तत्कालीन हिन्दू राजा ने 400 धर्मांतरित लोगों का शिरच्छेद किया । आज ही पेसालाई गांव में प्रार्थना कर इन धर्मांतरितों को श्रद्धांजली दी जाती है; परंतु 400 वर्ष पूर्व प्रारंभ किया गया धर्मांतरण आज भी अन्न, वस्त्र और निवास का लालच दिखाकर चल ही रहा है ।

🚩5. शिवसेनाई संगठन द्वारा धर्मांतरण करनेवाले ईसाईयों का विरोध :-

लिबरेशन टाईगर्स ऑफ तमिल ईलम् (एलटीटीई) के विरोध में चल रहा युद्ध समाप्त होने के पश्‍चात विगत 7 वर्षों में वहां के हिन्दुआें के धर्मांतरण की घटनाआें की गति अधिक तीव्र हो गई । वर्ष 2016 में हमने इस धर्मांतरण के विरोध में संघर्ष करने के लिए ‘शिवसेनाई’ इस संगठन की स्थापना की । हमारे स्वयंसेवक गांव-गांव घूमने लगे । उन्होंने गांव-गांव में लगाए गए क्रॉस हटा दिए । मंदिरों की ओर जानेवाली सड़कों पर खड़ी की गई बाधाआें को दूर किया । ईसाईयों द्वारा धमकियां दी जाने से बंद किए गए हिन्दू त्योहारों को पुनः मनाना आरंभ किया गया । गांव-गांव में हिन्दुआें के घरों के सामने नंदीध्वज खड़े किए गए । चर्च के पदाधिकारियों ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को लिखे गए पत्रों में शिवसेनाई संगठन के विरोध के कारण नए क्षेत्रों में धर्मांतरण के कार्य में बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं, इसे अनुमोदित किया ।

🚩इस क्षेत्र में 6 हजार हिन्दू परिवार रहते हैं। उन सभी के सामने धर्मांतरण का संकट है । चर्च के पास युरोप और अमेरिका से आनेवाली प्रचुर धनराशि उपलब्ध है । हिन्दुआें का मनोबल गिराने के लिए इस धनराशि का दुरूपयोग किया जा रहा है ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

🚩ईसाई मिशनरियों का एक ही लक्ष्य बन गया है , दुनिया में एक भी हिन्दू नहीं बचना चाहिए, सभी हिदुओं को ईसाई बना दो जिससे बड़ी वोटबैंक बन जाये और हम पूरे विश्व मे अपना राज कर सकें । हिंदुओं आप सभी ईसाई मिशनरियों से सावधान रहें नहीं तो ये लोग लालच देकर आपका धर्मपरिवर्तन करवाकर आपको धर्म से च्युत कर देंगे और फिर से गुलामी की जंजीरो में जकड़ देंगे ।

🚩सभी हिन्दुओं का कर्त्तव्य है कि एक दूसरे की आर्थिक या किसी भी तरह की परेशानी हो तो उनकी मदद करें, जाति-पाति भूलकर एक रहें । धर्मान्तरण करने वालों का संघठित होकर विरोध करें ।

🚩स्वामी विवेकानन्दजी की इस बात को हमेशा याद रखें उन्होंने कहा था कि हिन्दू समाज में से एक मुस्लिम या ईसाई बने, इसका मतलब यह नहीं कि एक हिन्दू कम हुआ बल्कि हिन्दू समाज का एक दुश्मन और बढ़ गया ।

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