Wednesday, October 24, 2018

कोई तो है जिसने पादरी को बाहर करवा दिया और संत को अंदर रख रहा है - संजय राउत

24 October 2018

🚩राज्यसभा सदस्य शिव सेना के प्रवक्ता संजय राउत ने अखबार सामना में एक लेख लिखा है, जिसे पढ़कर आप सोचने पर मजबूर हो जाएंगे ।

🚩संजय राउत जी ने लिखा है कि अपने देश की न्याय व्यवस्था कितनी जर्जर नींव पर खड़ी है, इसका नज़रा आए दिन देखने को मिलता है । फिलहाल घट रही विनयभंग और छेड़छाड़ की घटनाएं इसका बेहतरीन उदाहरण है । एक ही अपराध के लिए दो संदिग्ध आरोपियों को किस तरह से अलग-अलग न्याय दिया जाता है । यह केरल के बिशप के मामले में देखने को मिला ।
Someone who has pushed the clergy
out and kept the saint inside - Sanjay Raut

🚩हिन्दू संत आसाराम बापू व केरल के बिशप का मामला एक जैसा ही है । रोमन के कैथलिक पादरी फ्रैंको मुल्लकल ने एक नन के साथ कई बार बलात्कार किया । उक्त नन ने आरोप लगाया है कि मुल्लकल ने वर्ष 2014 में कुरविलांगड स्थित गेस्ट हाउस में उसके साथ बलात्कार किया । नन ने पहले चर्च के अधिकारियों से बलात्कारी पादरी की शिकायत  की । वहां कोई प्रभाव नहीं पड़ा तो नन सीधे पुलिस थाने पहुंच गई । पुलिस ने भी कोई प्रतिसाद नहीं दिया । बाद में वह मीडिया के पास गई । आखिरकार बिशप को गिरफ्तार किया गया तथा 7-8 दिनों में वह जमानत पर रिहा हो गया । बिशप को ऐसे आनन-फानन में जमानत मिल जाएगी, ऐसा लगा नहीं था लेकिन बिशप के पीछे चर्च का शक्तिशाली साम्राज्य खड़ा हो गया और बिशप महज 7-8 दिन में ही रिहा हो गया ।

🚩इन बातों को कहने का अभिप्राय यह है कि बापू आसारामजी भी बिशप की तरह ही विनयभंग के मामले में जेल में है । सात साल बाद भी बापू आसारामजी को जमानत नहीं मिल रही है । बापू आसारामजी जेल में रह रहे हैं लेकिन बिशप आज़ाद । बिशप के बलात्कार का दर्जा प्रतिष्ठित, धार्मिक व अधिष्ठान के समान था क्या ?

🚩बापू आसाराम अंदर ही..

बापू आसारामजी प्रवचनकारी व हिंदू धर्म के प्रचारक थे । उनके गुनाह की सजा उनको मिलनी चाहिए । फिर भी दोष साबित होने तक जमानत हासिल करने का अधिकार उन्हें है ही, लेकिन कोई तो है जो बिशप को छुड़ाना चाहता था और  बापू आसारामजी को जेल में ही सड़ाकर मारना चाहता हैं । 

🚩फिलहाल Me Too का जो बवंडर उठा है उसमें अच्छे - अच्छे हिचकोले खा रहे हैं, लेकिन असली गुनहगार अभी भी गिरफ्त से बाहर हैं । कांग्रेस से शशि थरूर दिवालिया मानसिकता का विद्वान हैं । उस पर पत्नी सुनंदा थरूर को मारने का, आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप हैं लेकिन पुलिस ने एक बार भी उसका गिरेबान पकड़ कर उसे 'अंदर' नहीं डाला । राम मंदिर के मामले में उसने एक विवादास्पद बयान दिया था कि "किसी भी अच्छे हिंदु को अयोध्या स्थित विवादित जमीन पर  राम मंदिर का निर्माण पसंद नही आएगा ।" इसी थरूर ने बापू आसारामजी की भी आलोचना की थी लेकिन केरल के बलात्कारी बिशप के खिलाफ इन महाशय ने एक शब्द भी नहीं कहा । जिस प्रकार से  ' गुड हिंदु ' और ' बैड हिंदु ' हैं उसी तरह ' गुड-बैड ' मुसलमान, इसाई भी हैं । थरूर को यह समझना चाहिए ।

🚩अकबर की वकालत...

बापू आसारामजी के लिए एक न्याय और उसी अपराध के लिए केरल के बिशप को अलग न्याय, यह थोड़ा दिलचस्प है । केंद्रीय मंत्री,'एम.जे. अकबर' पर एक ही समय 20 महिलाओं ने यौन शोषण का आरोप था ।

🚩अब अकबर ने उन महिलाओं के खिलाफ वकीलों की फौज खड़ी कर दी है तथा भाजपा के सभी प्रवक्ता अकबर के इर्द-गिर्द उसके कवच-कुंडल बनकर खड़े हो गए हैं । 

🚩विनयभंग के मामले में महाराष्ट्र के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री रामराव आदिक को पद छोड़कर लंबे समय तक वनवास जाना पड़ा था, लेकिन एम जे अकबर को मंत्री पद से इस्तीफा देने में 1 सप्ताह लग गया । वह भी उनकी काफी छीछालेदर होने के बाद। 

🚩सरकारी पदों पर बैठे लोगों को ऐसे आरोपों की माला पहन कर कुर्सी का उपभोग करना उचित नहीं है । फिर सवाल वही है। केरल के बिशप, भाजपा के मंत्री अकबर को विनयभंग, बलात्कार करके भी आजाद रहने का अधिकार है, लेकिन बापू आसारामजी का अधिकार नकार दिया जाता है। यह संदेहास्पद है। यहां बापू आसारामजी का मुद्दा प्रतीकात्मक है। कानून को अमल में लाने में दोहरेपन का यही मुद्दा है। बापू आसारामजी, एम जे अकबर और बिशप सहित कई लोगों पर ऐसे आरोप लगे। ये तमाम लोग लोकसाहित्य, कला और सामाजिक क्षेत्र से हैं । बड़े लोगों का वरदहस्त उन्हें प्राप्त है।

🚩न्यायालय

आसपास की मोहिनी दुनिया अपने लिए ही निर्माण हुई है, ऐसा कई लोगों को लगता है। पद का दुरुपयोग करके उपभोग करने वाले इससे निर्माण हुए। राजनीति, फिल्म उद्योग में ही ऐसी घटनाएं घटती हैं, ऐसा नहीं है बल्कि समाज के हर स्तर में यह हो रहा है और इसके लिए हमारी कानून और न्याय-व्यवस्था भी जिम्मेदार है । समलैंगिक संबंध, व्यभिचार को कानूनी मान्यता इसके दो उदाहरण है । लिव इन रिलेशनशिप नामक मौका संस्कृति व विवाह की प्रथा को पंगु बना रही है, जो हमारे देश की संस्कृति के स्तम्भ हैं लेकिन जैसे चाहो वैसे स्वच्छंद जियो, कानून भी तुम्हारे लिए स्वच्छंद बना है, ऐसा कुल मिलाकर न्यायालय का बर्ताव लगता है । ऐसे प्रकरण में बापू आसारामजी फंसते हैं । एम.जे. अकबर को मंत्रीपद से इस्तीफा देने में कुछ दिन लगते हैं और केरल का बिशप बलात्कार करके जमानत पर छूट जाता है । 

🚩लता मंगेशकर से किरण राव तक, अक्षय कुमार से आमिर खान तक सभी लोग तनुश्री दत्त के समर्थन में खड़े हो गए लेकिन बिशप ने जिसका बलात्कार किया उस नन के पक्ष में इनमें से एक भी व्यक्ति ने भूमिका नहीं अपनाई । एकदम से 'Me Too' की मुहिम का हिस्सा बनकर खुद पर हुए अत्याचार का पर्दाफाश करनेवाली पीड़ितों में से भी किसी ने इस नन के पक्ष में एक साधारण "ट्वीट" तक नहीं किया । नन जैसी कई सामान्य स्त्रियों का क्रंदन इसी तरह अनसुना कर दिया जाता है। रम , रमा और रमी के अधीन जाने की प्रवृत्ति सभी में बढ़ी है । हर व्यक्ति का निजी जीवन अलग है। उसने पर्दे के पीछे क्या किया? इसकी जाँच न करें , ऐसा आप स्वीकार कर लेंगे । आप देश के , राज्य के पदाधिकारी हैं , सामाजिक मंच से भाषण देते हैं । आप "पब्लिक फिगर" बन जाते हो तो आप ऐसा बर्ताव नहीं कर सकते।  तनुश्री पर कैमरे की चमक है। केरल की पीड़िता नन अँधेरे में गुम हो गई।

🚩इस को लेख पढ़ने से साफ पता चलता है कि हमारी न्यायप्रणाली कहीं न कहीं दबाव में कार्य कर रही है जिसका उदाहरण साफ देखने को मिलता है कि किस प्रकार ईसाई पादरी को तुरंत जमानत दे दी जाती है और हिन्दू संतों को सालों तक जेल में बंद रखा जाता है । 

🚩इस विषय में जनता को भी सोचना चाहिए कि क्या कानून केवल हिन्दू त्यौहार, हिन्दू मंदिर, हिंदुनिष्ठ लोगों के लिए ही बना है? क्या अन्य धर्म के लिए कोई कानून नहीं है? कहीं ऐसा तो नहीं कि हिंदुत्व को खत्म करने की साजिश हो । अगर ऐसा है तो सभी को मिलकर इस साजिश को खत्म करना चाहिए ।

🚩Official Azaad Bharat Links:👇🏻


🔺Youtube : https://goo.gl/XU8FPk


🔺 Twitter : https://goo.gl/kfprSt

🔺 Instagram : https://goo.gl/JyyHmf

🔺Google+ : https://goo.gl/Nqo5IX

🔺 Word Press : https://goo.gl/ayGpTG

🔺Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ

Tuesday, October 23, 2018

शरद पूर्णिमा पर यह काम करेंगे तो सालभर रहेगे स्वस्थ्य और होगी धनप्राप्ति

23 October 2018
http://azaadbharat.org
🚩 आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को ‘शरद पूर्णिमा’ बोलते हैं । #शरद_पूर्णिमा की रात्रि पर चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट होता है और अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण रहता है। इस रात्रि में #चंद्रमा का ओज सबसे तेजवान और ऊर्जावान होता है। #पृथ्वी पर शीतलता, पोषक शक्ति एवं शांतिरूपी अमृतवर्षा करता है । इस साल 24 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा मनाई जाएगी ।
🚩इस दिन #रास-उत्सव और कोजागर व्रत किया जाता है । #गोपियों को शरद पूर्णिमा की रात्रि में #भगवान श्रीकृष्ण ने बंसी बजाकर अपने पास बुलाया और ईश्वरीय अमृत का पान कराया था ।
🚩यूं तो हर माह में पूर्णिमा आती है, लेकिन #शरद पूर्णिमा का महत्व उन सभी से कहीं अधिक है। हिंदू धर्म ग्रंथों में भी इस #पूर्णिमा को विशेष बताया गया है।
If you do this work on Sharad Purnima,
 you will be healthy for a year and you will get wealth

🚩#शरद पूर्णिमा से जुड़ी बातें....
🚩इस दिन चंद्रमा की किरणें विशेष अमृतमयी गुणों से युक्त रहती हैं, जो कई बीमारियों का नाश कर देती हैं। यही कारण है कि #शरद #पूर्णिमा की रात को लोग अपने घरों की छतों पर खीर रखते हैं, जिससे #चंद्रमा की किरणें उस #खीर के संपर्क में आती है, इसके बाद उसे खाया जाता है।
🚩#नारद पुराण के अनुसार #शरद पूर्णिमा की धवल चांदनी में मां लक्ष्मी अपने वाहन उल्लू पर सवार होकर अपने कर-कमलों में वर और अभय लिए निशिद काल में पृथ्वी पर भ्रमण करती है। #माता यह देखती है कि कौन जाग रहा है?
यानी अपने कर्तव्‍यों को लेकर कौन जागृत है? जो इस रात में जागकर मां #लक्ष्मी की उपासना करते हैं, मां उन पर असीम कृपा करती है।
🚩वैज्ञानिक भी मानते हैं कि #शरद पूर्णिमा की रात स्वास्थ्य व सकारात्मकता देने वाली मानी जाती है क्योंकि #चंद्रमा धरती के बहुत समीप होता है। #शरद पूर्णिमा की रात चन्द्रमा की किरणों में खास तरह के लवण व विटामिन आ जाते हैं। पृथ्वी के पास होने पर इसकी किरणें सीधे #जब खाद्य पदार्थों पर पड़ती हैं तो उनकी #क्वालिटी में बढ़ोतरी हो जाती है।
🚩#शरद पूर्णिमा के शुभ अवसर पर सुबह उठकर व्रत करके अपने #इष्ट देव का पूजन करना चाहिए। #इन्द्र और महालक्ष्मी जी का पूजन करके घी का दीपक जलाकर, गंध पुष्प आदि से पूजन करना चाहिए। #ब्राह्मणों को खीर का भोजन कराना चाहिए और उन्हें दान दक्षिणा प्रदान करनी चाहिए।
🚩#लक्ष्मी प्राप्ति के लिए इस व्रत को विशेष रूप से किया जाता है। कहा जाता है कि #इस दिन जागरण करने वाले की धन-संपत्ति में वृद्धि होती है।
🚩#शरद पूनम की रात को क्या करें, क्या न करें ?
🚩 #अश्विनी कुमार देवताओं के वैद्य हैं । जो भी इन्द्रियाँ शिथिल हो गयी हों, उनको पुष्ट करने के लिए चन्द्रमा की चाँदनी में खीर रखना और भगवान को भोग लगाकर अश्विनी कुमारों से प्रार्थना करना कि #‘हमारी इन्द्रियों का बल-ओज बढ़ायें ।’ फिर वह खीर खा लेना ।
🚩इस रात सूई में धागा पिरोने का अभ्यास करने से नेत्रज्योति बढ़ती है ।
🚩 चन्द्रमा की चाँदनी गर्भवती महिला की नाभि पर पड़े तो गर्भ पुष्ट होता है । #शरद पूनम की चाँदनी का अपना महत्त्व है लेकिन बारहों महीने चन्द्रमा की चाँदनी गर्भ को और औषधियों को पुष्ट करती है ।

🚩#अमावस्या और पूर्णिमा को चन्द्रमा के विशेष प्रभाव से समुद्र में ज्वार-भाटा आता है । जब चन्द्रमा इतने बड़े दिगम्बर समुद्र में उथल-पुथल कर विशेष कम्पायमान कर देता है तो हमारे शरीर में जो जलीय अंश है, सप्तधातुएँ हैं, #सप्त रंग हैं, उन पर भी #चन्द्रमा का प्रभाव पड़ता है । इन दिनों में अगर काम-विकार भोगा तो विकलांग संतान अथवा जानलेवा बीमारी हो जाती है और यदि उपवास, व्रत तथा सत्संग किया तो तन तंदुरुस्त, मन प्रसन्न होता है।
🚩#खीर को बनायें अमृतमय प्रसाद...
🚩#खीर को रसराज कहते हैं । सीताजी को अशोक वाटिका में रखा गया था । रावण के घर का क्या खायेंगी सीताजी ! तो इन्द्रदेव उन्हें खीर भेजते थे ।
🚩खीर बनाते समय घर में चाँदी का गिलास आदि जो बर्तन हो, आजकल जो मेटल (धातु) का बनाकर चाँदी के नाम से देते हैं वह नहीं, असली चाँदी के बर्तन अथवा असली सोना धोकर खीर में डाल दो तो उसमें रजतक्षार या सुवर्णक्षार आयेंगे । लोहे की कड़ाही अथवा पतीली में खीर बनाओ तो लौह तत्त्व भी उसमें आ जायेगा ।
🚩#इलायची, खजूर या छुहारा डाल सकते हो लेकिन बादाम, काजू, पिस्ता, चारोली ये रात को पचने में भारी पड़ेंगे । #रात्रि 8 बजे महीन कपड़े से ढँककर चन्द्रमा की चाँदनी में रखी हुई खीर 11 बजे के बाद भगवान को भोग लगा के प्रसादरूप में खा लेनी चाहिए । लेकिन देर रात को खाते हैं इसलिए थोड़ी कम खाना ।
सुबह गर्म करके भी खा सकते हो ।
(खीर दूध, चावल, मिश्री, चाँदी, #चन्द्रमा की चाँदनी - इन पंचश्वेतों से युक्त होती है, अतः सुबह बासी नहीं मानी जाती ।) यह खीर खाने से सालभर मनुष्य स्वथ्य रहता है ।
🚩भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं,#'पुष्णामि चौषधीः सर्वाः सोमो भूत्वा रसात्मकः।।'
अर्थात रसस्वरूप अमृतमय #चन्द्रमा होकर सम्पूर्ण औषधियों को अर्थात वनस्पतियों को पुष्ट करता हूं। (गीताः15.13)
🚩Official Azaad Bharat Links:👇🏻
🔺Youtube : https://goo.gl/XU8FPk
🔺 Twitter : https://goo.gl/kfprSt
🔺 Instagram : https://goo.gl/JyyHmf
🔺Google+ : https://goo.gl/Nqo5IX
🔺 Word Press : https://goo.gl/ayGpTG
🔺Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ

Monday, October 22, 2018

भारत के एक महापुरुष जिन्होंने अंग्रेजों को भागने, की थी भविष्यवाणी...

22 October 2018

🚩"भारत भूमि मेरा शरीर है, कन्याकुमारी मेरे पैर हैं और हिमालय मेरा सिर"

🚩एक ऐसा उदघोष जो सत्य से उपजा हो जिसने करोड़ों निरुत्साहित लोगों के हृदय में उत्साह भरा हो, जिनके सिद्धांत, जिनके वचनों ने करोड़ों-करोड़ों उदास और हताश हृदय में फिर से उम्मीद जगाई हो ।
A great man of India who had escaped the British, predicted ...

🚩हम बात कर रहे हैं, भारत के एक महान संत, महान फिलॉसफर स्वामी रामतीर्थ जी की । स्वामी रामतीर्थ की गिनती सनातन धर्म के उन महान प्रतिनिधियों में होती है, जिन्होंने भारत के बाहर विदेशों में भी सनातन धर्म की ध्वजा लहराई हो । 

🚩स्वामी रामतीर्थ का जन्म 22 अक्टूबर 1873 में दीपावली के दिन पंजाब के गुजरावालां जिले के मुरारीवाला ग्राम में हुआ था । बचपन में इनका नाम तीर्थराम था । तीर्थराम बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के थे उन्होंने गणित विषय में  एम.ए. की पढ़ाई की थी तथा उसके बाद उसी कॉलेज में प्रोफेसर के रूप में नियुक्त हुए थे, वे अपने वेतन का एक बहुत बड़ा हिस्सा गरीब विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए खर्च करते थे । लाहौर में उन्हें स्वामी विवेकानंद के प्रवचन सुनने तथा सानिध्य प्राप्त करने का अवसर मिला । 

🚩1901 में प्रोफेसर रामतीर्थ ने लाहौर से अंतिम विदा ले हिमालय की ओर प्रस्थान किया तथा उसके बाद ग्रीष्मकाल में मध्यरात्रि में उन्होंने जीवन के सर्वोच्च लक्ष्य आत्म साक्षात्कार को प्राप्त कर लिया, जिसके बाद वे तीर्थराम से स्वामी रामतीर्थ हो गए और अपना जीवन उन्होंने लोक सेवा के लिए समर्पित कर दिया ।

🚩स्वामी रामतीर्थ ने भारत के साथ-साथ जापान, अमेरिका तथा मिस्र में भी ज्ञान का प्रचार-प्रसार किया । वे जहां भी गए वहां उन्होंने यही एक बात कही कि "आप लोग देश और ज्ञान के लिये सहर्ष प्राणों का उत्सर्ग कर सकते हैं । यह वेदान्त के अनुकूल है । पर आप जितना सुख साधनों पर भरोसा करते हैं उसी अनुपात में इच्छाएँ बढ़ती हैं। शाश्वत शान्ति का एकमात्र उपाय है आत्मज्ञान । अपने आप को पहचानो, तुम स्वयं ईश्वर हो ।"

🚩सन् 1904 में स्वदेश लौटने पर लोगों ने स्वामी राम से अपना एक समाज खोलने का आग्रह किया । राम ने बाँहें फैलाकर कहा, भारत में जितनी सभा समाजें हैं, सब राम की अपनी हैं । राम मतैक्य के लिए हैं, मतभेद के लिए नहीं; देश को इस समय आवश्यकता है एकता और संगठन की, राष्ट्रधर्म और विज्ञान साधना की, संयम और ब्रह्मचर्य की ।

🚩भारत के साथ तादात्म्य होने वाली भविष्यवाणी उन्होंने की थी-"चाहे एक शरीर द्वारा, चाहे अनेक शरीरों द्वारा काम करते हुए रामप्रतिज्ञा करता है कि बीसवीं शताब्दी के अर्धभाग के पूर्व ही भारत स्वतन्त्र होकर उज्ज्वल गौरव को प्राप्त करेगा । 

🚩1906 में दीपावली के दिन ही उन्होंने मृत्यु के नाम संदेश लिखकर गंगा में जलसमाधि ले ली ।

🚩रामतीर्थ के जीवन का प्रत्येक पक्ष आदर्शमय था वे एक आदर्श विद्यार्थी, आदर्श गणितज्ञ, अनुपम समाज-सुधारक व देशभक्त, दार्शनिक कवि और प्रज्ञावान सन्त थे ।

🚩स्वामी रामतीर्थ जी का एक संदेश था जोकि अत्यंत मार्मिक है उन्होंने कहा था कि "हिन्दी में प्रचार कार्य प्रारम्भ करो। वही स्वतन्त्र भारत की राष्ट्रभाषा होगी।" 
इस वचन से ही पता चलता है कि उनके हृदय में हिंदी भाषा का क्या महत्व था, लेकिन आज ये भारत का दुर्भाग्य ही कहना चाहिए कि यहां के लोगों को हिंदी बोलने में शर्म महसूस होती है और भारतवासी अपनी संस्कृति को भूलते जा रहे हैं ।

🚩ऐसी महान संस्कृति है हमारी जिसके सिद्धांतों का पालन करके तीर्थराम, स्वामी रामतीर्थ बन गए और आज सारा विश्व उन्हें वंदन करता है, उनके सिद्धांतों को मानता है । भारतीय संस्कृति की महिमा ही अद्भुत है, आजकल अधिकतर लोग जो थोड़ा बहुत पढ़ लिख लेते हैं तो स्वयं को ज्ञानी मान, अपनी संस्कृति से किनारा कर लेते हैं और अपने धर्म का अपमान करते हैं, उन्हें रामतीर्थ जी के जीवन से शिक्षा लेनी चाहिए । 

🚩स्वामी रामतीर्थ ने गणित जैसे विषय के प्रोफेसर होने के बावजूद अपनी संस्कृति का अपमान नहीं किया वरन उसका प्रचार-प्रसार किया । आज जहां भारत के लोग अपनी संस्कृति की महत्ता को भूल पाश्चात्य से प्रभावित हो रहे हैं वहीं पश्चिम के लोग भारतीय संस्कृति के सिद्धांतों और नियमों का पालन करते हैं । 

🚩हम बार-बार यही कहते आए हैं कि इमारत की नींव जितनी मजबूत होती है, इमारत उतना ही मजबूत होता है, ठीक ऐसे ही आध्यत्म सुखी जीवन का मूल है, जो व्यक्ति जितना आध्यत्मिक होता, उतना ही सुखी तथा उन्नत होगा ।

🚩हमारी संस्कृति में ऐसे ही कई बड़े-बड़े और महान संत हुए हैं जिनके आगे दुनिया झुकी है, लेकिन भारतवासियों ने ही उनकी कद्र नहीं की । स्वामी रामतीर्थ जी को भी उनके हयातिकल में निंदा, अपमान तथा कुप्रचार का शिकार होना पड़ा था
 
ठीक उसी प्रकार

🚩शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती जी, साध्वी प्रज्ञा जी, संत आसारामजी बापू जैसे कई संत हुए हैं जिन्होंने धर्म रक्षा के लिए अपना सारा जीवन दे दिया लेकिन इन्हीं भारतवासियों ने ही उनका अपमान किया, अतः राष्ट्रविरोधी ताकतों के इशारों पर चलने वाली मीडिया व अंग्रेजों के बनाए कानूनो पर भरोसा न करके हमारे महापुरुषों का आदर करिये तभी देश, संस्कृति टिकेगी जिससे हम सभी स्वस्थ्य, सुखी, सम्मानित जीवन जी सकेंगे और देश को फिर से विश्वगुरु बना सकेंगे ।

🚩Official Azaad Bharat Links:👇🏻


🔺Youtube : https://goo.gl/XU8FPk


🔺 Twitter : https://goo.gl/kfprSt

🔺 Instagram : https://goo.gl/JyyHmf

🔺Google+ : https://goo.gl/Nqo5IX

🔺 Word Press : https://goo.gl/ayGpTG

🔺Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ