Wednesday, November 14, 2018

जानिए गोपाष्टमी का इतिहास, उस दिन क्या करना चाहिए?



14 नवम्बर 2018 

🚩 वर्ष में जिस दिन गायों की पूजा-अर्चना आदि की जाती है वह दिन भारत में ‘गोपाष्टमी’ के नाम से जाना जाता है । इस साल गोपाष्टमी 16 नवम्बर जो मनाई जाएगी । https://youtu.be/fI-IehUmPNk

🚩गोपाष्टमी का इतिहास:-

गोपाष्टमी महोत्सव गोवर्धन पर्वत से जुड़ा उत्सव है । गोवर्धन पर्वत को द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा से लेकर सप्तमी तक गाय व सभी गोप-गोपियों की रक्षा के लिए अपनी एक अंगुली पर धारण किया था । गोवर्धन पर्वत को धारण करते समय गोप-गोपिकाओं ने अपनी-अपनी लाठियों का भी टेका दे रखा था, जिसका उन्हें अहंकार हो गया कि हम लोगों ने ही गोवर्धन को धारण किया है । उनके अहं को दूर करने के लिए भगवान ने अपनी अंगुली थोड़ी तिरछी की तो पर्वत नीचे आने लगा । तब सभी ने एक साथ शरणागति की पुकार लगायी और भगवान ने पर्वत को फिर से थाम लिया । 
Know the history of Gopashami,
 what should you do on that day?

🚩उधर देवराज इन्द्र को भी अहंकार था कि मेरे प्रलयकारी मेघों की प्रचंड बौछारों को मानव श्रीकृष्ण नहीं झेल पायेंगे परंतु जब लगातार सात दिन तक प्रलयकारी वर्षा के बाद भी श्रीकृष्ण अडिग रहे, तब आठवें दिन इन्द्र की आँखें खुली और उनका अहंकार दूर हुआ । तब वे भगवान श्रीकृष्ण की शरण में आए और क्षमा माँगकर उनकी स्तुति की । कामधेनु ने भगवान का अभिषेक किया और उसी दिन से भगवान का एक नाम ‘गोविंद’ पड़ा । वह कार्तिक शुक्ल अष्टमी का दिन था । उस दिन से गोपाष्टमी का उत्सव मनाया जाने लगा, जो अब तक चला आ रहा है ।

🚩कैसे मनायें गोपाष्टमी पर्व ?

इस साल 16 नवम्बर को गोपाष्टमी है उस दिन गायों को स्नान कराएं । तिलक करके पूजन करें व गोग्रास दें । गायों को अनुकूल हो ऐसे खाद्य पदार्थ खिलाएं, सात #परिक्रमा व #प्रार्थना करें तथा गाय की #चरणरज सिर पर लगाएं । इससे मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं एवं सौभाग्य की वृद्धि होती है ।

🚩गोपाष्टमी के दिन सायंकाल गायें चरकर जब वापस आयें तो उस समय भी उनका आतिथ्य, अभिवादन और पंचोपचार-पूजन करके उन्हें कुछ खिलायें और उनकी चरणरज को मस्तक पर धारण करें, इससे सौभाग्य की वृद्धि होती है ।

🚩भारतवर्ष में गोपाष्टमी का उत्सव बड़े उल्लास से मनाया जाता है । विशेषकर गौशालाओं तथा पिंजरापोलों के लिए यह बड़े महत्त्व का उत्सव है । इस दिन गौशालाओं में एक मेला जैसा लग जाता है । गौ कीर्तन-यात्राएँ निकाली जाती हैं । यह घर-घर व गाँव-गाँव में मनाया जानेवाला उत्सव है । इस दिन गाँव-गाँव में भंडारे किये जाते हैं ।

🚩विश्व के लिए वरदानरूप : गोपालन


🚩देशी गाय का दूध, दही, घी, गोबर व गोमूत्र सम्पूर्ण मानव-जाति के लिए वरदानरूप हैं । दूध स्मरणशक्तिवर्धक, स्फूर्तिवर्धक, विटामिन्स और रोगप्रतिकारक शक्ति से भरपूर है । घी ओज-तेज प्रदान करता है । इसी प्रकार गोमूत्र कफ व वायु के रोग, पेट व यकृत (लीवर) आदि के रोग, जोड़ों के दर्द, गठिया, चर्मरोग आदि सभी रोगों के लिए एक उत्तम औषधि है । गाय के गोबर में कृमिनाशक शक्ति है । जिस घर में गोबर का लेपन होता है वहाँ हानिकारक जीवाणु प्रवेश नहीं कर सकते । पंचामृत व पंचगव्य का प्रयोग करके असाध्य रोगों से बचा जा सकता है । ये हमारे पाप-ताप भी दूर करते हैं । गाय से बहुमूल्य गोरोचन की प्राप्ति होती है ।

🚩देशी गाय के दर्शन एवं स्पर्श से पवित्रता आती है, पापों का नाश होता है । गोधूलि (गाय की चरणरज) का तिलक करने से भाग्य की रेखाएँ बदल जाती हैं । ‘स्कंद पुराण’ में गौ-माता में सर्व तीर्थों और सभी देवताओं का निवास बताया गया है ।

🚩गायों को घास देनेवाले का कल्याण होता है । स्वकल्याण चाहनेवाले गृहस्थों को गौ-सेवा अवश्य करनी चाहिए क्योंकि गौ-सेवा में लगे हुए पुरुष को धन-सम्पत्ति, आरोग्य, संतान तथा मनुष्य-जीवन को सुखकर बनानेवाले सम्पूर्ण साधन सहज ही प्राप्त हो जाते हैं । 

🚩विशेष : ये सभी लाभ देशी गाय से ही प्राप्त होते हैं, जर्सी व होल्सटीन से नहीं । 

🚩किसानों के लिए संदेश:-


🚩खेती और गाय का बड़ा घनिष्ठ संबंध है । खेती से गाय पुष्ट होती है और गाय के गोबर व गोमूत्र से खेती पुष्ट होती है । विदेशी खाद से आरम्भ में कुछ वर्ष तो खेती अच्छी होती है पर कुछ वर्षों बाद जमीन उपजाऊ नहीं रहती । विदेशों में तो खाद से जमीन खराब हो गयी है और वे लोग मुंबई से जहाजों में गोबर लादकर ले जा रहे हैं, जिससे गोबर से जमीन ठीक हो जाय । गोबर-खाद किसानों को सस्ते में व आसानी से उपलब्ध होती है । 

🚩गोझरण एक सुरक्षित, फसलों को नुकसान न पहुँचानेवाला कीटनाशक है । गाँव में गोबर गैस प्लांट लगाकर वहाँ ईंधन, बिजली, बिजली पर चलनेवाले यंत्रों आदि का फायदा लिया जाता है ।

🚩वैज्ञानिकों ने कहा है कि ‘एक समय ऐसा आनेवाला है जब न बिजली मिलेगी, न पेट्रोल-डीजल !’ अब भी तेल महँगा हो रहा है और हम ट्रैक्टरों में तेल खर्च रहे हैं। खेती की पुष्टि जितनी गाय-बैलों से होती है, उतनी ट्रैक्टरों से नहीं होती । जब ट्रैक्टर चलता है तो जीव-जंतुओं की बड़ी हत्या होती है । ट्रैक्टर से पाला, घास, बुड़ेसी, गँठिया आदि की जड़ें उखड़ जाती हैं । अतः समृद्ध खेती के लिए किसानों को बैल व गायों का पालन करना चाहिए । उनकी रक्षा करनी चाहिए, हत्यारों के हाथ में उन्हें बेचना नहीं चाहिए ।  

🚩स्वास्थ्य-लाभ:-

🚩व्यक्ति स्वास्थ्य के लिए लाखों-लाखों रुपये खर्च करता है, कहाँ-कहाँ जाता है फिर भी बीमारियों से छुटकारा नहीं पाता । कई बार तो कंगालियत ही हाथ लगती है और स्वस्थ भी नहीं हो पाता । 

🚩इसका उपाय बताते हुए हिन्दू संत बापू आशारामजी कहते हैं : ‘‘गाय घर पर होती है न, तो उसके गोबर, उसके गोझरण का लाभ तो मिलता ही है, साथ ही गाय के रोमकूपों से जो तरंगें निकलती हैं, वे स्वास्थ्यप्रद होती हैं । कोई बीमार आदमी हो, डॉक्टर बोले, ‘यह नहीं बचेगा’ तो बीमार आदमी गाय को अपने हाथ से कुछ खिलाये और गाय की पीठ पर हाथ घुमाये तो गाय की प्रसन्नता की तरंगें हाथों की अंगुलियों से अंदर आयेंगी और वह आदमी तंदुरुस्त हो जायेगा; दो-चार महीने लगते हैं लेकिन असाध्य रोग भी गाय की प्रसन्नता से मिट जाते हैं ।’’ 

🚩गायें दूध न देती हों तो भी वे परम उपयोगी हैं । दूध न देनेवाली गायें अपने गोझरण व गोबर से ही अपने आहार की व्यवस्था कर लेती हैं । उनका पालन-पोषण करने से हमें आध्यात्मिक, आर्थिक व स्वास्थ्यलाभ होता ही है । 

🚩गोपाष्टमी के दिन गौ-सेवा, गौ-चर्चा, गौ-रक्षा से संबंधित गौ-हत्या निवारण आदि विषयों पर चर्चासत्रों का आयोजन करना चाहिए । भगवान एवं महापुरुषों के गौप्रेम से संबंधित प्रेरक प्रसंगों का वाचन-मनन करना चाहिए । 

🚩#गौ-सेवा से धन-सम्‍पत्ति, आरोग्‍य आदि मनुष्‍य-जीवन को सुखकर बनानेवाले सम्‍पूर्ण साधन सहज ही प्राप्‍त हो जाते हैं । मानव #गौ की महिमा को समझकर उससे प्राप्त दूध, दही आदि पंचगव्यों का लाभ ले तथा अपने जीवन को #स्वस्थ, सुखी बनाये, इस उद्देश्य से हमारे परम करुणावान ऋषियों-महापुरुषों ने गौ को माता का दर्जा दिया तथा कार्तिक शुक्ल अष्टमी के दिन #गौ-पूजन की परम्परा स्थापित की । (स्त्रोत : संत श्री आशारामजी आश्रम द्वारा प्रकाशित ऋषि प्रसाद साहित्य से)
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Tuesday, November 13, 2018

हिन्दू साधुओं की हत्या लगातार जारी है, सैकड़ों साधुओं की हो गई है हत्या..

13 नवम्बर 2018

🚩भारतीय संस्कृति महान एवं प्राचीन है लेकिन राक्षसी स्वभाव के लोगों को सनातन संस्कृति कांटे की नाई चुभ रही है इसलिए इसे नष्ट करने के लिए अनेक कुठाराघात किये पर अभी भी सनातन संस्कृति अडिग है क्योंकि इस संस्कृति के रक्षक स्वयं भगवान एवं साधु-संत हैं, जिसकी वजह से ऐसे घोर कलिकाल में भी करोड़ों लोगों की आस्था साधू-संतो के प्रति है और वे सनातन संस्कृति को लोगों के दिल मे प्रगटाते रहते है जिसके कारण दुष्ट स्वभाव के लोग सफल नहीं हो पा रहे हैं ।

🚩दुष्ट स्वभाव के लोगों ने देखा कि अगर भारतीय संस्कृति को खत्म करना है तो सबसे पहले उनके रक्षक साधु-संतों के प्रति लोगों की श्रद्धा खत्म करो जिसके लिए मीडिया द्वारा बदनाम करो या झूठे केस द्वारा जेल भिजवा दो अथवा हत्या कर दो जिससे आसानी से हिन्दू संस्कृति को खत्म करके धर्मान्तरण कर सकें एवं जिहाद फैला सकें और मंदिर की जगा चर्च या मस्जिद बनाकर उनका धर्म आसानी से फैला सकें ।
The murder of Hindu sadhus continues,
 hundreds of sadhus have become murderers.

🚩आपको बता दें कि पिछले 4 महीनों से जारी, हिन्दू साधू, मंदिर के पुजारियों के नरसंहार का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है तथा एक के बाद देशभर के विभिन्न क्षेत्रों में हिन्दू साधुओं की क्रूरतम तरीके से हत्याएं की जा रही है । उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से साधुओं की जो हत्याएं शुरू हुईं थी उसी की पुनरावृत्ति अब योगेश्वर श्रीकृष्ण की जन्मभूमि मथुरा में दोहराई गई है जहाँ एक हनुमान मंदिर के महंत की तालिबानी अंदाज में गला रेतकर क्रूरतम तरीके से हत्या कर दी गई ।

🚩खबर के मुताबिक़, मथुरा के कोसीकलां गांव चौंडरस में हनुमान मंदिर के महंत की बदमाशों ने गला घोंटकर हत्या कर दी । सुबह मंदिर पहुंचे ग्रामीणों को घटना की जानकारी हुई तो गांव में सनसनी फैल गई ।  मामले को लेकर ग्रामीणों ने हंगामा किया तो सीओ ने ग्रामीणों को समझाकर शांत किया । पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया । गांव चौंडरस में बने हनुमान मंदिर पर पिछले कई वर्षों से रहकर सेवा पूजा कर रहे महंत हरिदास की रात में बदमाशों ने गला घोंटकर हत्या कर दी ।  उनके गले पर निशान मिले हैं, उनका शव मंदिर परिसर के तख्त पर पड़ा मिला, करीब 50 वर्षीय महंत हरिदास अलीगढ़ जनपद की तहसील टप्पल के गांव मारब के रहने वाले थे । 

🚩ग्रामीणों के अनुसार सुबह ग्रामीण पूजा करने के लिए मंदिर पहुंचे तो तख्त पर महंत का शव पड़ा हुआ मिला ।  इस घटना के बाद गांव में सनसनी फैल गई । ग्रामीणों की सूचना पर सीओ छाता जगदीश कालीरमन फोर्स के साथ पहुंच गए । वहां ग्रामीणों ने हत्यारों का पता लगाने के लिए हंगामा किया । सीओ ने ग्रामीणों को समझाया और हत्यारों तक पहुंचने में सुराग देने में मदद मांगी ।  उन्होंने बताया कि महंत के गले पर निशान मिले हैं ।  उसकी गला घोंटकर हत्या की गई है ।  शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है । रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही की जाएगी।  स्त्रोत : सुदर्शन न्यूज

🚩बता दें कि 2018 के अगस्त महीने में ही दस दिनों में तीन साधुओं की हत्या हुई पर सभी मौन है किसी की आवाज उठती नहीं दिख रही है ।

13 अगस्त को अलीगढ़ के एक मंदिर में 75 वर्षीय साधु व उनके साथी की हत्या ।

16 अगस्त को ओरैया के मंदिर में तीन साधुओं की हत्या ।

19 अगस्त को करनाल मंदिर में 1 पुजारी,  
1 साधु व 2 सेवादारों हत्या ।

20 अगस्त को प्रयाग में एक साधु की हत्या ।

🚩भयंकर तरीके से प्रताड़ित करके इतने सारे हिन्दू साधुओं की हत्या की गई पर सेकुलर, नेता, मीडिया, न्यायालय सब चुप है क्यों ? 

*क्योंकि भारतीय संस्कृति की रक्षा करने वाले साधुओं की हत्या की गई है ।*

🚩बता दें कि हिन्दू साधू-संत गौहत्या रोकना, गौमाता की महिमा बताना, श्री राम मंदिर बनाना, हिन्दुओं को अपनी संस्कृति के प्रति जागरूक करना, धर्मान्तरण रोकना, विदेशी प्रोडक्ट खरीदने से रोकना, स्वदेशी का प्रचार करना, व्यसन मुक्त भारत बनाना, सिनेमा आदि से दूर रखने का प्रयास करना, प्राचीन संस्कृति की ओर हमें मोड़ना, वेद व शास्त्र सम्मत कार्य करने के लिए प्रेरित करना, विदेशी त्यौहार के बदले अपने त्यौहारों को मनाने को प्रेरित करना आदि आदि अनेक दिव्य कार्य करने के लिए लोगों को प्रेरित करते हैं, अधर्म से लड़ते हैं और हमें जगाते हैं । जिसके कारण आज हिन्दू साधु-संतों की हत्या हो रही है और मीडिया द्वारा बदनाम करवाकर जेल भिजवाया जा रहा है ।

🚩साध्वी प्रज्ञा, स्वामी असीमानन्द, शंकराचार्य अमृतानंद, स्वामी केशवानंद जी आदि अनेक संतों को बिना सबूत सालों से जेल में रखा गया । उड़ीसा के लक्ष्मणानन्द जी की हत्या करवा दी ।

🚩वर्तमान में हिन्दू संत आसाराम बापू को उम्रकैद सजा सुना दी गयी क्योंकि उन्होंने लाखों हिंदुओ की घर वापसी करवाई और धर्मान्तरित होने से बचाया, हजारों गायों को कत्लखाने जाने बचाकर अनेकों गौशालाएं खोली, क्रिसमिस की जगह तुसली पूजन और वेलेंटाइन डे की जगह मातृ-पितृ पूजन शुरू किया, करोड़ों लोगों को अपने धर्म के प्रति जागृत किया, करोड़ों युवक-युवतियों को ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करवाया, करोड़ों लोगों को व्यसन मुक्त किया, विदेशी कम्पनियों के प्रोडक्ट बन्द करवाकर स्वदेशी घरेलू प्रोडक्ट बनाने में तरीके बताए, विदेशों में जाकर भारतीय संस्कृति का प्रचार किया जिस वजह से राष्ट्रविरोधी ताकतों ने उनको टारगेट किया और मीडिया द्वारा बदनाम करवाकर जेल भिजवा दिया और उम्रकैद की सज़ा सुनवा दी जबकि एफआईआर में रेप केस का जिक्र नहीं है, मेडिकल रिपोर्ट में कोई प्रूफ नहीं है, लड़की के बालिग होने के कई प्रमाण हैं, उनके खिलाफ षड्यंत्र किया गया उसके सबूत हैं फिर भी उम्रकैद दिया इससे साफ सिद्ध होता है कि राष्ट्रविरोधी ताकतें उनको बाहर नहीं आना देना चाहती हैं ।

🚩साधु-संत तो अपना कर्तव्य कर रहे हैं, लेकिन 
हिन्दू संगठित नहीं रहेगा तो सभी मंदिर अपवित्र कर दिये जाएंगे, पुजारी साधुओं का ऐसे ही कत्ल कर दिया जाएगा, फिर हिन्दू संस्कृति को बचाने वाले कोई नहीं रहेगा और फिर  आपको पता भी नहीं चलेगा कि किस तरह से आप धर्मांतरित किए जाएंगे  और  गुलाम की तरह रखें जाएंगे ।

🚩हिन्दुओं को संगठित होकर अपने साधु-संतों पर हो रहे षड्यंत्र का विरोध करना चाहिए, तभी हिन्दू संत सुरक्षित रह पाएंगे ।

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Monday, November 12, 2018

मीडिया ने आसाराम बापू की लेटेस्ट दो बड़ी ख़बरे कर दी गायब

12 नवम्बर 2018
www.azaadbharat.org
🚩इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया में अधिकतर खबरें होती नहीं है, बनाई जाती है और खासकर मीडिया जब  टीआरपी और पैसे के लिए किसी एजेंडे को तय करके खबरें दिखाती है तो हमेशा एक तरफा पक्ष ही दिखाती है। दूसरे पक्ष को चाहे वो सत्य ही क्यों न हो लेकिन उसे दबाने की कोशिश करती है, कहीं सच्चाई सामने न आ जाए क्योंकि सच्चाई सामने आने पर मीडिया से जनता का भरोसा उठ जाएगा, लेकिन भले ही मीडिया सच्चाई छिपा दे लेकिन आज सोशल मीडिया का जमाना है जिसके द्वारा कुछ छिपा नहीं रह सकता ।
🚩आपको बता दें कि 2004 में जब शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती को गिरफ्तार किया था तब उनके ही मठ के कुछ लोग शंकराचार्य जी के खिलाफ हो गए थे, लेकिन जैसे ही हिन्दू संत आसाराम बापू दिल्ली में जंतर मंतर पर बैठे तो अटल बिहारी बाजपेयी जैसी बड़ी हस्तियां भी बापू आसारामजी के साथ बैठ गए और जो शंकराचार्यजी का विरोध कर रहे थे वे भी उनके पक्ष में आ गए और उन्हें रिहा करना पड़ा ।
Asaram Bapu's latest two news reports disappeared by media

🚩बापू आसारामजी ने उसके बाद एक भविष्यवाणी की थी, बताया था कि अब मेरे और मेरे आश्रम के खिलाफ षडयंत्र चलेगा, हमें बदनाम किया जाएगा और भी बहुत कुछ होगा ।
🚩उसके बाद मीडिया में बापू आसारामजी की बदनामी जोर शोर से चालू हो गई, साल 2008 में दो बच्चों को तांत्रिक विद्या से मारने का आरोप लगाया और मीडिया में खूब हो हल्ला हुआ, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें क्लीनचिट दे दी । फिर भी मीडिया उनके खिलाफ कुछ न कुछ झूठी अफवाहें फैलाती रही ।
🚩साल 2013 में उन पर छेड़छाड़  का आरोप लगा, लेकिन मीडिया ने बलात्कारी बाबा बोलकर खूब बदनाम किया किंतु आपको बता दें कि FIR में बलात्कार का आरोप नहीं था, उसमें केवल छेड़छाड़ी का आरोप था। मेडीकल में तो छेड़छाड़ी से भी क्लीनचिट मिल गई और आपको बता दें कि लड़की ने जिस समय की तथाकथित घटना बताई है, उसके कॉल डिटेल्स से पता चलता है कि उस समय वो अपने एक मित्र से बात कर रही थी और बापू आसारामजी उस समय किसी कार्यक्रम में थे जहां सैकड़ों लोग मौजूद थे, इन सबको अनदेखा किया और सेशन कोर्ट ने उन्हें उम्रकैद दे दी । उनके वकील का कहना था कि मीडिया ट्रायल के कारण जज ने दबाव में आकर फैसला दिया है, हाईकोर्ट से निर्दोष बरी हो जाएंगे ।
🚩अभी हम आपको जो दो लेटेस्ट खबरें बताने जा रहे हैं जो मीडिया ने छुपा दिया है उनमें से एक तो ये है कि बापू आसारामजी के कहने पर दीपावली पर्व पर देशभर में आश्रम व भक्तों द्वारा लाखों गरीब आदिवासियों में जीवनोपयोगी वस्तुओं का वितरण एवं भंडारा किया । जिससे गरीब आदिवासीयों की अच्छी दीपावली मनी और जो धर्मान्तरण हो रहा था उसपर रोक लग गई ।
🚩दूसरा उनके मुख्यालय अहमदाबाद आश्रम में एक बड़ी "दीपावली विद्यार्थी शिविर" हुई जिसमे हजारों विद्यार्थियों ने भाग लिया, जिसमे बच्चों ने सूर्योदय से दो घंटे पहले उठकर प्राणायाम का लाभ लिया । भगवन्नाम-जप, कीर्तन, ध्यान, प्रार्थना, सत्संग-श्रवण, योगासन, तुलसी-सेवन, सूर्य को अर्घ्यदान आदि भारतीय संस्कृति के आदर्श नियमों का अपनी दिनचर्या में पालन कर विद्यार्थियों ने सर्वांगीण उन्नति का अनुभव किया । जहाँ घर में दो बच्चों को संभालना मुश्किल हो जाता है वहाँ हजारों बच्चें शांतिपूर्ण, संयम से रहे ये कोई छोटी बात नहीं है और दीपावली पर्व पर अपने घर छोड़कर आश्रम में आकर रहे और जप-ध्यान-प्राणायाम करके अपने को उन्नत किया वे कोई छोटी खबर नही है पर मीडिया ने इसे भी छुपा दिया ।
🚩इस शिविर में माता-पिता के आज्ञा-पालन की महत्ता, परीक्षा में सफलता पाने के गुर, याददाश्त बढ़ाने के उपाय व स्वस्थ रहने की सरल युक्तियाँ सीखी-समझी । साथ ही भजन-कीर्तन, गायन, वक्तृत्व, मौखिक तथा लिखित स्पर्धाओं में बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया । 450 से अधिक विजेताओं को पुरस्कृत किया गया ।
🚩‘राष्ट्रीय बाल पुरस्कार’ से सम्मानित, देश-विदेश में जादू के 7000 से अधिक शो करनेवाली तथा कई टीवी चैनलों के टैलेंट एवं रियालिटी शो में भाग ले चुकी प्रसिद्ध जादूगर आँचल ने शिविर में बच्चों को जादू का खेल दिखाया एवं अपनी सफलता का राज बताते हुए कहा कि ‘‘मेरी सारी उपलब्धियाँ तथा योग्यताएँ केवल पूज्य बापूजी के आशीर्वाद की ही देन हैं ।’’ पर्यावरण सुरक्षा हेतु तुलसी, पीपल, आँवला व नीम जैसे वृक्षों के रोपण हेतु विद्यार्थियों को प्रेरित किया गया ।
अनुभवी डॉक्टरों द्वारा शिविरार्थियों को स्वास्थ्य-रक्षा विषयक उपयोगी जानकारी दी गयी ।
🚩शिविरार्थियों के हृदय में अपने गुरुदेव संत श्री आशारामजी बापू के प्रत्यक्ष दर्शन न होने की वेदना झलकती थी परंतु उन्हें पूरा भरोसा है कि बापूजी निर्दोष हैं और वे शीघ्र ही उनके बीच पधारेंगे ।
इस शिविर में बच्चों को 7 दिन तक देशी गाय के दूध, खजूर,चारोली व पुष्टिदायक औषधियों से युक्त खीर पर रहकर अनुष्ठान करने की व्यवस्था की गयी थी । हड्डियों तक के रोगों का शमन करनेवाले ‘पंचगव्य’ तथा मक्खन मिश्री के प्रसाद का लाभ भी विद्याथियों को मिला ।
🚩बापू आसारामजी के खिलाफ अनेक खबरें दिखाने वाली मीडिया इस सच्चाई को भले न दिखाए पर सोशल मीडिया के जरिये सच्चाई पहुँच रही है ।
🚩आपको बता दें कि बापू आसारामजी ने देश-विदेश में सनातन धर्म का इतना प्रचार प्रसार किया कि करोड़ों लोग एवं बुद्धिजीवी लोग उनके कथनानुसार जीवन जीने लगें जिससे वेटिकन सिटी को भारी नुकसान हुआ धर्मान्तरण का धंधा बंद होने लगा एवं करोड़ों लोग व्यसन और व्यभिचार छोड़कर संयमी बनने लगे और उनके द्वारा बताए गए घरेलू उपचार से स्वस्थ, सुखी होने लगे इसके कारण विदेशी प्रोडक्ट बिकने का बंद हो गए और मल्टीनेशनल कम्पनियों को अरबों-खबरों का नुकसान हुआ इसलिए मिशनरियों और विदेशी कम्पनियों ने कुछ करोड़ रुपये मीडिया को देकर उन्हें बदनाम करवाया और केस करके जेल भिजवाया ताकि उनकी दुकानें चलती रहे।
🚩आप सभी इस षड्यंत्र को अच्छी तरह समझें और उसका विरोध करें अन्यथा एक के बाद एक निर्दोष हिन्दू साधु-संत एवं हिंदुनिष्ठ नेता विधर्मियों कि चपेट में आते रहेंगे और हिन्दू संस्कृति खत्म कर दी जाएगी ।
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