Sunday, December 23, 2018

25 दिसंबर क्रिसमस डे या तुलसी पूजन दिवस...???

23 दिसंबर 2018

🚩 हमारा भारत देश ऋषि-मुनियों का देश रहा है, विदेशी आक्रमणकारियों ने भारत में आकर भारतीय दिव्य संस्कृति को खत्म करने के लिये अपनी पश्चिमी संस्कृति थोपना चाहा, लेकिन भारत में आज भी कई साधु-संत एवं हिन्दूनिष्ठ हैं जो भारत में राष्ट्र विरोधी विदेशी ताकतों से टक्कर लेकर भी समाज उत्थान के लिये हिन्दू संस्कृति को बचाने का दिव्य कार्य कर रहे हैं ।

🚩 ईसाई धर्म का त्यौहार 25  दिसम्बर से 1 जनवरी के बीच में मनाया जाता है, जिसमें Festival के नाम पर #शराब और #कबाब का जश्न मनाना, #डांस पार्टी आयोजित करके बेशर्मी का प्रदर्शन करना, पशुओं की हत्या करके उसका मांस खाना, सिगरेट, चरस आदि पीना यह सब किया जाता है जोकि भारतीय त्यौहारों के विरुद्ध है । ऐसा करना ऋषि-मुनियों की संतानों को शोभा नहीं देता है ।
December 25 Christmas day or Tulsi worship day 

रिपोर्ट के अनुसार- 25 दिसम्बर से 1 जनवरी तक 

> 14 से 19 वर्ष के #बच्चें शराब का जमकर सेवन करते हैं।

> शराब की खपत तीन गुना बढ़ जाती है ।

>70% तक के #किशोर इन #पार्टियों में #शराब का जमकर सेवन करते हैं ।

🚩इन सबसे बचने का और #संस्कृति व #राष्ट्र को बचाने का अचूक उपाय निकाला है हिन्दू संत #आसाराम बापू ने !

🚩 देश में #सुख, सौहार्द, स्वास्थ्य, शांति से जन-#समाज का #जीवन #मंगलमय हो इस लोकहितकारी उद्देश्य से प्राणिमात्र का हित करने के लिए हिन्दू #संत #आसाराम #बापू ने वर्ष 2014 से  25 दिसम्बर से 1 जनवरी तक (7 दिवसीय) "#विश्वगुरु भारत कार्यक्रम" का आयोजन चालू करवाया है उसमें #तुलसी पूजन, #जप-माला पूजन एवं #हवन, #गौ-गीता-गंगा जागृति यात्रा, #राष्ट्र जागृति संकीर्तन यात्रा, #व्यसनमुक्ति अभियान, योग प्रशिक्षण शिविर, #राष्ट्रविद्यार्थी उज्ज्वल भविष्य निर्माण शिविर, #सत्संग आदि कार्यक्रमों का आयोजन उनके #करोड़ो अनुयायियों द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों में किया जाता है ।

🚩2014 से 25 दिसम्बर को ‘#तुलसी पूजन दिवस' मनाना प्रारम्भ हुआ । इस #पर्व की लोकप्रियता #विश्वस्तर पर देखी गयी । 

पिछले साल भी उनके #करोड़ो अनुयायियों द्वारा 25 दिसंबर को #देश-विदेश में बड़ी धूम-धाम से #तुलसी पूजन मनाया गया था ।
जिसमें कई #हिन्दू #संगठनों और आम जनता ने भी लाभ उठाया था ।

🚩ताजा रिपोर्ट के अनुसार इस साल भी एक महीने से #देश-विदेश में क्रिसमस डे की जगह 25 दिसंबर "#तुलसी पूजन दिवस" निमित्त विद्यालयों, महाविद्यालयों, जाहिर स्थलों और #घर-घर तुलसी पूजन किया जा रहा है ।

🚩 हिन्दू #संत #आसाराम #बापू का कहना है कि तुलसी पूजन से बुद्धिबल, मनोबल, चारित्र्यबल व #आरोग्यबल बढ़ता है । मानसिक अवसाद, दुर्व्यसन, आत्महत्या आदि से लोगों की रक्षा होती है और लोगों को #भारतीय #संस्कृति के इस सूक्ष्म ऋषि-विज्ञान का लाभ मिलता है ।

🚩उनका कहना है कि #तुलसी का स्थान भारतीय #संस्कृति में पवित्र और महत्त्वपूर्ण है । #तुलसी को माता कहा गया है । यह #माँ के समान सभी प्रकार से हमारा रक्षण व पोषण करती है । #तुलसी पूजन, सेवन व रोपण से आरोग्य-लाभ, आर्थिक लाभ के साथ ही आध्यात्मिक लाभ भी होते हैं । 

🚩#विदेशों में भी होता है #तुलसी पूजन..!!

मात्र #भारत में ही नहीं वरन् #विश्व के कई अन्य देशों में भी #तुलसी को पूजनीय व शुभ माना गया है । ग्रीस में इस्टर्न चर्च नामक सम्प्रदाय में #तुलसी की पूजा होती थी और सेंट बेजिल जयंती के दिन ‘#नूतन वर्ष भाग्यशाली हो इस भावना से देवल में चढ़ाई गयी #तुलसी के प्रसाद को स्त्रियाँ अपने घर ले जाती थी।

🚩विज्ञान भी नतमस्तक..!!

आधुनिक विज्ञान भी #तुलसी पर शोध कर इसकी महिमा के आगे नतमस्तक है । आधुनिक रसायनशास्त्रियों के अनुसार ‘#तुलसी में रोग के कीटाणुओं को नाश करने की विशिष्ट शक्ति है । रोग-निवारण की दृष्टि से #तुलसी महौषधि है, अमृत है ।'

🚩#तुलसी पूजन की #शास्त्रों में महिमा
अनेक व्रतकथाओं, धर्मकथाओं, पुराणों में तुलसी महिमा के अनेकों आख्यान हैं । #भगवान #विष्णु या #श्रीकृष्ण की कोई भी पूजा-विधि ‘#तुलसी दल' के बिना परिपूर्ण नहीं मानी जाती । 

🚩 हिन्दू #संत #आसाराम #बापू के अनुसार अंग्रेजी नूतन वर्ष को मनाने हेतु #शराब-कबाब, व्यसन, दुराचार में गर्क होने से अपने देशवासी बच जाएं इस उद्देश्य से #राष्ट्र जागृति लाने के लिए तथा विधर्मियों द्वारा रचे जा रहे षड्यंत्रों के प्रति देशवासियों को जागरूक कर #भारतीय #संस्कृति की रक्षा के लिए व्यसनमुक्ति अभियान तथा #राष्ट्रविद्यार्थी उज्ज्वल #भविष्य निर्माण शिविर, जागृति संकीर्तन यात्राओं का आयोजन करें तथा देश के #संत-महापुरुष एवं #गौ, गीता, गंगा की महत्ता के बारे में जागृति लाएं । 

🚩गौरतलब है कि हिन्दू संत आसाराम बापू एक झूठे आरोप में 5 साल से अधिक समय से जोधपुर जेल में बंद हैं और अब तो उन्हें उसी झूठे आरोप में आजीवन कारावास की सज़ा दे दी गयी, लेकिन उनके बताए अनुसार उनके करोड़ों अनुयायी आज भी #समाज उत्थान के सेवाकार्य सुचार रूप से कर रहे हैं ।

🚩25 दिसम्बर को #तुलसी पूजन दिवस मनाना है । विदेशी कचरा हटाना है । सुसंस्कारों का सिंचन कराना है ।।। भारतीय संस्कृति को अपनाकर,भारत को विश्वगुरू के पद पर आसीन करना है ।।

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Saturday, December 22, 2018

रिपोर्ट में खुलासा : 700 पादरियों पर यौन शोषण का आरोप

22 दिसंबर 2018

🚩पश्चिमी देशों में चर्च में लड़के-लड़कियों, पुरुष-महिलाओं के यौन-शोषण के आरोपों की बाढ़ सी आ गयी है, ऐसा लगता है । ऐसे हजारों मामले अब दुनिया के सामने आ रहे हैं ।
हर महाद्वीप - एशिया, उत्तर अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप से ये शर्मनाक समाचार निकल रहे हैं कि कैथोलिक चर्च में दशकों से बच्चों का यौन-शोषण होता रहा है और अधिकारियों ने इस समाचार को छिपाने का प्रयास किया ।
Reports reveal: 700 priests accused of sexual abuse

🚩चर्च के अंदर सब कुछ गुप्त और रहस्यमय रखा जाता है । इससे इसके बारे में कई किताबें लिखी जाने के बावजूद भी परनाला (बड़ी नाली) वहाँ-का-वहाँ है । पश्चिम के मीडिया में चर्च की डार्क साइड (अंधकारमय पहलू) की चर्चा हो रही है ।

🚩अभी अमेरिका के इलिनोइस राज्य में 700 पादरियों पर बच्चों के साथ चर्च में यौन शोषण का मामला सामने आया है । अटॉर्नी जनरल के कार्यालय की ओर से जारी बयान में शोषण के आरोपों से निपटने में चर्च की असमर्थता की आलोचना की गई है ।

🚩अमेरिका के इलिनोइस राज्य में करीब 700 पादरियों पर बच्चों के यौन शोषण का आरोप है, जो इससे पहले कैथॉलिक चर्च की ओर से बताई गई संख्या से कहीं ज्यादा है । अमेरिका के मध्य पश्चिमी राज्य के शीर्ष अभियोजक ने यह खुलासा किया है । इलिनोइस की अटॉर्नी जनरल लीसा मैडिगन ने बुधवार को कहा कि चर्च ने ऐसे पादरियों की संख्या 185 बताई थी, लेकिन उनके कार्यालय की जांच में यह संख्या काफी कम पाई गई है ।

🚩अटॉर्नी जनरल के कार्यालय की ओर से जारी बयान में शोषण के आरोपों से निपटने में चर्च की असमर्थता की आलोचना की गई है । कार्यालय का कहना है कि आरोपों की जांच अधूरी रही और कई मामलों में कानून का पालन नहीं किया गया । उन्होंने यह भी कहा कि बाल कल्याण संस्थाओं को सूचना भी नहीं दी गई ।

🚩मैडिगन ने कहा ‘इस जांच के शुरूआती चरणों से पहले ही साफ हो चुका है कि कैथोलिक चर्च अपनी निगरानी नहीं कर सकता ।’ इसी साल अक्टूबर में पहली बार यौन शोषण के मामलों की जांच शुरू हुई थी ।

🚩न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में अनुसार अमेरिका में पेनसिलवेनिया में 300 से अधिक कैथोलिक पादरियों ने 1000 से अधिक बच्चों का यौन-शोषण किया था । रिपोर्ट के अनुसार हजारों ऐसे और भी मामले हो सकते हैं जिनका रिकॉर्ड नहीं है या जो लोग अब सामने नहीं आना चाहते ।

🚩अमेरिका में 1980 के बाद चर्च के अंदर चल रहे यौन-शोषण के मामलों पर चर्च को अभी तक 3.8 अरब डॉलर का मुआवजा देना पड़ा है । अमेरिका में यह शोषण इतना व्याप्त हो चुका है कि कई लॉ फर्म्स अभिभावकों से सम्पर्क कर पूछ रही हैं कि ‘‘क्या आपके बच्चे का यौन-शोषण तो नहीं हुआ ?’’ अधिकतर शिकार उस वक्त 8-12 वर्ष की आयु के बच्चे थे । 

🚩बी.बी.सी. के अनुसार ‘ऑस्ट्रेलिया के कस्बों से लेकर आयरलैंड के स्कूलों और अमेरिका के शहरों से कैथोलिक चर्च में पिछले कुछ दशकों में बच्चों के यौन-शोषण की शिकायतों की बाढ़ आ गयी है । इस बीच इस पर पर्दा डालने का प्रयास भी चल रहा है और शिकायतकर्ता यह कह रहे हैं कि ‘‘वेटिकन ने उनसे हुई ज्यादतियों पर उचित कार्यवाही नहीं की ।’’ 

🚩नीदरलैंड में एक समाचार के अनुसार वहाँ के आधे पादरी बच्चों के यौन-शोषण पर पर्दा डालने के अपराधी हैं । फ्रांस में हाल में एक पादरी पर चार भाइयों, जिनमें से सबसे छोटे की उम्र 3 वर्ष है, के यौन-शोषण का आरोप लगा है ।

🚩जर्मनी के प्रमुख अखबारों ने यह समाचार दिया है कि 1946 से 2014 के बीच 1600 पादरियों ने 3677 नाबालिगों का यौन-शोषण किया । जर्मन मीडिया के अनुसार छः में से एक मामला रेप का है । रिपोर्ट बनानेवालों के अनुसार यह संख्या बढ़ भी सकती है ।

🚩पवित्र हिन्दू साधु-संतों को बदनाम करने वाली भारतीय मीडिया इस पर चुप क्यों है ये बड़ा सवाल है ?

यदि किसी साधु-संत पर झूठे आरोप भी कोई लगा दे तो मीडिया डिबेट बैठाती है और सेकुलर भी छाती पीटने लगते हैं, लेकिन जब हजारों छोटे-छोटे बच्चे पीड़ित हो रहे हैं तो सबके सब दुबक कर बैठ गये हैं इसपर कुछ भी किसीकी को बोलने की हिम्मत नहीं हो पा रही है ।

🚩देश को तोड़ने के लिए हिन्दू संस्कृति के आधार स्तंभ साधु-संतों को टारगेट किया जा रहा है और ईसाई धर्म को फैलाने के लिए पादरियों के कुकर्मो को छुपाया जा रहा है इसलिए हिंदुस्तानी इस षड्यंत्र को समझकर सावधान रहें और संगठित हो धर्म पर हो रहे आक्रमण का विरोध करें ।

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Friday, December 21, 2018

जानिए 25 दिसम्बर क्रिसमस और संता क्‍लॉज का वास्तविक इतिहास

19 दिसंबर 2018
www.azaadbharat.org
🚩 यूरोप, अमेरिका आदि ईसाई देशों में इस समय #क्रिसमस डे की धूम है, लेकिन अधिकांश लोगों को तो ये पता ही नहीं है कि यह क्यों मनाया जाता है ।
🚩 भारत में भी कुछ भोले-भाले हिन्दू क्रिसमस की बधाई देते हैं और उनके साथ क्रिसमस मनाते हैं पर उनको भी नहीं पता है कि क्रिसमस क्यों मनाई जाती है ।
Know the actual history of Christmas and Santa Claus 25 December

🚩कुछ लोगों का भ्रम है कि इस दिन ईशदूत #यीशु मसीह का जन्मदिन होता है पर #सच्चाई यह है कि 25 दिसम्बर का ईसा मसीह के जन्मदिन से कोई सम्बन्ध ही नहीं है । #एन्नो डोमिनी काल प्रणाली के आधार पर यीशु का जन्म, 7 से 2 ई.पू. के बीच हुआ था ।
🚩 वास्तव में #पूर्व में 25 दिसम्बर को ‘#मकर संक्रांति' पर्व आता था और #यूरोप-अमेरिका आदि देश धूम-धाम से इस दिन #सूर्य उपासना करते थे । #सूर्य और पृथ्वी की गति के कारण #मकर संक्रांति लगभग 80 वर्षों में एक दिन आगे खिसक जाती है।
🚩सायनगणना के अनुसार 22 दिसंबर को #सूर्य उत्तरायण की ओर व 22 जून को दक्षिणायन की ओर गति करता है । #सायनगणना ही प्रत्यक्ष दृष्टिगोचर होती है । जिसके अनुसार 22 दिसंबर को #सूर्य क्षितिज वृत्त में अपने दक्षिण जाने की सीमा समाप्त करके उत्तर की ओर बढ़ना आरंभ करता है । #इसलिए 25 को मकर संक्रांति मनाते थे ।
🚩विश्व-कोष में दी गई जानकारी के अनुसार #सूर्य-पूजा को समाप्त करने के उद्देश्य से #क्रिसमस डे का प्रारम्भ किया गया ।
🚩ईस्वी सन् 325 में निकेया (अब इजनिक-तुर्की) नाम के स्थान पर सम्राट कांस्टेन्टाइन ने प्रमुख #पादरियों का एक सम्मेलन किया और उसमें ईसाईयत को प्रभावी करने की योजना बनाई गई ।
🚩पूरे #यूरोप के 318 पादरी उसमें सम्मिलित हुए । उसी में #निर्णय हुआ कि 25 दिसम्बर मकर संक्रान्ति को #सूर्य-पूजा के स्थान पर ईसा पूजा की परम्परा डाली जाये और इस बात को छिपाया जाये कि ईसा ने 17 वर्षों तक #भारत में धर्म शिक्षा प्राप्त की थी । इसी के साथ ईसा मसीह के मेग्डलेन से विवाह को भी नकार देने का निर्णय इस सम्मेलन में किया गया था । और बाद में #पहला क्रिसमस डे 25 दिसम्बर सन् 336 में मनाया गया ।
🚩आपको बता दें कि #यीशु ने #भारत के कश्मीर में ऋषि मुनियों से साधना सीखकर 17 साल तक #योग किया था बाद में वे रोम देश में गये तो वहाँ उनके स्वागत में पूरा रोम शहर सजाया गया और मेग्डलेन नाम की #प्रसिद्ध वेश्या ने उनके पैरों को इतर से धोया और अपने रेशमी लंबे बालों से यीशु के पैर पोछे थे ।
🚩बाद में #यीशु के अधिक लोक संपर्क से #योगबल खत्म हो गया और उनको सूली पर चढ़ा दिया गया तब पूरा रोम शहर उनके खिलाफ था । रोम शहर में से केवल 6 व्यक्ति ही उनके सूली पर चढ़ने से दुःखी थे ।
🚩क्या है #क्रिसमस और संता क्‍लॉज का कनेक्शन ?
क्या आप जानते हैं कि #जिंगल बेल गाते हुए और लाल रंग की ड्रेस पहने संता क्‍लॉज का क्रिसमस से क्या रिश्ता है..?
🚩संता क्‍लॉज का #क्रिसमस से कोई संबंध नहीं!!
आपको जानकर हैरत होगी कि #संता क्‍लॉज का क्रिसमस से कोई संबंध नहीं है ।
🚩ऐसे प्रमाण मिलते हैं कि #तुर्किस्तान के मीरा नामक शहर के बिशप #संत निकोलस के नाम पर सांता क्‍लॉज का चलन करीब चौथी सदी में शुरू हुआ था, वे गरीब और बेसहारा बच्‍चों को तोहफे दिया करते थे।
🚩#अब न यीशु का क्रिसमस से कोई लेना देना है और न ही संता क्‍लॉज से ।
फिर भी #भारत में पढ़े लिखे लोग बिना कारण का पर्व मनाते हैं ये सब #भारतीय #संस्कृति को खत्म करके #ईसाईकरण करने के लिए #भारत में  #क्रिसमस डे मनाया जाता है। इसलिये आप #सावधान रहें ।
🚩ध्यान रहे हिन्दुओं का #नव वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से शुरु होता है ।
हिन्दू महान #भारतीय #संस्कृति के महान ऋषि -मुनियों की #संतानें हैं इसलिये दारू पीने वाला-मांस खाने वाला #अंग्रेजो का #नववर्ष मनाये ये भारतीयों को शोभा नहीं देता है ।

🚩क्या अंग्रेज भारतीय #नव वर्ष मनाते है ?
नहीं!!
फिर भारतीय क्यों उनका #नववर्ष मनाएं..???
🚩भारत में जितने #सरकारी कार्य है वो 31 मार्च को बन्द होकर 2 अप्रैल से नये तरीके से शुरू होते हैं क्योंकि भारतीय नववर्ष उसी समय आता है ।
🚩 हिन्दू #संतों ने हमें सदा भारत की दिव्य #संस्कृति से परिचित कराया है और आज भी #हिन्दू #संत #हिन्दू संस्कृति की सुवास चारों दिशाओं में फैला रहे हैं। इसी कारण उन्हें विधर्मियों द्वारा न जाने कितना कुछ सहन भी करना पड़ा है ।
🚩अभी गत वर्ष 2014 से देश में सुख, सौहार्द, स्वास्थ्य व् शांति से जन मानस का जीवन #मंगलमय हो इस लोकहितकारी उद्देश्य से हिदू #संत #आसाराम #बापू ने 25 दिसम्बर "तुलसी पूजन दिवस" के रूप में शुरू करवाया, भारतवासी भी 25 दिसम्बर #तुलसी पूजन करके मनाये ।
🚩तुलसी के पूजन से मनोबल, चारित्र्यबल व् आरोग्य बल बढ़ता है,मानसिक अवसाद व आत्महत्या आदि से रक्षा होती है।
🚩 मरने के बाद भी #मोक्ष देनेवाली #तुलसी पूजन की महत्ता बताकर जन-मानस को #भारतीय #संस्कृति के इस सूक्ष्म ऋषि विज्ञान से परिचित कराया हिन्दू संतों ने ।
🚩धन्य है ऐसे #संत जो अपने साथ हो रहे अन्याय,अत्याचार को न देखकर #संस्कृति की सेवा में आज भी सेवारत हैं ।
🚩 25 दिसम्बर को प्लास्टिक के पेड़ पर बल्ब जलाने की बजाय 24 घण्टे ऑक्सीजन देने वाली माता तुलसी का पूजन करें ।
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