Wednesday, December 26, 2018

जानिए 1 जनवरी का इतिहास, इस दिन कैसे मनाना शुरू हुआ नववर्ष ?

26 दिसंबर 2018

🚩अपनी संस्कृति का ज्ञान न होने के कारण आज हिन्दू भी 31 दिसंबर की रात्रि में एक-दूसरे को हैपी न्यू इयर कहते हुए नववर्ष की शुभकामनाएं देते हैं ।

🚩वास्तविकता यह है कि #भारतीय #संस्कृति के अनुसार #चैत्र-प्रतिपदा ही #हिंदुओं का #नववर्ष का दिन है । किंतु कुछ हिन्दुस्तानी आज भी अंग्रेजों के मानसिक गुलाम बने हुए 31 दिसंबर की रात्रि में नववर्ष मनाने लगे हैं और भारतीय वर्षारंभ दिन चैत्र प्रतिपदा पर नववर्ष मनाना और एक-दूसरे को शुभकामनाएं देनेवाले हिंदुओं के दर्शन दुर्लभ हो गए हैं ।
     
🚩नव वर्ष उत्सव 4000 वर्ष पहले से बेबीलोन में मनाया जाता था। लेकिन उस समय नए वर्ष का ये त्यौहार 21 मार्च को मनाया जाता था जो कि वसंत के आगमन की तिथि (हिन्दुओं का नववर्ष ) भी मानी जाती थी। प्राचीन रोम में भी ये तिथि नव वर्षोत्सव के लिए चुनी गई थी लेकिन रोम के तानाशाह जूलियस सीजर को भारतीय नववर्ष मनाना पसन्द नही आ रहा था इसलिए उसने ईसा पूर्व 45वें वर्ष में जूलियन कैलेंडर की स्थापना की, उस समय विश्व में पहली बार 1 जनवरी को नए वर्ष का उत्सव मनाया गया। ऐसा करने के लिए जूलियस सीजर को पिछला वर्ष, यानि, ईसापूर्व 46 ईस्वी को 445 दिनों का करना पड़ा था ।
Know the history of 1 January, how to celebrate this day New Year?

🚩उसके बाद भारतीय नववर्ष के अनुसार छोड़कर ईसाई समुदाय उनके देशों में 1 जनवरी से नववर्ष मनाने लगे ।

🚩भारत देश में अंग्रेजों ने ईस्ट इंडिया कम्पनी की 1757 में  स्थापना की । उसके बाद भारत को 190 साल तक गुलाम बनाकर रखा गया। इसमें वो लोग लगे हुए थे जो भारत की ऋषि-मुनियों की प्राचीन सनातन संस्कृति को मिटाने में कार्यरत थे। लॉड मैकाले ने सबसे पहले भारत का इतिहास बदलने का प्रयास किया जिसमें गुरुकुलों में हमारी वैदिक शिक्षण पद्धति को बदला गया ।

🚩भारत का प्राचीन इतिहास बदला गया जिसमें भारतीय अपने मूल इतिहास को भूल गये और अंग्रेजों का गुलाम बनाने वाले इतिहास याद रह गया और आज कई भोले-भाले भारतवासी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को नववर्ष नही मनाकर 1 जनवरी को ही नववर्ष मनाने लगे ।

🚩हद तो तब हो जाती है जब एक दूसरे को नववर्ष की बधाई देने लग जाते हैं ।

🚩क्या ईसाई देशों में हिन्दुओं को हिन्दू नववर्ष की बधाई दी जाती है..???

🚩किसी भी #ईसाई #देश में #हिन्दू #नववर्ष #नहीं मनाया जाता है फिर भोले भारतवासी उनका नववर्ष क्यों #मनाते हैं?

🚩यह आने वाला नया वर्ष 2019 अंग्रेजों अर्थात ईसाई धर्म का नया साल है।

🚩मुस्लिम का नया साल होता है और वो हिजरी कहलाता है इस समय 1438 हिजरी चल रही है।

🚩हिन्दू धर्म का इस समय विक्रम संवत 2075 चल रहा है।

🚩इससे सिद्ध हो गया कि हिन्दू धर्म ही सबसे पुराना धर्म है । 

🚩इस विक्रम संवत से 5000 साल पहले इस धरती पर भगवान विष्णु श्रीकृष्ण के रूप में अवतरित हुए । उनसे पहले भगवान राम, और अन्य अवतार हुए यानि जबसे पृथ्वी का प्रारम्भ हुआ तबसे सनातन (हिन्दू) धर्म है। 

🚩कहाँ करोडों वर्ष पुराना हमारा सनातन धर्म और कहाँ भारतीय अपनी गरिमा से गिर 2000 साल पुराना नववर्ष मना रहे हैं!

🚩जरा सोचिए....!!!

🚩सीधे-सीधे शब्दों में #हिन्दू #धर्म ही #सब #धर्मों की #जननी है। 

🚩यहाँ किसी धर्म का विरोध नहीं है परन्तु  सभी भारतवासियों को बताना चाहते हैं कि इंग्लिश कैलेंडर के बदलने से हिन्दू वर्ष नहीं बदलता!

🚩जब बच्चा पैदा होता है तो पंडित जी द्वारा उसका नामकरण कैलेंडर से नहीं हिन्दू पंचांग से किया जाता है । ग्रहदोष भी हिन्दू पंचाग से देखे जाते हैं और विवाह,जन्मकुंडली आदि का मिलान भी हिन्दू पंचाग से ही होता है । सारे #व्रत #त्यौहार #हिन्दू #पंचाग से आते हैं। मरने के बाद तेरहवाँ भी हिन्दू पंचाग से ही देखा जाता है।

🚩मकान का उद्घाटन, जन्मपत्री, स्वास्थ्य रोग और अन्य सभी समस्याओं का निराकरण भी हिन्दू कैलेंडर {पंचाग} से ही होता है।

🚩आप जानते हैं कि रामनवमी, जन्माष्टमी, होली, दीपावली, राखी, भाई दूज, करवा चौथ, एकादशी, शिवरात्री, नवरात्रि, दुर्गापूजा सभी #विक्रमी #संवत #कैलेंडर से ही #निर्धारित होते हैं  | इंग्लिश कैलेंडर में इनका कोई स्थान नहीं होता।

🚩सोचिये! आपके इस सनातन धर्म के जीवन में इंग्लिश नववर्ष या कैलेंडर का स्थान है कहाँ ? 

🚩1 जनवरी को क्या नया हो रहा है..????

न ऋतु बदली ...न मौसम...
न कक्षा बदली... न सत्र....
न फसल बदली...न खेती.....
न पेड़ पौधों की रंगत...

🚩न सूर्य चाँद सितारों की दिशा.... ना ही नक्षत्र ..... हाँ, नए साल के नाम पर करोड़ो /अरबों जीवों की हत्या व करोड़ों /अरबों गैलन शराब का पान व रात पर फूहणता अवश्य होगी।

🚩भारतीय संस्कृति का नव संवत्  ही नया साल है.... जब ब्रह्माण्ड से लेकर सूर्य चाँद की  दिशा, मौसम, फसल, कक्षा, नक्षत्र, पौधों की नई पत्तिया, किसान की नई फसल, विद्यार्थी की नई कक्षा, मनुष्य में नया रक्त संचरण आदि परिवर्तन होते है जो विज्ञान आधारित है और चैत्र नवरात्रि का पहला दिन होने के कारण घर, मन्दिर, गली, दुकान सभी जगह पूजा-पाठ व भक्ति का पवित्र वातावरण होता है ।

🚩अतः #हिन्दुस्तानी अपनी मानसिकता को बदले, विज्ञान आधारित भारतीय काल गणना को पहचाने और #चैत्री #शुक्ल पक्ष #प्रतिपदा के दिन ही #नूतन #वर्ष #मनाये।

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Tuesday, December 25, 2018

क्रिसमस की जगह लोगों ने मनाया तुलसी पूजन दिवस

25 दिसंबर 2018
www.azaadbharat.org
🚩अंग्रेजों ने भारत में आकर बड़ी चालाकी से हिन्दू धर्म को मिटाने के लिए हिन्दू संस्कृति को हटाकर अपनी पश्चिमी संस्कृति थोपनी चाही, गत वर्षों तक इसका प्रभाव जनमानस पर देखने को मिला, लेकिन आज देश की जनता जागरूक होने लगी है, धीरे-धीरे जनता पश्चिमी संस्कृति को भूल रही है और भारत की दिव्य संस्कृति की तरफ लौट रही है ।
🚩25 दिसंबर निमित्त क्रिसमस डे की जगह देश-विदेश में विद्यालयों में, गांवों में, शहरों में, मन्दिरों आदि जगह-जगह पर तुलसी पूजन दिवस मनाया गया ।

People celebrate Christmas in place of Tulsi worship day
🚩आपको बता दें कि केवल #हिन्दू ही नही मुस्लिम, ईसाई, फारसी लोगों ने भी 25 दिसंबर को #तुलसी पूजन दिवस मनाया ।
🚩केवल जमीनी स्तर पर ही नहीं बल्कि ट्वीटर, फेसबुक आदि सोशल साइट्स पर भी कल से #तुलसी पूजन दिवस की धूम मची है ।
🚩गौरतलब है कि 2014 से 25 दिसंबर को #तुलसी पूजन हिंदू संत आसारामजी बापू की प्रेरणा से उनके करोड़ो अनुयायियों द्वारा जगह-जगह पर मनाना प्रारंभ किया गया । उसके बाद तो 2015 से इस अभियान ने #विश्वव्यापी रूप धारण कर लिया और अब 2018 में तो #देश-विदेश में अनेक जगहों पर #हिन्दू मुस्लिम और अन्य धर्मों की जनता भी उत्साहित होकर इस दिन को एक त्यौहार के रूप में मना रही है ।
🚩संत #आसारामजी #आश्रम द्वारा बताया गया कि उनके अनुयायियों द्वारा #विश्वभर में विद्यालयों, महाविद्यालयों और जाहिर जगहों पर एवं घर-घर #तुलसी पूजन त्यौहार मनाया जा रहा है ।
🚩नीचे दी गई लिंक पर आप देख सकते हैं कि किस प्रकार देश-विदेश के अनगिणत लोग #तुलसी पूजन द्वारा लाभान्वित हो रहे हैं ।
🚩ट्वीटर, फेसबुक आदि सोशल साइट्स पर #तुलसी पूजन दिवस निमित्त #देशभर के स्कूल, कॉलेज, गाँवो, शहरों में हुए #तुलसी पूजन तथा यात्राओं के साथ हुए तुलसी वितरण के फोटोज अपलोड हुए हैं ।
🚩मंगलवार को ट्वीटर पर ट्रेंड करता हैशटैग- #तुलसी_पूजन_दिवस दिखाई दिया।
🚩आम जनता के साथ राष्ट्रवादी नेताओं, पत्रकार आदि ने भी ट्वीट करके इस दिन तुलसी पूजन करने का समर्थन किया है ।
🚩आइये कुछ ट्वीट्स द्वारा जाने लोगों के मनोभाव...
🚩1.) सुदर्शन न्यूज़ के चेयरमैन सुरेश चव्हाणके कहते हैं कि आज #तुलसी_पूजन_दिवस पर #तुलसी मैया का पुजन किया। विदेशी, अनउपयोगी  #Christmas tree के बजाए हमारे माटी कि, स्वदेशी, स्वधर्म की पर्यावरण पुरक सदैव प्राणवायु देने वाली #तुलसी_पूजन करे  https://t.co/tBtXuWuir8
🚩2.) जनार्दन मिश्रा कहते हैं कि भारत मे रहने वाला आदमी हूं साहेब यहां गिफ्ट देने "सांता" नही,आशिर्वाद देने "संत" आते है।
तुलसी दिवस की शुभकामनाएं
https://twitter.com/JBMIS/status/1077489884984573953?s=19
🚩3.) लोक कल्याण सेतु हैंडल से लिखा गया कि पूज्यपाद संत श्री आशारामजी बापू द्वारा प्रेरित 25 दिसम्बर #तुलसी_पूजन_दिवस की हार्दिक बधाई।
जिस घर में तुलसी का पौधा हो उस घर में दरिद्रता नहीं रहती। जहाँ तुलसी विराजमान होती हैं, वहाँ दुःख, भय और रोग नहीं ठहरते। (पद्म पुराण, उत्तर खण्ड) https://t.co/II4AYv2gWB
🚩4.) कलराज मिश्र कहते हैं कि
आप सभी को तुलसी पूजन दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
https://twitter.com/KalrajMishra/status/1077415606385688578?s=19
🚩5.) योगी आदित्यनाथ के हैंडल से लिखा था कि आज 25 दिसंबर को तुलसी पूजन दिवस है। आप सभी को तुलसी पूजन दिवस की शुभकामनायें।
https://twitter.com/YogiAdityanath_/status/1077397163695620101?s=19
🚩6.) पूजा गोस्वामी लिखती हैं कि क्रिसमस के अवसर पर किसी महत्वहीन से पौधे क्रिसमस ट्री के सामने बल्ब जलाकर मूर्ख बनने से बेहतर है, कि पवित्र #तुलसी के नीचे दीपक जलाकर और उसके गुणों की महत्ता स्वीकार को जाना जाए और आने वाली पीढ़ी को भी बताया जाये...
https://twitter.com/iPoojaGoswami/status/1077398012077527041?s=19
🚩7.) नागिन शेखावत लिखती हैं कि श्री राम को काल्पनिक पात्र बताने वाले लोग क्रिसमस पर ऐसे एक्साइट हो जाते हैं जैसे सांता क्लॉज़ इन्ही का फूफा था....
https://twitter.com/nageenshekhawat/status/1077433499815235585?s=19
🚩इस प्रकार से अनेकों ट्वीटस हमें देखने को मिली जिसके जरिये लोगों ने बापू आसाराम जी द्वारा प्रेरित #तुलसी पूजन  दिवस को सराहा भी और इस दिन को हिन्दू संस्कृति अनुसार मनाने का खुद भी आह्वाहन किया तथा औरों को भी प्रेरित किया ।
🚩बापू आसारामजी के अनुयायियों के साथ-साथ अनेक #हिन्दू संगठन और देश-विदेश के लोग भी मना रहे थे #तुलसी पूजन का त्यौहार!!
🚩आपको बता दें कि #डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी, स्वर्गीय श्री अशोक सिंघल जी और सुदर्शन न्यूज के सुरेश चव्हाणके और भी कई बड़ी हस्तियां #आसारामजी #बापू को जेल में मिलकर आये थे और उन्होंने बताया कि #बापूजी ने देशहित के अतुलनीय कार्य किये है और ईसाई धर्मांतरण पर रोक लगाई है, इसलिए उनको षड़यंत्र के तहत फंसाया गया है।
🚩आज तक देखने में आया है कि #बापू #आसारामजी के अनुयायियों ने अपने गुरुदेव से प्रेरणा पाकर हमेशा विदेशी अंधानुकरण का विरोध किया है और हिन्दू संस्कृति का समर्थन किया है ।
🚩आज भले #बापू #आसारामजी अंतर्राष्ट्रीय षड़यंत्र के तहत जेल में हों लेकिन आज भी उनके द्वारा प्रेरित किये गए #सेवाकार्यों की सुवास #समाज में देखने को मिलती है। जैसे 14 फरवरी को #मातृ-पितृ पूजन दिवस, #गौ-पूजन, दीपावली पर गरीबों में भंडारा, गीता जयंती निमित्त रैलियां, यात्रायें आदि आदि ।
🚩पर मीडिया का कैमरा कभी उस सच्चाई तक नहीं गया, कभी उन सेवाकार्यों तक नहीं गया जिससे मानवमात्र लाभान्वित हो रहा है ।  अगर आप गौर करेंगे तो मीडिया ने जब भी बापू आसाराम जी के लिए कुछ बोला तो हमेशा समाज में उनकी छवि धूमिल करने का ही प्रयास किया। उनकी क्या हर हिन्दू संत, हर हिन्दू कार्यकर्ता की छवि को धूमिल करने का प्रयास मीडिया द्वारा होता ही आया है ।
🚩मीडिया के इस दोगलेपन के पीछे का राज है कि  मीडिया विदेशी फंड से चलती है । इसलिए ये समाज को वही दिखाती है जो इसे दिखाने के लिए कहा जाता है । इन्हें सत्य से कुछ लेना-देना नहीं, हर न्यूज के दाम फिक्स होते हैं । ऐसी मीडिया पर आप कब तक भरोसा करेंगे ???
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