Saturday, May 18, 2019

लव जिहाद की सच्चाई जानकर आपके भी खड़े हो जाएंगे रोंगटे

18 मई 2019
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🚩लव जिहाद द्वारा हिन्दू युवतियों को छल करके प्रेम जाल में फँसाने की अनेक घटनाएँ सामने आई हैं, बाद में वही लड़कियां बहुत पश्चाताप करती हैं क्योंकि वहाँ उनकी जिंदगी नर्क जैसी हो जाती है, धर्मपरिवर्तन करने का दबाव बनाया जाता है, उसकी अनेक पत्नियां होती हैं, गौमाँस खिलाया जाता है, दर्जनों बच्चे पैदा करते हैं, पिटाई करते हैं, तलाक भी दिया जाता है, यहाँ तक कि लव जिहाद में फंसाकर उनको आतंकवादियों के पास भेजने की भी अनेक घटनाएं सामने आई हैं ।
🚩लव जिहाद होने की नौबत तब आती है जब अपनी बेटियों को धर्म की शिक्षा नहीं दी जाती है और उनको सनातन संस्कृति की महानता नहीं बताई जाती है उस अनुसार उनको कार्य करने को प्रेरित न करने के कारण आज हिन्दू बेटियां लव जिहाद में फंस रही हैं उसके लिए मुख्य जिम्मेदार उनके माता-पिता ही हैं ।

🚩लव जिहाद देश की सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है, साल में लाखों हिन्दू लड़कियों का ब्रेनवाश करके लव जिहाद में फंसाया जाता है, कुछ हिन्दू लड़कियों से जबरन शादी कर लेते हैं, इसके पीछे मुस्लिम देश सऊदी अरब आदि की भारी फंडिग आती है जिसके जरिये मुस्लिम लड़के अपना असली नाम छुपाकर हिन्दू नाम रख लेते हैं और स्कूल, कॉलेजों के बाहर, हिन्दू इलाकों के आसपास बाइक लेकर घूमते हैं और किसी हिन्दू लड़की से मीठी-मीठी बात करके उसको फंसाकर उससे शादी कर लेते हैं उसके बाद उसको भयंकर प्रताड़ित किया जाता है, यहाँ तक कई हिन्दू लड़कियों ने लव जिहाद में फंसकर शादी के बाद आत्महत्या तक कर ली है ।
🚩वर्तमान में एक घटना सामने आई है जो इस बात पुष्टि भी करती है..
🚩दिल्ली रोहिणी सेक्टर-4 विजय विहार फेज-दो निवासी हाल वार्ड दो सादुलपुर निवासी पीड़िता ने थानाधिकारी को लिखित शिकायत कर बताया कि सैयद मनीर हुसैन के साथ उसकी शादी 8 फरवरी 2019 को तीस हजारी कोर्ट आर्य समाज मंदिर में हिंदू रिति-रिवाज के साथ संपन्न हुई थी। शादी के बाद से वह अपने पति मनीर हुसैन के साथ सादुलपुर वार्ड दो में निवास कर रही है। आरोप लगाया कि शादी के पांच-छह दिन बाद आरोपित पति मनीर हुसैन उर्फ साहिल ने बताया कि मैं तुमसे हिंदू बनकर विवाह किया है। जबकि मैं मुसलमान धर्म से ताल्लुक रखता हूं एवं पूर्व मैं भी शादीशुदा हूं। मेरी पहले वाली पत्नी कश्मीर राज्य में रहती है। मैं मुस्लिम धर्म के प्रचारकों की ओर से चलाए जा रहे लवजिहाद अभियान का कट्टर सदस्य हूं तथा हिंदू लड़कियों को प्यार के झूठे जाल में फंसाकर व बड़े सपने दिखाकर उनसे शादी करना मेरा काम है।
🚩आरोपित पति उसे धर्म-परिवर्तन के लिए मजबूर करता था-
🚩पीड़िता ने आरोप लगाया कि आरोपित पति उसे धर्म-परिवर्तन के लिए मजबूर करता था। जिसके बाद उसने अपने पति साहिल से कहा कि धोखे में रखकर शादी की है। अब तुम्हारे साथ पत्नी के रूप में नहीं रहूंगी तथा अपने साथ शारीरिक संबंध बनाने व साथ रहने से भी मना कर दिया। पीड़िता ने आरोप लगाया कि आरोपित उसे पिस्तौल दिखाकर परिवार व उसे जान से मारने की धमकी देते हुए अपने किराए के मकान वार्ड दो सादुलपुर में जबरन रोके रखा, कहीं बाहर नहीं जाने देता था एवं खुद बाहर जाता तो मकान का ताला लगाकर चला जाता तथा इच्छा के विरुद्ध नशा करके जबरन शारीरिक संबंध बनाता था एवं पिस्तौल की नोक पर अप्राकृतिक मैथून के लिए मजबूर करता था। साथ ही आरोप लगाया कि उसे हिंदू धर्म के अनुसार पूजा-पाठ व नित्यकर्म भी नहीं करने देता था, तथा मारपीट करते हुए भूखा-प्यासा रखकर कमरे में बंद कर प्रताड़ित करता था । पीड़िता ने आरोप लगाया कि आरोपित ने धोखा देने की नियत से उसकी जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया है तथा अपनी पूर्व शादी तथा धर्म छिपाकर उसके साथ दूसरा विवाह किया है।
स्त्रोत - फर्स्ट इंडिया न्यूज
http://dhunt.in/68mjL?s=a&ss=wsp
🚩लव जिहाद क्यों किया जाता है ?
गैर मुसलमानों का शीघ्रता से ईस्लामीकरण हो । क्योंकि जब किसी भी जाति को समाप्त करना हो तो उनकी स्त्रियों को दूषित किया जाता है । जिससे कि वो अपने समाज में आत्म सम्मान खो दें और दूसरे समाज में जाने को बाध्य हो सकें । मुसलमान लड़के लव जिहाद द्वारा हिन्दू लड़कियों को फंसाकर उनकी सम्पत्ति के मालिक बन रहे हैं । लव जिहाद का मुख्य उद्देश्य है अलतकियाह, ( गज़्वा ए हिन्द ) यानि हिंदुस्तान का ईस्लामीकरण ।
🚩हिन्दू बेटियों में सु धर्म के संस्कार नहीं दिए इसके कारण वे लव जिहाद में फंस जाती हैं ।
अब बचपन से ही बेटी को धर्म शिक्षा देकर सुसंस्कारित करें ! :
🚩1. बचपन से ही बेटी पर हिन्दू धर्म के पारिवारिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक नीतिमूल्यों का संस्कार करें !
2. हिन्दू वंश और हिन्दुस्तान में जन्म होने का अभिमान बेटी में जागृत करें !
🚩शील से अधिक मूल्यवान कोई वस्तु नहीं !!
जिहादीयों द्वारा एक बार शील भ्रष्ट हुआ, तो वह पुनः प्राप्त नहीं किया जा सकता एवं स्त्री के जीवन में शील से अधिक मूल्यवान वस्तु कोई नहीं । अपने शील की रक्षा करने के लिए अपना संपूर्ण शरीर अग्नि की भेंट चढ़ानेवाली राजपूत स्त्रियां हमारी आदर्श हैं ।
धर्म-परिवर्तन से होनेवाली हानि ध्यान में रखें
🚩‘स्वधर्मे निधनं श्रेयः परधर्मो भयावहः ।’ श्रीमद्भगवद्गीताके इस वचन के अनुसार ‘स्वधर्म ही श्रेष्ठ है । परधर्ममें जाना, अत्यंत भयानक (नरकसमान) होता है ।’ हिन्दू परिवार में जन्म लेकर इस्लाम धर्म में जानेवाली युवतियों के मन पर हिन्दू धर्म का संस्कार होता है । इसलिए उन्हें इस्लाम धर्मानुसार आचरण करना अत्यंत कठिन होता है ।
🚩हिन्दू धर्म की श्रेष्ठता ध्यानमें रखें !
विश्व में हिन्दू धर्म महान है एवं यह ईश्वरप्राप्ति करवानेवाला एकमात्र धर्म है । तात्कालिक सुख पाने के लोभ में पड़कर परधर्म में जाना, अपने पारलौकिक जीवन की अधोगति का अंत करने समान है ।
🚩इजराइल में ज्यू और मुसलमानों के विवाह पर वैधानिक प्रतिबंध है । #हिंदुस्तान में भी ‘लव जिहाद’ रोकने के लिए #इजराइल के समान विधान बनाने की आवश्यकता है । हिंदुओ, इसके लिए अपने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और मंत्रियों को संगठितरूप से निवेदन देकर लव जिहाद के विरुद्ध विधान बनाने की मांग करें ।
🚩लव जिहाद’ पर स्वा. सावरकर हिंदुओं से कहते हैं, ‘अपनी स्त्रियों को शत्रु भगा ले जाकर मुसलमान बनाते हैं, तो उनसे उत्पन्न लड़के आगे चलकर हमारे शत्रु बनते हैं । इसलिए उन स्त्रियों को छुड़ाकर पुनः अपने धर्म में लाएं ।’ अपनी बेटियों को परधर्म में न जाने देने के लिए सदैव सावधान रहना, यह जैसे ‘लव जिहाद’को रोकने का एक मार्ग है, तो दूसरा मार्ग है – सावरकर के विचारों के अनुसार ‘लव जिहाद’की बलि चढ़ी युवतियों को छुड़ाकर, शुद्ध कर, पुनः स्वधर्म में सम्मिलित कर लेना । ‘लव जिहाद’को रोकने के लिए इस दूसरे मार्ग का तुरंत अवलंबन भी हिंदू समाज को करना चाहिए !
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Friday, May 17, 2019

भगवान बुद्ध ने समाज को जगाया पर उनके खिलाफ ही रचा गया षड्यंत्र

17 मई 2019
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🚩 भगवान बुद्ध का जन्म 483 और 563 ईस्वी पूर्व के बीच शाक्यगणराज्य की तत्कालीन राजधानी कपिलवस्तु के निकटलुंबिनी, नेपाल में हुआ था । लुम्बिनी वन नेपाल के तराई क्षेत्र में कपिलवस्तु और देवदह के बीच नौतनवा स्टेशन से 8 मील दूर पश्चिम में रुक्मिनदेई नामक स्थान के पास स्थित था ।
🚩 कपिलवस्तु की महारानी महामाया देवी को अपने नैहर देवदह जाते हुए रास्ते में प्रसव पीड़ा हुई और वहीं उन्होंने एक बालक को जन्म दिया । शिशु का नाम सिद्धार्थ रखा गया ।
🚩कपिलवस्तु के राजा शुद्धोदन का युवराज था सिद्धार्थ! यौवन में कदम रखते ही विवेक और वैराग्य जाग उठा। युवान पत्नी यशोधरा और नवजात शिशु राहुल की मोह-ममता की रेशमी जंजीर काटकर महाभीनिष्क्रमण (गृहत्याग) किया। एकान्त अरण्य में जाकर गहन ध्यान साधना करके अपने साध्य तत्त्व को प्राप्त कर लिया।
🚩एकान्त में तपश्चर्या और ध्यान साधना से खिले हुए इस आध्यात्मिक कुसुम की मधुर सौरभ लोगों में फैलने लगी। अब सिद्धार्थ भगवान बुद्ध के नाम से जन-समूह में प्रसिद्ध हुए। हजारों हजारों लोग उनके उपदिष्ट मार्ग पर चलने लगे और अपनी अपनी योग्यता के मुताबिक आध्यात्मिक यात्रा में आगे बढ़ते हुए आत्मिक शांति प्राप्त करने लगे। असंख्य लोग बौद्ध भिक्षुक बनकर भगवान बुद्ध के सान्निध्य में रहने लगे। उनके पीछे चलने वाले अनुयायियों का एक संघ स्थापित हो गया।

🚩चहुँ ओर नाद गूँजने लगे :
 *बुद्धं शरणं गच्छामि।*
धम्मं शरणं गच्छामि।
संघं शरणं गच्छामि।
🚩श्रावस्ती नगरी में भगवान बुद्ध का बहुत यश फैला। लोगों में उनकी जय-जयकार होने लगी। लोगों की भीड़-भाड़ से विरक्त होकर बुद्ध नगर से बाहर जेतवन में आम के बगीचे में रहने लगे। नगर के पिपासु जन बड़ी तादाद में वहाँ हररोज निश्चित समय पर पहुँच जाते और उपदेश-प्रवचन सुनते। बड़े-बड़े राजा महाराजा भगवान बुद्ध के सान्निध्य में आने जाने लगे।
🚩समाज में तो हर प्रकार के लोग होते हैं। अनादि काल से दैवी सम्पदा के लोग एवं आसुरी सम्पदा के लोग हुआ करते हैं। बुद्ध का फैलता हुआ यश देखकर उनका तेजोद्वेष करने वाले लोग जलने लगे। और जैसा कि संतों के साथ हमेशा से होता आ रहा है ऐसे उन दुष्ट तत्त्वों ने बुद्ध को बदनाम करने के लिए कुप्रचार किया। विभिन्न प्रकार की युक्ति-प्रयुक्तियाँ लड़ाकर बुद्ध के यश को हानि पहुँचे ऐसी बातें समाज में वे लोग फैलाने लगे। उन दुष्टों ने अपने षड्यंत्र में एक वेश्या को समझा-बुझाकर शामिल कर लिया।
🚩वेश्या बन-ठनकर जेतवन में भगवान बुद्ध के निवास-स्थान वाले बगीचे में जाने लगी। धनराशि के साथ दुष्टों का हर प्रकार से सहारा एवं प्रोत्साहन उसे मिल रहा था। रात्रि को वहीं रहकर सुबह नगर में वापिस लौट आती। अपनी सखियों में भी उसने बात फैलाई।
🚩लोग उससे पूछने लगेः "अरी! आजकल तू दिखती नहीं है?कहाँ जा रही है रोज रात को?"
"मैं तो रोज रात को जेतवन जाती हूँ। वे बुद्ध दिन में लोगों को उपदेश देते हैं और रात्रि के समय मेरे साथ रंगरलियाँ मनाते हैं। सारी रात वहाँ बिताकर सुबह लौटती हूँ।"
🚩वेश्या ने पूरा स्त्रीचरित्र आजमाकर षड्यंत्र करने वालों का साथ दिया । लोगों में पहले तो हल्की कानाफूसी हुई लेकिन ज्यों-ज्यों बात फैलती गई त्यों-त्यों लोगों में जोरदार विरोध होने लगा। लोग बुद्ध के नाम पर फटकार बरसाने लगे। बुद्ध के भिक्षुक बस्ती में भिक्षा लेने जाते तो लोग उन्हें गालियाँ देने लगे। बुद्ध के संघ के लोग सेवा-प्रवृत्ति में संलग्न थे। उन लोगों के सामने भी उँगली उठाकर लोग बकवास करने लगे।
🚩बुद्ध के शिष्य जरा असावधान रहे थे। #कुप्रचार के समय साथ ही साथ सुप्रचार होता तो कुप्रचार का इतना प्रभाव नहीं होता।
🚩शिष्य अगर निष्क्रिय रहकर सोचते रह जाएं कि 'करेगा सो भरेगा... भगवान उनका नाश करेंगे..' तो कुप्रचार करने वालों को खुला मैदान मिल जाता है।
🚩 संत के सान्निध्य में आने वाले लोग श्रद्धालु, सज्जन, सीधे सादे होते हैं, जबकि दुष्ट प्रवृत्ति करने वाले लोग कुटिलतापूर्वक कुप्रचार करने में कुशल होते हैं। फिर भी जिन संतों के पीछे सजग समाज होता है उन संतों के पीछे उठने वाले कुप्रचार के तूफान समय पाकर शांत हो जाते हैं और उनकी सत्प्रवृत्तियाँ प्रकाशमान हो उठती हैं।
🚩कुप्रचार ने इतना जोर पकड़ा कि बुद्ध के निकटवर्ती लोगों ने 'त्राहिमाम्' पुकार लिया। वे समझ गये कि यह व्यवस्थित आयोजन पूर्वक षड्यंत्र किया गया है। बुद्ध स्वयं तो पारमार्थिक सत्य में जागे हुए थे। वे बोलतेः "सब ठीक है, चलने दो। व्यवहारिक सत्य में वाहवाही देख ली। अब निन्दा भी देख लें। क्या फर्क पड़ता है?"
🚩शिष्य कहने लगेः "भन्ते! अब सहा नहीं जाता। संघ के निकटवर्ती भक्त भी अफवाहों के शिकार हो रहे हैं। समाज के लोग अफवाहों की बातों को सत्य मानने लग गये हैं।"
🚩बुद्धः "धैर्य रखो। हम पारमार्थिक सत्य में विश्रांति पाते हैं। यह विरोध की आँधी चली है तो शांत भी हो जाएगी। समय पाकर सत्य ही बाहर आयेगा। आखिर में लोग हमें जानेंगे और मानेंगे।"
🚩कुछ लोगों ने अगवानी का झण्डा उठाया और राज्यसत्ता के समक्ष जोर-शोर से माँग की कि बुद्ध की जाँच करवाई जाये। लोग बातें कर रहे हैं और वेश्या भी कहती है कि बुद्ध रात्रि को मेरे साथ होते हैं और दिन में सत्संग करते हैं।
🚩बुद्ध के बारे में जाँच करने के लिए राजा ने अपने आदमियों को फरमान दिया। अब षड्यंत्र करनेवालों ने सोचा कि इस जाँच करने वाले पंच में अगर सच्चा आदमी आ जाएगा तो अफवाहों का सीना चीरकर सत्य बाहर आ जाएगा। अतः उन्होंने अपने षड्यंत्र को आखिरी पराकाष्ठा पर पहुँचाया। अब ऐसे ठोस सबूत खड़ा करना चाहिए कि बुद्ध की प्रतिभा का अस्त हो जाये।
🚩षडयंत्रकारियों ने वेश्या को दारु पिलाकर जेतवन भेज दिया। पीछे से गुण्डों की टोली वहाँ गई। वेश्या के साथ बलात्कार आदि सब दुष्ट कृत्य करके उसका गला घोंट दिया और लाश को बुद्ध के बगीचे में गाड़कर पलायन हो गये।
🚩लोगों ने राज्यसत्ता के द्वार खटखटाये थे लेकिन सत्तावाले भी कुछ लोग दुष्टों के साथ जुड़े हुए थे। ऐसा थोड़े ही है कि सत्ता में बैठे हुए सब लोग दूध में धोये हुए व्यक्ति होते हैं।
🚩राजा के अधिकारियों के द्वारा जाँच करने पर वेश्या की लाश हाथ लगी। अब दुष्टों ने जोर-शोर से चिल्लाना शुरु कर दिया।
🚩"देखो, हम पहले ही कह रहे थे। वेश्या भी बोल रही थी लेकिन तुम भगतड़े लोग मानते ही नहीं थे। अब देख लिया न? बुद्ध ने सही बात खुल जाने के भय से वेश्या को मरवाकर बगीचे में गड़वा दिया। न रहेगा बाँस, न बजेगी बाँसुरी। लेकिन सत्य कहाँ तक छिप सकता है? मुद्दामाल हाथ लग गया। इस ठोस सबूत से बुद्ध की असलियत सिद्ध हो गई। सत्य बाहर आ गया।"
🚩लेकिन उन मूर्खों को पता नहीं कि तुम्हारा बनाया हुआ कल्पित सत्य बाहर आया, वास्तविक सत्य तो आज ढाई हजार वर्ष के बाद भी वैसा ही चमक रहा है। आज बुद्ध भगवान को लाखों लोग जानते हैं, आदरपूर्वक मानते हैं। उनका तेजोद्वेष करने वाले दुष्ट लोग कौन-से नरकों में जलते होंगे क्या पता!
🚩 वर्तमान में जिन संतों के ऊपर आरोप लग रहे हैं उनके भक्त अगर सच्चाई किसी को बताने जाएंगे तो दुष्ट प्रकृति के लोग तो बोलेंगे ही, लेकिन जो हिंदूवादी और राष्ट्रवादी कहलाने वाले लोग है वे भी यही बोलेंगे की कि बुद्ध तो भगवान थे, आजकल के संत ऐसे ही है, उनको इतने पैसे की क्या जरूत है? लड़कियों से क्यों मिलते हैं..??? ऐसे कपड़े क्यों पहनते हैं..??? आदि आदि...।
🚩पर उनको पता नही है कि पहले ऋषि मुनियों के पास इतनी सम्पत्ति होती थी कि राजकोष में धन कम पड़ जाता था तो ऋषि मुनियों से लोन लिया जाता था और रही कपड़े की बात तो कई भक्तों की भावना होती है तो पहन लेते हैं और लड़कियां दुःखी होती हैं तो उनके मां-बाप लेकर आते हैं तो कोई दुःख होता है तो मिल लेते हैं,उनके घर थोड़े ही बुलाने जाते हैं और भी कई तर्क वितर्क करेगे लेकिन भक्तों को दुःखी नहीं होना चाहिए। सबके बस की बात नही है कि महापुरुषों को पहचान पाये, आप अपने गुरूदेव का प्रचार प्रसार करते रहें, एक दिन ऐसा आएगा कि निंदा करने वाले भी आपके पास आयेंगे और बोलेंगे कि मुझे भी अपने गुरु के पास ले चलो।
🚩विदेशी फंडेड मीडिया ने हिंदू साधु-संतों की झूठी कहानी बनाकर समाज को परोसी, जिससे समाज गुमराह हो गया और सच्चाई न जानकर झूठ को ही सच मान बैठे, कुछ स्वार्थी नेता राष्ट्रविरोधी ताकतों से मिलकर झूठे केस में संतो को जेल भिजवा रहे हैं पर उसका भी देर सवेर खुलासा होगा क्योंकि सत्य को परेशान किया जाता है पराजित कभी नहीं...।
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Thursday, May 16, 2019

देश में हिंदुओं की हालत क्या है वो भी वर्तमान घटना से देख लें

16 मई 2019
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🚩दिल्ली के मोती नगर में ध्रुव त्यागी की हत्या देखकर लगता है जैसे हिंदुस्तान में हिंदू होना ही पाप है और हत्या इस्लाम में बहुत पवित्र कर्म समझा जाता हो। एक आदमी अपनी बेटी की इज्जत से खिलवाड़ की शिकायत लेकर पड़ोस के शम्से आलम के पास जाता है। शम्से आलम शिकायत सुनने की बजाय अपने घरवालों को बुला लाता है जिसमें उसकी मां, उसका बाप, उसकी बहने और सगे संबंधी सब शामिल होते हैं।

🚩और सब मिलकर ध्रुव त्यागी पर टूट पड़ते हैं। शम्से आलम अपनी मां से कहता है घर से सामान लेकर आओ और उसकी मां दौड़कर घर से जानवर काटने वाला हथियार उठा लाती है। फिर उसी हथियार से ध्रुव त्यागी को टुकड़े टुकड़े कर दिया जाता है। ध्रुव का बेटा बीच बचाव करने के लिए आता है तो उसको भी चाकू से छलनी कर दिया जाता है। ग्यारह लोग जिसमें कि सब एक ही परिवार के थे सबने मिलकर ध्रुव की हत्या इसलिए कर दी क्योंकि वो अपनी बेटी से छेड़खानी की शिकायत करने की गलती कर बैठे थे।
🚩अगर कुछ लिंचिंग होती है तो वो यही है। सामूहिक रूप से किसी एक निहत्थे व्यक्ति की निर्मम हत्या। पहले चाकुओं से वार किया फिर पत्थर से सिर कुचल दिया। और इस निर्मम हत्याकांड में महिलाएं बीच बचाव करने की बजाय सहयोगी की भूमिका निभाती रहीं।
🚩जो लोग मुस्लिम मोहल्लों में या उसके आसपास भी रहे होंगे उनके लिए यह सब बहुत आश्चर्यजनक नहीं लग रहा होगा। कई बार मैंने खुद मुसलमानों को झुंड बनकर दूसरों पर टूटते देखा है वह भी तब जब गलती उनकी खुद की ही होती है, लेकिन सच्चे मुसलमान की ट्रेनिंग का हिस्सा होता है, अपनी गलती कभी मत मानों क्योंकि इन गलीच हिन्दुओं के साथ तुम जो कर रहे हो उससे तुम्हारा शबाब बढ़ रहा है। ऐसे में काफिर, मुशरिक गलीच हिन्दुओं के खिलाफ एक होना ही तुम्हारे मुसलमान होने की पहली और आखिरी निशानी है।
🚩आज इंडिया गेट पर ध्रुव त्यागी की हत्या के विरोध में जमा हुए लोगों में वह लड़की भी शामिल थी जिसके साथ शम्से आलम ने छेड़खानी किया था। उसके चेहरे पर कोई रंग नहीं था। आज उसे अपने लड़की होने पर शर्म आ रही होगी कि काश वह लड़की न होती तो शायद उसके बाप की जान न जाती।
🚩एक लड़की को उसके अस्तित्व पर शर्मसार होने पर मजबूर करनेवाले लोगों ने रमजान के "पवित्र" महीने में उसे जीवनभर के लिए इस्लाम की सच्ची सीख दे दिया है। बाकी टीवी और पोर्टल के सेकुलर लुच्चे चाहे जितना चीखें चिल्लायें, अब वह किसी पर भरोसा नहीं कर पायेगी। दुर्भाग्य से इस देश में मुसलमानों को लेकर समझ इन लुच्चे सेकुलरों के पाखंड से नहीं बल्कि ऐसी ही घटनाओं और व्यवहारों से विकसित हुई है। अगर भारत में मुसलमानों से नफरत है तो उस नफरत की बुनियाद में ऐसी असंख्य घटनाएं हैं जो कहीं रिकार्ड पर नहीं हैं लेकिन समाज उनसे सबक लेकर व्यवहार करता है। जैसे, दिल्ली के इस गांव ने निर्णय ले लिया है कि अब गांव में किसी मुसलमान को कमरा किराये पर नहीं दिया जाएगा।
🚩अब लुच्चे सेकुलर जितना चाहें उतना छाती पीटें । चाहें तो जाकर पहलू खान के पहलू में दफन हो जाएं, उनके किसी कुतर्क का समाज पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। - -संजय तिवारी
🚩प्राचीन में पूरी दुनिया में केवल सनातन (हिंदू) धर्म ही था, लेकिन आज समिटकर केवल भारत में ही बचा है, पर खेद की बात है भारत मे 80 प्रतिशत हिंदू है पर उनको पराया रखा गया है उनकी सारी सुविधाएं अल्पसंख्यक लोगों को दी जा रही है, राजनैतिक पार्टियां उनका समर्थन कर रही हैं और आज हिंदुओं पर अत्याचार सरेआम हो रहा है तो न तो कोई नेता बोल रहा है ना ही कोई मीडिया बोल रही है और ना ही कोई कानून हिंदुओं के पक्ष में आ रहा है इसका कारण है हिंदुओं को अपने धर्म व धर्मगुरुओं के प्रति आस्था नहीं होना और आपसी एकता नहीं होने के कारण ही यह दुर्दशा हो रही है ।
🚩वर्तमान में कई हिंदुनिष्ठ कार्यकर्ता, नेता, और हिंदू साधु-संत हिंदुओं को जागरूक कर रहे हैं, अपने धर्म की महानता बताकर जागृति ला रहे हैं, लेकिन हिंदू जग तो नहीं रहा है और ऊपर जो जगा रहे हैं उनपर भयंकर षड्यंत्र हो रहे हैं, उनकी हत्या कर दी जाती है, झूठे केस करके जेल भिजवाया जाता है, मीडिया में बदनामी करवाई जाती है । यह सब देखकर हिंदू जाग तो नहीं रहा है ऊपर से अपने धर्मगुरुओं पर हो रहे अत्याचार को देखकर ठहाका लगाते हैं, स्वयं उनकी आलोचना करते हैं, इसके कारण आज हिंदू निःसहाय होते जा रहा है अगर अभी भी हिंदू ऐसे ही रहा तो दिल्ली की मोतीनगर जैसी अनेक घटनाओं के लिए तैयार रहें।
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