Thursday, May 23, 2019

न्यायालय ने 35 साल बाद दिया न्याय, लाखों खर्चे, तब मिला 7500 का हर्जाना

23 मई 2019

🚩कहावत है कि देरी से न्याय मिलना भी अन्याय के बराबर ही है । न्याय पाने के लिए इंसान अपना समय, शक्ति, पैसे, इज्जत सब बर्बाद कर देता है उसके बाद भी अगर न्याय न मिले या देरी से मिले तो अन्याय ही हुआ । जैसे कि भूख अभी है और 5 दिन बाद खाना मिले तो इंसान बीमार हो जाएगा, फिर खाना भी नहीं पचेगा, यही हाल न्याय प्रणाली में है न्याय आज चाहिए और मिलता है सालों के बाद ।

🚩न्याय दोनों को चाहिए जिनके ऊपर झूठे मुकदमे दर्ज हुए है उन्हें और जो स्वयं पीड़ित है उन्हें, पर हमारी कछुआछाप न्यायप्रणाली के कारण उनको न्याय नहीं मिल रहा है ।

🚩ऐसा एक मामला उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर से सामने आया है । यहां 1372 रुपये गबन के मामले में एक व्यक्ति को 35 साल न्याय पाने में लग गए । राम प्रताप यादव के साथ जब ये धोखाधड़ी हुई तब उनकी उम्र 35 वर्ष थी, अब जब कोर्ट का फैसला आया तो वे 70 वर्ष के हो गए ।

🚩सुल्तानपुर के बल्दीराय तहसील के पड़रे डाकघर की शाखा में 35 साल पहले राम प्रताप यादव ने अपना पैसा जमा किया था । उनका आरोप था कि डाकिया जगदीश प्रसाद ने उनके फर्जी हस्ताक्षर कर उनके खाते से 1372 रुपये निकाल लिए । यादव ने मामले की शिकायत डाक विभाग के आला अधिकारियों से की । अधिकारियों ने जांच में मामले को सहीं पाया । प्रकरण का विचारण 1984 से अदालत में चल रहा था । जिसका निवारण बुधवार को अदालत ने किया।

🚩35 साल बाद मिले 7500 रुयये-

कोर्ट ने अपने आदेश में लिखा कि 35 साल पहले आरोपित एक लोक सेवक होते हुए नवयुवक था । उसकी लगातार कोर्ट में उपस्थिति, 70 साल की आयु और गबन की कम धनराशि को देखते हुए 3 साल के कारावास की सजा तथा 10 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया जाता है । साथ ही कोर्ट ने जुर्माने की रकम में से 7500 रुपये पीड़ित राम प्रताप यादव को दिए जाने का आदेश सुनाया ।

🚩राम प्रसाद यादव ने बताया कि मुकदमा लड़ते-लड़ते मेरी जमीन बिक गई और लाखों रुपये खर्च हुए । मेरी यही अपील है कि न्याय में इतनी देरी नहीं होनी चाहिए ।

🚩तो आपने देखा न्याय पाते-पाते जमीन बिक गई, लाखों रुपये खर्च हुए, समय बर्बाद हुआ और न्याय मिला बुढ़ापे में । ये तो एक मामला आपको बताया है पर ऐसे लाखों मामले होंगे जो हमारे समक्ष नहीं हैं, आज हर व्यक्ति न्याय पाने के लिए कोर्ट के चक्कर लगाते रहते हैं, पर उनको मिलती है तो सिर्फ तारीख ही ।

🚩न्यायालय में आप जाएंगे तो देखेंगे कि अधिकतर गरीब तबके के लोग ही चक्कर लगाते हैं, बाकी अमीर और प्रतिष्ठित व्यक्ति का केस केवल वकील ही लड़ते हैं, गरीब व्यक्ति न्याय पाने के लिए अपने घर, जमीन, गहने बेच देता है, न्यायालय के कितने चक्कर लगाता है तब कहीं सालों बाद न्याय मिलता है ।

🚩आजकल झूठे केस करने का ट्रेंड चल पड़ा है वो भी खतरनाक रूप ले रहा है क्योंकि सच में जो पीड़ित हैं, उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है और जिन निर्दोष लोगों पर झूठे मुकदमे किये जा रहे हैं उनको भी न्याय नहीं मिल रहा है, निर्दोष सालों तक जेल में बंद रहते हैं और दोषी आराम से बहार घूमते हैं । जो झूठे केस दायर कर रहे हैं, उनको भी कड़ी सजा का प्रावधान होना चाहिए, जिससे निर्दोष पर कोई झूठे आरोप न लगाए ।

🚩सरकार और न्यायायल को इसपर ध्यान देना चाहिए । जो पीड़ित हैं उन्हें और जिन निर्दोषों पर झूठ केस लगाया गया हो, उन दोनों को न्याय मिले । जिनको झूठे मामलों में सेशन कोर्ट ने सजा भी सुना दी है, ऐसा जिस केस में लगता है उनको भी तुंरत रिहा करना चाहिए ।

🚩सरकार का एक ऐसा भी कर्तव्य बनता है कि समाज को भारतीय संस्कृति एवं श्रीमद्भागवतगीता अनुसार शिक्षा दी जाए, ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए । जिससे देश में कम अपराध हों जिससे न्यायालय, सरकार और जेल प्रशासन को ज्यादा परेशानी न हो सब अपने दिव्य कर्म करके मनुष्य जीवन को सफल बनाए ।

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Wednesday, May 22, 2019

मीडिया ने एक बड़ी खबर कर दी गायब, इसे क्या कहें साजिश या दोगलापन ?

22 मई 2019
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🚩इलेक्ट्रॉनिक मीडिया हो या प्रिंट मीडिया, जब कोई किसी हिंदू कार्यकर्ता या हिंदू साधु-संतों के ऊपर साजिश के तहत झूठा मुकदमा दर्ज करवाता है तो उस खबर को लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में दिन-रात खबरें चलती हैं, बड़ी-बड़ी झूठी कहानियां बनाते हैं, डिबेट चलाते हैं उस डिबेट में सेकुलर, तथाकथित बुद्धजीवी भी पहुँच जाते हैं, अपनी राय देते हैं कि हिंदू साधु-संतों को ऐसा नहीं करना चाहिए, जबकि उन संतों पर झूठे आरोप होते हैं, प्रिंट मीडिया भी बड़े-बड़े हेडिंग के साथ खबरें छापती है पर किसी मौलवी या ईसाई पादरी पर सहीं आरोप लगे तब ये सब चुप रहते हैं ।
🚩आपको बता दें कि हाल ही में  बलात्कारी ईसाई पादरी सहित 6 को उम्रकैद मिली है पर इस खबर को छुपाया गया और कोई बुद्धजीवी इसपर बहस के लिए आगे नहीं आया ।

🚩आपको बता दें कि झारखंड के खूंटी के अड़की प्रखंड के कोचांग गांव में आरसी मिशन स्कूल की पांच लड़कियों से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है । अदालत गैंगरेप के आरोपी ईसाई पादरी सहित सभी 6 दरिंदों को उम्रकैद की सजा सुनाई है । न्यायाधीश राजेश कुमार की अदालत ने ये फैसला सुनाते हुए कहा कि सजा के अलावा दोषियों को डेढ़-डेढ़ लाख रुपए का जुर्माना भी देना होगा । जुर्माना नहीं देने की स्थिति में 3 साल की अतिरिक्त जेल काटनी होगी ।
🚩बता दें कि पिछले साल 19 जून को झारखण्ड के खूंटी के अड़की प्रखंड के कोचांग गांव में आरसी मिशन स्कूल से पांच लड़कियों को अगवा कर लिया गया था। अगवा करने के बाद लड़कियों को जंगल ले जाया गया था तथा जंगल ले जाकर उनके साथ गैंगरेप किया गया । उनको भयंकर प्रताड़ित किया गया और इस दौरान उनका वीडियो भी बनाया गया । स्कूल के प्रिंसिपल फ़ादर अल्फ़ांसो आइंद की मौजदगी में ही इन लड़कियों को उठाया गया था । बाद में उन्हें पुलिस ने घटना की जानकारी नहीं देने के आरोप में गिरफ़्तार किया था ।
🚩सामूहिक दुष्कर्म की शिकार पीड़ित लड़कियां एक नाटक मंडली का हिस्सा थीं और मानव तस्करी के खिलाफ जागरुकता फैलाने के लिए नुक्कड़ नाटक करने कोचांग पहुंची थीं। नुक्कड़ नाटक के दौरान ही दो मोटरसाइकिलों पर सवार पांच लोग वहां पहुंचे और सभी को उनकी ही कार में बैठाकर जबरन जंगल की ओर लेकर चले गए । जहां पहले लड़कियों के साथ गैंगरेप किया गया । प्रताड़ित किया और इनके पुरुष साथियों को पेशाब पिलाया गया इस घटना के बाद देश आक्रोश से भर उठा था दरिंदों को फांसी की सजा की मांग की थी। - स्त्रोत : सुदर्शन न्यूज़
🚩आपको बता दें कि किसी भी हिंदू साधु-संत द्वारा किसी भी महिला के साथ ऐसा अत्यचार या सामुहिक बलात्कार नहीं किया गया फिर भी मीडिया उनको झूठी कहानियां बनाकर बदनाम करती है । जैसे कि हिंदु संत आसाराम बापू का मामला देख लें, उन्होंने 50 साल तक समाज उत्थान के कार्य किये, करोड़ों लोगों को अपने धर्म के प्रति जागरूक किया, धर्मांतरण पर रोक लगाई, करोड़ों के व्यसन छुड़ाये, विदेशों में भारतीय संस्कृति का परचम लहराया, 14 फरवरी को देश-विदेश में मातृ-पितृ पूजन शुरू करवाया तो उन पर एक छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज किया, जिसमें मेडिकल प्रूफ नहीं है, तथाकथित घटना के समय लड़की वहाँ नहीं थी फिर भी उनको सजा सुना दी और मीडिया ने उनको खूब बदनाम किया पर उनके द्वारा उनके किये गए लोकहित सेवाकार्य नहीं दिखाए और ना ही साजिश के तहत मुकदमा दर्ज किया वो दिखाया, उन मीडिया हाउसेज का तो मकसद था बस हिंदू साधु-संतों को बदनाम करने का इसलिए 24 घण्टे कई महीनों तक यही खबरे दिखाते रहे ।
🚩दूसरा मामला बाबा राम रहीम का है उन्होंने लाखों लोगों के नशे छुड़वाए, फिल्मों के माध्यम से लोगों को सहीं रास्ता दिखाया तो उनको भी एक पुराने मामले में सजा सुना दी, जबकि लड़की सामने आई ही नहीं और ना ही कोई मेडिकल प्रूफ है फिर भी मीडिया ने बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी ।
🚩जब शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती, स्वामी नित्यानंद जी, कृपालु महाराज, साध्वी प्रज्ञा ठाकुर आदि पर आरोप लगे तब भी मीडिया ने खूब बदनाम किया, लेकिन उनको जब निर्दोष साबित बरी किया गया तब सब मीडिया चुप हो गई ।
🚩इसे मीडिया का असली दोगलापन कहो या हिंदू संस्कृति के आधार स्तंभ साधु-संतों को बदनाम करने की साजिश कहो या जो भी कहो पर सच्चाई यही है कि किसी मौलवी या ईसाई पादरी पर सहीं आरोप लगता है तब खबरें गायब हो जाती हैं और हिंदू साधु-संतों पर झूठे आरोप लगते हैं तब मीडिया 24 घण्टे खबरें दिखाती है ।
🚩देशवासी बिकाऊ और दोगली मीडिया से हमेशा सावधान रहें ।
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Tuesday, May 21, 2019

आपको कुछ घटनाएं बता रहे हैं, कैसे निर्दोष पुरुषों को रेप केस में फँसाया गया है ?

21 मई 2019

🚩निर्दोष लोगों को फँसाने के लिए बलात्कार के नए कानूनों का व्यापक स्तर पर हो रहा इस्तेमाल आज समाज के लिए एक चिंतनीय विषय बन गया है ।

🚩न्यायाधीश निवेदिता शर्मा ने बताया कि पुरूषों के खिलाफ रेप के झूठे मामलों से बचाने के लिए ऐसे कानून बनाये जाएं, जो उन्हें बचा सके ।
🚩रेप केस ओर 20 लाख मांगने पर आत्महत्या-

नाहन बाल्मीकि बस्ती निवासी 32 वर्षीय योगेश राजगढ़ न्यायालय से एक महीना पहले ट्रांसफर होकर शिलाई के जेएमआईसी कोर्ट में तैनात हुआ था।बीते 11 मई को अचानक योगेश ने अपने घर पर जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली थी।

🚩13 मई को मृतक योगेश की पत्नी किरण जब घर में बिस्तर झाड़ रही थी तो उसे चादर के नीचे योगेश के हाथ से लिखा सुसाइड नोट मिला।

मृतक की पत्नी कुछ सुसाइड नोट को लेकर कच्चा टैंक पुलिस चौकी पहुंच गई। सुसाइड नोट को पढ़ने के बाद पुलिस भी सकते में आ गई। क्योंकि सुसाइड नोट में राजगढ़ की कथित महिला के द्वारा झूठे रेप केस में फंसाने की एवज में 20 लाख रुपए की मांग की गई थी।

🚩मृतक के द्वारा महिला के साथ साथ राजगढ़ के ही दो व्यक्ति के नाम भी शामिल किए हैं।पुलिस ने सुसाइड को आधार मानते हुए उसकी पत्नी की ओर से अंतर्गत धारा 306 तथा 34 भारतीय दंड संहिता के तहत दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है ।



🚩रेप का झूठा केस दर्ज कराया, दो महिलाओं को 7-7 साल की सजा-

राजगढ़ (अलवर).रैणी थाना क्षेत्र के परवैणी गांव की दो महिलाओं को ज्यादती की झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने पर कोर्ट ने 7-7 वर्ष के कठोर कारावास की सजा दी है। दोनों महिलाओं को आईपीसी की धारा 211 में दोषी मानते हुए 50-50 हजार रु. का अर्थदंड भी लगाया गया है।

🚩परवैणी की सीता देवीबैरवा ने गांव के ही शिवदयाल बैरवा तथा अंजू देवी बैरवा ने जगदीश बैरवा के खिलाफ दुष्कर्म करने के अलग-अलग मामले 5 जनवरी 2015 को दर्ज कराए थे। पुलिस ने दोनों के मजिस्ट्रेट के समक्ष 164 के बयान कराए। इन महिलाओं ने बयान में कहा कि आरोपियों ने दुष्कर्म नहीं किया, रंजिश के कारण झूठे केस दर्ज कराए हैं।

🚩दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश सीमा जुनेजा ने दोनों महिलाओं को यह सजा सुनाई।

🚩फर्जी रेप केस करके लाखों रुपये ऐठने का धंधा-

जयपुर : ग्राम पुरुषोत्तम पुरा निवासी कृष्ण गुर्जर ने रिपोर्ट में बताया कि वह निजी अस्पताल के बाहर चाय की थड़ी संचालित करता है। वहां नारनौल निवासी तेजादेवी बावरिया आई। उसने उसके साथ मेलजोल बढ़ा लिया। वह उससे मोबाइल फोन पर बात करने लग गई। इसके बाद तेजादेवी व महिला वकील ज्योति शर्मा व एक अन्य महिला उसके पास आई और उसे बलात्कार के झूठे मामले में फंसाने की धमकी दी।

🚩इन्होंने इस मामले में राजीनामे के लिए 6 लाख रुपए की मांग की। उसे लगातार उसके खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने की धमकियां मिलने पर उसने परिजनों व रिश्तेदारों से व्यवस्था करके एक लाख 80 हजार रुपए महिला वकील को दे दिए। इसके बाद आरोपियों ने एक शपथ पत्र नोटेरी से तस्दीक करवा कर उसे दे दिया जिसमें महिला ने स्वीकार किया कि उसके साथ बलात्कार नहीं किया गया है। आरोपियों ने उससे कहा कि यदि इस मामले में कोई शिकायत थाने में की तो उसे दूसरे झूठे मामले में फंसा देंगे।

🚩गौरतलब है इससे पहलेे सुनील कुमार स्वामी ने नाथी देवी उसके पति हिम्मत, वकील ज्योति शर्मा व राजेन्द्र गुर्जर के खिलाफ बलात्कार के झूठे मामलें में फंसाने की देकर धमकी देने व राजीनामा के लिए रुपए देने का दबाव बना उनसे 5 लाख 50 हजार रुपए ऐंठ लिए थे। इसके बाद दूसरे मामले में सुरेश सिंह उसके साथी से भी आरोपियों ने 7.5 लाख हड़प लिए थे।


🚩उम्रकैद की सजा से 2 भाई बरी, लेकिन जेल में गुजरे 10 साल-

फरीदाबाद जिले में एक नाबालिग लड़की पास के ही एक लड़के से प्रेम करती थी, और उसे प्रेम पत्र भी लिखे थे । ये पत्र उसके चाचाओं के हाथ लग गए और उन्होंने लड़की को समझाया और जब वो नहीं मानी तो थप्पड़ जड़ दिए । इससे तिलमिलाई लड़की ने 22 अगस्त 2001 को दोनों चाचाओं जय सिंह और शाम सिंह पर रेप का आरोप लगाया ।

🚩पंचायत में दोनों ने लड़की को थप्पड़ मारने का बयान देते हुए हाथ उठाने की बात स्वीकार कर ली जिसके लिए उन्होंने लिखित में माफी भी मांगी, लेकिन पंचायत से नाखुश लड़की ने पुलिस को रेप की कहानी सुनाई और चाचाओं को जेल भिजवा दिया । हालांकि मेडिकल जांच में ना तो रेप की पुष्टि हुई ना ही कपड़ों पर या कहीं भी कोई ऐसा निशान या सबूत मिला जिससे रेप की तस्दीक हो सके ।

🚩ट्रायल कोर्ट ने सुनाई सजा-

जिसके बाद मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट पहुंचा। कोर्ट ने शुरुआती जांच में आरोपों और बचाव पक्ष की ओर से पेश सबूतों को बिल्कुल अलग-अलग माना, अर्थात आरोपों की पुष्टि नहीं होने पर आरोपियों को बरी कर दिया, लेकिन फिर से ट्रायल की जरूरत बताई।

🚩ट्रायल कोर्ट ने फिर से मामला सुना और दोनों आरोपी भाइयों को दोषी मानते हुए जून 2011 में उम्रकैद की सजा सुनाई। फैसले के खिलाफ आरोपी भाइयों ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में अपील की तो वहां भी निराशा हाथ लगी। हाईकोर्ट ने निचली अदालत की सजा बरकरार रखी।

🚩जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में अपील हुई, लेकिन तब तक जय सिंह को जेल में 10 साल और शाम सिंह को 7 साल हो चुके थे । सुप्रीम कोर्ट का फैसला लिखने वाले जस्टिस एम शांतानागोदार ने साफ लिखा है कि अभियोजन की सारी दलीलें और सबूत फिसड्डी और कृत्रिम है क्योंकि ना तो मेडिकल रिपोर्ट से कोई पुष्टि हुई और ना ही बयानों में मेल दिखा। ऐसे में बेंच इस नतीजे पर पहुंची कि अभियोजन ने आरोपियों को जबरन फंसाने के लिए मनगढ़ंत और संदेह के आधार पर कहानियां गढ़ीं।

🚩आपने देखा लड़कियां पैसे ऐंठने या बदला लेने की भवनाओं से कैसे झूठे रेप केस लगा देती हैं ऐसे कई  अंतराष्ट्रीय गिरोह काम कर रहे हैं जो राष्ट्रहित में क्रांतिकारी पहल करनेवाली सुप्रतिष्ठित हस्तियों, संतों-महापुरुषों एवं समाज के आगेवानों के खिलाफ इन कानूनों का कूटनीतिपूर्वक अंधाधुंध इस्तेमाल हो रहा है ।

🚩महिलाओं की सुरक्षा के लिए कानून जरूरी है परंतु आज साजिश या प्रतिशोध की भावनाओं से निर्दोष लोगों को फँसाने के लिए बलात्कार के आरोप लगाकर कानून का भयंकर दुरुपयोग हो रहा है । इसको रोकने के लिए कानून में संशोधन करना अत्यंत जरूरी है ।

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Monday, May 20, 2019

अफगानिस्तानी हिंदुओं के पास दो विकल्प या इस्लाम कबूल करें या देश छोड़ दें

20 मई 2019
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🚩अखंड भारत एक विशाल देश था उसमें से कई छोटे-छोटे देश बनें, उनमें से एक देश अफगानिस्तान है जो पहले हिन्दू बाहुल देश था, लेकिन क्रूर लुटेरे मुगल अलप्तगीन के दामाद सुबुक्तगीन ने लड़ाईयां लड़ते हुए अफगानिस्तान पर 177 ई. में कब्जा कर लिया क्योंकि हिन्दू उस समय एक नहीं थे, जिसके कारण विदेशी मुगलों ने आसानी से कब्जा कर लिया । बाद में उन्होंने क्रूरता दिखाई तलवार की नोक पर हिंदुओं का धर्मान्तरण करवाया । धर्मान्तरण कराने के बाद हिन्दू अल्पसंख्यक हो गए जिससे आज उनकी वहाँ धार्मिक स्वतंत्रता पूरी तरह से छीन ली गई । वहां अब हिंदु तथा सिखों का जीना मुश्किल हो गया है झूठे मुकदमे बनाकर जेल भेज दिया जाता है, हत्याएं कर दी जाती हैं, बहु-बेटियों की इज्ज़त लूटी जाती है । यहाँ तक कि उनके अंतिम संस्कार के लिए श्मशान भी बन्द कर दिया जा रहा है ।

🚩कभी हिंदू और सिख अफगान समाज का समृद्ध तबका हुआ करता था । अब मुट्ठीभर ही बचे हैं । बढ़ती असहिष्णुता और शोषण का आरोप लगाकर ज्यादातर लोग अफगानिस्तान को छोड़कर चले गए हैं । अफगानिस्तान में कभी दो लाख 20 हजार हिंदू और सिख परिवार थे । अब 220 रह गए हैं । इस अल्पसंख्यक समुदाय की जान, धर्म, ईमान हर चीज पर हमला हो रहा है, लिहाजा अब वे भी भाग रहे हैं ।
🚩अफगानिस्तान में रह रहे एक सरदार जगतार सिंह की रोंगटे खड़े कर देने वाली सच्ची घटना में जगतार सिंह लाघमणी काबुल में अपनी दुकान पर काम कर रहे थे । एक युवक उनके पास आया छुरा दिखाकर बोला, मुसलमान हो जाओ, नहीं तो गला काट दूंगा । जून की शुरुआत में हुआ यह हमला पहला नहीं था । अफगानिस्तान के सिख और हिंदू अक्सर इस तरह के हमलों से दो-चार हो रहे हैं । तेजी से कट्टर इस्लामिक होते जा रहे अफगानिस्तान में इस तरह के हमले आम हो रहे हैं और अल्पसंख्यकों की मुश्किलें बढ़ रही हैं । तालिबान की धमकी मिली थी कि समुदाय को दो लाख अफगानी यानी करीब तीन हजार अमेरिकी डॉलर्स हर महीने देने होंगे.. ये उनके अनुसार जजिया कर था जो उनके जीने के लिए लगाया जाता था...।
🚩हिंदू और सिख सदियों से अफगानिस्तान में रह रहे हैं । वे वहां के व्यापार जगत का अहम हिस्सा रहे हैं । साहूकारी का काम यही तबका किया करता था, लेकिन आजकल उनकी पहचान जड़ी-बूटियों की दुकानों के लिए है ।
🚩नेशनल काउंसिल ऑफ हिंदू ऐंड सिख के चेयरमैन अवतार सिंह बताते हैं कि 1992 में काबुल में तख्तापलट के वक्त दो लाख 20 हजार परिवार थे जो अब घटकर सिर्फ 220 रह गए हैं । कभी ये पूरे मुल्क में फैले हुए थे, लेकिन अब बस नांगरहार, गजनी और काबुल के आसपास ही बचे हैं ।
🚩तालिबान ने अफगानिस्तान में शरिया लागू किया था । तब सार्वजनिक तौर पर लोगों को कत्ल किया जाता था । लड़कियों के स्कूल जाने पर पाबंदी थी । हिंदुओं और सिखों पर भी सख्ती थी । उन्हें पीले पट्टे पहनने पड़ते थे ताकि उन्हें पहचाना जा सके । यह नियम आज ही लगाया गया था अर्थात 20 मई सन 2001 को, इस से उनके घरों को लूटना, बलात्कार आदि का चिन्ह मिल जाया करता था । सरकार में बैठे ताकतवर लोगों ने सिखों व हिंदुओं की जमीनें छीन ली हैं । उन्हें लगातार धमकियां मिल रही हैं । छोटा समाज दिन ब दिन और छोटा होता जा रहा है ।” इस पीड़ा को झेलने वाले जगतार बताते हैं, “हमारा दिन ऐसे ही शुरू होता है । डर और अकेलेपन के साथ । अगर आप मुसलमान नहीं हैं, तो उनकी नजरों में आप इन्सान नहीं हैं । मुझे समझ नहीं आ रहा कि क्या करूं, कहां जाऊं ।”
🚩कालचा में जो कुछ हो रहा है, उससे इन अल्पसंख्यकों की स्थिति समझी जा सकती है । काबुल के साथ सटे कालचा इलाके में पहले ज्यादातर हिंदू और सिख ही रहते थे । उनके पास वहां एक श्मशान घाट है । हाल के दिनों में काबुल फैला है और बहुत से मुस्लिम परिवार कालचा में रहने आ गए हैं, लेकिन अब वे इस श्मशान घाट को लेकर विरोध कर रहे हैं । अब हालात ऐसे हो गए हैं कि अंतिम संस्कार के लिए पुलिस सुरक्षा की जरूरत पड़ती है । अवतार सिंह कहते हैं, “वे हम पर ईंटें और पत्थर फेंकते हैं । मुर्दों पर पत्थर फेंकते हैं।”
🚩आपको बता दे कि हिंदुओं की अफगानिस्तान से भी ज्यादा ख़राब स्थिति पाकिस्तान और बांग्लादेश में है, लेकिन इसके लिए न मानव अधिकार वाले बोलते हैं,  ना ही संयुक्त राष्ट्र कुछ कर रहे हैं और ना ही सरकार या कानून कोई कार्य कर रहा है ।
🚩देश-विदेश में जहां भी हिन्दू अल्पसंख्यक हो जाते है तो उनको कैसे-कैसे प्रताड़ित किया जाता है आपके सामने ही है । भारत में भी ईसाई मिशनरियां जोरो से हिन्दूओं का धर्मान्तरण करवा रहे हैं, मुस्लिम भी लव जिहाद, जमीन जिहाद द्वारा, बच्चों की तादात बढ़ाकर कब्जा कर रहे हैं । मीडिया भी उनका ही साथ देती है और बॉलीवुड हो या टीवी शो ही सभी जगह हिन्दू विरोधी एजेंडे चल रहे हैं, हिन्दू देवी-देवताओं का मजाक उड़ाया जा रहा है, हिन्दू धर्मगुरुओं को बदनाम करके जेल भिजवाया जा रहा है  अभी भी हिन्दू न जागे तो वो दिन दूर नहीं कि हिन्दू अल्पसंख्यक हो जाएंगे और पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसी हालत होगी ।
🚩अब हिंदुओं को घोर निद्रा का त्याग करके इन षड्यंत्रों के खिलाफ लड़ना होगा तभी अस्तित्व हिन्दू बच पाएगा ।
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