Saturday, May 25, 2019

अगर आप पीते हैं, चाय तो जान लीजिए क्या होगा उसका दुष्प्रभाव

25 मई 2019

🚩दो सौ वर्ष पहले भारतीय घर में चाय नहीं होती थी, लेकिन आज कोई भी घर आए अतिथि को पहले चाय पूछता है । ये बदलाव अंग्रेजों की देन है । कई लोग ऑफिस में दिन भर चाय लेते रहते हैं, यहाँ तक कि उपवास में भी चाय लेते हैं । किसी भी डॉक्टर के पास जायेंगे तो वो शराब - सिगरेट - तम्बाखू छोड़ने को कहेगा, पर चाय नहीं, क्योंकि यह उसे पढ़ाया नहीं गया और वह भी खुद इसका गुलाम है । परन्तु किसी अच्छे वैद्य के पास जाओगे तो वह पहले सलाह देगा चाय ना पिएं ।

🚩चाय की हरी पत्ती पानी में उबाल कर पीने में कोई बुराई नहीं परन्तु जहां यह फर्मेंट हो कर काली हुई सारी बुराइयां उसमें आ जाती है ।

🚩हमारे गर्म देश में चाय और गर्मी बढ़ाती है, पित्त बढ़ाती है । चाय का सेवन करने से शरीर में उपलब्ध विटामिन्स नष्ट होते हैं । इसके सेवन से स्मरण शक्ति में दुर्बलता आती है ।

1. चाय का सेवन रक्त आदि की वास्तविक उष्मा को नष्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है ।

🚩2. दूध से बनी चाय का सेवन आमाशय पर बुरा प्रभाव डालता है और पाचन क्रिया को क्षति पहुंचाता है ।

3. चाय में उपलब्ध कैफीन हृदय पर बुरा प्रभाव डालती है, अत: चाय का अधिक सेवन प्राय: हृदय के रोग को उत्पन्न करने में सहायक होता है ।

🚩4. चाय में कैफीन तत्व छ: प्रतिशत मात्रा में होता है जो रक्त को दूषित करने के साथ शरीर के अवयवों को कमजोर भी करता है ।

5. चाय पीने से खून गन्दा हो जाता है और चेहरे पर लाल फुंसियां निकल आती हैं ।

🚩6. जो लोग चाय बहुत पीते हैं उनकी आंतें जवाब दे जाती हैं । कब्ज घर कर जाती है और मल निष्कासन में कठिनाई आती है ।

7. चाय पीने से कैंसर तक होने की संभावना भी रहती है ।

🚩8. चाय से स्नायविक गड़बडियां होती हैं, कमजोरी और पेट में गैस भी ।

9. चाय पीने से अनिद्रा की शिकायत भी बढ़ती जाती है ।

🚩10. चाय से न्यूरोलाजिकल गड़बड़ियां आ जाती हैं ।

11. चाय में उपलब्ध यूरिक एसिड से मूत्राशय या मूत्र नलिकायें निर्बल हो जाती हैं, जिसके परिणाम स्वरूप चाय का सेवन करने वाले व्यक्ति को बार-बार मूत्र आने की समस्या उत्पन्न हो जाती है ।

🚩12. इससे दांत खराब होते है. - रेलवे स्टेशनों या टी स्टालों पर बिकने वाली चाय का सेवन यदि न करें तो बेहतर होगा क्योंकि ये बर्तन को साफ किये बिना कई बार इसी में चाय बनाते रहते हैं जिसकी वजह से कई बार चाय विषैली हो जाती है । चाय को कभी भी दोबारा गर्म करके न पिएं तो बेहतर होगा ।

13. बाज़ार की चाय अक्सर अल्युमीनियम के भगोने में खदका कर बनाई जाती है। चाय के अलावा यह अल्युमीनियम भी घुल कर पेट की प्रणाली को बर्बाद करने में कम भूमिका नहीं निभाता है ।

🚩14. कई बार हम लोग बची हुई चाय को थरमस में डालकर रख देते हैं इसलिए भूलकर भी ज्यादा देर तक थरमस में रखी चाय का सेवन न करें । जितना हो सके चायपत्ती को कम उबालें तथा एक बार चाय बन जाने पर इस्तेमाल की गई चायपत्ती को फेंक दें ।

15. शरीर में आयरन अवशोषित ना हो पाने से एनीमिया हो जाता है । - इसमें मौजूद कैफीन लत लगा देता है । लत हमेशा बुरी ही होती है ।

🚩16. ज़्यादा चाय पीने से खुश्की आ जाती है । आंतों के स्नायु भी कठोर बन जाते हैं ।

17. चाय के हर कप के साथ एक या अधिक चम्मच शक्कर ली जाती है जो वजन बढ़ाती है ।

🚩18. अक्सर लोग चाय के साथ नमकीन , खारे बिस्कुट ,पकौड़ी आदि लेते हैं । यह विरुद्ध आहार है । इससे त्वचा रोग होते हैं ।

19. चाय से भूख मर जाती है, दिमाग सूखने लगता है, गुदा और वीर्याशय ढीले पड़ जाते हैं । डायबिटीज़ जैसे रोग होते हैं । दिमाग सूखने से उड़ जाने वाली नींद के कारण आभासित कृत्रिम स्फूर्ति को स्फूर्ति मान लेना, यह बड़ी गलती है ।

🚩20. चाय-कॉफी के विनाशकारी व्यसन में फँसे हुए लोग स्फूर्ति का बहाना बनाकर हारे हुए जुआरी की तरह व्यसन में अधिकाधिक गहरे डूबते जाते हैं। वे लोग शरीर, मन, दिमाग और पसीने की कमाई को व्यर्थ गँवा देते हैं और भयंकर व्याधियों के शिकार बन जाते हैं ।

21. चाय का सेवन लिवर पर बुरा प्रभाव डालता है ।

🚩चाय का विकल्प-

पहले तो संकल्प कर लें कि चाय नहीं पिएंगे । दो दिन से एक हफ्ते तक याद आएगी; फिर सोचोगे अच्छा हुआ छोड़ दी । एक दो दिन सिर दर्द हो सकता है फिर ठीक हो जाएगा।

🚩सुबह ताजगी के लिए गर्म पानी लें । चाहें तो उसमें आंवले के टुकड़े या पाउडर मिला दें, इससे ताजगी आएगी।

🚩सुबह गर्म पानी में शहद नींबू डाल के पी सकते हैं । गर्म पानी में तरह-तरह की जैसे कि तुलसी की पत्तियाँ या फूलों की पंखुड़ियां डाल कर पी सकते हैं । जापान में लोग ऐसी ही चाय पीते हैं और स्वस्थ और दीर्घायु होते हैं ।

🚩कभी पानी में मधुमालती की पंखुड़ियां, कभी मोगरें की, कभी जासवंद, कभी पारिजात आदि डाल कर पी सकते हैं ।

🚩गर्म पानी में  लेमन ग्रास, तेजपत्ता, पारिजात आदि के पत्ते या अर्जुन की छाल या इलायची, दालचीनी इनमें से एक डाल कर पियें ।

🚩चाय पीना मतलब अपना ही सत्यानाश करना है इसलिए आपके घर कोई मेहमान आये तो चाय नहीं बल्कि देशी गाय का दूध या नीबू शर्बत पिलाएं, जिससे उसका स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा और सरलता से बन भी जाएगा ।

🚩देश में चाय के कारण बहुत नुकसान हो रहा है इसलिए आज़ाद भारत के पाठकों को इसे अवगत कराना जरूरी है ।

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Friday, May 24, 2019

बॉलीवुड द्वारा आपको मीठा जहर परोसा जा रहा है ?

24 मई 2019

🚩सलीम जावेद लिखित शोले फिल्म में वृद्ध मुसलमान (ए के हंगल)  को बेटे की मौत पर नमाज के लिए जाते दिखाते हैं तो नायक वीरू (धर्मेन्द्र) को शिव मन्दिर में लड़की छेड़ते हुए दिखाना । अभी मैन्फोर्स कंडोम के विज्ञापन में मंदिर दिखाना और वृद्ध महिला का अश्लील वार्तालाप करना, सभी हिन्दू धर्मगुरुओं के मुँह पर तमाचा है ।

🚩बालीवुड‬ और टीवी सीरियल के नजरिए से ‪हिन्दू‬ को कैसे देखा जाता है एक झलक:-

ब्राह्मण - ढोंगी पंडित, लुटेरा

‪राजपूत - अक्खड़, मुच्छड़, क्रूर, बलात्कारी

वैश्य या साहूकार - लोभी, कंजूस

गरीब हिन्दू दलित - कुछ पैसो या शराब की लालच में बेटी को बेच देने वाला चाचा या झूठी गवाही देने वाला

जाट - खाप पंचायत का अड़ियल बेटी और बेटे के प्यार का विरोध करने वाला और महिलाओं पर अत्याचार करने वाला

जबकि दूसरी तरफ

मुस्लिम - अल्लाह का नेक बन्दा, नमाजी, साहसी, वचनबद्ध, हीरो-हीरोइन की मदद करने वाला टिपिकल रहीम चाचा या पठान ।

ईसाई - जीसस जैसा प्रेम, अपनत्व, हर बात पर क्रॉस बना कर प्रार्थना करते रहना।

🚩ये बॉलीवुड इंडस्ट्री, सिर्फ हमारे धर्म, समाज और संस्कृति पर घात करने का सुनियोजित षड्यंत्र है और वह भी हमारे ही धन से ।

🚩सलीम-जावेद की जोड़ी की लिखी हुई फिल्मों को देखें, तो उसमे आपको अक्सर बहुत ही चालाकी से हिन्दू धर्म का मजाक तथा मुस्लिम / इसाई को महान दिखाया जाता मिलेगा। इनकी लगभग हर फिल्म में एक महान मुस्लिम चरित्र अवश्य होता है और हिन्दू मंदिर का मजाक तथा संत के रूप में पाखंडी ठग देखने को मिलते हैं ।

🚩"दीवार" का अमिताभ बच्चन नास्तिक है और वो भगवान का प्रसाद तक नहीं खाना चाहता है, लेकिन 786 लिखे हुए बिल्ले को हमेशा अपनी जेब में रखता है और वो बिल्ला भी बार-बार अमिताभ बच्चन की जान बचाता है ।

🚩"जंजीर" में भी अमिताभ नास्तिक है और जया भगवान से नाराज होकर गाना गाती है, लेकिन शेरखान एक सच्चा इंसान है ।

🚩फिल्म "शान" में अमिताभ बच्चन और शशिकपूर साधु के वेश में जनता को ठगते हैं, लेकिन इसी फिल्म में "अब्दुल" जैसा सच्चा इंसान है जो सच्चाई के लिए जान दे देता है ।

🚩क्या आपको बालीवुड की वे फिल्मे याद हैं जिनमें फादर को दया और प्रेम का मूर्तिमान स्वरूप दिखाया जाता था तो हिन्दू सन्यासियों को अपराधी । जो मीडिया हिंदू संत आशाराम बापू पर पागल हो गया था वह आज चुप है । बॉलीवुड प्राय: सदा फिल्मों में हिन्दू पात्रों के नाम वाले कलाकारों को किसी इस्लामिक मज़ार या चर्च में प्रार्थना करते दिखाता है । किसी मुस्लिम या ईसाई पात्र को कभी किसी हिन्दू मंदिर में जाकर प्रार्थना करता दिखाना तो बहुत दूर की बात है । इसके विपरीत वह सदा हिन्दू मान्यताओं का परिहास जैसे पंडित को या भगवान की मूर्ति को रिश्वत देना, शादी के फेरे जल्दी-जल्दी करवाना, मंदिर में लड़कियाँ छेड़ना, हनुमान जी अथवा श्री कृष्णा जैसे महान पात्रों के नाम पर चुटकुले छोड़ना आदि-आदि दिखाता है । परिणाम यह निकलता है कि हिन्दुओं के लड़के-लड़कियां हिन्दू धर्म को ही कभी गंभीरता से लेना बंद कर देते है ।
#StopBollywoodJihad

🚩22 साल पहले गुलशन कुमार को सरेआम गोलियों से मार दिया गया क्योंकि इन्होंने दाऊद जैसे गुण्डों के आगे झुकने से मना कर दिया था । ये बॉलीवुड के इस्लामीकरण में बहुत बड़ी बाधा थे । यह वह हिन्दू व्यापारी था जो अपना आयकर भरता था । कुछ वर्ष तक भारत का सबसे बड़ा आयकर देने वाला व्यक्ति रहा क्योंकि इसने दाऊद के आगे घुटने टेकने से इंकार कर दिया था इसलिए इसे जान से मार दिया गया । परंतु न तो भारत सरकार इसके कत्ल के आरोपी नदीम को भारत ला पाई और न ही इसके परिवार को न्याय मिला ।

🚩गुलशन कुमार की हत्या के  ठीक 6 महीने बाद 1998 में साईं नाम के एक नए भगवान् का अवतरण हुआ, इसके कुछ समय बाद 1999 में बीवी नंबर 1 फिल्म आई जिसमे साईं के साथ पहली बार राम को जोड़कर ॐ साईं राम गाना बनाया था, न किसी हिन्दू संगठन का इस पर ध्यान गया और न किसी ने इस पर आपत्ति की, पहला षड्यंत्र कामयाब ।

🚩इस नए भगवान की एक खासियत थी, इसे लोग धर्मनिरपेक्ष अवतार कहते थे, जिसने हिन्दू मुस्लिम एकता को बढ़ावा दिया था, वो अलग बात है कि उसी चिलम बाबा उर्फ़ साईं बाबा के समय में कई दंगे हुए, बंगाल विभाजन हुआ, मोपला दंगे हुए, मालाबार में हजारों हिन्दुओं को काटा और साईं के अल्लाह का भक्त बना दिया गया, अब इस नए भगवान की एक और खासियत थी, नाम हिन्दुओं का प्रयोग हो रहा था और जागरण में अल्लाह-अल्लाह गाया जा रहा था ।  हिन्दुओं की संतानों की स्थिति अर्ध नास्तिक जैसी हो जाती है । जो केवल नाममात्र का हिन्दू बचता है । परन्तु उसका हिन्दू समाज की मान्यताओं एवं धर्मग्रंथों में कोई श्रद्धा नहीं रहती । ऐसी ही संतानें लव जिहाद और ईसाई धर्मान्तरण का शिकार बनती हैं ।

🚩अगर इसे हम बॉलीवुड जिहाद कहें तो कैसा रहेगा ?

🚩सेंशर बोर्ड को ऐसी फिल्मों पर रोक लगानी चाहिए और हिंदुओं को भी ऐसी फिल्मों का बहिष्कार करना चाहिए, तभी हिंदुओं की अच्छाई और सच्चाई वाली फिल्में बनेंगी । अगर ऐसा नहीं हुआ तो हिंदू धर्म पर प्रहार होता रहेगा ।

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Thursday, May 23, 2019

न्यायालय ने 35 साल बाद दिया न्याय, लाखों खर्चे, तब मिला 7500 का हर्जाना

23 मई 2019

🚩कहावत है कि देरी से न्याय मिलना भी अन्याय के बराबर ही है । न्याय पाने के लिए इंसान अपना समय, शक्ति, पैसे, इज्जत सब बर्बाद कर देता है उसके बाद भी अगर न्याय न मिले या देरी से मिले तो अन्याय ही हुआ । जैसे कि भूख अभी है और 5 दिन बाद खाना मिले तो इंसान बीमार हो जाएगा, फिर खाना भी नहीं पचेगा, यही हाल न्याय प्रणाली में है न्याय आज चाहिए और मिलता है सालों के बाद ।

🚩न्याय दोनों को चाहिए जिनके ऊपर झूठे मुकदमे दर्ज हुए है उन्हें और जो स्वयं पीड़ित है उन्हें, पर हमारी कछुआछाप न्यायप्रणाली के कारण उनको न्याय नहीं मिल रहा है ।

🚩ऐसा एक मामला उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर से सामने आया है । यहां 1372 रुपये गबन के मामले में एक व्यक्ति को 35 साल न्याय पाने में लग गए । राम प्रताप यादव के साथ जब ये धोखाधड़ी हुई तब उनकी उम्र 35 वर्ष थी, अब जब कोर्ट का फैसला आया तो वे 70 वर्ष के हो गए ।

🚩सुल्तानपुर के बल्दीराय तहसील के पड़रे डाकघर की शाखा में 35 साल पहले राम प्रताप यादव ने अपना पैसा जमा किया था । उनका आरोप था कि डाकिया जगदीश प्रसाद ने उनके फर्जी हस्ताक्षर कर उनके खाते से 1372 रुपये निकाल लिए । यादव ने मामले की शिकायत डाक विभाग के आला अधिकारियों से की । अधिकारियों ने जांच में मामले को सहीं पाया । प्रकरण का विचारण 1984 से अदालत में चल रहा था । जिसका निवारण बुधवार को अदालत ने किया।

🚩35 साल बाद मिले 7500 रुयये-

कोर्ट ने अपने आदेश में लिखा कि 35 साल पहले आरोपित एक लोक सेवक होते हुए नवयुवक था । उसकी लगातार कोर्ट में उपस्थिति, 70 साल की आयु और गबन की कम धनराशि को देखते हुए 3 साल के कारावास की सजा तथा 10 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया जाता है । साथ ही कोर्ट ने जुर्माने की रकम में से 7500 रुपये पीड़ित राम प्रताप यादव को दिए जाने का आदेश सुनाया ।

🚩राम प्रसाद यादव ने बताया कि मुकदमा लड़ते-लड़ते मेरी जमीन बिक गई और लाखों रुपये खर्च हुए । मेरी यही अपील है कि न्याय में इतनी देरी नहीं होनी चाहिए ।

🚩तो आपने देखा न्याय पाते-पाते जमीन बिक गई, लाखों रुपये खर्च हुए, समय बर्बाद हुआ और न्याय मिला बुढ़ापे में । ये तो एक मामला आपको बताया है पर ऐसे लाखों मामले होंगे जो हमारे समक्ष नहीं हैं, आज हर व्यक्ति न्याय पाने के लिए कोर्ट के चक्कर लगाते रहते हैं, पर उनको मिलती है तो सिर्फ तारीख ही ।

🚩न्यायालय में आप जाएंगे तो देखेंगे कि अधिकतर गरीब तबके के लोग ही चक्कर लगाते हैं, बाकी अमीर और प्रतिष्ठित व्यक्ति का केस केवल वकील ही लड़ते हैं, गरीब व्यक्ति न्याय पाने के लिए अपने घर, जमीन, गहने बेच देता है, न्यायालय के कितने चक्कर लगाता है तब कहीं सालों बाद न्याय मिलता है ।

🚩आजकल झूठे केस करने का ट्रेंड चल पड़ा है वो भी खतरनाक रूप ले रहा है क्योंकि सच में जो पीड़ित हैं, उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है और जिन निर्दोष लोगों पर झूठे मुकदमे किये जा रहे हैं उनको भी न्याय नहीं मिल रहा है, निर्दोष सालों तक जेल में बंद रहते हैं और दोषी आराम से बहार घूमते हैं । जो झूठे केस दायर कर रहे हैं, उनको भी कड़ी सजा का प्रावधान होना चाहिए, जिससे निर्दोष पर कोई झूठे आरोप न लगाए ।

🚩सरकार और न्यायायल को इसपर ध्यान देना चाहिए । जो पीड़ित हैं उन्हें और जिन निर्दोषों पर झूठ केस लगाया गया हो, उन दोनों को न्याय मिले । जिनको झूठे मामलों में सेशन कोर्ट ने सजा भी सुना दी है, ऐसा जिस केस में लगता है उनको भी तुंरत रिहा करना चाहिए ।

🚩सरकार का एक ऐसा भी कर्तव्य बनता है कि समाज को भारतीय संस्कृति एवं श्रीमद्भागवतगीता अनुसार शिक्षा दी जाए, ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए । जिससे देश में कम अपराध हों जिससे न्यायालय, सरकार और जेल प्रशासन को ज्यादा परेशानी न हो सब अपने दिव्य कर्म करके मनुष्य जीवन को सफल बनाए ।

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