Wednesday, July 24, 2019

कश्मीर, कैराना और मेरठ के बाद आगरा से भी हिंदू पलायन हो रहे हैं

21 जुलाई 2019
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🚩20 जनवरी 1990 को कश्‍मीर की मस्जिदों से कश्‍मीरी पंडितों को काफिर करार दिया गया। #मस्जिदों से लाउडस्‍पीकरों के जरिए ऐलान किया गया, 'कश्‍मीरी पंडित या तो मुसलमान धर्म अपना लें, या चले जाएं या फिर मरने के लिए तैयार रहें ।' यह ऐलान इसलिए किया गया ताकि #कश्‍मीरी पंडितों के घरों को पहचाना जा सके और उन्‍हें या तो इस्‍लाम कुबूल करने के लिए मजबूर किया जाए या फिर उन्‍हें मार दिया जाए।

🚩कश्मीर में वर्ष 1990 में हथियारबंद आंदोलन शुरू होने के बाद से अब तक लाखों कश्मीरी पंडित अपना घर-बार छोड़कर चले गए। उस समय हुए नरसंहार में हजारों पंडितों का कत्लेआम हुआ था। हिंदु महिलाओं का सामूहिक बलात्कार किया और उसके बाद बच्चों सहित महिलाओं को मार-मारकर उनकी हत्या कर दी।
🚩आंकड़ों के अनुसार, इस नरसंहार में 6,000 कश्मीरी पंडितों को मारा गया। 7,50,000 पंडितों को पलायन के लिए मजबूर किया गया। 1,500 मंदिर नष्ट कर दिए गए। कश्मीरी पंडितों के600 गांवों को इस्लामी नाम दिया गया। आज भी लाखों कश्मीर पंडित अपने ही देश मे शरणार्थी रह रहे हैं ।
🚩कुछ समय पहले खबर आई थी कि उत्तरप्रदेश के कैराना में कुछ मुसलमानों से परेशान होकर हिंदू पलायन कर रहे है, उसके बाद मेरठ में भी पलायन की खबर आई थी अब आगरा से भीकुछ ऐसी ही खबर आ रही है।
🚩उत्तर प्रदेश के मेरठ में मजहबी उन्मादियों के कहर के कारण हिन्दुओं के पलायन का मामला अभी ठंडा नहीं पड़ा था कि सूबे के ही यमुनानगरी के नाम से विख्यात से हिन्दुओं के पलायन की बड़ी खबर सामने आई है। मामला आगरा के शहीद नगर इलाके का है जहाँ के रहने वाले लोगों ने अपने घरों के बाहर एक पोस्टर चिपका दिया है जिस पर लिखा है ‘यह मकान बिकाऊ है।’ आगरासे पलायन की  खबर सामने आने के बाद सियासी हलकों में हड़कंप मच गया है।
🚩आगरा के शहीद नगर से पलायन को मजबूर लोगों का कहना है कि कि हमारे घरों के आस- पास मांस बिक्री की दुकानें हैं। लोग हमारे दरवाजे पर अपनी गाड़ी खड़ी करते हैं और कई बार मांस खाया हुआ पत्तल भी फेंक जाते हैं, शोर मचाते हैं, महिलाओं/बच्चियों को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियाँ करते हैं। शाम को तो ऐसा लगता है जैसे ओपन बॉर खुला हुआ है। इतनी गंध आती है कि सहना मुश्किल हो जाता है। इस सबके बाद ये लोग बहुत गलत बातें करते हैं, इसलिए हमने पलायन का निर्णय लिया है।
🚩शहीद नगर की रहने वाली मंजू ने बताया कि अराजकतत्वों के कारण घर की महिलाएं बाहर नहीं निकल पाती हैं। मकान की बालकनी में भी खड़ी नहीं हो सकती हैं। कभी भी कोई घटना होसकती है। इलाके में पुलिस की पैट्रोलिंग होती नहीं है। मंजू ने बताया कि इलाके के लोगों ने अधिकारियों से कई बार शिकायत की और हमेशा की तरह से सरकारी तंत्र फेल साबित हुआ। वहीं शराबियों के उत्पात के लोगों के सब्र का बांध टूट गया और अपना घर बेचने पर मजबूर हो गये है।
🚩एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि यहां का माहौल काफी खराब हो चुका है। हमें अपनी जान तथा बहिन बेटियों की इज्जत भी प्यारी है, लेकिन पिछले कुछ समय से जैसी स्थिति बन रही है वो हमारे व हमारे परिवार के लिए ठीक नहीं है, इसीलिए हम लोगों के सामने मकान बेचने के अलावा कोई विकल्प ही नहीं बचा है। मामला सामने आने के बाद सीओ विकास जायसवाल ने कहा है कि इस मामले में कार्रवाई के आदेश एसओ को दिए गए हैं। जांच के बाद जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल पुलिस के आला अधिकारी सिर्फ कार्रवाई करने की तसल्ली देकर मामले से पल्ला झाड़ते हुए नजर आ रहे हैं। - स्त्रोत : सुदर्शन न्यूज़
🚩हिंदू हर जगह से भागता ही जा रहा है, पाकिस्तान, बंगलादेश, अफगानिस्तान से भागकर भारत मे आ रहा है पर भारत मे भी 8 राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक बन चुके हैं और उत्तरप्रदेश में भीकई इलाकों से ऐसी खबर आ रही है कि हिंदू पलायन कर रहे है, एक तरफ ईसाई मिशनरियां हिंदुओं का पुरजोर से धर्मांतरण करवा रहे है दूसरी तरफ लव जिहाद, लैंड जिहाद और बलजबरी सेकुछ मुसलमान हिन्दुओं को भगा रहे है। अब हिंदू भाग-भाग कर कहाँ तक जाएगा?
🚩सबसे पहले तो हिंदुओं को चाहिए कि जाति-पाती छोड़कर एक हो जाये दूसरा की हर हिंदू कमसे कम 4 बच्चें पैदा करें और कही भी किसी भी हिंदु पर अत्याचार या षडयंत्र हो रहा हो तो सभीहिंदू तन-मन-धन से उसको सहयोग करें जिससे किसी की भी हिम्मत न चले कोई हिंदू को परेशान करने की, अपने धर्म या धर्मगुरुओं पर एवं हिंदुनिष्ठ नेताओं पर भी जो षड्यंत्र हो रहे है उसको रोकने के लिए भी एक होकर मुहतोड़ जवाब देना चाहिए तभी हिंदुओं का अस्तित्व बचेगा नही तो फिर हर जगह से भागता ही रहेगा और कही भागने की जगह नही मिलेगी।
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Sunday, July 21, 2019

अमेरिका की लोआ असेंबली में गीता व वैदिक श्लोकों से हुई प्रार्थना

20 जुलाई 2019
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🚩विदेश के लोग श्रीमद्भगवद्गीता व वेदों से प्रभावित हो रहे हैं क्योंकि वहाँ शरीर के उपभोग के लिए सुख-सुविधाएं बहुत हैं, लेकिन मन शांति के लिए उनके पास कुछ नहीं है और मन की शांति नहीं है तो सारी सुविधाएं बेकार है और मन मे शांति है तो कम सुविधाएं में भी इंसान सुखी रह सकता है। और मन की शांति देने की शक्ति केवल भारतीय संस्कृति में ही है इसलिए विदेशी लोग भी अब भारतीय संस्कृति का अनुसरण कर रहे है।

🚩आपको बता दें कि अमेरिका की लोआ असेंबली की सुबह की प्रार्थना पूज्य गीता के श्लोक एवं वैदिक मंत्रों से हुई। तकरीबन तीन मिनट की प्रार्थना में वैश्विक सर्वमंगल, सर्वकल्याण की कामना निहित रही। विश्व हिंदू परिषद के विदेश विभाग प्रमुख पं.कृष्ण कुमार पांडेय ने ओम से शुरुआत के बाद पहले गीता के श्लोक ‘त्वमेव माता च पिता त्वमेव, त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव’ का पाठ किया। इसी क्रम में वैदिक मंत्र और अंत में ‘सर्वे भवंतु सुखिन: सर्वे संतु निरामया’ के पाठ और शांति की कामना के साथ सुबह की प्रार्थना कराई। बाद में उन्होंने ‘ओ लार्ड यू आर माई मदर, ओ लार्ड यू आर माई फादर..’ कहकर प्रार्थना में कहे गए श्लोक और मंत्रों का अर्थ भी बताया।
🚩यह भारतीय सनातन संस्कृति के लिए गर्व का विषय है कि गीता के श्लोक तथा वैदिक मंत्रों के साथ अमेरिका की लोआ असेंबली की शुुरुआत हुई। लोआ सीनेट ऐंड हाउस ऑफ द रिप्रेंजेटेटिव्स की ओर से सुबह की प्रार्थना के लिए पंडित कृष्ण कुमार को सीनेटर हरमन क्यूरमबैच, अमेस की रिप्रेंजेटेटिव लीजा हेडेंस और मैरीन की रिप्रेंजेटेटिव स्वाति दांडेकर की ओर से आमंत्रित किया गया था। इसी के साथ अमेरिकन असेंबली में पहली बार हिन्दू प्रार्थना का इतिहास रचा गया। स्त्रोत : सुदर्शन न्यूज़
🚩ऐसी प्रार्थना अगर सेक्यूलर भारत में हुई होती तो शायद देश का लोकतंत्र ही खतरे में आ जाता, संवैधानिक मूल्यों की धज्जियां उड़ाने वाला बता दिया गया होता, भगवाकरण की कोशिश करने वाला प्रयास बता दिया गया होता, लेकिन यह दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका की असेंबली में हुआ इससे भारतीय सनातन संस्कृति की महत्ता एक बार फिर अंतर्राष्ट्रीय पटल पर स्थापित और गौरवान्वित हुई है।
🚩विदेशी लोग भारतीय संस्कृति अपनाकर अपने को धन्य समझ रहे हैं पर हमारे देश के केंद्रीय विद्यालयों में प्रात:कालीन प्रार्थना संस्कृत और हिंदी में पढ़ी जाती हैं । इस प्रार्थना का संस्कृत भाग उपनिषद्, महाभारत आदि ग्रंथों की शिक्षाओं पर आधारित होता हैं जैसे "असतो मा सद्गमय तमसो मा ज्योतिर्गमय"  तथा "दया कर दान विद्या का हमें परमात्मा देना'' आदि । मध्य प्रदेश के रहने वाले एक व्यक्ति ने याचिका डाली है कि केंद्रीय विद्यालय में पढ़ी जाने वाली प्रार्थनाओं में किसी भी प्रकार के धार्मिक निर्देश नहीं दिए जा सकते । इसलिए इन्हें प्रार्थनाओं में से हटा देना चाहिए । और सुप्रीम कोर्ट इसपर सुनवाई भी करेगा।
🚩केंद्रीय विद्यालयों में जो बच्चें प्रार्थना करते है वे केवल हिंदूओ के लिए ही नहीं बल्कि सभी मनुष्यों के लिए परम् हितकारी है ।
प्रार्थना है...
असतो मा सदगमय ॥
तमसो मा ज्योतिर्गमय ॥
मृत्योर्मामृतम् गमय ॥
इसका हिन्दू में अर्थ है कि
हे प्रभु! हमें असत्य से सत्य की ओर ले चलो ।अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो ।। मृत्यु से अमरता की ओर ले चलो ॥
🚩विदेशी लोग हमारी भारतीय संस्कृति अपनाकर उन्नति कर रहे हैं और हम पाश्चात्य संस्कृति अपनाकर अपने को बर्बाद कर रहे हैं और राष्ट्र विरोधी ताकतें तो ऐसे भी हमारी संस्कृति तोड़ने में लगी हुई है।
🚩अपनी संस्कृति पर हो रहे कुठाराघात को रोकने के लिए हिंदुस्तानियों को संगठित होकर आवाज उठानी चाहिए ।
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Friday, July 19, 2019

हिमा दास ने 15 दिन में 4 गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम किया रोशन

19 जुलाई 2019
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🚩देश की ऐसी अनेकों बेटियां है जो समाज और देश का नाम रोशन कर रही हैं, पर उनको जैसा सम्मान मिलना चाहिए ऐसा मिलता नहीं है । अभी हाल ही में एक विधायक की बेटी साक्षी मिश्रा ने घर से भागकर शादी कर ली जो एक समाज के लिए ये कार्य उचित नही है फिर भी मीडिया उसका समर्थन करके दिन रात खबरे दिखाई यहाँ तक कि उसकी माँ बीमार थी दवाई ले नही रही थी फिर भी बेटी को कुछ फर्क नही पड़ा ऐसी नीच हरकत करने वाली साक्षी की खबरें मीडिया ने खूब दिखाई, पर देश की वीर बहादुर बेटी हिमा दास ने लगातार 4 गोल्ड मैडल जीते और देश का नाम रोशन किया, लेकिन इसपर मीडिया कोई चर्चा नही कर रहे जबकि साक्षी की चर्चा से देश की बेटियां गलत दिशा में जा सकती है और हिमा दास की चर्चा से देश की बेटियां समाज और देश का नाम रोशन कर सकती हैं ।

🚩आपको बता दें कि भारत की युवा स्प्रिंटर हिमा दास ने अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा है। उन्होंने 15 दिनों के अंदर चौथा स्वर्ण पदक जीत लिया है। हिमा ने चेक गणराज्य में हुए टाबोर एथलेटिक्स टूर्नामेंट में 200 मीटर स्पर्धा का स्वर्ण जीता।
🚩19 साल की हिमा ने बुधवार को हुई रेस को 23.25 सेकेंड में पूरा करके स्वर्ण पदक जीता। वही वीके विसमाया 23.43 सेकेंड का समय निकालते हुए दूसरे पायदान पर रहीं। यह इस सीजन का उनका सबसे बेहतरीन प्रदर्शन है।
🚩पुरुष वर्ग में राष्ट्रीय रिकॉर्ड होल्डर मोहम्मद अनस ने 400 मीटर की स्पर्धा में 45.40 सेकेंड का समय निकालते हुए स्वर्ण पदक जीता। अनस ने 13 जुलाई को इसी स्पर्धा में 43.21 सेकेंड के समय के साथ स्वर्ण पदक जीता था।
🚩2 जुलाई के बाद से हिमा का यूरोप में हुए टूर्नामेंट में यह चौथा स्वर्ण पदक है। जीत के बाद उन्होंने ट्वीट किया, ‘आज 200 मीटर में फिर एक स्वर्ण पदक जीता और टाबोर में अपना समय बेहतर करके 23.25 सेकेंड किया।’
🚩उन्होंने दो जुलाई को पोलैंड में हुई पहली रेस को 23.65 सेकेंड में जीता था। स्त्रोत : आज तक
🚩वीर बेटी हिमा दास लगातार आगे बढ़ रही है पर उसकी चर्चा करने का समय भारत की मीडिया के पास नही है, बस थोड़ी कही कोने में खबर दिखा दिया पर जितनी साक्षी मिश्रा की चर्चा की इतनी चर्चा क्यो नही की गई?
🚩हिमा दास के पास सप्लीमेंट और प्रोटीन कभी नहीं थे जो सिर्फ दाल और चावल खाकर उस मुकाम पर पहुंची है। वह कभी स्टेडियम के पक्के ट्रैक पर नहीं दौड़ पाई क्योंकि उसके लिए तो खेतों के कच्चे रास्ते ही उसके सपने और देश के सपने पूरे करने वाले थे।
🚩हिमा दास ने जब देश के लिए विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता उसकी आंखें आंसुओं से भरी हुई थी जब राष्ट्रीय गान चल रहा था । यह आंसू गोल्ड मेडल के नही थे यह आंसू थे भारत का नाम रोशन करने के लिए भारत के राष्ट्रगान के सम्मान में और अब लगातार भारत का नाम रोशन करती जा रही है । हिमा दास सभी तरह की प्रतियोगिता में भारत को पदक अवश्य दिलाती है।
🚩हिमा दास को जो जीत में राशि मिली वो अपने पास नहीं रखी बल्कि उसने अभी हाल ही में असम बाढ़ पीड़ितों के लिए राशि दान कर दी इसे कहते हैं अपने देश अपने राज्य के प्रति वफादारी ।
🚩जब क्रिकेट मैच होता है तो अरबों रुपये का खर्च होता है, अधिकतर देशवासी उसके पीछे पागल रहते हैं, जबकि वे एक सट्टा बाजार है फिर भी देशवासी उसके पीछे पैसे और समय बर्बाद करते हैं, पर ऐसी बहादुर बेटी जो देश का नाम रोशन कर रही है और अपने पैसे देशवासियों की सेवा में लगा दिया उसके लिए न मीडिया को समय है और ना ही देशवासी उनका हौसला बुलंद करते है।
🚩अब हमें ऐसे सच्चे देशभक्त का हौसला बढ़ाना होगा जिससे उसे भी देशवासियों पर गर्व और बढ़े और इसी तरह देश का नाम और रोशन करें।
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रिपोर्ट : हिंदुओं को बदनाम करने की रची गई थी साजिश, तबरेज मामले में खुलासा

18 जुलाई 2019
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🚩आज से ही नहीं सदियों से हिंदुओं के खिलाफ षडयंत्र किया जा रहा है क्योंकि हिंदू सहनशील हैं, हिंदु मेहनती हैं, हिंदू धनी हैं, हिंदू एक नहीं हैं, इन सबका फायदा उठाकर कभी तो भगवा आतंकवाद तो कभी हिंदू साधु-संतों को बलात्कारी तो कभी हिंदू हिंसक इस तरीके से बदनाम किया जा रहा है ।
🚩जैसे भगवा आतंकवाद का नाम देकर पूरे विश्व में हिंदुओं को बदनाम किया गया वैसे ही अभी वर्तमान में जय श्री राम बोलकर मुसलमानों को पीटा गया ऐसा बोलकर बदनाम किया गया, तबरेज के मामले में भी ऐसे ही हिंदुओं को बदनाम किया गया गया पर रिपोर्ट देखकर, आप भी समझ जाएंगे कि हिंदुओं को बदनाम करने की बड़ी साजिस रची गई थी जिसमें मीडिया ने भी हिंदू विरोधी रोल बखूबी निभाया।
🚩आइए जानते है क्या है रिपोर्ट?
'जय श्रीराम' वाले मामलों पर रिपोर्ट
🚩उत्तर प्रदेश में कानपुर, उन्नाव समेत कई अन्य जिलों से सांप्रदायिक तनाव पैदा करने वाली खबरें सामने आईं। कानपुर और उन्नाव में तो एक समुदाय के लोगों ने आरोप लगाया कि जय श्रीराम न बोलने पर उनकी पिटाई की गई। इन दावों ने प्रशासनिक अमले में हड़कंप मचा दिया। ऐसी कई घटनाओं को लेकर उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि हाल ही में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनके जरिए सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश की गई है।
🚩यूपी के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने कहा, 'अलीगढ़ में एक शख्स ने दावा किया कि उसकी टोपी उतारी गई और उसे ट्रेन में प्रताड़ित किया गया। हमने इस मामले की जांच की, वह बरेली जिले में स्थित किसी मदरसे में पढ़ता था। हमने पाया कि जिस प्रकार की बातें वह कह रहा है, ऐसा कुछ हुआ ही नहीं।'
🚩कानपुर और उन्नाव की घटना का किया जिक्र-
ओपी सिंह ने कहा, 'इसी तर्ज पर कानपुर और हाल ही में उन्नाव से भी घटनाएं सामने आईं। जहां लोगों ने यह दावा करते हुए एफआईआर दर्ज कराई कि उनसे जय श्रीराम का नारा लगाने को कहा गया जबकि तथ्य इन बयानों के एकदम विपरीत थे।'
🚩क्या था उन्नाव का मामला?
बता दें कि हाल ही में उन्नाव से एक मामला सामने आया था, जिसमें मदरसे के छात्रों का कहना था कि उन्हें जय श्रीराम न बोलने पर कुछ युवकों ने बुरी तरह से पीटा। मामले की जांच के दौरान जय श्रीराम बोलने जैसी कोई बात सामने नहीं आई थी। इतना ही नहीं, मदरसे के मौलवी निसार अहमद ने जिन युवकों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया था, पुलिस इन्वेस्टिगेशन में उनकी घटनास्थल पर मौजूदगी भी नहीं पाई गई थी।
स्त्रोत - नवभारतटाइम्स
🚩तबरेज मॉब लिंचिंग: SDM की रिपोर्ट
एसडीएम की एक विस्तृत रिपोर्ट में तबरेज की मौत के लिए डॉक्टर और पुलिसकर्मी जिम्मेदार बताए गए हैं।

🚩तबरेज मॉब लिचिंग मामले की बुधवार को रांची हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट में सरायकेला के एसडीएम ने विस्तृत रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट के मुताबिक, तबरेज की मौत के जिम्मेदार डॉक्टर और पुलिसकर्मी हैं। दोनों ने स्वीकृति बयान को हल्के में लिया। इसके साथ ही एसडीएम ने अपनी रिपोर्ट में जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
🚩मारपीट की घटना के एक हफ्ते बाद अंसारी की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। उनकी हत्या के मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट दो दिन पहले सरायकेला पुलिस को सौंपी गई। जांच के दौरान यह पाया गया है कि तबरेज अंसारी को बचाने के लिए दो थानों के प्रभारी अधिकारी ने समय पर प्रतिक्रिया नहीं दी।
🚩जिन डॉक्टरों ने तबरेज का इलाज किया, उन्होंने ठीक से नहीं जांचा। अंसारी की हत्या को लेकर झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है। स्त्रोत : आजतक
🚩आपने ऊपर दी गई रिपोर्ट देखी जिससे ये साफ हो गया कि जहाँ हिन्दू-मुसलमान का कोई मसला ही नहीं है वहाँ पर भी कुछ लोग ऐसे हैं जो सरकार और हिंदुओं को बदनाम करने की साजिश रच रहे थे, जानबूझकर सांप्रदायिक तनाव पैदा करने के लिए ये सब किया जा रहा था और मीडिया उसका खुब साथ निभा रही थी।
🚩हिंदुओं को सजग व एक रहने की अत्यंत जरूरत है, सहिष्णु के नाम पर पलायनवादी नहीं बनना है, कोई भी हिंदुनिष्ठ या हिन्दू धर्मगुरु या हिंदू कहीं भी फसाया जाता है तो एकजुट होकर उसकी सहाय करिए अन्यथा जो राष्ट्र विरोधी ताकतें चाहती हैं कि हमारी एकता टूट जाये, उनकी मुरादें पूरी हो सकती है । हमारी एकता तोड़ने के लिए पहले हिंदुनिष्ठ नेता एवं हिंदू साधु-संतों को टारगेट करते है उनको बदनाम करते हैं, जेल भेजते हैं या हत्या करवा देते हैं इसलिए ऐसी घटना कहीं भी घटित होती दिखे तो मिलकर मुकाबला करना होगा तभी हिंदुओं का अस्तित्व बच सकेगा।
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