Thursday, November 14, 2019

मोदी सरकार अब जल्द पूरा करेगी भाजपा का तीसरा वादा

14 नवम्बर 2019

*🚩भारत देश में अलग-अलग धर्मों के लिए अलग-अलग कानून है । और ये भी अंग्रेज़ों की "फूट डालो और राज़ करो" की नीति का हिस्सा था जो अब तक चल रहा है । आज़ादी के 71 साल के बाद भी आज तक Uniform Civil Code लागू नहीं हुआ है । लेकिन अब भाजपा सरकार इस कदम उठाने जा रही है इसलिए जनता में एक खुशी की लहर है।*

*🚩समान नागरिक संहिता अथवा समान आचार संहिता का अर्थ एक धर्मनिरपेक्ष (सेक्युलर) कानून होता है जो सभी धर्म के लोगों के लिए समान रूप से लागू होता है ! दूसरे शब्दों में, अलग-अलग धर्मों के लिए अलग-अलग सिविल कानून न होना ही ‘समान नागरिक संहिता’ की मूल भावना है ! यह किसी भी धर्म या जाति के सभी निजी कानूनों से ऊपर होता है ! देश के सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून ! यानी ये एक तरह का निष्‍पक्ष कानून होगा ! जब ये कानून बन जाएगा तो हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सभी को एक ही कानून का पालन करना होगा ! यानी मुस्लिम तीन शादियां भी नहीं कर सकेंगे !*

*🚩बेंगलुरु : भारतीय जनता पार्टी ने राम मंदिर निर्माण का जनता से जो वादा किया अब उसे पूरा करने जा रही हैं ! भाजपा की स्‍थापना के समय पार्टी के तीन प्रमुख एजेंडे थे जिसमें राममंदिर निर्माण और जम्मू कश्‍मीर से संविधान के अनुच्‍छेद 370 को रद्द करना शामिल था ! भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में जम्मू कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 हटाए जाने पर वोट मांगा था जिसे मोदी सरकार ने दोबारा सत्ता में आते ही पूरा किया !*

*🚩आज यह पार्टी जो कुछ भी है, इन्‍हीं मुद्दों की वजह से ही है ! अब भाजपा का एक तीसरा प्रमुख एजेंडा बचा है वो है, कॉमन सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता ! राममंदिर निर्माण करवाने के साथ ही भाजपा जनता से किया गया यह तीसरा वादा भी वह जल्द पूरा करेगी ! जिसका इशारा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कर दिया है। उन्‍होंने अयोध्‍या फैसला आने के बाद इसका समर्थन करते हुए कहा कि, इसकी अब आवश्‍कता है !*

*🚩न्यायालय जल्‍द करेगा इस मामले पर सुनवाई*

*गौरतलब हैं कि, देश में समान आचार संहिता लागू करने संबंधी मामला न्यायालय में चल रहा है ! माना जा रहा है कि, देहली उच्‍च न्‍यायालय समान आचार संहिता को लागू करने की मांग करनेवाली याचिकाओं पर जल्‍द ही कार्रवाई कर सकता है ! 15 नवंबर को मुख्‍य न्‍यायाधीश डीएन पटेल और न्‍यायमूर्ति सी हरिशंकर की बेंच इस पर सुनवाई करेगी। विगत मई माह में अदालत ने केन्‍द्र सरकार को इसे लागू करने के संबंध में पीआईएल पर अपना शपथपत्र दायर करने को कहा था !*

*🚩समान नागरिक संहिता क्या है ?*

*समान नागरिक संहिता अथवा समान आचार संहिता का अर्थ एक धर्मनिरपेक्ष (सेक्युलर) कानून होता है जो सभी धर्म के लोगों के लिए समान रूप से लागू होता है ! दूसरे शब्दों में, अलग-अलग धर्मों के लिए अलग-अलग सिविल कानून न होना ही ‘समान नागरिक संहिता’ की मूल भावना है ! यह किसी भी धर्म या जाति के सभी निजी कानूनों से ऊपर होता है ! देश के सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून ! यानी ये एक तरह का निष्‍पक्ष कानून होगा ! जब ये कानून बन जाएगा तो हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सभी को एक ही कानून का पालन करना होगा ! यानी मुस्लिम तीन शादियां भी नहीं कर सकेंगे !*

*🚩संविधान में भी है इसका उल्लेख*

*आपको बता दें कि, संविधान के अनुच्छेद 44 में समान नागरिक संहिता की चर्चा की गई है ! राज्य के नीति-निर्देशक तत्त्व से संबंधित इस अनुच्छेद में कहा गया है कि, ‘राज्य, भारत के समस्त राज्यक्षेत्र में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता प्राप्त कराने का प्रयास करेगा’ ! संविधान में यह भी उल्लिखित है कि, निदेशक तत्व देश के शासन में मूलभूत हैं और विधि बनाने में इनको लागू करना राज्य का कर्तव्य होगा ! संविधान में समान नागरिक संहिता को लागू करना अनुच्‍छेद 44 के तहत राज्‍य की जिम्‍मेदारी बताया गया है, लेकिन ये आज तक देश में लागू नहीं हो पाया ! इसे लेकर एक बड़ी बहस चलती रही है !*

*🚩सर्वोच्च न्यायालय ने यह कानून न लागू करने पर जतायी थी नराजगी*

*पिछले माह ही सर्वोच्च न्यायालय में कॉमन सिविल कोड पर चर्चा उठ चुकी है ! जस्टिस दीपक गुप्ता और अनिरुद्ध बोस की पीठ ने गोवा के एक संपत्ति विवाद के मामले की सुनवाई करते समय इस पर चर्चा की। न्यायालय ने कहा देश के सभी लोगों के लिए एकसमान नागरिक संहिता लागू न होने पर नाराजगी जताई थी। न्यायालय ने कहा कि, हिंदू लॉ 1956 में बनाया गया लेकिन 63 साल बीत जाने के बाद भी पूरे देश में समान नागरिक संहिता लागू करने के प्रयास नहीं किए गए। इस दौरान न्यायालय ने गोवा की मिसाल दी ! दरअसल, गोवा में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू है !*

*🚩कॉमन सिविल कानून लागू करना क्यों है जरुरी ?*

*सभी के लिए कानून में एक समानता से देश में एकता बढ़ेगी और जिस देश में नागरिकों में एकता होती है, किसी प्रकार भेदभाव नहीं होता है ! इससे देश तेजी से विकास के रास्‍ते पर तेजी से आगे बढ़ेगा ! यही नहीं जो अलग-अलग धर्मों के अलग-अलग कानून की वजह से न्यायपालिका पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है ! इसके लागू हो जाने से एक तो न्यायपालिका का बोझ कम होगा ऊपर से समय बचने और एक कानून होने की वजह से बहुत से लंबित मामलों का निपटारा भी जल्द हो सकेगा ! वहीं दूसरी ओर, जब हर धर्म का कानून एक सा होगा, तब वास्तव में सभी नागरिकों के अधिकार और कानून एक होने की बात कही जा सकती है ! उस स्थिति में नागरिकों में एकता बढ़ेगी इतना ही नहीं धर्म के नाम पर राजनीति करनेवाले नेताओं की दुकानें बंद हो जाएगी ! चुनाव के दौरान जातियों के आधार पर वोट के ध्रुवीकरण में भी कमी आएगी, जिससे निष्पक्ष चुनाव में मदद मिलेगी ! स्रोत : वन इंडिया*

*🚩देशवासियों को विश्वास है कि मोदी सरकार ने जैसे 370 और राम मंदिर का वादा पूरा किया वैसे ही अब समान नागरिक संहिता लागू करेगी।*

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छोटी उम्र में हशमतखां को मारकर पेशावर तक जीतने वाले का इतिहास गायब

12 नवम्बर 2019
*हमारे पूर्वज कितने वीर और महान थे और उन्होंने आक्रमणकारियों को कैसे धूल चटाई थी वे सब हमे पाठ्यक्रम में नही बताया जाता है हमें इतिहास में बाबर, अकबर, औरंगजेब और अंग्रेज जैसे जो लुटेरे आक्रमणकारी, बलात्कारी थे उनका इतिहास पढ़ाया जा रहा है ये एक बहुत बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण बात है।*
*महाराजा रणजीत सिंह का नाम भारतीय इतिहास के सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है। पंजाब के इस महावीर ने अपने साहस और वीरता के दम पर कई भीषण युद्ध जीते थे। आज उनका जन्मदिन है।*
*भारत की शान महाराजा रणजीत सिंह जी को भले ही उन्हें शेर ए पंजाब की चर्चित उपलब्धि मिली हो लेकिन इन्हें शेर ए हिंदुस्तान कहना भी गलत नही होगा।*

*आईये जानते हैं उस महायोद्धा को और नमन करते हैं उन्हें आज उनके जन्मदिवस पर..*
*महाराज रणजीत सिंह जी साँवले रंग का नाटे कद के थे। उनकी एक आँख शीतला के प्रकोप से चली गई थी। परंतु यह होते हुए भी वह तेजस्वी थे। आत्मबल का उदाहरण देखना हो तो महाराजा रणजीत सिंह मे देखना चाहिए महाराजा रणजीत सिंह जी जीतने बड़े योद्धा था उतने ही बड़े उदार महामानव थे।*
*महाराज रणजीत सिंह जी और उनकी धर्मपरायणता:*
*महाराजा रंजीत सिंह जी को सिख संगत सिख बताती हैं। सत्य यह है कि महाराजा रंजीत सिंह जी केवल सिखों के नहीं अपितु समस्त हिन्दू समाज के रक्षक थे। महाराजा रंजीत सिंह जी के झंडे में शूरता की प्रतीक चंडी देवी, बल और ब्रह्मचर्य के प्रतीक वीर हनुमान बजरंग बली और शत्रुओं को रुलाने वाले काल भैरव का चित्र अंकित था।*
*अफगानिस्तान के शासक शाहशुजा ने महाराजा रंजीत सिंह के समक्ष अपने राज्याधिकार को वापिस दिलाने की जब अपील की थी तब महाराजा रंजीत सिंह जी ने दो शर्तें उनके समक्ष रखी थी। पहली की वे अपने राज्य में गौहत्या पर प्रतिबन्ध लगाए। दूसरी की सोमनाथ मंदिर से लूटे गए विशालकाय कवाड़ वापिस किये जाये। रणजीत सिंह जी ने जहां अमृतसर के स्वर्ण मंदिर को स्वर्ण से मंडित किया था वहीं पूरी के जगन्नाथ मंदिर और बनारस के विश्वनाथ मंदिर को दान देकर अपने कर्त्तव्य का निर्वाहन भी किया था।*
*27 जून को उनकी पूण्यतिथि पर पाकिस्तान में लाहौर में महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति लगाने का मौलवियों ने बहुत अधिक विरोध किया।बमौलवियों ने कहा कि हम महमूद गजनवी की विरासत मानते हैं रणजीत सिंह की नहीं। आज के अलगाववादी सिखों को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।*
*उनके जीवन के 2 अलभ्य प्रकरण:*
*1 - एक बार उन्होने सेना के साथ जंगल मे पड़ाव डाला भोजन पकाते समय पता चला कि नमक लाना भूल गए। तब किसी ने कहा कि निकट के गाँव में से जाकर नमक ले आए। जब सैनिक नमक लेकर आए तो महाराजा रणजीत सिंह जी ने पूछा*
*क्या नमक का मूल्य दे आए ?*
*सैनिको ने कहा - नमक का भी क्या मूल्य देना।*
*तभी महाराजा ने कहा तत्काल नमक का मूल्य दे कर आओ। यदि राजा मुफ्त मे नमक लेगा तो उसके सिपाही तो पूरा गाँव ही लूट लेंगे।*
*2- एक बार महाराजा कहीं जा रहे थे। तभी उनके माथे पर पत्थर आकार लगा। उनके माथे पर से खून बहने लगा। तभी सैनिक एक बुढ़िया को पकड़ लाए जिसने पत्थर फेंका था। बुढ़िया ने हाथ जो कर कहा कि वह अपने पोते के लिए फल तोड़ने के लिए पत्थर फेंका था जो गलती से उनके माथे पर लग गया।*
*महाराजा ने उस बुढ़िया को तत्काल कुछ धन दिया। सैनिको को बहुत आश्चर्य हुआ। तभी महाराजा ने कहा कि एक पेड़ पत्थर मारने पर फल देता है तो मैं क्या पेड़ से भी गया गुजारा हूँ?*
*महाराजा किशोरावस्था से ही चुनौतीयों का सामना करते आये। जब वे केवल 12 वर्ष के थे तब उनके पिताजी की मृत्यु (वर्ष 1792) हो गयी थी। खेलने -कूदने की उम्र में ही नन्हें रणजीत सिंह को मिसल का सरदार बना दिया गया था, और उस ज़िम्मेदारी को उन्होने बखूबी निभाया।*
*महाराजा रणजीत सिंह को कोई औपचारिक शिक्षा नहीं मिली थी, वह अनपढ़ थे। अपने पराक्रम से विरोधियों को धूल चटा देने वाले रणजीत सिंह पर 13 साल की कोमल आयु में प्राण घातक हमला हुआ था। हमला करने वाले हशमत खां को किशोर रणजीत सिंह ने खुद ही मौत की नींद सुला दिया।*
*महाराजा रणजीत सिंह का विवाह 16 वर्ष की आयु में महतबा कौर से हुआ था। उनकी सास का नाम सदा कौर था। सदा कौर की सलाह और प्रोत्साहन पा कर रणजीत सिंह नें रामगदिया पर आक्रमण किया था, परंतु उस युद्ध में वह सफलता प्राप्त नहीं कर सके थे।*
*बाल्यकाल में चेचक रोग की पीड़ा, एक आँख गवाना, कम उम्र में पिता की मृत्यु का दुख, अचानक आया कार्यभार का बोझ, खुद पर हत्या का प्रयास इन सब कठिन प्रसंगों नें रणजीत सिंह को किसी मज़बूत फौलाद में तबदील कर दिया।*
*उनके राज में कभी किसी अपराधी को मृत्यु दंड नहीं दिया गया था। रणजीत सिंह बड़े ही उदारवादी राजा थे, किसी राज्य को जीत कर भी वह अपने शत्रु को बदले में कुछ ना कुछ जागीर दे दिया करते थे ताकि वह अपना जीवन निर्वाह कर सके। वो महाराजा रणजीत सिंह ही थे जिन्होंने हरमंदिर साहिब यानि गोल्डन टेम्पल का जीर्णोधार करवाया था।*
*महाराजा रणजीत सिंह स्वभाव से अत्यंत सरल व्यक्ति थे। महाराजा की उपाधि प्राप्त कर लेने के बाद भी रणजीत सिंह अपने दरबारियों के साथ भूमि पर बिराजमान होते थे। वह अपने उदार स्वभाव, न्यायप्रियता की उच्च भावना के लिए प्रसिद्द थे। अपनी प्रजा के दुखों और तकलीफों को दूर करने के लिए वह हमेशा कार्यरत रहते थे। अपनी प्रजा की आर्थिक समृद्धि और उनकी रक्षा करना ही मानो उनका धर्म था। महाराजा रणजीत सिंह नें लगभग 40 वर्ष शासन किया। अपने राज्य को उन्होने इस कदर शक्तिशाली और समृद्ध बनाया था कि उनके जीते जी  किसी आक्रमणकारी सेना की उनके साम्राज्य की और आँख उठा नें की हिम्मत नहीं होती थी।*
*महाराजा रणजीत सिंह न गौ मांस खाते थे ना ही अपने दरबारियों को इसकी आज्ञा देते थे। सन 1805 में महाराजा ने भेष बदलकर लार्ड लेक शिविर में जाकर अंग्रेजी सेना की कवायद, गणवेश और सैन्य पद्दति को देखा और अपनी सेना को उसी पद्दति से संगठित करने का निश्चय किया। प्रारम्भ में स्वतन्त्र ढंग से लड़ने वाले सिख सैनिको को कवायद आदि का ढंग बड़ा हास्यापद लगा और उन्होंने उसका विरोध किया पर महाराजा रणजीत सिंह अपने निर्णय पर दृढ़ रहे।*
*महान इतिहासकार जे. डी कनिंघम ने कहा था- "निःसंदेह रणजीत सिंह की उपलब्धियाँ महान थी। उसने पंजाब को एक आपसी लड़ने वाले संघ के रूप में प्राप्त किया तथा एक शक्तिशाली राज्य के रूप में परिवर्तित किया।"*
*वीरता और स्वाभिमान के उन पावन प्रतीक महाराजा रणजीत सिंह जी को उनके जन्मदिवस पर बारम्बार नमन करते हैं और आशा करते हैं कि सरकार शीघ्र ही उनका नाम पाठ्यक्रम मे जोड़ेंगे।*
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मौलाना ने 15 साल की बच्ची को बना दिया मां, मीडिया, सेक्युलर चुप

12 नवम्बर 2019
*🚩जब भी किसी पवित्र हिंदू साधु-संत पर कोई झूठा आरोप लगता है तो इलेक्ट्रॉनिक  और प्रिंट मीडिया इस तरह खबर चलाती है कि जैसे न्यायालय में अपराध सिद्ध हो गया हो, सेक्युलर भी जोरों से चिल्लाने लगते हैं और हिंदू धर्म पर टिप्पणियां करने लगते हैं और सबसे बड़ी बात तो यह है कि इल्जाम लगते ही न्यूज चालू हो जाती है अनेक झूठी कहानियां बन जाती है। इससे तो यह सिद्ध होता है कि मीडिया को इस बात का पहले ही पता होता है कि कौन से हिन्दू साधु-संत पर कौन सा इल्जाम लगने वाला है? और उनके खिलाफ किस तरीके से झूठी कहानियां बनाकर खबरें चलाना है? क्या लगता है यह सब पहले से ही तय कर लिया जाता होगा।*
*🚩वहीं दूसरी ओर किसी मौलवी या ईसाई पादरी पर आरोप सिद्ध हो जाये, तभी भी न मीडिया खबर दिखाती है और ना ही सेक्युलर कुछ बोलते हैं। इससे साफ होता है कि ये गैंग केवल हिंदुत्व के खिलाफ है।*
*🚩खबर के मुताबिक बिहार के मुजफ्फरपुर  मस्जिद के मौलाना मकबूल ने 15 साल की मासूम बच्ची को खाने में नशीला पदार्थ मिला कर सबसे पहली बार दुष्कर्म किया।*
*🚩इसके बाद वो बच्ची को अक्सर डरा-धमका कर उसके साथ रेप किया करता था। इसके साथी मोहम्मद शोएब ने भी पीड़िता को अपनी हवस का शिकार बनाना शुरू कर दिया।*
*🚩करीब 2 महीने तक यह दोनों लड़की के साथ घिनौना काम करते रहे। इस दौरान लड़की गर्भवती हो गई। कच्ची उम्र में मां बनने के बाद पहली बार लड़की की शिकायत पर उसके गांव में पंचायत बुलाई गई। लड़की ने बताया कि वो मौलाना की धमकियों की वजह से उसके जुल्म सहती रही। लेकिन पंचायत ने मौलाना की गलती मानने से इंकार कर दिया। इतना ही नहीं पंचायत ने नाबालिग मां को अपने बच्चे को 20,000 रुपए में बेच देने का तुगलकी फरमान भी सुना दिया।*
*🚩जानकारी के मुताबिक लड़की के पिता मुंबई में मजदूरी करते हैं। अब इस पूरे मामले में महिला थाने में पीड़ित पक्ष की तरफ से केस कराया गया है। पीडिता लगातार DNA टेस्ट की मांग कर रही है ताकि उसके बच्चे के पिता के बारे में पता लगाया जा सके।*
*🚩पुलिस का कहना है कि मामले की जांच के लिए विशेष टीम का गठन किया गया है और रेप के आरोपियों पर कडी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। स्त्रोत : जनसत्ता*
*🚩अगर यही खबर किसी भी हिन्दू धर्म गुरु से जुड़ी होती तो मीडिया में इतनी खबरें दिखाई जाती कि भारत के अलावा अन्य देशों में भी पता चल जाता । मौलवियों के ऐसा एक मामला सामने नहीं आया है ऐसे तो सैंकड़ो मामले हैं । इसी तरह चर्च के ईसाई पादरियों के खिलाफ भी अनेक दुष्कर्म के मामले समय-समय पर सामने आए हैं पर इस पर मीडिया नहीं दिखाती है लगता है कि मीडिया को पवित्र हिन्द साधु-संतों को बदनाम करने और ईसाई पादरियों एवं मौलवियों के दुष्कर्म की खबर छुपाने के लिए  फंडिग मिलती होगी।*
*🚩आपको बता दें कि भारतीय संस्कृति इतनी महान और भारत देश इतना समृद्ध है कि भारत को लूटने और उसकी संस्कृति तोड़ने का प्रयास हजारों सालों से चल रहा है मुगल से लेकर अंग्रेज तक देश को लूटते ही रहे अभी भी उनकी नजर भारत देश पर है और भारत में 96.63 करोड़ हिंदू हैं, जो कुल आबादी का 79.8% है। अब उन हिन्दुओ की श्रद्धा टिकी है अपने धर्मगुरुओं पर जो साधु-संत-मुनि के नाम से जाने जाते हैं और उनके बताये हुए मार्ग पर चलते हैं जिससे वो उनके भीतर हिन्दू संस्कृति की महिमा भरते हैं और स्वदेशी चीजे अपनाने को कहते हैं और उनको दारू-सिगरेट-बीड़ी-चाय आदि व्यसनों को छुड़ा देते हैं और आसान-प्राणायाम आदि सिखाकर और घरेलू स्वास्थ्य की कुंजियां बताते हैं और हिन्दू संस्कृति के अनुसार जीवन जीने को बोलते हैं जिससे विदेशी कम्पनियों को अरबों-खरबों का नुकसान होता है दूसरा कि ईसाई मिशनरियां और मुस्लिम संघटन भारत में हिन्दुओं का धर्मपरिवर्तन नही करा पाते हैं इसलिए वो हिन्दुओ की अपने धर्म गुरु साधु-संतों पर जो आस्था टिकी हुई है उसको खत्म करने के लिए मीडिया में ईसाई मिशनरियां और मुस्लिम संस्थाएं पैसा डालकर यह सब करवा रहे है ।*
*🚩हिन्दू समाज को एक महत्वपूर्ण बात कहना चाहेगे की जब भी कोई ईसाई पादरी या मौलवी पर आरोप सिद्ध होता है फिर भी उनके धर्म के लोग उनके खिलाफ नही बोलते हैं लेकिन जब षडयंत्र के तहत किसी हिन्दू साधु-संत पर कोई आरोप भी लगता है तो भी उनके खिलाफ हिन्दू ही बोलना चालू कर देते है यही हिन्दू समुदाय की सबसे बड़ी कमी रही है कि जिन्होंने अपना पूरा जीवन देश और संस्कृति एवं समाज कल्याण के लिए लगा दिया ऐसे संत पर कोई झूठा आरोप लगा दे और मीडिया विदेशी ताकतों के इशारे पर उनको बदनाम करे तो यही हिन्दू समाज उनको गलत समझ लेता है ।*
*🚩अतः हिंदुस्तानी सावधान रहें,  विदेशी ताकतों के इशारे पर चलने वाली मीडिया से, मीडिया में अधिकतर खबरें बनती नहीं हैं, बनाई जाती हैं इसलिए आंख बंद करके मीडिया पर भरोसा नही करें।*
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Monday, November 11, 2019

इस घटना से आपको होना होगा सावधान, रेप के झूठे केस में हो गई मृत्यु

11 नवम्बर 2019
नारियों की सुरक्षा हेतु बलात्कार-निरोधक नये कानून बनाये गये । परंतु दहेज विरोधी कानून की तरह इनका भी भयंकर दुरुपयोग हो रहा है ।
इस घटना के बारे में सुनकर होश उड़ जाएंगे कि क्या ऐसा भी हो सकता है? लेकिन हुआ है पूरी घटना पढिये फिर  चौकन्ना रहिये...
मुंबई के वडाला ट्रक टर्मिनल की घटना है।
अक्टूबर 27 की रात 11 बजे विजय सिंह (working as MR in Pharma Company) जो सायन कोलीवाड़ा का रहने वाला है, अपने दो चचेरे भाईयों के साथ खाने के बाद टहलने के लिए और अपनी होने वाली पत्नी से बात करने के लिए घर से कुछ दूर (वडाला ट्रक टर्मिनल ) आया। जब उसने अपनी बाइक खड़ी की तो सामने एक कपल बैठा हुआ था और उनके ऊपर इसकी बाइक की लाइट चली गयी । लाइट चेहरे पर जाने के बाद कपल में से लड़के ने विजय सिंह को गाली दी और थोड़ी बहस चालू हो गयी । उसने अपने 2 दोस्तों को बुला लिया और बात आगे बढ़ गयी यहाँ तक कि हाथापाई पर आ गयी।
जब वहा पुलिस पहुँची तो लड़की ने बस ये बोल दिया कि ये तीनो लड़के ( विजय और उसके चचेरे दो भाई ) मुझे छेड़ रहे थे और पुलिस ने बिना किसी पूछताछ के विजय ओर उसके दोस्तों को मारा । यहाँ तक कि उस वक्त भी लड़की और उसके साथ के लड़के ने इन तीनो पर हाथ उठाया ।
पुलिस मारते मारते विजय सिंह और उसके साथ वाले दो भाइयों को पुलिस चौकी ले गयी। तीनों को बिना किसी पूछताछ के अलग अलग लॉकअप में डाल दिया । विजय सिंह को हाथ पैर और छाती पर भी मारा जब कि सामने पक्ष वालो का स्वागत किया । उनमे से एक लड़के ने पुलिस चौकी में ये तक कहा कि तुम लोग को इधर ही खत्म कर दूंगा लेकिन इसपर भी पुलिस ने कोई प्रतिक्रिया नही दी।
रात्रि 2:30 बजे विजय सिंह ने पुलिस स्टाफ से कहा कि मुजे सीने में दर्द हो रहा है और पानी दे दो पीने के लिए लेकिन पुलिस ने पानी नही दिया बल्कि जब विजय की माँ ने पानी देने की कोशिस की तो उसे भी डाटा। विजय का एक छोटा कजिन जब पानी देने गया तो उससे भी बहोत बुरा व्यवहार किया । घरवालो से भी बहोत गाली गलौच की । विजय ने पुलिस स्टाफ से कहा कि अपने बेटे जैसा समझ के पानी पिला दो लेकिन इंसानियत मर चुकी थी इन लोगो में शायद।
विजय ने ये भी कहा कि मुजे घुटन सी हो रही है, पंखा चला सकते है क्या लेकिन फिर वही गली गलौज वाली भाषा । जब वो बेहोश हो गया तो उसे लोकप से बाहर निकाला गया और लिटाया गया । जब उसे घरवालो को सौपा गया तो विजय दम तोड़ चुका था ।
शायद आपको ये जान के और धक्का लगे कांस्टेबल ने ये कहा कि हमारे पास गाड़ी नही है, Ola बुक करके जाओ
विजय के पापा ने एक Ola वाले को रिक्वेस्ट कर के जब गाड़ी रुकवायी तब उस ड्राइवर ने उसकी साँसे चेक कर के कहा कि यर मार चुका है । आप शायद ही उसके बाप की हालत समझ पाएंगे।
सवाल ये है की क्या सिर्फ उस लड़की का ही बयान मायने रखता है? बिना जुर्म साबित हुए पुलिस ने विजय ओर उसके भाइयो को क्यों मारा? पानी पिलाना जुर्म हो गया है क्या? एक बाप को उसके बेटे की लाश दे के ये कहना जरूरी है क्या की ola करके जाओ?
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2396806983901264&id=100007159565440
अगर इसी तरह चलता रहा तो निर्दोष पुरुषों का क्या होगा? कोई भी महिला अपनी रंजिस निकालने के लिए या पैसे एठने के लिए झूठा आरोप लगा दे और बिना सबूत पुलिस जेल में डाल दे और मौत हो जाये तो निर्दोष पुरुषों की हालत क्या होगी?
बलात्कार- निरोधक कानून की आड़ में महिलाएं आम नागरिक से लेकर सुप्रसिद्ध हस्तियों, संत-महापुरुषों को भी ब्लैकमेल कर झूठे बलात्कार आरोप लगाकर जेल में डलवा रही हैं । कानून का दुरुपयोग करने पर वास्तविकता में जो महिला पीड़ित होती है उसको न्याय भी नही मिला पाता है ।
बलात्कार निरोधक कानूनों की खामियों को दूर करना होगा। तभी समाज के साथ न्याय हो पायेगा अन्यथा एक के बाद एक निर्दोष सजा भुगतने के लिए मजबूर होते रहेंगे ।
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Saturday, November 9, 2019

लव जिहाद में फंसी लड़कियों की दुर्दशा देखिये, फिर कोई लड़कीं नही फसेंगी

08 नवम्बर 2019

*🚩हिंदू युवतियों को अपने माँ-बाप धर्म के संस्कार नहीं देते है जिससे हिंदू युवतियां सेक्युलर बन जाती है और सीरियलों एवं फिल्मों द्वारा लव जिहाद को बढ़ावा दिया  जाता है जिसके कारण हिंदू युवती लव जिहाद में आसानी से फस जाती है और उनका आखरी अंत बड़ा दर्दनाशक होता है।*

*🚩लव जिहाद से हिंदू युवतियों की जिंदगी बर्बाद हो गई है ऐसी एक-दो नही हजारों घटनाएं है पर उसकी खबरें इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया नहीं बताती है जिसके कारण ऐसी खबरें जनता तक पहुँच नही पाती है जिसके कारण दूसरी हिंदू युवतियां भी लव जिहाद में फंसकर अपनी जिंदगी बर्बाद कर देती है।*

*🚩आज हम आपको ऐसी दो घटनाएं बता रहे है जिनका अंत हत्या*

*🚩लुकमान के साथ रहनेवाली नेहा को मार कर सूटकेस में भरकर फेंक दिया*

*🚩दिल्ली पुलिस ने 18 वर्षीय युवती की हत्या कर उसकी लाश सूटकेस में भर कर ठिकाने लगाने के आरोप में तीन युवकों को गिरफ्तार कर लिया है। तीनों के नाम नॉएडा निवासी नोमान (३०), शकूरपुर निवासी अरमान (२६) और न्यू उस्मानपुर निवासी शमसाद (३०) बताए जा रहे हैं।*

*🚩पुलिस के अनुसार, युवती की पहचान नेहा पटेल के रुप में हुर्इ है। नेहा शकूरपुर की रहने वाली थी आैर वह 18 अक्टूबर 2019 से लापता थी। नेहा की लाश उसी दिन एक सूटकेस से सुबह बरामद हुई थी। जिस इलाके (बवाना) में यह बरामदगी हुई, वह उत्तरी देहली का बाहरी इलाका है।*

*🚩उन तीनों से हुई पूछताछ में पता चला कि नेहा लुकमान के बर्ताव से आजिज आ चुकी थी। वह लुकमान से अपने संबंध खत्म करना चाहती थी।*

*🚩घटना के दो दिन पहले (16 अक्टूबर, 2019 को) दोनों के बीच एक झगड़ा हुआ। इसके बाद लुकमान और उसके भाइयों ने नेहा की हत्या कर दी और उसकी लाश को बवाना ले जाकर ठिकाने लगा दिया। पुलिस ने बताया कि हालाँकि लुकमान को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है, लेकिन प्रयास जारी हैं।*

*स्त्रोत : ऑपइंडिया*

*🚩पेट्रोल डालकर हत्या:*

*छत्तीसगढ में जांजगीर चांपा के नवागढ़ डीहपारा निवाई जमीर खान और सुनीता कुशवाह दोनों जॉब कर रहे थे जॉब के दौरान जमीर खान ने सुनीता को लव जिहाद में फंसा लिया और शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध भी बना लिया जिससे युवती गर्भवती हो गई, युवती जमीर खान से शादी करने की प्रार्थना करती रही पर वह नही माना तो उसके घर चली पहुँच गई। घर पर पहुँचते ही प्रेमी के बड़े भाई अनवर खान ने पत्थर से सिर कुचल दिया और पेट्रोल डालकर जला दिया*

*🚩यहाँ केवल 2 घटनाएं का ही उल्लेख किया है बाकी ऐसी हजारों घटनाएं हैं जिसमें हिंदू युवतियों ने लव जिहाद में फंसकर अपनी जिंदगी बर्बाद कर ली है, कई हिंदू युवतियों का तो पता भी नहीं चल पा रहा है कि वे कहां गई, विदेश में बेच दिया, हत्या कर दी या खुद आत्महत्या कर ली? अब हिंदुओं को जागरूक होने की अत्यंत आवश्यकता है सबसे पहले अपने बच्चों को धर्म की शिक्षा दें, अच्छे संस्कार दें , टीवी सिनेमा से दूर रखें, उनका मोबाइल चेक करते रहे, जिससे बच्चे अपनी जिंदगी बर्बाद न कर ले नहीं तो यही बच्चे बड़े होकर आपको ही गालियां देंगे, बच्चों का भी कर्तव्य है कि अपने माँ-बाप की बात माने, नही तो आगे पछताना पड़ेगा।*

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Thursday, November 7, 2019

जानिए भीष्मपंचक व्रत से कितने है फायदे? और क्यो करना चाहिए ?

07 नवम्बर 2019

*🚩भीष्म पंचक का हिन्दू धर्म में बड़ा ही महत्त्व है। पुराणों तथा हिन्दू धर्मग्रंथों में कार्तिक माह में 'भीष्म पंचक' व्रत का विशेष महत्त्व कहा गया है। इस साल यह व्रत 08 नवम्बर से 12 नवम्बर तक है।*

*🚩 सदाचारी एवं संयमी व्यक्ति ही जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकता है । सुखी-सम्मानित रहना हो, तब भी ब्रह्मचर्य की जरूरत है और उत्तम स्वास्थ्य व लम्बी आयु चाहिए, तब भी ब्रह्मचर्य की जरूरत है ।*

*🚩 माँ गंगा के पुत्र भीष्म पितामह पूर्व जन्म में वसु थे । अपने पिता की इच्छा पूर्ति के लिए आजन्म अखण्ड ब्रह्मचर्य के पालन का दृढ संकल्प करने के कारण पिता की तरफ से उनको इच्छा मृत्यु का वरदान मिला था।*

*🚩 कार्तिक शुक्ल एकादशी से पूनम तक का व्रत ‘भीष्मपंचक व्रत कहलाता है । जो इस व्रत का पालन करता है, उसके द्वारा सब प्रकार के शुभ कृत्यों का पालन हो जाता है । यह महापुण्यमय व्रत महापातकों का नाश करनेवाला है । निःसंतान व्यक्ति पत्नीसहित इस प्रकार का व्रत करे तो उसे संतान की प्राप्ति होती है ।*

*🚩 भीष्मपंचक व्रत कथा:*

*🚩कार्तिक एकादशी के दिन बाणों की शय्या पर पड़े हुए भीष्मजी ने जल की याचना की थी । तब अर्जुन ने संकल्प कर भूमि पर बाण मारा तो गंगाजी की धार निकली और भीष्मजी के मुँह में आयी । उनकी प्यास मिटी और तन-मन-प्राण संतुष्ट हुए । इसलिए इस दिन को भगवान श्रीकृष्ण ने पर्व के रूप में घोषित करते हुए कहा कि ‘आज से लेकर पूर्णिमा तक जो अघ्र्यदान से भीष्मजी को तृप्त करेगा और इस भीष्मपंचक व्रत का पालन करेगा, उस पर मेरी सहज प्रसन्नता होगी ।*

*🚩 इसी संदर्भ में एक और कथा है...*

*महाभारत का युद्ध समाप्त होने पर जिस समय भीष्म_पितामह सूर्य के उत्तरायण होने की प्रतीक्षा में शरशैया पर  शयन कर रहे थे। तक भगवान कृष्ण पाँचो पांडवों को साथ लेकर उनके पास गये थे। ठीक अवसर मानकर युधिष्ठर ने भीष्म पितामह से उपदेश देने का आग्रह किया। भीष्म जी ने पाँच दिनों तक राज धर्म ,वर्णधर्म मोक्षधर्म आदि पर उपदेश दिया था । उनका उपदेश सुनकर श्रीकृष्ण सन्तुष्ट हुए और बोले, ”पितामह! आपने शुक्ल एकादशी से पूर्णिमा तक पाँच दिनों में जो धर्ममय उपदेश दिया है उससे मुझे बड़ी प्रसन्नता हुई है। मैं इसकी स्मृति में आपके नाम पर भीष्म पंचक व्रत स्थापित करता हूँ । जो लोग इसे करेंगे वे जीवन भर विविध सुख भोगकर अन्त में मोक्ष प्राप्त करेंगे।*

*🚩भीष्म पंचक व्रत में क्या करना चाहिए ?* 

*इन पाँच दिनों में अन्न का त्याग करें । कंदमूल, फल, #दूध अथवा #हविष्य (विहित सात्त्विक आहार जो यज्ञ के दिनों में किया जाता है) लें ।*

*🚩 इन पाँच दिनों में निम्न मंत्र से भीष्मजी के लिए तर्पण करना चाहिए :*

*सत्यव्रताय शुचये गांगेयाय महात्मने ।* *भीष्मायैतद् ददाम्यघ्र्यमाजन्मब्रह्मचारिणे ।।*

*‘आजन्म ब्रह्मचर्य का पालन करनेवाले परम पवित्र, सत्य-व्रतपरायण गंगानंदन महात्मा भीष्म को मैं यह अर्घ्य देता हूँ ।*

*(स्कंद पुराण, वैष्णव खंड, कार्तिक माहात्म्य)*

*🚩अर्घ्य के जल में थोडा-सा कुमकुम, केवड़ा, पुष्प और पंचामृत (गाय का दूध, दही, घी, शहद और शक्कर) मिला हो तो अच्छा है, नहीं तो जैसे भी दे सकें । ‘मेरा ब्रह्मचर्य दृढ रहे, संयम दृढ़ रहे, मैं कामविकार से बचूँ... - ऐसी प्रार्थना करें ।*

*🚩इन पाँच दिनों में अन्न का त्याग करें । कंदमूल, फल, दूध अथवा हविष्य (विहित सात्त्विक आहार जो यज्ञ के दिनों में किया जाता है) लें ।*

*🚩इन दिनों में पंचगव्य (गाय का दूध, दही, घी, गोझरण व गोबर-रस का मिश्रण) का सेवन लाभदायी है ।*

*🚩पानी में थोड़ा-सा गोझरण डालकर स्नान करें तो वह रोग-दोषनाशक तथा पापनाशक माना जाता है ।*

*🚩इन दिनों में #ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए ।*

*🚩जो नीचे लिखे #मंत्र से भीष्मजी के लिए अर्घ्यदान करता है, वह मोक्ष का भागी होता है :*
*वैयाघ्रपदगोत्राय सांकृतप्रवराय च । अपुत्राय ददाम्येतदुदकं भीष्मवर्मणे ।।*
*वसूनामवताराय शन्तनोरात्मजाय च । अघ्र्यं ददामि भीष्माय आजन्मब्रह्मचारिणे ।।*

*‘जिनका व्याघ्रपद गोत्र और सांकृत प्रवर है, उन पुत्ररहित भीष्मवर्मा को मैं यह जल देता हूँ । वसुओं के अवतार, शान्तनु के पुत्र, आजन्म ब्रह्मचारी भीष्म को मैं अर्घ्य देता हूँ ।*

*🚩 इस व्रत का प्रथम दिन #देवउठी एकादशी है l इस दिन भगवान नारायण जागते हैं l इस कारण इस दिन निम्न मंत्र का उच्चारण करके भगवान को जगाना चाहिए :*
*उत्तिष्ठोत्तिष्ठ गोविन्द उत्तिष्ठ गरुडध्वज l*
*उत्तिष्ठ कमलाकान्त त्रैलोक्यमन्गलं कुरु ll*

*'हे गोविन्द ! उठिए, उठिए , हे गरुड़ध्वज ! उठिए, हे कमलाकांत ! #निद्रा का त्याग कर तीनों लोकों का मंगल कीजिये l'*
*(ऋषि प्रसाद : नवम्बर 2007)*

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