Friday, February 7, 2020

वेलेंटाइन डे का इतिहास जान लेंगे तो छोड़ देंगे वेलेंटाइन मनाना

07 फरवरी 2020

*🚩 भारत में अधिकतर लोग नहीं जानते हैं कि वेलेंटाइन डे की शुरुआत कैसे हुई और यह क्यों मनाया जा रहा है । इससे हमें फायदा होगा या नुकसान, ये हमारी संस्कृति के अनुसार है कि नहीं इस पर तनिक भी विचार न कर टीवी-सिनेमा मीडिया में दिखाई जाने वाली चीजों से प्रभावित हो उनकी नकल करने लगे ।*

*🚩 आइये आज आपको वैलेंटाइन डे का सच्चा इतिहास बताते हैं....*

*🚩रोम के राजा क्लाउडियस ब्रह्मचर्य की महिमा से परिचित थे, इसलिए उन्होंने अपने सैनिकों को शादी करने के लिए मना किया था, ताकि वे शारीरिक बल और मानसिक दक्षता से युद्ध में विजय प्राप्त कर सकें । रोम के चर्च के ईसाई धर्मगुरु वेलेंटाइन जो स्वयं ईसाई पादरी होने के कारण बाहर से नही दिखा सकते कि वे ब्रह्मचर्य के विरोधी है। इसलिए पादरी वेलेंटाइन ने गुप्त ढंग से सैनिकों की शादियाँ कराईं । राजा को जब यह बात पता चली तो उन्हें दोषी घोषित किया और इस पादरी वेलेंटाइन को 14 फरवरी के दिन फाँसी दे दी गयी । सन् 496 से ईसाई पोप गैलेसियस ने उनकी याद में 14 फरवरी के दिन वैलेंटाइन डे मनाना शुरू किया । तब से लेकर अब तक यह प्रथा चली आ रही है ।*

*🚩 एक बड़ी बात यह भी है कि वेलेंटाइन डे मनाने वाले लोग पादरी वेलेंटाइन का ही अपमान करते हैं क्योंकि वे शादी के पहले ही अपने प्रेमास्पद को वेलेंटाइन कार्ड भेजकर उनसे प्रणय-संबंध स्थापित करने का प्रयास करते हैं । यदि पादरी वेलेंटाइन इससे सहमत होते तो वे शादियाँ कराते ही नहीं । तो ये था वेलेंटाइन - डे का इतिहास और इसके पीछे का आधार ।*

*🚩भारत में जब अंग्रेज आये तब वो लोग इस दिन को मनाते थे तो भारत के कुछ लोग जो अंग्रेजों के चाटुकार थे, मूर्ख और लालची थे वे लोग भी इसे मनाने लगे ।*

*🚩भारत में अंग्रेज वेलेंटाइन डे इसलिए मना रहे थे ताकि भारत के लोगों का नैतिक पतन हो जिससे वो अंग्रेजो के सामने लड़ ही न पाएं और लंबे समय तक भारत को गुलाम बनाकर रख सके ।*

*🚩फिर अंग्रेज तो गये लेकिन विदेशी कम्पनियों ने सोचा कि हम अगर भारत में वैलेंटाइन डे को बढ़ावा देते हैं तो हमें अरबों-खबरों रुपये का फायदा होगा तो उन्होंने टीवी, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, अखबार, नावेल, सोशल मीडिया, आदि में खूब-प्रचार प्रसार किया जिससे उन्होंने महंगे ग्रीटिंग कार्ड, गिफ्ट, फूल चॉकलेट आदि से कई करोड़ो रुपए कमाएं । इसके अलावा नशीले पदार्थ, ब्ल्यू फिल्म, गर्भ निरोधक साधन, पोनोग्राफी, उत्तेजक पोप म्यूजिक जैसी सेक्स उत्तेजक दवाइयां बनाने वाली विदेशी कम्पनियां अपने आर्थिक लाभ हेतु समाज को चरित्रभ्रष्ट करने के लिए करोड़ों अरबों रूपये खर्च कर रही है ।*

*🚩वाणिज्य एवं उद्योग मंडल के एक सर्वेक्षण के अनुसार वर्ष 2016 में वेलेंटाइन डे से जुड़े सप्ताह के दौरान फूल, चॉकलेट, आदि विभिन्न उपहारों की बिक्री का कारोबार करीब 22,000 करोड़ रूपये था । इस बार 50,000 करोड़ रूपये से अधिक का कारोबार होने का अनुमान है । वस्तुत: वैलेंटाइन डे के विदेशी बाजारीकरण वासनापूर्ति को बढ़ावा देने वाला दिन है ।*

*🚩अब ये वैलेंटाइन डे हमारे कुछ स्कूलों तथा कॉलजों में भी मनाया जा रहा है और हमारे यहाँ के लड़के-लड़कियाँ बिना सोचे-समझे एक दूसरे को वैलेंटाइन डे का कार्ड, गिफ्ट फूल दे रहे हैं ।*

*🚩इन सब विदेशी गन्दगी को देखते हुए हिन्दू संत आशारामजी बापू ने 2006 में 14 फरवरी को #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस के रूप में मनाना शुरू किया जिसका अभी व्यापक रूप से प्रचार हो रहा है । भारत में उनके करोड़ों अनुयायी, आम जनता, हिन्दू संगठन और कई राज्यों की सरकार, गांव-गांव, नगर-नगर में इस दिन को मातृ पितृ पूजन दिवस के रूप में मना रहे हैं । विदेशों में भी उनके अनुयायी इस दिन को मातृ पितृ पूजन दिवस के रूप में मना रहे हैं ।*

*🚩हिन्दू संत बापू आसारामजी का कहना है कि 14 फरवरी को पश्चिमी देशों की नकल कर भारत के युवक युवतियाँ एक दूसरे को ग्रीटिंग कार्ड्स, फूल आदि देकर वैलेंटाइन डे मनाते हैं । इस विनाशकारी डे के नाम पर कामविकार का विकास हो रहा है, जो आगे चलकर चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन, खोखलापन,जल्दी बुढ़ापा और जल्दी मौत लाने वाला साबित होगा ।*


*🚩हजारों-हजारों युवक-युवतियां तबाही के रास्ते जा रहे हैं । वैलेंटाइन डे के बहाने आई लव यू करते-करते लड़का-लड़की एक दूसरे को छुएंगे तो रज-वीर्य का नाश होगा । आने वाली संतति पर भी इसका बुरा असर पड़ता है और वर्तमान में वे बच्चे-बच्चियां भी तबाही के रास्ते हैं । लाखों-लाखों माता-पिताओं के हृदय की पीड़ा को देखते हुए तथा बच्चे-बच्चियों को इस विदेशी गंदगी से बचाकर भारतीय संस्कृति की सुगंध से सुसज्जित करना है । प्रेम दिवस जरूर मनायें लेकिन प्रेमदिवस में संयम और सच्चा विकास लाना चाहिए । युवक-युवती मिलेंगे तो विनाश-दिवस बनेगा ।*

*🚩इस दिन बच्चे-बच्चियाँ माता-पिता का पूजन करें और उनके सिर पर पुष्ष रखें, प्रणाम करें तथा माता-पिता अपनी संतानों को प्रेम करें । संतान अपने माता-पिता के गले लगे । इससे वास्तविक प्रेम का विकास होगा ।*

*🚩तुम भारत के लाल और भारत की लालियाँ (बेटियाँ) हो । प्रेमदिवस मनाओ, अपने माता-पिता का सम्मान करो और माता-पिता बच्चों को स्नेह करें।  पाश्चात्य संस्कृति के लोग विनाश की ओर जा रहे हैं । वे लोग ऐसे दिवस मनाकर यौन सम्बन्धी रोगों का घर बन रहे हैं, अशांति की आग में तप रहे हैं । उनकी नकल भारत के बच्चे-बच्चियां न करें ।*

*🚩आपको बता दें कि बापू आसारामजी ने इस तरीके से करोड़ो लोगो को वैलेंटाइन डे आदि विदेशी प्रथाओं से, व्यसन आदि से बचाया है जिसके कारण विदेशी कंपनियों का अरबों-खबरों रुपये का घाटा हुआ है । तथा इस नुकसान से बचने के लिए ही उन्होंने बापू आसारामजी को साज़िशों के जाल में फंसा जेल भेज दिया ।*

*🚩हमारे शास्त्रों में माता-पिता को देवतुल्य माना गया है और इस संसार में अगर कोई हमें निःस्वार्थ और सच्चा प्रेम कर सकता है तो वो हमारे माता-पिता ही हो सकते हैं ।*

*🚩तो क्यों न हम मानवमात्र के परम हितकारी हिन्दू संत आसारामजी बापू प्रेरित #14 फरवरी_मातृ_पितृ_पूजन मनाकर अपने माता-पिता के सच्चे प्रेम का सम्मान करें और यौवन-धन, स्वास्थ्य और बुद्धि की सुरक्षा करें ।*

*🚩आओ एक नयी दिशा की ओर कदम बढ़ाएं ।*
*आओ एक सच्ची दिशा की ओर कदम बढ़ाएं ।*
*14 फरवरी को वेलेंटाइन डे नहीं माता-पिता की पूजा करके उनका शुभ आशीष पाएं ।*

🚩Official Azaad Bharat Links:👇🏻


🔺 facebook :




🔺 Word Press : https://goo.gl/ayGpTG

🔺Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ

Thursday, February 6, 2020

रिपोर्ट : वेलेंटाइन डे मनाने से होगी भयंकर बर्बादी, बचने के लिए ये उपाय करें

06 फरवरी 2020

*🚩भारत देश की संस्कृति में वैलेंटाइन डे मनाने का विधान नहीं है, लेकिन आज के कुछ नासमझ युवक-युवतियां वेलेंटाइन डे मनाने से भविष्य में होने वाले भयावह परिणाम से अंजान हैं इसलिए इस बर्बादी करने वाले पर्व को मनाने को लालायित रहते हैं ।*

*🚩आपको बता दें कि भारत में अपने व्यापार का स्तर बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय कम्पनियां वैलेंटाइन डे की गंदगी यहाँ लेकर आई हैं और वे ही कम्पनियां मीडिया को पैसे देकर वैलेंटाइन डे का खूब जोरों-शोरों से प्रचार-प्रसार करवाती हैं जिसके कारण उनका व्यापार लाखों- करोड़ों और अरबों में नहीं वरन खरबों में हो जाता है । इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया भी जनवरी से ही वैलेंटाइन डे यानि पश्चिमी संस्कृति का प्रचार करने लगते हैं जिसके कारण विदेशी कम्पनियों के गिफ्ट, कंडोम, गर्भनिरोधक सामग्री, नशीले पदार्थ आदि 10 गुना बिकते हैं तथा उन्हें खरबों रुपये का फायदा होता है ।*

*🚩भारत में इसके भयंकर परिणाम देखे बिना ही वैलेंटाइन डे मनाना शुरू कर दिया गया जबकि कई रिकार्ड्स के आधार पर देखा जाए तो विदेशों में वैलेंटाइन डे मनाने के भयावह परिणाम सामने आए हैं ।*

*🚩आँकड़े बताते हैं कि आज पाश्चात्य देशों में वैलेंटाइन डे जैसे त्यौहार मनाने के कारण कितनी दुर्गति हुई है । इस दुर्गति के परिणामस्वरूप वहाँ के निवासियों के व्यक्तिगत जीवन में रोग इतने बढ़ गये हैं कि भारत से 10 गुनी ज्यादा दवाइयाँ अमेरिका में खर्च होती हैं जबकि भारत की आबादी अमेरिका से तीन गुनी ज्यादा है । मानसिक रोग इतने बढ़े हैं कि हर दस अमेरिकन में से एक को मानसिक रोग होता है | दुर्वासनाएँ इतनी बढ़ी हैं कि हर छः सेकण्ड में एक बलात्कार होता है और हर वर्ष लगभग 20 लाख कन्याएँ विवाह के पूर्व ही गर्भवती हो जाती हैं | मुक्त साहचर्य (free sex) का हिमायती होने के कारण शादी के पहले वहाँ का प्रायः हर व्यक्ति जातीय संबंध बनाने लगता है । इसी वजह से लगभग 65% शादियाँ तलाक में बदल जाती हैं । हर 10 सेकण्ड में एक सेंधमारी होती है, 1999 से 2006 तक आत्महत्या का वार्षिक दर प्रति वर्ष लगभग एक प्रतिशत था लेकिन 2006 से 2014 के बीच में आत्महत्या दर प्रतिवर्ष दो प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है । आत्महत्या की दर में 24 प्रतिशत तक वृद्धि हो गई है ।*

*🚩पाश्चात्य संस्कृति के इन आंकड़ों को देखकर भी अगर आप वैलेंटाइन डे मनाने को आकर्षित होते हैं तो निःसंदेह आप अपना जीवन स्वयं बर्बादी के रास्ते ले जा रहे हैं । पाश्चात्य संस्कृति का अगर अन्धानुकरण किया तो यकीनन आपको मानसिक, शारीरिक रोग घेर लेंगे फिर आप डॉक्टरों के पास चक्कर लगाते रहेंगे और अस्पताल आपका एक अतिरिक्त निवासस्थान बन जाएगा जिसके कारण आपको आर्थिक परेशानी भी उठाने की नौबत आ सकती है और नतीजन इतनी सारी परेशानियों का बोझ उठाते-उठाते थक जाएँ और फिर आत्महत्या तक कर सकते हैं ।*

*🚩भारत के युवक-युवतियां अगर पाश्चात्य संस्कृति की ओर अग्रसर हुए तो परिणाम भयंकर आने वाला है । अब युवक-युवतियों का यह कहना होगा कि “क्या हम प्यार न करें, तो उनको एक सलाह है कि दुनिया में आपको सबसे पहले प्यार किया था आपके माँ-बाप ने । आप दुनिया में आने वाले थे, तबसे लेकर आज तक आपको वो प्यार करते रहे लेकिन उनका प्यार तो आप भूल गये उनको ठुकरा दिया । जब आप बोलना भी नहीं जानते थे तब उन्होंने आपका भरण पोषण किया । आपको ऊंचे से ऊँचे स्थान पर पहुँचाने के लिए खुद भूखे रहकर भी आपको उच्च शिक्षा दिलाई । उनका केवल एक ही सपना रहा कि मेरा बेटा या बेटी सबसे अधिक तेजस्वी, ओजस्वी और महान बने । ऐसा अनमोल उनका प्यार आप भुलाकर किसी लड़के-लड़की के चक्कर में आकर अपने माँ-बाप को कितना दुःख दे रहे हैं, उसका अंदाजा भी आप नहीं लगा सकते इसलिए आप यदि स्वयं को बर्बादी से बचाना चाहते हैं, माँ-बाप के प्यार का बदला चुकाना चाहते हैं, तो आपको एक ही सलाह है कि आप मीडिया, टीवी, अखबार पढ़कर वैलेंटाइन डे नहीं मनाकर उस दिन अपने माता-पिता का पूजन करें ।*

*🚩'जो माता-पिता और गुरुजनों को प्रणाम करता है और उनकी सेवा करता है, उसकी आयु, विद्या, यश और बल चारों बढ़ते हैं ।' (मनुस्मृतिः 2.121)*

*🚩अतः हे देश के कर्णधार #युवक-युवतियों आप भी #वेलेंटाइन डे का #त्याग #करके उस दिन #मातृ-पितृ पूजन मनाकर स्वयं को उन्नत बनाएं ।*

🚩Official Azaad Bharat Links:👇🏻


🔺 facebook :




🔺 Word Press : https://goo.gl/ayGpTG

🔺Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ

Wednesday, February 5, 2020

धन कमाने में लगे हिंदू इस लेख को पढ़ लें, नहीं तो पछताना पड़ेगा

05 फरवरी 2020

*🚩हिरन पूरे दिन घास खाने में लगा रहता है, घास को प्रोटीन में बदलने में ही लगा रहता है। दूसरी तरफ माँसाहारी जानवरों को जब तक भूख नहीं लगती बस आराम से पड़े रहते हैं क्योंकि उन्हें पता है कि उनके लिए प्रोटीन का इंतजाम करने के लिए हिरण जो लगा हुआ है।*

*🚩जब तक हिरण जिंदा है, जंगल में खूंखार जानवर मस्त सोते हैं पर हिरण जब कम होने लगते हैं तो ये भूखे-खूंखार नए जंगल की तलाश करते हैं।*

*🚩हिन्दू रूपी हिरणों ने बड़ी मेहनत से सोना, चांदी, हीरे, ज्ञान-विज्ञान इकट्ठा किया था, क्या हुआ ?* 
                 *एक खूंखार नस्ल साफ कर गई सब!!* 

*ईरान लिया, अफगानिस्तान लिया, पाकिस्तान लील गये, कश्मीर लिया, बांग्लादेश लिया, केरल, बंगाल और असम भी गया ही समझो।*

*🚩उस नस्ल ने सिर्फ शिकारी के गुण विकसित किये हैं...* 

*🚩अब पाकिस्तान और बांग्लादेश में खाने पीने की भयंकर कमी आ रही है क्योंकि हिन्दू, पंजाबी, सिंधी जैसे हिरण कम हो चुके हैं जिनकी वजह से इकोनॉमी चल रही थी। शेष कार्य सिर्फ शरीयत को 100 प्रतिशत लागू करना है, जिसकी वजह से धीरे धीरे पाकिस्तान, बांग्लादेश में हिरण खत्म हो रहे हैं और खूंखार नरभक्षी बढ़ रहे हैं। अब उन नरभक्षियों की नजर नए जंगलों पर हैं... वो है भारत। इसे ही वो 'गज़वा-ए-हिन्द' कहते हैं और उनकी मजहबी किताबों में हजारों साल पहले इसका जिक्र हो चुका है, हर शांतिप्रिय भेड़िये के मन में वो ऐसे बैठा हुआ है जैसे हमारे लिए राष्ट्रगीत।*

*🚩इस आखरी जंग में सेना ज्यादा कुछ नहीं कर पायेगी क्योंकि ये जंग अंदर से शुरू होगी फिर बाहर से...*

*🚩जितनी तेजी से पाक-बांग्लादेश से हिरण रूपी हिंदू कम हो रहे हैं उतनी ही जल्दी इसकी संभावना बढ़ रही है और ये जंग अचानक नहीं होगी..., हम पहले से ही हैं इस जंग में !! विश्वास न हो तो असम, त्रिपुरा, नागालैंड, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, केरल आदि राज्यों के उनके बाहुल्य इलाके में घूम के आओ, वहाँ से हिंदू रूपी हिरणों ने घर और संपत्ति बेचकर कहीं और बसेरा बना लिया है।*

*🚩हमारे यहाँ के हिरण कहाँ जाने की सोच रहे हैं ?*

*🚩समझ लो ...*

*🚩जब किसी मोहल्ले या कालोनी में हिन्दू 20% रह जाते हैं तब एक साइलेंट उत्पीड़न का दौर शुरू होता है ....*

*🚩कुछ इस प्रकार👇*

*◆1 - आप ... आपका परिवार रात को बेधड़क सो रहा होता है तभी आपका पड़ोसी सलमान अपनी दीवार (जो कि आपकी दीवार के साथ मिली होती है) में रात के 11 बजे कील ठोंकना शुरू कर देता है ।*

*◆2- मुर्गे बेचने वाला अब्दुल हजार मुसलमानों का घर छोड़ के सिर्फ आपके सामने वाले सलीम के चबूतरे पर बैठ के मुर्गे काटना शुरू कर देता है ।*

*◆3- कल रात अब्दुल के घर आई मीट की, खाली काली पन्नी सुबह आपके दरवाजे पर फड़फड़ाती मिलेगी ।*

*◆4 - रज़िया का बच्चा रोज आपके चबूतरे पर लैट्रीन कर जाएगा। कभी रज़िया आकर साफ करेगी, कभी कह देगी मेरे बच्चे ने नहीं किया है । मजबूरन आपको साफ करना पड़ेगा ।*

*◆5- आपके घर में जवान बहु-बेटी हैं तो आपसे तीन मकान छोड़ के रहने वाले गफूर मियां के यहां दिन भर अवारागर्दों का अड्डा जमा रहेगा। वो आवारा गाहे बगाहे बिना जरूरत ही आप के घर के सामने से बार बार निकलेंगे आपस में गन्दी-भद्दी गालियों भरी भाषा आपकी ही बहन-बेटियों को सुनाते हुए।*

*◆6- नामाज के टाइम आप से चौथे मकान वाले शराफत मियां आपका tv बंद कराना कभी नहीं भूलते ।*

*◆7 - होली के रंग से इस्लाम खतरे में पड़ जाता है और दीवाली के पटाखे से बकरियों को परेशानी होती है ।*

*◆7- बकरीद पर तो महीनों तलक आप को गंदगी और बदबू से निज़ात नहीं मिलने वाली ।*

*◆8 - आप कितने भी शरीफ हों ... महीने में तीन चार बार आप से लड़ाई का बहाना वो ढूंढ ही लेते हैं ।*

*◆9 - पुलिस प्रशासन से शिकायत करें तो आप अकेले पड़ जायँगे और उनकी तरफ से हजार लोग आपको ही झगड़ालू और साम्प्रदायिक बताने लग जायँगे ।*

*🚩ये सब उत्पीड़न के तौर तरीक़े साबित करना आपके बस की बात नहीं ।*

*🚩आपके शुभचिंतक आपको वहाँ से पलायन की सलाह देंगे और प्रशासन इसे आपका निजी मामला बताएगा !!*

*🚩बाकी करना क्या है आप खुद समझदार हैं, दिमाग़ में आया.... सोचा बता दें, नहीं विश्वास तो अपने बाप दादा या किसी बुजुर्ग से पूछ लेना जिन्होंने भारत-पाकिस्तान का विभाजन अपनी आंखों से देखा है और कश्मीरी पंडितों को वो सब बता देंगे। - नारायण चौधरी*

*🚩आपको बता दें कि भारत के ही 9 राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक हो चुके हैं और देश के जिन इलाकों में हिंदू कम हैं, वहाँ से पलायन कर रहे हैं।अभी भी जाति-पाति में बंटते रहे, हिंदुत्ववादी नेताओं को वोट नहीं दिया और साधु-संतों की बात नहीं मानी, राष्ट्रवादी पत्रकारों को नहीं सुना तो फिर कश्मीरी पंडितों की तरह तैयार रहना।*

🚩Official Azaad Bharat Links:👇🏻


🔺 facebook :




🔺 Word Press : https://goo.gl/ayGpTG

🔺Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ

Monday, February 3, 2020

भारतीय संस्कृति कितनी महान है कोरोना वायरस के बाद समझ सकते हैं

03 फरवरी 2020
www.azaadbharat.org
*🚩भारतीय संस्कृति में शाकाहार ही अपनाया गया है और मृत व्यक्ति को जला दिया जाता है इसका कुछ लोग मजाक भी उड़ाने लग गए थे। लेकिन कोरोना वायरस आ जाने के बाद इस भारतीय परंपरा की महानता जान सकते हैं।*
*🚩मांसाहार केवल एक रोग ही नहीं बल्कि बर्ड फ्लू, स्वाइन फ्लू, निपाह, कोरोना वायरस लाते हैं, जिसकी कीमत सभी को भुगतनी पड़ती है। यही कारण है कि भारतीय संस्कृति मांसाहार नहीं शाकाहार पर ही आधारित रहा है।*
*🚩जहां एक ओर फार्मा कंपनियों द्वारा वायरस का एक प्रोपेगेंडा फैलाया जाता है ताकि वो हजारों करोड़ों कमा लें, वहीं इसकी शुरुआत मांसाहार अर्थात जीवों में वायरस छोड़े जाते हैं, वैक्सीनेशन के द्वारा और फिर उस मांस का भक्षण जब लोग करते हैं तो वायरस तीव्र गति में फैलते हैं।*

*🚩वायरस से बचने के लिए चीन की सरकार ने मांसाहार पर रोक लगाया है और सब्जियां मंगवाई हैं। इस घटना से आपको यह समझने के लिये काफी है कि शाकाहार अपनाएंगे, भारतीय गौमाता के गोबर आधारित खेती से उत्पन्न अनाज खाएंगे तो कभी कोई वायरस आंख नहीं उठा सकेगा। गाय माता के गौझरण, गोबर, दूध आदि का उपयोग करेंगे तो वायरस आप पर हावी नहीं हो सकता।*
*🚩ना डरें नए कोरोना वायरस से क्योंकि हमारी भारतीय नस्ल की कामधेनु गौमैया हमारे साथ है !!*
*● जी हां कोरोना वायरस जो कि चाइना, और अन्य कुछ देशों में जल्दी से फैल रहा है, WHO के अनुसार इस नए घातक वायरस की कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है, कुछ लोगों की मृत्यु भी हुई तो इसका डर लगभग सभी देशों में बढ़ रहा है।*
*ये कोरोना वायरस हवा से रोगी के संसर्ग व स्पर्श से फैलने वाला वायरस है, ग्रसित व्यक्ति के संसर्ग से अथवा ग्रसित पशु के संसर्ग से फैलता है।*
*अब ये वायरस दुनिया में चर्चा का विषय बन गया है, और भय का वातावरण बना रहा है*
*● तो ना डरें ये कोरोना वायरस से क्योंकि भारतीय वंश की देशी गौमैया के पास सब रोगों से लड़ने की क्षमता भरी पड़ी है।*
*देशी गाय के पंचगव्य से ये वायरस आपसे मीलों दूर रहेगा ।*
*🚩तो जानें आपको क्या करना है..*
*■ शुद्ध भारतीय वंश की देसी गाय के पांचों गव्यों से सिद्ध पंचगव्य घृत को रोज रात्रि में सोते समय एवम सुबह उठकर कुनकुना करके 2-2 बून्द नाक में डालकर 15-20 मिनिट बिना तकिया सिर ऊंचा रखकर नाक में धीरे धीरे अंदर उतरने दो।*
*■ गिलोय, तुलसी, अड़ूसा, अदरक, जैसी औषधियों से निर्मित, गौमूत्र अर्क प्रातः खाली पेट 30 से 50 मिली सेवन करें।*
*● बस इतने सामान्य प्रयोग से आपसे कोरोना ही नहीं हवा से फैलने वाले सब वायरस से रक्षण मिलेगा वो भी गारंटी है भारतीय नस्ल की गौमैया की।*
*● पंचगव्य घृत से हवा से फैलने वाले कोई भी वायरस आपके शरीर मे प्रवेश नहीं कर सकता और औषधि युक्त गौमूत्र अर्क आपकी रोग प्रतिकारक क्षमता बनाये रखेगा।*
*●गिलोय के 6 - 7 इंच लंबे तने को चबाते हुए रस निगल लें । तुलसी की पत्तियों को पीसकर शुद्ध शहद मिलाकर चाट लें। एक दो काली मिर्च मिला लें। इतने से ही इम्यून सिस्टम बे‍हतर होने लगेगा।*
*●यदि किसी को गिलोय को चबाना-चूसना/तुलसी की पत्तियों को पीसना सिरदर्दी का काम लगता है तो बाजार से नामी गिरामी फार्मेसी की तुलसी घनवटी और गिलोय सत्व ले आये । दो गोली तुलसी घनवटी की चबाकर ऊपर से एक ग्राम गिलोय सत्व मिला हुआ शहद चाट लें। बस हो गया काम । कोरोना ही नहीं किसी भी प्रकार के वायरस के प्रति अभेद्द्य सुरक्षा कवच इन दोनों के सेवन से मिल जाता है ।*
*🚩आयुष मंत्रालय ने ट्वीट करके बताया कि कोरोना वायरस से बचने हेतु तुलसी, काली मिर्च, सोंठ और पिप्पली के मिश्रण का उपयोग करें।*
*🚩दूसरा कि कोरोना वायरस वाले मृतव्यक्ति को जलाया जाता है।*
*🚩भारतीय संस्कृति इतनी महान है कि उसमें शाकाहार पहले से ही अपनाया जाता है, और मृत व्यक्ति को जलाया जाता है। अगर आप तुलसी आदि का उपयोग करते हैं तो अति उत्तम है!! अगर हम पहले से ही भारतीय संस्कृति अपनाएं तो बीमार ही नही होंगे।*
*🚩प्रकृति को बचाना है, स्वयं को बचाना है तो भारतीय संस्कृति के अनुसार शाकाहारी जीवन अपनायें। गौ-गीता और गंगा आदि का महत्व समझकर उसका जीवन में उपयोग करें तो जीवन धन्य-धन्य हो जाएगा।*
🚩Official Azaad Bharat Links:👇🏻
🔺 Word Press : https://goo.gl/ayGpTG
🔺Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ