Thursday, December 14, 2023

प्राचीन भारतीय वैज्ञानिकों ने कौन सी 10 अविश्वसनीय खोजें की ?

15  December 2023

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🚩भारत प्राचीन काल से ही ज्ञान और विज्ञान का एक प्रमुख केंद्र रहा है। यहां के वैज्ञानिकों ने कई ऐसी खोजें की हैं जो आज भी विश्व के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इन खोजों ने न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।


🚩1. शून्य की खोज


🚩प्राचीन भारतीय वैज्ञानिकों ने शून्य की खोज की, जो गणित की सबसे महत्वपूर्ण अवधारणाओं में से एक है। आर्यभट्ट ने पहली बार शून्य का उल्लेख अपने ग्रंथ "आर्यभट्टीय" में किया था। उन्होंने शून्य को एक संख्या के रूप में मान्यता दी और इसके गुणधर्मों का वर्णन किया। शून्य की खोज ने गणित के विकास को एक नया आयाम दिया।


🚩2. दशमलव प्रणाली की खोज

प्राचीन भारतीय वैज्ञानिकों ने दशमलव प्रणाली की खोज की, जो आज दुनिया भर में उपयोग की जाने वाली सबसे आम संख्या प्रणाली है। इस प्रणाली में संख्याओं को 10 आधार पर व्यक्त किया जाता है। दशमलव प्रणाली की खोज ने गणित और विज्ञान के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।


🚩3. बीजगणित की खोज

प्राचीन भारतीय वैज्ञानिकों ने बीजगणित की खोज की, जो गणित की एक शाखा है जो समीकरणों और बीजगणितीय कार्यों का अध्ययन करती है। बौधायन, आर्यभट्ट, ब्रह्मगुप्त आदि भारतीय वैज्ञानिकों ने बीजगणित के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।


🚩4. ज्यामिति की खोज

प्राचीन भारतीय वैज्ञानिकों ने ज्यामिति की खोज की, जो गणित की एक शाखा है जो आकृतियों और उनकी विशेषताओं का अध्ययन करती है। शुल्ब सूत्र, आर्यभट्टीय, ब्रह्मस्फुटसिद्धांत आदि भारतीय ग्रंथों में ज्यामिति के सिद्धांतों का वर्णन किया गया है।


🚩5. त्रिकोणमिति की खोज

प्राचीन भारतीय वैज्ञानिकों ने त्रिकोणमिति की खोज की, जो ज्यामिति की एक शाखा है जो त्रिभुजों का अध्ययन करती है। आर्यभट्ट, ब्रह्मगुप्त, वराहमिहिर आदि भारतीय वैज्ञानिकों ने त्रिकोणमिति के सिद्धांतों का विकास किया।


🚩6. खगोल विज्ञान की खोज

प्राचीन भारतीय वैज्ञानिकों ने खगोल विज्ञान की खोज की, जो ब्रह्मांड और उसकी वस्तुओं का अध्ययन करती है। आर्यभट्ट, ब्रह्मगुप्त, वराहमिहिर आदि भारतीय वैज्ञानिकों ने खगोल विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया।


🚩7. आयुर्वेद की खोज

प्राचीन भारतीय वैज्ञानिकों ने आयुर्वेद की खोज की, जो प्राकृतिक चिकित्सा की एक प्रणाली है। चरक, सुश्रुत, वाग्भट्ट आदि भारतीय वैज्ञानिकों ने आयुर्वेद के सिद्धांतों का विकास किया।


🚩8. योग की खोज

प्राचीन भारतीय वैज्ञानिकों ने योग की खोज की, जो एक प्राचीन भारतीय आध्यात्मिक और शारीरिक अभ्यास प्रणाली है। योग मन, शरीर और आत्मा को एकजुट करने का एक तरीका है।


🚩9. भाषा विज्ञान की खोज

प्राचीन भारतीय वैज्ञानिकों ने भाषा विज्ञान की खोज की, जो भाषाओं के अध्ययन से संबंधित है। पाणिनि, यास्क, शाकुंतलम आदि भारतीय ग्रंथों में भाषा विज्ञान के सिद्धांतों का वर्णन किया गया है।


🚩10. संगीत की खोज

प्राचीन भारतीय वैज्ञानिकों ने संगीत की खोज की, जो एक कला रूप है जो ध्वनि के माध्यम से अभिव्यक्ति व्यक्त करता है। भरतमुनि के नाट्यशास्त्र में संगीत के सिद्धांतों का वर्णन किया गया है।


🚩इन खोजों ने न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ये खोजें आज भी प्रासंगिक हैं और इनका उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है।



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Wednesday, December 13, 2023

मजार पर कोई हिंदू महिला जाने से पहले इस घटित घटना के बारे में जरूर जान ले ! कितने बुरा अंजाम भुगतना पड़ा !!

14  December 2023

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🚩हिन्दू सहिष्णु होने के कारण कई बार साजिश के शिकार हो जाते हैं।  ऐसी कई घटनाएं हैं , जिनमे॔ मजारों पर जाने के बाद उनका और परिवार का कैरियर बर्बाद हो जाता है । ऐसी ही एक घटना आज आपके सामने रख रहे हैं।हिन्दू माताएं,बहनें मजार पर जाने से पहले दिल दहलाने वाली इस घटना को जान लें, फिर कभी उस तरफ मुड़कर भी नहीं देखेंगी।


🚩उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में एक हिन्दू परिवार के सामूहिक धर्मान्तरण का मामला सामने आया है। आरोप एक मजार पर रहने वाले मौलवी और उसके परिवार के अन्य सदस्यों पर लगा है। पीड़िता का आरोप है कि आरोपितों ने न सिर्फ उनकी बेटी के साथ रेप किया, बल्कि खुद उसके साथ भी अश्लील हरकतें की।


🚩विरोध करने पर पीड़िता के बाल पकड़ कर पिटाई की गई और थूक भी चटवाया गया। इस दौरान मजार पर न आने पर पीड़िता को जान से मार डालने की धमकी भी दी गई। पुलिस ने इस मामले में मंगलवार ( 5 दिसंबर 2023 ) को FIR दर्ज कर 1 आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है।


🚩यह घटना प्रयागराज जिले के कर्नलगंज थाना क्षेत्र की है। यहाँ 3  दिसंबर 2023 को एक पीड़िता ने शिकायत दर्ज करवाई। शिकायत में पीड़िता द्वारा बताया गया कि उनके पिता की प्रयागराज में मिठाई की दुकान है। वहाँ पर काफी पहले से मुश्ताक नाम का मौलवी आता था। मुश्ताक ने खुद को झाड़-फूँक करने वाला बताया। मुश्ताक ने छोटा बघाड़ा स्थित एक मजार का जिक्र करते हुए उसे ‘चमत्कारी’ बताया और वहाँ आ कर चादरपोशी की सलाह दी। ऐसा करने पर मुश्ताक ने तमाम मुसीबतों से छुटकारा पाने का झाँसा दिया।


🚩मुश्ताक की बातों में आकर पीड़िता के पिता ने बघाड़ा की मजार पर जा कर चादर चढ़ाई। वहाँ पर मौलवी मुश्ताक ने मौत का डर दिखा कर उन्हें और पीड़िता को इस्लाम कबूल करवा दिया। थोड़े समय बाद मुश्ताक पीड़िता पर हिन्दू देवी-देवताओं की पूजा न करने, घर के अंदर मजारनुमा चौकी बनवाने और सिर्फ मजार को पूजने का दबाव बनाने लगा। वह पीड़िता को मजार पर आने के लिए मजबूर करते हुए ऐसा न करने पर पूरे परिवार की बीमारी और मौत का भय दिखाने लगा। उसने कुछ लोगों के नाम भी बताए जिनकी नाफरमानी की वजह से मौत हो चुकी थी।


🚩मौलवी मुश्ताक के दबाव में पीड़िता के पिता (अब स्वर्गीय) ने घर में मजारनुमा चौकी बनवा डाली। थोड़े समय बाद मौलवी मुश्ताक ने पीड़िता की बेटी को मजार पर लाने का दबाव बनाया। वहाँ उसने एक कमरे में बुलाकर पीड़िता की बेटी का बलात्कार किया। बेटी ने जब अपनी माँ को मौलवी मुश्ताक की करतूत बताई तो पीड़िता ने विरोध किया। तब मौलवी ने कहा कि उसने ही जादू टोने से पीड़िता के पिता को मार डाला है और अब वही जादू वो रेप की शिकार उसकी बेटी पर भी करेगा।

28 दिसंबर 2012 को पीड़िता की बेटी की भी मृत्यु हो गई। ऑपइंडिया से बातचीत में पीड़िता ने मृत्यु की वजह दोनों किडनी फेल होना बताया।


🚩मौलवी मुश्ताक ने इस मौत को भी अपना ही कहर बताया और आगे भी मजार पर रुपए चढ़ाते रहने का दबाव बनाया। डर से पीड़िता ऐसा ही करती रही और अपने जेवर तक मजार पर चढ़ा आई। साल 2023 में मौलवी मुश्ताक की मौत हो गई। इस बीच 22 अक्टूबर 2023 को मुश्ताक के 3 बेटे अकरम, जुनैद और फैजान 2 अन्य अज्ञात लोगों को लेकर पीड़िता के घर आ धमके। उन्होंने बताया कि उनके अब्बा का मौत से पहले फरमान था कि अगर पीड़िता मजार पर आना बंद कर दे, तो उसे घसीट कर लाना।


🚩घर आए सभी आरोपितों ने पीड़िता को माँ-बहन की गालियाँ दी और जल्द से जल्द मजार पर आने की धमकी दी। इन धमकियों से डर कर पीड़िता 23 अक्टूबर को शाम 4 बजे बघाड़ा इलाके में मौजूद मजार पर पहुँच गई। कुछ समय पहले मर चुके मौलवी मुश्ताक के 2 बेटों अकरम और जुनैद ने पीड़िता को बाल पकड़ कर पीटा। इसके बाद तीनों ने एक कमरे में पीड़िता को बंधक बना कर उससे थूक चटवाया। साथ ही प्राइवेट पार्ट्स पर बुरी नीयत से हाथ फेरा।


🚩पीड़िता ने अपनी शिकायत में आगे बताया , कि अकरम और जुनैद ने पीड़िता पर दबाव बनाया कि वो अपनी दूसरी बेटी को भी मजार पर लाना शुरू करे। पीड़िता का दावा है कि मजार से जुड़े आरोपितों के चंगुल में उनके अलावा कई अन्य महिलाएँ भी फँसी हैं जो धर्मान्तरण, ठगी और रेप का शिकार हो रही हैं। बकौल पीड़िता अन्य महिलाएँ डर और लाज की वजह से मुँह नहीं खोल पा रहीं हैं। इस साजिश में मौलवी मुश्ताक का पूरा परिवार शामिल बताया गया है, जिसमें नाती-पोते भी शामिल हैं। ऑपइंडिया के पास FIR की कॉपी मौजूद है।


🚩इस मामले में पुलिस कमिश्नर ने जरूरी कार्रवाई के निर्देश दिए। प्रयागराज के कर्नलगंज थाना पुलिस ने अकरम, जुनैद और फैज़ान को नामजद करते हुए 2 अन्य अज्ञात लोगों पर FIR दर्ज की है। मामले में IPC की धारा 147, 323, 506, 504, 342 और 354 (क) के साथ उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्मपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 2021 की धारा 3/5 के तहत कार्रवाई की गई है। ऑपइंडिया से बात करते हुए SHO कर्नलगंज ने बताया कि अकरम को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले की जाँच जारी है।


🚩मजार कर सिखाते थे चोरी करना

ऑपइंडिया से इसी मामले में बातचीत के दौरान पीड़िता ने बताया, कि मजार पर उसे चोरी करना भी सिखाया जाता था। मौलवी मुश्ताक उनसे कहता था कि भले ही कहीं से पैसे चुरा कर लाओ, पर लेकर आओ। उसके अनुसार मजार के एक कोने में ऐसी जगह है जहाँ कोई महिला चीखे भी तो किसी को सुनाई न दे। पीड़िता का यह भी दावा है, कि उसने मजार पर ज्यादातर विधवा महिलाओं को जाते देखा है।


🚩पहले प्यार से बात, फिर शुरू होता है डर का खेल

पीड़िता ने आरोपितों का एक बहुत बड़ा गैंग बताया है। उसने बताया, कि आरोपित पहले हिन्दुओं की दुकानों या मकान आदि पर भाईचारे की बात कर के आते हैं....

और फिर उनको सब धर्म एक जैसा बता कर एकाध बार चादर चढ़ाने के लिए कहते हैं। बकौल पीड़िता जब कोई उनकी मजार पर थोड़े समय के लिए चला जाता है तब उसको आना बंद करने पर मरने और बीमार कर देने का भय दिखाया जाता है। पीड़िता ने ऑपइंडिया को एक वीडियो भी भेजा जिसमें वो मजार पर पुलिस लेकर पहुँची है। इस दौरान पीड़िता की दूसरे पक्ष से बहस भी हो रही थी।


🚩देवी-देवताओं की पूजा करोगे तो हमें बता देंगे जिन्न

पीड़िता ने ऑपइंडिया को बताया कि मौलवी मुश्ताक और उसके बेटों द्वारा उन्हें जिन्नों का डर दिखाया जाता था। आरोपित कहते थे, कि इस्लाम कबूल करने के बाद अगर पीड़िता के घर में कभी हिन्दू देवी-देवताओं की पूजा हुई तो जिन्न सारी बात बता देंगे। साथ ही मौलवी ने अपने गुलाम जिन्नों को बहुत ताकतवर और किसी को भी बीमार करने या मार देने में सक्षम बताया था। दावा यह भी है कि आरोपित पहले तो हिन्दू पुरुषों से बात व्यवहार बना कर फिर सीधे घर की महिलाओं तक पहुँच जाते हैं।


🚩2015 में टाल दिया था पुलिस ने, योगी सरकार में हो रही सुनवाई

पीड़िता ने हमें बताया कि उसने इस मजार के खिलाफ साल 2015 में ही आवाज बुलंद की थी। तब पीड़िता ने पुलिस में शिकायत दी थी और मजार से जुड़े लोगों पर कार्रवाई की माँग की थी।

बकौल पीड़िता तब वो SP सिटी से मिली थीं जिन्होंने उसे थाना कर्नलगंज भेज दिया था। लेकिन कर्नलगंज के तत्कालीन प्रभारी ने आरोपितों पर कोई केस न बनने की बात कह कर पीड़िता को वापस लौटा दिया था।


🚩पीड़िता का यह भी दावा है, कि साल 2015 में कोई एक्शन न होने के बाद मौलवी मुश्ताक और उसके बेटों ने उन्हें धमकी दी थी कि पुलिस और प्रशासन उनका कुछ भी बिगाड़ नहीं सकती। हालाँकि पीड़िता ने ऑपइंडिया से आगे बताया, कि अब योगी सरकार में उनकी सुनवाई हो रही है और पुलिस ने भी केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। पीड़िता ने प्रशसन से सभी आरोपितों को जेल भेजने की मांग की है और उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की उम्मीद जताई है ।


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Tuesday, December 12, 2023

जापान ने गाय के गोबर से चलाया रॉकेट इंजन, अब अन्तरिक्ष कार्यक्रम की तैयारी...

13 December 2023

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🚩भगवान ने जिस देश में गौ माता की सेवा की है और जिस देश में सबसे अधिक गाय दी,जहां गाय को माता कहते हैं,वो देश आज गाय का मांस बिकवा रहा है और पड़ोसी देश जापान गाय के गोबर से रॉकेट और गाडियाँ चला रहा है !

सोचिए  अगर भारत सरकार भी गौ हत्या रुकवाकर गौ सेवा को बढ़ावा देकर , गौ उत्पादों से लाभ लेना शुरू करे तो शारीरिक , मानसिक रूप से देश की जनता और आर्थिक रूप से देश कितना सुदृढ़ हो सकता है।

जापान की विधि भी यदि हम  अपनाएं तो अरबों रुपए का जो कच्चा तेल हर वर्ष आयात करना पड़ता वो बच जाएगा और वातावरण भी शुद्ध रहेगा।


🚩आपको बता दे कि जापान की एक कम्पनी ने गाय के गोबर से बने ईंधन से रॉकेट इंजन को चलाने में सफलता पाई है। गोबर से बने ईंधन से चलाया जा रहा रॉकेट टेस्टिंग के दौरान ना केवल चालू हुआ बल्कि इसने जमीन के समानांतर लगभग 15 मीटर की दूरी तक आग की लपटें भी फेंकी। अब इसे विकसित करने वाली कम्पनी और भी बड़ा रॉकेट बनाने जा रही है।


🚩एक वेबसाईट बैरन के अनुसार, जापान के एक अन्तरिक्ष स्टार्टअप इंटरस्टेलर टेक्नोलॉजीज़ (Interstellar Technologies) कम्पनी ने यह रॉकेट बनाया है। इसकी प्रायोगिक टेस्टिंग जापान के ताईकी शहर में की गई। इस दौरान रॉकेट के इंजन से तेज नीली-नारंगी आग निकली। आग की तीव्रता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जमीन के समानांतर लगभग 10-15 मीटर (30 से 50 फीट) की दूरी तक इसकी लपटें निकलीं।


🚩रॉकेट की प्रायोगिक टेस्टिंग में जो ईंधन इसमें डाला गया था, वह बायोमीथेन था। इसे पूरी तरह से गाय के गोबर से बनाया गया था। इस गोबर को स्थानीय गायपालकों के पास से खरीदा गया था और फिर उस से गैस बनाई गई, जिससे यह ईंधन विकसित किया गया।


🚩इंटरस्टेलर टेक्नोलॉजीज़ के सीईओ ताकाहिरो इनागावा ने इस विषय पर कहा,

“हम यह मात्र इसलिए नहीं कर रहे क्योंकि यह पर्यावरण को फायदा पहुँचाता है।बल्कि इसलिए भी कर रहे हैं क्योंकि यह स्थानीय स्तर पर बनाया जा सकता है और सस्ता है साथ शुद्ध है , साफ़ है। हम यह तो नहीं कह सकते कि यह विधि पूरी दुनिया में बड़े स्तर पर अपनाई जाएगी लेकिन हम पहली ऐसी निजी कम्पनी हैं, जो इस ईंधन का उपयोग कर रहे हैं।”


🚩इंटरस्टेलर ने एक अन्य कम्पनी एयरवाटर के साथ एक समझौता किया है। एयरवाटर कम्पनी उन किसानों से बायोगैस एकत्रित करती है, जिनके पास डेयरी फ़ार्म हैं और वह इनमें पाली हुई गायों के गोबर से बायोगैस बनाती है।


🚩इस प्रयोग से जुड़े एक इंजिनियर तोमोहीरो निशिकावा ने कहा, “संसाधन के मामले में कमजोर जापान को पानी और ऊर्जा जरूरतों के लिए स्थानीय स्तर पर उत्पादित कार्बन न्यूट्रल ईंधन अपनाने होंगे। इस क्षेत्र की गायों में काफी पोटेंशियल है। जापान के पास एक ईंधन स्रोत ऐसा होना चाहिए, जिसके लिए वह बाहर के देशों पर निर्भर ना हो।”


🚩रॉकेट तकनीक में गोबर का उपयोग होने से वहाँ के किसान भी प्रसन्न हैं, जिनके पशुफ़ार्म से यह गोबर गैस बनाने हेतु ली गई थी। उनका कहना है कि उनसे ली गई गोबर गैस से रॉकेट को उड़ता देखना सुखद होगा। उन्होंने जापान सरकार से इस विषय में कदम उठाने की अपील की है।


🚩भारत सरकार को भी इस जापानी कम्पनी से प्रेरणा लेकर भारत में गौ हत्या रुकवाकर, गौ माता के  दूध, घी , मूत्र और गोबर का उपयोग करके देश और देशवासियों का भला कर सकती है।


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Monday, December 11, 2023

जिस देश में आज भी राजाओं को ‘राम’ की उपाधि दी जाती है, वहाँ भी बसी है एक ‘अयोध्या’

12 December 2023

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🚩भारत की अयोध्या से करीब 3500 किलोमीटर दूर है, अयुथ्या (Ayutthaya)। इसे थाईलैंड की अयोध्या कहते हैं। थाईलैंड वह देश है, जिसके राजा आज भी ‘राम’ की उपाधि धारण करते हैं।


🚩अयुथ्या थाइलैंड के स्वर्णभूमि एयरपोर्ट से करीब 93 किमी दूर है। इस एयरपोर्ट पर समुद्र मंथन की प्रतिकृति बनी है। इससे ही सटा एक और शहर है, लोकमुरी। यह शहर राम भक्त हनुमान को समर्पित है। यहाँ वानरों की पूजा की जाती है। थाईलैंड की 95 फीसदी जनसंख्या बौद्ध है। और ये लोग विष्णु, गणेश, त्रिदेव और इंद्र को पूजते हैं। इस देश की भाषा का भी संस्कृत से गहरा रिश्ता है।


🚩कहानी ‘अयुथ्या’ की


🚩अयुथ्या शहर सियामी साम्राज्य की दूसरी राजधानी थी। इस साम्राज्य की पहली राजधानी सुखोताई थी। इस ऐतिहासिक शहर को 1350 में बसाया गया था। ये साम्राज्य 14वीं से 18वीं शताब्दी तक फला-फूला, क्योंकि ये एक ऐसे द्वीप पर बना हुआ था जिसके चारों तरफ तीन नदियाँ चाऊफ्रेया, पासक और लोकमुरी थी। ये समुद्र को सीधे इस शहर से जोड़ती थीं। इस तरह की भौगोलिक स्थिति के चलते ये दुश्मन के हमले और बाढ़ के खतरे सुरक्षित था।


🚩इस दौरान रणनीतिक नजरिए से बेहद सुरक्षित यह शहर दुनिया का सबसे बड़ा महानगरीय शहर क्षेत्र होने के साथ ही वैश्विक कूटनीति और वाणिज्य का केंद्र बन गया। आज भी अयुथ्या ऐतिहासिक पार्क में इस पुराने शहर के खंडहर हो चुके हिस्से इसकी भव्यता की गाथा कहते नजर आते है। इसकी स्थापना राजा रामतिबोदी प्रथम ने की थी।


🚩1350 में सिंहासन पर बैठने से पहले उन्हें प्रिंस यूथोंग (गोल्डन क्रैडल) के तौर पर जाना जाता था। यूथोंग के बारे में कई बातें कही जाती हैं। इसमें उनके मंगराई का वंशज होना भी शामिल है। एक प्रसिद्ध किंवदंती में कहा गया है कि रामतिबोदी एक चीनी थे जो चीन से आए थे। कई ऐतिहासिक दस्तावेज उन्हें कंबोडिया के ख्मेर वंश का मानते हैं। ख्मेर कंबुज कंबोडिया का ही प्राचीन नाम है।


🚩थाइलैंड पर ख्मेर वंश ने सन 850 में कब्जा कर लिया था, लेकिन 1767 में बर्मा की सेना ने इसे तबाह कर यहाँ के निवासियों को शहर छोड़ने को मजबूर कर दिया था। बर्मीज ने यहाँ 100 साल तक राज किया। इसका असर अब भी शहर पर दिखता है। हालाँकि इस शहर का पुनर्निर्माण उसी जगह पर कभी नहीं किया गया और इसलिए ये आज भी पुरातात्विक स्थल के तौर पर जाना जाता है।


🚩1976 में इसके ऐतिहासिक पार्क होने का ऐलान किया गया। इसके एक हिस्से को 1991 में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल घोषित कर दिया गया। इसका क्षेत्रफल 289 हेक्टेयर है। मौजूदा वक्त में ये शहर फ्रा नखोन सी अयुथ्या जिले के फ्रा नखोन सी अयुथ्या प्रांत में है।


🚩खंडहर देते हैं भव्यता की गवाही


🚩कभी वैश्विक कूटनीति और वाणिज्य का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा अयुथ्या, अब एक पुरातात्विक खंडहर है। इसकी खासियत ऊँचे प्रांग (अवशेष टावर) और विशाल बौद्ध मठों के अवशेष हैं। जो इस शहर के अतीत के आकार और इसकी वास्तुकला की भव्यता का अंदाजा देते हैं। अयुथ्या को बेहद व्यवस्थित तरीके से बनाया गया था। इसकी सभी प्रमुख संरचनाओं के आसपास सड़कें, नहरें और खाई शामिल थीं।


🚩नदियों का अधिक से अधिक फायदा उठाने के लिए जल प्रबंधन के लिए एक हाइड्रोलिक प्रणाली थी जो तकनीकी तौर से बेहद उन्नत और दुनिया में अद्वितीय थी। यह शहर सियाम की खाड़ी की ऊँचाई पर था, जो भारत और चीन के बीच समान दूरी पर था और नदी के ठीक ऊपर अरब और यूरोपीय शक्तियों से सुरक्षित था।


🚩आर्थिक गतिविधियों का था केंद्र


🚩कभी अयुथ्या क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर अर्थशास्त्र और व्यापार का केंद्र था। वह पूर्व और पश्चिम के बीच एक महत्वपूर्ण संपर्क बिंदु के तौर पर जाना गया। इससे शाही दरबार ने दूर-दूर तक राजदूतों की अदला-बदली की। इसमें वर्साय के फ्राँसीसी दरबार, दिल्ली के मुगल दरबार के साथ-साथ जापान और चीन के शाही दरबार भी शामिल थे। अयुथ्या में विदेशियों ने सरकारी नौकरियाँ की और शहर में निजी तौर पर भी रहे।


🚩अयुथ्या के रॉयल पैलेस से नीचे की तरफ विदेशी व्यापारियों और मिशनरियों के एन्क्लेव थे। हर इमारत अपनी ही अनूठी स्थापत्य शैली में थी। शहर में विदेशी असर बहुत अधिक था और वो अभी भी जीवित कला और स्थापत्य खंडहरों में देखा जा सकता है। अयुथ्या का स्कूल ऑफ आर्ट वहाँ सभ्यता की सरलता और रचनात्मकता के साथ-साथ कई विदेशी प्रभावों को जज्ब करने की काबिलियत दिखाता है।


🚩यहाँ बने बड़े महल और बौद्ध मठ उदाहरण के लिए वाट महथत और वाट फ्रा सी सेनफेट उनके बनाने वालों की आर्थिक संपन्नता और तकनीकी कौशल के साथ-साथ उनकी अपनाई गई बौद्धिक परंपरा के भी प्रमाण प्रस्तुत करते हैं। सभी इमारतों को उच्चतम गुणवत्ता के शिल्प और भित्ति चित्रों से सजाया गया था। इसमें सुखोताई की पारंपरिक शैलियों का असर था। ये अंगकोर से विरासत में मिला था जो जापान, चीन, भारत और फारस की 17 वीं और 18 वीं शताब्दी की कला शैलियों से उधार लिया गया था।


🚩वाट फरा में विराजते हैं श्रीराम

यूट्यूबर/पत्रकार मुकेश तिवारी ने कुछ महीनों पहले अयोध्या से अयुथ्या तक की यात्रा की थी। उन्होंने ट्रैवल जुनून नाम के यूट्यूब चैनल पर 18 अप्रैल 2023 को एक वीडियो अपलोड कर इस यात्रा के बारे में बताया है।


🚩वीडियो में मुकेश ने बताया है, कि यहाँ का वाट फरा राम मंदिर हिंदू देवता मर्यादा पुरोषत्तम श्री राम को समर्पित है, जो बताता है कि यहाँ पुराने वक्त से उनका अस्तिव रहा है। इसे अयुथ्या के पहले "राजा रमाथी बोधी" प्रथम के अंत्येष्टि की जगह पर तैयार किया गया था। "राजा बोधी प्रथम" हिंदू और बौद्ध धर्म में बराबर आस्था रखते थे।


🚩उनका धर्म तो बौद्ध था, लेकिन हिंदू धर्म और प्रभु श्रीराम में गहरी आस्था की वजह से ही उनकी अंत्येष्टि की जगह पर ये मंदिर बनाया गया। इसे बनाने की इजाजत उनके बेटे ने दी थी। ये भी कहा जाता है कि "रमाथी बोधी प्रथम" की मौत के बाद बनाया गया ये पहला मंदिर था। इस मंदिर में बड़ा खजाना था, जिसे लंबे वक्त तक लूटा गया।

ये भगवान श्रीराम और हिंदू धर्म से बहुत प्राचीन समय से चला आ रहा थाईलैंड का रिश्ता ही है जो इस देश की राजधनी बैंकॉक में तीसरे वर्ल्ड हिंदू कॉन्ग्रेस में 61 देशों के सैकड़ों हिंदू जुटे थे।


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Sunday, December 10, 2023

25 दिसम्बर की अभी से तुलसी पूजन की तैयारी क्यों शुरू हो गई हैं ? आप ने किया ?

10  December 2023

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🚩हमारा भारत देश ऋषि-मुनियों का देश रहा है, विदेशी आक्रमणकारियों ने भारत में आकर भारतीय दिव्य संस्कृति को खत्म करने के लिये अपनी पश्चिमी संस्कृति को थोपना चाहा, लेकिन भारत में आज भी कई साधु-संत एवं हिन्दूनिष्ठ हैं जो भारत में राष्ट्र विरोधी विदेशी ताकतों से टक्कर लेकर भी समाज उत्थान के लिये हिन्दू संस्कृति को बचाने का दिव्य कार्य कर रहे हैं । https://youtu.be/aTT-MIBPhoE

 

🚩ईसाई धर्म का त्यौहार 25  दिसम्बर से 1 जनवरी के बीच में मनाया जाता है, जिसमें Festival के नाम पर शराब और कबाब का जश्न मनाना, डांस पार्टी आयोजित करके बेशर्मी का प्रदर्शन करना, पशुओं की हत्या करके उसका मांस खाना, सिगरेट, चरस आदि पीना यह सब किया जाता हैं जो कि भारतीय त्यौहारों के विरुद्ध है । ऐसा करना ऋषि-मुनियों की संतानों को शोभा नहीं देता है ।

 

🚩रिपोर्ट के अनुसार- 25 दिसम्बर से 1 जनवरी तक


🚩14 से 19 वर्ष के बच्चें शराब का जमकर सेवन करते हैं ।

🚩शराब की खपत कई गुना बढ़ जाती है ।

🚩70% तक के किशोर इन पार्टियों में शराब का जमकर सेवन करते हैं ।

🚩आत्महत्याएं काफी बढ़ जाती हैं।

 

🚩इन सबसे बचने का और संस्कृति व राष्ट्र को बचाने का अचूक उपाय निकाला है हिन्दू संत आशारामजी बापू ने !

 

🚩देश में सुख, सौहार्द, स्वास्थ्य, शांति से जन-समाज का जीवन मंगलमय हो इस लोकहितकारी उद्देश्य से प्राणिमात्र का हित करने के लिए हिन्दू संत आशारामजी बापू ने वर्ष 2014 से  25 दिसम्बर से 1 जनवरी तक (7 दिवसीय) “विश्वगुरु भारत कार्यक्रम” का आयोजन चालू करवाया है उसमें तुलसी पूजन, जप-माला पूजन एवं हवन, गौ-गीता-गंगा जागृति यात्रा, राष्ट्र जागृति संकीर्तन यात्रा, व्यसनमुक्ति अभियान, योग प्रशिक्षण शिविर, विद्यार्थी उज्ज्वल भविष्य निर्माण शिविर, सत्संग आदि कार्यक्रमों का आयोजन उनके करोड़ों अनुयायियों द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों में किया जाता है ।

 

🚩संत श्री आशारामजी बापू की प्रेरणा से 25 दिसम्बर 2014 से 25 दिसम्बर को ‘तुलसी पूजन दिवस’ मनाना प्रारम्भ हुआ । इस पर्व की लोकप्रियता आज विश्वस्तर पर देखने को मिल रही है ।

 

🚩पिछले साल भी उनके करोड़ों अनुयायियों द्वारा 25 दिसंबर को देश-विदेश में बड़ी धूम-धाम से तुलसी पूजन मनाया गया था । जिसमें कई हिन्दू संगठनों और आम जनता ने भी लाभ उठाया था ।

 

🚩ताजा रिपोर्ट के अनुसार इस साल भी एक महीने से देश-विदेश में क्रिसमस डे की जगह 25 दिसंबर “तुलसी पूजन दिवस” निमित्त घर-घर तुलसी पूजन व वितरण किया जा रहा है ।

 

🚩हिन्दू संत आशारामजी बापू का कहना है कि तुलसी पूजन से बुद्धिबल, मनोबल, चारित्र्यबल व आरोग्यबल बढ़ता है । मानसिक अवसाद, दुर्व्यसन, आत्महत्या आदि से लोगों की रक्षा होती है और लोगों को भारतीय संस्कृति के इस सूक्ष्म ऋषि-विज्ञान का लाभ मिलता है ।

 

🚩उनका कहना है कि तुलसी का स्थान भारतीय संस्कृति में पवित्र और महत्त्वपूर्ण है । तुलसी को माता कहा गया है । यह माँ के समान सभी प्रकार से हमारा रक्षण व पोषण करती है । तुलसी पूजन, सेवन व रोपण से आरोग्य-लाभ, आर्थिक लाभ के साथ ही आध्यात्मिक लाभ भी होते हैं ।

 

🚩विदेशों में भी होता है तुलसी पूजन..!!

 

🚩मात्र भारत में ही नहीं वरन् विश्व के कई अन्य देशों में भी तुलसी को पूजनीय व शुभ माना गया है । ग्रीस में इस्टर्न चर्च नामक सम्प्रदाय में तुलसी की पूजा होती थी और सेंट बेजिल जयंती के दिन ‘नूतन वर्ष भाग्यशाली हो इस भावना से देवल में चढ़ाई गयी तुलसी के प्रसाद को स्त्रियाँ अपने घर ले जाती थी।

 

🚩विज्ञान भी नतमस्तक..!!

 

🚩आधुनिक विज्ञान भी तुलसी पर शोध कर इसकी महिमा के आगे नतमस्तक है । आधुनिक रसायनशास्त्रियों के अनुसार ‘तुलसी में रोग के कीटाणुओं को नाश करने की विशिष्ट शक्ति है । रोग-निवारण की दृष्टि से तुलसी महा औषधि है, अमृत है ।’

 

🚩तुलसी पूजन की शास्त्रों में महिमा-

 

🚩अनेक व्रतकथाओं, धर्मकथाओं, पुराणों में तुलसी महिमा के अनेकों व्याख्यान हैं । भगवान विष्णु या श्रीकृष्ण की कोई भी पूजा-विधि ‘तुलसी दल’ के बिना परिपूर्ण नहीं मानी जाती ।

 

🚩हिन्दू संत आशारामजी बापू के अनुसार अंग्रेजी नूतन वर्ष को मनाने हेतु शराब-कबाब, व्यसन, दुराचार में गर्क होने से अपने देशवासी बच जाएं इस उद्देश्य से राष्ट्र जागृति लाने के लिए तथा विधर्मियों द्वारा रचे जा रहे षड्यंत्रों के प्रति देशवासियों को जागरूक कर भारतीय संस्कृति की रक्षा के लिए व्यसनमुक्ति अभियान तथा राष्ट्रविद्यार्थी उज्ज्वल भविष्य निर्माण शिविर, जागृति संकीर्तन यात्राओं का आयोजन करें तथा देश के संत-महापुरुष एवं गौ, गीता, गंगा की महत्ता के बारे में जागृति लाएं ।

 

🚩आपको बता दें कि हिन्दू संत आशारामजी बापू जोधपुर जेल में बंद हैं फिर भी उनके बताए अनुसार उनके करोड़ों अनुयायी आज भी समाज उत्थान के सेवाकार्य सुचार रूप से कर रहे हैं ।

 

🚩हिंदुस्तानी संकल्प लें कि 25 दिसम्बर को तुलसी पूजन दिवस मनाना है । विदेशी कचरा हटाना है । सुसंस्कारों का सिंचन कराना है । भारतीय संस्कृति को अपनाकर, भारत को विश्वगुरू के पद पर आसीन करना है ।


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Saturday, December 9, 2023

21 वि सदी में सबसे ज्यादा मानव अधिकार का हनन किसका हुआ हैं ?

10 December 2023

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🚩विश्व मानव अधिकार दिवस पर मानव अधिकार के सबसे ज्यादा हनन की बात करें तो 21वीं सदी में 85 वर्षीय हिन्दू संत आशाराम बापू का हुआ हैं। जिसपर किसी मानवाधिकार संगठन का ध्यान नहीं है। निर्दोष होने कई प्रमाण होते हुए भी उन्हें 11 साल से जेल में रखा गया है।


🚩आज बापू आसारामजी कारागृह में हैं तो सिर्फ इसी वजह से क्योंकि उन्होंने 50 वर्षों से भी अधिक समय देश और समाज के उत्थान और रक्षा में लगा दिए। बापू आसारामजी की वजह से भारत बार-बार विदेशी षड्यंत्रों से बचा और कई देशवासियों की धर्म-परिवर्तन से रक्षा हुई, कई विदेशी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों की दाल नहीं गली और भटकते हुए देशवासियों को सही दिशा मिली। बापूजी के द्वारा किये जाने वाले ये सारे देश मांगल्य के कार्य देश को फिर से गुलाम बनने से रोक रहे हैं इसलिए राष्ट्र-विरोधी ताकतों के इशारे पर कुछ स्वार्थी नेताओं ने बापू आसारामजी के खिलाफ षड्यंत्र रच झूठे केस के जरिए उन्हें देश और समाज से दूर किया। https://youtu.be/j1cCIdlT50c


🚩डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीटर पर लिखा था कि आसारामजी बापू को जमानत से निरंतर न्यायिक इंकार करना 21वीं सदी में भारतीय न्याय की सबसे बड़ी निष्फलता है! आशाराम बापू का मामला फर्जी है! https://twitter.com/Swamy39/status/766258483054321664?s=08)


🚩आज भी आधुनिकता की अंधी दौड़ में भारत में अगर स्थिरता बनी हुई है तो उसका सिर्फ एकमात्र कारण है- वंदनीय साधु-संतों की उपस्थिति, इनके लोक-मांगल्य के कार्य और सांस्कृतिक आयोजन जिनकी वजह से ही भारत में भारत की नींव “सनातन-संस्कृति और परोपकार” जीवित है। https://youtu.be/3r4Qn7NJwHY


🚩21वीं सदी के हिन्दू संत आसारामजी बापू का नाम सुनते ही करोड़ों लोगों के चेहरे पर प्रसन्नता और आंखों में नमी आ जाती है। प्यार से देश-विदेश के वासी इन्हें बापू कहते हैं। भारत के अस्तित्व को बचाने के लिए जितना कार्य इन्होंने किया है उतना शायद कोई सोच भी नहीं सकता। देश-विदेश के लोगों को हिन्दू धर्म से न सिर्फ अवगत कराया बल्कि इसकी महानता से भी ओत-प्रोत किया और देश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऊंचा किया। https://youtu.be/wmswegtRqus


🚩प्राणिमात्र के हितैषी नाम से जाने जानेवाले बापू आसारामजी का हृदय विशाल होने के साथ-साथ देश के कल्याण और मंगल के लिए द्रवीभूत भी रहता है। जब बापू आसारामजी ने देखा कि कई अत्याचारों से जूझ रहा भारत देश धीरे-धीरे अप्रत्यक्ष रूप से फिर से गुलाम बनाया जा रहा है और देशवासियों को भ्रष्ट कर अपनी संस्कृति से, अपनी प्रगति से दूर किया जा रहा है तब बापूजी ने ठाना कि देश से पतन-कारक विदेशी सभ्यता को निकाल फेंकना होगा और फिर भारत-वासियों को मिली सही राह।


🚩बापू आसारामजी ने 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे की जगह मातृ-पितृ पूजन दिवस, 25 दिसंबर को क्रिसमस की जगह तुलसी पूजन दिवस और 31 दिसंबर और 1 जनवरी को अंग्रेजी न्यू-ईयर की जगह भारत-विश्व-गुरु अभियान आयोजित किया। कई आदिवासी क्षेत्र, जिन तक सरकार भी नहीं पहुंच पाती है उन्हें समय-समय पर सहारा दिया और धर्म परिवर्तन से बचाया। हिंदुओं के पर्व पर विदेशी असर न हो इसलिए होली में केमिकल्स के कलर नहीं, नैसर्गिक रंग पलाश के रंग से वैदिक होली और दीवाली पर प्रदूषण न हो इसीलिए अपने घर के साथ सभी स्थानों पर दीप-दान के महत्व को बताया।https://youtu.be/xo1H7M3mkq8


🚩संत का अर्थ ही है परम हितैषी और बापू आसारामजी ने न सिर्फ खुद का जीवन सेवा में लगाया है बल्कि सभी देशवासियों को प्रेरित किया है सेवा के लिए, लोक-हित के लिए, अपने मूल मंत्र “सबका मंगल, सबका भला” के साथ।


🚩14 फरवरी को वैलेंटाइन्स डे मनाकर जहां देश की युवा पीढ़ी अपना संयम और सदाचार खो रही थी और दुर्बल बन रही थी, अब वही युवा मना रहे हैं सच्चा और पवित्र-प्रेम दिवस अपने माता-पिता के साथ “मातृ-पितृ पूजन दिवस” के रूप में। इससे युवानों को मिला उनके बड़े-बुजुर्गों के स्नेह के साथ-साथ संयम और सदाचार पालन करने का आशीष। साथ ही आधुनिकता की आड़ में बिखर रहे परिवार के लोगों को मिला एक-दूसरे का साथ। कई परिवारों ने अपने माता-पिता को वृद्धाश्रम के हवाले कर दिया था उन्होंने भी इस आयोजन से प्रभावित हो अपनी गलती सुधारी। युवानों का संयम और परिवार का साथ देश के लिए बहुत जरूरी है- ये बात सिर्फ बापू आसारामजी ने आगे लाई। https://youtu.be/LrMcg10aWuk


🚩25 दिसंबर को जो लोग क्रिसमस मनाते हुए शराब पीकर रात्रि को हानिकारक धुनों पर थिरकते थे और न खाने योग्य पदार्थों का सेवन कर पतन-कारक वातावरण में अपनी हानि करते थे ऐसे लोगों को जब बापू आसारामजी के सत्संगों से मार्गदर्शन मिला तो सभी क्रिसमस की जगह “तुलसी पूजन दिवस” मनाने लगे।

अगर कोई पौधा सबसे ज्यादा पूजनीय है इस धरा पर तो वो हैं हमारी तुलसी माँ, तो क्यों न इस दिन तुलसी माँ का ही श्रृंगार कर उनका पूजन करें। आखिर तुलसी जी को माँ यूँ ही नहीं कहा जाता, उनमें रोगप्रतिकारक शक्ति है। जैसे एक माँ अपने बच्चों को सभी हानियों से बचाती है वैसे ही माँ तुलसी हमारी रक्षक और पोषक हैं- ये बात वैज्ञानिक तौर पर भी सिद्ध हो चुकी है। इस दिन बापू आसारामजी के कारण विश्व को मिला एक और उन्नति-कारक पर्व! https://youtu.be/fLyjdDWm7E0


🚩भारत का स्वर्णिम इतिहास था उसका “विश्वगुरु” होना। हम सभी ने भारत देश का इतिहास पढ़ा है और भारत माता की महिमा की गाथाएं सुनी हुई हैं। इतिहास के पन्नों में भारत को विश्व गुरु यानि कि विश्व को पढ़ाने वाला अथवा पूरी दुनिया का शिक्षक कहा जाता था क्योंकि भारत देश के ऋषि-मुनि, संत आदि ज्ञानीजन और उनका विज्ञान तथा अर्थव्यवस्था, राजनीति और यहाँ के लोगों का ज्ञान इतना समृद्ध था कि पूरब से लेकर पश्चिम तक सभी देश भारत के कायल थे। अब बापू आसारामजी की दूरदृष्टि के कारण और उनके अद्भुत अद्वितीय अभियान के कारण भारत वास्तव में भीतर से बाहर तक विश्वगुरु बन कर रहेगा।


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Friday, December 8, 2023

अगला चुनाव से पहले मोदी जी के नाम खुला पत्र

09 December 2023

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🚩तीन राज्यों के चुनाव परिणाम में बीजेपी को विजय मिली हैं। अब अगला चुनाव 2024 का सबसे बड़ा चुनाव होगा। पिछले 10 वर्षों से देश की जनता जिसमें हिन्दू समाज ने ही बीजेपी को चुना हैं। बहुमत से चुनी गई सरकार ने अनेक कार्य किये हैं परन्तु हिन्दू समाज के हितों में अनेक कार्य अभी नहीं हुए हैं। जिनका होना अति आवश्यक हैं। क्यूंकि यह हिन्दुओं के जन्म मरण का प्रश्न हैं ? ये कार्य हैं-


🚩1. ईसाई धर्मान्तरण पर रोक कब लगेगी? यह किसी से छुपा नहीं हैं की ईसाई समाज लालच, धन,प्रलोभन से हिन्दुओं को पतित करता हैं। विदेश से धन एवं स्थानीय धन से संख्या में हिन्दुओं को पतित किया जा रहा हैं। इस पर रोक कब लगेगी? जितने हिन्दू घटेंगे उतना देश विभाजन की ओर जायेगा। धर्मान्तरण का अर्थ हैं राष्ट्रांतरण। 


🚩2. लव जिहाद पर रोक कब लगेगी। बॉलीवुड के कारण हमारे घरों की बच्चियों को बहका फुसलाकर पतित किया जा रहा हैं। जिनकी कोख से शिवाजी और प्रताप पैदा होने थे। उनकी कोख से गौरी और गजनी पैदा होंगे। इस सुनियोजित षड़यंत्र पर कब रोक लगेगी?


🚩3. हिंदू संतों की रिहाई कब होगी? समाज, राष्ट्र, संस्कृती और धर्म के लिए अपना सर्वस्व अर्पण करने वाले संतों को साजीस के तहत सालों से जेल में रखा गया है । जिसके कारण हिंदू समाज को काफी नुकसान हो रहा है। उनके जेल जाने के बाद धर्मपरिवर्तन जोरो से चल रहा है, लव जिहाद में बेटियां फस रही है, लोग अपना धर्म से विमुख हो रहे है इसलिए आशाराम बापू, फलहारी बाबा जैसे कई निर्दोष साधु - संतों की रिहाई करवाना अति आवश्यक है।


🚩4. सेक्युलर के नाम पर अल्पसंख्यकों का तुष्टिकरण किया गया। इसी नीति के चलते मौलवियों को मासिक भत्ता दिया जा रहा हैं। बीजेपी के अंतर्गत जिन प्रदेश सरकारों में यह भत्ता दिया जा रहा हैं जैसे की हरियाणा। वहां भत्ता बंद करने की बजाय उसे बढ़ा दिया गया हैं। क्या मंदिरों , गुरुकुलों, संस्कृत विद्यालयों , गुरुद्वारों के पंडितों, शास्त्रियों, आचार्यों , ग्रंथियों को ऐसे भत्ता दिया जाता हैं? नहीं / तो फिर यह तुष्टिकरण क्यों?


🚩5. खाने पीने से लेकर दैनिक उपभोक्ता के समान पर हलाल सर्टिफिकेट के नाम पर अरबों रुपये के गोरखधंधे पर पूरे देश में लगाम कब लगेगी? यह आपकी नाक के नीचे पिछले 10 वर्षों से हो रहा हैं। यह अंधेरगर्दी नहीं तो क्या हैं?


🚩6. बांग्लादेशी-रोहिंग्या अवैध शरणार्थियों को देश से कब निकाला लाएगा? यह हमारे देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए कितना बड़ा खतरा हैं? यह आपसे बेहतर कौन जानता हैं। फिर भी पिछले 10 वर्षों में क्या ठोस कार्यवाही हुई हैं। यह खतरा हमारे सर पर मंडरा रहा हैं। पर हमारी इसे रोकने के लिए क्या तैयारी हैं। 


🚩7. वक्फ बोर्ड का कला कानून 2005 में लागु हुआ। जिसके अंतर्गत वक्फ बोर्ड किसी भी सम्पति पर अपना हाथ रख दे। उसकी हो जाएगी। जो उसका मालिकाना हक़ लिए हुए व्यक्ति अथवा संस्था हैं। वह अब संकट में हैं। ऐसा प्रावधान आपने पिछले 10 वर्षों में निरस्त क्यों नहीं किया? यह सरासर प्रॉपर्टी माफिया नहीं तो क्या हैं?


🚩8. जनसंख्या नियंत्रण कानून। आपने लाल किले से यह घोषणा की थी कि जनसंख्या नियंत्रण कानून को पारित किया जायेगा। हमारे देश के संसाधन सीमित हैं। इसलिए उनके बेहतर प्रयोग और विभाजन के लिए जनसँख्या भी सीमित होनी चाहिए। जब तक यह कानून नहीं बनेगा। तब तक हिन्दुओं के अस्तित्व को सदा के लिए खतरा बना रहेगा। 


🚩9. गौरक्षा कानून। 10 वर्षोंसे आप सत्ता में हैं यह कानून अभी तक नहीं बना हैं। हिन्दुओं की पूज्य गौ माता को आप कब तक कसाइयों से कटते देखते रहेंगे? 


🚩10. पाठयक्रम का भारतीयकरण। हमारा पाठयक्रम पूर्ण रूप से विदेशी हैं। इसके भारतीयकरण की आवश्यकता हैं। 10 वर्ष बहुत समय होता हैं। आप इसका भारतीयकरण नहीं करेंगे तो आने वाली पीढ़ियां देशभक्त और धार्मिक नहीं बनेगी। 


🚩11. राम मंदिर ट्रस्ट के अंतर्गत राम मंदिर बन रहा हैं। जिसका उदघाटन 2024 में होगा। मंदिर निर्माण में 1000 करोड़ रुपया लगना था। हिन्दुओं ने दिल खोलकर 4000 करोड़ रुपया दान किया। राम मंदिर ट्रस्ट के श्री चम्पत राय जी का कहना है कि मंदिर इतना मजबूत बनाया जा रहा हैं कि अगले 1000 वर्ष तक यह नहीं टूटेगा। आपने मंदिर की सुरक्षा पर ध्यान दिया हैं परन्तु यह मंदिर दोबारा से मस्जिद न बनें। उसके लिए क्या तैयारी हैं? हिन्दू समाज के अभिन्न सदस्य विभिन्न कारणों से दिनों दिन विधर्मी बन रहे हैं। उनकी घर वापसी या परावर्तन या शुद्धि के लिए हमारा क्या प्रयास हैं? 3000 करोड़ की बैंक में रखी राशि और भविष्य में राम मंदिर पर चढ़ने वाले दान से वृहद् स्तर पर योजना बनाकर हिन्दुओं की घर वापसी करवाई जाये। निर्धन हिन्दुओं को कला कौशल और शिक्षा देकर सबल बनाया जाएँ। तभी तक यह सुनिश्चित होगा कि भविष्य में भी राम मंदिर कभी मस्जिद नहीं बनेगा अन्यथा गैर हिन्दुओं की जनसँख्या बढ़ने और उनका शासन आने पर सबसे पहले मंदिर को मस्जिद में बदल दिया जायेगा। भविष्य में गैर बीजेपी सरकार आते ही राम मंदिर का अधिग्रहण कर इस दान से प्राप्त धन को मस्जिदों और चर्चों को अनुदान में बाँट देगी। इसे रोकने का क्या प्रावधान हैं?


🚩12. समान नागरिकता संहिता कब लागू होगी?

हिंदुओं को दूसरों के समान संवैधानिक अधिकार दिलाने की लड़ाई जरूरी है। इसमें दूसरे का कुछ नहीं छिनेगा। केवल हिंदुओं को भी वह मिलेगा, जो मुसलमानों, ईसाइयों को हासिल है। “संविधान दिवस” मनाने की अपील तो ठीक है, लेकिन यह समझा जाना चाहिए कि संविधान के अनुच्छेद 25 से 31 को देश के सभी नागरिकों के लिए समान रूप से लागू करना आवश्यक है। यह न केवल संविधान की मूल भावना के अनुरूप, बल्कि सहज न्याय है। हिंदुओं के हित की कुंजी अन्य धर्मावलंबियों जैसे समान अधिकार में है। स्वतंत्र भारत में हिंदू समाज का मान-सम्मान, क्षेत्र संकुचित होता गया है और यह प्रक्रिया चालू है।


🚩हम आशा करते हैं कि आप इन जवलंत मुद्दों पर ध्यान देकर उन्हें अतिशीघ्र कार्यान्वित करेंगे।


🚩धन्यवाद 

आपको वोट देने वाले राष्ट्रहितैषी हिन्दू।


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