February 24, 2018
भारत में ईसाई मिशनरियां दिन-रात लालच देकर धर्मान्तरण करवा रही हैं, हिन्दू संगठन उसको रोकने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन सफलता प्राप्त नही हो पा रही है पर श्रीलंका के हिंदुओं ने एक ऐसा कार्य किया कि वहाँ पहुँचकर ईसाई पादरी दंग रह गए और बिना धर्मान्तरण किये चुपचाप वहाँ से भाग गए ।
हाल ही में श्रीलंका के माणिक थोट्टम गांव में एक ईसाई पादरी अपने सहयोगियों के साथ गए थे । उन्होंने उस गांव में हिन्दुओं का धर्मांतरण करने के उद्देश्य से प्रवेश किया था । उनके वाहन में दिनदर्शिका, दैनंदिनी, भेंटवस्तुएं, अनाज आदि वस्तुएं भरी हुई थीं ।
In Sri Lanka the Christians went to the priest to convert, the Hindus did it that ran |
संयुक्त राष्ट्र संघ के श्रीलंका के सेवानिवृत्त अधिकारी श्री. मरवनपुलावु सच्चिदानंजी के नेतृत्व में गांव के हिन्दुओं ने लगभग 1 हजार घरोंपर फलक लगाकर यह संदेश लिखा था कि यह भगवान शिवजी की भूमि है । अतः कोई भी व्यक्ति धर्मांतर के उद्देश्य से इस गांव में प्रवेश न करें । इसके साथ ही हर घर के सामने भगवान नंदी का ध्वज खडा किया गया था ।
उस ईसाई पादरी ने इन फलकों को पढकर आसपास के लोगों से संपर्क कर वहां की स्थिति जान ली । उसके पश्चात वे अपनी सामग्री सहित वापस लौट गए । तब से इस गांव में किसी ने धर्मांतर के उद्देश्य से प्रवेश नहीं किया है ! गांव के एक नागरिक श्री. सिवानेसन् ने ऐसी जानकारी दी ।
गांव में लगाए गए सभी फलक एवं ध्वज मूलरूप से श्रीलंका के एक विदेशी व्यक्ति ने प्रायोजित किए थे ।
क्या भारत के हिन्दुत्वनिष्ठ संघटन और जन्महिन्दू श्रीलंका के धर्माभिमानी हिन्दुओं से कुछ सीख लेंगे ? स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात
आपको बता दे कि चीन की सरकार ईसाई मिशनरियों के प्रति बहुत सख्त हो गयी है। शांक्सी राज्य में चीन की सरकार ने वहां के मेगा चर्च को जिसमे 50,000 लोगों के बैठने की क्षमता थी, उसे उड़ा दिया है । कट्टरपंथी मिशनरियों के आतंक से परेशान होकर ही चीन ने ये फैसला किया है और जो लोग विरोध कर रहे थे उन्हें जेलों में ठूस दिया है ।
चीनी सरकार का कहना है कि ये चर्च विदेशी पैसा ले रहा था जिससे चीन में धर्मांतरण का खेल चलाया जा रहा था । चीनी सरकार का ये भी कहना है कि अन्य चर्चों पर भी उसकी नजर है और जहाँ पर भी धर्मांतरण और राष्ट्रविरोध का खेल चलेगा, वहां भी यही कार्यवाही की जाएगी, राष्ट्रविरोधियों को गिरफ्तार किया जायेगा और चर्च को उड़ा दिया जायेगा ।
जब विदेशों में ईसाई मिशनरियों पर सरकार इतनी सख्त है तो फिर भारत मे क्यो नही?
भारत में तो ईसाई मिशनरियां खुल्ला धर्मान्तरण करवा रही है, हिन्दू देवी-देवताओं को गालियां बोल रही है, हिन्दू साधु-संतों को जेल में भिजवा रही है, कान्वेंट स्कूलों में भारत माता की जय बोलने को मना कर रही है, मेहंदी नही लगाने देती, हिन्दू त्यौहार मनाने को मना करते है, यहाँ तक कि हिन्दू त्यौहारों पर छुट्टियां भी नही दी जाती हैं और भारत माता की जय बोलने और हिन्दू त्यौहार मनाने पर उनको स्कूल से बाहर किया जाता है फिर भी सरकार उनपर कोई कार्यवाही नही करती है ।
मीडिया में भी ईसाई मिशनरियों का भारी फंडिग रहता है इसलिए मीडिया चर्च के पादरी कितने भी दुष्कर्म करें, उनके खिलाफ नही दिखाती जबकि कोई हिन्दू साधु-संत पर झूठा आरोप भी लग जाता है तो उसपर 24 घण्टे खबरें चलाती है।
यहां कितने भी हिन्दू मन्दिर तोड़ दिए जाएं मीडिया को कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन एक भी चर्च तोड़ दिया तो हल्ला मचा देती है । चीन आदि देशों में ऐसी दुर्दशा नही है केवल भारत में ही है और उसका मुख्य कारण है कि हमारे नेता वोटबैंक की लालच में ईमानदारी से अपना कर्तव्य पालन नहीं करते ।
अभी भी #सरकार और #जनता को #सतर्क #रहना #चाहिए जो भी #धर्मांतरण या #देशविरोधी #कार्य #करता है उसके #खिलाफ सख्त #कार्यवाही #करनी #चाहिए तभी देश की संस्कृति टिकेगी नही तो देश की संस्कृति को खतरा है ।
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