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Wednesday, February 23, 2022

हिंदू से मुस्लिम में धर्मांतरण जोरों पर, ATS ने पकड़े मौलाना, विदेश से फंडिग

21 जून 2021

azaadbharat.org


भारत में हिंदुओं की जनसंख्या कम करने का षड्यंत्र बड़े पैमाने पर चल रहा है, इसमें लालच देकर ब्रेनवॉश करके धर्मांतरण कराने का कार्य पुरजोर से चल रहा है; सालों से ईसाई मिशनरी तो इसमें लगी हुई है, अब मुस्लिम समुदाय के मौलाना भी धर्मांतरण करते पकड़े गए। इसके पीछे का मुख्य कारण है- वोटबैंक बढ़ाकर सत्ता हासिल करना, इसलिए सभी देशवासी इनसे सावधान रहना। अगर आपके आसपास ऐसा कोई करता है तो कानून के जरिये उनको रोकें।



यपी ATS ने किया भांडाफोड़


यूपी ATS ने मूकबधिर छात्रों व कमजोर आय वर्ग के गरीबों-असहायों को धन, नौकरी व शादी करवाने का प्रलोभन देकर धर्मांतरण करानेवाले एक बड़े गिरोह के दो मौलानाओं को गिरफ्तार किया है। इन दोनों पर अब तक करीब 1000 मूकबधिर महिलाओं और बच्चों को निशाना बनाकर धर्म परिवर्तन कराने का आरोप है। यही नहीं, इस मामले में यूपी पुलिस ने आईएसआई से जुड़े होने और विदेशी फंडिंग होने का शक भी जताया है।


मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ये इस्लामी गिरोह ब्रेनवाश के जरिए हिंदुओं का धर्मांतरण कराते थे। एडीजी (लॉ एंड आर्डर) प्रशांत कुमार के मुताबिक मजहबी धर्मांतरण करके लोगों को रेडिकलाइज कराया जा रहा था।


रिपोर्ट के अनुसार, गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपित मौलानाओं की पहचान मुफ्ती काजी जहाँगीर आलम कासमी पुत्र ताहिर अख्तर निवासी ग्राम जोगाबाई, जामिया नगर, नई दिल्ली व मोहम्मद उमर गौतम पुत्र धनराज सिंह गौतम निवासी बाटला हाउस, जामिया नगर, नई दिल्ली के रूप में हुई है। मोहम्मद उमर गौतम का खुद इस्लामीकरण हुआ था।


गौरतलब है कि पुलिस महानिदेशक यूपी के निर्देशन में अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) द्वारा चलाए जा रहे एक बड़े अभियान के दौरान यूपी एटीएस को पिछले काफी समय से यह सूचना प्राप्त हो रही थी कि कुछ देशविरोधी व असामाजिक तत्व, मजहबी इस्लामी संगठन या सिंडिकेट पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी, आईएसआई व विदेशी संस्थाओं के निर्देश व उनसे प्राप्त फंडिंग के आधार पर गरीब असहाय हिन्दुओं का धर्म परिवर्तन करा रहे हैं।


इतना ही नहीं ये लोग उनके मूल हिन्दू धर्म के प्रति नफरत फैलाकर उन्हें संगठित अपराध के लिए भड़का रहे थे। इस सूचना पर यूपी एटीएस ने कार्रवाई करते हुए दोनों मौलानाओं को गिरफ्तार किया है। 


फिलहाल यूपी एटीएस की टीम करीब चार दिन से इनसे पूछताछ करके सबूत जुटा रही थी। पकड़े गए मौलाना जहाँगीर और उमर गौतम के लखनऊ के बड़े मुस्लिम संस्थानों से जुड़े होने की बात भी सामने आई है। 


इस मामले में एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई अहम खुलासे किए हैं। एडीजी ने बताया कि पहले विपुल विजयवर्गीय और कासिफ की गिरफ्तारी हुई थी जिनसे पूछताछ में सूचना मिली कि एक बड़ा गैंग है जो प्रलोभन देकर लोगों का धर्म परिवर्तन कराता है। पूछताछ में उमर गौतम का नाम आया, जो बाटला हाउस, जामियानगर का रहने वाला है। इसने भी अपना धर्म परिवर्तन किया है। इन्हें तीसरी बार पूछताछ के बाद रविवार को गिरफ्तार किया गया।


उन्होंने बताया कि पूछताछ में लगभग 1000 लोगों की लिस्ट सामने आई है जिनको प्रलोभन और पैसे देकर धर्मांतरित किया गया। एडीजी ने कहा कि विदेशी फंडिंग के जरिए देश के सौहार्द को बिगाड़ने का काम किया जा रहा है। इन्होंने नोएडा, कानपुर, मथुरा, वाराणसी वगैरह जिलों के गरीबों को निशाना बनाया।


एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार के अनुसार, उमर गौतम खुद धर्मान्तरण कर हिंदू से मुस्लिम बना है जिसने यूपी के अन्य जनपदों के गैर मुस्लिम मूकबधिर महिलाओं और बच्चों का सामूहिक रूप से धर्म परिवर्तन कराया है। उमर और उसके सहयोगी जामियानगर से एक संस्था चलाते हैं जिसका मुख्य उद्देश्य गैर मुस्लिमों का धर्म परिवर्तन कराना है। इस कार्य के लिए बैंक खातों और अन्य माध्यमों से भारी पैसे उपलब्ध कराए जाते हैं।


मकबधिर बच्चों को निशाना बनाने पर एडीजी ने बताया, “डेफ सोसाइटी नोएडा सेंटर 117, मूक बधिर का रेजिडेंशियल स्कूल है। यहाँ छात्रों को नौकरी व शादी का प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराया जाता है। छात्र के परिजनों को इसकी जानकारी नहीं होती है। ऐसे ही एक बच्चे आदित्य गुप्ता के माता-पिता से हमने पूछताछ की तो कई खुलासे हुए हैं।


मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बच्चे के परिजनों ने यूपी पुलिस को बताया कि पहले उन्होंने अपने बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट कराई थी जिसे बाद में 364 में परिवर्तित कर दिया गया था। यह भी बताया कि उनका बेटा मूकबधिर है। धर्म परिवर्तन कराकर साउथ के किसी राज्य में ले जाया गया है। इसके बारे में उनके मूकबधिर बच्चे ने वीडियो कॉल से बताया। इसी तरह गुड़गाँव का भी एक केस सामने आया। जिन बच्चों ने धर्म परिवर्तन किया वो इतने डरे हुए हैं कि आगे आकर कुछ बता नहीं पा रहे हैं।


https://r.com/OpIndia_in/status/1406903259403534338?s=19


समय रहते जग जाना चाहिए और आपस में संगठित होकर धर्मांतरण करनेवालों पर रोक लगानी चाहिए। अपने बच्चों एवं आसपास के लोगों को सनातन धर्म की महिमा बताकर जागरूक करना चाहिए, तभी देश व आनेवाली पीढ़ी की सुरक्षा होगी।


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Wednesday, December 2, 2020

धर्मांतरण पर रोक कानून को पूरे देश में लागू किया जाए

02 दिसंबर 2020


धर्म के संस्कार नहीं होने के कारण कुछ युवतियां सेक्युलर बन जाती हैं और कोई उनसे धर्म की बात करे तो अपने को मॉर्डन बताकर उनसे नफरत करती हैं जिसके कारण वे लव जिहाद में फस जाती हैं और बाद में अपनी जिंदगी नरक जैसी जीती रहती हैं, पुलिस अथवा न्यायालय में शिकायत करती हैं पर तब तक अपनी जिंदगी तबाह हो गई होती है। ऐसा ही एक ताजा मामला है, पढ़ लीजिये।




मेरा नाम कमालरुख खान है। मैं दिवंगत संगीतकार वाजिद खान की पत्नी हूँ। विवाह से पहले मैंने और साजिद ने दस साल एक दूसरे के साथ बिताये था। आप हमें कॉलेज स्वीटहार्ट कह सकते हैं। मैं पारसी थी और वो मुस्लिम थे। हम दोनों ने स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत विवाह किया था। यही वह कारण है जिसकी वजह से वर्तमान में चल रही धर्मांतरण की बहस मेरे लिए भी महत्वपूर्ण हो जाती है।

मैं आपके साथ अपना अनुभव इसलिए बांटना चाहती हूँ कि मजहब के नाम पर एक औरत के साथ किस तरह भेदभाव, दमन और पूर्वाग्रह का सामना करना पड़ता है। एक स्त्री के सम्मान के लिए ये अपमानजनक, निंदनीय और आंख खोलनेवाला है।

मेरे सामान्य पारसी परिवार का पालन पोषण बहुत लोकतांत्रिक मूल्यों वाला था। वैचारिक स्वतंत्रता को बढावा दिया जाता था और लोकतांत्रिक बहसें सामान्य सी बात थी। हर स्तर पर शिक्षा का महत्व सर्वोपरि होता था लेकिन मेरी शादी के बाद यही वैचारिक स्वतंत्रता, लोकतांत्रिक जीवन मूल्य और शिक्षा मेरे पति के लिए सबसे बड़ी समस्या थी। एक पढी लिखी लड़की जो वैचारिक स्वतंत्रता रखती हो, उनके परिवार को कतई स्वीकार नहीं थी। इस्लाम कबूल न करने का विरोध तो सबसे अपवित्र कार्य साबित हुआ। मैं हमेशा सभी धर्मों का सम्मान करती हूँ और उनके सभी धार्मिक आयोजनों में शामिल भी होती थी लेकिन मेरे ऊपर धर्मांतरण का दबाव लगातार बढता जा रहा था और ये दबाव यहां तक बढा कि मुझे तलाक के लिए अदालत की शरण लेनी पड़ी। मेरा आत्मसम्मान मुझे उनके या उनके परिवार के लिए इसकी (इस्लाम कबूल करने की) अनुमति नहीं दे रहा था।

मैं जिन मूल्यों में विश्वास करती हूँ उसमें धर्म परिवर्तन के लिए कोई स्थान नहीं है। न ही मैं अपनी 16 वर्षीय बेटी अर्शी और 9 वर्षीय बेटे ह्रेहान में ये संस्कार डालना चाहती हूँ। लेकिन अपनी शादी के बाद मैंने नख शिख इसके खिलाफ लड़ाई लड़ी है। इसका परिणाम ये हुआ कि मेरे ससुरालवालों ने मेरे खिलाफ एक से एक डरावने तरीके इस्तेमाल किये ताकि मैं इस्लाम कबूल कर लूं।

वाजिद एक सुपर टैलेन्टेड संगीतकार थे जिन्होंने एक से एक सुरीली धुनों की रचना की। मैं और मेरे बच्चे आज भी उनको मिस करते हैं। काश वो हमारे साथ कुछ समय और रहते। लेकिन धार्मिक पूर्वाग्रहों के कारण मैं और मेरे बच्चे कभी उनके परिवार की तरह उनकी संगीत रचना का हिस्सा न बन सके।

लेकिन मैंने लड़ाई लड़ी। लड़ाई जीवन मूल्यों की और लड़ाई अपने बच्चों के भविष्य की। ये लड़ाई मुझे सिर्फ इसलिए लड़नी पड़ी क्योंकि वो लोग मुझसे सिर्फ इसलिए नफरत करते थे क्योंकि मैंने इस्लाम कबूल करने से मना कर दिया। ये नफरत इतनी गहरी है कि वाजिद की मौत के बाद भी खत्म नहीं हुई है। दुर्भाग्य से उनकी मृत्यु के बाद भी उनके परिवार की ओर से मेरी प्रताड़ना जारी है।

मैं दिल से चाहती हूँ कि ये एन्टी कन्वर्जन लॉ पूरे देश में लागू किया जाए ताकि अंतर्धामिक विवाहों में स्त्री के प्रेम और आत्मसम्मान की रक्षा हो सके। हमें अपनी जमीन पर खड़े होने के लिए बदनाम किया जाता है। ये धर्मांतरण माफिया बहुत शुरुआत से ही अपनी व्यूह रचना करते हैं जो ये कहते हैं कि सिर्फ उन्हीं का गॉड/प्रॉफेट सच्चा है बाकी अन्य दूसरे सभी भगवान झूठ हैं। धर्म उत्सव के लिए होता है लोगों और परिवारों को तोड़ने के लिए नहीं।

यह सब देखते हुए अब हिंदुओं को जागरूक होने की अत्यंत आवश्यकता है सबसे पहले अपने बच्चों को धर्म की शिक्षा दे, अच्छे संस्कार दे , टीवी सिनेमा से दूर रखें, उनका मोबाइल चेक करते रहे जिससे बच्चे अपनी जिंदगी बर्बाद न कर ले नहीं तो यही बच्चे बड़े होकर आपको ही गालियां देंगे, बच्चों का भी कर्तव्य है कि अपने माँ-बाप बात माने नही तो आगे पछताना पड़ेगा।

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Wednesday, November 18, 2020

मुम्बई में उल्हासनगर बन रहा है ईसाई नगर, 2 लाख हिन्दू बनाये गए ईसाई

18 नवंबर 2020


हिन्दू बहुसंख्यक देश में हिन्दुओं का इस प्रकार से खुलेआम धर्मांतरित होना, यह अभीतक के शासनकर्ताओं द्वारा हिन्दुओं को धर्मशिक्षा न देने का ही गंभीर परिणाम है ! यह अबतक के शासनकर्ताओं के लिए लज्जाप्रद है ! इस स्थिति को बदलने के लिए अब हिन्दू राष्ट्र ही चाहिए ।




जिस सिंधी समुदाय ने अखंड हिन्दुस्तान के विभाजन के समय हिन्दू धर्म जीवित रहे; इसके लिए पाकिस्तान में स्थित अपनी भूमि, संपत्ति और सबकुछ त्याग दिया, वही सिंधी समुदाय अब ईसाईयों के लालच की बलि चढ़ रहा है और उच्चवर्गीय सिंधीवर्ग अब मिशनरियों का प्रचार कर रहा है, यह दुर्भाग्यजनक स्थिति बन गई है ।

उल्हासनगर में धर्मांतरण की घटनाओं को रोकना अब स्थानीय हिन्दुओं के नियंत्रण के बाहर जा चुका है । यदि ऐसी ही स्थिति बनी रही, तो आनेवाले कुछ वर्षों में यहां के सिंधी अर्थात हिन्दू नष्ट होकर उल्हासनगर को महाराष्ट्र के पहले ईसाई नगर के रूप में घोषित होने में समय नहीं लगेगा ।

मुंबई : ठाणे जनपद का उल्हासनगर अब ईसाई मिशनरियों के लिए धर्मांतरण का अड्डा बन गया है । विगत 5-6 वर्षों से षड्यंत्र के अंतर्गत यहां के लाखों हिन्दुओं का धर्मांतरण किया गया है । स्थानीय सिंधी संगठन और प्रतिनिधियों ने यह चौंका देनेवाली जानकारी दी है कि मिशनरियों ने यहां के बहुसंख्यक सिंधी समुदाय को अपना लक्ष्य बनाया है और विगत 5-6 वर्षों में यहां के 28 हजार परिवारों के डेढ़ लाख से भी अधिक सिंधी लोगों का धर्मांतरण किया गया है । यहां के सिंधी समुदाय के इस धर्मांतरण को अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र कहा जा रहा है ।

स्थानीय लोगों ने यह जानकारी दी कि, उल्हासनगर में जमीन के भाव बहुत अधिक होते हुए भी इस परिसर में 18 बड़े चर्चों का निर्माण किया गया है । नगर में ईसाई मिशनरियों ने अपना इतना बड़ा जाल बनाया है कि इस क्षेत्र में कुल 25 से भी अधिक छोटे-बड़े चर्च और 100 से भी अधिक प्रार्थनास्थल बनाए गए हैं । वर्ष 1947 में देश के विभाजन के समय, इसके लिए सिंधी समुदाय भारत में आ गया । ईसाई मिशनरियों द्वारा विगत कुछ वर्षों से सिंधी समुदाय का अत्यंत नियोजनतापूर्वक तथा गुप्त पद्धति से धर्मांतरण किया जा रहा है । इस विषय में यहां के पत्रकार और सूचना अधिकार कार्यकर्ता श्री. सत्यम पुरी ने यहां की भयावह वास्तविकता बताते हुए कहा कि, उल्हासनगर के अधिकांश परिवार का न्यूनतम एक तो व्यक्ति ईसाई बन ही गया है ।

ईसाईयों द्वारा बांटी गई पत्रिकाएं-

1. यहां के अनेक लोगों ने यह बताया कि ये धर्मांतरित सिंधी लोग अपने समुदाय के अन्य लोगों को भी धर्मांतरित होने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं । यहां के जो व्यापारी और उनके परिवार ईसाई बन गए हैं, वे ईसाई पंथ के प्रचार हेतु अपने प्लैट, जमीन, साथ ही अपनी गाड़ियाँ भी ईसाई मिशनरियों को उपलब्ध करा रहे हैं ।

2. धर्मांतरित सिंधी व्यापारी वर्ग और उच्चस्तर के सिंधी लोग अपने परिजन और समुदाय के अन्य लोगों को भी धर्मांतरण के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं ।

3. स्थानीय हिन्दू इन धर्मांतरण की घटनाओं के विरुद्ध वैधानिक पद्धति से संघर्ष कर रहे हैं; परंतु उनके प्रयास कम पड़ रहे हैं ।

धर्मांतरित सिंधी स्वयं का नाम न बदलकर सिंधी लड़कियों से विवाह कर उनसे कर रहे हैं धोखाधड़ी-

श्री. सत्यम पुरी ने बताया कि सिंधी समुदाय में लड़कियों की संख्या लड़कों की संख्या की अपेक्षा कम है । ये लड़कियां इन धर्मांतरित सिंधी लड़कों के साथ विवाह करने राजी नहीं होती; इसलिए ईसाई प्रिस्ट इन धर्मांतरित सिंधी युवकों को अपना पहले का ही नाम चालू रखने के लिए कहते हैं । उसके कारण उनसे विवाह करनेवाली लड़कियों को विवाह के पश्‍चात उसके पति द्वारा ईसाई पंथ का स्वीकार करने की बात ज्ञात होती है । तत्पश्‍चात ये धर्मांतरित युवक अपनी पत्नी पर धर्मांतरण के लिए दबाव बनाते हैं । इस प्रकार की घटनाएं आज घर-घर में हो रही हैं।

झूठे चमत्कार बताकर किया जाता है धर्मांतरण-
उल्हासनगर के निकट ही ताबोर आश्रम नामक एक ईसाई संस्था की स्थापना की गई है । यह तथाकथित आश्रम धर्मांतरण का बड़ा केंद्र बन गया है । साथ ही, नगर के विविध स्थानोंपर अंधविश्‍वास फैलानेवाले कार्यक्रम निरंतर चालू रहते हैं । ऐसे कार्यक्रमों के प्रचार के अंतर्गत विविध स्थानों पर ‘अपाहिज व्यक्ति चल सकेगा, अंधा देख पाएगा और इसके लिए ईसा मसीह के शरण में आएं’, ऐसे वाक्य छपे हुए पोस्टर्स लगाए हुए दिखाई देते हैं । (क्या महाराष्ट्र की अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति को यह अंधश्रद्धा नहीं दिखाई देती ?  या उन्हें ईसाईयों के विरुद्ध कुछ बोलना नहीं है ? – संपादक) ऐसा होते हुए भी प्रशासन की ओर से ऐसे अंधविश्‍वास फैलानेवाले कार्यक्रमों के विरुद्ध किसी प्रकार की कार्यवाही होते हुए नहीं दिखाई देती । विविध चैनलों से इन कार्यक्रमों का सीधा प्रसारण भी किया जाता है ।

धर्मांतरित धनवान लोगों द्वारा आदिवासी क्षेत्रों में धर्मांतरण का मिशनरियों का षड्यंत्र-

 मिशनरियों द्वारा धनवान सिंधी लोगों का धर्मांतरण कर उन्हें आसपास के गांवों में वहां के आदिवासी और निर्धन लोगों के धर्मांतरण के लिए भेजा जाता है । उल्हासनगर के धनवान लोगों द्वारा किए गए धर्मांतरण का उदाहरण प्रस्तुत कर ये धर्मांतरित सिंधी लोग निर्धन लोगों का धर्मांतरण करते हैं ।

धर्मांतरण का विरोध करनेवालों को झूठे अपराधों के प्रकरणों में फंसाया जा रहा है-

जानकारी के लिए बता दें कि यहां के एक बस्ती में जब धर्मान्तरण चल रहा था, तब वहां के स्थानीय हिन्दुओं ने उसका वैधानिक पद्धति से विरोध किया । तब ईसाई लोगों ने पुलिस थाने में हिन्दुओं के विरुद्ध उनका कार्यक्रम बिखेर देने का तथा हिन्दुओं द्वारा गालीगलोच किए जाने का झूठा परिवाद प्रविष्ट कर हिन्दुओं पर दबाव बनाने का प्रयास किया ।

विविध हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन यहां के धर्मांतरण की इन गंभीर घटनाओं का वैधानिक पद्धति से विरोध कर रहे हैं । स्थानीय हिन्दुत्वनिष्ठ धर्मांतरण के कार्यक्रम के विषय में पुलिस थाने में परिवाद प्रविष्ट करना, जिस स्थानपर ये कार्यक्रम किए जाते हैं, उस स्थान के मालिकों का उद्बोधन करना जैसे प्रयास कर रहे हैं; परंतु उसकी अनदेखी कर धर्मांतरण की घटनाएं चल ही रही हैं । आज इस समस्या ने अत्यंत गंभीर रूप धारण किया है ।

सरकार का इसपर ध्यान न देना मतलब खुद का भी वोट बैंक कम करना हुआ, ईसाई बन जायेंगे तो हिंदू पार्टी को ही वोट कम जाएंगे।

 स्वामी विवेकानंद कहते थे कि एक हिंदू अगर धर्मान्तरित होता है तो एक हिंदू कम हुआ नही बल्कि हिंदू समाज का एक दुश्मन बढ़ा इसलिए सरकार इस पर सख्त कमद उठाना चाहिये और ईसाई मिशनरियों का गोरखधंधा बंद करवा देना चाहिए ।

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Friday, August 18, 2017

ईसाई मिशनरियों की खुल्ली चेतावनी धर्मान्तरण बंद नही होने देंगे

अगस्त 18, 2017

🚩उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी #आदित्यनाथ की तरह ही #झारखंड के #मुख्यमंत्री भारतीय #संस्कृति के अनुरूप सुचारू रूप से कार्य कर रहे हैं, लेकिन कुछ विधर्मियों को यह कार्य रुचता नहीं है इसलिए उनके विरुद्ध षडयंत्र कर रहे हैं।

🚩#झारखंड सरकार के #धर्मांतरण #कानून के विरोध में ईसाई समुदाय के लोगों ने गुरुवार को जुलूस निकाला और आम सभा का आयोजन किया ।
Open-warnings-of-Christian-missionaries-will-not-stop-converting

🚩आम सभा में झारखंड सरकार को उखाड़ कर फेंकने का आह्वान किया गया । जुलूस में काफी संख्या में शामिल महिला पुरुष हाथों में तख्ती लिए थे जिसमें रघुवर सरकार गद्दी छोड़ो, धर्म की आजादी छीनने नहीं देंगे सहित अन्य नारे भी लिखे हुए थे। जुलूस का नेतृत्व पूर्व विधायक नियेल तिर्की, थियोडोर कीडो के अलावा निल जस्टिन बेक, रीतेश कीडो व अन्य कर रहे थे ।

🚩गौरतलब है कि झारखंड धर्म स्वतंत्र विधेयक 2017 के प्रारूप को मंत्रीमंडल की मंजूरी मिल गयी है । विधेयक के धारा - 3 में #बलपूर्वक #धर्मांतरण को #गैरकानूनी बताया गया है और इसका उल्लंघन करनेवाले आरोपी को 4 साल जेल और 1 लाख जुर्माना तक होगा । अगर कोई अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन करता है तो प्रशासन को सूचित करना होगा ।

🚩आपको बता दें कि झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा था कि कुछ लोग हमारी दिव्य संस्कृति और परंपरा को नष्ट करने का प्रयास कर रहे हैं । लालच या प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन करा रहे हैं जो अपराध है ।  हिन्दू धर्म और #सनातन #संस्कृति पर चोट या आंच पहुंचाने की कोशिश करने वाले पादरियों को जेल भेजेंगे ।

🚩ईसाई #पादरियों को भारत में भोले-भाले #हिन्दुओ को #धर्मपरिवर्तन कराने के लिये वेटिकन सिटी से भारी फंडिग होती है, इस फंडिग से गरीब आदिवासी इलाकों में जाकर उनको #प्रलोभन देकर #धर्मपरिवर्तन करवाते हैं अब इन पर झारखंड के मुख्यमंत्री #रघुवर दास रोक लगा रहे हैं तो उनकी बोखलाहट बढ़ गई है लेकिन रघुवरदास अच्छी तरह जानते हैं कि सत्ता तो कुछ दिन की मेहमान है पर सनातन संस्कृति के लिए अच्छे कार्य करने का मौका कभी-कभी मिलता है इसलिए वो डरे बिना भारतीय संस्कृति अनुसार कार्य कर रहे हैं ।

🚩कुछ सेक्युलर बोलते हैं कि अच्छा है कि सरकार गरीबी नही मिटा रही है तो कमसे कम पैसे तो देते हैं जिससे उनकी गरीबी मिटती है । तो उन सेक्युलरों को पता होना चाहिए कि भारत से दूसरे देशों में बहुत गरीबी है उनको क्यों दूर नही कर रहे है?
भारत पहले सोने की चिड़िया कहलाती लेकिन विदेशी आक्रमणकारी भारत को लूटकर ले गये इसलिए आज भारत में गरीबी है और सेक्युलर लोग ध्यान रखें कि आज भी उनका #उद्देश्य वही है जो उनकी #जनसंख्या बढ़ाकर फिर से #भारत में राज करे,भारत को #गुलाम बनाये ।

🚩#ईसाई मिशनरियां #प्रलोभन देकर तो #मुसलमान #बंदूक के बल पर हिन्दुओं का #धर्मान्तरण करवा रहे हैं अतः इनसे सावधान रहें नहीं तो बड़ी मुश्किल से हजारों लोगों की कुर्बानी से मिली आजादी फिर से कहीं खो नहीं देना ।

🚩प्राण न्यौछावर करके भी, धर्म की रक्षा करने वाले गुरु तेग बहादुर ने कहा कि सुनो सिखों बड़भागिया, धड़ दीजिये धर्म न छोड़िये......!!!

🚩हमारे पूर्वज धर्म की रक्षा करने के लिए मरना पसन्द करते थे पर धर्मपरिवर्तन नही करते थे अगर आज वे धर्मपरिवर्तन करते तो हम सुख-शांति से जो रह रहे है वो नही रह पाते इसलिए धर्मपरिवर्तन वो हलाहल जहर है जिसका भूलकर भी स्पर्श न करें ।

🚩केंद्र सरकार को देशभर में #धर्मान्तरण के खिलाफ कानून पारित कर देना चाहिए जिससे #धर्म #सुरक्षित हो, देश सुरक्षित हो ।

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