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Sunday, April 2, 2017

पोक्सो एक्ट के खिलाफ उठ रही है हजारों-लाखों आवाजें...

पोक्सो एक्ट के खिलाफ उठ रही है हजारों-लाखों आवाजें...

16 दिसम्बर 2012 की रात को #दामिनी_कांड के बाद #महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए #बलात्कार निरोधक कानून में सख्त $संशोधन किये गए ।

उनमें से एक है पोक्सो कानून।
जो 14 नवंबर, 2012 से लागू हुआ है। यह कानून 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को हर तरह के #यौन #अपराधों से बचाने के लिए बनाया गया है।
POCSO Misuse #RemoveUnfairPOCSOlaw, swamy

पोक्सो #ऐक्ट (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस) के मामलों की सुनवाई #स्पेशल कोर्ट में होती है जो एक वर्ष के भीतर मामले का निपटारा करेगी । इसमें बच्चों के साथ होने वाले अपराध के लिए #उम्रकैद तक की #सजा हो सकती है।

इस एक्ट के तहत बच्चों को सेक्सुअल असॉल्ट, सेक्सुअल हैरेसमेंट और पोर्नोग्राफी जैसे अपराधों से प्रोटेक्ट किया गया है। इस कानून के तहत अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा तय की गई है । इसमें 18 साल से कम उम्र के बच्चों को गलत तरीके से स्पर्श करने पर भी सजा हो सकती है।

इसमें मामले की रिपोर्टिंग, सबूतों की रिकॉर्डिंग, जांच एवं सुनवाई जैसी तमाम न्यायिक प्रक्रिया को बच्चों के अनुकूल बनाया गया है ।

पोक्सो #कानून अन्य कानूनों से विपरीत है । इसमें पीड़िता ने सच या झूठ जो बयान दे दिया उसी को सच मानकर आरोपी को सजा दी जाती है और आरोपी को ही साबित करना पड़ता है कि मैंने उसके साथ गलत व्यवहार नही किया है । इसमें आरोपी को जमानत पाने का अधिकार नही है ।

इस कानून के बनने के बाद से, बदला लेने की भावना और राष्ट्र विरोधी ताकतों द्वारा देश हितकारी कार्य करने वाली #हस्तियों को फंसाने के लिए 18 साल से कम उम्र की #लड़कियों को मोहरा बनाकर इस कानून का #अंधाधुन दुरूपयोग किया जा रहा है ।

छह जिला अदालतों के रिकॉर्ड से ये बात सामने आई है कि बलात्कार के 70 फीसदी मामलें #अदालतों में साबित ही नहीं हो पाते हैं ।

महिला आयोग और कई न्यायालयों ने बताया है कि निजी स्वार्थ के लिये बदला लेने की भावना से इस कानून का भयंकर दुरूपयोग किया जा रहा है ।

#पोक्सो कानून में संशोधन करने के लिए 24 मार्च को भाजपा नेता डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने राज्य सभा में एक बिल पेश किया है ।

देखें वीडियो

आज #ट्वीटर पर भी जनता ने #RemoveUnfairPOCSOlaw $हैशटैग पर लाखों #ट्वीट करके पोक्सो एक्ट में संशोधन या खत्म करने की माँग की है ।आज दिनभर ये ट्रेंड भारत में टॉप ट्रेंड में बना रहा ।

आइये कुछ ट्वीट्स द्वारा देखते हैं कि क्या कहना चाह रहे हैं यूजर्स...

1. किरण #राजदेव कहती हैं कि  #POCSO Misuse से हो रही तबाही!
बेगुनाह को हो रही जेल!
क्या मोदी जी गलत कानून हटायेंगे? #RemoveUnfairPOCSOlaw

2. सलोना चौधरी कहती हैं कि
अभी नहींं तो कभी नहींं!
 इसलिए #RemoveUnfairPOCSOlaw और करो निर्दोषों के साथ इंसाफ,जो बने POCSO Misuse के शिकार!

3.स्वीटी कहती हैं कि POCSO Misuse से समाज पर भारी संकट,
निर्दोषो के साथ हो रहा अमानवता भरा व्यवहार!
आखिर क्यों ?
#RemoveUnfairPOCSOlaw

4.राकेश आहूजा का कहना है कि Asaram Bapu Ji को 50 साल मानव सेवा के लिए समर्पित करने पर POCSO Misuse द्वारा मिली जेल। #RemoveUnfairPOCSOlaw https://twitter.com/Rakesh_Ahuja_/status/848372693690982400

5.योगेश बजाज कहते हैं कि न सबूत चाहिए , न गवाह - POCSO/Rape law के तहत एक बेबुनियाद आरोप आपको जेल में डालने हेतु पर्याप्त है #RemoveUnfairPOCSOlaw

6.नेहा गुप्ता कहती हैं कि POCSO Misuse in Asaram Bapu Ji's case!
 हिन्दू राष्ट्र में हिन्दू संत पर अत्याचार कब तक ? #RemoveUnfairPOCSOlaw

इस तरह से लाखों ट्वीटस द्वारा जनता ने निर्दोष व्यक्तियों को फंसाने वाले पोक्सो एक्ट को खत्म करने की मांग की । 

बलात्कार कानून की आड़ में आम नागरिक से लेकर सुप्रसिद्ध हस्तियों, संत-महापुरुषों को भी ब्लैकमेल कर झूठे बलात्कार के आरोप में जेल भेजा जा रहा है।

गौरतलब है कि हिन्दू संत आसारामजी बापू को भी पोक्सो एक्ट के तहत ही 43 महीनों से बिना सबूत जोधपुर जेल में बन्द रखा है इस कारण उनके समर्थक भी ट्वीटर ट्रेंड के जरिये कानून में बदलाव और उनकी शीघ्र रिहाई की मांग कर रहे हैं ।

फास्ट ट्रेक में 12 महीनों में ही केस खत्म करने का प्रावधान है लेकिन 43 महीनों से बापू आसारामजी पर आरोप सिद्ध नही हो पाया और उनको जमानत तक नही मिल रही है जबकि कई पोक्सो एक्ट वाले आरोपियों को भी जमानत मिल चुकी है इसलिए भी उनके करोड़ो समर्थकों में काफी रोष है ।

आपको बता दें कि हिन्दू संत #आसारामजी बापू पर जब छेड़छाड़ का आरोप लगा था तब आरोप लगानेवाली #शाहजहाँपुर की लडकी की सहेली ने बताया था कि ‘‘मैंने उससे पूछा कि ‘तूने बापूजी के ऊपर झूठा आरोप क्यों लगाया ? 
तो वह बोली : ‘मेरे से जैसा बुलवाते हैं, वैसा मैं बोलती हूँ । जिसका कवरेज सभी मीडिया चैनल्स ने लिया था ।

इस बात का  स्पष्टीकरण भाजपा नेता डॉ #सुब्रमण्यम स्वामी ने भी किया। स्वामी जी ने बताया कि मैंने आसारामजी बापू का केस पढ़ा । पूरा केस फर्जी है जिस समय लड़की बोल रही है कि मेरे साथ संत आसारामजी बापू ने छेड़खानी की, उस समय तो लड़की अपने किसी #फ्रेंड से बात कर रही थी फोन पर और संत आसारामजी बापू भी एक कार्यक्रम व्यस्त थे ।
देखे वीडियो

#मेडिकल #रिपोर्ट में भी स्पष्ट लिखा है कि लड़की को एक खरोंच भी नहीं आई है और मेडिकल आधार पर बापू आसारामजी को क्लीनचिट भी मिल चुकी है ।


पिछले डेढ साल में रेप के झूठे मामलों की बाढ़ आ गयी है । आज लाखों लोग हैं जो रेप व छेड़छाड़ के झूठे मुकदमों का खामियाजा भुगत रहे हैं ।

दिल्ली के एक फास्ट ट्रैक कोर्ट की #न्यायाधीश निवेदिता शर्मा ने बलात्कार के एक मामले में आरोपी को बरी करते हुए टिप्पणी की कि ‘इन दिनों बलात्कार या #यौन-शोषण के झूठे मुकदमें दर्ज कराने का ट्रेंड बढ़ता जा रहा है, जो चिंताजनक है। इस तरह के चलन को रोकना बेहद जरूरी है।'


#बलात्कार निरोधक कानून की खामियों को दूर करना अत्यंत आवश्यक है । तभी समाज में सामजस्य का वातावरण बन पायेगा, अन्यथा तो एक के बाद एक निर्दोष कानून की चपेट में फंसकर सजा भुगतने के लिए मजबूर होते रहेंगे ।

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