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Tuesday, November 17, 2020

"आश्रम" वेब सीरीज बनाने के पीछे के षड्यंत्र का पर्दाफाश…

 

17 नवंबर 2020


वैसे तो ये कोई नई बात नहीं है कि बॉलीवुड द्वारा हिंदू विरोधी पहली फ़िल्म बनाई गयी हो, यह सिलसिला पिछले कई दशकों से चल रहा है और समाज को सबसे ज्यादा अगर गुमराह किया हो तो वह बॉलीबुड ने किया है। बॉलीवुड ने समाज को यही दिया कि शादी करती हुई लड़की को मंडप से उठा लेना, बलात्कार, चोरी, डकैती, अधनंगे कपड़े पहनना, मां-बाप को वृद्धाश्रम छोड़ देना, लव जिहाद को बढ़ावा देना, भारतीय संस्कृति को हीन बताना, साधु-संतों, देवी देवताओं मदिरों और पंडितों का मजाक उड़ाना ओर पाश्चात्य संस्कृति को महान बताना यही तो ये लोग करते आये हैं।




आश्रम वेब सीरीज फ़िल्म निर्माता प्रकाश झा ने बनाई है लेकिन उसके पीछे बड़ा रहस्य है, प्रकाश झा की इतनी हैसियत नहीं है कि वे करोड़ो रूपये की फ़िल्म बना ले फिर करोड़ो रूपये खर्च करके उसका प्रोमोशन करे क्योंकि विज्ञापन से कुछ लाख रुपये ही आयेंगे लेकिन उसको जिस तरह प्रमोट किया जा रहा है उससे लग रहा है कि उसमे कई करोड रुपये खर्च किये है इसके पीछे कही न कही राष्ट्र व भारतीय संस्कृति को तोडने वाली ताकते लगी हुई है। क्योंकि "आश्रम" नाम पवित्र शब्द है उस पर करोडों लोग श्रद्धा करते है, वहाँ पर जाकर शांति पाते हैं इसके कारण धर्मांतरण कराने वाली मिशनरी और विदेशी प्रोडक्ट बेचने वाली कंपनियों को भारी नुकसान हो रहा है क्योंकि साधु-संतों के प्रति श्रद्धा रखने वाले आश्रम में जाते है और वहाँ उनको भारतीय संस्कृति के अनुसार जीने का सही तरीका मिलता है फिर वे अपने धर्म के प्रति आस्थावान हो जाते हैं जिसके कारण वे ईसाई मिशनरियों के चुंगल में नहीं आते हैं औऱ वे विदेशी प्रोडक्ट भी नहीं खरीदते जिसके कारण ईसाई मिशनरियों का जो लक्ष्य है भारत में धर्मांतरण करके अपनी वोटबैंक बढ़ाकर सत्ता हासिल करना ओर जो विदेशी कंपनियों के सामान नहीं बिकने पर उनको अरबो-खबरों रूपये का घाटा होता इसके कारण ये लोग अनेक प्रकार के षड्यंत्र रचकर हिंदुओं की आश्रम व साधु-संतों के प्रति आस्था को नष्ट करने के लिए साज़िशें रच रहे हैं और प्रकाश झा जैसे जयचंद गद्दारी करके अपने ही धर्म के खिलाफ फिल्में बनाते है असली कारण यही है।

देखा जाए तो चर्चो में बलात्कार के हजारों किस्से आ चुके हैं, मदरसों में भी यौन शोषण के कई किस्से आ चुके है पर अभी तक उस पर फ़िल्म कोई न बनाता है और न ही कोई हिम्मत करता है क्योंकि उसके लिए न फंडिंग मिलेगी और उपर से कमलेश तिवारी की तरह हत्या हो जाएगी इसलिए वास्तविक में जहाँ पर गड़बड़ी हो रही है उस पर वे ध्यान नहीं देते है पर हिंदी सहिष्णु है और उनके खिलाफ षड्यंत्र रचने के लिए भारी फंडिंग मिलती है इसके कारण प्रकाश झा जैसे जयचंद हिंदू विरोधी फिल्में बनाते हैं।

प्रकाश झा के खिलाफ शिकायत दर्ज

करणी सेना की तरफ से वेब सीरीज को बैन करने की मांग की है। सेना के लोगों का कहना है कि सीरीज के जरिए, साधु संतों को बदनाम करने की कोशिश की गई है। उनकी छवि खराब करने की कोशिश की गई है। करणी सेना के महामंत्री सुरजीत सिंह ने इस मामले पर कहा कि हमने प्रकाश झा के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है। हमें सीरीज के टाइटल को लेकर अपनी आपत्ति जताई है। हम चाहते है कि इसे लेकर पुलिस उचित करवाई करे। करनी सेना की हिंदुनिष्ठ लोग सरहाना कर रहे हैं क्योंकि अब इसके पीछे का षड्यंत्र हिंदुस्तानी लोग समझने लगें हैं।

वास्तविकता तो यह है कि कितने साधु-संतों ने घोर तपस्या की है फिर वे समाज में आकर उनको सही मार्ग दिखाते हैं, समाज को व्यसनमुक्त बनाने का प्रयास करते हैं, संयमी और सदाचारी समाज को बनाते हैं, गरीबों-आदिवासियों को सहायता करते हैं। गौ माता की रक्षा करते हैं। बच्चों, युवाओं व महिलाओं के उत्थान के लिए केंद्र खोलते हैं। धर्मान्तरण पर रोक लगाते हैं। चिंता, टेंशन में रह रहे लोगों को शांति देते हैं, स्वदेशी का प्रचार करते हैं, सभी को स्वस्थ, सुखी और सम्मानित जीवन जीने की कला सिखाते हैं। राष्ट्र व धर्म की रक्षा के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित कर देते हैं।

वैसे आपको बता दें कि ऐसी फिल्में देखकर श्रद्धालुओं में तो तनिक भी फर्क नही पड़ा है उपर से हिंदू लोग प्रकाश झा के खिलाफ हो गए हैं।

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Wednesday, August 19, 2020

वेब सीरीज वाले हिंदू धर्म के साथ-साथ राष्ट्र विरोधी भी बन गए, कर रहे हैं क्रांतिकारियों का अपमान !

19 अगस्त 2020


हिंदुत्व जिस प्रकार से पहले बॉलीवुड और अब वेब सीरीज ने निशाना बनाया है और जितना आघात सनातन धर्म को तथाकथित मनोरंजन ने दिया है संभवतः उतना आघात बड़े से बड़े और क्रूर से क्रूर मजहबी आक्रांता और विदेशी लुटेरे भी नहीं दे पाए होंगे।  लेकिन अब यह सिलसिला हिंदू देवी देवताओं, साधू-संतों से भी आगे चलकर देश की स्वतंत्रता के लिए प्राण देने वाले क्रांतिवीरों तक पहुंच चुका है।



ट्रायल के रूप में पहला निशाना लगाया गया है देश के लिए सबसे कम उम्र में फांसी चढ़े और हाथ में श्रीमद्भागवत गीता लेकर बलिदान देने वाले अमर बलिदानी खुदीराम बोस को, यह वही खुदीराम बोस थे जिन्होंने बलिदान होने से पहले कहा था कि- मैं बहुत ही गरीब हूं और मेरे पास मेरी भारत मां को देने के लिए मेरे प्राणों के अतिरिक्त कुछ नहीं था और आज मैं उसे दे रहा हूं। ना जाने कैसे हिम्मत हो गई उस अमर बलिदानी के अपमान की...।

ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज अभय 2 वेब सीरीज में एक सीन में क्रिमिनल बोर्ड पर शहीद खुदीराम की फोटो दिख रही है। खुदीराम की फोटो शेयर करते हुए यूजर्स ने चैनल जी 5 को बायकॉट करने की मांग कर डाली है।

हालांकि सोशल मीडिया पर विरोध होने पर सीरीज के डायरेक्टर केन घोष की ओर से माफी मांगी गयी और बताया गया कि ऑड‍ियंस की ओर से मिले फीडबैक को याद में रखते हुए हमने अभय 2 के इस सीन में तस्वीर को ब्लर कर दिया है। लेकिन ये कैसी माफी ? ब्लर क्यों किया उसको हटाया क्यों नहीं ? इससे साफ पता चलता है कि इनका इरादा था क्रांतिकारी खुदीराम बोस को अपमानित करने का।

आपको बता दें कि बॉलीवुड का हिन्दूफोबिया थमता नहीं दिख रहा है। अभी महेश भट्ट की ‘सड़क-2’ को लेकर विवाद ख़त्म भी नहीं हुआ था कि प्रकाश झा अपनी नई सीरीज ‘आश्रम’ लेकर आ धमके हैं। इसमें वे एक बाबा को विलेन बना कर आस्था और अपराध के संयोग को दिखाने का दावा कर रहे हैं।

दिलचस्प बात ये है कि बाबा को दिखाया तो गया है सूफी वाले लुक्स में लेकिन आश्रम में यज्ञाग्नि, शुद्ध हिंदी और उसके अनुयायियों को देख कर स्पष्ट पता चलता है कि ये सीरीज हिन्दुओं और हिन्दू साधु-संतों को बदनाम करने के लिए बनाई गई है। इसके बाद बाबा को बलात्कारी और खूनी दिखाया जाता है।

बॉलीवुड में अक्सर पंडितों और साधु-संतों को धोखेबाज और बलात्कारी दिखाया जाता रहा है, जबकि मुस्लिम किरदारों को ईमानदार और देश के लिए मर-मिटने वाला प्रदर्शित किया जाता रहा है। इसी तरह ‘सड़क-2’ में भी महेश भट्ट एक ऐसी कहानी लेकर आ रहे हैं, जिसमें एक साधु को बुरा दिखाया जाएगा और उसके काले कृत्यों का खुलासा किया जाएगा। इसमें भी एक डरावने बाबा को विलेन दिखाया गया है। और "आश्रम" वेब सीरीज में भी साधु-संतों को बदनाम किया गया है।

यह सिलसिला अभी से नहीं चल रहा है अपितु जबसे बॉलीवुड बना है तबसे चल रहा है और सबसे बड़ी बात तो यह है कि हिंदू ही उनकी फ़िल्में देखकर हिट करवाते हैं अगर पहले से ही उनकी फ़िल्में देखने नहीं जाते तो इनकी अक्ल अभी तक ठिकाने आ जाती लेकिन सभी सोशल मीडिया के कारण काफी हिंदू जागरूक भी हुए हैं और उनकी फिल्मों का बहिष्कार कर रहे हैं लेकिन अभी इसका संपूर्ण बहिष्कार करना होगा और देश व सनातन धर्म विरोधी फिल्मों को यूट्यूब पर इसको रिपोर्ट और डिसलाइक जरूर करें साथ मे इनको करारा जवाब दें और फिल्मे देखे ही नहीं। ... इससे इनकी औकात पता चलेगी और राष्ट्र व सनातन धर्म विरोधी फिल्मे बनाना बंद कर देंगे।

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