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Tuesday, September 8, 2020

जानिए लव जिहाद में हिंदू लड़कियां फंसकर अपनी जिंदगी बर्बाद कैसे कर देती हैं।

 

08 सितंबर 2020

हिंदू युवतियों को अपने माँ-बाप धर्म के संस्कार नहीं देते हैं जिससे हिंदू युवतियां सेक्युलर बन जाती हैं और स्कूलों में भी शिक्षा सेक्युलरिज्म की दी जा रही है। ऊपर से वेब सीरीज, सीरियलों एवं फिल्मों द्वारा लव जिहाद को बढ़ावा दिया जाता है जिसके कारण हिंदू युवती लव जिहाद में आसानी से फस जाती है और उनका आखरी अंत बड़ा दर्दनाक होता है।




लव जिहाद से हिंदू युवतियों की जिंदगी बर्बाद हो गई है ऐसी एक-दो नहीं हजारों-लाखों घटनाएं होंगी पर उसकी खबरें इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया नहीं बताती है जिसके कारण ऐसी खबरें जनता तक पहुँच नही पाती है जिसके कारण दूसरी हिंदू युवतियां भी लव जिहाद में फंसकर अपनी जिंदगी बर्बाद कर देती हैं।

आपको यहाँ दो ताजा खबरें दिख रहे है लव जिहाद में फंसकर कैसे हिंदू युवतियां अपनी जिंदगी बर्बाद कर देती हैं।

अहमदाबाद में लव जिहाद

अहमदाबाद पुलिस ने मोइन कुरैशी नाम के युवक के खिलाफ उसी की पत्नी की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की है। पत्नी ने अपने शौहर के खिलाफ धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। कुरैशी की पत्नी नयना (बदला हुआ नाम) जन्म से हिंदू है। उसने बताया कि उसके पति ने शादी से पहले उससे वादा किया कि वह कभी भी उसे हिंदू धर्म छोड़ने और इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर नहीं करेगा। लेकिन बाद में मोईन कुरैशी ने कथित तौर पर उस पर अत्याचार करना शुरू कर दिया और नयना पर इस्लाम धर्म कबूलने का दबाव डाला।

नयना कहती है कि शादी से पहले कुरैशी ने उससे अहमदाबाद के पॉश इलाके शाहीबाग में रहने का दावा किया था। लेकिन बाद में यह सामने आया कि कुरैशी दुधेश्वर नामक सामान्य इलाके में रहता हैं।

हिंदू लड़की नयना ने कहा कि फरवरी 2017 में उसने मोइन से साथ कोर्ट मैरिज की थी। कुरैशी ने 2018 में रमज़ान के दौरान उस पर इस्लाम अपनाने के लिए दबाव डालना शुरू किया। इसके अलावा छोटी-छोटी बातों पर उसने झगड़े शुरू कर दिए और वो कुछ कमाता नही था और नयना खुद जॉब करके करीब 6.5 लाख रुपये कमा लेती थी उससे मोइन मौज मस्ती करता था।

वहीं 16 जनवरी, 2020 को उसके बेटे का जन्म हुआ तो कुरैशी ने नयना को अपने बेटे का हिंदू नाम रखने से मना कर दिया। नयना ने  बताया कि बच्चे के जन्म के बाद उनका रिश्ता और अधिक तनावपूर्ण हो गया था। जब उसने अपनी समस्याओं के बारे में अपनी माँ से बात की तो उसे समझौता करने के लिए कहा गया। 23 जुलाई, 2020 को कुरैशी ने नयना और अपने बेटे को उसके माता-पिता के घर ले गया और उन्हें वहाँ छोड़ दिया। तब से नयना, अपने बेटे के साथ अपने माता-पिता के साथ रह रही है। नयना ने अपने पति पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए न्याय माँगा है।

कानपुर लव जिहाद की पीड़िता मुस्कान

उत्तर प्रदेश पुलिस ने कानपुर में जाजमऊ निवासी आसिफ शाह उर्फ नफीज को गिरफ्तार किया है। आसिफ ने गोविंद नगर की 18 वर्षीय मुस्कान को अपने प्रेम जाल में फँसाया और ब्रेनवॉश कर जबरन उसको इस्लाम कबूलने पर मजबूर किया।

🚩मुस्कान के परिवार ने कानपुर के गोविंद नगर में स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की थी, जिसमें आसिफ शाह उर्फ नफीज नाम के एक युवक पर उनकी बेटी पर जादू-टोना करके ब्रेनवॉश करने, शारीरिक रूप से दुर्व्यवहार करने और जबरन इस्लाम कबूल कर शादी करने के लिए धमकाने का आरोप लगाया।

आरोपित की गिरफ्तारी के बारे में बात करते हुए, मुस्कान की माँ ने कहा कि आसिफ शादीशुदा और दो बच्चों का पिता है। वह 35 साल का है, जबकि मुस्कान केवल 18 साल की थी। उसने अपनी पिछली शादी के बारे में मुस्कान से झूठ बोला था। जब वह मुस्कान को अपने घर ले गया, तो उसने कथित तौर पर अपनी पत्नी को अपनी बड़ी बहन के रूप में उससे मिलवाया था।

युवती ने बताया था कि उस पर जबरन इस्लाम कबूल करने का दबाव बनाया जा रहा था। इतना ही नहीं वे लोग जादू-टोना, झाड़-फूँक से उसके धर्मांतरण की कोशिश कर रहे थे। उसने यह भी कहा कि आसिफ के साथ उसका निकाह हो गया है।

सभी ने पुष्टि की थी कि कानपुर में अन्य मामलों की तरह यह भी लव जिहाद का मामला था, जहाँ आरोपित के परिवार ने योजनाबद्ध तरीके से एक हिंदू लड़की को निशाना बनाया और फँसाया था।

लव जिहाद की यहाँ केवल 2 ही घटनाओ का ही उल्लेख किया है बाकी ऐसी लाखों घटनाएं है जिसमे हिंदू युवतियों ने लव जिहाद में फंसकर अपनी जिंदगी को बर्बाद कर लिया है, कई हिंदू युवतियों का तो पता भी नही चल पा रहा है कि वे कहां गई, विदेश में बेच दिया, हत्या कर दी या खुद आत्महत्या कर ली? अब हिंदुओं को जागरूक होने की अत्यंत आवश्यकता है सबसे पहले अपने बच्चों को धर्म की शिक्षा दें, अच्छे संस्कार दें, टीवी सिनेमा से दूर रखें, उनका मोबाइल चेक करते रहें जिससे बच्चे अपनी जिंदगी बर्बाद न कर लें नही तो यही बच्चे बड़े होकर आपको ही गालियां देंगे, बच्चों का भी कर्तव्य है कि अपने माँ-बाप की बात माने नही तो आगे पछताना पड़ेगा।

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Wednesday, August 19, 2020

वेब सीरीज वाले हिंदू धर्म के साथ-साथ राष्ट्र विरोधी भी बन गए, कर रहे हैं क्रांतिकारियों का अपमान !

19 अगस्त 2020


हिंदुत्व जिस प्रकार से पहले बॉलीवुड और अब वेब सीरीज ने निशाना बनाया है और जितना आघात सनातन धर्म को तथाकथित मनोरंजन ने दिया है संभवतः उतना आघात बड़े से बड़े और क्रूर से क्रूर मजहबी आक्रांता और विदेशी लुटेरे भी नहीं दे पाए होंगे।  लेकिन अब यह सिलसिला हिंदू देवी देवताओं, साधू-संतों से भी आगे चलकर देश की स्वतंत्रता के लिए प्राण देने वाले क्रांतिवीरों तक पहुंच चुका है।



ट्रायल के रूप में पहला निशाना लगाया गया है देश के लिए सबसे कम उम्र में फांसी चढ़े और हाथ में श्रीमद्भागवत गीता लेकर बलिदान देने वाले अमर बलिदानी खुदीराम बोस को, यह वही खुदीराम बोस थे जिन्होंने बलिदान होने से पहले कहा था कि- मैं बहुत ही गरीब हूं और मेरे पास मेरी भारत मां को देने के लिए मेरे प्राणों के अतिरिक्त कुछ नहीं था और आज मैं उसे दे रहा हूं। ना जाने कैसे हिम्मत हो गई उस अमर बलिदानी के अपमान की...।

ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज अभय 2 वेब सीरीज में एक सीन में क्रिमिनल बोर्ड पर शहीद खुदीराम की फोटो दिख रही है। खुदीराम की फोटो शेयर करते हुए यूजर्स ने चैनल जी 5 को बायकॉट करने की मांग कर डाली है।

हालांकि सोशल मीडिया पर विरोध होने पर सीरीज के डायरेक्टर केन घोष की ओर से माफी मांगी गयी और बताया गया कि ऑड‍ियंस की ओर से मिले फीडबैक को याद में रखते हुए हमने अभय 2 के इस सीन में तस्वीर को ब्लर कर दिया है। लेकिन ये कैसी माफी ? ब्लर क्यों किया उसको हटाया क्यों नहीं ? इससे साफ पता चलता है कि इनका इरादा था क्रांतिकारी खुदीराम बोस को अपमानित करने का।

आपको बता दें कि बॉलीवुड का हिन्दूफोबिया थमता नहीं दिख रहा है। अभी महेश भट्ट की ‘सड़क-2’ को लेकर विवाद ख़त्म भी नहीं हुआ था कि प्रकाश झा अपनी नई सीरीज ‘आश्रम’ लेकर आ धमके हैं। इसमें वे एक बाबा को विलेन बना कर आस्था और अपराध के संयोग को दिखाने का दावा कर रहे हैं।

दिलचस्प बात ये है कि बाबा को दिखाया तो गया है सूफी वाले लुक्स में लेकिन आश्रम में यज्ञाग्नि, शुद्ध हिंदी और उसके अनुयायियों को देख कर स्पष्ट पता चलता है कि ये सीरीज हिन्दुओं और हिन्दू साधु-संतों को बदनाम करने के लिए बनाई गई है। इसके बाद बाबा को बलात्कारी और खूनी दिखाया जाता है।

बॉलीवुड में अक्सर पंडितों और साधु-संतों को धोखेबाज और बलात्कारी दिखाया जाता रहा है, जबकि मुस्लिम किरदारों को ईमानदार और देश के लिए मर-मिटने वाला प्रदर्शित किया जाता रहा है। इसी तरह ‘सड़क-2’ में भी महेश भट्ट एक ऐसी कहानी लेकर आ रहे हैं, जिसमें एक साधु को बुरा दिखाया जाएगा और उसके काले कृत्यों का खुलासा किया जाएगा। इसमें भी एक डरावने बाबा को विलेन दिखाया गया है। और "आश्रम" वेब सीरीज में भी साधु-संतों को बदनाम किया गया है।

यह सिलसिला अभी से नहीं चल रहा है अपितु जबसे बॉलीवुड बना है तबसे चल रहा है और सबसे बड़ी बात तो यह है कि हिंदू ही उनकी फ़िल्में देखकर हिट करवाते हैं अगर पहले से ही उनकी फ़िल्में देखने नहीं जाते तो इनकी अक्ल अभी तक ठिकाने आ जाती लेकिन सभी सोशल मीडिया के कारण काफी हिंदू जागरूक भी हुए हैं और उनकी फिल्मों का बहिष्कार कर रहे हैं लेकिन अभी इसका संपूर्ण बहिष्कार करना होगा और देश व सनातन धर्म विरोधी फिल्मों को यूट्यूब पर इसको रिपोर्ट और डिसलाइक जरूर करें साथ मे इनको करारा जवाब दें और फिल्मे देखे ही नहीं। ... इससे इनकी औकात पता चलेगी और राष्ट्र व सनातन धर्म विरोधी फिल्मे बनाना बंद कर देंगे।

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Wednesday, August 12, 2020

जापान में होती है हिंदू देवी-देवताओं की पूजा, हिन्दुस्तान में कब महत्व समझेगें?

12 अगस्त 2020


भारत में कुछ लोग पाश्चात्य संस्कृति के अंधानुकरण करने के कारण संस्कृत भाषा और देवी-देवताओं का महत्व नही समझ रहे हैं और कुछ वोटबैंक के लिए दलितों को उकसा रहे हैं और बोल रहे हैं कि आप हिन्दू नही हो इसलिए आपको हिन्दू देवी-देवताओं की पूजा नही करनी चाहिए, लेकिन वास्तव में देखें तो हमारे पुराणों में दलित शब्द है ही नही । अंग्रेजों द्वारा आपस में लड़ाने के लिए जाति-पाति बांटी गई जबकि भारतीय संस्कृति में वर्ण व्यवस्था जो है वो कर्म के अनुसार बनाई है, इसलिए किसी के बहकाव में आकर देवी-देवताओं की पूजा नही छोड़नी चाहिए क्योंकि विदेशों में देवी-देवताओं का महत्व समझकर उनकी पूजा की जा रही है और उसके लाभ भी प्राप्त कर रहे हैं ।



जापान में हिंदू देवी देवताओं की पूजा की जाती है। जापान में कई हिंदू देवी-देवताओं को जैसे ब्रह्मा, गणेश, गरुड़, वायु, वरुण आदि की पूजा आज भी की जाती है। कुछ समय पहले नई दिल्ली में फोटोग्राफ़र बेनॉय के बहल के फोटोग्राफ़्स की एक प्रदर्शनी हुई, जिससे जापानी देवी-देवताओं की झलक मिली।

बेनॉय के अनुसार हिंदी के कई शब्द जापानी भाषा में सुनाई देते हैं। ऐसा ही एक शब्द है ‘सेवा’ जिसका मतलब जापानी में भी वही है जो हिंदी में होता है। बेनॉय कहते हैं कि जापानी किसी भी प्रार्थना का अनुवाद नहीं करते। उनको लगता है कि ऐसा करने से इसकी शक्ति और प्रभाव कम हो जाएगा ।

लिम्का वर्ल्ड रिकॉर्ड भारतीय सभ्यता के रंग जापान में देखने को मिलते हैं। सरस्वती के कई मंदिर भी जापान में देखने को मिलते हैं। संस्कृत में लिखी पांडुलिपियां कई जापानी घरों में मिल जाती है। बेनॉय का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में ‘मोस्ट ट्रेवल्ड फोटोग्राफ़र’ के रूप में दर्ज है।

आधार ही संस्कृत जापान की राजधानी टोक्यो में पांचवी शताब्दी की सिद्धम स्क्रिप्ट को आज भी देखा जा सकता है। इसे गोकोकुजी कहते हैं। बेनॉय का कहना है कि ये लिपि पांचवी शताब्दी से जापान में चल रही है और इसका नाम सिद्धम है। भारत में ऐसी कोई जगह नहीं, जहां ये पाई जाती हो ।

आज भी जापान की भाषा ‘काना’ में कई संस्कृत के शब्द सुनाई देते हैं । इतना ही नहीं काना का आधार ही संस्कृत है। बहल के अनुसार जापान की मुख्य दूध कंपनी का नाम सुजाता है। उस कंपनी के अधिकारी ने बताया कि ये उसी युवती का नाम है जिसने बुद्ध को निर्वाण से पहले खीर खिलाई थी। स्त्रोत : बीबीसी

भातीय सभ्यता अपनाकर, हिन्दू देवी-देवताओं की पूजा करके एवं संस्कृत व हिन्दी भाषा का प्रयोग करके जापान दुनिया मे टेक्नोलॉजी में नंबर एक पर है, आज उस देश के सामने कोई भी देश आंख नही दिखा सकता लेकिन भारत में ऐसी विडंबना है कि भारतवासी अपने ही हिन्दू देवी-देवताओं को भूल रहे है, कई तो मुर्दों की मजार पर मत्था टेकने चले जाते हैं। अपनी संस्कृति को भूलकर पाश्चात्य संस्कृति की ओर आकर्षित हो रहे हैं, अपनी महान संस्कृत एवं हिन्दी भाषा को भूलकर अंग्रेजी भाषा को अपना रहे हैं, कितनी विडंबना है, हमारी संस्कृति को भूलने के कारण ही आज हम पीछे रह गये और जापान हमारी संस्कृति को अपनाकर महान बन रहे हैं ।

दुनिया का सबसे प्राचीन हिन्दू धर्म अपनी उदारता, व्यापकता और सहिष्णुता की वजह से पूरी दुनिया के लोगों को ध्यान खींच रहा है। ऑस्ट्रेलिया और आयरलैंड जैसे देश में तो सबसे तेजी से बढ़ने वाला धर्म बन गया है।

एक तरफ विदेशी भी हिन्दू धर्म की महिमा जानकर हिन्दू धर्म और संस्कृति की तरफ आकर्षित हो रहे है, दूसरी ओर हिन्दू बाहुल देश भारत में ही ईसाई मिशनरियां और कुछ मुस्लिम समुदाय के लोग हिन्दू धर्म को मिटाकर अपना धर्म बढ़ाना चाहते हैं इसलिए लालच देकर एवं जबरन धर्मान्तरण, लव जिहाद आदि अभियानों द्वारा हिन्दू धर्म को तोड़ रहे हैं ।

हिन्दू धर्म में रहने वाले भी कुछ लोग हिन्दू धर्म की महिमा समझते नही हैं और बोलते हैं कि सर्व धर्म समान । सर्व धर्म का सम्मान तो हो सकता है पर सर्व धर्म समान नहीं हो सकते ।  महान सनातन हिन्दू धर्म को किसी धर्म के साथ जोड़ना मूर्खता है।

हिन्दू संस्कृति की आदर्श आचार संहिता ने समस्त वसुधा को आध्यात्मिक एवं भौतिक उन्नति से पूर्ण किया, जिसे हिन्दुत्व के नाम से जाना जाता है।

हिन्दू धर्म का यह पूरा वर्णन नही हैं इससे भी कई गुणा ज्यादा महिमा है क्योंकि हिन्दू धर्म सनातन धर्म है इसके बारे में संसार की कोई कलम पूरा वर्णन नही कर सकती । आखिर में हिन्दू धर्म का श्लोक लिखकर विराम देते हैं ।

सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया, सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दुख भागभवेत। ॐ शांतिः शांतिः शांतिः

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Monday, July 20, 2020

धर्मान्तरण का कार्य करने वाले पादरी को आशाराम बापू ने बना दिया हिंदू।

धर्मान्तरण का कार्य करने वाले पादरी को आशाराम बापू ने बना दिया हिंदू।

20 जुलाई 2020

🚩जहाँ जहाँ ईसाई मिशनरीयां धर्मान्तरण करवा रही थी, खास करके आदिवासी क्षेत्रों में वहाँ-वहाँ हिंदू संत आशाराम बापू ने जाकर सनातन हिंदू धर्म की महिमा समझाई और उनको मकान, जीवन जरूरियात सामग्री, नकद राशि देना शुरू कर दिया, और ईसाई मिशनरियों के षड़यंत्र से अवगत करवाया जिसके कारण लाखों हिंदुओं ने घरवापसी की और जो धर्मपरिवर्तन करने वाले थे वे रुक गए, करोड़ो अरबो रुपये लगाकर ईसाई मिशनरियों के NGO's कार्य कर रहे थे उनके पैसे बर्बाद होने लगे क्योंकि आदिवासी समाज अपने हिंदू धर्म की महिमा समझ चुके थे इसलिए वे धर्मपरिवर्तन नही कर रहे यहाँ तक कि धर्मपरिवर्तन कराने वाले पादरी भी आशारामजी बापू से हिंदू धर्म की महिमा सुनकर हिंदू धर्म अपना लिया।


🚩ऐसे ही एक इंडोनेशिया के पादरी रॉबर्ट सोलोमन थे वो चर्च के अंतराष्ट्रीय षडयंत्र के तहत धर्मपरिवर्तन करवाने का कार्य कर रहे थे लेकिन उन्होंने झारखंड में बापू आशारामजी का प्रवचन सुना और बाद में उन्होंने हिंदू धर्म का अध्ययन किया फिर उनको हिंदू धर्म की महिमा समाज मे आई और उन्होंने बापू आशारामजी के कार्यक्रम में जाकर हिंदू धर्म अपना लिया और पादरी रोबेर्ट सोलोमन से बन गए डॉ सुमन कुमार और आज वे खुद धर्मान्तरण रोकने का कार्य कर रहे है और देश की रक्षा के अपने प्राण देने को भी तैयार हुए है।

🚩डॉ सुमन ने क्या कहा अपने वक्तव्य में?

🚩डॉ सुमन कुमार ने कहा कि मेरा पूर्व नाम रॉबर्ट सोलोमन था, वर्तमान नाम सुमन कुमार हैं। मैं मूल रूप से इंडोनेशिया (जकार्ता) का रहने वाला था। पढ़ाई ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी लंदन से करने के बाद 1987 तक चर्च के अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र के तहत मैं काम कर रहा था। देश एवं विदेशों में मिशनरीज के कार्य में संलग्न था। भारतीय परंपरा, भारतीय दर्शन को ना मैं जानता था, ना मैं मानता था और ना ही सनातनी परंपरा को देखने समझने का अवसर प्राप्त हुआ था। जाने अनजाने में जो हमसे बहुत बड़ी भूल हुई थी। उस भूल को सुधारने के लिए पूजनीय बापू जी के श्री चरणों में आकर प्रायश्चित स्वरूप मैं सोलोमन से सुमन कुमार बनके हिंदू हित और हिंदू समाज और हिंदू दर्शन और हिंदू चिंतन को स्वीकार कर रहा हूं।

🚩देशभक्ति ली लहर दौड़ रही है सुमन कुमार के भीतर

🚩सुमन कुमार ने बताया कि ओ भारत के वीर जवानों, मां का कर्ज चुका देना।
कटे-फटे इस मानचित्र को, अब भी ठीक बना देना।
पटना साहब से मिलने, ननकाना बेचैन खड़ा।
और अब के तिरंगा घुसकर, रावलपिंडी में फहरा देना।
अटक कटक से सिंधु नदी, सब कुछ हमको प्यारा है।
कश्मीर मत मांगो, पाकिस्तान हमारा है।
कोई चलता पद चिन्हों पर, कोई पद चिन्ह बनाता है।
हैं वही सूरमा इस जग में, दुनिया में पूजा जाता है।
ऐसे हमारे प्रातः स्मरणीय पूजनीय आसाराम बापूजी यहां विराजमान हैं। व्यक्ति को विचारों से, आचारों से, व्यवहारों से और संस्कारों से ढालने का प्रयत्न उन के माध्यम से करोड़ों लोगों तक यह संदेश पहुंचाया जा रहा है।
मैं नहीं तू ही तू ही जाकर, मौन तपस्वी साधक बनकर।।
हिमगिरि जैसे चुपचाप चले।।

🚩आज़ादी के लिए क्या कहा?

🚩मित्रों बड़ी मुश्किल से मिली है आजादी।
बड़ी मुश्किल से मिली है आजादी।
इसे हम खोने नहीं देंगे और देश में रह रहे गद्दारों को हम चैन से जीने नहीं देंगे।
हम चैन से जीने नहीं देंगे।
भारत हमारी मां है, भारत हमारी मां है।
माता का रूप है प्यारा।
करना इसकी रक्षा, यही कर्तव्य हैं हमारा।

🚩आगे बताया कि यह मेरा परम सौभाग्य हैं, प्रायश्चित स्वरूप पूजनीय आसाराम बापूजी के श्री चरणों में आने का मौका मिला। हम जानते हैं की बड़ी मुश्किल से मिली है आजादी। आज जो आजादी हम को प्राप्त हुई हैं उस आजादी को हमें पूरा बनाए रखना है, बचाए रखना है, बरकरार रखना है और यही संस्कार पूजनीय बापूजी हमें देते हैं। दिस इज माय होली मदर लैंड। मैं तो कहता हूँ कि यह हमारे लिए पूजनीय वंदनीय प्रातः स्मरणीय भूमि है। हम जिएंगे तो इसके लिए, मरेंगे तो इसके लिए। छत्रपति शिवाजी भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद विनायक सावरकर ने यह जो मार्ग हमको दर्शाए थे आज उन्ही मार्गो को पुनः स्मरण करने की हमें आवश्यकता हैं। तो मित्रों मैं तो कहूंगा व्यक्ति को विचार, आचार, संस्कार से ढालने का जो पूजनीय बापूजी ने कार्य किया है, जो हिंदू सोसायटी के लिए किया है। इन हिन्दू सोसाइटी देअर आर मेनी स्कूल ऑफ आर्ट्स बट ओनली वन स्कूल ऑफ हार्ट। पूज्य बापूजी में वह ताकत है जो पूरे समाज को, पूरे विश्व को दिशा देने के लिए हैं और मैं तो कहता हूं कि भारतीय परंपरा और भारतीय चिंतन हैं वह विश्व का मार्गदर्शन देने की स्थिति में है और इसलिए सनातनी परंपरा है जो सनातनी सच है उस सच को हम समझे।

🚩डॉ सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने बयान में कई बार बताया कि मेरे को एक बार फ्लाइट में आसाराम बापू मिले उनसे मैंने बातचीत करते समय बताया कि आप जो धर्मांतरण रोकने का कार्य पुरजोश से कर रहे है ईससे आपके ऊपर वेटिकन सिटी बहुत नाराज है और वे लोग सोनिया गांधी को बोलकर आपको जेल भिजवाने की तैयारी में लगे है लेकिन बापू आशारामजी निश्चित थे उन्होंने बोला कि भगवान जो करेगा अच्छा ही होगा। ये बात आसाराम बापू को जेल भेजने से पहले की हैं।

🚩आपको बता दें कि जिस केस में हिंदू संत आशारामजी बापू को सेशन कोर्ट ने सजा सुनाई है लेकिन जब उनके केस पढ़ते है तो उसमें साफ है कि जिस समय आरोप लगाने वाली लड़की ने तथाकथित घटना बताई है उससे तो साफ होता है कि वे उस समय अपने मित्र से फोन पर बात कर थी उसकी कॉल डिटेल भी है और आशारामजी बापू एक कार्यक्रम में थे वहां पर 50-60 लोग भी मौजूद थे उन्होंने भी गवाही दी है और मेडिकल रिपोर्ट में भी लड़की को एक खरोच तक नही आई है  और एफआईआर में भी बलात्कार का कोई उल्लेख नही है केवल छेड़छाड़ का आरोप है।

🚩आपको ये भी बता दें कि बापू आशारामजी आश्रम में एक फेक्स भी आया था उसमें उन्होंने साफ लिखा था कि 50 करोड़ दो नही तो लड़की के केस में जेल जाने के लिए तैयार रहो।

🚩बता दें कि उन्होंने स्वामी विवेकानंद जी के 100 साल बाद शिकागो में विश्व धर्मपरिषद में भारत का नेतृत्व किया था। बच्चों को भारतीय संस्कृति के दिव्य संस्कार देने के लिए देश मे 17000 बाल संस्कार खोल दिये थे, वेलेंटाइन डे की जगह मातृ-पितृ पूजन शुरू करवाया, क्रिसमस की जगह तुलसी पूजन शूर करवाया, वैदिक गुरुकुल खोले, करोड़ो लोगो को व्यशनमुक्त किया, ऐसे अनेक भारतीय संस्कृति के उत्थान के कार्य किये हैं जो विस्तार से नहीं बता पा रहे हैं। इसके कारण आज वे जेल में हैं।


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Wednesday, July 8, 2020

पाकिस्तान में एक भी हिंदू मंदिर नही बनने दे रहे हैं, किया जा रहा है प्रताड़ित!

08 जुलाई 2020

🚩भारत-पाकिस्तान के विभाजन के 73 वर्षों के बाद 24 जून को यहां रहने वाले अल्पसंख्यक हिंदुओं को राजधानी इस्लामाबाद में पहले श्री कृष्ण मंदिर के निर्माण की खबर मिली थी। यदि मंदिर बन जाता है तो उन्हें पूजा के लिए शहर के बाहर नहीं जाना होगा। मानवाधिकारों पर संसदीय सचिव लाल चंद माल्ही ने मंदिर का शिलान्यास किया था। लेकिन अब पाकिस्तान में इस मंदिर निर्माण का पुरजोर विरोध हो रहा हैं इसके कारण मंदिर निर्माण का कार्य रोक दिया गया हैं।

🚩जो मुसलमान पाकिस्तान मे एक हिन्दू मन्दिर को स्वीकार नहीं करना चाहते वे भारत मे शरिया कानून लागू करवाना चाहते हैं। तेज आवाज मे 5 बार लाउड स्पीकर पर अजान चलाते हैं। आवाज धीमी करने को कहो तो धमकी देते हैं। तारिक फतेह, तसलीमा नसरीन और सलमान रश्दी को बोलने नहीं देना चाहते। भारत को संविधान से नहीं, कोर्ट से नहीं फतवों से चलाना चाहते हैं। पिछले 70 साल से पाकिस्तान की यही सच्चाई है। सैंकड़ों पुराने मन्दिर और गुरुद्वारों को पिछले 70 साल मे मस्जिद मे बदल दिया परन्तु 1 मन्दिर का बनना बर्दाश्त नहीं है। पुराने मन्दिर खंडहर हो गए हैं।

🚩पहले पूरे पाकिस्तान में हंगामा करके इस्लामाबाद में प्रस्तावित मंदिर को रोका गया। फतवे निकाले गये। सरकार गिराने की धमकी दी गयी। इस "कुफ्र" के लिए इमरान खान को खाक में मिला देने की आवाजें उठी। परिणामस्वरूप इमरान खान सरकार ने कृष्ण मंदिर का निर्माण रुकवा दिया।

🚩लेकिन इतने से भी बात बनी नहीं। कुछ लोग वहां पहुंचे और चारदीवारी की नींव की ईंटे उखाड़कर फेंक दी। बुतपरस्तों की ये मजाल कि इस्लामाबाद में मंदिर बनायेंगे। फिर भी संतोष न हुआ। अब वहां जाकर कुछ लोगों ने अजान दी है। नमाज पढ़ी है ताकि उस जमीन को "पाक" किया जा सके जहां बुतपरस्ती की नींव पड़ रही थी। लेकिन मुझे लगता है इतने से भी बात बनेगी नहीं। जल्द ही मंदिर के लिए एलॉट की गयी जमीन पर गोकशी करके उसे "पवित्र" किया जाएगा ताकि दोबारा वहां मंदिर बनने की संभावना पूरी तरह से समाप्त हो सके।

🚩सहिष्णुता इसको कहते हैं। असहिष्णु हिन्दुओं को अपने मुस्लिम भाइयों से कुछ सीखना चाहिए।

🚩आपको बता दें कि पाकिस्तान में 23% हिंदू थे आज 2% भी नही बचे हैं और पाकिस्तान में हिन्दुओं के 95% मंदिरों पर कब्ज़ा कर उनमें दुकानें चलाई जातीं हैं। कभी मुगल आक्रांताओं और औरंगज़ेब के सिपहसालारों जैसे देसी जिहादियों की मौत कहे जाने वाले सिख समुदाय की हालत भी ऐसी ही है।


🚩पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग ने कहा है कि जबरदस्ती धर्म परिवर्तन की घटनाएं केवल सिंध तक सीमित नहीं है बल्कि देश के अन्य भागों में भी ऐसा हो रहा है। अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों का अपहरण होता है, उनके साथ बलात्कार किया जाता है और बाद में यह दलील दी जाती है कि, लडकी ने इस्लाम धर्म कबूल कर लिया है। उसकी मुस्लिम व्यक्ति से शादी हो गई है और वह अपने पुराने धर्म में लौटना नहीं चाहती। यदि वे उसके अपहरण की एफआईआर करते हैं, तो यह उसे ढूंढ़ने और वापिस काफिर बनाने का पैंतरा है। लडकी नाबालिग होती है, तो उसका नकली जन्म प्रमाणपत्र बनवा लिया जाता है। इन्हीं अत्याचारो से तंग आ कर 5,000 हिन्दू हर साल अपना घरबार छोड कर भारत भाग आते हैं।


🚩एक महिला का कहना है कि पाकिस्तान में अब वह सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं, क्योंकि पुलिस के सामने ही किसी को भी किडनैप कर लिया जाता है। नॉर्थ वेस्ट क्षेत्र में आज कोई महिला सुरक्षित नहीं है।

🚩भारत को ‘असहिष्णु’ बोलनेवाले तथा भारत में रहने से ‘डर’ लगता है, ऐसा कहनेवाले आमिर खान, नसीरूद्दीन शाह क्या पाकिस्तान की इस ‘असहिष्णुता’ पर कुछ कहेंगे ? भारत में अल्पसंख्यक डरा हुआ है, ऐसा ढिंढोरा पिटा जाता है, किंतु पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों की यह स्थिती देखकर कौन सच में ‘डरा’ हुआ है, यह ध्यान में आता है।

🚩पाकिस्तान में हिंदुओं के साथ इतना अत्याचार हो रहा है लेकिन कोई भी मानव अधिकार, संयुक्त राष्ट्र, विदेश मंत्रालय, सरकार, मीडिया, सेक्युलर, वामपंथी , न्यायालय , तथाकथित बुद्धिजीवी सब चुप है क्योंकि हिंदू तो उनको मनुष्य ही नही दिखते है अब खुद हिंदुओं को संगठित होकर इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए नही तो एक के बाद एक की बारी होगी।

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Friday, June 12, 2020

मीडिया का एजेंडा : मौलवी-पादरियों के अपराध छुपाकर हिंदू संतों को बदनाम करना!

12 जून 2020

🚩वामपंथी बिकाऊ मीडिया का एक ही लक्ष्य है कि ईसाई धर्मगुरु हो अथवा मुस्लिम धर्मगुरु हो उनके ऊपर कोई आरोप लगता है अथवा अपराध सिद्ध भी हो जाये तो उसको इस तरीके से दिखाएंगे की जैसे कोई हिंदु साधु-संत है क्योंकि उनका उद्देश्य है हिंदू संस्कृति के स्तम्भ साधु-संतों को बदनाम करके हिंदू धर्म को नीचा दिखाना और कुछ भोले हिन्दू उनकी बातों में आ जाते हैं और बिकाऊ मीडिया की बात को सच मानकर अपने धर्मगुरुओं को गलत बोलने लग जाते हैं।

🚩मुस्लिमपरस्ती में मीडिया का एक धड़ा इस कदर मदमस्त है कि उसे गलती से कहीं कोई अपराधी मुस्लिम समुदाय का या कई बार ईसाई भी दिख गया तो ये पूरा गिरोह चटपट येन-केन प्रकारेण अर्थात कुछ भी करके पाठकों के सामने ऐसा स्पिन देने की कोशिश में लग जाएगा कि समुदाय विशेष का अपराध भी ढक जाए और कोई निरपराध समुदाय या व्यक्ति खास तौर पर हिन्दू धर्म प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से सवालों के घेरे में भी आ जाए।

🚩अभी ताजा मामला आजतक द्वारा प्रकाशित एक लेख का है। जिसमें विजुअल और लेख के गड़बड़झाले से असल अपराधी असलम को पूरी तरह से गायब कर लेख में ‘बाबा’ और ‘भक्त’ जैसे शब्दों का जानबूझकर प्रयोग करते हुए पाठकों को बरगलाने और समुदाय विशेष के असलम को बचाने की शातिराना कोशिश की गई है।

🚩क्या है असल में मामला

🚩मध्य प्रदेश के रतलाम के नयापुरा क्षेत्र में झाड़ फूँक और पानी फूँककर इलाज करने वाले असलम की मौत हाल ही में कोरोना से होने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया है। क्योंकि जब प्रशासन ने असलम के संपर्क में आए लोगों की लिस्ट निकाली तो वो काफी लंबी-चौड़ी निकली। इसके बाद उन लोगों का सैंपल लिया गया, जिसमें से 19 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।

🚩लेकिन, जब मीडिया में इस न्यूज़ की रिपोर्टिंग हुई तो पूरा गिरोह असलम को बाबा, भक्त, भगवा को आगे कर बचाने की हड़बड़ी में लग गया। इन्हीं 19 कोरोना पॉजिटिव लोगों को आजतक ने ‘भक्त’ और झाड़फूँक कर इलाज का ढोंग करने वाले असलम को ‘बाबा’ लिखा है।

🚩मीडिया गिरोह का हिन्दूफ़ोबिक प्रपंच

🚩इस तरह से स्पिन देने के मामले में वैसे ‘आजतक’ अकेला नहीं है, ‘नई दुनिया’, ललनटॉप, Ndtv, द वायर से लेकर ज़्यादातर वामपंथी धड़े के मीडिया समूह सालों से खुला-खेल फर्रुखाबादी की तरह अक्सर मुस्लिम आलिम, मौलवी, मुल्ला या किसी झाड़फूँक करने वाले फकीर या ढोंगी को ये बाबा, तांत्रिक, साधु आदि नामों और भगवा, त्रिशूल, त्रिपुण्ड के विजुअल में छिपाते आए हैं।

🚩बहुत ही बारीकी से कभी प्रतीकात्मक तस्वीर के नाम पर तो कभी सीधे खुले में खेलते हैं कि कौन सी जनता जा रही है तहकीकात करने? अगर बाद में पता भी चला तो क्या हो जाएगा? क्योंकि आजतक कभी इन्हें अपनी इन हरकतों पर कोई बड़ा आउटरेज नहीं झेलना पड़ा।

🚩इस तरह से फेक न्यूज़ के माध्यम से ही सही लेकिन समुदाय विशेष के शातिर मुस्लिम अपराधी को बचाने और बेहद सहिष्णु समुदाय अर्थात हिन्दुओं और उनके धार्मिक प्रतीकों को बदनाम करने का उनका मकसद लम्बे समय से पूरा होता आया है।

🚩यहाँ एक बात विचारणीय है कि सोशल मीडिया के दौर में जब पब्लिक ही इन मीडिया गिरोहों के झूठ को पकड़ के इन्हें लताड़ती है तो भी ये पूरा वामपंथी इकोसिस्टम और मीडिया गिरोह उस सच्चाई उजागर करने वाले को ही हेट फ़ैलाने वाला कहकर अपने अपराधों और झूठ से पल्ला झाड़ती नजर आती है। बेनकाब होकर भी अपने किए की न कभी माँगते है और न ही इन्हें कोई अफ़सोस होता है।

🚩गौरतलब है कि नई दुनिया समेत कई अन्य मीडिया पोर्टल ने भी इसी तरह से एक बार फिर से असलम के आगे ‘बाबा’ लगाकर इसे हिंदू स्पिन देने की कोशिश की। वैसे ये पहला मामला नहीं है, जब किसी अखबार ने ऐसा करने की कोशिश की हो।

🚩इससे पहले भी आरोपित ‘मुस्लिमों’ की न केवल पहचान छिपाई गई, बल्कि इस चक्कर में हिंदुओं को बदनाम करने के लिए कई अन्य युक्तियाँ भी प्रयोग में लाई गई। जैसे हाल ही में रेप आरोपित एक और मुस्लिम आलिम असलम फैजी को ‘तांत्रिक’ बताया गया था और साथ ही जादू-टोना करने वाले मौलवी की जगह एक पुजारी का स्केच लगा दिया गया था।

🚩मीडिया गिरोह के लोग शायद अभी भी चेत नहीं रहे हैं। नहीं तो ऐसी गलती जानबूझकर बार-बार नहीं दोहरातें वो भी तब जब इन्हें पता है कि कोई भी दो चार कीवर्ड टाइप कर तुरंत ही उनकी पोल खोल देगा।

🚩संभवतः ऐसा करने का सबसे बड़ा कारण यही है कि इन मीडिया गिरोहों को पता है कि उनका एक फिक्स पाठक या दर्शक वर्ग है। जो ऐसी स्पिन दी हुई चीजों को हाथों-हाथ लपककर उन्हें वायरल कराता है जिससे इनके अतिप्रिय समुदाय विशेष के तमगे में उसके शांतिप्रिय होने का भाव तो जो बेकसूर है हिन्दू समुदाय उसके प्रतीकों और नामों के प्रति लोगों के अंदर घृणा और दुर्भावना फैलती है और ऐसा करना ही इनका असल मकसद है।

🚩यह कोई पहली ऐसी घटना नही है जो ईसाई अथवा मुस्लिम धर्मगुरु को हिंदू धर्मगुरु बताकर बदनाम किया हो वामपंथी बिकाऊ मीडिया हमेंशा से यही करती आई है कि ईसाई और मुस्लिम धर्मगुरुओं के दुष्कर्मो को छुपाना और पवित्र निर्दोष हिंदू साधू-संतों को बदनाम करना क्योंकि उनको पता है हिंदू सहिष्णुता के नाम पर पलायनवादी और वर्ण व्यवस्था के नाम पर जातियों में बंट गए हैं इसके कारण ये वामपंथी हिंदू धर्म को हमेंशा बदनाम करते हैं अभी भी सर्तक हो जाये और कुछ नही कर सके तो बिकाऊ वामपंथी मीडिया का बहिष्कार करें, उसके अखबार नही लें, उसके वेबसाइट, सोशल मीडिया प्लेटफार्म और टीवी देखना बंद कर दें तो इनकी अक्कल ठिकाने आएगी फिर ये लोग हिन्दू धर्म के खिलाफ झूठ नही फेलायेंगें।

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