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Wednesday, November 25, 2020

पादरी करता रहा दो बच्चियों का रेप, मीडिया में सन्नाटा, पुलिस भी शांत है...

25 नवंबर 2020


वर्तमान में देश में एक बड़ा षड्यंत्र चल रहा है। जो साधु-संत देश, समाज और संस्कृति के उत्थान के लिए कार्य कर रहे हैं उनको बदनाम किया जाता है, झूठे केस में जेल भेजा जाता है और मीडिया द्वारा तथा आश्रम जैसी फिल्में बनाकर उनको बदनाम किया जाता है। वहीं दूसरी ओर जो मौलवी व ईसाई पादरी मासूम बच्चे-बच्चियों के साथ रेप करते हैं उनकी जिंदगी तबाह कर देते हैं फिर भी मीडिया, प्रकाश झा जैसे बिकाऊ निर्देशक इसको देखकर आँखों पर पट्टी बांध लेते हैं क्योंकि इनको पवित्र हिन्दू साधु-संतो को बदनाम करने के पैसे मिलते है और हिंदू सहिष्णु हैं तो इन षडयंत्र को सहन कर लेते हैं।




आपको बता दें कि महाराष्ट्र के संभाजीनगर में ईसाई पादरी अमित शंकर पिछले 2 सालों से एक लड़की के साथ बलात्कार कर रहा था इतना ही नहीं उसकी हवस नहीं बुझी तो उस लकड़ी की नाबालिग छोटी बहन को भी बना लिया हवस का शिकार।

दोनो बहनों ने संबंधित पुलिस स्टेशन उस्मानपुरा में 3 महीने पहले पोक्सो एक्ट के तहत बलात्कार का मुकदमा दर्ज करवाया है। लेकिन पुलिस कोई कार्यवाही नहीं कर रही है और न ही कोई मीडिया दिखा रहा है केवल सुदर्शन न्यूज़ के अलावा। पीड़िता अपना दर्द बता रही है चक्कर लगा रही है लेकिन पादरी की गिरफ्तारी नहीं हो रही है।

अगर किसी साधु-संत पर साजिश के तहत झूठा मुकदमा दर्ज किया गया होता तो मीडिया 24 घण्टे खबरे दिखाती, अनेक डिबेट करती झूठी कहानियां बनाती और पुलिस आधी रात को गिरफ्तार कर लेती यही एक दो घटना नही अनेकों साधु-संतों के साथ हुआ हैं और चल रहा हैं।

आपको बता दें कि पादरियों के कुकर्म को छिपाना और हिंदू साधु-संतों को झूठे बदनाम करने के पीछे का कारण यह है कि करोडों लोग साधु-संतों के प्रति श्रद्धा रखते हैं और उनके आश्रम में जाते हैं और वहाँ उनको भारतीय संस्कृति के अनुसार जीने का सही तरीका मिलता है फिर वे अपने धर्म के प्रति आस्थावान हो जाते हैं जिसके कारण वे ईसाई मिशनरियों के चुंगल में नहीं आते हैं औऱ वें विदेशी प्रोडक्ट भी नहीं खरीदते जिसके कारण ईसाई मिशनरियों का जो लक्ष्य है भारत में धर्मांतरण करके अपनी वोटबैंक बढ़ाकर सत्ता हासिल करना और जो विदेशी कंपनियों के सामान नहीं बिकने पर उनको अरबो-खरबों रूपये का घाटा होना। इसके कारण ये लोग अनेक प्रकार के षड्यंत्र रचकर हिंदुओं की आश्रम व साधु-संतों के प्रति आस्था को नष्ट करने के लिए साज़िशें रच रहे हैं और प्रकाश झा जैसे जयचंद गद्दारी करके अपने ही धर्म के खिलाफ फिल्में बनाते हैं और मीडिया भी उनके पैसे मिलने पर साधु-संतों को बदनाम करते हैं।

यहाँ आपको ईसाई पादरियों के दुष्कर्मों की लिस्ट दे रहे है इससे आप अनुमान लगा सकते है कि ये लोग समाज को कैसे बर्बाद कर रहे है।

★2017 में केरल के वायनाड में चिल्ड्रन होम चलाने वाला फादर साजी जोसफ दर्जनों नाबालिग लड़कों का बलात्कार करने के अपराध में पकड़ा गया था।

★जुलाई 2018 में फादर जॉनसन मैथ्यू एक विवाहित महिला का रेप करने में अपराध में पकड़ा गया था।

★फरवरी 2018 मेंगलुरु में 3 ईसाई पादरी एक किशोरी का सामूहिक बलात्कार करने के अपराध में पकड़े गए थे।

★ 2018 आंध्रा में एक 45 वर्षीय क्रिश्चन पादरी 11 वर्षीय बच्ची का रेप करने के अपराध में पकड़ा गया था।

★असम में 60 वर्षीय चन्द्र कुमार नामक ईसाई पास्चर 10 वर्षीय बालिका का बलात्कार करने के आरोप में पकड़ा गया था।

★मध्यप्रदेश के झबुआ में 33 वर्षीय ईसाई प्रीस्ट फादर प्रकाश डामोर 17 वर्षीय बालिका का बलात्कार करने और उसे आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के अपराध में पकड़ा गया था।

★ 30 वर्षीय चर्च के एक पादरी और चर्च के 9 अन्य कर्मचारियों को 2014 के तित्ताकुड़ी में 2 नाबालिग लड़कियों के रेप केस में आजीवन कारावास की सजा हुई है।

★ केरल के एर्नाकुलम जिले में पुलिस ने सिरो मालाबार चर्च के फादर जॉर्ज पडायततिल को चर्च में तीन 9 वर्षीय बच्चियों का बलात्कार करने के अपराध में गिरफ्तार किया था।

★एशिया, उत्तर अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप से ये शर्मनाक समाचार निकल रहे हैं कि कैथोलिक चर्च के अंदर दशकों से हजारों बच्चों का यौन-शोषण होता रहा है और अधिकारियों ने पहले यह समाचार दबाने का प्रयास किया ।

★जर्मनी के प्रमुख अखबारों ने यह समाचार दिया है कि 1600 पादरियों ने 3677 नाबालिगों का यौन-शोषण किया ।

ईसाई पादरियों के दुष्कर्म की यह तो मात्र कुछ घटनाएं हैं, पूरी लिस्ट बनाएंगे तो एक बड़ी पुस्तक भी छोटी पड़ेगी।

कई ईसाई पादरी हैं जिन्होंने कई छोटे बच्चों के साथ और कई नन के साथ रेप किया है पर मीडिया इस पर मौन रहती है। दूसरी तरफ न्यायालय भी उनको तुरंत राहत दे देती है। बिशप फ्रैंको को 21 दिन में ही जमानत हासिल हो गई थी जबकि 85 वर्षीय हिंदू संत आसाराम बापू के खिलाफ 5 साल तक न्यायालय में सुनवाई होती रही पर 1 दिन भी जमानत नहीं दी गई, हर बार खारिज कर दिया गया ।

हिंदू धर्मगुरुओं पर हो रहे षड्यंत्र को समझना होगा और सावधान रहना होगा।

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