नियंत्रक
एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने रेलवे द्वारा परोसे जाने वाले खाने को लेकर
संसद में जो रिपोर्ट पेश की है उसके बारे में जानकर आप भी सोचने को मजबूर
हो जायेंगे । #सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि रेलवे का खाना
इंसानों के खाने लायक नहीं है ।
beware-before-eating-during-journey-in-Railway
जब
भी रेल बजट संसद में पढ़ा जाता है और हम रेल मंत्री जी को रेल बजट पढ़ते
हुए देखते हैं, तो लगता है कि बढ़ता भारत और बदलती रेल व्यवस्था है, लेकिन
जब आप रेल में सफर करते हैं, तो लगता है कि सब बातें हवा हवाई हैं ।
बदलाव
कुछ आया नहीं, वही गंदगी, वही खाना, वही रेल लाइनों की हालत तो सवाल उठता
है कि बदलाव क्या..?? बदलाव सिर्फ इतना कि सरकार ने रेल बजट को खत्म करके
उसे भी वित्त बजट में शामिल कर दिया है। अब मंत्री जी अलग से रेल बजट नहीं
पढ़ेंगे । ना ही हम रेल बजट पढ़ते रेल मंत्री जी को सुन पायेंगे। बस इतना ही
बदलाव।
अब जरा इस रिर्पोट को देखिए...
खुले कूड़ेदानों के बीच और गंदे पानी से बनता है ट्रेन में मिलने वाला खाना - CAG रिपोर्ट में खुलासा
नियंत्रक
एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने रेलवे द्वारा परोसे जाने वाले खाने को लेकर
संसद में जो रिपोर्ट पेश की है उसके बारे में जानकर आप भी सोचने को मजबूर
हो जाएंगे। सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि #रेलवे का #खाना
#इंसानों के खाने लायक नहीं है। 21 जुलाई को सीएजी ने यह रिपोर्ट संसद में
पेश की। रिपोर्ट में कहा गया है कि दूषित खाद्य पदार्थों, #रिसाइकिल किया
हुआ खाना और #डब्बा बंद व #बोतलबंद सामान का इस्तेमाल #एक्सपाइरी डेट के
बाद भी किया जाता है। सीएजी के मुताबिक खाना बनाने में साफ-सफाई पर बिलकुल
भी ध्यान नहीं दिया जाता ।
#74
स्टेशनों और #80 ट्रेनों के निरीक्षण के बाद सीएजी ने पाया कि खाना तैयार
करने के दौरान सफाई पर ध्यान नहीं दिया जाता। खाना या फिर ड्रिंक्स तैयार
करने के लिए सीधे नल से अशुद्ध पानी का इस्तेमाल किया जाता है। निरीक्षण के
दौरान कूड़ेदानों के ढक्कन गायब पाए गए और यह भी पता चला कि उनकी धुलाई का
काम भी नियमित रूप से नहीं किया जाता। मक्खियां-कीड़ों से खाद्य पदार्थों
के बचाव के लिए कोई कवर इस्तेमाल नहीं किया जाता। वहीं कुछ ट्रेनों में
कॉकरोच और चूहे भी मिले। #सीएजी ने #ऑडिट में पाया है कि रेलवे की फूड
#पॉलिसी में लगातार बदलाव होने से यात्रियों को बहुत ज्यादा परेशानियां
होती हैं।
भारत
में रेल एक जीवन रेखा की तरह है। #दो करोड़ से ज्यादा लोग किसी भी दिन
रेल पर सफर कर रहे होते हैं। बावजूद इसके ट्रेनों में #खान-पान को लेकर जो
#लापरवाही बरती जाती है, वह बेहद अहम किंतु आम तथ्य है। जिसे शायद हर
यात्री और रेलवे के हुक्मरान जानते हैं। यात्रियों के पास विकल्प नहीं
है, और रेलवे हुक्मरानों के पास #भ्रष्टाचार युक्त #व्यवस्था में
#पैसा कमाने का #आसान जरिया। ऐसे में कैग की ये रिपोर्ट कोई आमूलचूल
परिवर्तन ला देगी, ऐसी उम्मीद करना वैसा ही है जैसे कभी सभी ट्रेनों के
राइट टाइम पर चलने के बारे में सोचना। (लेखक : नीरज जोशी)
आपको
बता दे कि दो दिन पहले पूर्वा एक्सप्रेस में एक यात्री ने ट्रेन की
#कैटरिंग से #खाना मंगवाया तो उसमें खाने के साथ #छिपकली पाई गई। यात्री ने
रेलवे मिनिस्टर को #ट्विटर पर #फोटो शेयर करते हुए कहा, 'मोकमा में खाना
ऑर्डर किया था और मिला यह'। यात्री ने कैंटिन मैनेजर और टीटीई को भी इसके
बारे में शिकायत की और उसके बाद रेलवे मिनिस्टर को ट्विटर पर बताया।
अब
सवाल उठता है कि क्या सरकार को जनता की बिलकुल ही फिक्र नही है? केवल वोट
लेते समय ही बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं लेकिन जैसे ही सत्ता में आते हैं सब
वादों को भूल जाते हैं और जनता की हालत बद्दतर ही रहती है, जो इंसानों के
लायक खाना नही है वो परोसा जा रहा है फिर भी सरकार का उस पर ध्यान नही जा
रहा है यह एक बड़ी चिंता की बात है ।
सरकार
तो जब बदलाव करेगी तब करेगी लेकिन जनता को भी इस बात का ध्यान रखना होगा
कि जब भी सफर में निकले तो घर से भोजन का इंतजाम करके ही निकले जिससे गन्दे
नाली वाले पानी का भोजन आपको न करना पड़े और सरकार को भी पता चले कि जनता
ने खाना छोड़ दिया तो तुरंत सुधार करवाये ।
केवल
रेलवे का ही नही बल्कि कई बड़ी-बड़ी #होटलों, #रेस्टोरेंट आदि में भी
साफ-सफाई से नही बनाया जाता है, जो #खाद पदार्थ #हल्की क्वालिटी के होते
हैं, जो #स्वास्थ्य के लिये #हानिकारक होते हैं उन्हें ही उपयोग में लाया
जाता है । इसलिए हम सभी को अधिकतर बाहर के खाने से #बचना चाहिए ।
हिन्दुओं को बदनाम करने के लिये भगवा आतंकवाद नाम दिया था और उसके लिए #निर्दोष #हिन्दुत्वनिष्ठों को #फंसाया गया था लेकिन अभी एक के बाद एक का पर्दाफाश हो रहा है कि #कांग्रेस सरकार ने ही यह #षड्यंत्र रचा था, दूसरे समुदाय के वोट बैंक के लिये ये सब किया गया था बाकि भगवा आतंकवाद जैसा कुछ नहीं था ।
sonia smjhuata express
आपको बता दें कि #समझौता एक्सप्रेस बम #विस्फोट के तार #पाकिस्तान से जुड़े हैं। प्रतिबंधित संगठन सिमी के पूर्व मुखिया सफदर नागौरी के नार्को टेस्ट में ये बात सामने आई है। नागौरी ने इस बम विस्फोट के लिए अब्दुल रज्जाक को जिम्मेदार ठहराया है। 8 फरवरी 2007 को हुए समझौता एक्सप्रेस बम विस्फोट में 68 लोगों की जान गई थी।
टाइम्स नाउ चैनल के पास नागौरी के नार्को टेस्ट का एक टेप है। इस टेप में नागौरी इस बात को कबूल कर रहा है कि समझौता एक्सप्रेस बमविस्फोट को जिन लोगों ने अंजाम दिया, उन्हें पाकिस्तान में प्रशिक्षण दिया गया था। नार्को टेस्ट के दौरान जब नागौरी से यह पूछा जाता है कि समझौता एक्सप्रेस में ब्लास्ट करने के लिए किसने कहा था ? नागौरी इस पर जवाब देता है, #‘अब्दुल रज्जाक, यह उसी का काम है। वो #इंदौर से है।’
उसने आगे कहा कि, ‘रज्जाक ने मुझसे कहा था कि अब तुम राजनेता बन गए हो, इसलिए तुमसे कुछ नहीं हो पाएगा। अब तुम सिमी से रिटायर हो जाओ। तुम उनसे पैसे लेते हो, किंतु सारा पैसा खाने-पीने में बर्बाद कर देते हो। जिहाद तुम्हारे बस की बात नहीं है, अब मैं ही कुछ करुंगा।’
नागौरी से जब पूछा गया कि रज्जाक पाकिस्तान में किसके संपर्क में है ? इस पर वह कहता है, ‘#रज्जाक के कुछ रिश्तेदार पाकिस्तान में हैं। इस सबको उसने खुद ही अंजाम दिया। वह #सिमी की इंदौर शाखा का मुखिया रह चुका है। विस्फोटक और हथियार शायद लश्कर-ए-तैयबा ने रज्जाक को उपलब्ध कराए होंगे। वह लश्कर के नसीर के संपर्क में था, जिससे उसने एक विदेशी पिस्टल और एके 47 के लिए कहा था। वह किसी को मारते समय रिस्क नहीं लेना चाहता था। हालांकि वह किसी एक शख्स को ही मारने की प्लानिंग कर रहा था। ‘
नागौरी ने नार्को टेस्ट में यह भी कबूल किया कि वह #बाबरी मस्जिद गिराए जाने, #हाशिमपुरा की घटना, गुजरात और मुंबई के दंगों का बदला लेना चाहता था।
आपको बता दें कि गृहमंत्रालय के गोपनीय दस्तावेज से बड़ा खुलासा हुआ है कि भगवा आतंकवाद का #लक्ष्य पूरा करने के लिए #कांग्रेस सरकार ने आतंकवादियों की जगह #हिन्दुत्वनिष्ठों को #जेल में डाल दिया ।
समझौता_एक्सप्रेस #मालेगांव, अजमेर शरीफ #बम_ब्लास्ट के धमाकों के पीछे सिमी आतंकवादियों का हाथ था ।
यहाँ तक कि #जाँच_एजेंसियों के पास उन आतंकवादियों के नाम भी थे लेकिन बाद में अचानक #कांग्रेस #सरकार ने #आतंकवादियों के नाम हटा दिए और आतंकवादियों की जगह हिन्दू संगठनों के नाम डालकर स्वामी असीमानंद, साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, शंकराचार्य जी अमृतानंद जी, #कर्नल_पुरोहित, शंकराचार्य अमृतानन्द आदि को जेल में डाल दिया ।
यहाँ तक बम ब्लास्ट के जो #गवाह थे उनको भी #कांग्रेस #सरकार ने स्वामी असीमानंद और अन्य के #खिलाफ #अदालत में #गवाही देने को #मजबूर किया था ।
सोनिया गांधी ने #हिन्दू #संस्कृति नष्ट करने हेतु हिन्दुओं की बदनामी करवाने के लिए "#भगवा_आतंकवाद" नाम दिया था ।
जॉइंट इंटेलीजेंस कमेटी के पूर्व प्रमुख और पूर्व उपराष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डॉ. एस डी प्रधान ने भी #मालेगांव और #समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट को लेकर कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं।
प्रधान ने बताया कि पाकिस्तान ब्लास्ट होने वाला है वो हमें पहले ही पता चल गया था और हमने #गृह मंत्रालय में भी बता दिया था लेकिन #पी. चिंदबर ने राजनैतिक फायदे के लिए ब्लास्ट होने दिया और निर्दोष #साध्वी प्रज्ञा, #स्वामी असीमानंद आदि हिन्दू #साधु-संतों को फंसाने के लिए भगवा आतंकवाद नाम देकर उनको जेल भेज दिया था।
गौरतलब है कि अब शंकराचार्य अमृतानन्द , #कर्नल पुरोहित, #बापू #आसारामजी, #श्री #नारायण साईं, #धनंजय देसाई आदि को फंसाने के पीछे कई सबूत मिल चुके हैं। लेकिन उनको भी अभीतक जमानत मिल नही पाई है ।
क्या उनको इसलिये जेल में रखा गया है कि वो कट्टर हिंदुत्ववादी हैं..???
उन्होंने लाखों हिंदुओं की #घरवापसी करवाई है ।
विदेशी प्रोडक्ट पर रोक लगाई है ।
विदेशी ताकतों ने मीडिया से सांठ-गांठ कर हिन्दू संतों को बदनाम करवाया । जिसका असर न्यायपालिका के फैसलों पर भी पड़ा ।
कांग्रेस सरकार ने तो षडयंत्र करके हिन्दू सन्तों को जेल भेज दिया था पर अब हिंदुत्ववादी कहलाने वाली #BJP सरकार कैसे हिंदुओं के माप-दण्ड पर खरी उतरती है , ये देखना है ।
कब #निर्दोष संतों की जल्द से जल्द सह-सम्मान रिहाई करवाती है उसी पर सभी हिंदुओं की निगाहें टिकी है ।
मुंबई : महामंडलेश्वर पूज्य स्वामी #श्री चिदम्बरानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि #ईसाइयों के #धर्मातरण को #रोकने का काम हिन्दू संत #आसारामजी बापू ने बखूबी किया है। उनके सत्संग में लाखों लोग आने लगे, ऐसा होने से विरोधी लोगों को पसंद नहीं आया, हिंदुत्व का बढ़ता दायरा इन लोगों को खटका इसलिए #राजसत्ता मद में चूर लोगों ने #बापूजी के #खिलाफ #षड्यंत्र रचा ।
एक ऐसा षड्यंत्र रचा गया कि जिन मामलों में संत आशारामजी बापू को लेना-देना ही नही था, वहां तक कोई सोच भी नहीं सकता, कल्पना ही नहीं कर सकता,उसमें फंसाया ।
हमारा एक ही धर्म और कर्त्तव्य है कि निष्ठावान रहें । एक ही कर्त्तव्य है कि समर्पित होके जिस धारणा और भावना से या बापूजी से जुड़े थे उस धारणा और भावना के साथ एकजुट होकर साथ में खड़े रहें ।
समय-समय की बात है । घटिया राजनीति का गहरा सूत्र है जो आगे बढ़े उसीका ही सिर काटो । उस राजनीति में पता नहीं कितने लोगों को मैंने ऐसा देखा कि जिनकी मदद से आगे बढ़े उन्ही को हटाओ, संत आशारामजी बापू के साथ भी ऐसा ही हुआ है । #मोदी जी, #राजनाथ, #नितिन गिड़करी, #सुषमा स्वराज आदि कई नेता उनके आशीर्वाद लेने जाते थे आज उनका नाम तक नही लेते हैं ।
#मुसलमान के खिलाफ कोई हरकत होती है तो #मीडिया कितना दिखाती है और आपने एक #अखलाक का नाम सुना होगा जो #गौ हत्यारा था । उस गौ हत्यारे की मौत होने पर उत्तरप्रदेश का एक मंत्री बोलता है कि हमें #UN में जाने की जरूरत पड़ेगी लेकिन हमारे इतने बड़े महात्मा संत आसारामजी बापू जेल में हैं पर हमारे महात्माओं को एक बार भी मन में नहीं आया । अरे UN इनके लिए मत जाओ कम से कम राष्ट्रपति तक तो जाओ ।
कम से कम एक जगह तो संगठित होकर धरना दो कि भैया ये गलत हो रहा है । हम अकेले होकर बोल देंगे पर जहाँ संगठित होकर बोलने की बारी आएगी तो उनको लगता है कि उनको भी अंदर कर देंगे, यही नाटक करके जियेंगे तो जो मुकाबला करके सच्चाई सामने आनी चाहिए वह नही आयेगी ।
शिष्य को आचार्य के लिए बोलना चाहिए, #मोरारी बापू जो आसारामजी बापू के पास जाकर #आशीर्वाद लेते थे और आज वो नाम तक नहीं लेते क्या ये पीड़ाजनक नहीं है?
#मोरारी बापू, #रमेश भाई ओझा, #रामदेव बाबा प्रणाम करके संत आसारामजी बापू के आशीर्वाद लेते थे आज उनका नाम तक नहीं ले रहे । आज आप #धर्माचार्य की #गद्दी पर बैठने के बाद भी #मौन हैं तो सामान्य जनता का क्या दोष है ?
वो बेचारी क्या करेगी ?
बोलते हैं धार्मिक आस्था का विषय है कि वो कोर्ट में लड़ा जा रहा है तो क्या संत आशारामजी बापू के ऊपर उनके 8 करोड़ भक्तों की आस्था भारी नहीं लगती ?
राजनीति के दल में ऐसा देखा गया है कि #कांग्रेस ने #हिन्दू धर्म के लिए कुछ नहीं किया, #विरोध में किया । #पॉप जो है उनके स्वागत के लिए कितना खर्चा उन्होंने किया और उनको भगवान की तरह प्रस्तुत करते हैं हमारा #मीडिया भी #वेटिकन को यहाँ ऐसे दिखा रहें हैं जैसे भगवान हों।
यहाँ की मीडिया को वेटिकन में बन रहे पॉप से क्या लेना -देना है ?
कभी किसी #मीडिया ने दिखाया #शंकराचार्य कौन बन रहा है..???
कभी किसी मीडिया ने दिखाया #महा-मंडलेश्वर कौन बन रहा है..???
कभी किसी मीडिया ने देखने की कोशिश की कि महात्मा कैसे बनते है...???
कैसे जंगलों में जीवन निर्वाण करते हैं...???
कितनी तितिक्षाएं सहते हैं..???
लेकिन #वेटिकन सिटी में दीक्षा संस्कार कैसे होता है, उसका live प्रसारण दिखा रहे हैं..!!
हद हो गई ! !
सब ओर पैसों का, गन्दी राजनीति का बोलबाला है ।
मैं कहता हूँ कि अगर कोई दोषी है तो इसका निर्णय भी कानून करेगा न मीडिया करेगा ?
कोई दोषी है उसका निर्णय न्यायालय करेगा या हम करेंगे ?
अभी तक न्यायालय ने नहीं कहा संत आसारामजी बापू दोषी हैं, एक आतंकवादी के लिए कोर्ट कहता है कि कोर्ट ने इसे दोषी नहीं कहा इसलिए इसे आतंकवादी मत कहो लेकिन मीडिया ने संत आसारामजी बापूजी को दोषी कह दिया । क्या इसका विरोध नहीं करना चाहिए ?
क्या कोर्ट में इस विषय पर अपील करके विरोध नहीं करना चाहिए ?
बिना कोर्ट के निर्णय के मीडिया ने कैसे बलात्कारी साबित कर दिया ?
गौरतलब है संत आशारामजी बापू 4 साल से #बिना सबूत #जोधपुर जेल में बंद हैं उनके खिलाफ अभीतक एक भी सबूत नही मिला है ।
बड़े -बड़े नेता व धर्म की गद्दी पर बैठे #धर्मगुरुओं द्वारा इस अन्याय के विरुद्ध आवाज न उठाने पर महामंडलेश्वर #चिदम्बरानन्द जी ने उन्हें कड़ी फटकार लगाई है ।