Sunday, February 12, 2017

Know the Real History Behind Valentine's Day

कहाँ से आया वेलेंटाइन-डे और इसे क्यों मनाया जा रहा है! जानिए इतिहास..!!


वेलेंटाइन डे कहाँ से और कैसे शुरू हुआ इसका एक ऐसा आश्चर्यचकित इतिहास स्वर्गीय श्री #राजीव_दीक्षित जी ने विस्तृत रूप से बताया है जो आपको चकित कर देगा...!!!


आइये जानते हैं क्या बता रहे हैं श्री राजीव दीक्षित जी.!!
कहाँ से आया वेलेंटाइन-डे और इसे क्यों मनाया जा रहा है! जानिए इतिहास..!!



श्री राजीव दीक्षित ने बताया है कि #यूरोप और #अमेरिका का #समाज जो है वो रखैलों (Kept) में विश्वास करता है पत्नियों में नहीं। यूरोप और अमेरिका में आपको शायद ही ऐसा कोई #पुरुष या #महिला मिले जिसकी एक ही #शादी हुई हो, ये एक दो नहीं हजारों साल की उनकी परम्परा है ।


आपने एक शब्द सुना होगा "#Live in Relationship इसका मतलब होता है कि कुछ समय तक "बिना शादी के पति-पत्नी की तरह  रहना" ।


यूरोप और अमेरिका में ये परंपरा आज भी चलती है। खुद प्लेटो (एक यूरोपीय दार्शनिक) का एक #स्त्री से सम्बन्ध नहीं रहा, #प्लेटो ने लिखा है कि "मेरा 20-22 स्त्रियोँ से सम्बन्ध रहा है" अरस्तु भी यही कहते है, और #रूसों ने तो अपनी आत्मकथा में लिखा है कि "एक
स्त्री के साथ रहना, ये तो कभी संभव ही नहीं हो सकता, It's Highly Impossible" ।


इन सभी महान दार्शनिकों का तो कहना है कि "स्त्री में तो #आत्मा ही नहीं होती। स्त्री तो मेज और कुर्सी के समान हैं, जब पुराने से मन भर गया तो पुराना हटा के नया ले आये "।


बीच-बीच में यूरोप में कुछ-कुछ ऐसे लोग निकले जिन्होंने इन बातों का विरोध किया और इन रहन-सहन की व्यवस्थाओं पर कड़ी टिप्पणी की । उन कुछ लोगों में से एक ऐसे ही #यूरोपियन #व्यक्ति थे जो आज से लगभग 1500 साल पहले पैदा हुए, उनका नाम था - #वेलेंटाइन । ये कहानी है 478 AD (after death) की, यानि ईसा की मृत्यु के बाद ।


उस वेलेंटाइन नाम के महापुरुष का कहना था कि "हम लोग (यूरोप के लोग) जो शारीरिक सम्बन्ध रखते हैं जानवरों की तरह, ये अच्छा नहीं है, इससे यौन संबंधी रोग  (Venereal Disease) होते हैं, इनको सुधारो, एक पति-पत्नी के साथ रहो, #विवाह कर के रहो।" वो वेलेंटाइन महाशय रोम में घूम-घूम कर यही भाषण दिया करते थे।


संयोग से वो एक चर्च के पादरी हो गए तो चर्च में आने वाले हर व्यक्ति को वो यही शिक्षा देते थे।कुछ लोगों ने उनसे पूछा कि ये वायरस आप में कहाँ से घुस गया? ये तो हमारे यूरोप में कहीं नहीं है।


तो वो कहते थे कि "आजकल मैं भारतीय संस्कृति और दर्शन का अध्ययन कर रहा हूँ, और मुझे लगता है कि वो उत्तम है, और इसलिए मैं चाहता हूँ कि आप लोग इसे मानो।
तो जो लोग उनकी बात मानते थे, उनकी #शादियाँ वो #चर्च में कराते थे। ऐसी एक-दो नहीं उन्होंने #सैकड़ों शादियाँ करवाई थी ।


जिस समय वेलेंटाइन हुए, उस समय #रोम का #राजा था #क्लौड़ीयस। जो बड़ा क्रूर था ।
क्लौड़ीयस ने कहा कि "ये जो आदमी है-वेलेंटाइन, ये हमारे यूरोप की परंपरा को बिगाड़ रहा है, हम बिना शादी के रहने वाले लोग हैं, #मौज-मजे में डूबे रहने वाले लोग हैं, और ये शादियाँ करवाता फिर रहा है, ये तो अपसंस्कृति फैला रहा है, हमारी #संस्कृति को नष्ट कर रहा है"।


इसलिए क्लौड़ीयस के आदेश पर वेलेंटाइन को #14 फरवरी #498 ई.वी. को #फाँसी दे दी गई। उसका आरोप क्या था कि वो बच्चों की शादियाँ कराता था। मतलब यूरोप में शादी करना जुर्म था ।


तो जिन बच्चों ने वेलेंटाइन के कहने पर शादी की थी वो बहुत #दुखी हुए और उन सब ने उस वेलेंटाइन की दुःखद याद में 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे मनाना शुरू किया तो उस दिन से यूरोप में वेलेंटाइन डे मनाया जाता है ।


तो ये था वेलेंटाइन-डे का इतिहास और इसके पीछे का आधार ।


अब यही वेलेंटाइन-डे भारत में जब अंग्रेज आये तब वो लोग मनाते थे तो भारत के कुछ अंग्रेज के चाटुकार, मूर्ख और लालची लोग भी मनाने लगे ।


भारत में अंग्रेज वेलेंटाइन डे इसलिए मना रहे थे कि भारत के लोगों का नैतिक पतन हो जिससे वो अंग्रेजो के सामने लड़ ही न सके और लंबे समय तक भारत गुलाम बना रहे ।


फिर अंग्रेज तो गये लेकिन विदेशी कम्पनियां ने सोचा कि हम अगर भारत में वेलेंटाइन डे को बढ़ावा देते हैं तो हमें अरबों खबरों का फायदा होगा तो उन्होंने टीवी, अखबार आदि में खूब-प्रचार प्रसार किया जिससे उन्होंने महंगे ग्रीटिंग कार्ड, गिफ्ट, फूल चॉकलेट आदि से कई करोड़ो रुपए कमाएं। इसके इलावा ब्ल्यू फिल्म, गर्भ निरोधक साधन, पोनोग्राफी, उतेजक पोप म्यूजिक जैसी काम उतेजक दवाइयां बनाने वाली विदेशी कम्पनियां अपने आर्थिक लाभ हेतु समाज को चरित्रभ्रष्ट करने के लिए करोड़ों अरबों रूपये खर्च कर रही है।


वाणिज्य एवम उद्योग मंडल (एसोचैमके ) के एक सर्वेक्षण के अनुसार वर्ष 2016 में वेलेन्टाइन डे से जुड़े सप्ताह के दौरान फूल, चॉकलेट, आदि विभिन्न उपहारों की बिक्री का कारोबार 22,000 करोड़ रूपये था । इस बार 30,000 करोड़ रूपये का कारोबार होने का अनुमान है । वस्तुत: वेलेन्टाइन डे के विदेशी बाजारीकरण वासनापूर्ति को बढ़ावा देने वाला दिन है ।


अब ये #वेलेंटाइन डे हमारे स्कूलों में कॉलजों में बड़े धूम-धाम से मनाया जा रहा है और हमारे यहाँ के #लड़के-लड़कियाँ बिना सोचे-समझे एक दूसरे को वेलेंटाइन डे का कार्ड, गिफ्ट फूल दे रहे हैं।


इन सब विदेशी गन्दगी को देखते हुए हिन्दू संत बापू आसारामजी ने 2006 में 14 फरवरी को #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस के रूप में मनाना शुरू किया जिसका अभी व्यापक प्रचार हो रहा है। भारत में उनके करोड़ो अनुयायी, हिन्दू संगठन और छत्तीसगढ़ सरकार आदि गांव-गांव, नगर-नगर में इस दिन को #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस के रूप में मना रहे है । विदेशों में भी उनके अनुयायी इस दिन को #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस के रूप में मना रहे हैं ।


हिन्दू संत बापू आसारामजी का कहना है कि 14 फरवरी को पश्चिमी देशों की नकल कर भारत के युवक युवतियाँ एक दूसरे को ग्रीटिंग कार्डस, फूल आदि देकर वेलेन्टाइन डे मनाते हैं। इस विनाशकारी डे के नाम पर कामविकार का विकास हो रहा है, जो आगे चलकर चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन, खोखलापन,जल्दी बुढ़ापा और जल्दी मौत लाने वाला साबित होगा ।
हजारों हजारों युवक-युवतियां तबाही के रास्ते जा रहे हैं । वेलेन्टाइन डे के बहाने आई लव यू करते करते लड़का-लड़की एक दूसरे को छुएंगे तो रज-वीर्य का नाश होगा । आने वाली संतति पर भी इसका बुरा असर पड़ता है और वर्तमान में वे बच्चे-बच्चियां भी तबाही के रास्ते हैं । लाखों लाखों माता-पिताओं के हृदय की पीड़ा को देखते हुए तथा बच्चे बच्चियों को इस विदेशी गंदगी से बचाकर भारतीय संस्कृति की सुगंध से बच्चे-बच्चियों को सुसज्जित करना है । प्रेम दिवस जरूर मनायें लेकिन प्रेमदिवस में संयम और सच्चा विकास लाना चाहिए। युवक युवती मिलेंगे तो विनाश-दिवस बनेगा।


इस दिन बच्चे-बच्चियाँ माता-पिता का पूजन करें और उनके सिर पर पुष्ष रखें,प्रणाम करें तथा माता-पिता अपनी संतानों को प्रेम करें। संतान अपने माता-पिता के गले लगे। इससे वास्तविक प्रेम का विकास होगा।


तुम भारत के लाल और भारत की लालियाँ (बेटियाँ) हो। प्रेमदिवस मनाओ, अपने माता-पिता का सम्मान करो और माता-पिता बच्चों को स्नेह करें। ! पाश्चात्य लोग विनाश की ओर जा रहे हैं। वे लोग ऐसे दिवस मनाकर यौन रोगों का घर बन रहे हैं, अशांति की आग में तप रहे हैं। उनकी नकल भारत के बच्चे-बच्चियां न करें ।


आपको बता दें कि बापू आसारामजी ने इस तरीके से करोड़ो लोगो को वेलेंटाइन डे आदि विदेशी प्रथाओं से, व्यसन आदि से बचाया है जिसके कारण विदेशी कंपनियों का अरबों रुपये का घाटा हुआ है।


हमारे शास्त्रों में माता-पिता को देवतुल्य माना गया है और इस संसार में अगर कोई हमें निस्वार्थ और सच्चा प्रेम कर सकता है तो वो हमारे माता-पिता ही हो सकते है।


तो क्यों न हम संत #आसाराम जी बापू प्रेरित #14 फरवरी_मातृ_पितृ_पूजन जैसे सच्चे प्रेम का सम्मान करें ।


आओ एक नयी दिशा की ओर कदम बढ़ाएं।
आओ एक सच्ची दिशा की ओर कदम बढ़ाएं।
14 फरवरी को वेलेंटाइन डे नही माता-पिता की पूजा करके उनका शुभ आशीष पाएं।

Saturday, February 11, 2017

छत्तीसगढ़ सरकार और मध्यप्रदेश के कलेक्टर ने वेलेंटाइन डे पर लगाया बेन

🚩छत्तीसगढ़ सरकार और मध्यप्रदेश के कलेक्टर ने वेलेंटाइन डे पर लगाया बेन

🚩छत्तीसगढ़ की सरकार ने इस बार भी 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे की जगह #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस मनाने का फैसला किया है ।

🚩छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह की सरकार ने पिछले कई वर्षों की तरह इस साल भी  वैलेंटाइन_डे’ यानि 14_फरवरी को छत्तीसगढ़ के सभी #स्‍कूलों में #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस मनाने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा सभी जिलों के शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिया है कि सभी शासकीय एवं अशासकीय स्कूलों व कालेजों में 14 फरवरी को ‘#मातृ_पितृ_पूजन_दिवस’ रूप में ही मनाये । 

🚩मध्यप्रदेश,कलेक्टर का नोटिस, वेलेंटाइन-डे नहीं #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस मनाये!!

🚩मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में कलेक्टर ने एक नोटिस जारी करके लोगों से अपील की है कि वह इस वेलेंटाइन-डे पर अपने माता-पिता की पूजा करें। 

🚩छिंदवाड़ा के कलेक्टर कार्यालय से जारी नोटिस में लिखा है कि बच्चों तथा युवा वर्ग में माता-पिता के प्रति पूज्य भाव प्रदर्शित करने की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए आगामी 14 फरवरी 2017 को छिंदवाड़ा जिले में #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस के रूप में मनाया जाए। जिले की समस्त शैक्षणिक तथा सामाजिक संस्थाओं में यह कार्यक्रम विशेषरूप से मनाया जाए। घर, परिवार, गांव तथा शहरों एवं  मोहल्लों में भी इस प्रकार के आयोजन कर इसे बृहद स्वरूप प्रदान करने की अपेक्षा की जाती है।

🚩गौरतलब है कि 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे की जगह #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस
अभियान हिन्दू संत बापू आसारामजी ने  ( #Asaram Bapu ji ) ने 2006 से प्रांरभ किया था ।  जिसका अनुसरण कई सालों से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ड़ॉ. रमन सिंह सरकार कर रही है ।


🚩इसी तरह छिंदवाड़ा के कलेक्टर ने भी यही फैसला लिया है कि हम 14 फरवरी #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस के रूप में ही मनाएंगे!!

🚩छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कई सालों से बापू आसारामजी का अनुसरण करके #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस रूप में मनाने के फैसले को कई #हिन्दू_संगठनों के साथ साथ #हिंदू_महासभा के #राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष चंद्र प्रकाश कौशिक ने समर्थन किया तथा अपने एक वक्तव्य में उन्होंने कहा कि, ” वैलेंटाइन-डे #पश्‍चिम सभ्‍यता की देन है। वहाँ पर ये दिन प्रेम के इजहार के रूप में मनाते है। भारत में इसे मनाने का कोई औचित्‍य नहीं है । हमारे देश में साल के 365 दिन #प्रेम के लिए होते है । ऐसे में भला 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे मनाने का क्‍या औचित्‍य है । ”

🚩उल्लेखनीय है कि हिंदू महासभा सहित अन्‍य कई हिंदू संगठन पिछले कई सालों से पश्चिमी सभ्यता के त्यौहार वैलेंटाइन डे का #विरोध करते आये हैं ।

 🚩इसके लिए वे हर साल प्रेम के नाम पर #अश्लीलता फैलाने वाले जोड़ो का पार्कों से लेकर रेस्‍टोरेंट तक विरोध करते रहे हैं। #भारत में ‘वैलेंटाइन डे’ का प्रचलन #बॉलीवुड #फिल्मों से बढ़ा। जोकि #देश के लिए घातक सिद्ध हो रहा है। 

🚩धन्यवाद है छत्तीसगढ़ सरकार को। जिन्होंने #सनातन संस्कृति के लिए इतना बड़ा कदम उठाया। देश के सभी मुख्यमंत्रियों को उनके उठाये कदम का अनुसरण करना चाहिए।

🚩छिंदवाड़ा के कलेक्टर की भी जनता एवं कई हिन्दू संगठन भूरी-भूरी प्रशंसा कर रहे हैं।


🚩"वेलेंटाइन डे मनाकर भारत भी कहीं इसी दिशा में तो नहीं जा रहा....???

🚩 #अमेरिका में 7% बच्चे 13 वर्ष की उम्र से पहले ही यौनसंबंध बना लेते हैं ।  85 % लड़के और 77% #लड़कियाँ 19 वर्ष के पहले ही यौन संबंध बना लेते हैं |
🚩इससे जो समस्याएं पैदा हुई, उनको मिटाने के लिए वहाँ की सरकार को #करोड़ो रुपये खर्च करके भी सफलता नहीं मिल रही है।

🚩पाश्चात्य #सभ्यता की गन्दगी से #युवावर्ग का #चारित्रिक पतन होते देख लोकहितकारी पूज्य आसारामजी बापू का ह्रदय विह्वल हो उठा और उन्होंने वैलेंटाइन डे की जगह "#मातृ_पितृ_पूजन_दिवस" का आवाहन कर विकारों के घोर अंधकार से संयम के प्रकाश की ओर आगे बढ़ने का अभूतपूर्व प्रयास किया । जिसका आज पूरा विश्व अनुसरण करने लगा है ।

🚩संत आसारामजी बापू की प्रेरणा से पिछले ग्यारह वर्षों से देश-विदेश में करोड़ो लोग "वेलेंटाइन डे" मनाने के बदले "#मातृ_पितृ_पूजन_दिवस" मना रहे हैं। इस विश्वव्यापी अभियान से लाखों युवावर्ग पतन से बचे हैं एवं उनके जीवन में संयम व सदाचार के पुष्प खिले हैं ।

🚩गौरतलब है कि बिना सबूत बापू आसारामजी 40 महीने से जोधपुर जेल में बंद है लेकिन उनके बताए अनुसार उनके करोड़ो भक्तगण आज भी देश-विदेश में स्कूलों, कॉलेजो, जाहिर स्थलों में #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस मना रहे है ।

🚩उनका अनुसरण करके कई हिन्दू संगठन, छतीसगढ़ सरकार, छिंदवाड़ा के कलेक्टर आदि भी 14 फरवरी को #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस के रूप में मनाने का आव्हान कर रहे हैं ।

🚩हम सबका भी फर्ज बनता है कि पाश्चात्य संस्कृति का अनुसरण न करके अपनी महान संस्कृति की महानता समझे और दूसरों तक भी अपनी संस्कृति की सुवास पहुचाएं तथा उन्हें भी वैंलेंटाइन डे के दिन ‘#मातृ_पितृ_पूजन_दिवस’ मनाने की सलाह दें।

🚩आओ ये दिन उनके नाम करें,जो हमसे सच्चा प्यार कर,अपना हर दिन हमारे नाम करते हैं ।

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Friday, February 10, 2017

14 फरवरी को वैलेंटाइन- डे नही मातृ-पितृ पूजन मनाए : सुप्रिद्ध हस्तियाँ!!

 14 फरवरी को वैलेंटाइन- डे नही मातृ-पितृ पूजन मनाए : सुप्रिद्ध हस्तियाँ!!


प्रेम का पहला पाठ मिला जिनसे!
प्रेम दिवस में न जाना दूर उनसे!!

 14 फरवरी को वैलेंटाइन- डे नही मातृ-पितृ पूजन मनाए : सुप्रिद्ध हस्तियाँ!!



पिछले 50 वर्षों से लोक हितकारी सेवाकार्यों में रत रहने वाले तथा सनातन संस्कृति की महिमा से विश्व के जन-मानस को परिचित करवाने वाले हिन्दू संत बापू आसारामजी ने  जब अपने देश के युवावर्ग को पाश्चत्य अंधानुकरण से चरित्रहीन होते देखा तो उनका ह्रदय व्यथित हो उठा और उन्होंने पिछले 9 वर्षों से एक नयी दिशा की ओर युवावर्ग को अग्रसर करते हुए एक विश्वव्यापी अभियान चलाया। #14फरवरी_मातृ_पितृ_पूजन_दिवस

जिसका देश-विदेश के कई सम्मानीय और सुप्रतिष्ठित हस्तियों ने स्वागत किया।

आइये जानते है क्या कह रही हैं देश की सुप्रतिष्ठित हस्तियां...


माता-पिता के पूजन का सही रास्ता दिखा के संत आसारामजी  बापू ने हमारे देश की सांस्कृतिक धरोहर को बचाया है और इस अभियान को पूरे विश्व में बहुत बड़ी सफलता प्राप्त हुई । -जगद्गुरु श्री #पंचानंद गिरिजी, जूना अखाडा 

आनेवाले समय में संत #आसाराम जी बापू का यह (मातृ-पितृ पूजन) जो क्रांति का शंखनाद है, यह इतिहास का एक स्वर्णिम पृष्ठ बनेगा । - श्री #चिन्मय बापू महाराज, अंतर्राष्ट्रीय भागवत कथाकार ।

संत आसारामजी बापू ने पिछले 9 वर्षों से ‘वेलेंटाइन डे को ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस के रूप में मनाना शुरू किया तबसे तमाम महँगे-महँगे गिफ्ट्स, #ग्रीटिंग कार्ड्स बेचनेवाली #बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के व्यापार पर अरबो रूपये का घाटा हुआ इसलिए बापूजी के ऊपर षड्यंत्र हो रहा है । - श्री सुरेश चव्हाणके, 
चेयरमैन, ‘सुदर्शन चैनल

परम श्रद्धेय श्री आसारामजी बापू का जो यह कार्य है, वह स्तुत्य है, सुंदर है और संस्कृति-रक्षा के लिए है । हमें संस्कृति रक्षार्थ मातृ-पितृ पूजन दिवस को घर-घर मनाना है । - श्री #रामगिरिजी महाराज, महामंडलेश्वर, जूना अखाडा ।

#14 फरवरी, जो हम लोगों के लिए एक कलंक बनता जा रहा है, उसी कलंक को तिलक-टीका बनाकर हम वह दिन ‘#मातृ-पितृ पूजन दिवस के रूप में मनायेंगे । -  बाल योगेश्वर श्री #रामबालकदासजी महात्यागी ।

मुझे पूरा विश्वास है कि बापूजी हमें एक नयी दिशा दिखा रहे हैं ।- #महामंडलेश्वर स्वामी देवेन्द्रानंदजी गिरि, राष्ट्रीय महामंत्री, अखिल भारतीय संत समिति।

गाँव-गाँव, गली-गली में मातृ-पितृ पूजन होगा । भारतीय संस्कृति की इस उज्ज्वलता को हम पूरे विश्व के सामने प्रस्तुत करेंगे ।- युवा क्रांतिद्रष्टा संत #दिनेश #भारतीजी ।

समाजरूपी बगिया को गुलशन बनाना हो तो बापूजी की प्रेरणा अनुसार ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस जरूर मनाया जाये । - महंत श्री #समाधानजी महाराज, वारकरी सम्प्रदाय ।

 #वेलेंटाइन-डे जो अब मातृ-पितृ पूजन दिवस के रूप में मनाया जा रहा है, यह सच्चे प्रेम की राह बापूजी ने दिखायी है । इसीलिए बापूजी को फँसाया जा रहा है। - भागवताचार्या साध्वी सरस्वतीजी 

वेलेंटाइन डे सिर्फ  #हिन्दुओं के लिए नहीं बल्कि मुसलमानों तथा पूरी दुनिया के इन्सानों के लिए एक मसला है । बापूजी ने एक बड़ी अच्छी शुरुआत की है । - #हजरत मौलाना #असगर अली साहब, अजमेर शरीफ के शाही इमाम ।

मैं हर बच्चे को कहना चाहूँगा कि 14फरवरी के दिन ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस' का अनुसरण कीजिये और धीरे-धीरे वेलेंटाइन डे को विदा कर दीजिये ।-श्री #मुकेश #खन्ना, धारावाहिक #महाभारत के भीष्म पितामह तथा शक्तिमान धारावाहिक के शक्तिमान।

मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाना बहुत ही अच्छा है । मैं जो बन पाया, वह माता-पिता का आशीर्वाद और गुरु की कृपा रही मुझ पर, उसी की बदौलत है ।- #गोविंदा, प्रसिद्ध फिल्म #अभिनेता एवं पूर्व सांसद ।

माता-पिता पूजन दिवस बहुत ही अच्छा प्रयास है । आजकल के युवक-युवतियों को इसका महत्त्व बताना बहुत जरूरी है ।- प्रसिद्ध गायिका #अनुराधा पौडवाल 

सांस्कृतिक उत्थान के लिए ‘वेलेंटाइन डे को ‘माता-पिता पूजन दिवस' में बदलने जैसे प्रयास निरंतर हो। - #अभिनेत्री #भाग्यश्री ।

पूज्य बापूजी ने 14 फरवरी को मातृ-पितृ पूजन का दिन घोषित किया, यह बहुत ही सुंदर प्रयास है, जो आज हमारे देश के लिए बहुत जरूरी है । - श्री #अरुण गोविल जी, रामायण धारावाहिक में #श्रीरामजी की भूमिका निभानेवाले ।

14 फरवरी को हम लोग मातृ-पितृ पूजन दिवस मनायें, माता-पिता की 
आराधना करें, पूजा करें तो बहुत अच्छी सफलता मिलेगी । - #फिरोज खान महाभारत धारावाहिक के अर्जुन।

आज हम सभी दृढ़ निश्चय करें कि 14 फरवरी को माता-पिता का पूजन अवश्य करेंगे ।- श्री #गजेन्द्र चौहानजी, महाभारत धारावाहिक में युधिष्ठिर की भूमिका निभानेवाले । 

परम पूज्य बापूजी के द्वारा मिली शिक्षाओं से हम अपने जीवन को सुंदर बनायेंगे। -प्रसिद्ध गायक श्री #अनूप जलोटा ।

वेलेंटाइन डे नहीं, माता-पिता की पूजा होनी चाहिए । यह एक श्रेष्ठ मार्गदर्शन है जो बापूजी दे रहे हैं, इसको ही हम आगे लेकर जायेंगे । - श्री प्रमोद मुतालिकजी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, श्रीराम सेना ।

आपको बता दें कि पिछले साढे तीन साल से बिना सबूत बापू आसारामजी जोधपुर जेल में बंद हैं लेकिन आज भी उनके देश-विदेश में रहने वाले करोड़ो समर्थक उनके बताए अनुसार दुनिया भर में स्कूलों, कॉलेजो, वृद्धाश्रमों में एवं जाहिर स्थलों आदि में जाकर मातृ-पितृ पूजन मना रहे हैं और सोशल मीडिया पर भी उसके फोटोज खूब वायरल हो रहे हैं ।

कई हिन्दू संगठन भी इस महान कार्य में जुड़ गए हैं। जो जगह-जहग पर जाकर वेलेंटाइन डे की जगह मातृ-पितृ पूजन करवाने का आव्हान किया है ।

भारत जो विश्व में अपनी संस्कृति और संतो के लिए प्रसिद्ध है। उस देश में पाश्चत्य सभ्यता की गन्दगी न आने पाये इसके लिए हर हिंदुस्तानी का कर्तव्य बनता है कि वो भी वैलेंटाइन डे न मनाकर #14फरवरी_मातृ_पितृ_पूजन_दिवस अवश्य मनाएं।

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Thursday, February 9, 2017

विश्वभर में आखिर क्यों मनाया जारहा हैं मातृ-पितृ पूजन ?

विश्वभर में क्यों मना रहे हैं मातृ-पितृ पूजन..?

कुछ साल पहले जब हम लोगों से कोई पूछता कि भारत का सबसे लम्बा त्यौहार कौन सा है तो हम कहते "दीपावली" क्योंकि 5 दिनों तक #दीपावली पर्व पुंज की देशभर में धूम होती है ।
                  Why in the world there was celebrated Mother-Father's worship?

कुछ साल पहले जब हम लोगों से कोई पूछता कि भारत का सबसे लम्बा त्यौहार कौन सा है तो हम कहते "दीपावली" क्योंकि 5 दिनों तक #दीपावली पर्व पुंज की देशभर में धूम होती है ।

लेकिन पिछले कुछ वर्षों से एक नए त्यौहार ने जन्म लिया है जो दीपावली से भी 3 गुना लम्बा है । 7 फरवरी से शुरू होकर 20 फरवरी तक चलने वाला त्यौहार।  जिसका नाम है #वैलेंटाइन डे "#Valentine's Day" ।

पहले यह सिर्फ एक दिन का था फिर एक सप्ताह और अब आधा महीना यानि 15 दिन तक चलता रहता है।

यह एक ऐसा विदेशी त्यौहार है जो प्रेम के नाम पर लूट और वासना की अपसंस्कृति को
बढ़ावा दे रहा है!

यह एक ऐसा त्यौहार है जिसे समाज के हित चिंतकों ने नहीं बल्कि आर्थिक जगत के विशेषज्ञों ने बनाया है!

यह एक ऐसा त्यौहार है जो मन की वासनाओं को प्रेम का जामा पहनाकर सच्चे प्रेम को बदनाम कर रहा है!

क्या आपको पता है इन दिनों में (contraceptive
pills ) गर्भपात गोलियों की बिक्री 3 गुना बढ़ जाती है। 
जी हाँ ! शायद आपको अजीब लगे लेकिन ये बाजार के सच्चे आंकड़े हैं।

पाश्चत्य सभ्यता द्वारा वैलेंटाइन डे को हमारे समाज पर थोप दिया गया है 
जिसका टार्गेट रहा है भारत का युवावर्ग।

किसी भी देश की #रीढ़ की #हड्डी वहाँ का युवावर्ग होता है। इसलिए #भारत को #गुलाम बनाना है तो #संयमी #युवानों को #चरित्रहीन बनाओ।

आज बहुत सारे #रेस्टौरेंट, #होटल वाले
वैलेंटाइन डे पर #function
करवाते हैं।
मजे की बात ये है कि इस दिन जब
लड़के रेस्टौरेंट में कुछ खाने का ऑर्डर
करते हैं तो #change को बतौर टिप के रूप में छोड़ देते हैं।

जैसे कि 200 रुपये का पिज्जा
"valentine couple special"
के नाम पर 350 रुपये में खरीदे।
और 500 रुपए का नोट दे कर बचे
150 रुपए वेटर को टिप दे दिये
ताकि #गर्लफ्रेंड (प्रेमिका) और अधिक इम्प्रेस 
हो जाए।

जी हाँ ! अजीब लगता है सुन कर लेकिन यह हो रहा है हमारे समाज में।

सोचिए हमारे युवान किस तरह मूर्खता में
#पैसे फूँक रहे हैं। #वैलेंटाइन डे पर होने वाला खर्चा घर के बड़ों से छुपकर होता है और मजे की बात देखिये कि ये तथाकथित प्रेमी जोड़े हर साल किसी नए के साथ जोड़े के तौर पर दिखते हैं और इसे ये लोग सच्चे प्रेम का नाम दे देते हैं।

वैलेंटाइन डे #प्रेमदिवस
नहीं बल्कि वासना दिवस है। इसका सबसे बड़ा दुष्प्रभाव यह है कि मार्च का महीना बनता है Pregnancy test का महीना।

क्या यहीं है असली प्रेम दिवस...???

आप अपने ही घर के #बुजुर्गों से पूछिये। अगर वो ऐसा चरित्रहीन प्रेम दिवस मनाने की स्वीकृति दे तो जरूर मनाइये। लेकिन ये सम्भव ही नही है। क्योंकि सभी माता पिता अपने बच्चे को चरित्रहीन नही बल्कि तेजस्वी ओजस्वी देखना चाहते हैं ।


आपको बता दें कि विकारों को भड़कानेवाली ‘वेलेंटाइन डे’ जैसी पाश्चात्य कुप्रथाओं के निर्मूलन हेतु वैश्विक स्तर पर 14 फरवरी को बापू आसारामजी ने ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस’ मनवाना शुरू किया, जिसे हर जगह पर मनाया जा रहा है और राष्ट्रपति, केन्द्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, राज्यपालों इत्यादि ने इसकी भूरि-भूरि प्रशंसा की है । छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री रमन सिंहजी ने अपने राज्य के हर शासकीय विद्यालय में इसे मनाना अनिवार्य घोषित किया है ।

गौरतलब है कि बापू आसारामजी बिना सबूत 40 साल से जेल में बंद है लेकिन उनके अनुयायी तो करीब जनवरी से ही गली-गली, गांव-गांव, नगर-नगर में जाकर स्कूलों कॉलेजो, जाहिर स्थलों मे 14 फरवरी मातृ_पितृ_पूजन_दिवस के निमित्त माता-पिता पूजन कार्यक्रम कर रहे है ।

सोशल मीडिया पर भी उनके अनुयायी इतने ही एक्टिव है जो Twitter, Whatsapp, Facebook, Instagram, Website आदि पर देश-विदेश के मातृ-पितृ कार्यकर्मों की फोटोज अपलोड कर रहे हैं।

जब हम पैदा हुए कितने थे मजबूर ।
माँ-बाप के बिना सबकुछ सोच से था दूर ।

ऐसे अपने माता-पिता के अगणित उपकारों को याद करते हुए 14 फरवरी को सच्चा प्रेम दिवस मनाएं जिसका अनुकरण कर विश्व सदभागी हो जाए ।

भारत सदा से ही पूरे विश्व के लिए प्रेरणास्रोत रहा है ।

आओ विदेशों की गन्दगी से अपनी भावी युवा पीढ़ी को बचाते हुए #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस जैसा दिव्य त्यौहार मनाने के लिए विश्व मानव को प्रेरित करें ।
जिससे ये दिन माता-पिता की याद में सदा-सदा के लिए इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित हो जाये।

लेकिन पिछले कुछ वर्षों से एक नए त्यौहार ने जन्म लिया है जो दीपावली से भी 3 गुना लम्बा है । 7 फरवरी से शुरू होकर 20 फरवरी तक चलने वाला त्यौहार।  जिसका नाम है #वैलेंटाइन डे "#Valentine's Day" ।

पहले यह सिर्फ एक दिन का था फिर एक सप्ताह और अब आधा महीना यानि 15 दिन तक चलता रहता है।

यह एक ऐसा विदेशी त्यौहार है जो प्रेम के नाम पर लूट और वासना की अपसंस्कृति को
बढ़ावा दे रहा है!

यह एक ऐसा त्यौहार है जिसे समाज के हित चिंतकों ने नहीं बल्कि आर्थिक जगत के विशेषज्ञों ने बनाया है!

यह एक ऐसा त्यौहार है जो मन की वासनाओं को प्रेम का जामा पहनाकर सच्चे प्रेम को बदनाम कर रहा है!

क्या आपको पता है इन दिनों में (contraceptive
pills ) गर्भपात गोलियों की बिक्री 3 गुना बढ़ जाती है। 
जी हाँ ! शायद आपको अजीब लगे लेकिन ये बाजार के सच्चे आंकड़े हैं।

पाश्चत्य सभ्यता द्वारा वैलेंटाइन डे को हमारे समाज पर थोप दिया गया है 
जिसका टार्गेट रहा है भारत का युवावर्ग।

किसी भी देश की #रीढ़ की #हड्डी वहाँ का युवावर्ग होता है। इसलिए #भारत को #गुलाम बनाना है तो #संयमी #युवानों को #चरित्रहीन बनाओ।

आज बहुत सारे #रेस्टौरेंट, #होटल वाले
वैलेंटाइन डे पर #function
करवाते हैं।
मजे की बात ये है कि इस दिन जब
लड़के रेस्टौरेंट में कुछ खाने का ऑर्डर
करते हैं तो #change को बतौर टिप के रूप में छोड़ देते हैं।

जैसे कि 200 रुपये का पिज्जा
"valentine couple special"
के नाम पर 350 रुपये में खरीदे।
और 500 रुपए का नोट दे कर बचे
150 रुपए वेटर को टिप दे दिये
ताकि #गर्लफ्रेंड (प्रेमिका) और अधिक इम्प्रेस 
हो जाए।

जी हाँ ! अजीब लगता है सुन कर लेकिन यह हो रहा है हमारे समाज में।

सोचिए हमारे युवान किस तरह मूर्खता में
#पैसे फूँक रहे हैं। #वैलेंटाइन डे पर होने वाला खर्चा घर के बड़ों से छुपकर होता है और मजे की बात देखिये कि ये तथाकथित प्रेमी जोड़े हर साल किसी नए के साथ जोड़े के तौर पर दिखते हैं और इसे ये लोग सच्चे प्रेम का नाम दे देते हैं।

वैलेंटाइन डे #प्रेमदिवस
नहीं बल्कि वासना दिवस है। इसका सबसे बड़ा दुष्प्रभाव यह है कि मार्च का महीना बनता है Pregnancy test का महीना।

क्या यहीं है असली प्रेम दिवस...???

आप अपने ही घर के #बुजुर्गों से पूछिये। अगर वो ऐसा चरित्रहीन प्रेम दिवस मनाने की स्वीकृति दे तो जरूर मनाइये। लेकिन ये सम्भव ही नही है। क्योंकि सभी माता पिता अपने बच्चे को चरित्रहीन नही बल्कि तेजस्वी ओजस्वी देखना चाहते हैं ।


आपको बता दें कि विकारों को भड़कानेवाली ‘वेलेंटाइन डे’ जैसी पाश्चात्य कुप्रथाओं के निर्मूलन हेतु वैश्विक स्तर पर 14 फरवरी को बापू आसारामजी ने ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस’ मनवाना शुरू किया, जिसे हर जगह पर मनाया जा रहा है और राष्ट्रपति, केन्द्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, राज्यपालों इत्यादि ने इसकी भूरि-भूरि प्रशंसा की है । छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री रमन सिंहजी ने अपने राज्य के हर शासकीय विद्यालय में इसे मनाना अनिवार्य घोषित किया है ।

गौरतलब है कि बापू आसारामजी बिना सबूत 40 साल से जेल में बंद है लेकिन उनके अनुयायी तो करीब जनवरी से ही गली-गली, गांव-गांव, नगर-नगर में जाकर स्कूलों कॉलेजो, जाहिर स्थलों मे 14 फरवरी मातृ_पितृ_पूजन_दिवस के निमित्त माता-पिता पूजन कार्यक्रम कर रहे है ।

सोशल मीडिया पर भी उनके अनुयायी इतने ही एक्टिव है जो Twitter, Whatsapp, Facebook, Instagram, Website आदि पर देश-विदेश के मातृ-पितृ कार्यकर्मों की फोटोज अपलोड कर रहे हैं।

जब हम पैदा हुए कितने थे मजबूर ।
माँ-बाप के बिना सबकुछ सोच से था दूर ।

ऐसे अपने माता-पिता के अगणित उपकारों को याद करते हुए 14 फरवरी को सच्चा प्रेम दिवस मनाएं जिसका अनुकरण कर विश्व सदभागी हो जाए ।

भारत सदा से ही पूरे विश्व के लिए प्रेरणास्रोत रहा है ।

आओ विदेशों की गन्दगी से अपनी भावी युवा पीढ़ी को बचाते हुए #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस जैसा दिव्य त्यौहार मनाने के लिए विश्व मानव को प्रेरित करें ।
जिससे ये दिन माता-पिता की याद में सदा-सदा के लिए इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित हो जाये।

Wednesday, February 8, 2017

सुप्रीम कोर्ट का कड़ा रुख : मीडिया ट्रायल पर अंकुश लगाना जरूरी..!!

🚩सुप्रीम कोर्ट का कड़ा रुख : मीडिया ट्रायल पर अंकुश लगाना जरूरी..!!

🚩‘मीडिया ट्रायल’ के कारण किसी व्यक्ति को होने वाले नुकसान को #सुप्रीम कोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए कहा कि इस पर अंकुश लगाने की जरूरत है। आपराधिक मामलों में #मीडिया की रिपोर्टिंग को लेकर दिशानिर्देश जारी करने पर भी शीर्ष अदालत ने विचार करने का निर्णय लिया है।

🚩चीफ जस्टिस जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि किसी आपराधिक मामले में #एफआईआर दर्ज की जाती है और #आरोपियों को गिरफ्तार किया जाता है। पुलिस संवाददाता सम्मेलन कर आरोपियों को मीडिया के समक्ष पेश करती है। इस आधार पर मीडिया में आरोपियों के बारे में खबरें चलती हैं, लेकिन #यदि बाद में आरोपी #बेकसूर #साबित हो जाता है पर तब तक तो उस व्यक्ति की साख पर बट्टा लग चुका होता है। पीठ ने कहा कि यह गंभीर मसला है। यह किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा और उसकी छवि से जुड़ा मामला है, लिहाजा इस पर अंकुश लगाने की जरूरत है।
सुप्रीम कोर्ट का कड़ा रुख : मीडिया ट्रायल पर अंकुश लगाना जरूरी..!!


🚩पीठ ने कहा कि यह याचिका वर्ष 1999 से लंबित है, इस मसले को और नहीं टालना चाहते। लिहाजा 22 मार्च को इस पर अंतिम सुनवाई करने का निर्णय लिया है। #पीठ ने अमाइकस क्यूरी गोपाल शंकर नारायण द्वारा दी गई प्रश्नावली पर केंद्र और सभी राज्य सरकारों को दो हफ्ते के भीतर पक्ष रखने के लिए कहा है। पीठ ने कहा कि अगर कोई राज्य तय समय के भीतर पक्ष नहीं रखता तो यह माना जाएगा कि इस मसले पर उसे कुछ नहीं कहना है।

🚩केंद्र व राज्य सरकारों को कई मुद्दों पर अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया है। जिनमें मुकदमा दर्ज करने से पहले और बाद में पुलिस को मीडिया को कितनी जानकारी साझा करनी चाहिए। आरोपियों की तस्वीर प्रकाशित करने की इजाजत होनी चाहिए या नहीं? पीड़ित पक्ष की पहचान सार्वजनिक होनी चाहिए या नहीं। सांप्रदायिक हिंसा भड़कने की आशंका होने पर मीडिया को किसी हद तक जानकारी सार्वजनिक करनी चाहिए आदि पर #केंद्र व #राज्य #सरकारों को अपना पक्ष रखना है।

🚩स्त्रोत : अमर उजाला

🚩‘मीडिया ट्रायल न्यायाधीशों को प्रभावित करने की प्रवृत्ति’

🚩दिल्ली #उच्च #न्यायालय ने कहा है कि ‘‘मीडिया में दिखायी गयी खबरें #न्यायाधीश के फैसलों पर असर डालती हैं । खबरों से न्यायाधीश पर दबाव बनता है और फैसलों का रुख भी बदल जाता है। पहले मीडिया अदालत में विचाराधीन मामलों में नैतिक जिम्मेदारियों को समझते हुए खबरें नहीं दिखाती थी लेकिन अब नैतिकता को हवा में उड़ा दिया गया है।  #मीडिया ट्रायल के जरिये दबाव बनाना #न्यायाधीशों को प्रभावित करने की प्रवृत्ति है। जाने-अनजाने में एक दबाव बनता है और इसका असर आरोपियों और दोषियों की सजा पर पड़ता है ।’’

🚩कई न्यायविद् एवं प्रसिध्द हस्तियाँ भी मीडिया ट्रायल को न्याय व्यवस्था के लिए बाधक मानती हैं । 

🚩सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि ‘‘ #कानून की नजर में कोई शख्स तब तक अपराधी नहीं है, जब तक उस पर जुर्म साबित न हो जाय । ऐसे में जब मामला अदालत में हो, तब मीडिया को #संयम रखना चाहिए । 

🚩पटना उच्च न्यायालय के अधिवक्ता #रविशेखर सिंह बताते हैं : ‘‘कई देशों में मीडिया ट्रायल के खिलाफ बड़े सख्त कानून बनाये गये हैं। जिस तरह #भारत में मीडिया ट्रायल के द्वारा केस को गलत दिशा में मोड़ने का प्रचलन हो रहा है, ऐसे में अन्य #देशों की तरह #भारत में भी मीडिया ट्रायल पर सख्त कानून बनाना बहुत ही आवश्यक हो गया है।’’

🚩#विश्व हिन्दू परिषद के मुख्य संरक्षक व पूर्व राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश #सुनील अम्बवानी ने भी कहा कि मीडिया आरोपी व्यक्ति के मामलों में पहले ही सही-गलत की राय बना चुका होता है । मीडिया ट्रायल से न्यायाधीश पर दबाव बन जाता है । न्यायाधीश भी मानव है । वह भी इनसे प्रभावित होता है ।

🚩पूर्व अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वर्गीय श्री #अशोक सिंहलजी ने कहा था कि ‘‘मीडिया ट्रायल के पीछे कौन है ? #हिन्दू धर्म व संस्कृति को #नष्ट करने के लिए #मीडिया ट्रायल #पश्चिम का बड़ा भारी #षड़्यंत्र है हमारे देश के भीतर ! मीडिया का उपयोग कर रहे हैं विदेश के लोग ! उसके लिए भारी मात्रा में फंड्स देते हैं, जिससे हिन्दू धर्म के खिलाफ देश के भीतर वातावरण पैदा हो ।’’ 


🚩सिंघल जी ने इसलिए कहा था कि 2004 कांची के #शंकराचार्य सरस्वती पर आरोप लगते ही मीडिया ने खूब बदनाम किया पर जब निर्दोष #मुक्त हो गए तब कोई #न्यूज नही दिखाई ।

🚩2008 में #साध्वी #प्रज्ञा जी को भगवा आतंकवाद कहकर बदनाम किया गया लेकिन अब #निर्दोष बरी हो गई तो उसके लिए न्यूज नही दिखा रहे हैं ।



🚩2009 में #स्वामी नित्यानंद जी के लिए रात-दिन मीडिया ने खूब बदनामी की पर आखिर में जब वे निर्दोष बरी हुए तो एक मिनट की भी न्यूज नही दिखाई।

🚩और इस दशक का सब से बड़ा मीडिया ट्रायल हो रहा है #हिन्दू #संत #बापू #आशारामजी के लिए!!

🚩40 महीनों से जेल में कैद #बापू #आसारामजी के विरुद्ध अभीतक एक भी सबूत नही मिला है लेकिन मीडिया ने पहले से ही उनको आरोपी बना दिया है ।


🚩भारतीय संस्कृति को तोड़ने के लिए #विदेशी #मालिकों  द्वारा संचालित मीडिया केवल हिन्दू धर्म के साधु-संतों को ही बदनाम करती है कभी भी ईसाई पादरी या मौलवी के लिए कुछ नही दिखाती ।

🚩आखिर क्यों मीडिया की नजर में केवल हिन्दू संत जी दोषी हैं ???

🚩जो मीडिया आज #हिन्दू #संत  #बापू #आसारामजी के विरुद्ध 24 घंटे डिबेट चला कर उन्हें बदनाम करती है क्या उसने कभी ये दिखाया कि #संत #आसारामजी #बापू ने #समाज के लिए कितने अतुलनीय देवी कार्य किये ।

🚩कितना डटकर धर्मान्तरण का विरोध किया !

🚩#भारतीय संस्कृति की सुवास विश्व मानव तक पहुचाने के लिए नए नए त्यौहारों द्वारा समाज को अपनी संस्कृति से जोड़ा।


🚩#गरीब आदिवासी,जरूरतमंदों के लिए स्थान-स्थान पर अनाज,कम्बल,वस्त्र आदि आज भी उनके आश्रम द्वारा #निःशुल्क वितरित होते हैं ।

🚩अगर मीडिया इतनी ही निष्पक्ष है तो क्यों छुपाती है समाज से #संत #आसारामजी #बापू के #दैवी कार्य!!


🚩सोचो हिन्दू!!


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