Monday, October 30, 2017

जानिए लोह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल का इतिहास और उनके महान कार्य

अक्टूबर 30, 2017   www.azaadbharat.org
🚩सरदार वल्लभ भाई पटेल भारत के #स्वतंत्रता संग्राम #सेनानी थे। भारत की आजादी के बाद वे #प्रथम #गृहमंत्री और #उप-प्रधानमंत्री बने। बारडोली सत्याग्रह का नेतृत्व कर रहे पटेल को #सत्याग्रह की #सफलता पर वहाँ की महिलाओं ने सरदार की उपाधि प्रदान की। आजादी के बाद विभिन्न रियासतों में बिखरे भारत के भू-राजनीतिक एकीकरण में केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए पटेल को भारत का बिस्मार्क और लौह पुरूष भी कहा जाता है।
🚩1857  के स्वातंत्र्य-समर में युवा झवेरभाई ने बड़ी वीरता के साथ अंग्रेजों को चुनौती दी थी । वल्लभभाई के बडे भाई विट्ठलभाई भी प्रसिद्ध देशभक्त थे । वल्लभभाई को निर्भयता व वीरता के संस्कार तो खून में ही मिले थे । वल्लभ भाई की निर्भयता से जहाँ बडों के सिर हर्ष व गर्व से ऊँचे उठ जाते थे, वहीं छोटे भी उन्हें बेहद चाहते थे । स्वभाव से ही वे अन्याय के खिलाफ थे । अपने सहयोगियों के कल्याण में उनकी प्रामाणिक दिलचस्पी थी ।
🚩जीवन परिचय
🚩पटेल का जन्म नडियाद 31 अक्टूबर 1875 गुजरात में एक लेवा #कृषक #परिवार में हुआ था। वे झवेरभाई पटेल एवं लाडबा देवी की चौथी संतान थे। सोमाभाई, नरसीभाई और विट्टलभाई उनके अग्रज थे। उनकी शिक्षा मुख्यतः स्वाध्याय से ही हुई। लन्दन जाकर उन्होंने बैरिस्टर की पढाई की और वापस आकर अहमदाबाद में वकालत करने लगे। महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर उन्होने भारत के #स्वतन्त्रता #आन्दोलन में भाग लिया।
🚩खेडा संघर्ष
🚩स्वतन्त्रता आन्दोलन में सरदार पटेल का सबसे पहला और बडा योगदान खेडा संघर्ष में हुआ। गुजरात का खेडा खण्ड (डिविजन) उन दिनो भयंकर सूखे की चपेट में था। किसानों ने अंग्रेज सरकार से भारी कर में छूट की मांग की। जब यह स्वीकार नहीं किया गया तो सरदार पटेल, गांधीजी एवं अन्य लोगों ने किसानों का नेतृत्व किया और उन्हे कर न देने के लिये प्रेरित किया। अन्त में सरकार झुकी और उस वर्ष करों में राहत दी गयी। यह सरदार पटेल की पहली सफलता थी।
🚩बारडोली सत्याग्रह
🚩बारडोली कस्बे में सशक्त सत्याग्रह करने के लिये ही उन्हे पहले #बारडोली का #सरदार और बाद में केवल सरदार कहा जाने लगा।
🚩आजादी के बाद
🚩यद्यपि अधिकांश प्रान्तीय कांग्रेस समितियाँ पटेल के पक्ष में थी, गांधी जी की इच्छा का आदर करते हुए पटेल जी ने प्रधानमंत्री पद की दौड़ से अपने को दूर रखा और इसके लिये नेहरू का समर्थन किया। उन्हे उपप्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री का कार्य सौंपा गया। किन्तु इसके बाद भी नेहरू और पटेल के सम्बन्ध तनावपूर्ण ही रहे। इसके चलते कई अवसरों पर दोनों ने ही अपने पद का त्याग करने की धमकी दे दी थी।
🚩गृहमंत्री के रूप में उनकी पहली प्राथमिकता देसी #रियासतों (राज्यों) को #भारत में मिलाना था। इसको उन्होने बिना कोई खून बहाये सम्पादित कर दिखाया। केवल हैदराबाद के आपरेशन पोलो के लिये उनको सेना भेजनी पड़ी । भारत के एकीकरण में उनके महान योगदान के लिये उन्हे भारत के लौह पुरूष के रूप में जाना जाता है। सन #1950 में उनका #देहान्त हो गया। इसके बाद नेहरू का कांग्रेस के अन्दर बहुत कम विरोध शेष रहा।
🚩देसी राज्यों (रियासतों) का एकीकरण
🚩सरदार पटेल ने आजादी के ठीक पूर्व (संक्रमण काल में) ही पीवी मेनन के साथ मिलकर कई देसी राज्यों को भारत में मिलाने के लिये कार्य आरम्भ कर दिया था। पटेल और मेनन ने देसी राजाओं को बहुत समझाया कि उन्हे स्वायत्तता देना सम्भव नहीं होगा। इसके परिणामस्वरूप तीन को छोडकर शेष सभी राजवाडों ने स्वेच्छा से भारत में विलय का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। केवल जम्मू एवं कश्मीर, जूनागढ तथा हैदराबाद के राजाओं ने ऐसा करना नहीं स्वीकारा। जूनागढ के नवाब के विरुद्ध जब बहुत विरोध हुआ तो वह भागकर पाकिस्तान चला गया और जूनागढ भी भारत में मिल गया। जब हैदराबाद के निजाम ने भारत में विलय का प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया तो सरदार पटेल ने वहाँ सेना भेजकर निजाम का आत्मसमर्पण करा लिया। किन्तु नेहरू ने काश्मीर को यह कहकर अपने पास रख लिया कि यह समस्या एक अन्तराष्ट्रीय समस्या है।
🚩गांधी, नेहरू और पटेल
🚩स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री नेहरू व प्रथम उप प्रधानमंत्री सरदार पटेल में आकाश-पाताल का अंतर था। यद्यपि दोनों ने इंग्लैण्ड जाकर बैरिस्टरी की डिग्री प्राप्त की थी परंतु सरदार पटेल वकालत में पं॰ नेहरू से बहुत आगे थे तथा उन्होंने सम्पूर्ण ब्रिटिश साम्राज्य के विद्यार्थियों में सर्वप्रथम स्थान प्राप्त किया था। नेहरू प्राय: सोचते रहते थे, सरदार पटेल उसे कर डालते थे। नेहरू शास्त्रों के ज्ञाता थे, पटेल शस्त्रों के पुजारी थे। पटेल ने भी ऊंची शिक्षा पाई थी परंतु उनमें किंचित भी अहंकार नहीं था। वे स्वयं कहा करते थे, "मैंने कला या विज्ञान के विशाल गगन में ऊंची उड़ानें नहीं भरी। मेरा विकास कच्ची झोपड़ियों में गरीब किसान के खेतों की भूमि और शहरों के गंदे मकानों में हुआ है।" नेहरू को गांव की गंदगी, तथा जीवन से चिढ़ थी। नेहरू अन्तरराष्ट्रीय ख्याति के इच्छुक थे तथा समाजवादी प्रधानमंत्री बनना चाहते थे।
🚩देश की स्वतंत्रता के पश्चात सरदार पटेल उप-प्रधानमंत्री के साथ प्रथम गृह, सूचना तथा रियासत विभाग के मंत्री भी थे। #सरदार पटेल की महानतम देन थी #562 छोटी-बड़ी #रियासतों का #भारतीय संघ में विलीनीकरण करके भारतीय एकता का निर्माण करना। विश्व के इतिहास में एक भी व्यक्ति ऐसा न हुआ जिसने इतनी बड़ी संख्या में राज्यों का एकीकरण करने का साहस किया हो।
🚩5 जुलाई 1947 को एक रियासत विभाग की स्थापना की गई थी। एक बार उन्होंने सुना कि बस्तर की रियासत में कच्चे सोने का बड़ा भारी क्षेत्र है और इस भूमि को दीर्घकालिक पट्टे पर हैदराबाद की निजाम सरकार खरीदना चाहती है। उसी दिन वे परेशान हो उठे। उन्होंने अपना एक थैला उठाया, वी.पी. मेनन को साथ लिया और चल पड़े। वे उड़ीसा पहुंचे, वहां के 23 राजाओं से कहा, "कुएं के मेढक मत बनो, महासागर में आ जाओ।" उड़ीसा के लोगों की सदियों पुरानी इच्छा कुछ ही घंटों में पूरी हो गई। फिर नागपुर पहुंचे, यहां के 38 राजाओं से मिले। इन्हें सैल्यूट स्टेट कहा जाता था, यानी जब कोई इनसे मिलने जाता तो तोप छोड़कर सलामी दी जाती थी। पटेल ने इन राज्यों की बादशाहत को आखिरी सलामी दी। इसी तरह वे काठियावाड़ पहुंचे। वहां 250 रियासतें थी। कुछ तो केवल 20-20 गांव की रियासतें थीं। सबका एकीकरण किया। एक शाम मुम्बई पहुंचे। आसपास के राजाओं से बातचीत की और उनकी राजसत्ता अपने थैले में डालकर चल दिए। पटेल पंजाब गये। पटियाला का खजाना देखा तो खाली था। फरीदकोट के राजा ने कुछ आनाकानी की। सरदार पटेल ने फरीदकोट के नक्शे पर अपनी लाल पैंसिल घुमाते हुए केवल इतना पूछा कि "क्या मर्जी है?" राजा कांप उठा। आखिर 15 अगस्त 1947 तक केवल तीन रियासतें-कश्मीर, जूनागढ़ और हैदराबाद छोड़कर उस लौह पुरुष ने सभी रियासतों को भारत में मिला दिया। इन तीन रियासतों में भी जूनागढ़ को 9 नवम्बर 1947 को मिला लिया गया तथा जूनागढ़ का नवाब पाकिस्तान भाग गया। 13 नवम्बर को सरदार पटेल ने सोमनाथ के भग्न मंदिर के पुनर्निर्माण का संकल्प लिया, जो पंडित नेहरू के तीव्र विरोध के पश्चात भी बना। 1948 में हैदराबाद भी केवल 4 दिन की पुलिस कार्रवाई द्वारा मिला लिया गया। न कोई बम चला, न कोई क्रांति हुई, जैसा कि डराया जा रहा था।
🚩जहां तक कश्मीर रियासत का प्रश्न है इसे पंडित नेहरू ने स्वयं अपने अधिकार में लिया हुआ था, परंतु यह सत्य है कि सरदार पटेल कश्मीर में जनमत संग्रह तथा कश्मीर के मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र संघ में ले जाने पर बेहद क्षुब्ध थे। नि:संदेह सरदार पटेल द्वारा यह 562 रियासतों का एकीकरण विश्व इतिहास का एक आश्चर्य था। भारत की यह रक्तहीन क्रांति थी। महात्मा गांधी ने सरदार पटेल को इन रियासतों के बारे में लिखा था, "रियासतों की समस्या इतनी जटिल थी जिसे केवल तुम ही हल कर सकते थे।"
🚩यद्यपि विदेश विभाग नेहरू का कार्यक्षेत्र था, परंतु कई बार उप प्रधानमंत्री होने के नाते कैबिनेट की विदेश विभाग समिति में उनका जाना होता था। उनकी दूरदर्शिता का लाभ यदि उस समय लिया जाता तो अनेक वर्तमान समस्याओं का जन्म न होता।
🚩1950 में पंडित नेहरू को लिखे एक पत्र में पटेल ने चीन तथा उसकी तिब्बत के प्रति नीति से सावधान किया था और चीन का रवैया कपटपूर्ण तथा विश्वासघाती बतलाया था। अपने पत्र में चीन को अपना दुश्मन, उसके व्यवहार को अभद्रतापूर्ण और चीन के पत्रों की भाषा को किसी दोस्त की नहीं, भावी शत्रु की भाषा कहा था। उन्होंने यह भी लिखा था कि तिब्बत पर चीन का कब्जा नई समस्याओं को जन्म देगा। 1950 में नेपाल के संदर्भ में लिखे पत्रों से भी नेहरू सहमत न थे। 1950 में ही गोवा की स्वतंत्रता के संबंध में चली दो घंटे की कैबिनेट बैठक में लम्बी वार्ता सुनने के पश्चात सरदार पटेल ने केवल इतना कहा "क्या हम गोवा जाएंगे, केवल दो घंटे की बात है।" नेहरू इससे बड़े नाराज हुए थे। यदि पटेल की बात मानी गई होती तो 1961 तक गोवा की स्वतंत्रता की प्रतीक्षा न करनी पड़ती।
🚩गृहमंत्री के रूप में वे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने भारतीय नागरिक सेवाओं (आई.सी.एस.) का भारतीयकरण कर इन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवाएं (आई.ए.एस.) बनाया। अंग्रेजों की सेवा करने वालों में विश्वास भरकर उन्हें राजभक्ति से देशभक्ति की ओर मोड़ा। यदि सरदार पटेल कुछ वर्ष जीवित रहते तो संभवत: नौकरशाही का पूर्ण कायाकल्प हो जाता।
🚩सरदार पटेल जहां पाकिस्तान की छद्म व चालाकी पूर्ण चालों से सतर्क थे वहीं देश के विघटनकारी तत्वों से भी सावधान करते थे। विशेषकर वे भारत में मुस्लिम लीग तथा कम्युनिस्टों की विभेदकारी तथा रूस के प्रति उनकी भक्ति से सजग थे। अनेक विद्वानों का कथन है कि सरदार पटेल बिस्मार्क की तरह थे। लेकिन लंदन के टाइम्स ने लिखा था "बिस्मार्क की सफलताएं पटेल के सामने महत्वहीन रह जाती हैं। यदि पटेल के कहने पर चलते तो कश्मीर, चीन, तिब्बत व नेपाल के हालात आज जैसे न होते। पटेल सही मायनों में मनु के शासन की कल्पना थे। उनमें कौटिल्य की कूटनीतिज्ञता तथा महाराज शिवाजी की दूरदर्शिता थी। वे केवल सरदार ही नहीं बल्कि भारतीयों के ह्रदय के सरदार थे।
🚩महान आत्माओं की महानता उनके जीवन - सिद्धांतों में होती है । उन्हें अपने सिद्धांत प्राणों से भी अधिक प्रिय होते हैं ।
🚩सामान्य मानव जिन परिस्थितियों में अपनी निष्ठा से डिग जाता है, महापुरुष ऐसे प्रसंगों में भी अडिग रहते हैं । सत्य ही उनका एकमात्र आश्रय होता है, वे फौलादी संकल्प के धनी होते हैं । उनका अपना पथ होता है, जिससे वे कभी विपथ नहीं होते ।
सरदार वल्लभ भाई पटेल जिन्हें देश ‘लौह पुरुष के नाम से भी जानता है, ऐसे ही एक वल्लभ भाई थे ।
🚩उनके जीवन का यह प्रसंग उनके इसी सद्गुण की झाँकी कराता है ।
वल्लभ भाई अपने पुत्र-पुत्री को शिक्षा हेतु यूरोप भेजना चाहते थे । इस हेतु रुपये भी कोष में जमा कर दिये गये थे लेकिन ज्यों ही असहयोग आंदोलन की घोषणा की गयी, त्यों ही उन्होंने पूर्वनिर्धारित योजना को ठप कर दिया ।
🚩उन्होंने दृढ निश्चय किया कि ‘चाहे जो हो, मैं मन, वचन और कर्म से असहयोग के सिद्धांतों पर दृढ रहूँगा । जिस देश के निवासी हमारी बोटी-बोटी के लिए लालायित हैं, जो हमारे रक्त-तर्पण से अपनी प्यास बुझाते हैं, उनकी धरती पर अपनी संतान को ज्ञानप्राप्ति के लिए भेजना अपनी ही आत्मा को कलंकित करना है । भारत माता की आत्मा को दुखाना है ।
🚩उन्होंने सिर्फ सोचा ही नहीं, अपने बच्चों को इंग्लैंड में पढने से साफ मना कर दिया । ऐसी थी उनकी सिद्धांत-प्रियता । तभी तो थे वे #‘लौह पुरुष है।
🚩#वल्लभ भाई पटेल को सन 1991 में मरणोपरान्त #भारत रत्न से #सम्मानित #किया गया है।
🚩पटेल के प्रति हरिवंशराय बच्चन के उदगार...
यही प्रसिद्ध लोहपुरुष प्रबल,
यही प्रसिद्ध शक्ति की शिला अटल,
हिला इसे सका कभी न शत्रु दल,
पटेल पर, स्वदेश को गुमान है।
सुबुद्धि उच्च श्रृंग पर किये जगह,
हृदय गंभीर है समुद्र की तरह,
कदम छुए हुए ज़मीन की सतह,
पटेल देश का, निगहबान है।
हरेक पक्ष के पटेल तौलता,
हरेक भेद को पटेल खोलता,
दुराव या छिपाव से इसे गरज ?
कठोर नग्न सत्य बोलता।
पटेल हिंद की नीडर जबान है।
🚩Official Azaad Bharat Links:👇🏻
🔺Youtube : https://goo.gl/XU8FPk
🔺 Twitter : https://goo.gl/kfprSt
🔺 Instagram : https://goo.gl/JyyHmf
🔺Google+ : https://goo.gl/Nqo5IX
🔺 Word Press : https://goo.gl/ayGpTG
🔺Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ

Sunday, October 29, 2017

ईसाई मिशनरियों के कॉन्वेंट स्कूल में बच्चों पर बरस रहा है कहर

अक्टूबर 29, 2017

🚩 भारत में आज तक ऐसी अनगिणत घटनाएं सामने आर्इ है जिसमें कॉन्वेंट स्कूल में छात्रों पर अत्याचार किये जाते हों । कर्इ हिन्दू छात्रों पर अपने धर्म के पालन के कारण कार्यवाही भी की गर्इ है । परंतु इतना होने पर भी प्रशासन कॉन्वेंट स्कूलों पर उचित कार्यवाही नहीं करता । 
🚩क्या यह अल्पसंख्यंक तुष्टीकरण की नीति के कारण हो रहा है ?

🚩अभी भी दो ऐसी घटनायें सामने आई हैं कि जिसको पढ़कर आपका दिल पसीस जायेगा...

🚩1 ) छात्रा को बैठाया लडकों के बीच, दे दी जान

🚩केरल के कोल्लम जिले की कॉन्वेन्ट स्कूल 10वीं क्लास में पढने वाली छात्रा गौरी ने अपनी बहन से क्लास में बात की तो शिक्षक ने उसे क्लास में लड़कों के साथ बैठने की सजा दे डाली। गौरी ने इस बात का विरोध किया और इसी को लेकर गौरी की शिक्षक से बहस भी हो गई । पहले भी कई बार इस छात्रा को परेशान किया गया ।

🚩गौरी का मजाक उड़ाया जाने लगा तो वो डिप्रेशन में चली गई और पिछले शुक्रवार को ICSE के ट्रिनिटी लायसीयम इस कॉन्वेन्ट स्कूल की तीसरी बिल्डिंग से छलांग लगा दी। छात्रा की मौत अस्पताल में इलाज के दौरान हो गई ।


🚩2 ) दिल्ली कॉन्वेंट स्कूल में अत्याचार

🚩दिल्ली की एक कॉन्वेंट स्कूल मासूम द यूनियन सीनियर सेकेंडरी स्कूल में टीचर ने 11वीं क्लास के छात्र को इतनी बुरी तरह पीटा कि खुद को बचाने के लिए उसे ऊपर से छलांग लगानी पड़ी इसकी सूचना मिलते ही छात्र के परिजन उसे RMS अस्पताल ले गए । बच्चे की हालत बहुत गंभीर है ।

🚩जिन कॉन्वेंट स्कूलों में इतना अत्याचार हो रहा हो, वहाँ बच्चो को पढ़ाना कितना उचित है?

🚩कॉन्वेंट स्कूलों की सच्चाई आप भी जान लो जिस लॉर्ड मैकाले ने इसकी स्थापना की...

🚩भारत से #लॉर्ड मैकाले ने अपने पिता को एक चिट्ठी लिखी थी : “इन कॉन्वेंट स्कूलों से ऐसे बच्चे निकलेंगे जो देखने में तो भारतीय होंगे लेकिन दिमाग से अंग्रेज होंगे और इन्हें अपने देश के बारे में, संस्कृति के बारे में, परम्पराओं के बारे में कुछ पता नहीं होगा, जब ऐसे बच्चे होंगे भारत में तो अंग्रेज भले ही चले जाएँ इस देश से अंग्रेजियत नहीं जाएगी।”

🚩उसने कहा था कि ‘मैं यहाँ (भारत) की शिक्षा-पद्धति में ऐसे कुछ संस्कार डाल जाता हूँ कि आनेवाले वर्षों में #भारतवासी अपनी ही #संस्कृति से #घृणा करेंगे... मंदिर में जाना पसंद नहीं करेंगे... माता-पिता को प्रणाम करने में तौहीन महसूस करेंगे, #साधु-संतों से #नफरत करेंगे... वे शरीर से तो #भारतीय #होंगे लेकिन #दिलोदिमाग से #हमारे ही #गुलाम होंगे..!'

🚩उस समय लिखी चिट्ठी की सच्चाई इस देश में अब
साफ-साफ दिखाई दे रही है, आज कॉन्वेंट स्कूल की शिक्षा पद्धति के कारण #JNU जैसी यूनवर्सिटी में छात्र #हिन्दू देवी-देवताओं को ही गालियां बोल रहे हैं, #दारू पी रहे हैं, #मीट खा रहे हैं, #दुष्कर्म कर रहे हैं, #बॉलीवुड, #मीडिया ,#टीवी सीरियलों में लोग हिन्दू तो दिखते हैं लेकिन दिलोदिमाग से अंग्रेज होते जा रहे हैं । इसलिए हिन्दू देवी-देवताओं, #साधु-संतों, हिन्दू त्यौहारों के #खिलाफ हो गए हैं।

🚩भारत ने वेद-पुराण, उपनिषदों से पूरे विश्व को सही जीवन जीने की ढंग सिखाया है । इससे भारतीय बच्चे ही क्यों वंचित रहे ?

🚩जब #मदरसों में #कुरान पढ़ाई जाती है, #मिशनरी के स्कूलों में #बाइबल तो हमारे स्कूल-कॉलेजों में #रामायण, #महाभारत व #गीता #क्यों नहीं #पढ़ाई जाएँ ?

🚩जबकि मदरसों व मिशनरियों में शिक्षा के माध्यम से धार्मिक उन्माद बढ़ाया जाता है और हिन्दू धर्म की शिक्षा देश, दुनिया के हित में है ।

🚩सभी हिन्दू अभिभावकों को भी कॉन्वेंट स्कूल में हिन्दू छात्रों पर पड़ने वाले गलत संस्कारों तथा उनके साथ हो रही प्रताड़ना को देखते हुए अपने बच्चों को वहां नहीं भेजना चाहिए । कॉन्वेंट स्कूल का संपूर्ण बहिष्कार करना चाहिए ।

🚩उपरोक्त घटना में छात्रा ने कॉन्वेंट स्कूल प्रशासन के ‘टाॅर्चर’ के कारण आत्महत्या कर ली और एक विद्यार्थी कूद गया । कर्इ घटनाआें में यह सामने आया है कि किसी भी अपयश, ब्लू वेल जैसे गेम्स या किसी प्रकार की ‘टॉर्चर’ की कारण बच्चे आत्महत्या कर लेते हैं । 
इसका मूल कारण है उनमें सुसंस्कारों का अभाव । यदि आप अपने बच्चों को अच्छे संस्कारी बनाना चाहते हैं तो कॉन्वेंट स्कूल में बच्चों को पढ़ाना बन्द करें और गुरुकुलों में पढ़ाना शुरू करदें।


🚩Official Azaad Bharat Links:👇🏻


🔺Youtube : https://goo.gl/XU8FPk


🔺 Twitter : https://goo.gl/kfprSt

🔺 Instagram : https://goo.gl/JyyHmf

🔺Google+ : https://goo.gl/Nqo5IX

🔺 Word Press : https://goo.gl/ayGpTG

🔺Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ
Attachments area

Saturday, October 28, 2017

गोपाष्टमी के दिन सोशल मीडिया पर उठी आवाज #गौरक्षा_हमारा_कर्तव्य

अक्टूबर 28, 2017

🚩गौ माता की इतनी महानता है कि पृथ्वी को कागज और सागर को स्याही बनाकर लिखा जाये तो भी पूर्ण नही हो सकती। 
गौ माता देश की रीड की हड्डी है लेकिन भारत का दुर्भाग्य है कि राजनीति के लिए गौ-माता का मुद्दा उठाया जाता है लेकिन उसकी रक्षा के लिए कुछ किया नही जा रहा है ।

🚩भारतवासियों में अब इसकी जागरूकता दिख रही है, शनिवार को गोपाष्टमी के पावन पर्व पर देशभर में बड़ी धूमधाम से मनाया गया और ट्वीटर पर भी टॉप ट्रेंड  में रहा #गौरक्षा_हमारा_कर्तव्य हैशटेग ।

🚩आइये देखें ट्वीट्स द्वारा क्या सन्देश पहुँचाया जा रहा है समाज में....

🚩1) भारती धीमान लिखती है कि गाय हमारी 'माता' है और गाय की रक्षा हमारा कर्तव्य #गौरक्षा_हमारा_कर्तव्य !

🚩2) शीशराम ने लिखा है कि प्राचीन भारत में   दूध की नदिया बहती थी, तो अब क्यों नहीं ?? क्योंकि अब गाय कम हो रही.   #गौरक्षा_हमारा_कर्तव्य !

🚩3) सोनिया थवानी लिखती है कि समय का फेर एक दिन रंग दिखलायेगा, गाय माँ की रक्षा करने इंकलाब जरूर आएगा। #गौरक्षा_हमारा_कर्तव्य ! 

🚩4) देश और संस्कृति को बचाना है तो गाय को बचाना होगा - पूज्य आसाराम बापूजी। #गौरक्षा_हमारा_कर्तव्य ! 

🚩5) प्रेम चौधरी ने लिखा कि जो गाय माँ की रक्षा नहीं कर पायेगा, वह क्या ख़ाक देश के काम आएगा। #गौरक्षा_हमारा_कर्तव्य !

🚩6) प्रदीप मिश्रा ने लिखा कि संत आशाराम जी आश्रम संचालित गौशालाओं में हज़ारो गायों का संवर्धन हो रहा है, वास्तविकता में हमको स्वीकारना होगा कि #गौरक्षा_हमारा_कर्तव्य है। 

🚩7) गार्गी लिखती है कि सुनलो पुकार, 
मोदी सरकार, 
शपथ पूरी करो, 
अब क्या देरी क्या इंकार, 
किस का है इन्तजार । #गौरक्षा_हमारा_कर्तव्य 

🚩8 ) मनोज ने लिखा है कि तिरंगे की शान कभी कम ना हो पाएगी। गाय माँ की रक्षा में देश की सारी फ़ौज़ लग जायेगी। #गौरक्षा_हमारा_कर्तव्य ! https://twitter.com/ShriManoj9/status/924290655152517121

🚩ऐसे तो कुछ नमूने ही दिखाये गए हैं बाकि हजारों लोग #ट्वीट करके गौ रक्षा की मांग कर रहे हैं।

🚩आपको जानकर हैरानी होगी कि आज गोपाष्टमी का इतना बड़ा #पर्व होने के बाद भी किसी  बड़े नेता ने गोपाष्टमी की बधाई नही दी और न ही #मीडिया ने कुछ लिखा । #गोपाष्टमी पर्व का जो ट्वीटर पर ट्रेंड चलना चाहिए था वो भी नही चला ।

🚩गौरतलब है कि #गौरक्षा_हमारा_कर्तव्य हैशटेग बापू आसारामजी के #अनुयायियों द्वारा गौ-रक्षा की मांग को लेकर चल रहा है । हजारों ट्वीट्स के द्वारा ये इवेंट टॉप ट्रेंड में दिखने लगा । इस हैशटैग के साथ कुछ समय से कई हिन्दूवादी संगठन भी जुड़ गए हैं ।

🚩आजाद भारत को संत श्री आसारामजी आश्रम द्वारा बताया गया कि बापू ने भारतभर में अनेक गौशालाएं खोली हैं और वहां #हजारों ऐसी #गायें हैं जो दूध न देने के कारण अनुपयोगी मानकर कत्‍लखाने ले जायी जा रही थी। यहाँ उनका पालन-पोषण व्‍यवस्थित ढंग से किया जाता है ।

🚩उन्होंने आगे बताया कि बापू की प्रेरणा से #आश्रम, #समितियाँ, युवा सेवा संघ, महिला मंडल एवं बापू के असंख्य शिष्यों द्वारा उनके निर्देशानुसार गोपाष्टमी पर्व हर साल #देशभर में विशाल स्तर पर मनाया जाता है ।

🚩इस बार भी आश्रम, #समितियों, #युवा सेवा संघ, महिला मंडल एवं बापूजी के असंख्य शिष्यों द्वारा गोपाष्टमी पर्व पर गौशालाओं के अलावा गाँव-गाँव जाकर गायों को #पुष्टिवर्धक #लड्डू खिलायें गए तथा गौ-रक्षा यात्राएँ निकाली गई । लोगों को गौ-रक्षा एवं गौसेवा के लिए प्रेरित किया गया ।

🚩 इस दिन गौसेवा के विभिन्न वार्षिक #सेवा-अभियानों का नवीनीकरण करके आगामी वर्ष के लिए #संकल्प भी किया गया ।

🚩जिस दिन भारतवासी गौ का सम्मान, गंगा का महत्त्व और #गीता का ज्ञान अंगीकार कर लेंगे, उस दिन विश्व के शिखर पर पहुँचने का #भारत का स्वप्न साकार हो जायेगा ।

🚩गौ-हत्या को रोकने के लिए हर व्यक्ति को अपने स्तर पर पहल करनी होगी । इसके लिए आज से ही #संकल्प करें :

🚩1). गाय के #चमड़े व चर्बी से बनी वस्तुओं, जैसे - #बेल्ट, पर्स, कपड़े, जूते आदि का उपयोग नहीं करेंगे । #देशी गाय का दूध खरीदेंगे तथा उसके घी, झरण व गोबर से बने उत्पादों, जैसे - फिनायल, धूपबती, औषधि आदि का उपयोग करेंगे तथा दुकानों में माँग करेंगे ।

🚩2). स्वयं #गौ-पालन करेंगे तथा अन्य लोगों को भी गौ-पालन के लिए प्रेरित करेंगे ।

🚩गाय के शरीर में सूर्य की गो-किरण शोषित करने की अद्भुत शक्ति होने से उसके #दूध, घी, झरण आदि में स्वर्णक्षार पाये जाते हैं जो आरोग्य व प्रसन्नता के लिए ईश्वरीय वरदान हैं । पुण्‍य व स्‍वकल्‍याण चाहनेवाले #मनुष्यों को #गौ-सेवा अवश्‍य करनी चाहिए ।


🚩Official Azaad Bharat Links:👇🏻


🔺Youtube : https://goo.gl/XU8FPk


🔺 Twitter : https://goo.gl/kfprSt

🔺 Instagram : https://goo.gl/JyyHmf

🔺Google+ : https://goo.gl/Nqo5IX

🔺 Word Press : https://goo.gl/ayGpTG

🔺Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ