November 20, 2017
लड़की की मेडिकल जाँच रिपोर्ट से रेप या यौन-शोषण की पुष्टि नहीं हुई है । लड़की का मेडिकल करनेवाली डॉ. शैलेजा वर्मा ने अदालत में दिए बयान में कहा : ‘‘मेडिकल के दौरान लड़की के शरीर पर रत्तीभर भी खरोंच के निशान नहीं थे और न ही प्रतिरोध के कोई निशान थे ।’’
15 अगस्त की तथाकथित घटना के समय भी लड़की उसी व्यक्ति के साथ रात में कई बार फोन पर संपर्क में थी । लड़की की इस कॉल डिटेल को इन्वेस्टीगेशन ऑफिसर चंचल मिश्रा ने छुपाकर रखा । लड़की के फोन की कॉल डिटेल तो चार्ज शीट में लगाई गई, परंतु 12 अगस्त से 17 अगस्त 2013 की कॉल डिटेल्स हटाकर लगाई गई । जो कॉल डिटेल्स लगाई गई उसमें भी कई मन्युपुलशन्स किये गए । जब उस कॉल डिटेल से संबंधित नोडल ऑफिसर का सरकार की तरफ से न्यायालय के सामने बयान हुआ, तब उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि चंचल मिश्रा द्वारा प्रस्तुत कॉल डिटेल प्रमाणित नहीं है । बचाव पक्ष की तरफ से, लड़की तथाकथित घटना के समय जिस व्यक्ति के साथ फोन पर सम्पर्क में थी, उस व्यक्ति की कॉल डिटेल न्यायालय के सामने प्रस्तुत करके उससे संबंधित नोडल ऑफिसर की जब न्यायालय के सामने गवाही करवाई गयी तब उन्होंने मूल प्रमाणित कॉल डिटेल के साथ सच को उजागर किया ।
प्रसिद्ध न्यायविद् सुब्रमण्यम स्वामी जी का केस स्टडी के बाद का वक्तव्य :-
सूरत (गुजरात) का केस
बापू आसारामजी के गवाहों की हत्या
हिन्दू धर्मगुरु आसारामजी बापू पिछले चार साल तीन महीने से जोधपुर जेल में बंद हैं, उनके ऊपर शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश) की एक लड़की ने छेड़छाड़ी का आरोप और सूरत (गुजरात) की एक लड़की ने रेप का आरोप लगाया है, पर उन पर अभी तक एक भी आरोप सिद्ध नही हुआ है फिर भी सालों से बिना जमानत जेल में हैं !!
Revelations coming out in the case of Asaram Bapu, . |
आइये जाने इस केस के पीछे छुपे कुछ ऐसे तथ्य जिससे आजतक आपको अनभिज्ञ रखा गया ।
आज हम आपको लीगल पॉइंट से बताते हैं बापू आसारामजी केस की सच्चाई !!
आज हर हिन्दुस्तानी का अधिकार बनता है ये जानने का कि आखिर देश में क्या हो रहा है और मीडिया आपतक कितनी सही खबरें पहुँचा रहा है ।
जोधपुर के केस की हकीकत :-
शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश) की रहने वाली, छिंदवाड़ा (मध्यप्रदेश) गुरुकुल में पढ़ती थी, लड़की ने
9 अगस्त 2013 को गुरुकुल छोड़कर अपने माता-पिता के साथ घर चली जाती है। जोधपुर में 15 अगस्त 2013 को बापू आसारामजी के पास जोधपुर (राजस्थान) में उसके माता-पिता आते हैं और बोलते हैं कि हमारी बेटी को किसी भूत-प्रेत की छाया है, 15 अगस्त की रात को बापू आसारामजी की कुटिया के सामने वाले घर में अपने पहचान वाले के यहाँ रुकते हैं, सुबह 16 अगस्त को हँसते-खेलते अपने घर शाहजहांपुर चले जाते हैं, घर के मालिक के बच्चों को 100-100 रुपए खर्ची भी देते हैं ।
9 अगस्त 2013 को गुरुकुल छोड़कर अपने माता-पिता के साथ घर चली जाती है। जोधपुर में 15 अगस्त 2013 को बापू आसारामजी के पास जोधपुर (राजस्थान) में उसके माता-पिता आते हैं और बोलते हैं कि हमारी बेटी को किसी भूत-प्रेत की छाया है, 15 अगस्त की रात को बापू आसारामजी की कुटिया के सामने वाले घर में अपने पहचान वाले के यहाँ रुकते हैं, सुबह 16 अगस्त को हँसते-खेलते अपने घर शाहजहांपुर चले जाते हैं, घर के मालिक के बच्चों को 100-100 रुपए खर्ची भी देते हैं ।
19 अगस्त को रात्रि 2:45 AM को बापू आसारामजी के विरूद्ध दिल्ली के कमला मार्केट पुलिस थाणे में जीरो एफ. आई. आर.दर्ज हुई, पर संदिग्ध तरीके से उस रजिस्टर के कई पन्ने फाड़ दिए गए । ऐसे केस में पहले मैजिस्ट्रेट की परमिशन ली जाती है फिर लड़की का मेडिकल होता है पर यहाँ लड़की का रातो-रात मेडिकल किया गया और अगले दिन उसके मैजिस्ट्रेट के सामने बयान हुए ।
20 अगस्त 2013 को लड़की के मैजिस्ट्रेट के सामने बयान होने के बावजूद FIR मैजिस्ट्रेट को नहीं दी गयी, अगले दिन 21 तारीख को दी गयी है । FIR व FIR की कार्बन कॉपी में भी अंतर पाया गया है । जिसका स्पष्टीकरण सम्बन्धित पुलिस कर्मी न्यायालय के सामने हुई अपनी गवाही में नहीं दे पाया है ।
कमला मार्केट पुलिस थाणे के कांस्टेबल ने लड़की की FIR लिखते समय जो वीडियो रिकॉर्डिंग की थी उसे मिटाया या गायब किया गया है । वह रिकॉर्डिंग आज तक न्यायालय के सामने नहीं आई है । महिला पश्चिम पुलिस थाना, जोधपुर की investigation officer चंचल मिश्रा व कमला मार्केट पुलिस थाणे की ASI पुष्पलता ने न्यायालय के सामने हुई अपनी गवाही में यह बात स्वीकार की है ।
बापू आसारामजी कार्यक्रम में व्यस्त :-
बापू आसारामजी 15 अगस्त 2013 की रात 9 बजे से 10:30 बजे तक सत्संग कर रहे थे । सत्संग के बाद पूना व सुमेरपुर के परिवाए के बीच हुई सगाई के निमित्त झुलेलालजी की झाँकी निकाली गयी थी, उस समय भी बापू आसारामजी उपस्थित थे । उस सत्संग के कई फोटो तथा उपस्थित व्यक्तियों की हुई न्यायालय में गवाही इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है । बापू आसारामजी ने दोनों परिवारवालों को रात को 11:30 बजे आशीर्वाद दिया था, वह फोटो भी न्यायालय के सामने सन 2014 से है तथा उसमें उपस्थित परिवारवालों की गवाही भी न्यायालय में हो चुकी है ।
लड़की को कमरे में जाते किसी ने नहीं देखा :-
सरकार की तरफ से 44 गवाह व बचाव पक्ष की तरफ से 31 गवाह examine किये गये । झूठा आरोप लगानेवाली लड़की व उसके माँ- बाप के सिवा ऐसा एक भी गवाह पिछले 4 वर्षों में नहीं आया जिसने यह कहा हो कि उसने लड़की को कुटिया (कमरे) में जाते हुए देखा है । सरकार के पास एक भी सबूत नहीं है और बापू आसारामजी के पक्ष में जो सबूत हैं उन्हें महिला पश्चिम पुलिस थाना, जोधपुर की investigation officer के द्वारा दबाया गया है जिसे डिफेन्स के दौरान उजागर किया गया ।
POCSO व 370 धारा में जांच ठीक से नही हुई :-
छिंदवाडा गुरुकुल में पढ़ने वाली इस लड़की के माँ- बाप जब लड़की को लेने के लिए छिंदवाडा गुरुकुल में आये थे तब दिनांक 9 अगस्त 2013 को लड़की के पिता ने उसे घर ले जाने के लिए निवेदन पत्र अपने हाथों से लिखकर, हस्ताक्षर करके दिया था जो चार्ज शीट में लगा हुआ है । गुरुकुल से माता- पिता स्वयं आकर लड़की को अपने घर ले जाने के बाद लड़की की सम्पूर्ण जिम्मेदारी माता-पिता की है । फिर भी बापू आसारामजी के ऊपर Trafficking of Persons की धारा 370 लगाई गयी है जिसके अंतर्गत आजीवन कारावास की सजा है ।
ऐसे ही लड़की बालिग होते हुए भी POCSO की धारा लगाई गयी है जबकि लड़की के बालिग होने के कई प्रमाण मिलने के बाद भी महिला पश्चिम पुलिस थाना, जोधपुर की investigation officer चंचल मिश्रा ने उनका संशोधन/ अन्वेषण नही किया । लड़की का विद्यालय के दाखिले का आवेदन, रजिस्ट्रेशन फॉर्म तथा उसके एलआईसी के कागजात में लिखी जन्मतिथि के अनुसार वह उस कल्पित घटना के समय बालिग थी, फिर भी उसे नाबालिग मानकर पॉक्सो एक्ट में केस चल रहा है । लड़की की आयु से संबधित सर्वोच्च न्यायालय के जाँच के आदेश के बावजूद पुलिस ने सक्रियता नहीं दिखायी ।
चंचल मिश्रा ने तो इस बात का संशोधन किया कि किस प्रकार से अधिक से अधिक और संगीन से संगीन धाराएं लगाई जा सकें ताकि बेल तक न मिले और बापू आसारामजी को कारावास में रख सके । पर कहते है न "जाको राखे साईयां, मार सके न कोय" ऐसा ही कुछ देखने को मिल रहा है संत आसारामजी बापू के केस में होने वाले खुलासों को देखकर ।
हकीकत यह है कि इनमें से एक भी धारा की परिपुष्टि के लिए सरकार के पास रत्तीभर भी सबूत नहीं है । फिर भी बापू आसारामजी 4 साल 3 महीनों से कारावास में हैं ।
लड़की के कॉल्स और मेसेजेस संदिध पाये गए :-
बापू आसारामजी 15 अगस्त 2013 की रात को सत्संग के बाद अपनी कुटिया में चले गए और लड़की व उसके माता पिता उनके निवास स्थान पर, जहाँ लड़की अपने माँ के फोन से रातभर अलग-अलग समय पर किसी संदिग्ध व्यक्ति के साथ बातचीत व मेसेजेस करती रही । लड़की व उस व्यक्ति के बीच 1 महीने में 1055 मेसेजेस का आदान-प्रदान हुआ है जो असामान्य है ।
षडयंत्र क्रियान्वित करने के मिले कई प्रमाण :-
पंकज दुबे, भोलानंद तथा सतीश वाधवानी की गिरफ्तारी से बापू आशारामजी व उनके पुत्र श्री नारायण साँईं के खिलाफ रची गयी साजिश के कई प्रमाण मिले हैं ।
मुख्य गवाह ने किया बड़ा खुलासा :-
जोधपुर सत्र न्यायालय में मुख्य सरकारी गवाह सुधा पटेल ने बताया कि उनके नाम पर पुलिस ने बापू आसारामजी के खिलाफ जो बयान दर्ज किया है वह झूठा एवं मनगढ़ंत है ।
जोधपुर केस में ‘‘लड़की के फोन रिकॉर्ड्स से पता लगा कि जिस समय पर वह कहती है कि मणाई की कुटिया (जोधपुर के पास) में उसके साथ छेड़छाड़ी हुई, उस समय बापू आसारामजी सत्संग में थे जिसमें 60- 70 लोग उपस्थित थे और लड़की व उसके माता-पिता भी वहाँ सत्संग में उपस्थित थे। बापू आसारामजी पर ‘पॉक्सो एक्ट’ लगवाने हेतु एक झूठा सर्टिफिकेट निकालकर दिखा दिया गया कि लड़की 18 साल से कम उम्र की है । यह केस तो तुरंत रद्द होना चाहिए ।’’
बापू आशारामजी पर 12 साल पुराना रेप का आरोप लगानेवाली सूरत की महिला ने गांधीनगर कोर्ट में एक अर्जी डालकर बताया कि उसने धारा 164 के अंतर्गत (बापू आसारामजी के खिलाफ) पहले जो बयान दिया था वह डर और भय के कारण दिया था । अब वह 164 के अंतर्गत दूसरा बयान देकर केस का सत्य उजागर करना चाहती है । लेकिन पुलिस ने उसका बयान दर्ज नहीं किया ।
डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट से जानकारी मिली है कि 6 मुख्य गवाह हैं,
उनकी गवाही हो चुकी है और वे सब सुरक्षित हैं ।
टेलीविजन में ये दिखाया जा रहा है कि गवाह मर चुके हैं और इसके विपरीत जब मैं कागज में प्रत्यक्ष देखता हूँ तो सब के सब गवाहों को सकुशल और सुरक्षित पाता हूँ।
यह सब देखकर मुझे ऐसा लगता है कि उनके पीछे कोई धनराशि लगाकर कुप्रचार कर रहा है।
आपने हिन्दू धर्मगुरु बापू आसारामजी के केस की सच्चाई पढ़ी, कोई भी समझदार समझ सकता है कि इस केस में षडयंत्र द्वारा फसाएं जाने की बू आ रही है ।
उनकी गवाही हो चुकी है और वे सब सुरक्षित हैं ।
टेलीविजन में ये दिखाया जा रहा है कि गवाह मर चुके हैं और इसके विपरीत जब मैं कागज में प्रत्यक्ष देखता हूँ तो सब के सब गवाहों को सकुशल और सुरक्षित पाता हूँ।
यह सब देखकर मुझे ऐसा लगता है कि उनके पीछे कोई धनराशि लगाकर कुप्रचार कर रहा है।
सुदर्शन न्यूज के मुख्य संपादक सुरेश चव्हाणके और डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी के अनुसार लाखों हिन्दुओं की घरवासपी करवाने तथा करोड़ो लोगों को व्यसनमुक्त करवाने पर विदेशी कंपनियों का अरबों-खबरों का नुकसान हुआ है और ईसाई मिशनरियां जो बापू आसारामजी के कारण धर्मपरिवर्तन नही करा पा रही थी, इसलिए वेटिकन सिटी और विदेशी कम्पनियों की सांठ-गांठ द्वारा तत्कालीन सरकार सोनिया गांधी की अध्यक्षता में एक झूठा केस बनवा और मीडिया द्वारा बदनाम करवाकर बापू आसारामजी को जेल भिजवाया गया है ।
पिछले कुछ दशकों से अन्तराष्ट्रीय षड्यंत्रों के तहत कुछ कानूनों की आड़ में कई निर्दोष हिन्दू संतों व साध्वियों को फँसाकर सनातन संस्कृति को बदनाम किया जा रहा है । उसी कड़ी में जुड़ें हिन्दू धर्मगुरु आशारामजी बापू, जिन्होंने अपना पूरा जीवन समाज के उत्थान में लगा दिया, उन्हें बिना किसी ठोस सबूत, बिना किसी मेडिकल आधार, केवल मोहरा बनायी गयी एक लड़की के झूठे आरोपों के चलते पिछले 4 वर्ष 3 महीने से कारागृह में रखा गया है ।
80 वर्ष की उम्र में लड़खड़ाते स्वास्थ्य के बावजूद इतने लम्बे समय से बापू आसारामजी को कारागृह में रखे जाने से देश-विदेश के अनगिणत लोग व्यथित हैं । बापू आसारामजी पर हो रहे अन्याय के खिलाफ संस्कृति व धर्म रक्षा में लगे अनेक संगठनों एवं साधु-संतों द्वारा आवाज उठायी जा रही है ।
निर्दोष हिन्दू संतों की कड़ी में जुड़ें संत आसारामजी बापू को कब राहत मिलती है इसी पर समाज की नजरें टिकी हैं ।