Sunday, March 25, 2018

देश में अन्नदाता किसानों की हालत बुरी, कर्ज बढ़ने के कारण कर रहे है आत्महत्या

March 25, 2018
🚩किसान मिट्‌टी से सोना उपजाते हैं। वे अपने श्रम से संसार का पेट भरते हैं। कितने भी आधुनिक विकास कर लो लेकिन जब किसान खेती ही नही करेंगे तो जनता खायेगी क्या?
🚩किसान बहुत परिश्रमी होते हैं । वे खेतों में जी-तोड़ श्रम करते हैं । वे मेहनत करके अनाज, फल और सब्जियाँ उगाते हैं । तभी हम अन्य काम कर पाते है इसलिए देश में किसान हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है ।
Farmer's condition in the country is bad, debt is rising due to rising debt
🚩गुजरात राज्य के गाँव में रहते लगभग 58.71 लाख कुटुंब में से खेती के साथ जुड़े 39.30 लाख परिवार है। उसमें से 16.74 लाख परिवार ने खेती के लिए लोन  लिया है। गुजरात के 42.6% किसान कुटुंब कर्जग्रस्त होने के साथ देश मे 14वे नंबर पर है। ये तमाम कर्जग्रस्त कुटुम्बों का औसत प्रति व्यक्ति कर्ज 38,100 रुपये था। जब कि गुजरात में किसान कुटुंब का औसत मासिक आमदनी 7926 है। जो राष्ट्रीय स्तर पर 12वें स्थान पर है।
🚩गुजरात राज्य के ग्रामीय विस्तार में रहते 39.90 लाख जितने किसान कुटुम्ब में 16,74,300 किसान कुटुंबों ने लोन लेते 42.6% किसान कुटुम्ब कर्जग्रस्त है।
🚩किसान बीज, खाद, किट नाशक दवाइयां, ट्रेक्टर किराया, सिंचन, बिजली बिल आदि खरीदने के लिए रकम खर्च रुकावट के साथ कुटुंब की मेहनत, खेत मजदूरों का श्रम, जमीन का किराया और भागिया पद्धति के कारण अधिक खर्च होता है। इस खर्च के सामने उपज कि उचित रकम नहीं मिल पाती हैं और वो कर्जग्रस्त बन जाते है।
🚩गुजरात में कर्जग्रस्त कुटुंबों का औसत कर्ज वर्ष 2013 में 38,100 रुपये था । जिसमे 0.01  हेक्टर से भी कम जमीन के कुटुंबों का 6900 कर्ज है, जब कि 0.40 हेक्टर तक जिन कुटुंबों की जमीन है  उनका कर्ज 12,000 है। 1 हेक्टर तक कि जमीनधारक का कर्ज 25,700 । 1 से 2 हेक्टर जमीनधारक का कर्ज 21 हजार। 2 से 4 हेक्टर जमिधारक पर कर्ज 82 हजार । और  4 से 10 हेक्टर जमीन वाले लोगो पर कर्ज 1.14 लाख जितना है।
🚩आपको बता दे कि देश में सबसे ज्यादा कर्ज में डूबे किसानों आंध्रप्रदेश में 92.9% है। उसके बाद तेलेंगाना के 89.1%, तमिलनाडु के 82.5, केरल के 77.7, कर्नाटक के 77.6, राज्यस्थान के 61.8, ओड़िसा के 57.5, महाराष्ट्र के 57.3, पंजाब के 53.2, बंगाल के 51.5, उत्तरांचल के 50.8, मध्यप्रदेश के 45.7 और उत्तरप्रदेश के 43.8% के साथ गुजरात के किसान कुटुंब 42.6% के साथ 14वें नंबर पर है।
🚩गुजरात राज्य के किसान कुटुंबों की औसत मासिक आवक राष्ट्रीय स्तर पर 12वें स्थान पर रुपये 7926 है। जब कि सबसे ज्यादा पंजाब में रुपये 1805, हरियाणा में 14434, जम्मू-कश्मीर में 12683, केरल में 11888, मेघालय में 11792, अरुणाचल प्रदेश में 10869, नागालैंड में 10048, मिज़ोरम में 9099, मणिपुर में 8842, कर्नाटक में 8832, हिमाचल प्रदेश में 8777, महाराष्ट्र में 7386 और राज्यस्थान में 7350 आमदनी है। राज्य में किसानों की आवक बढ़ाने के लिए सिचाई व्यवस्था के एक्सटेंशन ऑपरेशन को तात्कालिक बनाने की जरूरत है। जब कि किसानों को उनकी उपज के अनुसार कीमत मिले इसलिए स्वामीनाथ समिति द्वारा हुई भलाई अनुसार उपज के कुल खर्च में 50% रकम अधिक दी जाए तो किसान कर्ज से मुक्त हो सकते है। स्त्रोत : मेरन्यूक नेटवर्क
🚩आपको बता दे कि 1995 से  31 मार्च 2013 तक के आंकड़े बताते हैं कि अब तक 2,96 438 किसानों ने आत्महत्या की है ।
🚩असल में खेती की बढ़ती लागत और #कृषि_उत्पादों की गिरती कीमत किसानों की निराशा की सबसे बड़ी वजह रही है ।
🚩किसानों के खर्च में बहुत तेजी से बढ़ोतरी हुई है इसमें सिंचाई के लिए बनाने वाले बोरवेल के लिए भूजल स्तर में भारी गिरावट के चलते महंगे हो गए,  बोने वाले बीज महंगे हो गये , बिजली महँगी हो गई उसके बाद भी जब फसल आती है तब दाम बहुत कम हो जाते है जिससे किसानों को घाटा होता है और किसान आत्महत्या कर लेते है ।
🚩 मौसम की बारिश, ओले और तेज हवाओं ने किसानों की तैयार फसलों को बर्बाद करता हैं, उसका झटका बहुत से किसान नहीं झेल पाते हैं।
🚩#सरकार से लोन नही मिलती है लोन भी मिलती है तो बहुत कम ।
नीचे गिरते #जल स्तर के चलते वहां बोरवेल के लिए #बैंकों से कर्ज नहीं मिलते है और साहूकारों से कर्ज लेना किसानों के लिए घातक साबित होता है ।
🚩कई किसानों के #बच्चों की #शिक्षा से लेकर लड़कियों की शादियां तक अटकी हुई हैं ।
🚩फसलों की गिरती कीमतें !
🚩जब किसानों की फसलें तैयार होती है तो कीमतों में भारी गिरावट आती है इसलिए किसानों की आय बहुत कम होती है ।
🚩किसानों ने आत्महत्याएं किये इससे साफ है कि आर्थिक रूप से उनका बहुत कुछ दाँव पर लगा था, जो बर्बाद हो गया । केंद्र और राज्य सरकारों के तमाम ब्यानों में भी उसे भरोसा नहीं दिखा क्योंकि ये कभी किसान की मदद के लिए बहुत कारगर कदम नहीं उठा पाई हैं ।
🚩इस तरह की आपदा के बाद किसानों को राहत के लिए दशकों पुरानी व्यवस्था और मानदंड ही जारी हैं ।
🚩सरकार ने इस व्यवस्था को व्यवहारिक बनाने और वित्तीय राहत प्रक्रिया को तय समय सीमा में करने के लिए कदम नहीं उठाए हैं ।
🚩भले ही जनधन में करोडों खाते खुल गये हों, आधार नंबर से जुड़ने वाले #बैंक खाते लगभग पूरी आबादी को कवर करने की ओर जा रहे हों, लेकिन किसानों की मदद के लिए अभी भी बेहद पुरानी, लंबी और लाचार व्यवस्था ही जारी है ।
🚩किसानों के बढ़ते संकट का निवारण करने के लिए सरकार द्वारा किसानों का कर्ज माफ किया जाये , सिंचाई के लिए बोरवेल बनवाकर दिये जाएँ और फसल के दाम में वृद्धि हो ।
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Saturday, March 24, 2018

राम-राज्य की महिमा आज लाखों-लाखों वर्षों के बाद भी गायी जाती है

🚩रामावतार को लाखों वर्ष हो गये लेकिन श्रीरामजी अभी भी जनमानस के हृदय-पटल से विलुप्त नहीं हुए ।  क्यों...???
क्योंकि #श्रीरामजी का #आदर्श जीवन, उनका आदर्श #चरित्र हर #मनुष्य के लिए अनुकरणीय है ।
🚩‘श्री #रामचरितमानस में वर्णित यह आदर्श चरित्र विश्वसाहित्य में मिलना दुर्लभ है ।
🚩एक आदर्श पुत्र, आदर्श भाई, आदर्श पति, आदर्श पिता, आदर्श शिष्य, आदर्श योद्धा और आदर्श राजा के रूप में यदि किसीका नाम लेना हो तो #भगवान श्रीरामजी का ही नाम सबकी जुबान पर आता है ।
🚩इसीलिए राम-राज्य की महिमा आज लाखों-लाखों वर्षों के बाद भी गायी जाती है ।
🚩भगवान श्रीरामजी के #सद्गुण ऐसे तो विलक्षण थे कि पृथ्वी के प्रत्येक धर्म, सम्प्रदाय और जाति के लोग उन #सद्गुणों को अपनाकर लाभान्वित हो सकते हैं ।
The glory of the Rama-state is sung even after millions of millions of years

🚩श्रीरामजी सारगर्भित बोलते थे । उनसे कोई मिलने आता तो वे यह नहीं सोचते थे कि पहले वह बात शुरू करें या मुझे प्रणाम करें। सामनेवाले को संकोच न हो इसलिए श्रीरामजी अपनी तरफ से ही बात शुरू कर देते थे ।
🚩श्रीरामजी प्रसंगोचित बोलते थे । जब उनके राजदरबार में धर्म की किसी बात पर निर्णय लेते समय दो पक्ष हो जाते थे, तब जो पक्ष उचित होता श्रीरामजी उसके समर्थन में इतिहास, पुराण और पूर्वजों के निर्णय उदाहरण रूप में कहते, जिससे अनुचित बात का समर्थन करनेवाले पक्ष को भी लगे कि दूसरे पक्ष की बात सही है ।
🚩श्रीरामजी दूसरों की बात बड़े ध्यान व आदर से सुनते थे । बोलनेवाला जब तक अपने और औरों के अहित की बात नहीं कहता, तब तक वे उसकी बात सुन लेते थे । जब वह किसीकी #निंदा आदि की बात करता तब देखते कि इससे इसका अहित होगा या इसके चित्त का क्षोभ बढ़ जायेगा या किसी दूसरे की हानि होगी, तब वे सामनेवाले की बातों को सुनते-सुनते इस ढंग से बात मोड़ देते कि बोलनेवाले का अपमान नहीं होता था । श्रीरामजी तो शत्रुओं के प्रति भी कटु वचन नहीं बोलते थे ।
🚩युद्ध के मैदान में श्रीरामजी एक बाण से #रावण के #रथ को जला देते, दूसरा बाण मारकर उसके हथियार उड़ा देते फिर भी उनका चित्त शांत और सम रहता था । वे रावण से कहते : ‘लंकेश ! जाओ, कल फिर तैयार होकर आना ।
🚩ऐसा करते-करते काफी समय बीत गया तो देवताओं को चिंता हुई कि रामजी को क्रोध नहीं आता है, वे तो समता-साम्राज्य में स्थिर हैं, फिर रावण का नाश कैसे होगा ? लक्ष्मणजी, हनुमानजी आदि को भी चिंता हुई, तब दोनों ने मिलकर प्रार्थना की : ‘प्रभु ! थोडे कोपायमान होइये ।
तब श्रीरामजी ने क्रोध का आवाहन किया : क्रोधं आवाहयामि । ‘क्रोध ! अब आ जा ।
🚩श्रीरामजी क्रोध का उपयोग तो करते थे किंतु क्रोध के हाथों में नहीं आते थे । हम लोगों को क्रोध आता है तो क्रोधी हो जाते हैं, लोभ आता है तो लोभी हो जाते हैं, मोह आता है तो मोही हो जाते हैं, शोक आता है तो शोकातुर हो जाते हैं लेकिन श्रीरामजी को जिस समय जिस साधन की आवश्यकता होती थी, वे उसका उपयोग कर लेते थे ।
🚩श्रीरामजी का अपने मन पर बडा विलक्षण नियंत्रण था । चाहे कोई सौ अपराध कर दे फिर भी रामजी अपने चित्त को क्षुब्ध नहीं होने देते थे ।
🚩सामनेवाला व्यक्ति अपने ढंग से सोचता है, अपने ढंग से जीता है, अतः वह आपके साथ अनुचित व्यवहार कर सकता है परंतु उसके ऐसे व्यवहार से अशांत होना-न होना आपके हाथ की बात है ।
यह जरूरी नहीं है कि सब लोग आपके मन के अनुरूप ही जियें ।
🚩श्रीरामजी #अर्थव्यवस्था में भी निपुण थे  । ‘#शुक्रनीति और ‘#मनुस्मृति में भी आया है कि जो धर्म, संग्रह, परिजन और अपने लिए - इन चार भागों में अर्थ की ठीक से व्यवस्था करता है वह आदमी इस लोक और परलोक में सुख-आराम पाता है ।

🚩श्रीरामजी धन के उपार्जन में भी कुशल थे और उपयोग में भी । जैसे मधुमक्खी पुष्पों को हानि पहुँचाये बिना उनसे परागकण ले लेती है, ऐसे ही श्रीरामजी प्रजा से ऐसे ढंग से कर (टैक्स) लेते कि प्रजा पर बोझ नहीं पड़ता था । वे प्रजा के हित का चिंतन तथा उनके भविष्य का सोच-विचार करके ही कर लेते थे ।
🚩प्रजा के संतोष तथा विश्वास-सम्पादन के लिए श्रीरामजी राज्यसुख, गृहस्थसुख और राज्यवैभव का त्याग करने में भी संकोच नहीं करते थे ।
इसीलिए श्रीरामजी का राज्य आदर्श राज्य माना जाता है ।
🚩#राम-राज्य का वर्णन करते हुए ‘श्री रामचरितमानस में आता है :
बरनाश्रम निज निज धरम निरत बेद पथ लोग ।
चलहिं सदा पावहिं सुखहि नहिं भय सोक न रोग ।।... ...
🚩‘राम-राज्य में सब लोग अपने-अपने वर्ण और आश्रम के अनुकूल धर्म में तत्पर हुए सदा वेद-मार्ग पर चलते हैं और सुख पाते हैं । उन्हें न किसी बात का भय है, न शोक और न कोई रोग ही सताता है ।
🚩राम-राज्य में किसीको आध्यात्मिक, आधिदैविक और आधिभौतिक ताप नहीं व्यापते । सब मनुष्य परस्पर प्रेम करते हैं और वेदों में बतायी हुई नीति (मर्यादा) में तत्पर रहकर अपने-अपने धर्म का पालन करते हैं ।
🚩धर्म अपने चारों चरणों (सत्य, शौच, दया और दान) से जगत में परिपूर्ण हो रहा है, स्वप्न में भी कहीं पाप नहीं है । पुरुष और स्त्री सभी रामभक्ति के परायण हैं और सभी परम गति (मोक्ष) के अधिकारी हैं ।
( संत श्री आशारामजी आश्रम ऋषि प्रसाद से )
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Friday, March 23, 2018

पॉक्सो एक्ट के तहत चल रहे बापू आसारामजी के केस में आरोप लगाने वाली लड़की निकली बालिग

March 21, 2018

अनुसूचित जाति जनजाति अदालत के पीठासीन अधिकारी श्री मधुसुदन शर्मा आरएचजेएस की अदालत में पिछले साढ़े 4 साल से बिना किसी सबूत के जोधपुर जेल में बंद हिन्दू संत बापू आसारामजी के केस में बचाव पक्ष (बापू आसारामजी का पक्ष) की ओर से अंतिम बहस पूरी हो चुकी है और अभियोजन पक्ष (लड़की का पक्ष) की ओर से 20.03.2018 से बहस शुरू हो चुकी है । 


जिसमें सबसे बड़ा आश्चर्यजनक खुलासा जो सामने आया है वो ये है कि जिस पॉक्सो एक्ट (जो लड़की के नाबालिक होने पर लगता है)  के तहत बापू आसारामजी को पिछले साढ़े चार साल से उनके लड़खड़ाते स्वास्थ्य के बावजूद बेल तक नहीं दी गई, उसमें अभियोजन पक्ष (लड़की का पक्ष) आजतक लड़की को नाबालिग नहीं साबित कर पाया ।
In the case of Bapu Asaramji, under the pocso act Accusatory girl Found Adult

बापू आसारामजी के वकील सुराणा जी ने मीडिया में बताते हुए स्पष्ट किया कि लड़की के वकील ने न्यायालय में इस बात को स्वीकार कर लिया है कि वो लड़की को नाबालिग नहीं साबित कर पाए । क्योंकि वे लड़की के matriculation certificate को साबित नहीं करवा सके हैं । इस प्रकार लड़की का बालिग होना स्वतः ही सिद्ध हो चुका है । ऐसी स्थिति में लड़की को दोबारा बुलाया जाए इसके लिए लड़की के वकील ने एक ऐसी दरख्वास्त लगाई जिसने अभियोजन पक्ष के केस को पूरा ध्वस्त करके रख दिया । इस प्रकार की दरख्वास्त न तो कभी किसी ने आज तक लगाई है और न कोई लगा सकता है ।

सुराणा जी आगे बताया कि लड़की के वकील ने ये भी तर्क दिया कि हमसे बहुत भारी भूल हो गई है, इसलिए लड़की को दोबारा धारा 311 के अंतर्गत  तलब किया जाए। 

इस बात पर न्यायालय ने अभियोजन पक्ष को कहा कि आप बताइए कि आपकी अर्जी किस प्रकार से कानून में चल सकती है ? जब 2014 से लड़की के बयान न्यायालय में 3 महीने निरंतर चल रहे थे, उसके माता-पिता के भी बयान हुए और आपके पास सारे दस्तावेज भी उपलब्ध थे तब आपने उन्हें क्यों साबित नहीं करवाया? 

इसके लिए अभियोजन पक्ष के पास में कोई जवाब नहीं था और मीडिया के द्वारा जो सारा मामला पब्लिक के सामने रखा गया उससे साबित हो गया कि कैसे अभियोजन पक्ष ने झूठी और मनगढ़ंत कहानी के आधार पर बापू आसारामजी को इतने सालों से जेल में रखा ।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश से उम्र संबंधी असली दस्तावेज जब बचाव पक्ष के द्वारा कोर्ट में साबित करवाये गए, उससे ये सिद्ध हो गया कि आरोप लगाने वाली लड़की जिसको नाबालिग बताकर बापू आसारामजी पर पॉक्सो एक्ट लगाया गया वो वास्तव में बालिग है ।

अधिवक्ता सुराणा जी ने आगे कहा कि अभियोजन पक्ष इतने भयाक्रांत हो गए थे कि matriculation certificate को साबित करवाने की ताकत नहीं थी उनमें । इस प्रकार से सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बचाव पक्ष की ओर से continuously दस्तावेज न्यायालय में साबित करवाए गए हैं । उसमें अलग-अलग दस्तावेजों में लड़की की उम्र में variations आ रही है किसी दस्तावेज में वो 20 साल की साबित हो रही है, किसी में 19 साल की साबित हो रही है ।

इस प्रकार से आजतक के न्यायालय में पेश हुए सबूतों के आधार पर लड़की बालिग सिद्ध हो चुकी है ।

इससे पहले भी अधिवक्ता सुराणा जी द्वारा मीडिया में ऐसे कई सनसनीखेज़ खुलासे किये गए हैं जिससे स्पष्ट है कि बापू आसारामजी को षड्यंत्र के तहत फंसाया गया है ।

आइये जाने! केस के पीछे छुपे ऐसे कुछ तथ्य जिससे आजतक समाज अनभिज्ञ रहा । 

1. घटना के 5 दिन बाद FIR करवाई गई ।  वो भी जोधपुर की घटना बताकर FIR जोधपुर से 600 कि.मी.दूर दिल्ली में रात्रि 2:45 बजे ।

2. हेल्पलाइन #रजिस्टर के कई #पन्ने #संदिग्ध तरीके से #फाड़ें गए ।

3. 20.08.2013 को लडकी के न्यायालय में मैजिस्ट्रेट के सामने 164 के बयान होने के बाद F.I.R. 21.08.2013 को न्यायालय में पेश की गई ।

4. कमला मार्केट पुलिस स्टेशन, दिल्ली में F.I.R. लिखते समय की गई वीडियो रिकॉर्डिंग गायब कर दी गई, जो आज तक न्यायालय में प्रस्तुत नहीं की गई ।

5. ओरिजिनल एफ.आई.आर. को बदल दिया गया, FIR और FIR की कार्बन कॉपी में अंतर पाया गया ।

6. जोधपुर के पुलिस स्टेशन में लडकी के बयान रिकोर्ड करते समय की गयी वीडियो रिकार्डिंग में कई जगह interruptions पाए गए | 

7.मेडिकल में भी लड़की के शरीर पर एक खरोंच का भी निशान नहीं पाया गया ।

8. उम्र संबंधी अलग-अलग सर्टिफिकेट में लड़की की अलग-अलग उम्र पाई गई ।

9. अनुसंधान अधिकारी चंचल मिश्रा द्वारा 12 अगस्त से 17 अगस्त 2013 (घटना के समय) की कॉल डिटेल हटाकर कोर्ट में पेश की गई ।

10. लड़की की कॉल डिटेल से स्पष्ट हुआ कि घटना की रात लड़की किसी संदिग्ध व्यक्ति से फोन द्वारा संपर्क में थी ।

11. तथाकथित घटना के समय बापू आसारामजी मँगनी कार्यक्रम में व्यस्त थे, लड़की कुटिया में गई ही नहीं ।

अधिवक्ता सुराणा जी ने बताया कि लड़की के माँ-बाप ने जयपुर में भी एक वकील को झूठा मुकदमा दर्ज करवाने के लिए मोटी रकम देने का ऑफर दिया था । इस बात की पुष्टि खुद उस वकील ने न्यायालय में अपने बयान में की । 

पचास करोड़ की फिरौती के लिए मणाई कुटिया का पूरा घटनाक्रम तैयार किया गया ।

इससे पहले डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने भी कई बार खुलासा किया है कि बापू आसारामजी को धर्मपरिवर्तन पर रोक लगाने और लाखों हिन्दुओं की घरवापसी कराने के कारण षडयंत्र के तहत जेल भिजवाया गया है ।

गौरतलब है कि बापू आसारामजी का समाज व देशहित के सेवाकार्यों में अतुलनीय योगदान रहा है जिसकी भूरी-भूरी प्रशंसा बड़ी-बड़ी सुप्रसिद्ध हस्तियों ने उनके आश्रम को प्रशस्ति पत्र देकर की है ।

आइये अब बापू आसारामजी द्वारा हुए सेवाकार्यों पर भी नजर डालें ।

ईसाई मिशनरियों को दिन के तारे दिखाकर, लाखों ईसाई बने हिंदुओं की घरवापसी करवाई बापू आसारामजी ने ।

शिकागो विश्व धर्मपरिषद में स्वामी विवेकानंदजी के 100 साल बाद 
जाकर हिन्दू संस्कृति का परचम लहराया बापू आसारामजी ने ।

 कत्लखाने जाती हजारों गौ-माताओं को बचाकर, उनके लिए विशाल गौशालाओं का निर्माण करवाया बापू आसारामजी ने ।

अभी हाल ही में राजस्थान पशु पालन विभाग की ओर से उनकी निवाई गौशाला को राजस्थान की सर्वश्रेष्ठ गौशाला घोषित कर पुरस्कृत किया गया है।


 विदेशी कंपनियों से हो रही शारीरिक व आर्थिक हानि से देश को बचाकर आयुर्वेद/होम्योपैथी का प्रचार-प्रसार कर एलोपैथिक दवाईयों के कुप्रभाव से होने वाले रोगों से समाज को सचेत किया बापू आसारामजी ने ।

पाकिस्तान, अमेरिका, चाईना आदि बहुत सारे देशों में जाकर सनातन हिंदू धर्म का ध्वज फहराया बापू आसारामजी ने ।

देश में बढ़ती वृद्धाश्रमों की संख्या व बुजुर्ग माता-पिता की वेदना से व्यथित हो युवावर्ग को वेलेंटाइन डे जैसी कुरीति से मोड़कर "मातृ-पितृ पूजन दिवस" 
जैसी अनोखी पहल की बापू आसारामजी ने, जिसे आज विश्वस्तर पर मनाया जाने लगा है । 

क्रिसमस डे के दिन क्रिसमस ट्री के बजाय हिन्दू संस्कृति में पूजनीय, माँ तुलसी की पूजा करके ये दिन हिन्दू संस्कृति के अनुसार मनाने को प्रेरित किया बापू आसारामजी ने ।

 बिकाऊ मीडिया को रुपयों के पैकेज ना देकर जगह-जगह पर गरीब इलाकों में चलचिकित्सालय चलवाकर निःशुल्क दवाईयाँ उपलब्ध करवाई बापू आसारामजी ने ।

पिछले 50 वर्षों से लगातार आदिवासियों के बीच मुफ्त भंडारा,मकान, कपड़े, अनाज व दक्षिणा बांटने के साथ-साथ उन्हें हिन्दू संस्कृति की महिमा बताई बापू आसारामजी ने ।

 नशा मुक्ति अभियान के द्वारा लाखों लोगों को व्यसन-मुक्त करवाया बापू आसारामजी ने, जिसका भारी नुकसान विदेशी कंपनियों को झेलना पड़ा ।

महिलाओं के सर्वागीण विकास के लिए जगह-जगह पर महिला मंडलों द्वारा नारी सशक्तिकरण के लिए कई अभियान चलाये बापू आसारामजी ने ।

17000 से भी अधिक बाल संस्कार केंद्र और अनेकों गुरुकुलों द्वारा बच्चों के सर्वागीण विकास के साथ-साथ बचपन से ही उन्हें अपनी संस्कृति की ओर अभिमुख किया बापू आसारामजी ने ।

हाई रेंज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, संत श्री आशारामजी गुरुकुल, अहमदाबाद द्वारा बनाया गया विश्व में सबसे ऊंचा मानव पिरामिड ।


भौतिकता और आध्यात्मिकता का समन्वय कर मानव में छुपी शक्तियों को जगाकर भारत को विश्वगुरु के पद पर आसीन करवाने में सदैव प्रयासरत रहने वाले बापू आसारामजी, जिनको "भारत रत्न" की उपाधि से अलंकृत करना चाहिए वो संत बिना किसी सबूत के सालों से जेल में हैं ।

आज करोड़ों लोगों की नजरें सरकार व न्यायालय की ओर हैं कि वो कब देशहित, समाजहित, प्राणिमात्र के हित में सेवारत रहने वाले बापू आसारामजी के साथ इंसाफ करती हैं ।

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Thursday, March 22, 2018

अध्ययन में हुआ बड़ा खुलासा : सॉफ्ट ड्रिंक्स में पाये गए जहरीली धातुओं के अंश


March 22, 2018

🚩#सरकार के एक अध्ययन के अनुसार #स्वास्थ्य #राज्यमंत्री #फग्गन सिंह कुलास्ते ने #राज्यसभा में बताया है कि कुछ #सॉफ्ट #ड्रिंक्स और #फार्मा #प्रोडक्ट वाली पीईटी बोतलों के सैंपल में भारी धातु मिले हैं जो #स्वास्थ्य के लिए #खतरनाक हैं।

🚩उन्होंने कहा कि #मंत्रालय के #ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड के #अध्ययन में यह बात सामने आई है।

🚩#जिन पीईटी #बोतलों के सैंपल टेस्ट किए गए थे उनमें #स्प्राइट, #माउंटेन #ड्यू, #सेवन अप, #पेप्सी और #कोकाकोला शामिल हैं।

Large disclosure in the study: Part of the toxic metals found in soft drinks
🚩सदन में एक सवाल के लिखित जवाब में कुलास्ते ने कहा कि, 'ये #सैंपल नेशनल टेस्ट हाउस (#कोलकाता ) में जांच के लिए जमा किए गए थे।'

🚩#कुलास्ते ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि #कोलकाता के #ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ हायजीन एंड पब्लिक #हेल्थ ने इसे स्टडी किया था।

🚩#सॉफ्ट ड्रिंक्स की लत से रोजाना हो रही है 504 मौतें !!

🚩आपको बता दें कि #हावर्ड यूनिवर्सिटी में हुए एक शोध के मुताबिक #कोल्ड ड्रिंक (पेप्सी, कोकाकोला) या डिब्बाबंद जूस और हेल्थ ड्रिंक पीने से न सिर्फ ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है बल्कि #इंसुलिन के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता भी विकसित होने लगती है। इससे व्यक्ति धीरे-धीरे #डायबिटीज और #हृदयरोगों (हार्टअटैक) की चपेट में आने लगता है।

🚩#अमेरिका की टफ्ट्स यूनिवर्सिटी में किये गए अध्ययन के अनुसार #सॉफ्ट ड्रिंक की लत से होने वाले रोग जैसे #डायबिटीज से हर साल 1.33 लाख जानें जाती हैं, #हृदयरोग से लगभग 45,000 और #कैंसर से 6,500 लोग मौत के शिकार होते हैं। यानी कुल 1.84 लाख मौतों के लिए #सॉफ्ट ड्रिंक जिम्मेदार है ।

🚩ऐसे #खतरनाक, आपके प्राणों के साथ खेलने वाले #सॉफ्ट ड्रिंक को आप बड़े मजे से पीते हैं और दूसरों को भी पिलाते हैं।

🚩#घर में मेहमान आये तो स्वागतम में #सॉफ्ट ड्रिंक पिलाते हैं ।

🚩अनजाने में क्या आप अपने और #मेहमानों के साथ दुश्मनी का #व्यवहार नहीं कर रहें, ऐसे जहरीले #सॉफ्ट ड्रिंक पीकर और पिलाकर ?

🚩इससे तो आप अपने #मेहमानों को #लस्सी, ताजे #फलों का ज्यूस, #गुलाब शरबत, #नीबू शरबत, #पलाश शरबत पिलाइये जिससे मेहमान भी #स्वस्थ्य रहें और आपका #पैसा भी कम #खर्च हो और पैसा #विदेश में न जाकर #देश में ही रहे ।

🚩#मेरे #भारतवासियों !
#घर के बनाये #पेय पदार्थों का सेवन कर खुद भी #स्वस्थ रहें और अपने मेहनत से कमाएं पैसे का भी सही और उचित जगह उपयोग करके #देश को #समृद्ध बनायें।

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