Sunday, February 17, 2019

मीडिया में छाया सन्नाटा क्योंकि बलात्कारी पादरी को हुई 60 साल की सजा

17 फरवरी  2019

🚩भारत की मीडिया ऐसी है कि किसी भी हिंदुनिष्ठ या हिन्दू साधु-संत पर कोई भी यदि षड्यंत्र के तहत झूठा आरोप भी लगा दे तो उसको चौबीसों घण्टे इतना बढ़ा चढ़ाकर दिखाते हैं मानो सृष्टि का प्रलय हो रहा हो, लेकिन जैसे ही किसी ईसाई या मुस्लिम धर्मगुरु पर आरोप सिद्ध भी हो जाता है तो उसपर मौन रहते है खबरों को छिपाने की पुरजोर कोशिश करते हैं ।
🚩मीडिया इन खबरों को कितना भी छुपाए, लेकिन ईसाई धर्म के सर्वोच्च पोप ने सबके सामने स्वीकार किया है कि "कई पादरी(बिशप) बच्चे-बच्चियों और ननों का यौन शोषण करते हैं उसके लिए हम शर्मिंदा है ।"

🚩वेटिकन के सर्वोच्च पोप ने भले स्वीकार कर लिया हो और रिपोर्ट के अनुसार हजारों पादरियों ने भले बलात्कार किये हो, लेकिन भारतीय मीडिया इसे नहीं मानेगी और ना ही इससे संबंधित खबर दिखाएगी क्योंकि उसे फंडिंग मिलती है ईसाई पादरियों के कुकर्मों की खबरें छुपाने की और हिन्दू धर्मगुरुओं के खिलाफ खबर छापने की ।

🚩बता दें कि अभी हाल ही में एक पादरी को 60 साल की सजा सुनाई गई है पर 2-4 को छोड़कर किसी भी मीडिया चैनल में ये खबर नहीं । 2-4 मीडिया ने कवर किया है वे भी एकदम छोटा सा किसी कोने में जो पता ही न चले ।

🚩आपको बता दें कि कन्नुर(केरल) में 16 फरवरी (आई.ए.एन.एस.) केरल के एक 51 वर्षीय कैथोलिक पादरी रोबिन वडक्कुमचेरी को नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म करने और यौन उत्पीड़न के तीन अलग-अलग मामलों में 60 वर्ष की जेल की सजा सुनाई गई है । थालासेरी के न्यायाधीश पी.एन. विनोद ने वायनाड जिले के मनान्थवाडी डिओसिस के पादरी पर 2016 में एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने के मामले  (जिसके बाद वह गर्भवती हो गई थी) में 3 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है । लड़की ने 7 फरवरी 2017 को बच्चे को जन्म दिया था उसके बाद उसका डीएनए करवाया तो बच्चे और पादरी का एक ही था जिसके कारण 60 साल की सजा सुनाई है ।

🚩ईसाई पादरी पर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के अंतर्गत मामला चलाया गया था ।

🚩आपको बता दें कि पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके है जिसमें पादरियों ने यौन शोषण करके छोटे-छोटे बच्चों की जिंदगी बर्बाद कर दी है, ऐसे हजारों मामले सामने आ चुके हैं पर मीडिया इस पर खबर दिखाने और बहस करने से परहेज कर रही है । मीडिया केवल निर्दोष पवित्र हिन्दू साधु-संतों को ही बदनाम करने में लगी रहती है क्योंकि उसका मकसद है भारतीय संस्कृति के आधार स्तंभ साधु-संतों के प्रति श्रद्धा नष्ट करके भारतीय संस्कृति को मिटाने का और इस कार्य के लिए उसको भारी फंडिग भी मिलती है ।

🚩भारत में यही बलात्कारी पादरी भोले-भाले हिंदूओं का धर्मान्तरण करवाते हैं, हिन्दू देवी-देवताओं को गालियां देते हैं । अब समय आ गया है इनको सबक सिखाने का, सभी इनका बहिष्कार करें ।

🚩गांधीजी कहा करते थे....
"हमें गौमांस भक्षण और शराब  पीने की छूट देने वाला ईसाई धर्म नहीं चाहिए । धर्म परिवर्तन वह ज़हर है जो सत्य और व्यक्ति की जड़ों को खोखला कर देता है । मिशनरियों के प्रभाव से हिन्दु परिवार का विदेशी भाषा, वेशभूषा,रिति रिवाज़ के द्वारा विघटन हुआ है । यदि मुझे क़ानून बनाने का अधिकार होता तो मैं धर्म परिवर्तन बंद करवा देता । इसे तो मिशनरियों ने व्यापार बना लिया है पर धर्म आत्मा की उन्नति का विषय है । इसे रोटी, कपड़ा या दवाई के बदले में बेचा या बदला नहीं जा सकता ।"

🚩हिन्दू समाज से एक हिन्दू, मुस्लिम या ईसाई बने, इसका मतलब यह नहीं कि एक हिन्दू कम हुआ बल्कि हिन्दूसमाज का एक दुश्मन और बढ़ा । -स्वामी विवेकानन्द

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Saturday, February 16, 2019

वैलेंटाइन डे से टक्कर लेता पर्व : मातृपितृ पूजन दिवस

14 फरवरी 2019
🚩जब भी 14 फरवरी निमित्त मातृपितृ पूजन की बात आती है तो सबकी जुबान पर एक ही नाम आता है बापू आसारामजी का ।
जिन्होंने इस अद्भुत पर्व की सौगात संपूर्ण विश्व को दी, जिसे आज विश्वपटल पर देश-विदेश की गणमान्य हस्तियों द्वारा सराहा जा रहा है ।

🚩सन 2006 से शुरू हुए इस पर्व ने आज समाज में अपना एक महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है । ये पर्व न सिर्फ हिन्दू बल्कि मुसलमान और ईसाई धर्म को मानने वाले भी  बड़े उत्साह से मनाते देखे जा रहे हैं ।
कौन से माता-पिता चाहेंगे कि उनकी संतान चरित्रहीन हो..???
🚩किसी भी देश का युवावर्ग उस देश की रीढ़ की हड्डी होता है । पाश्चात्य कल्चर का अन्धानुकरण कर भारत का युवा चारित्रिक पतन की खाई में गिरता चला जा रहा था पर बापू आसारामजी की इस अनूठी मुहिम ने युवाओं का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया और समाज में बढ़ती माता-पिता और बच्चों के बीच की दूरी को दूर किया ।
इसलिए बापू आसारामजी द्वारा शुरू की गई इस अनूठी पहल को हर धर्म, हर जाति द्वारा सराहा गया है ।
🚩#विश्व भर में #अमेरिका, दुबई, सऊदी अरब, केनेडा, पाकिस्तान, बर्मा, नेपाल, इटली, लन्दन आदि कई देशों में स्कूल, कॉलेज, जाहिर स्थल, वृद्धाश्रम, समाज सेवी संस्थाओं, घर, परिवार, मोहल्ले आदि में जगह-जगह पर #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस मनाया गया ।
🚩माता-पिता अपने बच्चों सहित अपने-अपने क्षेत्रों में जहाँ-जहाँ ये कार्यक्रम आयोजित किये गए वहाँ-वहाँ बड़ी संख्या में पधारे और एक नये #उत्साह, नये संस्कार, एक नयी दिव्य अनुभूति, और एक अनोखे हर्ष के साथ सबके मुखमंडल प्रफुल्लित हो उठे ।
🚩सच में जिन्होंने भी इस पर्व को मनाया, अपने #माता-पिता की पूजा की, अपनी #दिव्य #संस्कृति को अपनाया, उनके जीवन में कुछ नया देखने को जरूर मिला ।
🚩पूजन में आये परिजनों का कहना था कि हम अपने बच्चों को इतने ऊँचे संस्कार देने का कभी सोच भी नहीं सकते थे। जिन महापुरुष ने इस संस्कारी दिवस की नींव रखी है, जो हमने यहाँ अनुभव किया, तो हमें नहीं लगता कि उन्होंने कुछ गलत किया होगा ।यह सब देखकर तो अब हमारी भी तीव्र इच्छा होने लगी है बापूजी के दर्शन की । देशभर से कई युवा सेल्फी वीडियो बनाकर मातृ पितृ पूजन दिवस को अपना समर्थन दे रहे हैं ।
🚩#ग्राउंड लेवल से लेकर सोशल मीडिया तक बड़े जोरशोर से मातृपितृ पूजन दिवस की धूम मची है ।
आज ट्विटर पर लाखों ट्वीट्स द्वारा लोग बापू आसारामजी की इस अनूठी पहल का स्वागत करते दिखे ।
🚩वैलेंटाइन डे से टक्कर लेता ट्रेंड
#HappyParentsWorshipDay टॉप 5 में ट्रेंड करता रहा, जिसमें लोग इस पर्व की भूरी-भूरी प्रशंसा कर रहे थे ।
आइये पेश हैं कुछ नमूने :
🚩1.) ज्योति गंभीर लिखती हैं कि
विदेशी संस्कृति को भगायेंगे,
भारतीय संस्कृति को अपनाएंगे ।
आइये अब से हम सब भी पूज्य  Sant Shri Asaram Bapu Ji द्वारा प्रेरित #14फरवरी_मातृपितृ_पूजन_दिवस मनाएंगे ।
क्योंकि प्रेम तो निर्दोष होता है ।
#HappyParentsWorshipDay
https://t.co/jDRhYaOJlF
🚩2.) दीपक लिखते हैं कि प्राणीमात्र की भलाई चाहनेवाले Sant Shri Asaram Bapu Ji से वृद्ध माता-पिताओं की पीड़ा देखी नहीं गई तब उन्होंने मातृ पितृ पूजन दिवस की पहल की जिसे विश्व पटल पर सराहा जा रहा है ।
#HappyParentsWorshipDay
https://t.co/s4h1l9RKLj
🚩3.) चारु का कहना है कि हिंदु संतों से ही इस देश की संस्कृति की रक्षा हुई हैं हमेशा,
Sant Shri Asaram Bapu Ji इसके प्रज्वलंत उदाहरण हैं, जिन्हाेंने मातृ-पितृ पूजन दिवस शुरु करके समाज काे सही दिशा में मोड़ा है। #HappyParentsWorshipDayhttps://t.co/v7Vvv9mQ1p
🚩4.) अमित सोनी कहते हैं कि किसी ने रोजा़ रखा, किसी ने उपवास रखा।
कबूल उसी का होगा, जिसने माँ बाप को अपने पास रखा!
#HappyParentsWorshipDay https://t.co/JZNThe0pzu
🚩5.) विकास लिखते हैं कि Sant Shri Asaram Bapu Ji के द्वारा जो पहल की गई, आज वो विश्वव्यापी बन चुकी है। अब सभी यही मनाने लगे है कि अपनी संस्कृति को अपनायें, ना कि विदेशी कल्चर को।
#HappyParentsWorshipDay
https://t.co/epX031QDFo
🚩6.) पुष्पेंद्र लिखते हैं कि वेलेंटाइन डे जैसे गंदगी भारत मे हावी हो रही थी जिससे युवाधन पतन की खाई में जा रहे थे इसे देखकर Asaram Bapu Ji का हृदय पीड़ित हुआ और युवाधन की रक्षा हेतु आरम्भ करवाया 'मातृ पितृ पूजन दिवस'
#HappyParentsWorshipDay
https://t.co/ufRzmFacVU
🚩7.) कल्याणी लिखती हैं कि भारत का युवा वैलेंटाइन जैसी कुरीति की चपेट में अपना जीवन होंम न कर सके इस हेतु Sant Shri Asaram Bapu Ji की बेहतरीन शुरुवात है।
#HappyParentsWorshipDay
https://t.co/Ugx9C1jln8
🚩8.) संदीप कलमोदिया कहते हैं कि पाश्चात्य सभ्यता की गन्दगी से युवावर्ग का चारित्रिक पतन होते देखकर Sant Shri Asaram Bapu Ji ने वर्ष 2006 से वैलेंटाइन-डे के स्थान पर #HappyParentsWorshipDay की अनूठी पहल की। https://t.co/MQVB2h31z8
🚩9.) प्राची टेकवानी कहती हैं कि Sir, सुना था सन्तों के मार्गदर्शन में ही देश तरक्की करता है अब देख भी रहे हैं हम, कि ये
#HappyParentsWorshipDay युवावर्ग को वैलेंटाइन से बचा ही नहीं रहा, साथ ही माता पिता के साथ उनके रिश्तों में भी मिठास ला रहा है। https://t.co/fp2xN9TzwM
https://twitter.com/prachi_tekwani/status/1095912458651197446?s=19
🚩10.) अच्युत कहते हैं कि बहुत बढ़िया,14 फरवरी को Sant Shri Asaram bapu Ji ने 'मातृ पितृ पूजन दिवस' जैसे पवित्र पर्व का  शंखनाद  किया है, और आज तो लोग 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे न मनाकर मातृ पितृ पूजन दिवस मना रहे हैं। #HappyParentsWorshipDayhttps://t.co/hajW3qK2G0
https://twitter.com/Pryamvada07/status/1095872840924975109?s=19
🚩ऐसे हजारों ट्वीट्स द्वारा लोग अपनी बात कह रहे थे और मातृपितृ पूजन दिवस का समर्थन कर रहे थे ।
आज ट्विटर पर एक प्रतियोगिता भी देखने को मिली जिसमें सैकड़ों लोग बड़े उत्साह से भाग ले रहे थे ।
Check out Matru Pitru Pujan Divas Based Mega Quiz 2019 (@MegaQuizOnMPPD): https://twitter.com/MegaQuizOnMPPD?s=09
🚩देखा जाए तो वैलेंटाइन डे भारतीय #संस्कृति का हिस्सा नहीं है, ये भी सच है कि वैलेंटाइन डे के पीछे बाजार की ताकत है । भारत की सभी समस्याओं का #समाधान #हिंदू धर्म की जड़ों में ही छिपा है, भारत जब पूरी तरह हिंदू राष्ट्र हो जाएगा तो फिर से महान हो जाएगा, इसके लिए सतयुग की तरफ देश को लौटाने के सभी प्रयास किए जाने चाहिए।
🚩आज जहाँ एक ओर #वैलेंटाइन डे का प्रभाव अंधाधुन बढ़ता जा रहा है तथा इसके कुप्रभाव व #दुष्परिणाम समाज के सामने प्रत्यक्ष हो रहे हैं ।
#एड्स, नपुसंकता, दौर्बल्य, छोटी उम्र में ही गर्भाधान (Teenage Pregnency), ऑपरेशन आदि गुप्त बिमारियों का सामना समाज को करना पड़ रहा है वहीं दूसरी ओर बापू आसारामजी के करोड़ों समर्थकों द्वारा हर साल देशभर में सभी स्थानों पर ग्राउंड लेवल हो या सोशल मीडिया की सभी साइट्स, मातृपितृ पूजन दिवस का प्रचार जनवरी से ही शुरू हो जाता है ।
अनादिकाल से #भारत के महान संत ही समाज की रक्षा करते आये हैं । समाज को संवारने का दैवीकार्य महान #ब्रह्मवेत्ता तत्वज्ञ संतों द्वारा ही होता आया है ।
🚩#जब-जब समाज कुकर्म और पाप की गहरी खाई में गर्क होने लगता है, अधर्म बढ़ने लगता है तो किसी न किसी महापुरुष को परमात्मा (ईश्वर) धरती पर #प्रकटाते हैं या स्वयं भगवान् धरती पर अवतार लेते हैं और इस दिशाहीन समाज को एक नयी दिशा देकर, समाज को सुसंस्कारित कर, समाज में धर्म की स्थापना करते हैं जैसा कि #भगवद्गीता में भगवान #श्री कृष्ण ने कहा है।
🚩 महापुरुषों की गाथा सुज्ञ समाज अनंत काल तक गाता रहता है । ऐसे ही कई #महापुरुष जैसे संत कबीर, गुरु नानक जी, संत तुलसीदास जी, संत लीलाशाह जी महाराज, संत तुकाराम जी, संत ज्ञानेश्वर जी, स्वामी विवेकानंद जी, स्वामी अखंडानन्द जी आदि महान संतों का यश आज भी जीवित है ।
करोड़ो-अरबों लोग धरती पर आते हैं और यूँ ही चले जाते हैं लेकिन #संतों का नाम,आदर,पूजन व यश अनंत काल तक मानवमात्र के हृदयों में अंकित रहता है ।
🚩ऐसे ही #संत आज इस धरा पर हैं लेकिन बहिर्मुख व कृतघ्न समाज को दिखता कहाँ है!
कहाँ पहचान पाते हैं हम उन संतों को!!
🚩गुरुनानक जैसे महान संतों को जेल डलवा दिया जाता है । दो बार तो #गुरुनानक जी को भी #जेल जाना पड़ा । #संत कबीरजी जैसों को वेश्याओं द्वारा बदनाम करवाया जाता है । #स्वामी नित्यानंद जी के ऊपर यौन शोषण का आरोप लगाया गया था । लेकिन उनकी पूजा आज भी होती है क्योंकि
"धर्म की जय और अधर्म का नाश" ये प्राकृतिक सिद्धांत है ।
🚩आज समाज को एक अद्भुत प्यारा सा पर्व देकर हिन्दू #संत #आसारामजी #बापू ने सभी के दिलों पर राज किया है । सबको प्रेम दिया है । सभी को सन्मार्ग पर ले चलने का बड़ा महान कार्य किया है ।
🚩कई समाज के बुद्धिजीवी तो #संत #आसारामजी #बापू के प्रति आभार व्यक्त कर रहे हैं। लेकिन भारत में ही #विदेशी #षड़यंत्र द्वारा ( #क्रिश्चयन #मिशनरीज, विदेशी कंपनियों के मुआवजे से ) उन्हें जेल भिजवा दिया गया और समाज मूक दर्शक बनकर देखता रहा ।
जहां आज का मानव बिना चमत्कार के किसी को नमस्कार नहीं करता वहीं आज भी बापू आसारामजी के #करोड़ों अनुयायी उनके लिए पलकें बिछाये बैठे हैं ।
🚩बिना सत्य के बल के कोई करोड़ों के #जनसमूह को अपनी ओर आकर्षित नहीं कर सकता इतना तो हर समझदार इंसान समझ सकता है ।
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सोशल मीडिया में फैसले की बहस के कारण जज दबाव में आ जाते हैं : जस्टिस सीकरी

16 फरवरी  2019
🚩आपने सुना होगा कि किसी बड़ी हस्ती के खिलाफ या उसके पक्ष में फैसला देना होता  है तो मीडिया ट्रायल चालू हो जाता है और उसके कारण जज दबाव में आकर पक्ष या विपक्ष में फैसले सुना देते हैं, ऐसे हमने कई मामले देखे हैं । अभी हाल ही में देखें तो जोधपुर कोर्ट में सलमान खान को सजा हुई तो उसके पक्ष में बोलना शुरू कर दिया जिसका परिणाम यह हुआ कि उसे सजा होने के बाद भी जमानत मिल गई और वहीं दूसरी ओर जोधपुर कोर्ट में हिन्दू संत आसाराम बापू करीब 6 साल से जेल में हैं पर अभीतक जमानत नहीं मिली क्योंकि जमानत अर्जी लगते ही मीडिया उनके खिलाफ ट्रायल शुरू कर देती है क्योंकि वे धर्मान्तरण, विदेशी कम्पनियों के विरोध और हिन्दू संस्कृति के हित में कार्य कर रहे थे और ऐसे कई उदाहरण मिल जायेंगे जिसमें देश, संस्कृति हित के कार्य करने वालों के खिलाफ मीडिया उल्टा-सीधा  बोलती है और देश, संस्कृति के खिलाफ कार्य करने वालों का समर्थन करती है ।

🚩पहले भी कई जज मीडिया ट्रायल के खिलाफ बोल चुके हैं और अभी हाल ही में सोशल मीडिया को लेकर जज साहब का बयान आया है ।
🚩सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एके सीकरी ने रविवार को कहा कि डिजिटल दौर में न्यायपालिका दबाव में है । उन्होंने कहा कि कोर्ट में सुनवाई शुरू होने से पहले ही लोग सोशल मीडिया पर यह बहस शुरू कर देते हैं कि फैसला क्या होना चाहिए और यह बात न्यायाधीशों पर भी प्रभाव डालती है ।
🚩जस्टिस सीकरी लॉ एसोसिएशन एंड द पैसेफिक कॉन्फ्रेंस के दौरान "डिजिटल युग में प्रेस की आजादी' विषय पर बोल रहे थे । उन्होंने कहा कि प्रेस की आजादी आज नागरिक और मानवाधिकारों को बदल रही है और मीडिया ट्रायल का मौजूदा स्वरूप इसका उदाहरण है ।
🚩जस्टिस सीकरी ने कहा, "मीडिया ट्रायल पहले भी होेते थे, लेकिन आज यह हो रहा है कि जब एक याचिका दायर की जाती है, तब कोर्ट की सुनवाई से पहले ही लोग यह बहस करने लग जाते हैं कि फैसला क्या होना चाहिए । फैसला क्या है इस पर नहीं, बल्कि फैसला क्या होना चाहिए और मैं आपको अपने अनुभव के आधार पर यह बताना चाहूंगा कि इसका असर एक जज किस तरह से फैसला करेगा, इस पर पड़ता है ।'
🚩जस्टिस सीकरी ने कहा, "कुछ साल पहले यह हमेशा एक सोच रहती थी कि एक बार सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट या किसी भी कोर्ट द्वारा फैसला दे दिया जाता था, तब इसकी आलोचना का पूरा अधिकार है, लेकिन आज उस न्यायाधीश के खिलाफ भी अपमानजनक और मानहानि वाले बयान दिए जाते हैं । और अभी भी इस पर बहुत ज्यादा कुछ नहीं कहा जाता । कोर्ट की अवमानना की ताकत का ज्यादा इस्तेमाल नहीं किया जाता है ।'
🚩वकील भी एक्टिविस्ट बनने लगे हैं- एएसजी दीवान
एडिशनल सॉलिसीटर जनरल माधवी गोराडिया दीवान ने सोशल मीडिया पर कहा- आज न्यूज और फेक न्यूज, न्यूज और विचार, नागरिकों और पत्रकारों के बीच का फर्क बहुत धुंधला हो गया है । ट्विटर के विस्तार के साथ वकील भी अब एक्टिविस्ट बन गए हैं, लेकिन एक्टिविस्ट बनने और स्टारडम की दौड़ में किसी को अपनी पेशेवर जिम्मेदारियों को नजरंदाज नहीं करना चाहिए ।
🚩दीवान ने कहा- कभी भी एक्टिविस्ट बनने में कोई परेशानी नहीं है, लेकिन जब कोई उन मामलों में खड़ा हो रहा हो, उन पर बहस कर रहा हो और सुनवाई के तुरंत बाद ट्वीट कर रहा हो तो यह आपकी पेशेवर जिम्मेदारियों के साथ टकराव पैदा कर सकता है ।
🚩जज साहब से हम पूर्ण सहमत है कि सोशल मीडिया पर ऐसी प्रतिक्रिया देने से जज पर दबाव बनाता है पर जब कोई जज गलत जजमेंट देता है सालों तक निर्दोष को जेल में रखा जाता हो तो उसका जिम्मेदार कौन ?
यदि सेशन कोर्ट किसी निर्दोष को उम्रकैद की सजा सुना देती है फिर सालों बाद ऊपरी कोर्ट से निर्दोष बरी होता है तो निर्दोष होने पर भी उसे सालों तक जेल में रखा, उसकी संपत्ति गई, इज्जत गई, उसका समय गया उसकी भरपाई कौन करेगा, जैसे तलवार दंपति के केस में हुआ उसका जिम्मेदार कौन ?
🚩किसी निर्दोष पुरुष पर कोई झूठा मुकदमा करता है उसको सालों तक जेल में रखा जाता है जमानत तक उसे नसीब नहीं होती तो जिम्मेदार कौन है ? न्याय देना जज साहब का ही काम है और जब न्याय न मिले तो लोग प्रतिक्रिया तो देंगे ही ।
🚩हिन्दू संत आसाराम बापू के लिए 5 साल तक ट्रायल चला, लेकिन एक दिन भी जमानत नहीं दी गई, आज 6 साल होने को आए हैं पर जमानत नहीं मिल पा रही है जबकि सलमान खान को सजा हुई तो भी जमानत हो गई ऐसे दोगले फैसले आने पर जनता प्रतिक्रिया तो जरूर ही देगी ।
🚩निर्दोष पुरुषों से बदला लेने की भावना या पैसे ऐंठने के लिए कई महिलाएं झूठे मुकदमे कर देती हैं जिससे पुरुषों की इज्जत, पैसे, समय, परिवार सब बर्बाद हो जाता है, उसे जमानत तक नहीं मिलती है सालों तक जेल में रखा जाता है । न्याय नहीं मिलता है, मिलती है तो बस अगली तारीख । इन सब कारणों से ही परेशान होकर जनता सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देने शुरू कर देती है ।
🚩श्री राम मंदिर पर तारीख पर तारीख देना, सबरीमाला मंदिर की आस्था के खिलाफ और जलीकट्टू, दहीहांडी, दीवाली आदि हिन्दू त्यौहार के खिलाफ फैसले देने के कारण जनता आक्रोश में आकर  प्रतिक्रिया देने लगती है ।
🚩आतंकवादियों पर फैसले देने के लिए आधी रात को कोर्ट खुलना, और साध्वी प्रज्ञा, शंकराचार्य जी आसाराम बापू, नारायण साईं को सालों जेल में रखना इससे जनता में रोष प्रकट होता है और वही रोष सोशल मीडिया पर  उजागर हो जाता है ।
🚩अतः जज साहब को न्याय जल्दी देना चाहिए निर्दोषों को सजा न दें और किसी भी धर्म की आस्था पर चोट न करें तो सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया बंद हो सकती है ।
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Friday, February 15, 2019

आतंकी हमले क्यों हो रहे हैं ? उसे खत्म करने के कारगर उपाय कैसे करें ?

15 फरवरी  2019

*🚩जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में गुरुवार को जैश-ए-मोहम्मद के एक भीषण फिदायीन हमले में सीआरपीएफ के 44 जवान शहीद हो गये और कई अन्य जवान बुरी तरह घायल हो गये । जैश के आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों को ले जा रही बस को टक्कर मार दी । यह हमला आतंकी आदिल अहमद उर्फ ​​वकास कमांडो ने किया । पिछले साल ही जैश में भर्ती होने वाला आदिल कश्मीर के गुंदीबाग काकपोरा का रहने वाला था । बता दें कि पिछले साल जम्मू कश्मीर में 191 स्थानीय युवा विभिन्न आतंकी संगठनों से जुड़े । इस तरह 2017 की तुलना में 65 और युवाओं ने पिछले साल आतंक का रास्ता अपनाया ।*

*🚩सबसे ज्यादा अशांत दक्षिण कश्मीर क्षेत्र के युवा आतंकी संगठनों से जुड़ रहे हैं । आतंकवाद से जुड़ने वाले अधिकतर युवा दक्षिण कश्मीर के जिले पुलवामा, शोपियां, कुलगाम और अनंतनाग के हैं । जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिद्दीन और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों में सबसे ज्यादा आतंकी जुड़ रहे हैं । बता दें कि वर्ष 2016 के बाद से आतंक से जुड़ने वाले युवाओं की संख्या बढ़ी है ।*
*🚩आतंकी हमले की सभी निंदा कर रहे हैं, लेकिन इसे जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए अभीतक कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया गया, जबकि आतंकी रास्ता क्यों चुनते हैं, उसके लिए कौन जिम्मेदार है इन सबकी ठोस जानकारी होने के बाद ही उसे जड़ से खत्म किया जा सकता है ।*

*🚩बता दें कि मदरसों में दी जा रही कट्टरपंथी की शिक्षा के कारण ही आज कई युवा आतंकवादी बन रहे हैं, सबसे पहले तो इसपर बैन लगाना चाहिए ।*

*🚩दूसरा पाकिस्तान में आज भी काफी आतंकी संगठन हैं, उसे खत्म करना होगा उसमें से*
*अभी जम्मू-कश्मीर में मुख्य रूप से 10 से ज्यादा आतंकी संगठन सक्रिय हैं । इन पर भारत सरकार ने बैन लगाया हुआ है, लेकिन अभी तक इनका सफाया नहीं किया है ।*


*🚩पढ़िए कश्मीर के आतंकी संगठनों के बारे में:*

*🚩1. जैश-ए-मोहम्मद*

*इसी संगठन ने सीआरपीएफ के जवानों पर हुए हमले की जिम्मेदारी ली है । इसका मुखिया मौलाना मसूद अजहर है । दिसंबर 1999 में अपहृत भारतीय विमान IC 814 के यात्रियों को बचाने के लिए मसूद अजहर को अफगानिस्तान के कंधार में छोड़ा गया था । इसके बाद फरवरी 2000 में मसूद अजहर ने हरकत-उल-मुजाहिदीन को बांटकर जैश-ए-मोहम्मद की स्थापना की । मसूद अजहर को भारतीय अधिकारियों ने 1994 में कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठन हरकत-उल-मुजाहिदीन का सदस्य होने के आरोप में श्रीनगर से गिरफ्तार किया था । अपनी स्थापना के दो महीने के भीतर ही जैश-ए-मोहम्मद ने श्रीनगर में बदामी बाग स्थित भारतीय सेना के स्थानीय मुख्यालय पर आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी ली थी । जैश संसद भवन (2001) और पठानकोट एयर बेस (2016) पर हमले का भी जिम्मेदार है । पाकिस्तान ने जैश ए मोहम्मद पर 2002 में ही प्रतिबन्ध लगा दिया था, मसूद के बारे में कहा जाता है उसने पकिस्तान के पंजाब प्रांत के बहावलपुर में अपना ठिकाना बना रखा है ।*

*🚩2. लश्कर-ए-तैयबा उर्फ जमात उद दावा*

*इस आतंकी संगठन का मुखिया हाफिज सईद है । इसी संगठन ने 2005 में दिल्ली बम धमाके और 2008 में मुंबई हमले को अंजाम दिया था । 1990 के दिनों से ही इस संगठन को कश्मीर में आतंकवाद फैलाने के लिए पाकिस्तान और आईएसआई का पूरा समर्थन प्राप्त है । माना जाता है कि इस संगठन के सदस्य हजारों की संख्या में हैं। भारत, अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने लश्कर को आतंकी संगठन घोषित कर रखा है। मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद पर अमेरिकी सरकार ने 1 करोड़ डॉलर का इनाम रखा है । समाचार एजेंसी रॉयटर्स की 2002 में प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जमात-उद-दावा का मुख्यालय लाहौर के पास मुरीदके में 190 एकड़ में फैला हुआ है ।*

*🚩3. हिजबुल मुजाहिदीन*

*आतंकी सैयद सलाहुद्दीन हिजबुल मुजाहिद्दीन के प्रमुख होने के साथ-साथ जिहाद काउंसिल का चेयरमैन भी है । सैयद सलाहुद्दीन ने साल 1987 में मुस्लिम मुताहिदा महज की तरफ से चुनाव लड़ा था लेकिन वो हार गया।  इसके बाद वह कश्मीर में आतंक फैलाने लगा । साल 1994 सैयद पाकिस्तान पहुंचा, जहां उसने कश्मीर की आजादी के नाम पर मासूम लोगों का खून बहाना शुरू कर दिया । अमेरिका ने 2017 में उसे अंतरराष्ट्रीय आतंकी करार दिया है । हिजबुल मुजाहिदीन ने जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी हमलों की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें साल 2014 के अप्रैल महीने में हुए धमाके भी शामिल हैं जिसमें 17 लोग जख्मी हुए थे। यह जम्मू-कश्मीर का सबसे बड़ा सशस्त्र समूह है।*

*🚩4. हरकत-उल-मुजाहिदीन/हरकत उल अंसार*

*इस संगठन की स्थपाना 1980 के दशक में हुई। रूस-अफगान युद्ध खत्म होने के बाद इस संगठन के लड़ाकों ने कश्मीर की ओर रुख किया। 1993 में इसी से एक और आतंकी हरकत उल अंसार का जन्म हुआ। मौलाना मसूद अजहर इसी संगठन में पहले महासचिव था। संगठन बनने के बाद ही इसके सदस्य सज्जाद अफगानी, मौलाना मसूद अजहर और नसरुल्लाह मंसूर लंगरयाल को गिरफ्तार कर लिया गया। अपने नेताओं को छुड़ाने के लिए इस संगठन ने 1995 के जुलाई माह में कई विदेशी सैलानियों का अपहरण किया था जिनकी बाद में हत्या कर दी गयी थी।*

*🚩5. अल उमर मुजाहिदीन*

*इस संगठन का मुखिया मुश्ताक अहमद जरगर है। इस आतंकी को कंधार विमान अपहरण कांड के बाद भारत ने मसूद अजहर के साथ छोड़ा था। इस आतंकी संगठन ने 2016 में श्रीनगर के जकूरा में सशस्त्र सीमा बल के काफिले पर हुए हमले की जिम्मेदारी ली थी। ये हमला उस समय हुआ जब एसएसबी की टीम उनकी ड्यूटी से लौट रही थी।*

*🚩6. जम्मू-कश्मीर इस्लामिक फ्रंट*

*इस संगठन ने वर्ष 1996 में लाजपत नगर मार्केट में बम विस्फोट किया था। इस धमाके में 13 लोगों की जान चली गई थी जबकि 38 लोग घायल हुए थे। इसके तीन सदस्यों मोहम्मद नौशाद, मोहम्मद अली भट्ट और मिर्जा निसार हुसैन को दिल्ली की एक अदालत ने साल 2010 में फांसी की सजा सुनाई थी।*

*🚩7. अल कायदा*

*साल 2014 में अल कायदा के नेता आयमन अल जवाहिरी ने वीडियो संदेश में भारतीय उपमहाद्वीप में अपने संगठन की शाखा के गठन की घोषणा की थी। इस संगठन का नाम रखा गया अंसार गजावत-उल-हिंद। इस संगठन का नेतृत्व जाकिर मूसा कर रहा है। अल कायदा का गठन 1988 में पाकिस्तान के शहर पेशावर में हुआ था। अफगानिस्तान और पाकिस्तान का सीमावर्ती इलाके इसके जाने-माने गढ़ रहे हैं। इसी संगठन ने साल 2001 में अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर को विमान से उड़ा दिया था। इसके बाद अमेरिकी कार्रवाई में साल 2011 में इसका मुखिया ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान के एबटाबाद में मारा गया।*

*🚩8. इस्लामिक स्टेट*

*बता दें कि सीरिया और इराक में आतंक का पर्याय बन चुका इस्लामिक स्टेट ने साल 2017 में पहली बार जम्मू-कश्मीर में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। पिछले साल ही श्रीनगर के जामा मस्जिद में शुक्रवार की नमाज के बाद कुछ नकाबपोश लोगों ने आईएस का झंडा लहराया। हालांकि इस संगठन के सांगठनिक ढांचे के बारे में कोई खबर नहीं है। बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले दो साल के दौरान सुरक्षाबलों के साथ अलग-अलग मुठभेड़ों में मारे गए श्रीनगर के दो आतंकियों के शव आईएस और अलकायदा के झंडों में लिपटे थे। कुछ मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया कि मुगीस अहमद मीर के अंतिम संस्कार के बाद उनके रिश्तेदारों ने ये बात मानी कि वो आईएसआईएस की विचारधारा से प्रेरित था।*

*🚩9. तहरीक उल मुजाहिदीन*

*'कश्मीर की आजादी' के मकसद से तहरीक-उल-मुजाहिदीन 1990 में अस्तित्व में आया था। कुछ दिनों पहले ही इस संगठन को केंद्र सरकार ने बैन किया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हाल ही में उसके खिलाफ कई मामले दर्ज किए, जिसमें पाया गया कि टीयूएम ने कई आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने में बड़ी भूमिका निभाई। उसके कई सदस्यों को गिरफ्तार भी किया गया है। इन मामलों में पाया गया कि कश्मीरी युवकों के लिए यह आतंकी संगठन कई प्रशिक्षण केंद्र चला रहा है और इसके जरिए जम्मू-कश्मीर से और अधिक युवकों को इसमें शामिल किये जाने की संभावना है।*

*🚩10. अल-बदर*

*इसी साल जनवरी महीने में सुरक्षा बलों ने यारीपोरा (कुलगाम) मुठभेड़ में अल-बदर के चीफ कमांडर जीनत उल इस्लाम को मार गिराया था । आतंकी जीनत आईईडी बनाने में माहिर था और दर्जनों आतंकी वारदातों में वांछित भी था । पिछले कुछ सालों में कई स्थानीय युवाओं ने इस संगठन को ज्वाइन किया है । इसके अलावा कश्मीर में दीनदार अंजुमन, जमीयत उल मुजाहिदीन और दुख्तरान-ए-मिल्लत जैसे संगठन भी सक्रिय हैं ।*

*🚩पाकिस्तान में आज भी आतंकवादियों के करीबन 66 संग़ठन चल रहे हैं, फिर भी वहाँ की सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है । उनका मकसद है भारत देश विरोधी कार्य करना । हाफिज सईद, मसूद अजहर आदि के संग़ठन तो हमेशा से भारत को तोड़ने का सपना देख रहे हैं, हमेशा भारत पर उनकी निगाहें रहती हैं, किस तरह भारत को तोड़ा जाये और पूरे भारत में आतंकवाद छाया रहे ।*

*इन आतंकवादियों पर वहाँ की सरकार कार्यवाही न भी करें तो भारत सरकार को रणनीति बनाकर वहीं जाकर उनके सभी आतंकवादियों के संगठन खत्म कर देने चाहिए जिससे हमारा भारत देश सुरक्षित रहे हमारे देश की सुरक्षा करने वाले जवानों पर हमला न हो ।*

*🚩सरकार को कश्मीर में भारत-विरोधी भावनाओं पर काबू पाने के लिए मस्जिदों, मदरसों और कुछ मीडिया पर नियंत्रण रखना होगा तभी संभव हो सकता है क्योंकि मदरसों में आतंकी बनने की शिक्षा दी जा रही है और मीडिया उनका स्पॉट भी कर रही है तो इनको पूरी तरह से नियंत्रित करना होगा ।*

*🚩कश्मीर में अलगावादी नेता जो आतंकवादीयों को सहयोग कर रहे है उनको भी खत्म करना होगा या जेल भेजना होगा तभी कश्मीर सुरक्षित रहेगा ।*

*🚩भारत का खाकर भारत के खिलाफ बोलने वाले काम करने वाले, देशविरोधी लोगो का साथ देने वाले गद्दारों का भी सफाया करना होगा तभी देश सुरक्षित रहेगा और हमारे जवान बच जायेंगे ।*

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