Thursday, February 21, 2019

यह आपको जानना बेहद जरूरी है कि देश में गद्दार कैसे पैदा हो रहे हैं ?

21 फरवरी  2019
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🚩जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमला हुआ और हमारे सैकड़ों जवान शहीद हो गये , क्या आपको ऐसा नहीं लगता कि इतने बड़े कारनामे को अंजाम बिना किसी खुफिया जानकारी के नहीं दिया जा सकता ? इस साजिश को अंजाम तक पहुंचाने में अपने ही देश के लोगों का हाथ होने के कारण ही आतंकवादी सफल हो गए और देश में कुछ लोग उनका समर्थन भी कर रहे हैं, इसका मतलब साफ है कि वे देश विरोध में खड़े हैं ।

🚩देश में ऐसा क्यों हो रहा है इसके पीछे का कारण आपको जानना जरूरी है...
आपने देखा होगा कि JNU में देश को टुकड़े करने के नारे लगे थे उसमें मुख्य आरोपी हैं उमर खालिद और कन्हैया कुमार, लेकिन वे आज भी बाहर आराम से घुम रहे हैं ।
🚩दिल्ली के इमाम बुखारी पर देशद्रोह और बलात्कार जैसे संगीन आरोप हैं और 65 गैर जमानती वारंट निकले हैं पर उनकी गिरफ्तारी नहीं की जा रही है  और इसका कारण बताया जा रहा है कि देश में दंगा हो जाएगा, क्या ये बचकानी बात नहीं है?
संजय दत्त को आतंकवादियों के हथियार घर में रखने के जुर्म में सजा हुई फिर भी बार-बार पेरोल मिलती रही और जल्दी जेल से बाहर कर दिया ।
🚩सोनिया गांधी और राहुल गांधी आदि पर अरबों रुपयों के घोटाले के आरोप हैं पर उनकी गिरफ्तारी नहीं हो रही है ।
पत्रकार तरुण तेजपाल ने एक लड़की का बलात्कार किया पुख्ता सबूत होते हुए भी बाहर घूम रहा है ।
🚩ईसाई धर्मगुरु बिशप फ्रैंको पर 13 बार बलात्कार का आरोप लगा, नन चीख-चीख के कह रही है फिर भी सबूत होते हुए भी उसे जमानत मिल गई ।
आतंकवादी अफजल को फांसी की सजा हुई, वो आतंकवादी है ये जानते हुए भी उसकी सजा रोकने के लिए आधी रात को न्यायालय खुलता है, क्या ये हास्यास्पद नहीं है ?
🚩अब आपको तो पता चल ही गया होगा कि इन अपराधियों को कौन बढ़ावा दे रहा है । इस अपराधियों को खुली छूट देने के पीछे  सरकार, न्यायालय और मीडिया का हाथ ही आएगा, क्योंकि सरकार और न्यायालय का काम है उनको जेल भेजना और मीडिया का काम है इनके खिलाफ बोलना, लेकिन कलयुग का प्रभाव देखिए यहां सब इसके विपरीत हो रहा है ।
🚩अब एक नज़र डालते हैं देशभक्तों की हालत पर..
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को 9 साल
डीजी वंजारा जी को 8 साल
स्वामी असीमानंद को 8 साल
कर्नल पुरोहित को 7 साल
बिना सबूत जेल में प्रताड़ित किया गया।
उड़ीसा के स्वामी लक्ष्मणानंद की तो हत्या तक कर दी गई ।
🚩अभी वर्तमान में 85 वर्षीय हिंदू संत आसाराम बापू को 6 साल के कारावास में 1 दिन भी जमानत नहीं दी गई क्योंकि वे 50 साल से सतत हिन्दू संस्कृति और देश हित कार्यों में लगे थे ।
अभी उनकी धर्मपत्नी लक्ष्मीदेवी को हार्ट अटैक आया था फिर भी जमानत नहीं दी गई । इससे तो साफ सिद्ध होता है कि सरकार, न्यायालय और मीडिया चाहती है कि आप देश के खिलाफ कार्य करो आपको जमानत मिल जायेगी, लेकिन आप हिन्दू संस्कृति और देश हित का कार्य करोगे तो आपको जेल भेजा जायेगा या हत्या कर दी जायेगी ।
🚩आइये जानते हैं क्या था आसाराम बापू का अपराध ?
1). ईसाई मिशनरियों को खुली चुनौती दिया, लाखों धर्मांतरित ईसाईयों को पुनः हिंदू बनाया व करोड़ों हिन्दुओं को अपने धर्म के प्रति जागरूक किया व आदिवासी इलाकों में जाकर जीवनोपयोगी सामग्री दी, जिससे धर्मान्तरण करने वालों का धंधा चौपट हो गया ।
🚩2) . कत्लखाने में जाती हज़ारों गौ-माताओं को बचाकर, उनके लिए विशाल गौशालाओं का निर्माण करवाया ।
3). शिकागो विश्व धर्मपरिषद में स्वामी विवेकानंदजी के 100 साल बाद जाकर हिन्दू संस्कृति का परचम लहराया ।
💻 https://youtu.be/fQ7DtN1dc0Q
🚩4). विदेशी कंपनियों द्वारा देश को लूटने से बचाकर आयुर्वेद/होम्योपैथिक के प्रचार-प्रसार द्वारा एलोपैथिक दवाईयों के कुप्रभाव से असंख्य लोगों का स्वास्थ्य और पैसा बचाया ।
5). लाखों-करोड़ों विद्यार्थियों को सारस्वत्य मंत्र की दीक्षा देकर, तेजस्वी बनाया ।
🚩6). पाकिस्तान, चाईना, अमेरिका और बहुत सारे देशों में जाकर सनातन हिंदू धर्म का ध्वज फहराया ।
7). वैलेंटाइन डे का विरोध करके "मातृ-पितृ पूजन दिवस" का प्रारम्भ करवाया ।
🚩8). क्रिसमस डे के दिन प्लास्टिक के क्रिसमस ट्री को सजाने के बजाय, तुलसी पूजन दिवस मनाना शुरू करवाया ।
9). लाखों-करोड़ों लोगों को अधर्म से धर्म की ओर मोड़ दिया ।
🚩10). नशा मुक्ति अभियान के द्वारा लाखों लोगों को व्यसन-मुक्त करया ।
11). वैदिक शिक्षा पर आधारित अनेकों गुरुकुल खुलवाए ।
🚩12). मुश्किल हालातों में कांची कामकोठी पीठ के "शंकराचार्य श्री #जयेंद्र सरस्वतीजी" बाबा रामदेव, मोरारी बापूजी, साध्वी प्रज्ञा एवं अन्य संतों का साथ दिया ।
कहीं इन महान कार्यों को करने के कारण तो उनको अंदर नहीं रखा गया है ? क्योंकि राष्ट्र विरोधी शक्तियां नहीं चाहती होंगी कि वे बाहर आये, अगर वे बाहर आएंगे तो उनकी दुकानें बंद होने लगेगी ।
🚩सरकार और न्यायलय को चाहिए कि देश के गद्दारों को जेल भेजें और देशभक्तों को जेल से बाहर करें और मीडिया भी देशभक्तों का समर्थन करें विदेश का फंड लेकर उनके खिलाफ अभियान न चलाये ।
🚩सरकार कश्मीर में 370 हटाकर कश्मीरी पंडितों को पुनः वहाँ बसाए जिससे आतंकवादी और पत्थरबाजों का नामों निशाना मिट जाए ।
हिंदुस्तानियों को भी सावधान होना पड़ेगा, ऐसे महापुरुषों पर हो रहे अन्याय को रोकना होगा नहीं तो विधर्मी एक के बाद एक निर्दोष हिंदुनिष्ठ को जेल भिजवाकर हमारी संस्कृति को खत्म करके देश को  फिर से गुलाम बनाने की साज़िश में सफल हो जाएंगे ।
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Wednesday, February 20, 2019

हिंदू ग्रंथ महान हैं, पढ़ने से मिलती है शांति : अमेरिका की स्वर्ण पदक विजेता मिसी

20 फरवरी  2019
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🚩हिंदू धर्म सनातन धर्म है जबसे सृष्टि का उद्गम हुआ है तबसे यह धर्म चला आ रहा है, बाकी ईसाई धर्म 2018 और मुस्लिम धर्म करीब 1500 साल पुराना है । बड़ी बात तो ये है कि ईसाई धर्म की स्थापना यीशु ने तथा मुस्लिम धर्म की स्थापना मोहम्मद पैंगबर ने की, लेकिन हिन्दू धर्म की स्थापना किसी ने नहीं की अनादि काल से चली आ रही है और हिन्दू धर्म में ही भगवान व ऋषि-मुनियों के अवतार हुए हैं किसी अन्य धर्म में नहीं हुए हैं । जब-जब अधर्म बढ़ जाता है तब समाज को मार्गदर्शन देने के लिए स्वयं भगवान ही धरा पर अवतार लेते हैं ।
सनातन हिन्दू धर्म की महिमा समझकर विदेशी लोग भी हिंदू धर्म के अनुसार आचरण करने लगे हैं ।

🚩हिन्दू धर्म की महानता भले ही भारतीय या हिन्दू न समझें परंतु एेसे कर्इ विदेशी लोग हैं, जिन्होंने हिन्दू धर्म की महानता को न केवल समझा अपितु अनुभव भी किया है ।
🚩बता दें कि लंदन ओलंपिक में पांच स्वर्ण पदक जीतने वालीं करिश्माई तैराक मिसी फ्रेंकलिन ने कहा कि "उन्हें हिन्दू ग्रंथों को पढ़ने से मानसिक शांति मिलती है ।" अमेरिका की 23 वर्षीय तैराक ने पिछले वर्ष दिसंबर में संन्यास की घोषणा कर सबको चौंका दिया था । कंधे के दर्द से परेशान इस तैराक ने संन्यास के बाद मनोरंजन के लिए योग करना शुरू किया ।
🚩हिन्दू धर्म के बारे में जानने के बाद उनका झुकाव आध्यात्म की आेर हुआ । वह जार्जिया विश्वविद्यालय में धर्म में पढ़ाई कर रही हैं । फ्रेंकलिन ने लॉरेस विश्व खेल पुरस्कार से इतर कहा कि "मैं पिछले एक साल से धर्म की पढ़ाई कर रही हूं । यह काफी आकर्षक और आंखें खोलने वाला है । मुझे विभिन्न संस्कृतियों, लोगों और उनकी धार्मिक मान्यताओं के बारे में पढ़ना पसंद है । मेरा अपना धर्म ईसाई है लेकिन मेरी दिलचस्पी हिन्दू धर्म में ज्यादा है ।"
🚩ये ऐसा धर्म हैं जिसके बारे में मुझे ज्यादा नहीं पता था, लेकिन उसके बारे में पढ़ने के बाद लगा कि ये शानदार है । तैराकी में सफल फ्रेंकलिन पढ़ाई में भी काफी अच्छी हैं । वह हिन्दू धर्म के बारे में काफी कुछ जानती हैं । वह रामायण और महाभारत की ओर आकर्षित हैं और अपरिचित नामों के बाद भी दोनों महाग्रंथों को पढ़ रही हैं ।
🚩उन्होंने कहा कि मुझे उसके मिथक और कहानियां अविश्वसनीय लगती हैं । उनके भगवान के बारे में जानना भी शानदार है । महाभारत और रामायण पढ़ने का अनुभव कमाल का है । महाभारत में परिवारों के नाम से मैं भ्रमित हो जाती हूं, लेकिन रामायण में राम और सीता के बारे में जो पढ़ा वह मुझे याद है ।
स्त्रोत : अमर उजाला
🚩पहले भी कई विदेशी विद्वान और अन्य हस्तियां हिन्दू धर्म को महान बता चुके हैं और बाद में हिन्दू धर्म भी अपना लिया है ।
🚩हिन्दुत्व एक व्यवस्था है मानव से महामानव और महामानव से महेश्वर बनाने की । यह द्विपादपशु सदृश उच्छृंखल व्यक्ति को देवता बनाने वाली एक महान परम्परा है । 'सर्वे भवन्तु सुखिनः' का उद्घोष केवल इसी संस्कृति के द्वारा किया गया है.....
🚩विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यता भारत में ही मिली है । संसार का सबसे पुराना इतिहास भी यहीं पर उपलब्ध है । हमारे ऋषियों ने उच्छृंखल यूरोपियों के जंगली पूर्वजों को मनुष्यत्व एवं सामाजिक परिवेश प्रदान किया, इस बात के लाखों ऐतिहासिक प्रमाण आज भी उपलब्ध हैं ।
🚩यूनान के प्राचीन इतिहास का दावा है कि भारतवासी वहाँ जाकर बसे तथा वहाँ उन्होंने विद्या का खूब प्रचार किया । यूनान के विश्वप्रसिद्ध दर्शनशास्त्र का मूल भारतीय वेदान्त दर्शन ही हैं..
🚩सैमुअल जानसन के अनुसारः 'हिन्दू लोग धार्मिक, प्रसन्नचित्त, न्यायप्रिय, सत्यभाषी, दयालु, कृतज्ञ, ईश्वरभक्त तथा भावनाशील होते हैं । ये विशेषताएँ उन्हें सांस्कृतिक विरासत के रूप में मिली हैं ।'
🚩हिंदू संस्कृति के प्रति विश्वभर के महान विद्वानों की अगाध श्रद्धा अकारण नहीं हो सकती । इस संस्कृति की उस आदर्श आचार संहिता ने समस्त वसुधा को आध्यात्मिक एवं भौतिक उन्नति से पूर्ण किया, जिसे हिन्दुत्व के नाम से जाना जाता है ।
🚩विद्वान अल्दू हक्सले बताया है कि "हिन्दुत्व सदा बहने वाला (बारहमासी) दर्शन है जो कि सभी धर्मों का केन्द्र है ।"
🚩डॉ. एनी बेसेन्ट ने कहा है कि मैंने 40 वर्षों तक विश्व के सभी बड़े धर्मों का अध्ययन करके पाया कि हिन्दू धर्म के समान पूर्ण, महान और वैज्ञानिक धर्म कोई नहीं है ।
🚩जो इस महान हिन्दू धर्म को नहीं समझ पाया वे मनुष्य कहलाने के लायक भी नहीं है । हिन्दू धर्म ही वास्तव में मनुष्य से महेश्वर तक पहुँचा सकती है, जीव से शिव बना सकती है । अतः इसकी महिमा समझें पालन करें, प्रचार करें और रक्षण करें ।
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Sunday, February 17, 2019

मीडिया में छाया सन्नाटा क्योंकि बलात्कारी पादरी को हुई 60 साल की सजा

17 फरवरी  2019

🚩भारत की मीडिया ऐसी है कि किसी भी हिंदुनिष्ठ या हिन्दू साधु-संत पर कोई भी यदि षड्यंत्र के तहत झूठा आरोप भी लगा दे तो उसको चौबीसों घण्टे इतना बढ़ा चढ़ाकर दिखाते हैं मानो सृष्टि का प्रलय हो रहा हो, लेकिन जैसे ही किसी ईसाई या मुस्लिम धर्मगुरु पर आरोप सिद्ध भी हो जाता है तो उसपर मौन रहते है खबरों को छिपाने की पुरजोर कोशिश करते हैं ।
🚩मीडिया इन खबरों को कितना भी छुपाए, लेकिन ईसाई धर्म के सर्वोच्च पोप ने सबके सामने स्वीकार किया है कि "कई पादरी(बिशप) बच्चे-बच्चियों और ननों का यौन शोषण करते हैं उसके लिए हम शर्मिंदा है ।"

🚩वेटिकन के सर्वोच्च पोप ने भले स्वीकार कर लिया हो और रिपोर्ट के अनुसार हजारों पादरियों ने भले बलात्कार किये हो, लेकिन भारतीय मीडिया इसे नहीं मानेगी और ना ही इससे संबंधित खबर दिखाएगी क्योंकि उसे फंडिंग मिलती है ईसाई पादरियों के कुकर्मों की खबरें छुपाने की और हिन्दू धर्मगुरुओं के खिलाफ खबर छापने की ।

🚩बता दें कि अभी हाल ही में एक पादरी को 60 साल की सजा सुनाई गई है पर 2-4 को छोड़कर किसी भी मीडिया चैनल में ये खबर नहीं । 2-4 मीडिया ने कवर किया है वे भी एकदम छोटा सा किसी कोने में जो पता ही न चले ।

🚩आपको बता दें कि कन्नुर(केरल) में 16 फरवरी (आई.ए.एन.एस.) केरल के एक 51 वर्षीय कैथोलिक पादरी रोबिन वडक्कुमचेरी को नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म करने और यौन उत्पीड़न के तीन अलग-अलग मामलों में 60 वर्ष की जेल की सजा सुनाई गई है । थालासेरी के न्यायाधीश पी.एन. विनोद ने वायनाड जिले के मनान्थवाडी डिओसिस के पादरी पर 2016 में एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने के मामले  (जिसके बाद वह गर्भवती हो गई थी) में 3 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है । लड़की ने 7 फरवरी 2017 को बच्चे को जन्म दिया था उसके बाद उसका डीएनए करवाया तो बच्चे और पादरी का एक ही था जिसके कारण 60 साल की सजा सुनाई है ।

🚩ईसाई पादरी पर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के अंतर्गत मामला चलाया गया था ।

🚩आपको बता दें कि पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके है जिसमें पादरियों ने यौन शोषण करके छोटे-छोटे बच्चों की जिंदगी बर्बाद कर दी है, ऐसे हजारों मामले सामने आ चुके हैं पर मीडिया इस पर खबर दिखाने और बहस करने से परहेज कर रही है । मीडिया केवल निर्दोष पवित्र हिन्दू साधु-संतों को ही बदनाम करने में लगी रहती है क्योंकि उसका मकसद है भारतीय संस्कृति के आधार स्तंभ साधु-संतों के प्रति श्रद्धा नष्ट करके भारतीय संस्कृति को मिटाने का और इस कार्य के लिए उसको भारी फंडिग भी मिलती है ।

🚩भारत में यही बलात्कारी पादरी भोले-भाले हिंदूओं का धर्मान्तरण करवाते हैं, हिन्दू देवी-देवताओं को गालियां देते हैं । अब समय आ गया है इनको सबक सिखाने का, सभी इनका बहिष्कार करें ।

🚩गांधीजी कहा करते थे....
"हमें गौमांस भक्षण और शराब  पीने की छूट देने वाला ईसाई धर्म नहीं चाहिए । धर्म परिवर्तन वह ज़हर है जो सत्य और व्यक्ति की जड़ों को खोखला कर देता है । मिशनरियों के प्रभाव से हिन्दु परिवार का विदेशी भाषा, वेशभूषा,रिति रिवाज़ के द्वारा विघटन हुआ है । यदि मुझे क़ानून बनाने का अधिकार होता तो मैं धर्म परिवर्तन बंद करवा देता । इसे तो मिशनरियों ने व्यापार बना लिया है पर धर्म आत्मा की उन्नति का विषय है । इसे रोटी, कपड़ा या दवाई के बदले में बेचा या बदला नहीं जा सकता ।"

🚩हिन्दू समाज से एक हिन्दू, मुस्लिम या ईसाई बने, इसका मतलब यह नहीं कि एक हिन्दू कम हुआ बल्कि हिन्दूसमाज का एक दुश्मन और बढ़ा । -स्वामी विवेकानन्द

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Saturday, February 16, 2019

वैलेंटाइन डे से टक्कर लेता पर्व : मातृपितृ पूजन दिवस

14 फरवरी 2019
🚩जब भी 14 फरवरी निमित्त मातृपितृ पूजन की बात आती है तो सबकी जुबान पर एक ही नाम आता है बापू आसारामजी का ।
जिन्होंने इस अद्भुत पर्व की सौगात संपूर्ण विश्व को दी, जिसे आज विश्वपटल पर देश-विदेश की गणमान्य हस्तियों द्वारा सराहा जा रहा है ।

🚩सन 2006 से शुरू हुए इस पर्व ने आज समाज में अपना एक महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है । ये पर्व न सिर्फ हिन्दू बल्कि मुसलमान और ईसाई धर्म को मानने वाले भी  बड़े उत्साह से मनाते देखे जा रहे हैं ।
कौन से माता-पिता चाहेंगे कि उनकी संतान चरित्रहीन हो..???
🚩किसी भी देश का युवावर्ग उस देश की रीढ़ की हड्डी होता है । पाश्चात्य कल्चर का अन्धानुकरण कर भारत का युवा चारित्रिक पतन की खाई में गिरता चला जा रहा था पर बापू आसारामजी की इस अनूठी मुहिम ने युवाओं का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया और समाज में बढ़ती माता-पिता और बच्चों के बीच की दूरी को दूर किया ।
इसलिए बापू आसारामजी द्वारा शुरू की गई इस अनूठी पहल को हर धर्म, हर जाति द्वारा सराहा गया है ।
🚩#विश्व भर में #अमेरिका, दुबई, सऊदी अरब, केनेडा, पाकिस्तान, बर्मा, नेपाल, इटली, लन्दन आदि कई देशों में स्कूल, कॉलेज, जाहिर स्थल, वृद्धाश्रम, समाज सेवी संस्थाओं, घर, परिवार, मोहल्ले आदि में जगह-जगह पर #मातृ_पितृ_पूजन_दिवस मनाया गया ।
🚩माता-पिता अपने बच्चों सहित अपने-अपने क्षेत्रों में जहाँ-जहाँ ये कार्यक्रम आयोजित किये गए वहाँ-वहाँ बड़ी संख्या में पधारे और एक नये #उत्साह, नये संस्कार, एक नयी दिव्य अनुभूति, और एक अनोखे हर्ष के साथ सबके मुखमंडल प्रफुल्लित हो उठे ।
🚩सच में जिन्होंने भी इस पर्व को मनाया, अपने #माता-पिता की पूजा की, अपनी #दिव्य #संस्कृति को अपनाया, उनके जीवन में कुछ नया देखने को जरूर मिला ।
🚩पूजन में आये परिजनों का कहना था कि हम अपने बच्चों को इतने ऊँचे संस्कार देने का कभी सोच भी नहीं सकते थे। जिन महापुरुष ने इस संस्कारी दिवस की नींव रखी है, जो हमने यहाँ अनुभव किया, तो हमें नहीं लगता कि उन्होंने कुछ गलत किया होगा ।यह सब देखकर तो अब हमारी भी तीव्र इच्छा होने लगी है बापूजी के दर्शन की । देशभर से कई युवा सेल्फी वीडियो बनाकर मातृ पितृ पूजन दिवस को अपना समर्थन दे रहे हैं ।
🚩#ग्राउंड लेवल से लेकर सोशल मीडिया तक बड़े जोरशोर से मातृपितृ पूजन दिवस की धूम मची है ।
आज ट्विटर पर लाखों ट्वीट्स द्वारा लोग बापू आसारामजी की इस अनूठी पहल का स्वागत करते दिखे ।
🚩वैलेंटाइन डे से टक्कर लेता ट्रेंड
#HappyParentsWorshipDay टॉप 5 में ट्रेंड करता रहा, जिसमें लोग इस पर्व की भूरी-भूरी प्रशंसा कर रहे थे ।
आइये पेश हैं कुछ नमूने :
🚩1.) ज्योति गंभीर लिखती हैं कि
विदेशी संस्कृति को भगायेंगे,
भारतीय संस्कृति को अपनाएंगे ।
आइये अब से हम सब भी पूज्य  Sant Shri Asaram Bapu Ji द्वारा प्रेरित #14फरवरी_मातृपितृ_पूजन_दिवस मनाएंगे ।
क्योंकि प्रेम तो निर्दोष होता है ।
#HappyParentsWorshipDay
https://t.co/jDRhYaOJlF
🚩2.) दीपक लिखते हैं कि प्राणीमात्र की भलाई चाहनेवाले Sant Shri Asaram Bapu Ji से वृद्ध माता-पिताओं की पीड़ा देखी नहीं गई तब उन्होंने मातृ पितृ पूजन दिवस की पहल की जिसे विश्व पटल पर सराहा जा रहा है ।
#HappyParentsWorshipDay
https://t.co/s4h1l9RKLj
🚩3.) चारु का कहना है कि हिंदु संतों से ही इस देश की संस्कृति की रक्षा हुई हैं हमेशा,
Sant Shri Asaram Bapu Ji इसके प्रज्वलंत उदाहरण हैं, जिन्हाेंने मातृ-पितृ पूजन दिवस शुरु करके समाज काे सही दिशा में मोड़ा है। #HappyParentsWorshipDayhttps://t.co/v7Vvv9mQ1p
🚩4.) अमित सोनी कहते हैं कि किसी ने रोजा़ रखा, किसी ने उपवास रखा।
कबूल उसी का होगा, जिसने माँ बाप को अपने पास रखा!
#HappyParentsWorshipDay https://t.co/JZNThe0pzu
🚩5.) विकास लिखते हैं कि Sant Shri Asaram Bapu Ji के द्वारा जो पहल की गई, आज वो विश्वव्यापी बन चुकी है। अब सभी यही मनाने लगे है कि अपनी संस्कृति को अपनायें, ना कि विदेशी कल्चर को।
#HappyParentsWorshipDay
https://t.co/epX031QDFo
🚩6.) पुष्पेंद्र लिखते हैं कि वेलेंटाइन डे जैसे गंदगी भारत मे हावी हो रही थी जिससे युवाधन पतन की खाई में जा रहे थे इसे देखकर Asaram Bapu Ji का हृदय पीड़ित हुआ और युवाधन की रक्षा हेतु आरम्भ करवाया 'मातृ पितृ पूजन दिवस'
#HappyParentsWorshipDay
https://t.co/ufRzmFacVU
🚩7.) कल्याणी लिखती हैं कि भारत का युवा वैलेंटाइन जैसी कुरीति की चपेट में अपना जीवन होंम न कर सके इस हेतु Sant Shri Asaram Bapu Ji की बेहतरीन शुरुवात है।
#HappyParentsWorshipDay
https://t.co/Ugx9C1jln8
🚩8.) संदीप कलमोदिया कहते हैं कि पाश्चात्य सभ्यता की गन्दगी से युवावर्ग का चारित्रिक पतन होते देखकर Sant Shri Asaram Bapu Ji ने वर्ष 2006 से वैलेंटाइन-डे के स्थान पर #HappyParentsWorshipDay की अनूठी पहल की। https://t.co/MQVB2h31z8
🚩9.) प्राची टेकवानी कहती हैं कि Sir, सुना था सन्तों के मार्गदर्शन में ही देश तरक्की करता है अब देख भी रहे हैं हम, कि ये
#HappyParentsWorshipDay युवावर्ग को वैलेंटाइन से बचा ही नहीं रहा, साथ ही माता पिता के साथ उनके रिश्तों में भी मिठास ला रहा है। https://t.co/fp2xN9TzwM
https://twitter.com/prachi_tekwani/status/1095912458651197446?s=19
🚩10.) अच्युत कहते हैं कि बहुत बढ़िया,14 फरवरी को Sant Shri Asaram bapu Ji ने 'मातृ पितृ पूजन दिवस' जैसे पवित्र पर्व का  शंखनाद  किया है, और आज तो लोग 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे न मनाकर मातृ पितृ पूजन दिवस मना रहे हैं। #HappyParentsWorshipDayhttps://t.co/hajW3qK2G0
https://twitter.com/Pryamvada07/status/1095872840924975109?s=19
🚩ऐसे हजारों ट्वीट्स द्वारा लोग अपनी बात कह रहे थे और मातृपितृ पूजन दिवस का समर्थन कर रहे थे ।
आज ट्विटर पर एक प्रतियोगिता भी देखने को मिली जिसमें सैकड़ों लोग बड़े उत्साह से भाग ले रहे थे ।
Check out Matru Pitru Pujan Divas Based Mega Quiz 2019 (@MegaQuizOnMPPD): https://twitter.com/MegaQuizOnMPPD?s=09
🚩देखा जाए तो वैलेंटाइन डे भारतीय #संस्कृति का हिस्सा नहीं है, ये भी सच है कि वैलेंटाइन डे के पीछे बाजार की ताकत है । भारत की सभी समस्याओं का #समाधान #हिंदू धर्म की जड़ों में ही छिपा है, भारत जब पूरी तरह हिंदू राष्ट्र हो जाएगा तो फिर से महान हो जाएगा, इसके लिए सतयुग की तरफ देश को लौटाने के सभी प्रयास किए जाने चाहिए।
🚩आज जहाँ एक ओर #वैलेंटाइन डे का प्रभाव अंधाधुन बढ़ता जा रहा है तथा इसके कुप्रभाव व #दुष्परिणाम समाज के सामने प्रत्यक्ष हो रहे हैं ।
#एड्स, नपुसंकता, दौर्बल्य, छोटी उम्र में ही गर्भाधान (Teenage Pregnency), ऑपरेशन आदि गुप्त बिमारियों का सामना समाज को करना पड़ रहा है वहीं दूसरी ओर बापू आसारामजी के करोड़ों समर्थकों द्वारा हर साल देशभर में सभी स्थानों पर ग्राउंड लेवल हो या सोशल मीडिया की सभी साइट्स, मातृपितृ पूजन दिवस का प्रचार जनवरी से ही शुरू हो जाता है ।
अनादिकाल से #भारत के महान संत ही समाज की रक्षा करते आये हैं । समाज को संवारने का दैवीकार्य महान #ब्रह्मवेत्ता तत्वज्ञ संतों द्वारा ही होता आया है ।
🚩#जब-जब समाज कुकर्म और पाप की गहरी खाई में गर्क होने लगता है, अधर्म बढ़ने लगता है तो किसी न किसी महापुरुष को परमात्मा (ईश्वर) धरती पर #प्रकटाते हैं या स्वयं भगवान् धरती पर अवतार लेते हैं और इस दिशाहीन समाज को एक नयी दिशा देकर, समाज को सुसंस्कारित कर, समाज में धर्म की स्थापना करते हैं जैसा कि #भगवद्गीता में भगवान #श्री कृष्ण ने कहा है।
🚩 महापुरुषों की गाथा सुज्ञ समाज अनंत काल तक गाता रहता है । ऐसे ही कई #महापुरुष जैसे संत कबीर, गुरु नानक जी, संत तुलसीदास जी, संत लीलाशाह जी महाराज, संत तुकाराम जी, संत ज्ञानेश्वर जी, स्वामी विवेकानंद जी, स्वामी अखंडानन्द जी आदि महान संतों का यश आज भी जीवित है ।
करोड़ो-अरबों लोग धरती पर आते हैं और यूँ ही चले जाते हैं लेकिन #संतों का नाम,आदर,पूजन व यश अनंत काल तक मानवमात्र के हृदयों में अंकित रहता है ।
🚩ऐसे ही #संत आज इस धरा पर हैं लेकिन बहिर्मुख व कृतघ्न समाज को दिखता कहाँ है!
कहाँ पहचान पाते हैं हम उन संतों को!!
🚩गुरुनानक जैसे महान संतों को जेल डलवा दिया जाता है । दो बार तो #गुरुनानक जी को भी #जेल जाना पड़ा । #संत कबीरजी जैसों को वेश्याओं द्वारा बदनाम करवाया जाता है । #स्वामी नित्यानंद जी के ऊपर यौन शोषण का आरोप लगाया गया था । लेकिन उनकी पूजा आज भी होती है क्योंकि
"धर्म की जय और अधर्म का नाश" ये प्राकृतिक सिद्धांत है ।
🚩आज समाज को एक अद्भुत प्यारा सा पर्व देकर हिन्दू #संत #आसारामजी #बापू ने सभी के दिलों पर राज किया है । सबको प्रेम दिया है । सभी को सन्मार्ग पर ले चलने का बड़ा महान कार्य किया है ।
🚩कई समाज के बुद्धिजीवी तो #संत #आसारामजी #बापू के प्रति आभार व्यक्त कर रहे हैं। लेकिन भारत में ही #विदेशी #षड़यंत्र द्वारा ( #क्रिश्चयन #मिशनरीज, विदेशी कंपनियों के मुआवजे से ) उन्हें जेल भिजवा दिया गया और समाज मूक दर्शक बनकर देखता रहा ।
जहां आज का मानव बिना चमत्कार के किसी को नमस्कार नहीं करता वहीं आज भी बापू आसारामजी के #करोड़ों अनुयायी उनके लिए पलकें बिछाये बैठे हैं ।
🚩बिना सत्य के बल के कोई करोड़ों के #जनसमूह को अपनी ओर आकर्षित नहीं कर सकता इतना तो हर समझदार इंसान समझ सकता है ।
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सोशल मीडिया में फैसले की बहस के कारण जज दबाव में आ जाते हैं : जस्टिस सीकरी

16 फरवरी  2019
🚩आपने सुना होगा कि किसी बड़ी हस्ती के खिलाफ या उसके पक्ष में फैसला देना होता  है तो मीडिया ट्रायल चालू हो जाता है और उसके कारण जज दबाव में आकर पक्ष या विपक्ष में फैसले सुना देते हैं, ऐसे हमने कई मामले देखे हैं । अभी हाल ही में देखें तो जोधपुर कोर्ट में सलमान खान को सजा हुई तो उसके पक्ष में बोलना शुरू कर दिया जिसका परिणाम यह हुआ कि उसे सजा होने के बाद भी जमानत मिल गई और वहीं दूसरी ओर जोधपुर कोर्ट में हिन्दू संत आसाराम बापू करीब 6 साल से जेल में हैं पर अभीतक जमानत नहीं मिली क्योंकि जमानत अर्जी लगते ही मीडिया उनके खिलाफ ट्रायल शुरू कर देती है क्योंकि वे धर्मान्तरण, विदेशी कम्पनियों के विरोध और हिन्दू संस्कृति के हित में कार्य कर रहे थे और ऐसे कई उदाहरण मिल जायेंगे जिसमें देश, संस्कृति हित के कार्य करने वालों के खिलाफ मीडिया उल्टा-सीधा  बोलती है और देश, संस्कृति के खिलाफ कार्य करने वालों का समर्थन करती है ।

🚩पहले भी कई जज मीडिया ट्रायल के खिलाफ बोल चुके हैं और अभी हाल ही में सोशल मीडिया को लेकर जज साहब का बयान आया है ।
🚩सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एके सीकरी ने रविवार को कहा कि डिजिटल दौर में न्यायपालिका दबाव में है । उन्होंने कहा कि कोर्ट में सुनवाई शुरू होने से पहले ही लोग सोशल मीडिया पर यह बहस शुरू कर देते हैं कि फैसला क्या होना चाहिए और यह बात न्यायाधीशों पर भी प्रभाव डालती है ।
🚩जस्टिस सीकरी लॉ एसोसिएशन एंड द पैसेफिक कॉन्फ्रेंस के दौरान "डिजिटल युग में प्रेस की आजादी' विषय पर बोल रहे थे । उन्होंने कहा कि प्रेस की आजादी आज नागरिक और मानवाधिकारों को बदल रही है और मीडिया ट्रायल का मौजूदा स्वरूप इसका उदाहरण है ।
🚩जस्टिस सीकरी ने कहा, "मीडिया ट्रायल पहले भी होेते थे, लेकिन आज यह हो रहा है कि जब एक याचिका दायर की जाती है, तब कोर्ट की सुनवाई से पहले ही लोग यह बहस करने लग जाते हैं कि फैसला क्या होना चाहिए । फैसला क्या है इस पर नहीं, बल्कि फैसला क्या होना चाहिए और मैं आपको अपने अनुभव के आधार पर यह बताना चाहूंगा कि इसका असर एक जज किस तरह से फैसला करेगा, इस पर पड़ता है ।'
🚩जस्टिस सीकरी ने कहा, "कुछ साल पहले यह हमेशा एक सोच रहती थी कि एक बार सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट या किसी भी कोर्ट द्वारा फैसला दे दिया जाता था, तब इसकी आलोचना का पूरा अधिकार है, लेकिन आज उस न्यायाधीश के खिलाफ भी अपमानजनक और मानहानि वाले बयान दिए जाते हैं । और अभी भी इस पर बहुत ज्यादा कुछ नहीं कहा जाता । कोर्ट की अवमानना की ताकत का ज्यादा इस्तेमाल नहीं किया जाता है ।'
🚩वकील भी एक्टिविस्ट बनने लगे हैं- एएसजी दीवान
एडिशनल सॉलिसीटर जनरल माधवी गोराडिया दीवान ने सोशल मीडिया पर कहा- आज न्यूज और फेक न्यूज, न्यूज और विचार, नागरिकों और पत्रकारों के बीच का फर्क बहुत धुंधला हो गया है । ट्विटर के विस्तार के साथ वकील भी अब एक्टिविस्ट बन गए हैं, लेकिन एक्टिविस्ट बनने और स्टारडम की दौड़ में किसी को अपनी पेशेवर जिम्मेदारियों को नजरंदाज नहीं करना चाहिए ।
🚩दीवान ने कहा- कभी भी एक्टिविस्ट बनने में कोई परेशानी नहीं है, लेकिन जब कोई उन मामलों में खड़ा हो रहा हो, उन पर बहस कर रहा हो और सुनवाई के तुरंत बाद ट्वीट कर रहा हो तो यह आपकी पेशेवर जिम्मेदारियों के साथ टकराव पैदा कर सकता है ।
🚩जज साहब से हम पूर्ण सहमत है कि सोशल मीडिया पर ऐसी प्रतिक्रिया देने से जज पर दबाव बनाता है पर जब कोई जज गलत जजमेंट देता है सालों तक निर्दोष को जेल में रखा जाता हो तो उसका जिम्मेदार कौन ?
यदि सेशन कोर्ट किसी निर्दोष को उम्रकैद की सजा सुना देती है फिर सालों बाद ऊपरी कोर्ट से निर्दोष बरी होता है तो निर्दोष होने पर भी उसे सालों तक जेल में रखा, उसकी संपत्ति गई, इज्जत गई, उसका समय गया उसकी भरपाई कौन करेगा, जैसे तलवार दंपति के केस में हुआ उसका जिम्मेदार कौन ?
🚩किसी निर्दोष पुरुष पर कोई झूठा मुकदमा करता है उसको सालों तक जेल में रखा जाता है जमानत तक उसे नसीब नहीं होती तो जिम्मेदार कौन है ? न्याय देना जज साहब का ही काम है और जब न्याय न मिले तो लोग प्रतिक्रिया तो देंगे ही ।
🚩हिन्दू संत आसाराम बापू के लिए 5 साल तक ट्रायल चला, लेकिन एक दिन भी जमानत नहीं दी गई, आज 6 साल होने को आए हैं पर जमानत नहीं मिल पा रही है जबकि सलमान खान को सजा हुई तो भी जमानत हो गई ऐसे दोगले फैसले आने पर जनता प्रतिक्रिया तो जरूर ही देगी ।
🚩निर्दोष पुरुषों से बदला लेने की भावना या पैसे ऐंठने के लिए कई महिलाएं झूठे मुकदमे कर देती हैं जिससे पुरुषों की इज्जत, पैसे, समय, परिवार सब बर्बाद हो जाता है, उसे जमानत तक नहीं मिलती है सालों तक जेल में रखा जाता है । न्याय नहीं मिलता है, मिलती है तो बस अगली तारीख । इन सब कारणों से ही परेशान होकर जनता सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देने शुरू कर देती है ।
🚩श्री राम मंदिर पर तारीख पर तारीख देना, सबरीमाला मंदिर की आस्था के खिलाफ और जलीकट्टू, दहीहांडी, दीवाली आदि हिन्दू त्यौहार के खिलाफ फैसले देने के कारण जनता आक्रोश में आकर  प्रतिक्रिया देने लगती है ।
🚩आतंकवादियों पर फैसले देने के लिए आधी रात को कोर्ट खुलना, और साध्वी प्रज्ञा, शंकराचार्य जी आसाराम बापू, नारायण साईं को सालों जेल में रखना इससे जनता में रोष प्रकट होता है और वही रोष सोशल मीडिया पर  उजागर हो जाता है ।
🚩अतः जज साहब को न्याय जल्दी देना चाहिए निर्दोषों को सजा न दें और किसी भी धर्म की आस्था पर चोट न करें तो सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया बंद हो सकती है ।
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