Wednesday, March 13, 2019

जानिए अपने ही देश मे हिंदू खुद कितना लाचार है?

13 मार्च 2019
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🚩भारत देश को हिंदू धर्म के नाम से ही विश्व में पहचान मिली इसलिए भारत देश का एक नाम हिंदुस्तान भी है ।
भारत का संविधान जब लागू हुआ तब कहीं नहीं लिखा गया कि भारत धर्मनिरपेक्ष देश है । सन 1976 में कांग्रेस सरकार ने 42 वें संविधानिक संशोधन द्वारा संविधान की प्रस्तावना में धर्मनिरपेक्ष शब्द डाल दिया। इसका मतलब भारत एक हिंदू वो राष्ट्र है जिसका कोई विशेष धर्म नहीं । उसके लिए सभी धर्म एक समान है ।

🚩वास्तव में सनातन संस्कृति विश्व की प्राचीनतम जीवंत संस्कृति है । जबसे सृष्टि का उद्गम हुआ है तबसे सनातन हिंदू संस्कृति है । हिन्दू धर्म का लोहा सदा सभी धर्मों ने माना । हमारे वेद, शास्त्र, श्रीमद्भागवत गीता, योग और ऋषि मुनियों का दिया हुआ ब्रह्मज्ञान आज भी विश्व का मार्गदर्शन कर रहा है । "वसुधैव कुटुम्बकम" हिन्दू धर्म की महान सोच को प्रदर्शित करता है। हिन्दू धर्म ने मानवता के लिए जो किया वो किसी भी धर्म नही कर पाया ।
🚩पर जो असंवेदनशीलता आज हिन्दू धर्म के साथ हो रही है वो चिंताजनक है । कुछ मुद्दों की तरफ आपका ध्यान आकर्षित कर रहे हैं ।
🚩1). भारत देश की पहचान हिन्दू धर्म से है। हिन्दू धर्म के कारण देश मे सुख-शांति बनी हुई है । भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करना चाहिए था पर वोट बैंक की राजनीति के चलते कोई सरकार ये नहीं कर पाई ।
2). सरकार कानून बनाकर हिन्दू मंदिरों की सम्पत्ति और दान पर अधिकार कर लेती है वहीं दूसरे धर्म के स्थलों को हाथ तक नहीं लगती विशेषकर चर्च, मस्जिद । ये दान से हुई आय का पूरा प्रयोग अपने धर्म के प्रचार प्रसार में करते हैं । मंदिर के कई पैसे तो चर्च और मस्जिद के लिए खर्च किये जाते हैं ।
🚩3). हज यात्रा के लिए सरकार सब्सिडी देती थी वहीं हिंदुओं को अमरनाथ यात्रा करते वक़्त टैक्स लेती है और सेना की मदद लेनी पड़ती है । ये सब सरकारों की गलत वोटबैंक की राजनीति का नतीजा है ।
4). जम्मू-कश्मीर को आज तक विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त है । आज़ादी के 70 साल बाद भी आज तक कोई सरकार संविधान से अनुच्छेद 370 और 35A को नहीं हटा पाई । इसलिए वहाँ हिंदुओं की स्थिति आज भी जर्जर हुई है ।
🚩5). कश्मीर में आज भी सेना के रख रखाव के लिए अरबों रुपये खर्च होते हैं । कश्मीरी पंडितों को मार मारकर भगा दिया गया । फिर भी उनको पुनः नहीं बसा पा रहे हैं और तो और सर्वोच्च न्यायालय से उनको इंसाफ भी नहीं मिला ।
6). गरीब और आदिवासी इलाकों में ईसाई मिशनरियां धर्मांतरण का गोरखधंधा धड़ल्ले से कर रही हैं । लालच देकर और डराकर भोले-भाले हिंदुओं का धर्म परिवर्तन किया जा रहा है । सरकार मौन होकर देख रही है, इसे रोकने के लिए कोई कानून भी नहीं बना रही ।
🚩7). लव जिहाद के कारण लाखों हिंदू बेटियाँ फंस जाती है, अपनी जिंदगी नर्क जैसी जी रही हैं और माँ-बाप भी बर्बाद हो जाते हैं ।
8). कई राज्यों में जहाँ हिन्दू बहुसंख्यक थे अब अल्पसंख्यक रह गए हैं । बंगाल और केरल में हिंदुओं का रहना मुश्किल हो गया है । उन पर अत्याचार हो रहे हैं । पर राजनैतिक पार्टियों की सोच केवल वोटबैंक तक सीमित है ।
🚩9). एक देश है तो कानून भी एक ही होना चाहिए । पर भारत देश में कानून धर्म के साथ बदलता है। कानून ने मुस्लिमों और ईसाईयों को विशेष अधिकार दे रखे हैं इसलिये देश में अराजकता फैल रही है ।
10). NCERT की किताबों में हिन्दुत्व के गौरव का बखान नहीं । स्कूलों में बच्चों को गलत इतिहास पढ़ाया जाता है । हिन्दुत्व का गौरव और हिन्दू शूरवीरों को उचित सम्मान नहीं मिला। बच्चों को सही जानकारी नही मिल पा रही है।
🚩11). न्यायपालिका भी जल्लीकट्टू पर फैसला दे देती है । दीपावली पर पटाखें चलाने और बेचने पर रोक लगाई जा सकती है । जन्माष्टमी पर दही हांडी नही खेलो, होली पर पानी खराब होता है ये खबर मीडिया दिखाती है, दीपावली पर पर्यावरण दूषित होता है ये खबर मीडिया खूब दिखाती है । कुल मिलाकर हिन्दू त्यौहारों को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाती ।
दूसरी तरफ ईद पर जो करोड़ों पशु मारे जाते हैं, न्यू ईयर और क्रिसमस पर पूरे रात पटाखें छोड़े जाते हैं, अरबों रुपये का दारू पिया जाता है, वैलेंटाइन डे पर कुँवारी कन्याएं माता बन जाती हैं, इस पर ना तो मीडिया में कोई खबर आती है ना ही कोई कुछ बोलता है। और तो और कोर्ट भी तीन तलाक और हलाला जैसे मुद्दों पर निर्णय लेने से मना कर देता है, बोलते हैं ये उनका मजहब का मामला है  ये सरासर हिंदुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ है ।
🚩12). सबरीमाला पर तो हिंदुओं के खिलाफ निर्णय आ गया पर राम मंदिर का मुद्दा अब केवल वोटबैंक की राजनीति तक सीमित रह गया है । ना ही अयोध्या में राम मंदिर बन रहा है ना ही कोई आस दिख रही है। सरकार आ रही है जा रही है, हिंदुओं की भावनाओं से किसी को कोई मतलब नहीं ।
13). ऋषि मुनियों ने गाय की महिमा को जाना इसी कारण हिन्दू धर्म ने गाय को माता का दर्जा दिया है। गौमाता ने हमारी कितनी पीढ़ियों का पालन पोषण किया है। पंचगव्य तो अमृत के समान है और कितनी ही आयुर्वेदिक दवाइयों में प्रयोग होते है। गौमूत्र से कैंसर जैसी बीमारी का इलाज संभव है। अमेरिका का भी गौझरन का खूब उपयोग कर रही है।
🚩पर भारत में गौमाँस के लिए गायों को मारा जा रहा है । कत्लखानों में गाय काटी जा रही है । पर सरकार के कान में जूं भी नहीं रेंग रही । गौरक्षा के लिए अब तक कोई कानून नहीं बनाया ।
बाघ को राष्ट्रीय पशु बनाया गया पर इतनी लाभकारी और हितैषी गौमाता को राष्ट्रीय पशु क्यों नहीं बनाया जा रहा । इससे गौहत्या बन्द हो जाएगी और गौमाता को सम्मान भी मिलेगा ।
🚩पता नहीं आज़ादी के सत्तर साल बाद भी गौमाता को सम्मान क्यों नहीं, गौमाता की स्थिति आज भी इतनी दयनीय क्यों ? कब तक हिंदुओं की भावनाओं से खिलवाड़ होगा ?
🚩14). हिन्दू सन्तों को झूठे केसों में फँसाया जा रहा है, झूठी खबर दिखाकर उनको बदनाम किया जा रहा है। साध्वी प्रज्ञा, असीमानन्द जी, जयेन्द्र सरस्वती जी, हिंदू संत आसाराम बापू, स्वामी नित्यानंद जी और कितने ही सन्त झूठे आरोपों के शिकार हुए और आखिर में निर्दोष सिद्ध हुए ।
दूसरी और पादरी और मौलवी कितने कुकर्म करते हैं पर मीडिया में कोई खबर तो नहीं आती है और उनको जमानत भी बड़ी आसानी से मिल जाती है । वहीं हिन्दू सन्तों निर्दोष होते हुए भी जेल की यातना भुगतते है ।
🚩सारांश ये है कि देश में हिंदुओं की स्थिति दिन बदिन खराब हो रही है । ये एक चिंतनीय विषय है कि हिन्दू अब अपने ही देश में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं । अब समय आ गया है कि हिन्दू संगठित हों और अन्याय के खिलाफ एकजुट होकर आवाज़ उठाएं ।
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Tuesday, March 12, 2019

मीडिया का घिनौना चेहरा : मुंबई व देश की दो बड़ी खबरें कर दी गायब

12 मार्च 2019
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🚩भारत की जनता का अब इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया पर से भरोसा उठता जा रहा है क्योंकि पैसे और टीआरपी के लिए मीडिया इतनी गिर गई है कि उसे सत्य से कुछ लेना-देना ही नहीं रहा है । लगता है कि कई खबरों के दाम पहले से ही फिक्स होते हैं और वो कीमत नहीं देने पर झूठी खबरों को सच और सच्ची खबरों को झूठा दिखाकर समाज को गुमराह करती है । यही आज की कई मीडिया का धंधा बन गया है । कोई-कोई सज्जन मीडियाकर्मी होंगे जो सच्चाई दिखाते होंगे बाकि तो लगभग सभी मीडिया हाउस बिके हुए हैं ऐसा लगता है ।
Media's shocking face: Mumbai and two big
news of the country do not disappear

🚩शुक्रवार 8 मार्च को विश्व महिला दिवस था । उस दिन देशभर में अनेक स्थानों पर लाखों महिलाओं ने गौ, गीता व संतों की रक्षा के लिए रैलियां निकाली, धरने दिए, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, कानूनमंत्री के नाम से कलेक्टर आदि को ज्ञापन दिए, लेकिन कुछ सज्जन मीडियाकर्मियों के अलावा न प्रिंट मीडिया ने छापा और न ही इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने दिखाया ।
महिला उत्थान मण्डल ने विश्व महिला दिवस पर देशभर में गौमाता की रक्षा, श्रीमद्भगवद्गीता के ज्ञान के प्रचार-प्रसार एवं वर्तमान में हिन्दू संत आसाराम बापू को न्याय दिलाने के लिए कदम उठाए ।
https://goo.gl/48HBvU
🚩रविवार को 83 वर्षीय वृध्द हिंदू संत आसाराम बापू के समर्थन में शिवाजी पार्क दादर (प.) से वरली तक हजारों लोगों ने अपना रोष प्रकट करने के लिए "विशाल मौन रैली" निकाली I इस रैली में मुंबई - महाराष्ट्र की कई हिन्दू संस्थाओं व अलग-अलग क्षेत्रों से हजारों लोगों ने भाग लिया I
https://youtu.be/Tf0NZM8n6vQ
🚩सोशल मीडिया पर 8 मार्च को #WomenEmpowermentByBapuji हैशटैग के नाम से हजारों ट्वीट्स देखने को मिली । अलग-अलग स्थानों से रैलियों के लाइव वीडियो भी अपलोड किए गए थे ।
🚩गौर करने वाली बात ये है कि एक लड़की के महज आरोप लगाने पर मीडिया ने हिन्दू संत आसारामजी बापू पर 24-24 घंटे डिबेट चलाई, पर जब उनके समर्थन में लाखों महिलाओं आई तो क्यों उनकी आवाज दबाई गयी ???
🚩क्यों इतनी बड़ी खबर को मीडिया कवरेज नहीं मिला ??
🚩देशभर में अलग-अलग स्थानों की महिला मंडल की महिलाओं से जब बात की गई तो उनका कहना था कि हम लाखों-करोड़ो महिलाएं बापू आसारामजी को मानती हैं, उनके आश्रम में जाती हैं, सत्संग सुनती हैं और आसाराम जी बापू की प्रेरणा से हिन्दू संस्कृति रक्षार्थ अनेक सेवाकार्यों में संलग्न हैं । उन्होंने हम महिलाओं के लिए जो किया वो सराहनीय है । हम नारियों को समाज में नारायणी का दर्जा देने वाले संत के साथ हो रहे अन्याय पर हम सड़कों पर उतरी हैं और सरकार व न्यायालय से गुजारिश करती हैं कि संत आसारामजी बापू को जल्द से जल्द रिहा करें क्योंकि समाज को उनकी सख्त आवश्यकता है ।
🚩मंडल की बहनों ने आगे बताया कि बापू आसारामजी को फंसाने के लिए हुए षड्यंत्रों के कई साक्ष्य मिले है पर उन्हें दबाया गया है । एक 83 वर्षीय संत के साथ अपने ही देश में इतना अन्याय देखकर हमारा मन व्यथित है । इसलिए आज हम उनकी रिहाई की मांग लेकर सड़कों पर उतरी हैं ।
मुम्बई में पद यात्रा में लोगों का रोष इस बात पर था कि बापू आसारामजी को एक झूठे व बेबुनियाद केस के आरोप में 6 साल से जेल में रखा गया है I उनका मानना है कि संत आसारामजी बापू केस में न रेप की पुष्टि हुई है, न मेडिकल जाँच में कुछ भी ऐसा मिला है, न ही इल्जाम लगानेवाली लड़की ने रेप का आरोप लगाया है I इस विषय में जोधपुर पुलिस के डीसीपी अजय पाल लाम्बा का बयान है कि "एफ. आई. आर. में बच्ची ने 376 (बलात्कार) का आरोप नहीं लगाया है I
🚩बता दें कि बापू आसारामजी पर आरोप लगानेवाली लड़की की सहेली का बयान 'P7' न्यूज चैनल पर दिखाया गया था उसने कहा था कि "मेरी सहेली का कहना है कि मेरे से जैसा बुलवाते हैं, वैसा मैं बोलती हूँ I" सब कुछ आईने की तरह साफ होते हुए भी जोधपुर सेशन कोर्ट ने उनको आजीवन कारावास की सजा सुनायी I समर्थकों ने कहा हमारे देश के संवैधानिक होने के नाते हमें न्यायालय पर भरोसा है, लेकिन जोधपुर सेशन कोर्ट के फैसले से हम असंतुष्ट हैं I हमें आशा है कि बापू आसारामजी को जोधपुर हाई कोर्ट से जमानत मिलेगी I
🚩यात्रा में शामिल लोगों ने अपना रोष प्रकट करते हुए बताया कि इसमें बड़े राजनेताओं का षड्यंत्र है I जो कि अपनी निजी वोट बैंक के स्वार्थ व द्वेष के कारण उनको बाहर नहीं आने देना चाहते हैं I बापू आसारामजी की जीवनी देखें तो पता चलता है कि उन्होंने अपना सारा जीवन देश व समाज की सेवा में बिताया है I हजारों नि:शुल्क बाल-संस्कार केंद्र, युवा सेवा संघ, महिला उत्थान मंडल व कई समितियों द्वारा व्यसनमुक्ति अभियान, युवाधन सुरक्षा अभियान, नि:शुल्क स्वास्थ्य चिकित्सा सेवा, आदिवासी व पिछड़े लोगों का विकास आदि सेवाओं से लोगों के जीवन को सही दिशा में बदल दिया I देश के कई आदिवासी क्षेत्रों में मेडिकल सुविधा के साथ-साथ उनके जीवन को सही दिशा प्रदान की I हजारों गायों को कटने से बचाकर उनके लिए गौशालाओं का निर्माण किया I जिसमें हजारों गायों की सेवा चलती हैं I
🚩यात्रा में आई जनता का कहना था कि अगर जल्द आसारामजी बापू की रिहाई नहीं हुई तो मुंबई - ठाणे सहित पूरे महाराष्ट्र व देश के अन्य राज्यों में भी सत्याग्रह किया जायेगा I नेताओं पर तो हमें भरोसा नहीं हैं इसलिए हम जनता को पूरे देश में इस अन्याय के प्रति जागरूक करेंगे व राष्ट्रपति से गुहार लगायेंगे कि इस केस की न्यायिक निष्पक्ष जाँच करके बापू आसारामजी को तत्काल रिहा किया जाए I     
🚩आपको बता दें कि दिग्गज न्यायविद डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी भी पहले न्यायालय में आकर सनसनीखेज खुलासे कर चुके हैं और उन्होंने बताया है कि बापू आसारामजी को धर्मांतरण कार्यों में रुकावट बनने के कारण सुनियोजित षडयंत्रपूर्वक जेल भिजवाया है ।
🚩डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी तो गृहमंत्री राजनाथ को भी बता चुके हैं कि बापू आसारामजी को जेल में रखने का फालतू खर्च किया जा रहा है, उनके ऊपर केस बनता ही नही है, उनको तुरन्त रिहा किया जाये ।
🚩मीडिया केवल विदेशी ताकतों के इशारे पर हिन्दू संत आसारामजी बापू को बदनाम करती रही, लेकिन उनके समर्थन में इतनी बड़ी सच्चाई और अच्छाई सामने आई लेकिन सब छुपा रही है जिसके कारण मीडिया से जनता का भरोसा उठता जा रहा है ।
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Monday, March 11, 2019

होली पर ये दो कार्य जरूर करें, स्वस्थ्य रहेगें और शुद्ध होगा वातावरण

11 मार्च 2019
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🚩इस बार मार्च 20 को होली आने वाली है हर साल की तरह इस बार भी मीडिया में 24 घंटे डिबेट चलने की संभावना है कि होली दहन लकड़ियों से करने पर वातावरण प्रदूषित होगा, धुलेंडी खेलने पर पानी का बिगाड़ होगा आदि आदि...।
🚩हमारे ऋषि-मुनियों ने जो भी त्यौहार बनाये उनके पीछे कई वैज्ञानिक तथ्य छुपे मिले ऐसे ही कपोल कल्पित त्यौहार हमारी संस्कृति में नहीं हैं उसके पीछे कई गूढ़ रहस्य छुपे हैं ।

🚩होली दहन के पीछे का वैज्ञानिक कारण :
बता दें कि होली के दिनों में ऋतु परिवर्तन होता है तो शरीर में कफ पिघलकर जठराग्नि में आता है जिसके कारण अनेक बीमारियां होती हैं उससे बचने के लिए होली दहन की तपन से कफ जल्दी पिघल कर नष्ट हो जाता है और दूसरे दिन कूद-फांद कर धुलेंडी खेलने से कफ निकल जाता है जिसके कारण अनेक भयंकर बीमारियों से रक्षा होती है । होली के पीछे आध्यात्मिक कारण भी छुपा है, भक्ति करने वाला का हमेशा विजयी होता है चाहे कोई कितना भी अनिष्ट करने की कोशिश करे उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता है ।
🚩प्राचीनकाल में होली का दहन गाय के गोबर के कण्डों से किया जाता था जिसमें से ऑक्सीजन निकलता था और धुलेंडी पलाश (केसूड़े) के फूलों के रंग से खेली जाती थी जिससे आने वाले दिनों में गर्मी के कारण होने वाले रोगों से बचाव हो जाता था ।
🚩आजकल जिन लकड़ियों से होली दहन किया जाता है वैसे नहीं करना चाहिए उसके बदले गाय के गोबर के कण्डों से करना चाहिए ।
🚩गोबर से कण्डों से होली जलाने के फायदे:-
एक गाय करीब रोज 10 किलो गोबर देती है । 10.. किलो गोबर को सुखाकर 5 कंडे बनाए जा सकते हैं ।
🚩एक कंडे की कीमत 10 रुपए रख सकते हैं । इसमें 2 रुपए कंडे बनाने वाले को, 2 रुपए ट्रांसपोर्टर को और 6 रुपए गौशाला को मिल सकते है । यदि किसी एक शहर में होली पर 10 लाख कंडे भी जलाए जाते हैं तो 1 करोड़ रुपए कमाए जा सकते हैं । औसतन एक गौशाला के हिस्से में बगैर किसी अनुदान के 60 लाख रुपए तक आ जाएंगे । लकड़ी की तुलना में लोगों को कंडे सस्ते भी पड़ेंगे ।
🚩केवल 2 किलो सूखा गोबर जलाने से 60 फीसदी यानी 300 ग्राम ऑक्सीजन निकलती है । वैज्ञानिकों ने शोध किया है कि गाय के एक कंडे में गाय का घी डालकर धुंआ करते हैं तो एक टन ऑक्सीजन बनता है ।
🚩गाय के गोबर के कण्डों से होली जलाने पर गौशालाओं को स्वाबलंबी बनाया जा सकता है, जिससे गौहत्या कम हो सकती है, कंडे बनाने वाले गरीबों को रोजी-रोटी मिलेगी, और वतावरण में शुद्धि होने से हर व्यक्ति स्वस्थ्य रहेगा ।
धुलेंडी खेलने के पीछे का वैज्ञानिक कारण :
होली के समय ऋतु परिवर्तन होता है, सर्दी से गर्मी में प्रवेश होता है इसलिए गर्मी की तपन और गर्मीजन्य रोगों से बचने के लिए पलाश के रंगों से होली खेली जाती है । आध्यात्मिक कारण ये है कि हमे सालभर में किसी से भी कोई लड़ाई झगड़ा हुआ है उसको भूलकर मिलजुलकर होली खेलें ।
🚩पलाश रंग से धुलेंडी खेलने के फायदे:
पलाश के फूलों से होली खेलने की परम्परा का फायदा बताते हुए हिन्दू संत आशारामजी बापू कहते हैं कि ‘‘पलाश कफ, पित्त, कुष्ठ, दाह, वायु तथा रक्तदोष का नाश करता है । साथ ही रक्तसंचार में वृद्धि करता है एवं मांसपेशियों का स्वास्थ्य, मानसिक शक्ति व संकल्पशक्ति को बढ़ाता है ।
🚩रासायनिक रंगों से होली खेलने में प्रति व्यक्ति लगभग 35 से 300 लीटर पानी खर्च होता है, जबकि सामुहिक प्राकृतिक-वैदिक होली में प्रति व्यक्ति लगभग 30 से 60 मि.ली. पानी लगता है ।
🚩इस प्रकार देश की जल-सम्पदा की हजारों गुना बचत होती है । पलाश के फूलों का रंग बनाने के लिए उन्हें इकट्ठे करनेवाले आदिवासियों को रोजी-रोटी मिल जाती है ।
पलाश के फूलों से बने रंगों से होली खेलने से शरीर में गर्मी सहन करने की क्षमता बढ़ती है, मानसिक संतुलन बना रहता है ।
🚩 मीडिया से सावधान:
सुदर्शन न्यूज़ चैनल के मुख्य संपादक श्री सुरेश चव्हाणके और भाजपा नेता ड़ॉ सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि अधिकतर इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया हिन्दुओं व उनके #त्यौहारों के खिलाफ है, क्योंकि उनको विदेश से भारी फंड मिलता है । हिन्दुओं के खिलाफ मतलब केवल एक हिन्दू के खिलाफ नहीं बल्कि उनकी जहां-जहां आस्था है उसी केंद्र बिंदु को तोड़ने के लिए विदेशी ताकतों के इशारे पर काम कर रही है ।
🚩विदेशी फंडेड मीडिया हाउस का टारगेट मुख्यरूप से हिन्दू देवी-देवता, हिन्दू त्यौहार, हिन्दू साधु-संत, वैदिक गुरुकुलों, मन्दिर, आश्रम आदि-आदि हैं । अतः आप बिकाऊ मीडिया से बचे ओर इसका विरोधी करें और खुशी से वैदिक होली खेलें ।
आओ मनाएं ऐसा त्यौहार जिससे महके घर आंगन और स्वस्थ रहे परिवार..
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भारत से अरबों रुपया कमाने वाली कंपनी का हो रहा है बहिष्कार

10 मार्च 2019

🚩सनातनियों ने किसी का कभी कुछ नहीं बिगाड़ा, दुश्मन को भी वैदिक रीति अतिथि देवो भव के नाम पर शरण ही नहीं बल्कि सम्मान भी दिया । खुद पर 17 बार हमले करने वाले गद्दारों को भी माफ़ किया, लेकिन फिर भी उनके खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर साजिशें रची जाती रही हैं । बार-बार उन्हें किसी न किसी बहाने से कोई न कोई निशाने पर लेता रहा और हर पल इस प्रयास में रहा कि किस प्रकार से उनके खिलाफ कुछ न कुछ तो जरूर किया जाय ।
🚩ज्ञात हो कि एक बार फिर से हिन्दुओं के सबसे प्रमुख त्यौहार होली के खिलाफ साजिशें रचनी शुरू हो चुकी हैं । इस बार शुरुआत की है हिन्दुओं के ही घरो में सबसे ज्यादा प्रयोग होने वाले सर्फ़ एक्सेल के द्वारा जो वाशिंग पाऊडर के रूप में जाना जाता है । इस सर्फ एक्सेल ने आने वाले होली के खिलाफ एक ऐसा विज्ञापन चलाया है जो हिन्दू समाज को आंदोलित भी कर रहा है और आक्रोशित भी ।

मात्र 34 लाख में खुली यह कंपनी 5237 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा भारत से लूटकर 2018 में इंग्लैंड ले गयी ।

🚩तकलीफ की बात यह है कि पहले अंग्रेज हमें मार-पीट कर गुलाम बनाकर लूटते थे, लेकिन आज उनकी कंपनी विज्ञापन दिखाकर हमारे दिमाग मे कचरा भर के लूट रही है ।

🚩वर्तमान समय में अपनी हिन्दू विरोधी छवि के लिए आतंकियों से भी ज्यादा कुख्यात हो चुका ब्रांड सर्फ एक्सेल फिर से चर्चा में है । पवित्र कुम्भ में अपनी हिन्दू विरोधी छवि दिखाने के बाद भी जब उसका मन नहीं भरा तो उसने होली के लिए ऐसा एड निकाला है जो आक्रोशित कर रहा है हिन्दू समाज को ।

🚩विज्ञापन में क्या है?

एक हिंदू बच्ची होली के दिन सायकल लेकर गली में निकलती हैं, जहाँ छतों पर बच्चे बाल्टियों में रंगों से भरकर बलून रखें हुए है ।
बच्ची पूछती हैं रंग फेंकना हैं.?..फेंको... सभी बच्चे उस पर कलर बलून फेंकने लगते हैं...

🚩जब रंग खत्म हो जाता है तब बच्ची एक मुस्लिम बच्चे को बुलाती है, घर में से सफ़ेद कुर्ता पजामा पहने मुस्लिम बच्चा बाहर निकलता हैं...जिसे हिन्दू बच्ची अपने सायकल के पीछे बैठाकर मस्जिद छोड़ने जाती हैं...बच्चा कहता है नमाज पढ़कर आता हूँ ।

और उसी दौरान विज्ञापन में जावेद अख्तर की पत्नी शबाना आजमी की आवाज सुनाई देती हैं-अपनो की मदद करने में दाग लगे तो "दाग" अच्छे हैं...।

यहाँ विज्ञापन ने एक साथ कई निशाने साधे गए हैं...

🚩पहला होली के पवित्र रंगों को "दाग" कहने की चेष्टा की गई । वह भी अन्य मज़हब के लिए । बच्ची द्वारा होली के रंगों में सरोबार होना, सर्फ एक्सेल को "दाग" नजर आता है...। 

एक प्रकार से नमाज की पवित्रता औऱ आवश्यकता होली के त्यौहार से अधिक महत्वपूर्ण बताने का चतुराई पूर्वक कुत्सित प्रयास किया गया है ।

🚩अगर आपके मन मे विज्ञापन देखकर एक बार भी गंगा-जमुनी-तहजीब, भाईचारे, बच्चों की मासूमियत का खयाल आता हैं तो आप  बौध्दिक पिशाचों के पाश में जकड़ चुके है ।

दूसरा लव जिहाद...

🚩यहाँ जानबूझकर हिन्दू लड़की चुनी गई । हिन्दू लड़का भी चुना जा सकता था, लेकिन बचपन से मदद,मानवता के नाम पर हिन्दू बच्चियों और माँ बाप के अंदर लव जिहाद के बीज बो देना । यही बौद्धिक आतंकवाद है । बच्चों के नाम पर अपना नैरेटिव सैट करना । जिसमें खुद आप उनकी मदद करें ।

यहाँ एक औऱ बात ध्यान देने योग्य है...

🚩विज्ञापन के अंत मे आवाज शबाना आजमी की हैं, जिनका एनजीओ धर्मांतरण औऱ हिन्दू विरोधी गतिविधियों के लिये कुख्यात हैं ।

सर्फ़ एक्सेल से जनता सवाल पूछ रही है...

🚩क्या सर्फ एक्सेल मोहर्रम पर ऐसा विज्ञापन बना सकता है ??...
जहाँ मुस्लिम बच्ची, हिन्दू बच्चे को कुर्बानी के खून के छींटों से बचाते हुए, उन छीटों को अपने कपड़ों पर लेते हुए मन्दिर ले जाये आरती के लिये ?
तब शबाना आजमी कहें "अपनों की मदद के लिये दाग लगे तो दाग अच्छे हैं ।"

🚩है हिम्मत सर्फ एक्सेल में ??...

या ईद पर जब चारों तरफ जानवर काटे जा रहे हों,, गलियों में खून बह रहा हो तब कोई मुस्लिम लड़की उस खून में अपने पैर और कपड़े गंदे करते हुए किसी हिन्दू लड़के को मन्दिर में पूजा के लिए लेकर जाए,,
और पीछे से शबाना आज़मी की मधुर आवाज आए--"अपनों की मदद के लिए दाग लगें तो दाग अच्छे हैं..."

🚩है ऐसा विज्ञापन बनाने की हिम्मत सर्फ एक्सेल में??

या सिर्फ हिंदुओं ने ही अपने आपको इतना सस्ता कर लिया है कि मिलार्ड, मीडिया, सेकुलर नेता, वामपंथी, मिशनरियां आदि आदि जिसका भी मन करे वही करो छेड़छाड़ इनकी परम्पराओं, धार्मिक मान्यताओं से, ये कुछ नहीं करेंगे, सोई हुई कौम है ।

🚩सभी देशवासियों से नम्र निवेदन है कि सर्फ एक्सेल के साथ-साथ विदेशी कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर के सभी उत्पादों का बहिष्कार कीजिये, आर्थिक ताकत से इसे झुकाइये, ताकि सर्फ एक्सेल ये विज्ञापन वापिस ले औऱ भविष्य में दोबारा ऐसा दुःसाहस न करे ।

विदेशी कंपनियों का उत्पाद न खरीद कर स्वदेशी ही खरीदें जिससे देश भी समृद्ध बनेगा और आप भी स्वस्थ्य रहेंगे ।

🚩अपने बच्चों को सनातन हिंदू धर्म की महिमा समझाएं जिससे वे अन्य मत पंथ में फंसकर अपनी बर्बादी न करें ।

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