Tuesday, September 19, 2017

अखाड़ा की बैठक में बैठे संतों ने कहा कि बापू आसारामजी का नाम दबाव के कारण डाला गया


अगस्त, 19, 2017

🚩#डॉ. रामविलास वेदांतीजी, लोकसभा के पूर्व सदस्य ने बताया कि अखाड़ा परिषद में जिन संतों की चर्चा की है उसमें से कुछ ऐसे संत हैं जैसे स्वामी #असीमानंदजी वनवासी, आदिवासी, #दलितों के #उत्थान के #कार्य कर रहे थे, जिन हिन्दुओं को ईसाई मिशनरियां धर्मान्तरण करके ईसाई बना रही थी उनको #पुनः #हिन्दू धर्म में #लाने का #कार्य किया ।

dr ramvilas vedanti

🚩ठीक उसी प्रकार #आशारामजी बापू जिनके आचरण में , स्वभाव में किसी प्रकार का गलत नही हुआ है, हमारे विश्व हिंदू परिषद के अन्तर्राष्ट्रीय माननीय श्री अशोक सिंघल जी जब उनको स्वयं जोधपुर जेल में मिलने गये थे तब पत्रकारों ने उनको पूछा तो अशोक सिंघल ने बताया कि #कांग्रेस सरकार ने #जानबूझकर #झूठा #आरोप लगाकर संत आशारामजी बापू को #जेल भेजा जिससे अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर साधु-संतों की निंदा की जाये । संत आशारामजी बापू स्वाभाविक धर्म और #हिन्दू संस्कृति के लिए काम कर रहे थे, बापूजी ने #मातृ-पितृ पूजन #कार्यक्रम किया, अशोक सिंघल जी और मैं भी गया था, ऐसे महापुरुष बापूजी के लिए और स्वामी असीमानंद के लिए जो अखाड़ा परिषद ने शब्द प्रयोग किया वो गलत है।

🚩मीडिया ने जिस ढंग से साधु या बाबा शब्द को प्रदूषित किया है वो बिलकुल गलत है, मै साफ शब्दों में कहता हूँ कि संत #आशारामजी बापू समाज के हित में देश के हित में #हिन्दुओं के #हित में लगे थे, धार्मिक कार्यों में लगे थे उनको अचानक कांग्रेस सरकार ने जानबूझकर पकड़कर आरोप लगाकर जेल में बंद किया, वो आरोप भी गलत था ।

🚩 अखाड़ा परिषद ने जो संत आशारामजी बापू का और स्वामी असीमानंद का नाम लिया वो गलत है,
मैं इसकी घोर निंदा करता हूँ, अखाड़ा परिषद को ये दोनों नाम वापिस लेना चाहिए।*


🚩जो संत आशारामजी बापू के भक्त हैं उनको कहना चाहता हूँ कि #अखाड़ा परिषद के #कुकृत्य को उजागर करें, जिनका नाम लेना चाहिए उनका नाम नही लिया और जिनका नाम नही लेना चाहिए उनका नाम लिया ये बहुत गलत है।

🚩भगवान से प्रार्थना करता हूँ कि संत आशारामजी बापू जेल से जल्दी से जल्दी छूटे और फिर से हिन्दू संस्कृति का प्रचार देश और विदेश में घूम-घूमकर करें।

🚩अखाड़ा परिषद की बैठेक में बैठे प्रयागराज इलाहाबाद से पधारे महंत गजानंददास ने भी नरेद्र गिरी को खूब लताड़ा । *उन्होंने कहा कि संत आशारामजी बापू एक आत्म साक्षात्कारी ब्रह्मनिष्ठ संत हैं उनका नाम फर्जी बाबाओं में लिखना वो बिलकुल गलत है, अखाड़ा परिषद में बैठे हुए कई संतों ने उस समय विरोध भी किया कि संत आशारामजी बापू का नाम नहीं डालो लेकिन #नरेद्र गिरी ने #दबाव और #लालच में आकर #संत आशारामजी बापू का नाम #सूची में डाला, वो #बिलकुल #गलत है ।*

🚩Official Azaad Bharat Links:👇🏻


🔺Youtube : https://goo.gl/XU8FPk


🔺 Twitter : https://goo.gl/kfprSt

🔺 Instagram : https://goo.gl/JyyHmf

🔺Google+ : https://goo.gl/Nqo5IX

🔺 Word Press : https://goo.gl/ayGpTG

🔺Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ

Monday, September 18, 2017

जाने सर्वपितृ अमावस्या के दिन श्राद्ध क्यो करना चाहिए, नही करने से क्या होगी हानि ?



सर्वपितृ अमावस्या 19 सितम्बर 2017

🚩राजा रोहिताश्व ने मार्कण्डेयजी से प्रार्थना की : ‘‘भगवन् ! मैं श्राद्धकल्प का यथार्थरूप से श्रवण करना चाहता हूँ ।

🚩मार्कण्डेयजी ने कहा : ‘‘राजन् ! इसी विषय में आनर्त-नरेश ने भर्तृयज्ञ से पूछा था । तब भर्तृयज्ञ ने कहा था : ‘राजन् ! विद्वान पुरुष को #अमावस्या  के #दिन #श्राद्ध अवश्य करना चाहिए । क्षुधा से क्षीण हुए #पितर श्राद्धान्न की आशा से अमावस्या तिथि आने की प्रतीक्षा करते रहते हैं । जो अमावस्या को जल या शाक से भी #श्राद्ध करता है, उसके #पितर #तृप्त होते हैं और उसके समस्त #पातकों का #नाश हो जाता है ।
necessity-of-shradh-on-sarva-pitru-amavasya
🚩आनर्त-नरेश बोले : ‘ब्रह्मन् ! मरे हुए जीव तो अपने कर्मानुसार शुभाशुभ गति को प्राप्त होते हैं, फिर श्राद्धकाल में वे अपने पुत्र के घर कैसे पहुँच पाते हैं ?

🚩भर्तृयज्ञ : ‘राजन् ! जो लोग यहाँ मरते हैं उनमें से कितने ही इस लोक में जन्म लेते हैं, कितने ही पुण्यात्मा स्वर्गलोक में स्थित होते हैं और कितने ही पापात्मा जीव यमलोक के निवासी हो जाते हैं । कुछ जीव भोगानुकूल शरीर धारण करके अपने किये हुए शुभ या अशुभ कर्म का उपभोग करते हैं ।
राजन् ! यमलोक या स्वर्गलोक में रहनेवाले पितरों को भी तब तक भूख-प्यास अधिक होती है, जब तक कि वे माता या पिता से तीन पीढी के अंतर्गत रहते हैं । जब तक वे मातामह, प्रमातामह या वृद्धप्रमातामह और पिता, पितामह या प्रपितामह पद पर रहते हैं, तब तक श्राद्धभाग लेने के लिए उनमें भूख-प्यास की अधिकता होती है । 
🚩#पितृलोक या देवलोक के पितर श्राद्धकाल में सूक्ष्म शरीर से #श्राद्धीय ब्राह्मणों के शरीर में स्थित होकर #श्राद्धभाग से #तृप्त होते हैं, परंतु जो पितर कहीं शुभाशुभ भोग हेतु स्थित हैं या जन्म ले चुके हैं, उनका भाग दिव्य पितर लेते हैं और जीव जहाँ जिस शरीर में होता है, वहाँ तदनुकूल भोगों की प्राप्ति कराकर उसे तृप्ति पहुँचाते हैं । 

🚩ये दिव्य पितर नित्य और सर्वज्ञ होते हैं । पितरों के उद्देश्य से शक्ति के अनुसार सदा ही अन्न और जल का दान करते रहना चाहिए । जो नीच मानव पितरों के लिए अन्न और जल न देकर आप ही भोजन करता है या जल पीता है, वह पितरों का द्रोही है । उसके पितर स्वर्ग में अन्न और जल नहीं पाते हैं । श्राद्ध द्वारा #तृप्त किये हुए #पितर मनुष्य को #मनोवांछित भोग प्रदान करते हैं ।

🚩आनर्त-नरेश : ‘ब्रह्मन् ! श्राद्ध के लिए और भी तो नाना प्रकार के पवित्रतम काल हैं, फिर अमावस्या को ही विशेषरूप से श्राद्ध करने की बात क्यों कही गयी है ?

🚩भर्तृयज्ञ : ‘राजन् ! यह सत्य है कि श्राद्ध के योग्य और भी बहुत-से समय हैं । मन्वादि तिथि, #युगादि तिथि, #संक्रांतिकाल, #व्यतीपात, #चंद्रग्रहण तथा #सूर्यग्रहण - इन सभी समयों में पितरों की तृप्ति के लिए #श्राद्ध करना चाहिए । पुण्य-तीर्थ, पुण्य-मंदिर, श्राद्धयोग्य ब्राह्मण तथा श्राद्धयोग्य उत्तम पदार्थ प्राप्त होने पर बुद्धिमान पुरुषों को बिना पर्व के भी श्राद्ध करना चाहिए । अमावस्या को विशेषरूप से श्राद्ध करने का आदेश दिया गया है, इसका कारण है कि सूर्य की सहस्रों किरणों में जो सबसे प्रमुख है उसका नाम ‘अमा है । उस ‘अमा नामक प्रधान किरण के तेज से ही सूर्यदेव तीनों लोकों को प्रकाशित करते हैं । उसी ‘अमा में तिथि विशेष को चंद्रदेव  निवास  करते  हैं,  इसलिए  उसका  नाम अमावस्या है। यही कारण है कि अमावस्या प्रत्येक धर्मकार्य के लिए अक्षय फल देनेवाली बतायी गयी है । श्राद्धकर्म में तो इसका विशेष महत्त्व है ही ।
🚩श्राद्ध की महिमा बताते हुए ब्रह्माजी ने कहा है : ‘यदि मनुष्य पिता, पितामह और प्रपितामह 
के  उद्देश्य  से  तथा  #मातामह,  #प्रमातामह  और वृद्धप्रमातामह के उद्देश्य से #श्राद्ध-तर्पण करेंगे तो उतने से ही उनके पिता और माता से लेकर मुझ तक सभी पितर तृप्त हो जायेंगे ।

🚩जिस अन्न से मनुष्य अपने पितरों की तुष्टि के लिए श्रेष्ठ ब्राह्मणों को तृप्त करेगा और उसीसे भक्तिपूर्वक पितरों के निमित्त पिंडदान भी देगा, उससे पितरों को सनातन तृप्ति प्राप्त होगी ।

🚩पितृपक्ष में शाक के द्वारा भी जो पितरों का श्राद्ध नहीं करेगा वह धनहीन चाण्डाल होगा । ऐसे व्यक्ति से जो बैठना, सोना, खाना, पीना, छूना-छुआना अथवा वार्तालाप आदि व्यवहार करेंगे, वे भी महापापी माने जायेंगे । उनके यहाँ संतान की वृद्धि नहीं होगी । किसी प्रकार भी उन्हें सुख और धन-धान्य की प्राप्ति नहीं होगी ।

🚩यदि श्राद्ध करने की क्षमता, शक्ति, रुपया-पैसा नहीं है तो श्राद्ध के दिन पानी का लोटा भरकर रखें फिर भगवदगीता के सातवें अध्याय का पाठ करें ओर 1 माला द्वादश मंत्र ” ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ” और एक माला "ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं स्वधादेव्यै स्वाहा" की करें और लोटा में भरा हुआ पानी से सूर्यं भगवान को अर्घ्य दे फिर 11.36  से 12.24 के बीच के समय (कुतप वेला) में #गाय को #चारा खिला दें । चारा खरीदने का भी पैसा नहीं है, ऐसी कोई समस्या है तो उस समय दोनों भुजाएँ ऊँची कर लें, आँखें बंद करके सूर्यनारायण का ध्यान करें : ‘हमारे पिता को, दादा को, फलाने को आप तृप्त करें, उन्हें आप सुख दें, आप समर्थ हैं । मेरे पास धन नहीं है, सामग्री नहीं है, विधि का ज्ञान नहीं है, घर में कोई करने-करानेवाला नहीं है, मैं असमर्थ हूँ लेकिन आपके लिए मेरा सद्भाव है, श्रद्धा है । इससे भी आप तृप्त हो सकते हैं । इससे आपको मंगलमय लाभ होगा ।

🚩Official Azaad Bharat Links:👇🏻


🔺Youtube : https://goo.gl/XU8FPk


🔺 Twitter : https://goo.gl/kfprSt

🔺 Instagram : https://goo.gl/JyyHmf

🔺Google+ : https://goo.gl/Nqo5IX

🔺 Word Press : https://goo.gl/ayGpTG

🔺Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ

Sunday, September 17, 2017

अखाड़ा परिषद का बाबाओं के फर्जी वाले निर्णय को हिन्दू महासभा ने कर दिया निरस्त

सितम्बर 17, 2017

🚩दिल्ली : रविवार को #जंतर-मंतर पर #हिन्दू महासभा एवं अन्य #हिन्दू संगठनों ने अखाड़ा परिषद द्वारा जारी की गई 14 बाबाओ की फर्जी लिस्ट वाली सूची के खिलाफ #विशाल #धरना दिया ।

🚩इस धरने में कई सुप्रतिष्ठित हस्तियां, कई उच्चकोटि के साधु-संत एवं सामाजिक कार्यकर्ता पहुँचे । सभी ने अखाड़ा परिषद द्वारा जारी की गई फर्जी बाबाओं की लिस्ट पर भारी रोष जताया व विरोध प्रगट किया ।

🚩जंतर-मंतर पर हिन्दू संत #आशारामजी बापू के #समर्थक भी हजारों की तादाद में दिखे एवं अन्य संत प्रेमी जनता भी पहुँची ।
Akhara Parishad's decision on Baba's fake remarks was canceled by Hindu Mahasabha
🚩हिन्दू महासभा के #अध्यक्ष #श्री चक्रपाणी महाराज ने विशाल सभा को संबोधित करते हुए कहा कि अखाड़ा परिषद ने जो लिस्ट जारी की है,उसके खिलाफ संत-महासभा की तरफ से प्रस्तुति है कि बिना भेद-भाव के परमात्मा को साक्षी मानकर "संत समाज" ने ये निर्णय लिया है अखिल अखाड़ा परिषद क्रमांक 10-9-2017 को अध्यक्ष नरेन्द्र गिरी की अध्यक्षता में महंत हरिगिरी के प्रत्यक्षता में मुख्य फर्जी संतों की सूची पर निर्णय लिया गया है ।  उपयुक्त सूची #दुर्भावना व अपनी #नाकामियों को छुपाने के लिए अखाड़ा परिषद के द्वारा जारी की गई थी ।

🚩जो धर्म सम्मुख व संविधान ही नहीं है इससे न केवल हिंदुत्व को नुकसान होगा  बल्कि धर्म परिवर्तन को बल मिलेगा । अतः दिनांक 10-9-2017 को #फर्जी सूची को #संत-महासभा द्वारा #निरस्त किया जा रहा है !! चट्टान प्रभाव से निरस्त किया जाता है !! 

🚩और सुझाव दिया जाता है कि जिसके "घर शीशे के होते वो पत्थर वालों को ईटा नहीं फेंकते" अतः मुसीबत आनेवाली है । आज अगर संत आशारामजी बापूज फंस गए, राम-रहीम जी फंस गए तो ये नहीं की अखाड़े वाले नहीं फंसोगे,अतः मुसीबत आनेवाली है ।

🚩"वतन की फिक्र कर नादां मुसीबत आने वाली है,
तेरी बर्बादियों के चर्चे है आसमानों में, 
फनाह हो जाओगे अगर न सम्भले अखाड़े वालों
तेरी दास्ता तक न होगी दास्तानों में ।"

🚩अखाड़ा परिषद कथित फर्जी संतों की सूची खारिज हो गई तो खारिज हो ही गई ।

🚩और बता देना चाहता हूँ अंतिम पांचवा :-
ऐसा नही कि यह मंच पर संत-समाज ने बोल दिया कि खारिज हो । अगर दोबारा फर्जी संतों का शब्द प्रयोग किया तो याद रखना संत महासभा कानूनी तरीके से खींच कर लाएगी। इसलिए हम सिर्फ खारिज कर रहें है और कह रहे हैं रुक जाइये ।

🚩स्वामी चक्रपाणी महाराज ने और संतो ने मिलकर फर्जी बाबाओ की सूची को निरस्त करने के बाद #राष्ट्रपति और #मुख्यमंत्री योगी #आदित्यनाथ जी को #पत्र भी #भेजा है ।

🚩आपको बता दें कि उस मंच पर अनेक संत महात्माओं ने हिन्दू संत #आशारामजी बापू के समाज एवं #हिन्दू संस्कृति के #सेवाकार्यो की #भूरी-भूरी #प्रशंसा की और कहा कि बापू को #षडयंत्र के तहत #फंसाया गया है और #राजनीतिक दबाब के कारण उनको जमानत भी नही मिल रही है जबकि उनको मेडकिल में क्लीन चिट मिल गई है और अभीतक एक भी आरोप सिद्ध नही हुआ है ।

🚩Official Azaad Bharat Links:👇🏻


🔺Youtube : https://goo.gl/XU8FPk


🔺 Twitter : https://goo.gl/kfprSt

🔺 Instagram : https://goo.gl/JyyHmf

🔺Google+ : https://goo.gl/Nqo5IX

🔺 Word Press : https://goo.gl/ayGpTG

🔺Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ
3 Attachments

Saturday, September 16, 2017

हिन्दुओं का आपस में बांटने का खुल्ला षडयंत्र, हिन्दू भी हो रहे हैं शिकार

सितम्बर 16,2017

🚩यूट्यूब पर शनिवार #आचार्य #जितेंद्र महाराज ने एक वीडियो अपलोड किया है, उसमें उन्होंने बताया है कि कैसे #हिन्दुओं को #आपस में #लड़ा रहे हैं। 

🚩आइये जाने क्या कहते हैं जितेंद्र महाराज...
🚩जितेंद्र महाराज ने कहा कि वंदे मातरम.. प्यारे भारतीयों... कुछ दिन पहले से मीडिया में एक प्रोपेगंडा खड़ा किया जा रहा है, कि भारत में 14 साधु फर्जी हैं और बाकी के तो असली हैं और उसके अलावा ये वो फलाना ढिमका.. 

🚩तो मैं इस विषय पर कहना चाहता हूँ कि ये पूरा का पूरा एक #विदेशी षड़यंत्र है और #पॉलिटिकल एजेंडा है, जिसके द्वारा हमारे सनातन धर्म के संतों को , कर्णधारों को आपस में लड़ा दिया जाए और फिर जिनको भी पॉलिटिक्स की रोटी सेंकना है वो इस पर आराम से रोटी सकेंगे और हिंदू धर्म का बंटवारा होगा। 

 
🚩अब हो क्या रहा है , कि जिस #संत ने #पूरे जीवन भर #कार्य किए #देश के लिए , #धर्म के लिए , धर्म रक्षा के लिए , #राष्ट्र रक्षा के लिए , राष्ट्र की सुरक्षा के लिए , #अंतरिम सुरक्षा के लिए जिन्होंने काफी सारे कार्य किए ,  जिन्होंने इस देश को काटने के लिए आए #ईसाइयों के #कन्वर्शन  के अभियान को एक तरीके से बांध बन करके रोक दिया , ऐसे संत को अगर फर्जी कहेंगे और मदर टेरेसा को संत कहेंगे तो ये तो हमारे लिए बड़ा दुखदाई है। 

🚩इस देश की एक हिंदुओं की धर्म से काटने वाली जो #विषबेला थी वो #मदर टेरेसा जिसे #वेटिकन ने संत घोषित किया और भारत में मिठाइयां बंटी और भारत के प्रधानमंत्री को भी मजबूरन यह कहना पड़ा कि मदर टेरेसा संत थी, उन्होंने मानवता का कार्य किया।  तो इसी मदर टेरेसा जिसने हिंदुत्व को काटने का कार्य किया । भारत में इस विषबेल ने बहुत बड़ा विशाल रूप ले लिया , ऐसे विषबेल को ऐसी दुष्ट दुरात्मा को हमको कहना चाहिए कि यह फर्जी है ,  हमको पॉल दिनाकरन को कहना चाहिए यह फर्जी है ,  हमको ऐसे मौलाना जो इस राष्ट्र की रक्षा के लिए खतरा बन बैठे हैं , उनको कहना चाहिए कि यह फर्जी है।  हमें आपस में नहीं लड़ना झगड़ना चाहिए। जिन्होंने #तुलसी  दिवस मनवाया , जिन्होंने #मातृ पितृ पूजन दिवस बनाया , जिन्होंने #युवाधन सुरक्षा पुस्तक निकाला. ..  ऐसे #पूजनीय के बारे में अपना #टिप्पणी भी नहीं करना चाहिए और आपस में लड़ करके इस देश का धर्म,पतन के गर्त में चला जाएगा।

🚩आपको मालूम है,मैं जानकारी दे देना चाहता हूँ कि जॉयन नाम के एक डायरेक्टर ने अपनी फिल्म "गॉड इस कैप्थ" के अंदर हनुमान जी को "गे" बताया.. जो धर्म के सबसे बलवान भगवान कहे जाते हैं उन महान , उन तेजस्वी परम प्रतापी भगवान हनुमान जी के बारे में वह डायरेक्टर ने फिल्म बना दी और वह फिल्म भारत में YouTube पर चल रही है और वह डायरेक्ट जिंदा घूम रहा है ,  उसकी हीरोइन उसके हीरो यहां पर सड़कों पर जिन्देें घूम रहे हैं और 100 करोड़ हिंदुओं को चिड़ा रहे हैं उनके मुंह पर थूक रहे हैं कि देखो तुम्हारे हनुमान जी , उनको हमने "गे" (समलैंगिक) बता दिया तुमने क्या कर लिया ? 

🚩हमारा खून नहीं खौला..हमें जानकारी तक नहीं है.. हमारे पास संतों के लफड़े में,आपस में लड़ने झगड़ने से मन में ईर्ष्या-द्वेष सबके लिए टाइम है, लेकिन हमारे आराध्य भगवान केसरी नंदन , अंजनी पुत्र , पवन पुत्र #हनुमान जी महाराज को जॉयन ने "गे"  बताकर #फिल्म रिलीज कर दी,हम उसका कुछ नहीं बिगाड़ पाए। #PK जैसी #फिल्म आकर के हमारे संतो का #मजाक उड़ा करके चली गई , "ओह माय गॉड" आ करके हिंदू धर्म को अपमानित कर गई कि , सारा पाखंड अंधविश्वास हिंदू धर्म में है । 

🚩इसलिए हमें आपस में नहीं लड़ना है और हम हर समय , हर श्वास  संतो के सम्मान की , देश के अभिमान की स्वाभिमान की रक्षा के लिए खड़े रहेंगे , चाहे इस क्रांति में हमारे प्राण क्यों न चले जाए लेकिन हम पीछे नहीं हटेंगे,  तो सभी लोगों से विनम्र निवेदन है कि सभी संत जनों से सभी पूजनीय से कि आपस में मतभेद मत करिए। एक दूसरे के पुतले जलेंगे , दुनिया हँसेगी .. जग हँसेगा.. जग वही चाहता है कि आप लोग आपस में लड़े दुनिया देखे और हँसे और क्रिश्चियनिटी और कट्टर मुस्लिम वाले लोग वो इस देश में अपना काम करते जाएं और वोट बैंक स्थापित हो ।

🚩आज देश की समस्या #रोहिंग्या है फर्जी संतो के बारे में यह लिस्ट विस्ट जारी करने की जो बातें करी और #फर्जीकरार करने की जो #कोशिश की वो सब बहुत गलत #धृणात्मक कृत्य है , इसको नहीं होना चाहिए। जो फर्जी रहेगा उसको भगवान दंड देगा ना..ईश्वर सर्वोपरि है , धर्मसत्ता राष्ट्र रक्षा के लिए कार्य करने के लिए आतुर रहे। हनुमान जी महाराज की जिसने पिक्चर बनाई है उसका  मस्तक चौराहे पर पड़ा होना चाहिए तब हमारा धर्म सत्ता का इस देश के अंदर कुछ महत्व रहेगा और संतो के बारे में कोई भी टिप्पणी नहीं करना चाहिए। 


🚩वो #संत महान है #जिन्होंने #लाखों-लाखों लोगों के #हृदय में #सनातन का भाव #जगा दिया ऐसे संतो के बारे में कुछ नहीं कहना चाहिए। 

🚩भारत माता की जय ..वंदे मातरम जय हिंदू राष्ट्र।


🚩Official Azaad Bharat Links:👇🏻


🔺Youtube : https://goo.gl/XU8FPk


🔺 Twitter : https://goo.gl/kfprSt

🔺 Instagram : https://goo.gl/JyyHmf

🔺Google+ : https://goo.gl/Nqo5IX

🔺 Word Press : https://goo.gl/ayGpTG

🔺Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ

Friday, September 15, 2017

इतिहास देख लो वर्तमान में सभी संतों की निंदा हुई है, बाद में उनकी मूर्ति को पूजते हैं

इतिहास देख लो वर्तमान में सभी संतों की निंदा हुई है, बाद में उनकी मूर्ति को पूजते हैं

भारत देश ऋषि-मुनियों, साधु-संतों का देश रहा है, उनके ही मार्गदर्शन में राजसत्ता चलती थी, भगवान श्रीकृष्ण भी संदीपनी ऋषि के पास जाते थे, भगवान श्री राम भी उनके गुरु वशिष्ठ के पास से सलाह सूचन लेने के बाद ही कुछ निर्यण लेते थे, वर्तमान में भी देश सच्चे साधु-संतों के कारण ही देश में सुख-शांति है और देश की संस्कृति जीवित है।
conspiracy against saints

वर्तमान में विदेशी फंड से चलने वाली मीडिया द्वारा एक कुचक्र चल रहा है जिसमें सभी हिन्दू साधु-संतों को बदनाम किया जा रहा है, इसमें अच्छे साधु-संतों को भी बदनाम किया जा रहा है और भारत की भोली जनता भी उन्हीं को सच मानकर अपने ही धर्मगुरुओं की निंदा करने लगी है और बोलते हैं कि पहले जैसे साधु-संत नहीं हैं पर अगर वे भगवान श्री राम के गुरु की योगवासिष्ठ महारामायण पढ़े तो उसमें लिखा है कि हे रामजी मैं बाजार से गुजरता हूँ तो मूर्ख लोग मेरे लिए न जाने क्या-क्या बोलते हैं पर मेरा दयालु स्वभाव है मैं सबको क्षमा कर देता हूँ ।

त्रेतायुग में भी भगवान रामजी जिनको पूजते थे उनको भी जनता ने नही छोड़ा तो आज तो कलयुग है लोगों की मति-गति छोटी है इसलिए साधु-संतों की निंदा करेंगे और उनके भक्तों को अंधभक्त ही बोलेंगे ।

आइये आपको बताते हैं पहले जो महापुरुष हो गए उनकी कैसी निंदा हुई और बाद में कैसे लोग पूजते गए..


स्वामी विवेकानंदजी

अत्याचार : ईसाई मिशनरियों तथा उनकी कठपुतली बने प्रताप मजूमदार द्वारा दुश्चरित्रता, स्त्री-लम्पटता,  ठगी, जालसाजी, धोखेबाजी आदि आरोप लगाकर अखबारों आदि के द्वारा बहुत बदनामी की गयी ।

परिणाम : काफी समय तक उनकी जो निंदाएँ चल रही थी उनका प्रतिकार उनके अनुयायियों ने भारत में सार्वजनिक सभाएँ आयोजित करके किया और अंत में स्वामी विवेकानंदजी के पक्ष की ही विजय हुई ।

(संदर्भ : युगनायक विवेकानंद, लेखक - स्वामी गम्भीरानंद, पृष्ठ 109, 112, 121, 122)

महात्मा बुद्ध

अत्याचार : सुंदरी नामक बौद्ध भिक्षुणी के साथ अवैध संबंध एवं उसकी हत्या के आरोप लगाये गये और सर्वत्र घोर दुष्प्रचार हुआ ।

परिणाम : उनके शिष्यों ने सुप्रचार किया । कुछ समय बाद महात्मा बुद्ध निर्दोष साबित हुए । लोग आज भी उनका आदर-सम्मान करते हैं । 

(संदर्भ : लोक कल्याण के व्रती महात्मा बुद्ध, लेखक - पं. श्रीराम शर्मा आचार्य, पृष्ठ 25)

संत कबीरजी

अत्याचार : अधर्मी, शराबी, वेश्यागामी आदि कई घृणित आरोप लगाये गये और बादशाह सिकंदर के आदेश से कबीरजी को गिरफ्तार किया गया और कई प्रकार से सताया गया । 

परिणाम : अंत में बादशाह ने माफी माँगी और शिष्य बन गया । 

(संदर्भ : कबीर दर्शन, लेखक - डॉ. किशोरदास स्वामी, पृष्ठ 92 से 96)

संत नरसिंह मेहताजी

अत्याचार : जादू के बल पर स्त्रियों को आकर्षित कर उनके साथ स्वेच्छा से विहार करने के आरोप लगाकर खूब बदनाम व प्रताड़ित किया गया ।

परिणाम : नरसिंह मेहताजी निर्दोष साबित हुए । आज भी लाखों-करोड़ों लोग उनके भजन गाकर पवित्र हो रहे हैं ।    (संदर्भ : भक्त नरसिंह मेहता, पृष्ठ 129, प्रकाशन - गीताप्रेस)

स्वामी रामतीर्थ

अत्याचार : पादरियों और मिशनरियों ने लड़कियों को भेजकर दुश्चरित्र सिद्ध करने के षड्यंत्र रचे और खूब बदनामी की । जान से मार डालने की धमकी एवं अन्य कई प्रताड़नाएँ दी गयी।

परिणाम : स्वामी रामतीर्थजी के सामने बड़ी-बड़ी मिशनरी निरुत्तर हो गई। उनके द्वारा प्रचारित वैदिक संस्कृति के ज्ञान-प्रकाश से अनेकों का जीवन आलोकित हुआ ।

(संदर्भ : राम जीवन चित्रावली,  रामतीर्थ प्रतिष्ठान, पृष्ठ 67 से 72)

संत ज्ञानेश्वर महाराज 

अत्याचार : कई वर्षों तक समाज से बहिष्कृत करके बहुत अपमान व निंदा की गयी । इनके माता-पिता को 22 वर्षों तक कभी तृण-पत्ते खाकर और कभी केवल जल या वायु पीके जीवन-निर्वाह करना पड़ा । ऐसी यातनाएँ ज्ञानेश्वरजी को भी सहनी पड़ी ।

परिणाम : लाखों-करोड़ों लोग आज भी संत ज्ञानेश्वर जी द्वारा रचित ‘ज्ञानेश्वरी गीता’ को श्रद्धा से पढ़-सुन के अपने हृदय में ज्ञान-भक्ति की ज्योति जगाते हैं और उनका आदर-पूजन करते हैं । 

(संदर्भ : श्री ज्ञानेश्वर चरित्र और ग्रंथ विवेचन, लेखक - ल.रा. पांगारकर, पृष्ठ 32, 33, 38)

भक्तिमती मीराबाई

अत्याचार : चरित्रभ्रष्टता का आरोप लगाया गया । कभी नाग भेजकर तो कभी विष पिला के, कभी भूखे शेर के सामने भेजकर तो कभी तलवार चला के जान से मारने के दुष्प्रयास हुए । 

परिणाम : जान से मारने के सभी दुष्प्रयास विफल हुए । मीराबाई के प्रति लोगों की सहानुभूति बढ़ती गयी । उनके गाये पदोें को पढ़-सुनकर एवं गा के आज भी लोगों के विकार मिटते हैं, भक्ति बढ़ती है ।

सनातन धर्म के संतों ने जब-जब व्यापकरूप से समाज को जगाने का प्रयास किया है, तब-तब उनको विधर्मी ताकतों के द्वारा बदनाम करने के लिए षड्यंत्र किये गये हैं ।
जिनमें वे हिन्दू संतों को भी मोहरा बनाकर हिन्दू संतों के खिलाफ दुष्प्रचार करने में सफल हो जाते हैं । 

यह हिन्दुओं की दुर्बलता है कि वे विधर्मियों के चक्कर में आकर अपने ही संतों की निंदा सुनकर विधर्मियों की हाँ में हाँ करने लग जाते हैं और उनकी हिन्दू धर्म को नष्ट करने की गहरी साजिश को समझ नहीं पाते । इसे हिन्दुओं का भोलापन भी कह सकते हैं । 

अतः हिन्दू सावधान रहें ।

Thursday, September 14, 2017

विदेशी फंड से चलने वाले भारतीय न्यूज़ चैनल्स को करें ब्लॉक : सुरेश चव्हाणके

विदेशी फंड से चलने वाले भारतीय न्यूज़ चैनल्स को करें ब्लॉक : सुरेश चव्हाणके

झूठी खबरें दिखाकर देशवासियों को भ्रमित करनेवाले तथा करोड़ों संस्कृतिप्रेमियों की भावनाओं को आहत करनेवाले टीवी चैनलों पर लगाम लगाने के लिए विभिन्न धार्मिक, सांस्कृतिक संगठनों द्वारा देशव्यापी ‘संस्कृति-विरोधी चैनल लॉक अभियान’ चलाया गया है ।
Block media channels

सुदर्शन चैनल के चेयरमैन श्री सुरेश चव्हाणके जी ने कहा क़ि भारत के सारे न्यूज़ चैनल्स दो कारणों से दुष्प्रचार करते हैं । एक तो बडा कारण है स्पोंसरशिप, दूसरा कारण है TRP ।

सुरेशजी ने देशवासियों को देश विरोधी न्यूज़ चैनल्स को सबक सिखाने के लिए चार काम करने का कहा...

पहला...

जो #हिन्दू अपनी #संस्कृति से प्रेम करते है उन सबका कर्त्तव्य बनता है क़ि जब भी कोई #भारतीय #संस्कृति विरोधी या संत के खिलाफ #न्यूज शुरू हो तो करोडों #देशभक्त उन #चैनल्स को बंद कर दें । अगर 6-8 करोड़ लोग ऐसे चैनल्स को Block कर देते है तो ये सारे अनाप-शनाप बोलना बंद कर देंगे।

चैनल लॉक करने की विधि इस प्रकार है :

Dish TV : Menu – Press Right Key – My Dish TV – Parental Control – Block Channels – PIN – 1234 – Select the Channel – Press right key to Block channel – Select channel one by one – Menu 

Tata Sky : Organiser – Parental control – PIN – 0000 – Channel Lockout – Select the Channel – Guide

Airtel / BIG TV (Reliance) : Home/Menu – Setting/Setup – Parental Control – Pin – 0000 – Parental Lock/Channel block – Select Channel – नीला बटन दबाकर  apply changes करें - home

Videocon : Menu – Setup – Installation – Pin -1234 – user setting – Channel Locking – Lock/Hide/Unlock/Unhide channels – Green button for hide – Ok – Exit -Yes 

IN/DEN/PNL Cable : Menu – Favourite List – Modify Channel List – All TV Channel – Lock – Red Button (लॉक करने के लिए)

यह सबसे सरल और सचोट तरीका है इनसे टक्कर लेने का। जो हर भारतीय को करना चाहिए।

दूसरा...

सोशल मीडिया में ऐसे चैनल्स के जो पेज हैं उनको #डिस्लाइक करें, उस पर अपनी बातों को रखें । 

तीसरा...

जिन टीवी चैनल्स पर हमारे #संतों, हमारी संस्कृति व धर्म की बदनामी की जा रही हो उन पर जो #विज्ञापन चल रहे हो, उन कम्पनियों की वेबसाइट से उनके नम्बर और ईमेल आई डी लेकर उनको बोलिये कि ‘तुम जिस चैनल को विज्ञापन देते हो वह चैनल #संतों और #धर्म का दुष्प्रचार करता है, इस पर विज्ञापन दोगे तो तुम्हारा प्रोडक्ट नहीं लेंगे ।' 

चौथा...

#संत-सम्मेलन तहसील, जिला, राज्य स्तर पर, विभिन्न जगहों पर किये जायें और वहाँ विभिन्न लोगों को बुलाकर उनके सामने संतों की सच्चाई बतायें।

आखिर आज भी टीवी से कई गुना ज्यादा प्रत्यक्ष मिलने से सत्य उजागर होता है और इसके परिणाम भी मजबूत होते है। 

इस लड़ाई के लिए मीडिया में और अच्छे लोगों की जरूरत है।

आज देश को ऐसे मीडिया कर्मियों की जरुरत है जो समाज तक निष्पक्ष सच्चाई पहुँचायें....!

आज देश में निष्पक्ष सच्चाई पहुँचाने वाले चैनल्स की अत्यंत आवश्यकता है...!

आज देश को ऐसे पत्रकारों की जरूरत है जिनकी कलम सच्चाई के लिए उठें, जिनकी वाणी से सत्य उजागर हो....!

आज TRP के खेल में न्यूज चैनल इस कदर फंसते जा रहे हैं कि उनका आम जनता से जुड़ी खबरों से कोई वास्ता ही नही रहा।

कानून की नजर में कोई शक्स तब तक अपराधी नहीं है, जब तक उस पर जुर्म साबित न हो पर अपने सेल्फ स्टाइल जजमेंट द्वारा ये न्यूज़ चैनल्स उसे समाज की नज़रों में दोषी करार दे देते है...!!!

आप स्वयं सोचिये...क्या ये उचित है ???

क्या कानून की चपेट में कोई निर्दोष नही आया आज तक...???

क्या किसी को जुर्म साबित होने से पहले दोषी करार देने वाले न्यूज़ चैनेल्स उसके निर्दोष छूटने पर उसका खोया सम्मान लौटा पाएंगे...???

आज भारत की अस्मिता है खतरे में क्योंकि विदेशी फंड से चलनेवाले भारतीय न्यूज़ चैनेल्स हिला रहे है जड़े भारतीय संस्कृति की। 

यह एक ऐसा सिस्टम है जो एक मिनट में पूरे विश्व में अपनी घिनौनी मनगढत ख़बरें पहुंचा देता है।

#लोकतन्त्र का #चौथा-स्तंभ ना बनकर, संतो के अपमान का ज़रिया बनते जा रहे है न्यूज़ चैनेल्स।

सभी भारतीय ऐसे सभी न्यूज़ चैनेल्स को जल्द से जल्द ब्लॉक करे।