Wednesday, February 19, 2020

महिला ने लगाया झूठा केस, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार, रेप केस का जानिए स

19 फरवरी 2020

*🚩बलात्कार कानूनों के दुरुपयोग से निर्दोष पुरुषों की ज़िंदगी तबाह हो रही है। कुछ पुरुष निर्दोष होते हुए भी आरोपी सिद्ध होकर सालों साल जेल की प्रताड़ना सहन करते हैं तो कुछ पुरुष कुछ साल जेल में रहकर निर्दोष बाहर आ जाते हैं। कुछ पुरुष तो आरोप के सदमे में खुदकुशी तक कर लेते हैं।*

*🚩इस घटना से आप समझ सकते हैं कि कैसे निर्दोष पुरुषों को फंसाया जा रहा है*

*🚩रेप के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए आरोपी को बरी कर दिया है जबकि निचली अदालत ने उसे सजा सुनाई थी और हाई कोर्ट ने सजा को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सिर्फ पीड़िता के बयान बलात्कार के मामले में सजा के लिए पर्याप्त आधार नहीं हो सकते।*

*🚩रेप पीड़िता के बयान कितने महत्वपूर्ण: सुप्रीम कोर्ट का फैसला*

*🚩सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि महज दुष्कर्म पीडि़ता के बयान के आधार पर आरोपित को तब तक अपराधी नहीं ठहराया जा सकता, जब तक उसका बयान भरोसेमंद, मुकम्मल और वास्तविक गुणवत्ता का न हो। जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने दोहराया कि वास्तविक गवाह बहुत ही भरोसेमंद और क्षमता वाला होना चाहिए, जिसकी गवाही अकाट्य हो।*

*🚩कोर्ट ने रेप पीड़िता के बयान के आधार पर सजा सुना दी थी*

*🚩पीठ ने यह टिप्पणी पटना के मखदुमपुर के एक व्यक्ति को दुष्कर्म के आरोपों से बरी करते हुए की। व्यक्ति पर उसकी भाभी ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था। महिला ने कहा था कि 16 सितंबर, 2011 की रात को उसके देवर ने उसके साथ दुष्कर्म किया था। उसकी शिकायत पर एफआइआर दर्ज की गई थी। निचली अदालत ने आरोपित को दोषी ठहराते हुए 10 साल कैद की सजा सुनाई थी। हाई कोर्ट ने भी निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा था।*

*🚩मेडिकल में आरोप की पुष्टि नहीं हुई, सिर्फ बयान के आधार पर सजा को चुनौती*

*🚩पीठ के समक्ष बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि पीड़िता के बयान के अलावा इसमें कोई और साक्ष्य नहीं है। चिकित्सकीय प्रमाण भी आरोप की पुष्टि नहीं करते। आरोप को साबित करने के लिए अन्य कोई स्वतंत्र गवाह या साक्ष्य भी नहीं हैं। पीठ ने कहा कि सामान्य तौर पर दुष्कर्म के मामले में पीड़िता की गवाही आरोप साबित करने के लिए पर्याप्त है। लेकिन इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती है कि किसी आरोपी को झूठे मामले में फंसाया भी जा सकता है।*


*🚩यहाँ तो सिर्फ आपको एक घटना बताई ऐसी तो सैंकड़ो घण्टनाये हैं जिसमे निर्दोष पुरुषों को फंसाया जाता है।*

*🚩हिंदू संस्कृति रक्षक हिंदू साधु-संतों को भी झूठे केस में फंसाया जा रहा है जैसे कि स्वामी नित्यानंद जी, स्वामी केशवानन्दजी आदि को सेशन कोर्ट ने सजा भी कर दी फिर ऊपरी कोर्ट ने निर्दोष बरी किया, ऐसा ही मामला हिंदु संत आसाराम बापू का भी है उनके पास पुख्ता सबूत है कि तथाकथित घटना के समय वहाँ लड़की थी ही नही फिर कैसे सजा हुई? खैर वे ऊपरी कोर्ट से निर्दोष बरी हो जाएंगे ।*

*🚩लेकिन अब प्रश्न ये है कि जो समय निर्दोष पुरुष जेल में प्रताड़ित होकर गुजारते हैं क्या न्यायपालिका वो समय वापिस दे पाएगी?*

*🚩जो मानसिक उत्पीड़न निर्दोष पुरुष झेलते हैं क्या न्याय व्यवस्था उसकी भरपाई कर पाएगी?*

*🚩झूठे आरोप से जो निर्दोष पुरुषों की मान प्रतिष्ठा को हानि होती है, क्या अदालत उसकी भरपाई कर पाएगी?*

*🚩निर्दोष होते हुए भी बलात्कारी का जो कलंक लग जाता है, क्या अदालत उसको मिटा पाएगी?*

*🚩कोई निर्दोष पुरुष जब सदमे में आकर आत्महत्या कर लेते हैं तो क्या ये कानून व्यवस्था उसका जीवन लौटा पाएगी?*

*🚩जब संविधान सबको बराबर मूलभूत अधिकार देता है तो झूठे आरोप में फंसे पुरुष के मूलभूत अधिकारों की रक्षा कैसे होगी? कौन करेगा?*

*🚩किसी औरत द्वारा लगे झूठे आरोप से किसी पुरुष के परिवार को जो आर्थिक और सामाजिक हानि होती है क्या उस हानि की भरपाई अदालत कर पाएगी?*

*🚩क्या झूठे आरोप में प्रताड़ित पुरुष कभी खुद को समाज में सुरक्षित महसूस कर पाएगा?*

*🚩झूठे आरोप से प्रताड़ित कोई पुरुष क्या कभी कानून व्यवस्था पर विश्वास कर पाएगा?*
*🚩कानून व्यवस्था से प्रताड़ित मनुष्य भविष्य में कभी जरूरत पड़ने पर कानून का दरवाजा खटखटा पाएगा?*

*🚩ऐसे बहुत से प्रश्न हैं जिसका किसी के पास कोई जवाब नहीं है। झूठे केसों से एक बात तो स्पष्ट है कि समाज में नैतिकता का पत्तन हो चुका है। सोचिए अगर किसी परिवार में बस एक कमाने वाला हो और उसी पर कोई लालची औरत बलात्कार का झूठा इल्जाम लगा दे तो बताओ उसके पूरे परिवार का क्या होगा? और अगर वही सदमे में आकर आत्महत्या कर ले तो बताओ उसके परिवार का क्या होगा? वास्तविकता ये है कि परिवार के परिवार तबाह हो रहे हैं इन कानूनों के दुरुपयोग से।*

*🚩अब समय की मांग के अनुसार बलात्कार कानून में संशोधन होना चाहिये और पुरुषों की रक्षा के लिए पुरूष आयोग बनना चाहिए।*

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Tuesday, February 18, 2020

होली के लिए अभी से इसको करें, कोरोना जैसे कई वायरस हो जायेंगे गायब

18 फरवरी 2020

*🚩हमारे ऋषि-मुनियों ने जो भी त्यौहार बनाये उनके पीछे कई वैज्ञानिक तथ्य छुपे मिले ऐसे ही कपोल कल्पित त्यौहार हमारी संस्कृति में नहीं हैं उसके पीछे कई गूढ़ रहस्य छुपे हैं ।*

*🚩होली दहन के पीछे का वैज्ञानिक कारण :*

*🚩होली के दिनों में ऋतु परिवर्तन होता है तो शरीर में कफ पिघलकर जठराग्नि में आता है जिसके कारण अनेक बीमारियां होती हैं उससे बचने के लिए होली दहन की तपन से कफ जल्दी पिघल कर नष्ट हो जाता है और दूसरे दिन कूद-फांद कर धुलेंडी खेलने से कफ निकल जाता है जिसके कारण अनेक भयंकर बीमारियों से रक्षा होती है । होली के पीछे आध्यात्मिक कारण भी छुपा है, भक्ति करने वाला हमेशा विजयी होता है चाहे कोई कितना भी अनिष्ट करने की कोशिश करे उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता है ।*

*🚩प्राचीनकाल में होली का दहन गाय के गोबर के कण्डों से किया जाता था जिसमें से ऑक्सीजन निकलता था और धुलेंडी पलाश (केसूड़े) के फूलों के रंग से खेली जाती थी जिससे आने वाले दिनों में गर्मी के कारण होने वाले रोगों से बचाव हो जाता था।*

*🚩आजकल जिन लकड़ियों से होली दहन किया जाता है वैसे नहीं करना चाहिए उसके बदले गाय के गोबर के कण्डों से करना चाहिए ।*

*🚩देशी गाय के गोबर के कण्डों से होली जलाने के फायदे:-*

*🚩एक गाय करीब रोज 10 किलो गोबर देती है । 10.. किलो गोबर को सुखाकर 5 कंडे बनाए जा सकते हैं ।*

*🚩एक कंडे की कीमत करीब 10 रुपए रख सकते हैं । इसमें 2 रुपए कंडे बनाने वाले को, 2 रुपए ट्रांसपोर्टर को और 6 रुपए गौशाला को मिल सकते है । यदि किसी एक शहर में होली पर 10 लाख कंडे भी जलाए जाते हैं तो 1 करोड़ रुपए कमाए जा सकते हैं । औसतन एक गौशाला के हिस्से में बगैर किसी अनुदान के करीब 60 लाख रुपए तक आ जाएंगे । लकड़ी की तुलना में हमें कंडे सस्ते भी पड़ेंगे ।*

*🚩केवल 2 किलो सूखा गोबर जलाने से 60 फीसदी यानी 300 ग्राम ऑक्सीजन निकलती है । वैज्ञानिकों ने शोध किया है कि गाय के एक कंडे में गाय का घी डालकर धुंआ करते हैं तो एक टन ऑक्सीजन बनता है ।*

*🚩गाय के गोबर के कण्डों से होली जलाने पर गौशालाओं को स्वाबलंबी बनाया जा सकता है, जिससे गौहत्या कम हो सकती है, कंडे बनाने वाले गरीबों को रोजी-रोटी मिलेगी, और वतावरण में शुद्धि होने से हर व्यक्ति स्वस्थ्य रहेगा ।*

*🚩दूसरा कि वृक्षों को काटना नही पड़ेगा जिससे वातावरण में संतुलन बना रहेगा।*

*🚩वातावरण अशुद्ध होने पर कोरोना जैसे भयंकर वायरस आ जाते है, अगर देशी गाय के गोबर के कंडे से होली जलाई जाएं तो कोरोना जैसे एक भी वायरस वातावरण में नही रहेगा और हमारा स्वास्थ्य उत्तम हो जायेगा जिससे देश के करोड़ो रूपये बच जाएंगे।*

*🚩आपने अब देशी गाय के गोबर के कंडो को जलाने की महिमा जानी तो आइए हम सभी मिलकर संकल्प करते है कि इसबार सिर्फ गाय के  गोबर के कंडे से ही होली जलाएंगे, इसके लिए अभी से अपनी नजदीकी गौशाला का संपर्क करें और कंडे बनाने का ऑर्डर दें जिससे आपको कंडे पर्याप्त मात्रा में मिल सकते हैं।*

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Monday, February 17, 2020

इन दो अंतराष्ट्रीय खबरों से जान सकते हैं कि हिंदु संस्कृति कितनी महान है

17 फरवरी 2020

*🚩विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यता भारत में ही मिली है। संसार का सबसे पुराना इतिहास भी यहीं पर उपलब्ध है। हमारे ऋषियों ने उच्छृंखल यूरोपियों के जंगली पूर्वजों को मनुष्यत्व एवं सामाजिक परिवेश प्रदान किया, इस बात के लाखों ऐतिहासिक प्रमाण आज भी उपलब्ध हैं।*

*🚩यूनान के प्राचीन इतिहास का दावा है कि भारतवासी वहाँ जाकर बसे तथा वहाँ उन्होंने विद्या का खूब प्रचार किया। यूनान के विश्वप्रसिद्ध दर्शनशास्त्र का मूल भारतीय वेदान्त दर्शन ही है।*

*🚩यूनान के प्रसिद्ध विद्वान एरियन ने लिखा हैः 'जो लोग भारत से आकर यहाँ बसे थे, वे कैसे थे ? वे देवताओं के वंशज थे, उनके पास विपुल सोना था। वे रेशम के दुशाले ओढ़ते थे और बहुमूल्य रत्नों के हार पहनते थे।'*

*🚩एरियन भारतीयों के ज्ञान, चरित्र एवं उज्ज्वल-तेजस्वी जीवन के कारण उन्हें देवताओं के वंशज कहता है। यहाँ पर उसने भारतीयों के आध्यात्मिक एवं भौतिक विकास को स्पष्ट किया है।*

*🚩इन दो खबरों से जान सकते हैं कि सनातन हिंदू संस्कृति कितनी महान है और उससे विदेशी लोग कैसे लाभ उठा रहे हैं?*

*🚩शाकाहार, योग और ध्यान ने मुझे शिखर पर पहुंचाया : नोवाक*

*🚩आठवां ऑस्ट्रेलियाई ओपन खिताब जीतकर महानतम टेनिस खिलाड़ियों की जमात में शामिल होने वाले नोवाक जोकोविच ने इस शानदार फॉर्म का श्रेय शाकाहार, योग और ध्यान को दिया है। युद्ध की विभीषिका झेलने वाले बेलग्राद में पैदा हुए सर्बिया के इस टेनिस स्टार ने सूखे स्वीमिंग पूल में अभ्यास करके टेनिस का ककहरा सीखा। अब रिकॉर्ड 15 करोड डॉलर ईनामी राशि के साथ मोंटे कार्लो में महल सरीखे घर में रहते हैं।*

*🚩कुछ ऐसा है जोकोविच की दिनचर्या*

*🚩जोकोविच की दिनचर्या अनूठी और अनुकरणीय है। वह सूर्योदय से पहले अपने परिवार के साथ उठ जाते हैं, सूर्योदय देखते हैं और उसके बाद परिवार को गले लगाते हैं। साथ में गाते हैं और योग करते हैं।*

*🚩साथ ही 2 बच्चों के पिता जोकोविच पूरी तरह से शाकाहारी हैं। नेटफ्लिक्स की डॉक्यूमेंट्री ‘द गेम चेंजर्स में उन्होंने कहा, ”उम्मीद है कि मैं दूसरे खिलाड़ियों को शाकाहार अपनाने के लिए प्रेरित कर सकूंगा।”*

*इंडोनेशिया में ‘सुग्रीव’ के नाम पर पहला हिंदू विश्‍वविद्यालय*

*🚩इंडोनेशिया में रामचरित मानस के एक पात्र सुग्रीव के नाम पर पहली हिंदू विश्‍वविद्यालय खोली गई है। इंडोनेशिया ने बाली में एक इंस्टीट्यूट को देश की पहली हिंदू विश्‍वविद्यालय में बदल दिया है। प्रेजिडेंशियल रेगुलेशन के तहत बाली के देनपासर के हिंदू धर्म स्टेट इंस्टीट्यूट को देश की पहली हिंदू स्टेट यूनिवर्सिटी बना दिया गया है। इसके अनुसार इस विश्‍वविद्यालय का नाम आई गुस्ती बागस सुग्रीव स्टेट हिंदू यूनिवर्सिटी रखा गया है।*

*🚩बता दें इंडोनेशिया में पहली हिंदू विश्‍वविद्यालय खोला गया है। इस विश्‍वविद्यालय का नाम आई गुस्ती बागस सुग्रीव स्टेट हिंदू यूनिवर्सिटी रखा गया है। पहले इस विश्‍वविद्यालय का नाम हिंदू धर्म स्टेट इंस्टीट्यूट था। अब इसे राष्ट्रपति जोको विदोदो ने एक प्रेजिडेंशियल रेगुलेशन के तहत पहली हिंदू विश्‍वविद्यालय बना दिया है। इस रेगुलेशन के बाद इसका नाम आई गुस्ती बागस सुग्रीव स्टेट हिंदू विश्‍वविद्यालय रखा गया है। यह रेगुलेशन पिछले हफ्ते ही लागू किया गया है।*

*🚩आपको बता दें कि अखंड भारत में इंडोनेशिया भी था।*

*🚩गौरतलब है कि इंडोनेशिया सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश है। लेकिन, इसकी संस्कृति में रामायण रची-बसी है। यहां की रामलीला विश्‍वभर में प्रसिद्ध है। ताजा रेगुलेशन का मकसद हिंदू उच्च शिक्षा को समर्थन और बढ़ावा देना है। बता दें इस विश्‍वविद्यालय में ‘एडमिनिस्टर हिंदू हायर ऐजुकेशन प्रोग्राम’के साथ-साथ ‘हिंदू हायर ऐजुकेशन प्रोग्राम को सपोर्ट करने वाले’दूसरे हायर ऐजुकेशन प्रोग्राम भी होंगे। बताया जा रहा है कि यहांं  के  सभी  मौजूदा छात्रों और कर्मचारियों का इसमेंं ट्रांसफर कर दिया गया है। इसके साथ ही हिंदू धर्म स्टेट इंस्टीट्यूट की सभी प्रॉपर्टी भी अब UHN को हैंडओवर कर दिया गया है। स्त्रोत : जागरण*

*🚩सैमुअल जानसन के अनुसारः 'हिन्दू लोग धार्मिक, प्रसन्नचित्त, न्यायप्रिय, सत्यभाषी, दयालु, कृतज्ञ, ईश्वरभक्त तथा भावनाशील होते हैं। ये विशेषताएँ उन्हें सांस्कृतिक विरासत के रूप में मिली हैं।'*

*🚩यही तो है वह आदर्श जीवनशैली जिसने समस्त संसार को सभ्य बनाया और आज भी विलक्षण आत्ममहिमा की ओर दृष्टि, जीते जी जीवनमुक्ति, शरीर बदलने व जीवन बदलने पर भी अबदल आत्मा की प्राप्ति तथा ऊँचे शाश्वत मूल्यों को बनाये रखने की व्यवस्था इसमें विराजमान है। यदि हिन्दू समाज में कहीं पर इन गुणों का अभाव भी है तो उसका एकमात्र कारण है धर्मनिरपेक्षता के भूत का कुप्रभाव। जब इस आदर्श सभ्यता को साम्प्रदायिकता का नाम दिया जाने लगा तथा कमजोर मन-बुद्धिवाले लोग इससे सहमत होने लगे तभी इन आदर्शों की हिन्दू समाज में कमी होने लगी और पश्चिमी पशुता ने अपने पैर जमा लिये। यह एक ऐतिहासिक सत्य है कि अन्य किसी भी मत-पंथ के अस्त होने से विश्वमानव की इतनी दुर्गति नहीं हुई जितनी हिन्दू धर्म की आदर्श जीवन-पद्धति को छोड़ देने से हुई।*

*🚩अब भारतीयों को अपनी संस्कृति की महिमा समझनी चाहिए और अपनी संस्कृति की तरफ लौट आना चाहिए उसमे ही हमारा और विश्व का कल्याण है।*

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