उत्तर प्रदेश में गोवंश तस्करी करने पर 10 साल की सजा, अभी एक ओर कार्य बाकी है...
11 जून 2020
उत्तर प्रदेश में जबसे योगी सरकार आई है तबसे लोग उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश कहने लगे है। योगी जी कोई भी कार्य को जनता सरहाये बिना नही रहती है अभी तो नेताओं में पसंदी में भी नंबर 1 पर योगीजी आ गए है, उनका लक्ष्य है रामराज्य आये जिससे जनता सुखी जीवन जी सके। हिंदुत्व की रक्षा में सबसे आगे रहते है अब खबर आ रही है कि योगी जी ने यूपी में गोकशी पर कानून सख्त किये है इसपर 10 साल तक की जेल, दोबारा दोषी पाए जाने पर सजा भी दोगुनी होगी।
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श्री प्रभुदत्त ब्रह्मचारी ने कहा था कि यदि हम संसार में हिन्दू कहलाकर जीवित रहना चाहते हैं तो सर्वप्रथम हमें प्राणपन से गौरक्षा करनी होगी।
उत्तर प्रदेश में गोकशी या गोवंश की तस्करी के अपराधों में सजा अब और कड़ी होगी। सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यूपी गोवध निवारण (संशोधन) अध्यादेश-2020 को मंजूरी दे दी गई। इसके तहत गोवंश की तस्करी पर 10 साल तक की जेल हो सकेगी। इस अधिनियम के तहत दोबारा दोषी पाए जाने पर दोगुनी सजा होगी।
अभियुक्तों के पोस्टर भी लगेंगे। अध्यादेश राज्यपाल की मंजूरी के बाद लागू हो सकेगा। अध्यादेश के जरिए यूपी गोवध निवारण अधिनियम में बदलाव कर इसे और सख्त बनाया जा रहा है। मौजूदा कानून में गोवंश के वध या इस नीयत से तस्करी पर न्यूनतम सजा का प्रावधान नहीं है। अब गोकशी पर न्यूनतम 3 साल की सजा और न्यूनतम 3 लाख जुर्माना तय हो गया है। वहीं, गोवंश को अंगभंग करने पर भी कम से कम 1 साल की सजा और 1 लाख का न्यूनतम जुर्माना होगा।
अभियुक्त से वसूलेंगे भरण-पोषण का खर्च
प्रस्तावित कानून के अनुसार अगर तस्करी के लिए ले जाया जा रहा गोवंश जब्त किया जाता है तो एक साल तक उसके भरण-पोषण के खर्च की वसूली भी अभियुक्त से ही की जाएगी। मौजूदा कानून में गोवंश या उसके मांस को ढोने वाले वाहनों, उनके मालिकों या चालकों पर कारवाई को लेकर तस्वीर साफ नहीं थी। अब जब तक वाहन मालिक साबित नहीं कर देंगे कि उन्हें वाहन में प्रतिबंधित मांस की जानकारी नहीं थी, वे भी दोषी माने जाएंगे। वाहन सीज कर दिया जाएगा। इस अधिनियम के तहत सभी अपराध गैरजमानती होंगे।
मोहल्ले-चौराहे पर लगेगी फोटो
सरकार गोकशी या गोतस्करी के अभियुक्त की सार्वजनिक फोटो भी लगाएगी। अभियुक्त की तस्वीर जिसे मोहल्ले में वह सामान्यता निवास करता हो वहां किसी महत्वपूर्ण स्थान पर लगवा दी जाएगी। ऐसे किसी सार्वजनिक स्थल पर भी लगाई जा सकती है जहां वहां नियामक संस्थाओं और अधिकारियों से खुद को छिपाता फिरता हो। सरकार का कहना है कि कुल जिलों में गोकशी की बढ़ती घटनाओं और जमानत पर छूटे लोगों द्वारा फिर गोकशी करने की घटनाओं को देखते हुए कानून को सख्त किया गया है। इससे गोवंशीय पशुओं के संरक्षण में मदद मिलेगी।
अपराध/ मौजूदा सजा/ प्रस्तावित सजा
गोकशी या गोवंश के लिए तस्करी 7 साल तक जेल, 10 हजार जुर्माना 10 साल तक जेल 5 लाख तक जुर्माना गोवंश को अंगभंग या जानलेवा चोट पर उपरोक्त सजा का आधा तक 7 साल तक जेल 3 लाख रुपये तक जुर्माना
योगी सरकार को धन्यवाद हैं जो गौमाता को बचाने के लिए इतने कड़े कानून बनाये जिसके कारण गौहत्या काफी हद तक रुकेगी लेकिन हमने अक्सर देखा है कि कड़े कानून अन्य विषयों पर भी बने है लेकिन उससे 100 प्रतिशत कहि सफलता नही मिलती है अब योगी सरकार और केंद्र सरकार को चाहिए कि वे अब गौमाता को राष्ट्र माता तरीके के घोषित करे और उसकी उपयोगिता लोगों को बताए और उसके द्वारा दूध, दही, घी, गौमूत्र और गोबर की भी उपयोगीता बताई जाए इसमे से पंचगव्य, लकड़ी, कंडे, धूपबत्ती आदि जो बनती है उसका व्यापर को बड़े स्तर पर लाया जाए जैसे ही गौमाता को राष्ट्रीय माता घोषीत करेंगे और उसकी उपयोगिता लोगो को समझ मे आएगी उससे आमदनी मिलने लगेंगे वैसे ही गौहत्या पूर्णरूप से बंद हो सकेगी।
राजस्थान में प्रमुख गौशालाओं का गौमूत्र 135 से 140 रूपए प्रति लीटर बिक रहा है, जबकि दूध की कीमत 45 से 52 रूपए प्रति किलो है। गौमूत्र के सेवन में लोगों की दिलचस्पी इतनी बढ़ी है कि राज्य के बड़े शहरों में गौ उत्पादों में दुकानें बड़े शौरूम की तरह खुल गई हैं। इनमें सबसे अधिक मांग गौमूत्र की है। ये भी कहा गया है कि पथमेड़ा गौशाला, जयपुर की दुर्गापुरा गौशाला और नागौर की श्रीकृष्ण गोपाल गौशाला से तो गौमूत्र विदेशों में भी भेजा जा रहा है।
आपको बता दे कि मध्यप्रदेश में दूध नहीं दे पाने की स्थिति में जिन गायों को किसानों और गौपालकों ने अनुपयोगी समझकर लावारिस भूखा-प्यासा भटकने के लिए छोड दिया था । अब उन्हीं गायों के गोबर और गोमूत्र से नगर निगम की लालटिपारा गौशाला में कैचुआ खाद, नैसर्गिक खाद और धूपबत्ती बनाई जा रही है । वहीं गोमूत्र से कैमिकल रहित गोनाइल और कीटनाशक दवाईयां व मच्छर भगाने की धूपबत्ती तैयार की जा रही है । कीटनाशक दवाईयां खेती और बागवानी के लिए बेहद उपयोगी हैं । इससे मध्यप्रदेश ग्वालियर नगर निगम को भी अभी तक लगभग 3 लाख रुपये का आर्थिक लाभ हो चुका है ।
इसी तरह केंद्र सरकार को कुछ प्रोजेक्ट बनाना चाहिए जिससे लोग गाय की महत्ता समझेगे ओर गौहत्या बंद होगी।
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