Monday, April 3, 2017

भगवान श्री कृष्ण ने गोपियों के साथ क्यों की लीला? 16,108 पत्नियां कौन थी?

🚩भगवान श्री कृष्ण ने गोपियों के साथ क्यों की लीला?  16,108 पत्नियां कौन थी?

🚩जब से उत्तर प्रदेश में आदित्यनाथ योगी की सरकार आई है तबसे #असामाजिक तत्व घबराये हुए हैं, योगी जी को लेकर कुछ न कुछ टिप्पणियां करते रहते हैं ।

🚩कश्मीर को पाकिस्तान को देने की मांग करने वाला और आतंकवादियों को बचाने के लिए आधी रात में भी कोर्ट खुलवाने वाले #प्रशांत_भूषण ने #योगी जी द्वारा चलाया गये "एंटी रोमियो" के बारे में लिखा था कि भगवान कृष्ण तो कई लड़कियों से छेड़छाड़ करते थे अभी तो केवल एक लड़की से ही करते हैं।
Azaad Bharat - Prashant Bhushan comment on Lord Krishna

🚩इस को लेकर सभी हिंदुओं में भारी रोष व्यापा हुआ है । उसके खिलाफ #FIR भी करवाई है ।

🚩लेकिन आज किसी हिन्दू को कोई पूछ लेता है कि आपके श्री कृष्ण ऐसी लीला क्यों करते थे तो भोले भाले #हिंदुओं के पास इसका कोई जवाब नही होता है ।

🚩आइये हम आपको पूरा इतिहास बता देते है कि #भगवान #कृष्ण ने ऐसी लीला क्यों की..???

🚩समाज का शोषण करने वाले #आसुरी वृत्ति के कंस जैसे लोग प्रजा का उत्पीड़न करते हैं,प्रजा को त्राहिमाम् पुकारने के लिए बाध्य कर देते हैं, समाज में अव्यवस्था फैलने लगती है, सज्जन लोग पेट भरने में भी कठिनाइयों का सामना करते हैं और दुष्ट लोग #शराब-कबाब उड़ाते हैं, कंस, #चाणूर, मुष्टिक जैसे दुष्ट बढ़ जाते हैं और #निर्दोष लोग अधिक सताये जाते हैं तब उन सताये जाने वालों की संकल्प शक्ति और भावना शक्ति उत्कट होती है और सताने वालों के दुष्कर्मों का फल देने के लिए भगवान का अवतार होता है।

🚩जब-जब #पृथ्वी पर भगवान और साधु-संतों को भूलकर, सत्कर्मों को भूलकर, सज्जनों को तंग करने वाले विषय-विलासी लोग बढ़ जाते हैं तब तब पृथ्वी माता अपना बोझा उतारने के लिए भगवान की शरण में जाती है। 

🚩कंस आदि दुष्टों के पापकर्म बढ़ जाने पर भी पापकर्मों के भार से बोझिल पृथ्वी देवताओं के साथ भगवान के पास गयी और उसने श्रीहरि से प्रार्थना की तब भगवान ने कहाः "हे देवताओ ! पृथ्वी के साथ तुम भी आये हो, धरती के भार को हल्का करने की तुम्हारी भी इच्छा है, अतः जाओ, तुम भी वृन्दावन में जाकर #गोप-ग्वालों के रूप में अवतरित हो मेरी लीला में सहयोगी बनो। मैं भी समय पाकर वसुदेव-देवकी के यहाँ अवतार लूँगा।"

🚩वसुदेव-देवकी कोई साधारण मनुष्य नहीं थे। स्वायम्भुव मन्वंतर में वसुदे 'सुतपा' नाम के प्रजापति और देवकी उनकी पत्नी 'पृश्नि' थी। सृष्टि के विस्तार के लिए #ब्रह्माजी की आज्ञा मिलने पर उन्होंने भगवान को पाने के लिये बड़ा तप किया था।

🚩सुतपा प्रजापति और पृश्नि ने पूर्वकाल में वरदान में भगवान जैसा पुत्र माँगा था तब भगवान ने कहा थाः "मेरे जैसा तो मैं ही हूँ। तुम जैसा पुत्र माँगते हो वैसा मैं दे नहीं सकता। अतः एक  बार नही वरन तीन बार मैं तुम्हारा पुत्र होकर आऊँगा।"

🚩वे ही भगवान #आदिनारायण सुतपा-पृश्नि के यहाँ 'पृश्निगर्भ' होकर, कश्यप-अदिति के यहाँ 'वामन' होकर और वसुदेव-देवकी के यहाँ  #श्रीकृष्ण' होकर आये। 

🚩हिन्दू संस्कृति का परचम लहराने वर्ल्ड रिलीजियस पार्लियामेंट शिकागो में भारत का नेतृत्व 11 सितम्बर 1893 में स्वामी विवेकानंदजी ने और उसके 100 साल बाद 4 सितम्बर 1993 संत आसारामजी बापू ने किया था ।

🚩उस समय वहाँ के पत्रकारों द्वारा भगवान श्री कृष्ण के बारे में पूछने पर बापू आसारामजी  दिया था करारा जवाब..
देखे वीडियो
यदा यदा ही धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत।
अभ्युत्थानधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्।।
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्।
धर्मसंस्थापनार्थाय संभवामि युगे युगे।।

🚩भगवान श्रीकृष्ण ने आगे की 7 #तिथियाँ और पीछे की 7 तिथियाँ छोड़कर बीच की कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि को पसंद किया ।

🚩शोषकों ने समाज में #अंधेरा मचा रखा था और समाज के लोग भी उस अंधकार से भयभीत थे, अविद्या में उलझे हुए थे। अतः जैसे, कीचड़ में गिरे व्यक्ति को निकालने के लिए स्वयं भी कीचड़ में जाना पड़ता है, वैसे ही #अंधकार में उलझे लोगों को प्रकाश में लाने के लिए भगवान ने भी अंधकार में अवतार ले लिया।

🚩भगवान श्री कृष्ण की 16,108 पत्नियां होने के पीछे राज क्या है? 

🚩भगवान श्री कृष्ण की मुख्य आठ पत्नियां थी- रुक्मणि, जाम्बवन्ती, सत्यभामा, कालिंदी, मित्रबिन्दा, सत्या, भद्रा और लक्ष्मणा।

🚩ये आठों पत्नियां कई जन्मों से भगवान श्री #कृष्ण को पाने के लिए कठोर तप कर रही थी ।

🚩एक दिन देवराज #इंद्र ने भगवान श्रीकृष्ण को बताया कि प्रागज्योतिषपुर के #दैत्यराज भौमासुर के अत्याचार से देवतागण त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। कृपया आप हमें बचाइए। इंद्र की प्रार्थना स्वीकार कर के #श्रीकृष्ण अपनी प्रिय पत्नी सत्यभामा को साथ लेकर गरुड़ पर सवार हो प्रागज्योतिषपुर पहुंचे। 

🚩 #भौमासुर को स्त्री के हाथों मरने का श्राप था इसलिए भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा को सारथी बनाया और घोर युद्ध के बाद अंत में श्रीकृष्ण ने सत्यभामा की सहायता से उसका वध कर डाला। इस तरह भौमासुर को मारकर श्रीकृष्ण ने उसके पुत्र भगदत्त को अभयदान देकर उसे प्रागज्योतिष का राजा बनाया। 

🚩भौमासुर के द्वारा हरण कर लाई गई #16,100 #कन्याओं को #कारागार से श्रीकृष्ण ने मुक्त कर दिया। 

🚩#सामाजिक मान्यताओं के चलते भौमासुर द्वारा बंधक बनकर रखी गई इन नारियों को कोई भी अपनाने को तैयार नहीं था, तब अंत में श्रीकृष्ण ने सभी को आश्रय दिया और उन सभी कन्याओं ने भगवान श्रीकृष्ण को पति रूप में स्वीकार किया।


🚩कर्षति आकर्षति इति कृष्णः।
श्रीकृष्ण किसी व्यक्ति, देह अथवा आकृति के स्वरूप का नाम नहीं है। #कृष्ण का आशय है जो आकर्षित कर दे। आत्मा के आनंदस्वरूप को ही श्रीकृष्ण का वास्तविक स्वरूप मानना चाहिए।
🚩बाह्य दृष्टि से जो श्रीकृष्ण दिखाई देते हैं वे तो अपने-आप में पूर्ण हैं ही, उनकी #लीलाएँ भी पूर्ण हैं। 

🚩गोप-गोपियों और 16108 रानियों को अपनी लीलाओं द्वारा भोग नही मोक्ष की ओर आत्मा के आनंदस्वरूप में जगाया ।

🚩#श्रीकृष्ण बालकों के साथ पूरे बालक, युवाओं के साथ पूरे युवक, गोपियों के बीच पूरे प्रेमस्वरूप, योगियों के बीच #महायोगी, राजाओं के बीच महाराजा, राजनीतिज्ञों के बीच पूरे राजनीतिज्ञ, शत्रुओं के बीच काल के समान और मित्रों के बीच पूर्ण प्रेमस्वरूप, आनन्दस्वरूप हैं। वे अर्जुन के लिए वत्सल सखा है तो वसुदेव-देवकी के लिए आनन्दकारी हितकारी पुत्र हैं। श्रीकृष्ण #गुरूओं के समक्ष पूरे शिष्य और शिष्यों के लिए पूरे गुरू हैं ऐसे श्रीकृष्ण को वन्दन......
कृष्णं वन्दे जगद् गुरूम्।

🚩कई लोग कहते हैं कि श्रीकृष्ण ने ऐसा किया, वैसा किया, #चीरहरण-लीला की। वास्तव में चीरहरण लीला का आध्यात्मिक अर्थ तो यही है कि जब तक तुम अपने #अहंकाररूपी वस्त्र को, देहाध्यासरूपी वस्त्र को अर्पित नहीं कर देते तब तक तुम मेरा नाद भी नहीं सुन सकते। यदि अपना अहंकाररूपी वस्त्र श्रीकृष्ण को दे दोगे तो फिर तत्त्वमसि का संगीत सुनने के भी अधिकारी हो जाओगे।

🚩समाज के पहले से लेकर आखिरी व्यक्ति तक का ध्यान रखते हुए उसके #उत्थान के लिए भिन्न-भिन्न तरीकों को अपनाते हुए, इन्सान की आवश्यकताओं व महत्ता को समझाकर उसके विकास के लिए #निर्गुण, निराकार परात्पर ब्रह्म सगुण-साकार होकर गुनगुनाता, गीत गाता, नाचता, खिलाता और खाता, अनेक अठखेलियाँ करता हुआ, इस जीव को अपनी असलियत का दान करता हुआ,  उसे अपनी महिमा में जगाता हुआ जो प्रगट हुआ है। उसी को श्रीकृष्णावतार कहते हैं।

🚩भगवान श्रीकृष्ण को षोडश #कलाधारी भी कहते हैं और पूर्णावतार भी कहते हैं। वास्तव में, भगवान में सोलह कलाएँ ही हैं ऐसी बात नहीं है। अनन्त-अनन्त कलाओं का सागर हैं वे। फिर भी हमारे जीवन को या इस जगत को चलाने के लिए #भगवान-परब्रह्म-परमात्मा, सच्चिदानन्द की सोलह कलाएँ पर्याप्त होती हैं। 

🚩अवतार का अर्थ क्या है ?

अवतरति इति अवतारः। 
जो अवतरण करे, जो ऊपर से नीचे आये। कहाँ तो परात्पर परब्रह्म, निर्गुण, निराकार, सत् चित् आनन्द, अव्यक्त, #अजन्मा ईश्वर.... और वह जन्म लेकर आये ! अव्यक्त व्यक्त हो जाय ! अजन्मा जन्म को स्वीकार कर ले, अकर्त्ता कर्तृत्व को स्वीकार कर ले, अभोक्ता भोग को स्वीकार कर ले। यह अवतार है। अवतरति इति अवतारः। ऊपर से नीचे आना।


🚩जो शुद्ध बुद्ध निराकार हो वह साकार हो जाय। जिसको कोई आवश्यकता नहीं वह छछियन भरी छाछ पर नाचने लग जाय। जिसको कोई भगा न सके उसको भागने की लीला करनी पड़े। ऐसा #श्रीकृष्ण अवतार मनुष्य के हित के लिए, कल्याण के लिए है।

🚩श्री कृष्ण #जेल में पैदा होने से, पूतना के विषपान कराने से, मामा कंस के जुल्मों से, मामा को मारने से, नगर छोड़कर भागने से, भिक्षा माँगते ऋषियों के आश्रम में निवास करने से, धरती पर सोने से, लोगों का और स्वयं अपने भाई का भी अविश्वास होने से, बच्चों के उद्दण्ड होने से, किसी भी कारण से श्रीकृष्ण के चेहरे पर शिकन नहीं पड़ती। उनका चित्त कभी उद्विग्न नहीं हुआ। सदा समता के साम्राज्य में। समचित्त श्रीकृष्ण का चेहरा कभी मुरझाया नहीं। किसी भी वस्तु की प्राप्ति-अप्राप्ति से, किसी भी व्यक्ति की निन्दा-स्तुति से श्रीकृष्ण की मुखप्रभा म्लान नहीं हुई।


🚩भगवान श्रीकृष्ण की गीता पढ़कर #केनेडा के प्राईम मिनिस्टर मि. पीअर. ट्रुडो त्यागपत्र देकर भारत आये थे। 

🚩केनेडा के प्राईम मिनिस्टर मि. पिअर ट्रुडो ही नहीं, ख्वाजा-दिनमोहम्मद ही नहीं, लेकिन कट्टर मुस्लमान की बेटी और अकबर की बेगम भी गीताकार के गीत गाये बिना नहीं रह सकती। वह कहती हैः
सुनो दिल जानी, मेरे दिल की कहानी।
हूँ तो तुर्कानी लेकिन हिन्दुआनी कहाऊँगी।।
नन्द के लाल ! कुर्बान तेरी सूरत पर।
कलमा नमाज छांडी और देवपूजा ठानी।।
सुनो दिल जानी, मेरे दिल की कहानी....
🚩अकबर की वह बेगम अकबर को लेकर वृंदावन में श्रीकृष्ण के मंदिर में आयी। आठ दिन तक कीर्तन करते-करते जब आखिरी घड़ियाँ आयीं तब 'हे कृष्ण ! मैं तेरी हूँ और तू मेरा है....' ऐसा कहकर वह श्री कृष्ण के चरणों में सिर टेककर सदा के लिए उन्हीं में समा गयी। तब अकबर बोलता हैः "जो चीज जिनकी थी उसने उन्हीं को पा लिया। हम रह गये..."

🚩परिपूर्ण परमात्मा अवतार लेकर आते है लेकिन दुर्योधन जैसे दुष्ट स्वभाव के लोग उनको पहचान नही पाते है और उनकी #निंदा ही करते रहते है ।

🚩अतः भारतवासी ऐसे दुष्ट मति वालों से सावधान रहें ।

🚩Official Azaad Bharat Links:👇🏻

Sunday, April 2, 2017

कत्लखाने बन्द होने पर करोड़ो का होगा नुकसान, बोलने वाली मीडिया पढ़े सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर...

कत्लखाने बन्द होने पर करोड़ो का होगा नुकसान, बोलने वाली मीडिया पढ़े #सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर...

योगी #आदित्यनाथ ने यूपी के मुख्यममंत्री बनने के बाद कई कत्लखाने बन्द करवा दिए पर इस कार्य की सराहना करने की बजाय मीडिया की सुर्खियों में कुछ नया विवाद ही देखने को मिल रहा है। जैसे कि कत्लखाने बंद होने से करोड़ों का नुकसान होगा, कई लोग #बेरोजगार हो जाएंगे आदि ।

लेकिन ऐसा ही मामला #स्वर्गीय श्री राजीव दीक्षित सुप्रीम कोर्ट में लेकर गए थे ।
आइये जानते है क्या कहा था राजीव दीक्षित ने और क्या था सुप्रीम कोर्ट का आर्डर !!

राजीव दीक्षित ने सुप्रीम कोर्ट के मुकदमें मे कसाईयों द्वारा गाय काटने के लिए वही सारे कुतर्क रखे जो कभी शरद पवार द्वारा बोले गए या इस देश के ज्यादा पढ़ें लिखे लोगों द्वारा बोले जाते हैं या देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरू द्वारा कहे गए थे और आज जो मीडिया द्वारा कहे जा रहे हैं ।
COW 


#कसाईयो के कुतर्क

1) गाय जब बूढ़ी हो जाती है तो बचाने मे कोई लाभ नहीं उसे कत्ल करके बेचना ही बढ़िया है 
और हम भारत की अर्थ व्यवस्था को मजबूत बना रहे हैं क्योंकि गाय का मांस एक्सपोर्ट कर रहे हैं ।

2) भारत में गाय के चारे की कमी है । वह भूखी मरे इससे अच्छा ये है कि हम उसका कत्ल करके बेचें ।

3) भारत में लोगो को रहने के लिए जमीन नहीं है गाय को कहाँ रखें ?


4 ) इससे विदेशी मुद्रा मिलती है और सबसे खतरनाक कुतर्क जो कसाइयों की तरफ से दिया गया है कि गाय की हत्या करना हमारे इस्लाम धर्म में लिखा हुआ है कि हम गायों की हत्या करें (this is our religious right ) 


श्री राजीव दीक्षित की तरफ से बिना क्रोध प्रकट किए बहुत ही धैर्य से इन सब कुतर्को का तर्कपूर्वक जवाब दिया गया।

उनका पहला कुतर्क गाय का मांस बेचते हैं तो आमदनी होती है देश को ।
 राजीव भाई ने सारे आंकड़े सुप्रीम कोर्ट में रखे कि एक गाय को जब काट देते हैं तो उसके शरीर में से कितना मांस निकलता है?
 कितना खून निकलता है?? 
कितनी हड्डियाँ निकलती हैं ??

एक स्वस्थ्य गाय का वजन कमसे कम 3 से साढ़े तीन कवींटल होता है उसे जब काटे तो उसमे से मात्र 70 किलो मांस निकलता है एक किलो गाय का मांस जब भारत से एक्सपोर्ट (Export )होता है तो उसकी कीमत है लगभग 50 रुपए ! तो 70 किलो का 50 से गुना को ! 70 x 50 = 3500 रुपए !

खून जो निकलता है वो लगभग 25 लीटर होता है ! जिससे कुल कमाई 1500 से 2000 रुपए होती है !

फिर #हड्डियाँ निकलती है वो भी 30-35 किलो हैं ! जो 1000 -1200 के लगभग बिक जाती है !!

तो कुल मिलकर एक गाय का जब कत्ल करें और मांस ,हड्डियाँ खून समेत बेचें तो सरकार को या कत्ल करने वाले कसाई को 7000 रुपए से ज्यादा नहीं मिलता !!

फिर राजीव भाई द्वारा कोर्ट के सामने उल्टी बात रखी गई कि यदि गाय को कत्ल न करें तो क्या मिलता है ? हमने कत्ल किया तो 7000 मिलेगा और अगर इसको जिंदा रखे तो कितना मिलेगा ?

तो उसका कैलकुलेशन (Calculation) ये है !!

एक गाय एक दिन मे 10 किलो #गोबर देती है और ढाई से 3 लीटर #मूत्र देती है । गाय के एक किलो गोबर से 33 किलो Fertilizer (खाद ) बनती है ।जिसे organic खाद कहते हैं तो कोर्ट के जज ने कहा how it is possible ??

राजीव भाई द्वारा कहा गया कि आप हमें समय और स्थान दीजिये हम आपको यही सिद्ध करके बताते हैं ।
कोर्ट ने आज्ञा दी तो राजीव भाई ने उनको पूरा करके दिखाया और कोर्ट से कहा कि आई. आर. सी. के वैज्ञानिक को बुला लो और टेस्ट करा लो । जब गाय का गोबर कोर्ट ने भेजा टेस्ट करने के लिए  तो वैज्ञानिकों ने कहा कि इसमें 18 micronutrients (पोषक तत्व ) हैं। जो सभी खेत की मिट्टी को चाहिए जैसे मैगनीज है ! फोस्फोरस है ! पोटाशियम है, कैल्शियम,आयरन, #कोबाल्ट, सिलिकोन ,आदि आदि । रासायनिक खाद में मुश्किल से तीन होते हैं । तो गाय का खाद #रासायनिक खाद से 10 गुना ज्यादा ताकतवर है । ये बात कोर्ट को माननी पड़ी !


#राजीव भाई ने कहा अगर आपके र्पोटोकोल के खिलाफ न जाता हो तो आप चलिये हमारे साथ और देखे कहाँ - कहाँ हम 1 किलो #गोबर से 33 किलो खाद बना रहे हैं राजीव भाई ने कहा मेरे अपने गाँव में मैं बनाता हूँ ! मेरे माता पिता दोनों किसान हैं पिछले 15 साल से हम गाय के गोबर से ही खेती करते हैं !

1 किलो गोबर है तो 33 किलो खाद बनता है और 1 किलो खाद का जो #अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भाव है वो 6 रुपए है ! तो रोज 10 किलो गोबर से 330 किलो #खाद बनेगी ! जिसे 6 रुपए किलो के हिसाब से बेचें तो 1800 से 2000 रुपए रोज का गाय के गोबर से मिलता है !

और गाय के गोबर देने मे कोई सन्डे (Sunday) नहीं होता Weekly Off नहीं होता ! हर दिन मिलता है ।

साल में कितना? 

1800 x 365 = 657000 रुपए साल का !

और गाय की सामान्य उम्र 20 साल है और वो जीवन के अंतिम दिन तक #गोबर देती है ।

तो 1800 गुना 365 गुना 20 कर लो आप !! 1 करोड़ से ऊपर तो मिल जाएगा केवल गोबर से !


अब बात करते हैं #गौ मूत्र की । रोज का 2 - सवा दो लीटर देती है । इसमें सुवर्ण क्षार होता है जो वैज्ञानिकों ने भी सिद्ध करके दिखाया है और इससे औषधियां बनती है 
Diabetes Arthritis 
Bronkitis, Bronchial Asthma, Tuberculosis, Osteomyelitis ऐसे करके 48 रोगो की #औषधियां बनती हैं और गाय के एक लीटर मूत्र का बाजार में दवा के रूप मे कीमत 500 रुपए है । वो भी भारत के बाजार में, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तो इससे भी ज्यादा है ।

अमेरिका में गौ मूत्र #Patent हैं और अमरीकी सरकार हर साल भारत से गाय का मूत्र Import करती है और उससे कैंसर की Medicine बनाते हैं।diabetes की दवा बनाते हैं और अमेरिका मे गौ मूत्र पर एक दो नहीं तीन patent है । #अमेरिकन market के हिसाब से calculate करें तो 1200 से 1300 रुपए लीटर बैठता है एक लीटर मूत्र, तो गाय के मूत्र से लगभग रोज की 3000 की आमदनी 
और एक साल का 3000 x 365 =1095000 
और 20 साल का 300 x 365 x 20 = 21900000 
इतना तो गाय के #गोबर और #मूत्र से हो गया एक साल का ।


और इसी #गाय के गोबर से एक गैस निकलती है जिसे मैथेन कहते हैं और मैथेन वही गैस है जिससे आप अपने रसोई घर का सिलंडर चला सकते हैं और जरूरत पड़ने पर गाड़ी भी चला सकते हैं ।
जैसे #LPG गैस से गाड़ी चलती है वैसे मैथेन गैस से भी गाड़ी चलती है तो न्यायधीश को विश्वास नहीं हुआ तो #राजीव भाई ने कहा आप अगर आज्ञा दो तो आपकी कार में मेथेन गैस का सिलंडर लगवा देते हैं ।आप चला के देख लो उन्होने आज्ञा दी और राजीव भाई ने लगवा दिया और जज साहब ने 3 महीने गाड़ी चलाई और उन्होने कहा Its #Excellent 

क्यूंकि इसका खर्चा आता है मात्र 50 से 60 पैसे किलोमीटर और डीजल से आता है 4 रुपए किलो मीटर ।
मेथेन गैस से गाड़ी चले तो #धुआँ बिलकुल नहीं निकलता । डीजल गैस से चले तो धुआँ ही धुआँ । मेथेन से चलने वाली गाड़ी में शोर बिलकुल नहीं होता और डीजल से चले तो इतना शोर होता है कि कान के पर्दे फट जाएँ तो ये सब जज साहब की समझ में आया ।


तो फिर हम (राजीव भाई  ने कहा ) अगर रोज का 10 किलो गोबर इकट्ठा करें तो एक साल में कितनी मेथेन #गैस मिलती है? 20 साल में कितनी मिलेगी और भारत मे 17 करोड़ गाय हैं सबका गोबर एक साथ इकठ्ठा करें और उसका ही इस्तेमाल करे तो 1 #लाख 32 हजार करोड़ की बचत इस देश को होती है ।बिना डीजल ,बिना पट्रोल के हम पूरा ट्रांसपोटेशन इससे चला सकते हैं । अरब देशो से भीख मांगने की जरूरत नहीं और पट्रोल डीजल के लिए #अमेरिका से डालर खरीदने की जरूरत नहीं । अपना रुपया भी मजबूत ।

तो इतने सारे #Calculation जब राजीव भाई ने दिए  सुप्रीम कोर्ट में तो जज ने मान लिया कि गाय की हत्या करने से ज्यादा उसको बचाना आर्थिक रूप से लाभकारी है ।


जब कोर्ट की #Opinion आई तो ये मुस्लिम कसाई लोग भड़क गए उनको लगा कि अब केस उनके हाथ से गया क्योंकि उन्होने कहा था कि गाय का कत्ल करो तो 7000 हजार की इन्कम और इधर #राजीव भाई ने सिद्ध कर दिया कत्ल ना करो तो लाखो करोड़ो की इन्कम ।
और फिर उन्होने ने अपना Trump Card खेला । उन्होंने कहा कि गाय का कत्ल करना हमारा धार्मिक अधिकार है (this is our religious right )

तो राजीव भाई ने कोर्ट में कहा कि अगर ये इनका धार्मिक अधिकार है तो #इतिहास में पता करो कि किस - किस मुस्लिम राजा ने अपने इस धार्मिक अधिकार का प्रयोग किया? तो कोर्ट ने कहा ठीक है एक कमीशन बैठाओ हिस्टोरीयन को बुलाओ और जितने मुस्लिम राजा भारत में हुए, सबकी #History निकालो दस्तावेज़ निकालो और किस किस राजा ने अपने इस धार्मिक अधिकार का पालन किया ?

कोर्ट के आदेश अनुसार पुराने दस्तावेज जब निकाले गए तो उससे पता चला कि भारत में जितने भी मुस्लिम राजा हुए एक ने भी गाय का कत्ल नहीं किया । इसके उल्टा कुछ राजाओ ने गायों के कत्ल के खिलाफ कानून बनाए । उनमे से एक का नाम था बाबर । बाबर ने अपनी पुस्तक बाबर नामा में लिखवाया है कि मेरे मरने के बाद भी गाय के कत्ल का कानून जारी रहना चाहिए । तो उसके पुत्र #हुमायु ने भी उसका पालन किया और उसके बाद जितने मुगल राजा हुए सबने इस कानून का पालन किया Including औरंगजेब ।

फिर दक्षिण भारत में एक राजा था हेदर आली टीपू सुल्तान का बाप । उसने एक कानून बनवाया था कि अगर कोई गाय की हत्या करेगा तो हैदर उसकी गर्दन काट देगा और हैदर अली ने ऐसे #सैकंडो कसाइयों की गर्दन काटी थी जिन्होंने गाय को काटा था फिर हैदर अली का बेटा आया टीपू सुलतान तो उसने इस कानून को थोड़ा हल्का कर दिया तो उसने कानून बना दिया की हाथ काट देना ।
तो टीपू सुलतान के समय में कोई भी अगर गाय काटता था तो उसका हाथ #काट दिया जाता था |

तो ये जब दस्तावेज जब कोर्ट के सामने आए तो राजीव भाई ने जज #साहब से कहा कि आप जरा बताइये अगर इस्लाम में गाय को कत्ल करना धार्मिक अधिकार होता तो बाबर तो कट्टर इस्लामी था 5 वक्त की नमाज पढ़ता था हिमायु और #औरंगजेब तो सबसे ज्यादा कट्टर थे तो इन्होंने क्यों नहीं गाय का कत्ल करवाया ??
क्यों गाय का #कत्ल रोकने के लिए कानून बनवाए ?? क्यों हेदर अली ने कहा कि वो गाय का कत्ल करने वाले का गर्दन काट देगा ??

तो #राजीव भाई ने कोर्ट से कहा कि आप हमे आज्ञा दें तो हम ये कुरान #शरीफ, #हदीस,आदि जितनी भी पुस्तकें हैं हम ये कोर्ट मे पेश करते हैं और कहाँ लिखा है गाय का कत्ल करो ये जानना चाहतें है ।
इस्लाम की कोई भी धार्मिक पुस्तक में नहीं लिखा है कि गाय का कत्ल करो ।

हदीस में तो लिखा हुआ है कि गाय की #रक्षा करो क्यूंकि वो तुम्हारी रक्षा करती है । पैंगबर मुहमद साहब का #Statement है कि गाय अबोल जानवर है इसलिए उस पर दया करो और एक जगह लिखा है गाय का कत्ल करोगे तो नरक में भी जमीन नहीं मिलेगी।

राजीव भाई ने कोर्ट से कहा अगर कुरान ये कहती है मुहम्मद साहब ये कहते हैं हदीस ये कहती है तो फिर ये #गाय का कत्ल करना धार्मिक अधिकार कब से हुआ?? 
पूछो इन कसाईयो से ??
 तो कसाई बोखला गए और राजीव भाई ने कहा अगर मक्का मदीना में भी कोई किताब हो तो ले आओ उठा के ।

अंत में कोर्ट ने उनको 1 महीने का पर्मिशन दिया कि  जाओ और दस्तावेज ढूंढ के लाओ जिसमें लिखा हो गाय का कत्ल करना इस्लाम का मूल अधिकार है । हम मान लेंगे ।
 और एक महीने तक भी कोई #दस्तावेज़ नहीं मिला । कोर्ट ने कहा अब हम ज्यादा समय नहीं दे सकते  और अंत 26 अक्तूबर 2005 Judgement आ गया और आप चाहें तो Judgement की copy www. supremecourtcaselaw . com पर जाकर Download कर सकते हैं ।

यह 66 पन्ने का #Judgement है सुप्रीम कोर्ट ने एक इतिहास बना दिया और उन्होंने कहा कि गाय को काटना संवैधानिक पाप है धार्मिक पाप है और सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गौ रक्षा करना,सर्वंधन करना देश के प्रत्येक नागरिक का संवैधानिक कर्त्तव्य है । सरकार का तो है ही नागरिकों का भी कर्तव्य है ।

अब तक जो संवैधानिक कर्तव्य थे जैसे , संविधान का पालन करना, #राष्ट्रीय ध्वज ,का सम्मान करना, #क्रांतिकारियों का सम्मान करना, देश की एकता, अखंडता को बनाए रखना आदि आदि अब इसमें गौ की रक्षा करना भी जुड़ गया है ।

#सुप्रीम_कोर्ट ने कहा कि भारत के सभी राज्यों की सरकार की जिम्मेदारी है कि वो गाय का कत्ल अपने अपने राज्य में बंद कराये और किसी राज्य में गाय का कत्ल होता है तो उस राज्य के #मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी है #राज्यपाल की जवाबदारी, चीफ सेकेट्री की जिम्मेदारी है, वो अपना काम पूरा नहीं कर रहे है तो ये राज्यों के लिए #संवैधानिक जवाबदारी है और नागरिको के लिए संवैधानिक कर्त्तव्य है ।

ये तो केवल गाय के गोबर और गौ मूत्र की बात की गई । अगर उसके दूध की बात करे तो कितने करोड़ का आंकड़ा पहुँच जायेगा ।

अब कई तथाकथित मीडिया वाले या सेकुलर बोलेंगे कि हम गाय की बात नही करते है हम भैंस आदि #पशु की बात करते हैं तो भैस के गोबर और मूत्र को खेत में डालने से अधिक धान, सब्जी आदि पैदा किये जाते हैं तो उससे गोबर और #मूत्र से भी पैसा कमा सकते हैं और उसके दूध आदि से भी करोड़ो रूपये कमा सकते हैं और एक #भैंस की कीमत 70,000 से 80,000 गिने तो भी उसके मीट, खून, हड्डियां, चमड़ा आदि बेचने से कई अधिक पैसा होता है ।

मीट खाने से कई #बीमारियां भी होती है और उसका दूध पीने से व्यक्ति स्वस्थ रहता है अतः कत्लखाने बन्द करना ही उचित होगा ।

पोक्सो एक्ट के खिलाफ उठ रही है हजारों-लाखों आवाजें...

पोक्सो एक्ट के खिलाफ उठ रही है हजारों-लाखों आवाजें...

16 दिसम्बर 2012 की रात को #दामिनी_कांड के बाद #महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए #बलात्कार निरोधक कानून में सख्त $संशोधन किये गए ।

उनमें से एक है पोक्सो कानून।
जो 14 नवंबर, 2012 से लागू हुआ है। यह कानून 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को हर तरह के #यौन #अपराधों से बचाने के लिए बनाया गया है।
POCSO Misuse #RemoveUnfairPOCSOlaw, swamy

पोक्सो #ऐक्ट (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस) के मामलों की सुनवाई #स्पेशल कोर्ट में होती है जो एक वर्ष के भीतर मामले का निपटारा करेगी । इसमें बच्चों के साथ होने वाले अपराध के लिए #उम्रकैद तक की #सजा हो सकती है।

इस एक्ट के तहत बच्चों को सेक्सुअल असॉल्ट, सेक्सुअल हैरेसमेंट और पोर्नोग्राफी जैसे अपराधों से प्रोटेक्ट किया गया है। इस कानून के तहत अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा तय की गई है । इसमें 18 साल से कम उम्र के बच्चों को गलत तरीके से स्पर्श करने पर भी सजा हो सकती है।

इसमें मामले की रिपोर्टिंग, सबूतों की रिकॉर्डिंग, जांच एवं सुनवाई जैसी तमाम न्यायिक प्रक्रिया को बच्चों के अनुकूल बनाया गया है ।

पोक्सो #कानून अन्य कानूनों से विपरीत है । इसमें पीड़िता ने सच या झूठ जो बयान दे दिया उसी को सच मानकर आरोपी को सजा दी जाती है और आरोपी को ही साबित करना पड़ता है कि मैंने उसके साथ गलत व्यवहार नही किया है । इसमें आरोपी को जमानत पाने का अधिकार नही है ।

इस कानून के बनने के बाद से, बदला लेने की भावना और राष्ट्र विरोधी ताकतों द्वारा देश हितकारी कार्य करने वाली #हस्तियों को फंसाने के लिए 18 साल से कम उम्र की #लड़कियों को मोहरा बनाकर इस कानून का #अंधाधुन दुरूपयोग किया जा रहा है ।

छह जिला अदालतों के रिकॉर्ड से ये बात सामने आई है कि बलात्कार के 70 फीसदी मामलें #अदालतों में साबित ही नहीं हो पाते हैं ।

महिला आयोग और कई न्यायालयों ने बताया है कि निजी स्वार्थ के लिये बदला लेने की भावना से इस कानून का भयंकर दुरूपयोग किया जा रहा है ।

#पोक्सो कानून में संशोधन करने के लिए 24 मार्च को भाजपा नेता डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने राज्य सभा में एक बिल पेश किया है ।

देखें वीडियो

आज #ट्वीटर पर भी जनता ने #RemoveUnfairPOCSOlaw $हैशटैग पर लाखों #ट्वीट करके पोक्सो एक्ट में संशोधन या खत्म करने की माँग की है ।आज दिनभर ये ट्रेंड भारत में टॉप ट्रेंड में बना रहा ।

आइये कुछ ट्वीट्स द्वारा देखते हैं कि क्या कहना चाह रहे हैं यूजर्स...

1. किरण #राजदेव कहती हैं कि  #POCSO Misuse से हो रही तबाही!
बेगुनाह को हो रही जेल!
क्या मोदी जी गलत कानून हटायेंगे? #RemoveUnfairPOCSOlaw

2. सलोना चौधरी कहती हैं कि
अभी नहींं तो कभी नहींं!
 इसलिए #RemoveUnfairPOCSOlaw और करो निर्दोषों के साथ इंसाफ,जो बने POCSO Misuse के शिकार!

3.स्वीटी कहती हैं कि POCSO Misuse से समाज पर भारी संकट,
निर्दोषो के साथ हो रहा अमानवता भरा व्यवहार!
आखिर क्यों ?
#RemoveUnfairPOCSOlaw

4.राकेश आहूजा का कहना है कि Asaram Bapu Ji को 50 साल मानव सेवा के लिए समर्पित करने पर POCSO Misuse द्वारा मिली जेल। #RemoveUnfairPOCSOlaw https://twitter.com/Rakesh_Ahuja_/status/848372693690982400

5.योगेश बजाज कहते हैं कि न सबूत चाहिए , न गवाह - POCSO/Rape law के तहत एक बेबुनियाद आरोप आपको जेल में डालने हेतु पर्याप्त है #RemoveUnfairPOCSOlaw

6.नेहा गुप्ता कहती हैं कि POCSO Misuse in Asaram Bapu Ji's case!
 हिन्दू राष्ट्र में हिन्दू संत पर अत्याचार कब तक ? #RemoveUnfairPOCSOlaw

इस तरह से लाखों ट्वीटस द्वारा जनता ने निर्दोष व्यक्तियों को फंसाने वाले पोक्सो एक्ट को खत्म करने की मांग की । 

बलात्कार कानून की आड़ में आम नागरिक से लेकर सुप्रसिद्ध हस्तियों, संत-महापुरुषों को भी ब्लैकमेल कर झूठे बलात्कार के आरोप में जेल भेजा जा रहा है।

गौरतलब है कि हिन्दू संत आसारामजी बापू को भी पोक्सो एक्ट के तहत ही 43 महीनों से बिना सबूत जोधपुर जेल में बन्द रखा है इस कारण उनके समर्थक भी ट्वीटर ट्रेंड के जरिये कानून में बदलाव और उनकी शीघ्र रिहाई की मांग कर रहे हैं ।

फास्ट ट्रेक में 12 महीनों में ही केस खत्म करने का प्रावधान है लेकिन 43 महीनों से बापू आसारामजी पर आरोप सिद्ध नही हो पाया और उनको जमानत तक नही मिल रही है जबकि कई पोक्सो एक्ट वाले आरोपियों को भी जमानत मिल चुकी है इसलिए भी उनके करोड़ो समर्थकों में काफी रोष है ।

आपको बता दें कि हिन्दू संत #आसारामजी बापू पर जब छेड़छाड़ का आरोप लगा था तब आरोप लगानेवाली #शाहजहाँपुर की लडकी की सहेली ने बताया था कि ‘‘मैंने उससे पूछा कि ‘तूने बापूजी के ऊपर झूठा आरोप क्यों लगाया ? 
तो वह बोली : ‘मेरे से जैसा बुलवाते हैं, वैसा मैं बोलती हूँ । जिसका कवरेज सभी मीडिया चैनल्स ने लिया था ।

इस बात का  स्पष्टीकरण भाजपा नेता डॉ #सुब्रमण्यम स्वामी ने भी किया। स्वामी जी ने बताया कि मैंने आसारामजी बापू का केस पढ़ा । पूरा केस फर्जी है जिस समय लड़की बोल रही है कि मेरे साथ संत आसारामजी बापू ने छेड़खानी की, उस समय तो लड़की अपने किसी #फ्रेंड से बात कर रही थी फोन पर और संत आसारामजी बापू भी एक कार्यक्रम व्यस्त थे ।
देखे वीडियो

#मेडिकल #रिपोर्ट में भी स्पष्ट लिखा है कि लड़की को एक खरोंच भी नहीं आई है और मेडिकल आधार पर बापू आसारामजी को क्लीनचिट भी मिल चुकी है ।


पिछले डेढ साल में रेप के झूठे मामलों की बाढ़ आ गयी है । आज लाखों लोग हैं जो रेप व छेड़छाड़ के झूठे मुकदमों का खामियाजा भुगत रहे हैं ।

दिल्ली के एक फास्ट ट्रैक कोर्ट की #न्यायाधीश निवेदिता शर्मा ने बलात्कार के एक मामले में आरोपी को बरी करते हुए टिप्पणी की कि ‘इन दिनों बलात्कार या #यौन-शोषण के झूठे मुकदमें दर्ज कराने का ट्रेंड बढ़ता जा रहा है, जो चिंताजनक है। इस तरह के चलन को रोकना बेहद जरूरी है।'


#बलात्कार निरोधक कानून की खामियों को दूर करना अत्यंत आवश्यक है । तभी समाज में सामजस्य का वातावरण बन पायेगा, अन्यथा तो एक के बाद एक निर्दोष कानून की चपेट में फंसकर सजा भुगतने के लिए मजबूर होते रहेंगे ।

🚩Official Azaad Bharat Links:👇🏻

Saturday, April 1, 2017

छह साल के बाद स्वामी असीमानंद जी जेल से रिहा, पर मीडिया ने साधी चुप्पी क्यों ???

छह साल के बाद स्वामी असीमानंद जी जेल से रिहा, पर मीडिया ने साधी चुप्पी क्यों ???

स्वामी जी का जेल में बीता समय वापिस कौन लौटा पायेगा ???
swami aseemanand aquited in hydrabad bomb blast case

हैदराबाद की #मक्का_मस्जिद बम विस्फोट में बनाये गये आरोपी स्वामी #असीमानंद जी छह साल से भी ज्यादा समय बाद जमानत पर जेल पर रिहा किए गए। 23 मार्च को मिली जमानत के बाद हैदराबाद की #चंचलगुडा जेल से असीमानंद 31 मार्च को बाहर निकले।

#मेट्रोपॉलिटन सेशन कोर्ट ने स्वामी #असीमानंद को जमानत दी ।

18 मई 2007 को मक्का मस्जिद में हुए विस्फोट में 9 लोग मारे गए थे।

इस घटना में शामिल होने के आरोपों के तहत नवंबर 2010 में स्वामी असीमानंदजी की #गिरफ्तारी हुई थी।

असीमानंद जी अजमेर #बम-ब्लास्ट के मामले में भी फंसे थे लेकिन उनको जयपुर कोर्ट ने उस केस में बरी कर दिया था। इसके बाद मक्का मस्जिद केस में उनको गिरफ्तार कर लिया गया ।

समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट में उनका नाम था लेकिन वहाँ से भी उनको एनआईए ने क्लीनचिट दे दी थी।

आपको बात दें कि गृहमंत्रालय के #गोपनीय #दस्तावेज से भी बड़ा खुलासा हुआ था कि कांग्रेस सरकार के द्वारा #पाकिस्तानी #आतंकवादियों की जगह #हिन्दू #संगठनों के कार्यकर्ता और हिन्दू साधु-संतो को जेल में #षड़यंत्र के तहत डाला गया । 

सोनिया गांधी ने #हिन्दू #संस्कृति नष्ट करने हेतु हिन्दुओं की बदनामी करवाने के लिए उसे "#भगवा_आतंकवाद" नाम दिया था ।

भगवा आतंकवाद का #लक्ष्य पूरा करने के लिए हिन्दू संतो को जेल में डाल दिया गया ।

देखिये वीडियो
 
जॉइंट इंटेलीजेंस कमेटी के पूर्व प्रमुख और पूर्व उपराष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डॉ. एस डी प्रधान ने भी  #मालेगांव और #समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट को लेकर कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं। 

प्रधान ने बताया कि ब्लास्ट होने वाला है वो हमें पहले ही पता चल गया था और हमने #गृह मंत्रालय में भी बता दिया था लेकिन #पी. चिंदबर ने राजनैतिक फायदे के लिए #साध्वी प्रज्ञा, #स्वामी असीमानंद आदि हिन्दू #साधु-संतों को फंसाने के लिए भगवा आतंकवाद नाम देकर उनको जेल भेज दिया था।

स्वामी असीमानंद को अब जमानत तो मिल गई है लेकिन उनको 6 साल से अधिक समय तक जेल में रखा गया, वो उनका कीमती समय क्या कानून लौटा पायेगा ???

मीडिया ने भी उस समय खूब बदनामी की लेकिन जैसे ही उनको कई जगह से निर्दोष बरी किया गया तब मीडिया ने चुप्पी साध ली । जब भी कोई हिन्दू साधु-संत पर आरोप लगता है तो मीडिया उनकी समाज में इतनी बदनामी करती है कि जैसे वो आरोपी नहीं अपराधी हो । पर जब वही संत निर्दोष छूट कर आते हैं तो मीडिया को मानो सांप सूंघ जाता है। 

विचार कीजिये, क्या सिर्फ हिन्दू संतों को बदनाम करने का मीडिया का एजेंडा है..???


कछुवा छाप चलने वाली हमारी न्याय प्रणाली भी मीडिया के प्रभाव में आकर हिन्दू संतों को न्याय नही दे पाती है ।

और न्याय मिल भी जाता है तो इतना देरी से मिलता है कि न्याय नही मिलने के ही बराबर हो जाता है । क्या देरी से न्याय मिलना अन्याय नहीं है ???

गौरतलब है कि अब साध्वी प्रज्ञा, #कर्नल पुरोहित, #बापू #आसारामजी, #श्री #नारायण साईं, #धनंजय देसाई आदि को फंसाने के पीछे कई सबूत मिल चुके हैं। लेकिन उनको भी अभीतक जमानत मिल नही पाई है ।

क्या उनको इसलिये जेल में रखा गया है कि वो कट्टर हिंदुत्ववादी हैं..???

 उन्होंने लाखों हिंदुओं की #घरवापसी करवाई है ।

विदेशी प्रोडक्ट पर रोक लगाई है ।

 विदेशी ताकतों ने मीडिया से सांठ-गांठ कर हिन्दू संतों को बदनाम करवाया । जिसका असर न्यायपालिका के फैसलों पर भी पड़ा ।

अतः विदेशी फंड से चलने वाली मीडिया से भारतीय सावधान रहें ।

अब देखना ये है कि #हिन्दुत्वादी कहलाने वाली #सरकार #कब इन #हिन्दू #संतों को भी #न्याय दिलवाती है..???


कांग्रेस सरकार ने तो षडयंत्र करके हिन्दू सन्तों को जेल भेज दिया था पर अब हिंदुत्ववादी कहलाने वाली #BJP सरकार कैसे हिंदुओं के माप-दण्ड पर खरी उतरती है , ये देखना है ।

कब निर्दोष संतों की जल्द से जल्द सह-सम्मान रिहाई करवाती है उसी पर सभी हिंदुओं की निगाहें टिकी है ।

Friday, March 31, 2017

कानून ही नहीं लोगों की सेहत के लिए भी घातक हैं अवैध बूचड़खाने

कानून ही नहीं लोगों की सेहत के लिए भी घातक हैं अवैध बूचड़खाने

उत्तर प्रदेश में अवैध बूचड़खानों पर चली कटार को लेकर काफी हल्ला हो रहा है। परंतु सेहत के लिए घातक इन बूचड़खानों की हकीकत सदमे में डाल सकती है। बीमार पशुओं के 60 प्रतिशत रोग उसका मांस खाने वालों में फैलने की आशंका रहती है और विशेषज्ञों का मानना है कि, मनुष्यों में #टीबी व रेबीज समेत कई गंभीर बीमारियों का स्रोत ऐसे मांस ही हैं। ऐसे में अवैध बूचड़खानों के बाद लाइसेंसशुदा बूचड़खाने भी संदेह के घेरे में हैं। उनके यहां पशुओं को काटने की पूरी प्रक्रिया की निगरानी करने वाली सरकारी प्रणाली भी ध्वस्त है।
Slaughter Houses

देश के मांस निर्यात में उत्तर प्रदेश की कुल हिस्सेदारी 50 प्रतिशत के आसपास रहती है। पिछले वर्ष सूबे के मीट प्रोसेसिंग केंद्रों ने 17 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार किया है। भैंस का मांस बीफ के तौर पर निर्यात किया जाता है। परंतु समुचित निगरानी के अभाव में #प्रतिबंधित होने के बावजूद गायों की कटाई की सूचनाएं भी बाहर आती रही हैं। भाजपा इस मुद्दे को विधानसभा चुनाव में पूरे जोर शोर से उठाती रही हैं। सत्ता में आते ही निगरानी प्रणाली को चुस्त बनाने पर जोर देना होगा।

#भारतीय पशु चिकित्सा संस्थान के एक वरिष्ठ #वैज्ञानिक ने बताया कि, पशुओं को काटने से पहले स्थानीय निकायों में तैनात पशु चिकित्साधिकारी की जिम्मेदारी पशुओं की पूरी जांच करनी होती है। कटाई के बाद उसके मांस को खाने योग्य घोषित करना होता है। परंतु ढांचागत खामियों के चलते व्यावहारिक रूप में ऐसा होता नहीं है। रोग ग्रसित #पशुओं का मांस खाने वालों को टीबी, #गर्भपात वाले बैक्टीरिया, #फंगस वाले रोग, #सॉलमोनेला व लैप्टोसपिरा जैसे बैक्टीरिया रोगी बना सकते हैं । #रेबीज से प्रभावित पशुओं का मांस खाने वालों में रेबीज पहुंचने की आशंका रहती है।

राज्य सरकार ने जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाले बिना अनुज्ञप्तिपत्र (#लाइसेंस) के अवैध बूचड़खाने बंद कराने के सख्त निर्देश दे रखे है। शहरी क्षेत्रों में बूचड़खानों की निगरानी स्थानीय निकायों की होती है, जहां तैनात पशु चिकित्साधिकारी इसके लिए जिम्मेदार होते हैं। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायतों को यह दायित्व दिया गया है, जहां पशु चिकित्सालय तक में पशु डॉक्टर नहीं हैं।

उत्तर प्रदेश में कुल 285 अनुज्ञप्तिपत्र वाले बूचड़खाने चल रहे हैं। पशुओं को काटने के मामले में उत्तर प्रदेश देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। जबकि महाराष्ट्र पहले स्थान पर है, जहां 316 #बूचड़खाने हैं। #उत्तर प्रदेश के लगभग तीन दर्जन बूचड़खाने केंद्र से मान्यता प्राप्त हैं। इनमें अलीगढ़ में सात, गाजियाबाद में पांच, उन्नाव में चार, #मेरठ में तीन और सहारनपुर में दो हैं। इसके अतिरिक्त बाराबंकी, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, गौतमबुद्ध नगर, हापुड़, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, झांसी और लखनऊ में एक-एक हैं।

अवैध बूचड़खाने तो किसी भी जांच की परिधि में होते ही नहीं हैं। लिहाजा उनके मांस को खाना जोखिम को मोल लेने के बराबर है। राज्य की पिछली सरकारों में इन पर पाबंदी नहीं होने अथवा सख्ती के अभाव में ‘सब चलता है’ की तर्ज होता रहा है। इसी पर पाबंदी लगाने की अपनी चुनावी घोषणा को लागू करने उतरी राज्य की योगी सरकार को बहुत कुछ करने की आवश्यकता है।


मांसाहार तथा शराब सेवन ना करें – सत्यपाल सिंह

लोकसभा में भाजपा सांसद #सत्यपाल सिंह ने कहा कि, मन पर अन्न का प्रभाव होने की बात शास्त्रों में भी कही गयी है और इसलिए हमें मांसाहार से तथा शराब सेवन से बचना चाहिए। उन्होने सदन में मानसिक स्वास्थ्य देखरेख विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि, यदि #मनुष्य मन पर नियंत्रण कर ले तो सबकुछ संभव है। मन पर अन्न का प्रभाव होता है और इसलिए कहा जाता है कि ‘जैसा खाओगे अन्न, वैसा रहेगा मन !’ सिंह ने कहा कि, इसलिए हमें मांसाहार से बचना चाहिए। इसके लिए मैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री (योगी #आदित्यनाथ) को बधाई देता हूँ । उन्होंने अवैध बूचड़खानों को तो बंद कर दिया। यह मन स्वस्थ होने की दिशा में कारगर होगा !’’

पूर्व पुलिस #अधिकारी सिंह ने कहा कि, शराब सेवन से भी बचना चाहिए। कांग्रेस के इतिहास से संबंधित एक किताब के पहले अध्याय में उल्लेख है कि, #ब्रिटिश काल में #कांग्रेस के संस्थापक ए ओ ह्यूम ने ब्रिटिश सरकार को पत्र लिखकर कहा था कि, सरकार आबकारी पर एक रुपया कमाती है परंतु उससे निपटने में दो रुपए खर्च करने पड़ते हैं।

सिंह ने कहा कि, सरकार को #शराब और साइकोट्रोपिक #ड्रग्स के नियंत्रण पर भी ध्यान देना चाहिए। 


देश भर में #गाेहत्या पर लगे रोक, मीट खाना बंद करें मुस्लिम : आजम खान

उत्तर प्रदेश मे अवैध बूचड़खानों पर योगी सरकार की कार्रवाई पर समाजवादी पार्टी (सपा) के #वरिष्ठ नेता #आजम_खान ने सोमवार को देश भर में गायों सहित अन्य जानवरों के काटे जाने पर रोक लगाने की मांग की । सपा नेता ने मुस्लिम समुदाय को मीट न खाने की सलाह भी दी है ।

देश में #कानूनों में समानता पर बल देते हुए खान ने कहा, ‘देश भर में गायों के काटे जाने पर प्रतिबंध होना चाहिए । ऐसा क्यों है कि, यह केरल और #पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में कानूनी है और अन्य राज्यों में गैर-कानूनी है ।’

राज्य में वैध बूचड़खानों के चलने की अनुमति दिए जाने पर उत्तर प्रदेश सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए खान ने कहा, ‘इसका अर्थ यह है कि, यदि जानवर वैध #कसाईखानों में काटे जाते हैं तो यह ठीक है परंतु यही जानवर यदि अवैध बूचड़खानों में काटे जाते हैं तो यह गलत है ।’

खान ने कहा, ‘यह वैध, #अवैध की चीजें बंद होनी चाहिए । सभी बूचड़खाने बंद होने चाहिए । किसी भी जानवर को नहीं काटा जाना चाहिए ।’ खान ने जैन समुदाय का हवाला भी दिया जो चिकन और बकरे के काटे जाने की भी मनाही करता है । सपा नेता मुस्लिमों को मीट न खाने की सलाह भी दी है । खान ने कहा, ‘#इस्लाम में मीट खाना अनिवार्य नहीं किया गया है । #उलेमाओं को लोगों से अपील करनी चाहिए कि वे मीट न खाएं ।’

अब उत्तर प्रदेश की तरह हर जहग अवैध बूचड़खानों पर तो #प्रतिबन्ध लगना ही चाहिए साथ-साथ में वैध #बूचड़खानों को भी बन्द कर देना चाहिए मांस खाना छोड़कर केवल शाकाहार ही अपनाना चाहिए ।

कई लोग तर्क देते है #मांस में प्रोटीन होता है उन पढ़े लिखे अनजान मूर्खो को पता नही है कि दूध, आँवला आदि में जितना प्रोटीन और विटामिनस् हैं उससे चौथाई भी मांस में नही होता है पहले हमारे वीर #शिवाजी, #महाराणा प्रताप, भगत सिंह, चन्द्र शेखर आजाद कहाँ मांस खाते थे फिर भी शत्रुओं को धूल चटा देते थे ।

अतः #मांसाहार छोड़ो #शाकाहार अपनावो ।

जय हिंद

Thursday, March 30, 2017

अमेरिका में हिंदू धर्म को गलत दिखाने पर हजारों भारतीयों का विरोध प्रदर्शन

अमेरिका में हिंदू धर्म को गलत दिखाने पर हजारों भारतीयों का विरोध प्रदर्शन 

30 मार्च 2017

हिन्दू संस्कृति सनातन संस्कृति है, मुस्लिम की स्थापना 1450 साल पहले पैंगबर ने की , ईसाई धर्म की स्थापना भी 2017 साल पहले यीशु ने की थी लेकिन हिन्दू धर्म की स्थापना किसी ने नहीं की बल्कि ये सनातन धर्म है,अनादि है । जिसमें भगवान श्री राम और भगवान श्री कृष्ण आदि कई भगवान एवं ऋषि-मुनियों ने अवतार लिया है ।
sanatan sanskriti is the best culture in world 

इस सनातन संस्कृति को तोड़ने के लिए आसुरी स्वभाव के लोग पुरजोर कोशिश कर रहे हैं ।

इसका ताजा उदाहरण है अमेरिका में सीएनएन न्यूज ने हिन्दू संस्कृति विरोध में एक कार्यक्रम दिखाया है ।


शिकागो स्थित अमेरिकी न्‍यूज चैनल #सीएनएन (#CNN) ऑफिस के बाहर कल हजारों की संख्‍या में भारतीय-अमेरिकी मौजूद थे । वे सभी इस चैनल के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन कर रहे थे । सीएनएन ने पिछले दिनों एक डॉक्‍यूमेंट्री टेलीकास्‍ट की थी जिसमें उसने हिंदू धर्म को नकारात्‍मक रुप से दिखाया था।

अब तक का सबसे बडा प्रदर्शन..

सीएनएन के विरुद्ध हो रहे विरोध-प्रदर्शन में एक रैली भी निकाली गई जिसमें हजारों की संख्‍या में #भारतीय-अमेरिकी शामिल हुए। ये भारतीय बारिश की परवाह न करते हुए भी इस रैली का हिस्‍सा बने । विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण रुप से हुआ। प्रदर्शन में शामिल भरत बराई का आरोप था कि सीएनएन के स्‍पेशल रिपोर्टर रजा असलान ने एक डॉक्‍यूमेंट्री में पांच अघोरी बाबाओं और उनकी पूजा को दिखाया था। बराई शिकोगा में बसे एक प्रभावशाली भारतीय-अमेरिकी हैं। बराई ने कहा कि रजा ने इसी तस्‍वीर को पूरी दुनिया में हिंदू धर्म के तौर पर दिखाया। यह बात #विरोध #प्रदर्शन से जुड़े एक पर्चे में भी लिखी थी जिसे इस मौके पर लोगों के बीच बांटा गया था।

बराई ने कहा, ‘पांच #अघोरी #बाबाओं का जो विकृत चित्रण किया गया है उसका हिंदू धर्म से कोई लेना नहीं है। वे हिंदू #धर्मग्रंथ या फिर इसमें सिखाई गई बातों का हिस्‍सा नहीं हैं।’ पांच मार्च को #डॉक्‍यूमेंट्री के #टेलीकास्‍ट होने के बाद से अमेरिका में फैले कई हिंदू संगठन अलग-अलग तरीकों से सीएनएन के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। अमेरिका #न्‍यूयॉर्क, #वॉशिंगटन, ह्यूस्‍टन, अटलांटा, सैन फ्रांसिस्‍को और लॉस एंजिल्‍स में प्रदर्शन जारी हैं। यह अभी तक का सबसे बड़ा प्रदर्शन बन गया है।

एक और #भारतीय-अमेरिकी वामसी जुलूरी ने सीएनएस के उस शो को अविचारी, नस्‍लभेदी और खतरनाक तौर पर अप्रवासियों के विरुद्ध बताया है। उन्‍होंने शो की कई खामियों का उल्लेख किया और कहा, ‘यह काफी दुख की बात है कि, #अमेरिका में पिछले कई दशकों से कई अप्रवासी बसे हैं और एक सीएनएन जैसे बड़े न्‍यूज चैनल में जब भारत का उल्लेख होता है तो कुछ भी बेहतर नहीं दिखा सकते हैं।’

चंद्रशेखर वाग जो कि इस प्रदर्शन में शामिल हैं, उन्‍होंने कहा कि, ऐसा लगता है कि #रजा, भारत केवल इसलिए गए थे ताकि वह अपनी एक तरफा कल्‍पनाओं को सच साबित कर सकें।


अमेरिकी हिंदू #सांसद तुलसी गबार्ड ने CNN को लगाई फटकार..

#अमेरिकी कांग्रेस की पहली और एकमात्र #हिंदू #सदस्य तुलसी गबार्ड ने #हिंदू धर्म को लेकर ‘सनसनीखेज और गलत’ रिपोर्टिंग को लेकर मशहूर समाचार चैनल सीएनएन की आलोचना की है। हवाई से डेमोक्रेटिक पार्टी की कांग्रेस सदस्य तुलसी ने #फेसबुक पर लिखा, ‘‘रविवार को सीएनएन ने ‘बिलीवर’ :आस्तिक: नामक श्रृंखला का पहला भाग प्रसारित किया। ऐसा लगता है कि इस भाग के लिए एंकर रजा असलान ने हिंदू धर्म के बारे में बताने के लिए सनसनीखेज और बेतुके रुप तलाशने की कोशिश की।’’

इस कार्यक्रम में #अघोरी के बारे में तथ्यों और मान्यताओं के बारे में दिखाया गया। #तुलसी ने आरोप लगाया, ‘‘असलान और सीएनएन ने हैरान करनेवाले दृश्यों के माध्यम से न केवल तपस्वियों के एक पंथ को गलत ढंग से दिखाने की कोशिश की, बल्कि जाति, कर्म और पुनर्जन्म के बारे में गलत धारणाओं को बार बार दोहराया जिनसे हिंदू धर्म के लोग खुद लड़ते आए हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सीएनएन जानता है कि #धर्मों के बारे में #सनसनीखेज और गलत रिपोर्टिंग से केवल अज्ञानता को बढ़ावा मिलता है जिसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।’’

कुछ समय पहले #अमेरिकी #न्यूज चैनल सीएनएन ने काशी को ‘#मुर्दों का शहर’ बताया। सीएनएन ने अपने नए शो ‘बिलिवर’ का टीजर अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट किया है। इस टीजर में #चैनल ने काशी को ‘मुर्दो का शहर’ बताते हुए इस शो के बारे में बताया था। इस छह हिस्सों की सीरिज को धार्मिक स्कॉलर और आध्यात्मिक जिज्ञासु रेजा असलान होस्ट करेंगे। लेकिन सीएनएन के लिए यह ट्वीट गलत दाव पड़ गया। #सीएनएन के इस ट्वीट के विरुद्ध भारतीय समेत दुनिया भर के हिंदू भड़क गए है। तुलसी गबार्ड के अलावा रिपब्लिकन पार्टी जुड़े हिंदुओं ने भी इसका विरोध किया है।


सीएनएन’ समाचार चैनल के विरोध में हस्ताक्षर अभियान..

न्यूयॉर्क : 12 मार्च को अमेरिका की  सीएनएन पर ‘#बिलिव्हर विथ रेजा #अस्लम’ नामक कार्यक्रम का प्रसारण हुआ था । धर्मांध रेजा अस्लम इस कार्यक्रम का प्रमुख सूत्रसंचालक है।  

सीएनएन समाचार वाहिनी से इस कार्यक्रम का प्रसारण न हो, इसलिए इस #समाचार वाहिनी को आग्रह के रूप में #हिन्दू #महासभा, अमेरिका इस संगठन की ओर से #ऑनलाईन हस्ताक्षर अभियान का प्रारंभ किया गया है। 

इस अभियान के समर्थन में लिखे गए #पत्र में इसका उल्लेख किया गया है कि, ‘पाश्‍चात्त्य देशों में धर्म की जो व्याख्या प्रचलित है, उन मापदंडों के अनुसार ‘#हिन्दू धर्म’ है ही नहीं ! हिन्दू धर्म में निहित ‘अध्यात्म’ सर्वव्यापी है तथा उसमें स्थूल एवं सूक्ष्म जगत का ज्ञान उपलब्ध है। हिन्दू धर्म का पालन करनेवालों को साधना की संपूर्ण स्वतंत्रता है तथा केवल किसी एक धर्मग्रंथ में जो विशद किया गया है, केवल उसका ही पालन करने का कोई बंधन नहीं है। इस धर्म में कोई भी #कानून, आदेश (कमांडमेंट), फतवा इनका अस्तित्व ही नहीं है। जिस देश में रहते हो उस देश के कानून का पालन करना पड़ता है। हिन्दू धर्म में धर्मांतरण की तो कोई मान्यता ही नहीं है; क्योंकि वह उस परिप्रेक्ष्य में धर्म ही नहीं है। अतः #₹सीएनएन समाचार वाहिनी उपर्युक्त कार्यक्रम के माध्यम से होनेवाले हिन्दू धर्म के अनादर को टालने हेतु इस कार्यक्रम को ही निरस्त करें, ऐसा अनुरोध किया जाता है !’

हस्ताक्षर अभियान निम्न लिंकपर उपलब्ध है तथा उसपर #धर्माभिमानी अपने #हस्ताक्षर कर रहे हैं . . .  goo.gl/M22sMq  (इस लिंक में कुछ अक्षर कैपिटल हैं, इसे ध्यान में लें ।



सीएनएन के कार्यक्रम का #भारतीयों ने किया विरोध

वॉशिंग्टन : #हिंदुत्व का नकारात्मक चित्रण करनेवाला कार्यक्रम दिखाने को लेकर भारतीय मूल के अमेरिकियों ने सीएनएन की आलोचना की है। ‘#बिलीवर विद रेजा अस्लान’ शीर्षक से छह कड़ियोंवाली #धार्मिक #श्रृंखला का रविवार को प्रीमियर हुआ था। इसमें अघोरी से जुड़े तथ्यों एवं मिथकों के बारे में बताया गया है।

जाने-माने भारतवंशी और #अमेरिकी #राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रबल समर्थक शलभ कुमार ने इसे हिंदुत्व पर घटिया हमला बताया है। एक ट्वीट में उन्होंने कहा, बड़ी संख्या में #हिंदू अमेरिकियों ने #ट्रंप का समर्थन किया था, इसलिए हिंदुत्व पर हमला किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि मैं परिकल्पना पर आधारित कार्यक्रम को प्रसारित करने के लिए रेजा अस्लान और #सीएनएन की निंदा करता हूं। यह हिंदुओं पर घटिया हमला है। कुमार रिपब्लिकन हिंदू कोलिशन के संस्थापक भी हैं।

साल 2004 में कैलिफोर्निया की पुस्तकों से हिंदुत्व के गलत चित्रण को हटाने के लिए प्रयास शुरू करनेवाले समूह के नेता खांडेराव कंद ने कहा कि ऐसे वक्त में जब अल्पसंख्यकों पर असहिष्णु हमले हो रहे हैं, इस कार्यक्रम से घृणा अपराध और बढ़ सकते हैं। #यूएस इंडिया #पॅालिटिकल एक्शन कमिटी और अमेरिकन हिंदु अगेंस्ट डेफमेशन जैसे संगठनों ने भी कार्यक्रम का प्रसारण रोकने की मांग की है !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

#हिन्दू #संस्कृति के कारण ही दुनिया में सुख-शांति है लेकिन कुछ मीडिया, ईसाई मिशनरियां, कुछ #मुस्लिम नेता नही चाहते है कि दुनिया में सुख शांति रहे इसलिए वो हिन्दू संस्कृति को तोड़ने का पुरजोर काम कर रहें है।
अतः हिन्दुस्तानी सावधान रहें ।