कांग्रेस का हाथ अपराधियों के साथ? बचाने के लिए सोनिया गांधी ने लिखी थी चिट्ठी- रिपोर्ट
November 12, 2017
देश में हर पार्टी अपने चहेते #पत्रकार रखती है, फिर चाहे वो कितने ही #देश #विरोधी क्यों न हो लेकिन #सरकार उनको #बचाने के लिए भरपूर #प्रयास करती है।
ऐसे ही कांग्रेस सरकार की तरफ से एक घटना सामने आई है, जो तहलका हमेशा विवादित खबरों में रहा हो, #झूठी #खबरें छापकर देश की नंबर एक #मैगजीन बता रहा हो उन्हीं को बचाने के लिए #सोनिया गांधी ने भरपूर प्रयास किये हैं ।
तहलका पर अटल बिहारी वाजपेयी ने जांच के आदेश दिए थे लेकिन 2004 में कांग्रेस सरकार बनते ही 4 महीने में तहलका की जांच रोकने का आदेश दे दिया गया ।
तहलका केस में खुलासा हुआ है कि, यौन शोषण के #आरोपी #तरुण तेजपाल को राहत देने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उस समय वित्त मंत्री रहे #पी. चिदंबरम को #पत्र लिखा था ।
जी न्यूज के अनुसार उनके हाथ एक पत्र लगा है जिसके द्वारा यह बात कही जा रही है कि, वर्ष 2004 में चिदंबरम को #सोनिया गांधी ने पत्र लिखकर तहलका न्यूज पोर्टल के #फाइनैंशियल #प्राइवेट फर्म फर्स्ट ग्लोबल के #विरोध में #जांच को #रुकवाने के #निर्देश दिए थे । इस पत्र के 6 दिनों के बाद फर्स्ट ग्लोबल पर चल रही जांच को हटा लिया गया था । रिपोर्ट के अनुसार 2004 में सत्ता में आने के बाद सोनिया गांधी ने प्रवर्तन निदेशालय को मिलने के लिए बुलाया था ।
सोनिया ने चिंदबरम को निर्देश दिए थे कि, तहलका मामले को सुलझाने को प्राथमिकता दी जाए ताकि यह सनुश्चित किया जा सके कि इस केस में किसी भी प्रकार का अनुचित या गैरकानूनी कार्य नहीं किया गया है ।
सोनिया गांधी के पत्र लिखने के चार दिन बाद #यूपीए सरकार ने ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स का गठन किया था और 2 दिन बाद फर्स्ट #गलोबल पर चल रही #जांच को #हटा लिया गया था । वहीं इस मामले के सामने आने के बाद अपनी प्रतिक्रिया देते हुए चिदंबरम ने कहा कि, मैंने इस पत्र पर ज्यादा ध्यान दिया था जो कि, बिलकुल सही था, क्योंकि यह मेरे मंत्रालय के कार्य का हिस्सा रहा होगा तभी मैंने पत्र का जवाब दिया होगा ।
अब देश की जनता का ये प्रश्न है कि देश के सामने इतनी #बडी-बडी #समस्या होते हुए भी कांग्रेस अध्यक्ष #सोनिया गांधी को तहलका केस में इतनी #दिलचस्पी क्यों थी ?
यौन शोषण के आरोपी होने के बावजूद सोनिया गांधी ने तरुण तेजपाल का जो बचाव किया है उससे आम जनता के मन में प्रश्न उत्पन्न हो सकता है कि, क्या कांग्रेस का हाथ अपराधियों के साथ है ?
आजतक कांग्रेस ने न केवल हिन्दुआें का विश्वास तोड़ा है, बल्कि वह आम जनता का भी विश्वास तोड़ रही है यही इस घटना से सामने आता है ।
एक तरफ तो सोनिया गांधी हिन्दू आतंकवाद सिद्ध करने के लिए हिंदुत्वनिष्ठों एवं हिन्दू साधु-संतों पर झूठा इल्जाम लगाकर जेल भेज रही थी, दूसरी ओर जो भी ईसाई धर्मान्तरण को रोक रहे थे उनके साथ भी यही हो रहा था उनके खिलाफ भी मीडिया ट्रायल चलाकर झूठे आरोप लगाकर जेल में बंद कर दिया गया या उनकी हत्या करवा दी गई । इससे साबित होता है कि हिन्दुत्व को खत्म करने की साजिश भी सोनिया गांधी द्वारा रची जा रही थी ।
सुब्रमयम स्वामी के अनुसार वेटिकन सिटी के इशारे पर सोनिया गांधी काम कर रही थी इसलिए उसने शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती, साध्वी प्रज्ञा, स्वामी असीमानंद, शंकराचार्य अमृतानन्द, संत आशारामजी बापू आदि आदि हिन्दू #साधु- संतों पर #झूठे #इल्जाम लगाकर जेल भिजवाया था।
उस समय इन हिंदुत्वनिष्ठों को बदनाम करने के लिए #झूठी-झूठी #कहानियां बनकर मीडिया ने दिन-रात प्रयास किया, उनकी अच्छाई नही दिखाकर उनको सिर्फ बदनाम किया गया ताकि आम जनता के मन में #हिन्दू #संतों की छवि #धूमिल हो जाये लेकिन कांग्रेस सरकार जाते ही सच बाहर आने लगे और उनकी पोल पट्टी खुलने लगी और तत्कालीन सरकार की #साजिश को जनता समझने लगी ।
देश की मीडिया आज पैसे और टीआरपी के लिए इतनी निर्लज्जता और स्वतंत्रता की हदें पार कर चुकी है कि हर खबर को अपने फायदे के लिए तोड़-मरोड़ करके दिखाना इसका पेशा हो गया है, आज जनता जाग रही है और मीडिया पर अंकुश लगाने के लिए आवाज उठा रही है पर जब तक सरकार उनके साथ होगी, नेता उनको मदद करेगे तब तक मीडिया देश के लिए घातक ही बनी रहेगी ।
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