Thursday, November 9, 2017

सुनंदा पी.तँवर: बापू आशारामजी मेरे देश में होते तो नोबेल प्राइज विनर होते

November 9, 2017    www.azaadbharat.org

🚩लंदन (यू.के.)की प्रसिद्ध #फ्रीलैंसर पत्रकार एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता #सुनंदा पी.तँवर ने भारत सरकार को एक पत्र लिखा है, पत्र में बापू #आशारामजी #पर हो रहे #अत्याचार के खिलाफ लिखा है ।

🚩सुनंदा ने लिखा है कि पिछले 50 वर्षों में संत आशारामजी बापू ने मानवता के हित के लिए जितने कार्य किये हैं, वे अतुलनीय हैं ।

🚩मैं भारतीय मूल की एक ब्रिटिश महिला हूँ । इस समय मैं लंदन में रहती हूँ । कुछ वर्ष पहले तक मैं हृदय से पूरी तरह भारतीय थी तथा अभी तक भारत को ही अपना देश मानती थी किंतु अब... ? संत आशारामजी बापू जैसे संतों पर इतने अमानवीय अत्याचार होने पर भी भारतीय समाज का ‘मुर्दे’ की तरह खामोश रहकर अत्याचारियों का उत्साहवर्धन करना - ऐसा विश्व में मैंने तो कहीं नहीं देखा ।
Sunanda P. Tanwar: If Bapu Asharamji was in my country, then Nobel prize winner

🚩आज मैं सभी भारतवासियों से कहना चाहती हूँ कि यदि संत आशारामजी बापू ने मेरे देश (इंग्लैंड) में जन्म लिया होता तो हम उन्हें अब तक ‘नोबेल पुरस्कार’ सहित विश्व के सभी बड़े पुरस्कारों से नवाज चुके होते । हमारे देश में व्यक्ति के काम का सम्मान होता है । पाकिस्तानी लड़की मलाला का नाम हमने ही नोबेल पुरस्कार के लिए भिजवाया था ।

🚩आज कहाँ गये भारत के बड़े-बड़े बुद्धिजीवी, साहित्यकार, राजनेता, हिन्दुत्ववादी पार्टियाँ और निष्पक्ष #न्यायप्रणाली ? मानो सब #मौन रहकर #अत्याचारियों का #समर्थन कर रहे हैं । 

🚩कहाँ गयी भारत की जागरूक जनता व मानवाधिकार आयोग ? 
पिछले 4 वर्षों से एक महान हिन्दू संत पर अमानवीय अत्याचार हो रहे हैं और सब खामोश हैं, जैसे सब मुर्दा हैं । मुझे भी अब अपने आपको एक भारतीय कहने में शर्म का एहसास हो रहा है, मैं आज से एक ब्रिटिश नागरिक हूँ ।

🚩सुनंदा पहले भी कई बार संत आशारामजी बापू के साथ हो रहे अन्याय पर पत्र लिख चुकी है।

🚩पहले एक पत्र में लिखा है कि वेटिकन की ईसाई मिशनरियों का उद्देश्य, भारत का ‘ईसाईकरण’ है । इसीलिए #भारतीय संस्कृति व #सनातन धर्म का #झंडा #बुलंद करने वाले संत आशाराम जी बापू तो उनके जन्मजात दुश्मन बने हुए हैं, अत: उन्हें हटाने के लिए ही वो भारत की ‘देशद्रोही व निर्लज्ज’ मीडिया को अपनी अकूट दौलत के बल पर आज ‘जयचंद’ बना रहे हैं ।

🚩गौरतलब है कि हिन्दू संत आशारामजी बापू 4 साल से अधिक समय से #बिना #सबूत जोधपुर जेल में बंद है, उन पर अभी तक एक भी #आरोप #सिद्ध #नही हुआ है उनका स्वास्थ्य भी ठीक नही रहता है उनकी उम्र भी 81 साल हो गई है, फिर भी उनको जमानत तक नही मिल दी गई है उसके लिए कई हिन्दू संगठन भी आवाज उठा चुके है अनेक शांतिपूर्ण धरने दिए, सोशल मीडिया पर भी आवाज उठाई, #राष्ट्रपति एवं #प्रधानमंत्री के नाम पर #ज्ञापन भी दिये गए लेकिन अभी तक कोई #राहत #नही मिली है।

🚩आपको बता दें कि भारत के दिग्गज नेता डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी भी केस लड़ चुके हैं और उन्होंने स्पष्ट कहा है कि मैंने #आशारामजी बापू का #केस पढ़ा है पूरा #फेक है, #कॉल डिटेल्स से पता चलता है कि जिस समय लड़की ने #छेड़छाड़ी का #आरोप लगाया है उस समय तो वो वहाँ थी ही नही, उस समय तो वो अपने मित्र से बातें कर रही थी, और आशारामजी बापू सगाई कार्यक्रम में थे उसके प्रमाण भी है, #मेडिकल में भी #क्लीनचिट मिल चुकी है ।

🚩स्वामी जी ने कहा है कि #आशारामजी बापू पर #झूठा केस इसलिए हुआ है कि उन्होंने लाखों #हिन्दुओं की #घरवापसी करवाई, #धर्मान्तरण पर #रोक लगाई इसलिए #वेटिकन सिटी में #नाराजगी आई और #सोनिया गांधी से मिलकर #झूठा केस बनाकर #जेल #भिजवाया गया है।

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